Class 11th & 12th 2. पत्रकारिता के विविध आयाम

Class 11th & 12th 2. पत्रकारिता के विविध आयाम
Class 11th & 12th 2. पत्रकारिता के विविध आयाम

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1: किसी भी दैनिक अखबार में राजनीतिक खबरें ज्यादा स्थान क्यों घेरती हैं? इस पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर – जनसंचार के विभिन्न माध्यमों के प्रचार-प्रसार के कारण लोगों में राजनीति के प्रति रुझान बढ़ा है। राजनीति के प्रति वे जिज्ञासु हुए हैं। देश की राजनीति का संबंध आम लोगों के जीवन के इर्द-गिर्द घूमता है। वे सरकार के काम-काज के तौर-तरीकों तथा राजनीति में हो रही हलचल को जानना चाहते हैं। समाचार-पत्र लोगों की इस रुचि को ध्यान में रखकर इन खबरों को प्रमुखता से छापते हैं। ऐसे में राजनीतिक खबरों का दैनिक अखबारों में स्थान घेरना स्वाभाविक है।

प्रश्न 2: किन्हीं तीन हिंदी समाचार-पत्रों (एक ही तारीख के) को ध्यान से पढ़िए और बताइए कि एक आम आदमी की जिंदगी में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली खबरें समाचार-पत्रों में कहाँ और कितना स्थान पाती हैं?

उत्तर – मैंने 19 सितंबर 2014 को तीन समाचार-पत्रों-‘नवभारत टाइम्स’, ‘दैनिक जागरण’ तथा ‘पंजाब केसरी’ पढ़े। इन अखबारों में एक आम आदमी की जिंदगी में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान पाने वाली खबरें पहले दो पृष्ठों के बाद-तीसरे, चौथे और पाँचवें पृष्ठों पर है। इनके स्थान के बारे में अंतर अवश्य है। दैनिक जागरण ने इन खबरों को अधिक स्थान दिया है।

प्रश्न 3: निम्न में से किसे आप समाचार कहना पसंद नहीं करेंगे और क्यों?

(क) प्रेरक और उत्तेजित कर देने वाली हर सूचना

(ख) किसी घटना की रिपोर्ट

(ग) समय पर दी जाने वाली हर सूचना

(घ) सहकर्मियों का आपसी कुशलक्षेम या किसी मित्र की शादी

उत्तर – प्रश्न में दी गई प्रथम तीन सूचनाओं को मैं समाचार कहना पसंद करूंगा, चौथी अर्थात् (घ) सूचना को समाचार नहीं कहूँगा, क्योंकि ‘सहकर्मियों का आपसी कुशलक्षेम या मित्र की शादी’ जैसी सूचना का संबंध दो-चार या थोड़े-से लोगों से नहीं है। यह एक निजी मामला है, जिनमें जन-साधारण की कोई रुचि नहीं होती।

प्रश्न 4: आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि खबरों को बनाते समय जनता की रुचि का ध्यान रखा जाता है। इसके विपरीत, जनता की रुचि बनाने-बिगाड़ने में खबरों का क्या योगदान होता है? विचार करें।

उत्तर – प्राय: समाचार-पत्र खबरों को बनाने एवं छापने में जनता की रुचि का ध्यान रखते हैं, पर इसके विपरीत यह भी सही है कि खबरें जनता की रुचि बनाने, बिगाड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करती है। वास्तव में देखने की बात तो यह है कि खबरों को किस तरह और किस रूप में प्रस्तुत किया जाता है। आज खेल और फ़िल्मी खबरों को इतना महत्व दिया जाने लगा है कि युवा वर्ग आम लोगों के जीवन से जुड़ी खबरों की उपेक्षा करने लगा है।

प्रश्न 5: निम्न पंक्तियों की व्याख्या करें :

(क) इस दौर में समाचार मीडिया बाजार को हड़पने के लिए अधिकाधिक लोगों का मनोरंजन तो कर रहा है, लेकिन जनता के मूल सरोकार को दरकिनार करता जा रहा है।

(ख) समाचार मीडिया के प्रबंधक बहुत समय तक इस तथ्य की उपक्षा नहीं कर सकते कि साख और प्रभाव समाचार मीडिया की सबसे बड़ी ताकत होती हैं।

उत्तर –

(क) ‘जनता के मूल सरोकार को दरकिनार करता जा रहा है’-अंतिम पंक्ति से ही स्पष्ट है कि मीडिया की कार्य-प्रणाली पर असंतोध प्रकट किया गया है। वर्तमान में मीडिया लाभ कमाने और बाजार को हड़पने के लिए अधिक चिंतित दिखाई दे रहा है। वह अमीरवर्ग और अधिक क्रय-शक्ति वालों की खबरों को प्रमुखता से छापता है तथा सामान्य लोगों के हितों को बढ़ावा देने वाली और जन-साधारण के जन-जीवन की खबरों की उपेक्षा कर इस वर्ग के लोगों के हितों की परवाह नहीं करता।

(ख) समाचार मीडिया के प्रबंधकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे मीडिया के प्रभाव और उसकी साख को गिरने न दें। मीडिया का लोगों पर प्रभाव और लोगों के बीच बनी साख ही उसकी ताकत है। साख और प्रभाव खो देने के बाद मीडिया का लोगों पर बना असर धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा। ऐसे में मीडिया प्रबंधकों क#2379; मीडिया की साख और प्रभाव की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1: पत्रकारिता का मूल तत्व क्या है?

उत्तर – पत्रकारिता का मूल तत्व जिज्ञासा है।

प्रश्न 2: मनुष्य सूचनाएँ क्यों जानना चाहता है?

उत्तर – मनुष्य सूचनाएँ इसलिए जानना चाहता है ताकि वह भविष्य को योजनाएँ बना सके। सूचनाएँ उसके दैनिक जीवन को भी प्रभावित करती हैं।

प्रश्न 3: समाचार प्राप्त करने के माध्यम कौन-कौन से हैं?

उत्तर – समाचार-पत्र, इंटरनेट, रेडियो, टेलीविजन आदि।

प्रश्न 4: पत्रकारिता किसे कहते हैं?

उत्तर – देश-विदेश में घटने वाली घटनाओं को समाचार के रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को पत्रकारिता कहते हैं।

प्रश्न 5: समाचार क्या है?

उत्तर – समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट है जिसमें अधिक-से-अधिक लोगों की रुचि हो और जिसका अधिक-से-अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ रहा हो।

प्रश्न 6: आपसी कुशल-क्षेम को समाचार क्यों नहीं माना जाता?

उत्तर – आपसी कुशल-क्षेम व्यक्तिगत मामला होता है। इसका समाज के लिए कोई विशेष महत्व नहीं होता है। समाचार का संबंध सार्वजनिक महत्व के विषयों से है। इसलिए आपसी कुशल-क्षेम को समाचार नहीं माना जाता।

प्रश्न 7: समाचार का निर्धारण कौन करता है?

उत्तर – समाचार का चयन, आकार और प्रस्तुति का निर्धारण पत्रकार और समाचार संगठन करते हैं।

प्रश्न 8: आधुनिक युग में कैसे समाचारों का प्रचलन बढ़ा है?

उत्तर – आधुनिक युग में मजेदार और मनोरंजक समाचारों का प्रचलन बढ़ा है।

प्रश्न 9: समाचार के तत्व बताइए।

उत्तर – समाचार के निम्नलिखित तत्व होते हैं-

1.    नवीनता

2.    निकटता

3.    प्रभाव

4.    जनरुचि

5.    टकराव

6.    महत्त्वपूर्ण लोग

7.    उपयोगी जानकारियाँ

8.    अनोखापन

9.    पाठक वर्ग

10. नीतिगत ढाँचा

प्रश्न 10: समाचार के लिए नवीनता का क्या महत्व है?

उत्तर – किसी भी घटना, विचार या समस्या के समाचार बनने के लिए उसमें नवीनता जरूरी है। समाचार वही है जो ताजा घटना के बारे में जानकारी देता है। घटना के ताजापन से अभिप्राय है कि वह उस समय के लिहाज से नई हो।

प्रश्न 11: समाचार और निकटता का संबंध बताइए।

उत्तर – हर घटना का समाचारीय महत्व उसकी स्थानीयता से निर्धारित होता है। मानव का स्वभाव है कि वह अपने निकट हुपित्ताओंकोजन के लएउसुकरता है। यहा किटता भागलक के साथ-साथ सामाकि साकृतिक भी होती है।

प्रश्न 12: पत्रकारिता के मूल्यों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – पत्रकारिता एक तरह से दैनिक इतिहास लेखन है। इसके निम्नलिखित मूल्य हैं

1. पत्रकार को ऐसा कोई समाचार नहीं लिखना चाहिए जिससे किसी की सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचता हो।

2. समाज में अराजकता नहीं फैलनी चाहिए।

3. बिना सबूत के कोई समाचार नहीं लिखना चाहिए।

प्रश्न 13: पाठक वर्ग का समाचार-चयन में क्या महत्व है?

उत्तर – पाठक वर्ग की जरूरतों व रुचियों के हिसाब से समाचारों का चयन किया जाता है। आजकल समाचारों के महत्व के आकलन में पाठक वर्ग का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। अतिरिक्त क्रय शक्ति वाले सामाजिक तबकों में पढ़े जाने वाले समाचारों को अधिक महत्व मिल रहा है तथा पीड़ित व कमजोर वर्ग उपक्षित होता जा रहा है।

संपादन

प्रश्न 14: संपादन का अर्थ बताइए।

उत्तर – संपादन का अर्थ है-किसी सामग्री से उसकी अशुद्धयों को दूर करके उसे पठनीय बनाना। उपसंपादक रिपोर्टर की खबर की भाषा-शैली, व्याकरण, वर्तनी तथा तथ्य संबंधी अशुद्धयों को दूर करता है।

प्रश्न 15: संपादन के मुख्यबिंदु कौन-कौन से है?

उत्तर – संपादन के निम्नलिखित मुख्यबिंदु होते हैं-

1. तथ्यों की शुद्धता या तथ्यपरकता

2. वस्तुपरकता

3. निष्पक्षता

4. संतुलन

5. स्त्रोत

प्रश्न 16: समाचार में तथ्यपरकता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर – समाचार में तथ्यपरकता का महत्वपूर्ण स्थान है। पत्रकार को ऐसे तथ्यों को चयन करना चाहिए जो यथार्थ का संपूर्णता के साथ प्रतिनिधित्व करते हैं, परंतु समाचार में यथार्थ सीमित सूचनाओं व तथ्यों के माध्यम से व्यक्त किया जाता है। कड़वा सच खतरनाक होता है, क्योंकि मनुष्य यथार्थ की छवियों की दुनिया में रहता है।

प्रश्न 17: वस्तुपरकता और तथ्यपरकता में क्या अंतर है?

उत्तर – वस्तुपरकता का संबंध सामाजिक-सांस्कृतिक आर्थिक मूल्यों से होता है, जबकि तथ्यपरकता का संबंध अधिकाधिक तथ्यों से है। वस्तुपरकता तथ्य को देखने की दृष्टि है।

प्रश्न 18: निष्पक्षता का पत्रकारिता के लिए क्या महत्व है?

उत्तर – पत्रकारिता में निष्पक्षता का बहुत महत्व है। पत्रकार को हर विषय पर बिना किसी भेद-भाव के समाचार भेजने चाहिए. परंतु निष्पक्षता का अर्थ तटस्थता नहीं है।

प्रश्न 19: समाचार की साख के लिए क्या आवश्यक है?

उत्तर – किसी समाचार की साख के लिए आवश्यक है कि शामिल सूचना या जानकारी का कोई स्रोत हो और वह स्रोत इस तरह की सूचना या जानकारी देने का अधिकार रखता हो।

प्रश्न 20: पत्रकारिता के अहम हिस्से कौन-कौन से हैं?

उत्तर – समाचार, विचार, टिप्पणी, संपादकीय, फ़ोटो, कार्टून, संपादकीय, पत्रकारिता आदि।

प्रश्न 21: संपादकीय पृष्ठ पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर – संपादकीय पृष्ठ को समाचार-पत्र का महत्वपूर्ण पृष्ठ भाना जाता है! इस पर विभिन्न घटनाओं व समाचारों पर पत्र भी इस पृष्ठ पर होते है जो लोगों की भावनाओं को त्र्यक्त करते हैं।

प्रश्न 22: निम्न पर टिप्पणी कीजिए-

(क) फोटो पत्रकारिता

(ख) कार्टून कोना

(ग) रेखांकन और काटोग्राफ

उत्तर –

(क) फोटो पत्रकारिता-आजकल अखबारों में फोटो का प्रचलन बढ़ रहा है। फोटो टिप्पणियों का असर व्यापक होता है। एक चित्र कई हजार बातें कह जाता है।

(ख) कार्टून कोना-यह आम आदमी की भावनाओं को व्यक्त करने का सीधा तरीका है। यह हर समाचार-पत्र में होता है। कार्टून पहले पन्न पर प्रकाशित होने वाले हस्ताक्षरित संपादकीय है।

(ग) रेखांकन और काटीग्राफ-रेखांकन समाचारों की रोचक बनाते हैं। काटीग्राफी का प्रयोग टेलीविजन में भी होता है। क्रिकेट के स्कोर से लेकर सेंसेक्स के आँकड़ों को ग्राफ से बताते हैं।

प्रश्न 23: पत्रकारिता के प्रकार बताइए।

उत्तर – पत्रकारिता के अनेक प्रकार हैं-खोजपरक पत्रकारिता. विशेषकृत पत्रकारिता, वॉचडॉग पत्रकारिता, एडवोकेसी पत्रकारिता, वैकल्पिक पत्रकारिता।

प्रश्न 24: खोजपरक पत्रकारिता के विषय में बताइए।

उत्तर – वह पत्रकारिता जो गहराई से छानबीन करके छिपी या देखी हुई खबरों को सामने लाती हैं, खोजपरक पत्रकारिता लाती है। आमतौर पर यह पत्रकारिता सार्वजनिक महत्व के मामलों में भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों को सामने लाने की कोशिश करती है। इसका नवीनतम रूप ‘स्टिंग ऑपरेशन’ है। खोजपरक पत्रकारिता का नायाब उदाहरण अमेरिका का वाटरगेट कांड है।

प्रश्न 25: विशेषीकृत पत्रकारिता का अर्थ बताइए।

उत्तर – वह पत्रकारिता जो किसी विषय पर विशेष जानकारी प्रदान करती है, विशेषीकृत पत्रकारिता कहलाती है। पत्रकारिता में विषय के हिसाब से विशेषता के सात प्रमुख क्षेत्र हैं-संसदीय पत्रकारिता, न्यायालय पत्रकारिता, आर्थिक पत्रकारिता, खेल पत्रकारिता और विकास पत्रकारिता, अपराध पत्रकारिता तथा फैशन और फिल्म पत्रकारिता।

प्रश्न 26: वॉचडॉग पत्रकारिता क्या है?

उत्तर – वह पत्रकारिता जो सरकार के कामकाज पर निगाह रखती है और गड़बड़ियों का पर्दाफाश करती है, वॉचडॉग पत्रकारिता कहलाती है। ऐसी पत्रकारिता सरकारी समाचारों की आलोचना भी करती है।

प्रश्न 27: एडवोकेसी पत्रकारिता पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर – ऐसी पत्रकारिता जो किसी विचाराधारा उद्देश्य या मुद्दे को उठाकर जनमत तैयार करती है, एडवोकेसी पत्रकारिता कहलाती है। जेसिका लाल हत्याकांड, रुचिका कांड में न्याय के लिए समाचार माध्यमों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

प्रश्न 28: वैकल्पिक पत्रकारिता किसे कहते हैं?

उत्तर – जो पत्रकारिता स्थापित व्यवस्था के विकल्प को सामने लाने और उसके अनुकूल सोच को अभिव्यक्त करता है, उसे वैकल्पिक पत्रकारिता कहते हैं। इस तरह की पत्रकारिता को सरकार और बड़ी पूँजी का समर्थन नहीं मिलता।

प्रश्न 29: पीत पत्रकारिता के विषय में बताइए।

उत्तर – यह पत्रकारिता सनसनी फैलाने का कार्य करती है। इस तरह की पत्रकारिता की शुरूआत उन्नीसवीं सदी के उत्तराद्र्ध में अमेरिका में हुई थी। उस समय वहाँ कुछ अखबारों के बीच पाठकों को आकर्षित करने के लिए संघर्ष छिड़ गया था। एक-दूसरे को पीछे करने की होड़ में इन अखबारों ने पीत पत्रकारिता का सहारा लिया। पीत पत्रकारिता के तहत अखबार अफवाहों, व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोपों, प्रेम-संबंधों, भंडाफोड़ और फिल्मी गपशप को समाचार की तरह प्रकाशित करते हैं।

प्रश्न 30: पेज थ्री पत्रकारिता क्या है?

उत्तर – इसका तात्पर्य ऐसी पत्रकारिता से है जिसमें फैशन, अमीरों की पार्टियों, महफिलों और जाने-माने लोगों के निजी जीवन के बारे में बताया जाता है। यह आमतौर पर समाचार-पत्रों के पृष्ठ तीन पर प्रकाशित होती है। इसलिए इसे पेज श्री पत्रकारिता कहते हैं। आजकल इसकी पृष्ठ संख्या कोई भी हो सकती है, परंतु इनके विषय वही हैं।

प्रश्न 31: डेडलाइन किसे कहते हैं?

उत्तर – समाचार माध्यमों में किसी समाचार को प्रकाशित या प्रसारित होने के लिए पहुँचने की आखिरी समय-सीमा को डेडलाइन कहते हैं। डेडलाइन के बाद मिलने वाले समाचार के छपने की संभावना कम ही होती है।

प्रश्न 32: न्यूजपेग का अर्थ बताइए।

उत्तर – न्यूजपेग का अर्थ है-किसी मुद्दे पर लिखे जा रहे लेख या फीचर में उस नवीनतम घटना का उल्लेख जिसके कारण वह मुद्दा चर्चा में आ गया है।

प्रश्न 33: स्टिंग ऑपरेशन पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर – जब किसी टेलीविजन चैनल का पत्रकार छिपे कैमरे के जरिए किसी गैर-कानूनी, अवैध और असामाजिक गतिविधियों को फिल्माता है और फिर उसे अपने चैनल पर दिखाता है तो इसे स्टिंग ऑपरेशन कहते हैं। कई बार चैनल ऐसे ऑपरेशनों को गोपनीय कोड दे देते हैं; जैसे-ऑपरेशन चक्रव्यूह।

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