झारखण्ड में कृषि एवं पशुपालन (Agriculture and Animal Husbandry in Jharkhand)

झारखण्ड में कृषि एवं पशुपालन (Agriculture and Animal Husbandry in Jharkhand)
झारखण्ड में कृषि एवं पशुपालन (Agriculture and Animal Husbandry in Jharkhand)
झारखण्ड में कृषि एवं पशुपालन झारखण्ड राज्य की आजीविका का प्रमुख स्रोत कृषि एवं पशुपालन है। राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि को महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। झारखण्ड में स्थानीय कृषि का नाम खल्लु कृषि है । झारखण्ड का 19% क्षेत्र शुद्ध कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत आता है अर्थात् यहाँ की कुल भूमि के मात्र 23% भाग पर कृषि कार्य का जाता है। चावल यहाँ की प्रमुख फसल है, जिसका मुख्य क्षेत्र घाटी में अवस्थित है। यहाँ पहाड़ी ढालों को काटकर सीढ़ीनुमा खेत बनाकर चावल का उत्पादन किया जाता है। राज्य के ऊँचे भागों में मडुआ, सावाँ, कुल्थी आदि का उत्पादन होता है । कृषि भूमि झारखण्ड की कृषि योग्य भूमि को निम्न दो भागों में बाँटा गया है दोन भूमि राज्य में भूमि के निचले भाग को दोन भूमि कहा जाता है। दोन भूमि उर्वरता तथा जल संग्रहण की क्षमता में उपयुक्त मानी जाती है। दोन भूमि पर कम समय में तैयार होने वाले धान तथा मोटे अनाज (गोड़ा) की खेती की जाती है । टाण्ड भूमि राज्य में उच्च भूमि को टाण्ड कहा जाता है, जिस पर कुओं की सहायता से सिंचाई कर दलहन, तिलहन, सब्जियों आदि का उत्पादन किया जाता है। फसलों के प्रकार झारखण्ड में मुख्…