क्या है MACP

क्या है MACP

क्या है MACP

क्या है MACP

दरअसल, MACP स्कीम के तहत कर्मचारियों को क्रमशः 10, 20 और 30 वर्ष की सेवा के बाद तीन अनिवार्य फाइनेंशियल अपग्रेडेशन मिलता है। योजना के तहत जब कभी कोई व्यक्ति एक ही लेवल-वेतन में लगातार काम करता रहता है और इस दौरान प्रमोशन नहीं होता तो उसे 10 वर्ष की अवधि के बाद ऑटोमैटिक फाइनेंशियल अपग्रेडेशन मिल जाता है। इस फाइनेंशियल अपग्रेडेशन के बाद कर्मचारी को नए ग्रेड वेतन के तहत सैलरी मिलती है, जो प्रमोशन से मिलने वाले वित्तीय लाभ के बराबर ही होता है।

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कुछ ऐसे भी नियम हैं, जिसके बारे में लोग बहुत ज्यादा नहीं जानते हैं। ऐसा ही एक नियम प्रमोशन से जुड़ा है। इस नियम को मॉडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन यानी MACP स्कीम के नाम से जाना जाता है। यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए है जिनका प्रमोशन नहीं होता है।

नियमों के मुताबिक MACP स्कीम के तहत कर्मचारी को पूरे करियर में तीन बार अनिवार्य फाइनेंशियल अपग्रेडेशन मिलता है। ये अपग्रेडेशन कर्मचारी के करियर के 10वें, 20वें और 30 वें साल की सेवा के दिया जाता है। जब कभी कोई व्यक्ति एक ही लेवल-वेतन में लगातार काम करता रहता है और इस दौरान प्रमोशन नहीं होता तो उसे 10 वर्ष की अवधि के बाद ऑटोमैटिक फाइनेंशियल अपग्रेडेशन मिल जाता है। इस फाइनेंशियल अपग्रेडेशन के बाद कर्मचारी को नए ग्रेड वेतन के तहत सैलरी मिलती है, जो प्रमोशन से मिलने वाले वित्तीय लाभ के बराबर ही होता है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं।

क्या है शर्तें

इसका लाभ उसी कर्मचारी को मिलेगा, जिसका आखिरी तीन वर्षों का एनुअल परफॉर्मेंस असेसमेंट रिपोर्ट यानी APAR "बहुत अच्छा" की कैटेगरी में हो। अगर ऐसा नहीं है तो फाइनेंशियल अपग्रेडेशन तब तक होल्ड पर रहेगा जब तक कि वह इस पात्रता को प्राप्त नहीं करता है। बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में यह शर्त शामिल किया गया था। इसका मकसद सरकारी कर्मचारियों के परफॉर्मेंस में सुधार लाना है।

उदाहरण से भी इसे समझना जरूरी

एक कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के तहत लेवल 2 सैलरी ले रहा है लेकिन 10 साल तक इसी लेवल पर रह जाता है। इस दौरान प्रमोशन नहीं हुआ, ऐसे में MACP के तहत फाइनेंशियल अपग्रेडेशन करके लेवल 3 में प्रमोट करने का प्रावधान है। यह उन विभाग के कर्मचारियों के लिए बहुत फायदेमंद है, जहां प्रमोशन के लिए अवसर बहुत ही कम हैं।

SC का फैसला; ग्रेड पे के समकक्ष रहेगा आर्थिक अपग्रेडेशन

अदालत ने फैसला सुनाया कि एमएसीपी योजना एक सितंबर, 2008 से लागू है। एमएसीपी योजना के अनुसार धारा एक भाग में बताए गए वेतन बैंड के पदानुक्रम में तत्काल अगले ग्रेड वेतन (Grade Pay) के बराबर वित्तीय उन्नयन (Economic Upgradation) के लिए पात्रता है। बेंच ने कहा कि अदालतें आमतौर पर क्षेत्र में विशेषज्ञों की ओर से सुविचारित निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करेंगी, जब तक अडॉप्टेशन वैधानिक उल्लंघन के कारण खराब न हो।

कहा गया कि संविधान की तरफ से कार्यपालिका को चुनने का अधिकार दिया गया है, क्योंकि उसका कर्तव्य निर्वहन करना है और वह अपनी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह है। न्यायालय वैधता चुनौती की जांच करता है। टॉप कोर्ट के मुताबिक, वेतन तय करना और सेवा की शर्तों सहित वित्तीय मामलों में, प्रचलित वित्तीय स्थिति, अतिरिक्त दायित्व वहन करने की क्षमता जैसे कई कारक प्रासंगिक हैं और इसलिए अदालतें सावधानी से चलती हैं क्योंकि हस्तक्षेप का गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सरकारी खजाने और गंभीर वित्तीय निहितार्थ हैं।

वेतनमानों और प्रोत्साहनों का निर्धारण सरकार की ओर से लिए गए निर्णय का मामला है, जो केंद्रीय वेतन आयोग जैसे विशेषज्ञ निकाय की सिफारिश के आधार पर लेना चाहिए। योजना के तहत, नियमित सेवा के 10, 20 और 30 साल पूरे होने पर एक कर्मचारी केंद्रीय सिविल की पहली अनुसूची के सेवाएं (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के भाग एक, भाग ए में दिए गए अनुसार अगले उच्च ग्रेड वेतन और ग्रेड वेतन में वित्तीय उन्नयन का हकदार है।

बेंच के अनुसार, "यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एमएसीपी योजना 10, 20 और 30 साल की अवधि के बाद तीन वित्तीय उन्नयन के अनुदान को निर्धारित करती है, जबकि एसीपी योजना ने 12 और 24 की अवधि के बाद केवल दो वित्तीय उन्नयन का अनुदान दिया था।"

MACP के विषय पर विभागीय सचिव महोदय से वार्ता हेतु @jharotef का शिष्टमंडलमंडल 

01. श्री विक्रांत कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष

02. श्री उज्ज्वल कुमार तिवारी, प्रांतीय महासचिव

03. श्री रविन्द्र प्रसाद सिंह, प्रांतीय संरक्षक

04. श्री आनंद किशोर साहू, प्रांतीय संयोजक

05. श्री अमित कुमार महतो, प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष

06. श्री सुरेन्द्र कुमार, संयुक्त महासचिव

07. श्री ध्रुव ज्योति, विधिक सलाहकार

प्रेस विज्ञप्ति

शिक्षा सचिव से मिला का @jharotef का प्रतिनिधिमंडल।

शिक्षक संर्वग को MACP का लाभ दिए जाने पर हुई वार्ता, मिला शीघ्र कार्रवाई का भरोसा

            आज दिनांक- 7 फरवरी 2024 को अपराध 3:30 बजे @jharotef का शिष्टमंडल, के द्वारा श्री विक्रांत कुमार सिंह की अध्यक्षता में शिक्षा सचिव महोदय से मिलकर शिक्षक संवर्ग को MACP का लाभ दिए जाने के विषय पर वार्ता किया।

वार्ता के दौरान इस विषय पर सचिव महोदय को सभी यथार्थ बिंदुओं से अवगत कराया गया साथ ही एक ज्ञापन भी सौंपा गया।

सचिव महोदय ने महासंघ के पक्ष को सुनने के बाद इस बात पर पूर्ण सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि *शिक्षक संवर्ग को MACP का लाभ दिए जाने की मांग पूरी तरह से जायज एवं न्यायोचित है। भवदीय ने आश्वस्त किया कि अगले एक सप्ताह के भीतर इस मांग पर अग्रेतर कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी।

       आज की वार्ता में सचिव महोदय का इस मांग के प्रति भाव पूरी तरह से सकारात्मक रहा एवं उन्होंने इस मांग को पूरा किए जाने की प्रक्रिया के संदर्भ में भी विस्तार पूर्वक चर्चा किया साथ ही इसके रास्ते में आने वाले अणचनों एवं उसके समाधान पर भी उन्होंने सकारात्मक सुझाव दिए।

          वर्तमान सरकार ने अपने कर्मचारियों के हितों के लिए पुरानी पेंशन, कैशलेस मेडिकल से लेकर कई बड़े मांगों को पूरा किया है और कर्मचारी भी सरकार की ओर हमेशा आशा भरी नजरों से देखते हैं।

            अतः महासंघ को पूर्ण विश्वास है कि शिक्षक संवर्ग के चिर-प्रतिक्षित मांग को सरकार अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के बदौलत शीघ्र ही पूर्ण करेंगी।

       आज की वार्ता में प्रांतीय अध्यक्ष के साथ प्रांतीय महासचिव श्री उज्जवल कुमार तिवारी, प्रांतीय संयोजक श्री आनंद किशोर साहू, प्रांतीय संरक्षक श्री रविंद्र प्रसाद सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमित कुमार महतो, संयुक्त महासचिव श्री सुरेंद्र कुमार, विधिक सलाहकार श्री ध्रुव ज्योति, प्रांतीय कमेटी के सदस्य श्री शिवनारायण महतो, रांची जिला के जिला अध्यक्ष मोहम्मद क्यईमुद्दीन खान, धनबाद जिला कार्यकारिणी के सदस्य श्री दीपक कुमार एवं श्री विजय कुमार सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

#हेमन्त_है_तो_हिम्मत_है

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