12th Hindi Core आरोह भाग -II 17. हजारी प्रसाद द्विवेदी - शिरीष के फूल

12th Hindi Core आरोह भाग -II 17. हजारी प्रसाद द्विवेदी - शिरीष के फूल
12th Hindi Core आरोह भाग -II 17. हजारी प्रसाद द्विवेदी - शिरीष के फूल
प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book) Class - 12 Hindi Core 17. हजारी प्रसाद द्विवेदी - शिरीष के फूल पाठ्य पुस्तक के प्रश्न - अभ्यास प्रश्न 1. लेखक ने शिरीष को कालजयी अवधूत (संन्यासी) की तरह क्यों माना है? उत्तर- लेखक ने शिरीष को कालजयी अवधूत (सन्यासी) की तरह माना है, क्योंकि अवधूत वह है जो सांसारिक मोहमाया से ऊपर होता है। शिरीष सन्यासी की तरह विषम परिस्थिति में भी डटा रहता है। भयंकर गरमी, उमस, लू आदि में भी इसका पेड़ फूलों से लदा हुआ मिलता है। कालजयी अवधूत की भांति जीवन की अजेयता का प्रचार करता रहता है। प्रश्न-2. हृदय की कोमलता को बचाने के लिए व्यवहार की कठोरता भी कभी-कभी जरूरी हो जाती है प्रस्तुत पाठ के आधार पर स्पष्ट - करें। उत्तर- शिरीष के फूलों में सब कुछ कोमल है, लेकिन लेखक कहता है कि फूलों में कोमलता तो होती है पर उनका व्यवहार (फल) बहुत कठोर होता है अर्थात् शिरीष हृदय से तो कोमल है किंतु व्यवहार से कठोर है। इसके फल इतने मजबूत होते हैं कि नए फूलों के निकल आने पर भी स्थान नहीं छोड़ते। संत तुलसीदास, कालिदास, कबीर दास ने भी समाज को उच्च कोटि का साहित्य दिया, परंतु…