Jac Board Class 12 Hindi Core Arts 2024 Answer key

Jac Board Class 12 Hindi Core Arts 2024 Answer key
Jac Board Class 12 Hindi Core Arts 2024 Answer key

झारखण्ड अधिविद्य परिषद्

ANNUAL INTERMEDIATE EXAMINATION - 2024

HINDI - A (CORE) Arts (Compulsory)

07.02.2024

Total Time: 3 Hours 15 minute

Full Marks: 80

सामान्य निर्देश

1. This Question Booklet has two Parts - Part-A and Part-B. इस प्रश्न-पुस्तिका में दो भाग भाग-A तथा भाग-B हैं।

2. Part-A is of MCQ Type having 30 marks and Part-B is of Subjective Type having 50 marks.

भाग-A में 30 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न तथा भाग-B में 50 अंक के विषयनिष्ठ प्रश्न हैं।

3. The candidate has to answer in the Answer Booklet which will be provided separately.

परीक्षार्थी को अलग से उपलब्ध कराई गई उत्तर-पुस्तिका में उत्तर देना है।

4. Part-A There are 30 Multiple Choice Questions having four (4) options (A, B, C & D). The candidate has to write the correct option in the Answer Booklet. All questions are compulsory. Each question carries 1 mark. There is no negative marking for wrong answer.

भाग-A इसमें 30 बहुविकल्पीय प्रश्न हैं जिनके 4 विकल्प (A, B, C तथा D ) हैं। परीक्षार्थी को उत्तर-पुस्तिका में सही उत्तर लिखना है। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है। गलत उत्तर के लिए कोई अंक काटा नहीं जाएगा।

5. Part-B There are three sections: Section-A, B & C.

This part is of Subjective Type having Very Short Answer, Short Answer & Long Answer Type questions. Total number of questions is 22.

Section-A Question Nos. 31-38 are Very Short Answer Type. Answer any 6 questions. Each question carries 2 marks.

Section-B Question Nos. 39-46 are Short Answer Type. Answer any 6 questions. Each question carries 3 marks. Answer the questions in maximum 150 words each.

Section-C Question Nos. 47-52 are Long Answer Type. Answer any 4 questions. Each question carries 5 marks. Answer the questions in maximum 250 words each.

भाग-B इस भाग में तीन खण्ड खण्ड-A, B तथा C हैं। इस भाग में अति लघु उत्तरीय, लघु उत्तरीय तथा दीर्घ उत्तरीय प्रकार के विषयनिष्ठ प्रश्न हैं। कुल प्रश्नों की संख्या 22 है।

खण्ड-A प्रश्न संख्या 31-38 अति लघु उत्तरीय हैं। किन्हीं 6 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। ।

खण्ड-B प्रश्न संख्या 39-46 लघु उत्तरीय हैं। किन्हीं 6 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें।

खण्ड-C प्रश्न संख्या 47-52 दीर्घ उत्तरीय हैं। किन्हीं 4 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें।

6. Candidates are required to answer in their own words as far as practicable.

परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।

7. Candidate has to hand over his/her Answer Booklet to the Invigilator compulsorily before leaving the examination hall.

परीक्षार्थी परीक्षा भवन छोड़ने के पहले अपनी उत्तर-पुस्तिका वीक्षक को अनिवार्य रूप से लौटा दें।

8. Candidates can take away the Question Booklet after completion of the Examination.

परीक्षा समाप्त होने के उपरांत परीक्षार्थी प्रश्न-पुस्तिका अपने साथ लेकर जा सकते हैं।

Part-A

(बहुविकल्पीय प्रश्न)

Question Nos. 1 to 30 are Multiple Choice Type. Each question has four options. Select the correct option and write it in the Answer Sheet. Each question carries 1 mark.1x30=30

प्रश्न संख्या 1 से 30 तक बहुविकल्पीय प्रकार हैं। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प हैं। सही विकल्प चुनकर उत्तर पुस्तिका में लिखें। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।

प्रश्न संख्या 1 से 30 तक बहुविकल्पीय प्रकार हैं। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प हैं। सही विकल्प चुनकर उत्तर पुस्तिका में लिखें। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।

निर्देश : निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 14 तक के लिए सही विकल्प का चयन करें। 1 x 30 = 30

"फूल तुम हो सुहावने सरस,

नहीं प्यारे लगते हो किसे

लुभा लेते हो किसको नहीं

हो न किसकी आँखों में बसे

तुम्हारी चाह नहीं है कहाँ

चढ़े हो किसके सिर पर नहीं

न भोले-भाले तुमसे मिले

न तुमसे सुंदर पाए कहीं ।।"

1. कवि किसके बारे में बात कर रहा है ?

(A) भोले मनुष्य के

(B) फूल के

(C) काँटों के

(D) इनमें से कोई नहीं

2. फूल सदा किस प्रकार मिलते हैं ?

(A) हँसते हुए

(B) खिले हुए

(C) इठलाते हुए

(D) रोते हुए

3. फूल सबको क्या करता है ?

(A) लुभा लेता है

(B) भुला देता है

(C) सुझा देता है

(D) इनमें से कोई नहीं

4. फूल की चाह कहाँ चढ़ने की है ?

(A) किसी के सिर पर

(B) सभी के सिर पर

(C) कहीं भी

(D) इनमें से सभी

निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 58 तक के लिए सही विकल्प का चयन करें।

स्वस्थ रहने के लिए एक उत्तम औषधि है प्रातःकाल का भ्रमण । प्रातःकालीन भ्रमण हमारे तन तथा मन दोनों को स्वस्थ रखता हैं। पक्षियों का कलरव मन में उत्साह जगाता है तथा शरीर में स्फूर्ति भरता है। आसमान में उदित होता सूर्य नवीन आशा का संचार करता है। ऐसे समय में भ्रमण करने से आलस्य दूर होता है। मन चिंता रहित होता है। नए जोश से काम करने की इच्छा मन में जगाती है। प्रातःकाल की शुद्ध हवा बीमारियों को दूर कर स्वास्थ्य में सुधार करती है। थकावट को दूर कर हमारे शरीर में नई स्फूर्ति उत्पन्न करती है। प्रातःकाल का भ्रमण एक प्रकार का व्यायाम है, जो शरीर के सभी अवयवों को स्वस्थ रखने में सहायक है। इसलिए हमें नियमित रूप से प्रातःकाल का भ्रमण करना चाहिए ।

5. स्वस्थ रहने की उत्तम औषधि क्या है ?

(A) प्रातःकाल का भ्रमण

(B) मध्य काल का भ्रमण

(C) संध्या काल का भ्रमण

(D) आयरन की गोली

6. भ्रमण से क्या-क्या स्वस्थ रहता है ?

(A) तन मन

(B) धन जन

(C) जन धन

(D) इनमें से सभी

7. शरीर के सभी अवयवों को स्वस्थ रखने के लिए क्या आवश्यक है ?

(A) शुद्ध हवा

(B) शुद्ध दवा

(C) शुद्ध व्यवहार

(D) शुद्ध आहार

8. भ्रमण एक क्या है ?

(A) आयाम

(B) व्यायाम

(C) अभियान

(D) मध्य यान

9. समाचार लेखन की शैली कौन-सी है ?

(A) काव्यात्मक शैली

(B) उल्टा पिरामिड शैली

(C) संस्मरणात्मक शैली

(D) भावात्मक शैली

10. टी० बी० किस प्रकार का जनसंचार माध्यम है ?

(A) दृश्य माध्यम

(B) श्रव्य माध्यम

(C) दृश्य-श्रव्य माध्यम

(D) इनमें से कोई नहीं

11. एक अच्छे सम्पादक में क्या गुण होना चाहिये ?

(A) विश्वसनीयता

(B) निष्पक्षता

(C) ईमानदारी

(D) इनमें से सभी

12. 'रिमाइण्डर' को हिन्दी में क्या कहते हैं ?

(A) स्मृति पत्र

(B) अनुस्मारक

(C) मिनट

(D) नोटिस

13. किसी विषय विशेष पर विचारों की श्रृंखलाबद्ध, तर्कपूर्ण और विश्लेषणात्मक प्रस्तुति को क्या कहते हैं ?

(A) फीचर

(B) आलेख

(C) प्रतिवेदन

(D) इनमें से कोई नहीं

14. जब कहानी पढ़ते-पढ़ते पाठक कौतुहल की पराकाष्ठा पर पहुँच जाय, उसे क्या कहते हैं ?

(A) निष्कर्ष

(B) चरमोत्कर्ष

(C) द्वन्द्व

(D) कथ्य

15. संचार भाषा में किन तत्त्वों की प्रचुरता है ?

(A) संकेताक्षरों, कूटपदों की

(B) दृश्यों की

(C) ध्वनि की

(D) इनमें से कोई नहीं

निर्देश : निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 16 - 20 तक के लिए सही विकल्प का चयन करें ।

मैं यौवन का उन्माद लिए फिरता हूँ,

उन्मादों में अवसाद लिए फिरता हूँ,

जो मुझको बाहर हँसा रुलाती भीतर

मैं हाय किसी की याद लिए फिरता हूँ।

16. कवि किसका भार लिए फिर रहा है ?

(A) यौवन

(B) बुढ़ापा

(C) शीतल

(D) इनमें से सभी

17. उन्मादों में क्या लिए फिरता है ?

(A) अवसाद

(B) उन्माद

(C) अपवाद

(D) इनमें से सभी

18. उपर्युक्त पक्तियों के रचयिता कौन हैं ?

(A) हरिवंशराय 'बच्चन'

(B) अज्ञेय

(C) रामधारी सिंह 'दिनकर'

(D) इनमें से कोई नहीं

19. कवि बाहर से हँसता भीतर से क्या होता है ?

(A) रोता है

(B) सोता है

(C) खोता है

(D) इनमें से सभी

20. कवि किसका भार लिए फिरता है ?

(A) घर-बार का

(B) कार्यालय का

(C) जग-जीवन का

(D) आस-पास का

21. पतंग कविता किसकी रचना है ?

(A) आलोकधन्वा

(B) धर्मवीर भारती

(C) रघुवीर सहाय

(D) जैनेन्द्र

22. बच्चे दौड़ते समय किसके कठोर सतह को नरम बना देते हैं ?

(A) जमीन के

(B) धरती के

(C) छत के

(D) खेत के

23. 'कविता के बहाने' कविता किस प्रकार की रचना है ?

(A) दोहा

(B) चौपाई

(C) छंद मुक्त

(D) छंद युक्त

24. 'बात सीधी थी पर' कविता के कवि कौन हैं ?

(A) कुँवर नारायण

(B) रघुवीर सहाय

(C) महादेवी वर्मा

(D) जयशंकर प्रसाद

25. भक्तिन का दामाद क्या लड़ाने का आदी था ?

(A) बैल

(B) मेढ़क

(C) तीतर

(D) बाज

26. लेखक के मित्र ने बाजार को कौन सा नाम दिया है ?

(A) शैतान का जाल

(B) मंदिर के समान

(C) शांति देने वाला स्थान

(D) इनमें से कोई नहीं

27. किशन दा यशोधर बाबू को रोज सुबह जल्दी किस कारण उठाते थे ?

(A) घर का काम करने के लिए

(B) पढ़ाई-लिखाई करने के लिए

(C) सुबह जल्दी उठने की आदत डालने के लिए

(D) ध्यान और योग करने के लिए

28. जूझ कहानी के नायक का मन किसके लिए तरसता था ?

(A) भोजन के लिए

(B) पढ़ने के लिए

(C) कपड़े के लिए

(D) खेलने के लिए

29. सिन्धु घाटी सभ्यता की संस्कृति को आप किस श्रेणी में रखेंगे ?

(A) खेतिहर संस्कृति

(B) मैदानी संस्कृति

(C) नभ संस्कृति

(D) शहरी संस्कृति

30. 'अतीत के दबे पाँव' पाठ के लेखक कौन हैं ?

(A) ओम थानवी

(B) मनोहर श्याम जोशी

(C) आनंद यादव

(D) इनमें से कोई नहीं

Part-B

(विषयनिष्ठ प्रश्न )

Section - A

(अति लघु उत्तरीय प्रश्न)

किन्हीं छः प्रश्नों के उत्तर दें। 2x6-12

निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों 31 - 33 के उत्तर दें :

ईश्वर ने हमें जिन बहुत सारी शक्तियों का वरदान दिया है, उनमें वाक्शक्ति एक है। यदि मनुष्य में वाक्शक्ति न होती तो पूरी सृष्टि गूँगी होती और हम अपने विचारों को व्यक्त न कर पाते । जहाँ आदमी को अपनी जिंदगी मजेदार बनाने के लिए खाने-पीने तथा चलने-फिरने की आवश्यकता है, वहाँ बातचीत की भी हमको बहुत आवश्यकता है। बातचीत के माध्यम से हम अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। चित्त हल्का तथा स्वच्छ होकर परम आनंद में मग्न हो जाता है।

31. लेखक की दृष्टि से वाक्शक्ति क्या है ?

उत्तर - लेखक की दृष्टि से वाक्शक्ति अपने विचारों को व्यक्त करना है।

32. यदिं मनुष्य में  वाक्शक्ति न होती तो क्या होता ?

उत्तर - यदि मनुष्य में वाक्शक्ति न होती तो पूरी सृष्टि गूँगी होती और हम अपने विचारों को व्यक्त न कर पाते ।

33. बातचीत की क्या उपयोगिता है ?

उत्तर - बातचीत के माध्यम से हम अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। चित्त हल्का तथा स्वच्छ होकर परम आनंद में मग्न हो जाता है।

34. कुँवर नारायण अथवा धर्मवीर भारती की किन्हीं दो रचनाओं के नाम लिखें ।

उत्तर - कुँवर नारायण की दो रचनाएँ- 1. चक्रव्यूह 2. अपने सामने।

धर्मवीर भारती की दो रचनाएँ- 1. गुनाहों का देवती 2. सूरज का सातवाँ घोड़ा।

35. सिन्धु-सभ्यता साधन संपन्न थी, पर उसमें भव्यता का आडम्बर नहीं था। कैसे ?

उत्तर - सिन्धु सभ्यता, एक साधन-सम्पन्न सभ्यता थी परन्तु उसमें राजसत्ता या धर्मसत्ता के चिह्न नहीं मिलते। वहाँ की नगर योजना, वास्तुकला, मुहरों, ठप्पों, जल-व्यवस्था, साफ-सफाई और सामाजिक व्यवस्था आदि की एकरूपता द्वारा उनमें अनुशासन देखा जा सकता है। यहाँ पर सब कुछ आवश्यकताओं से ही जुड़ा हुआ है, भव्यता का प्रदर्शन कहीं नहीं मिलता। अन्य सभ्यताओं में राजतंत्र और धर्मतंत्र की ताकत को दिखाते हुए भव्य महल, मंदिर ओर मूर्तियाँ बनाई गईं किंतु सिन्धु घाटी सभ्यता की खुदाई में छोटी-छोटी मूर्तियाँ,खिलौने, मृद-भांड, नावें मिली हैं। ‘नरेश’ के सर पर रखा मुकुट भी छोटा है। इसमें प्रभुत्व या दिखावे के तेवर कहीं दिखाई नहीं देते।

36. यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशन दा की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है। आपके जीवन की दिशा किसने और कैसे दी ?

उत्तर - मेरे जीवन को दिशा देने में सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान मेरे गुरुओं का रहा है। उन्होंने हमेशा मुझे यही शिक्षा दी कि सत्य बोलो। सत्य बोलने वाला व्यक्ति हर तरह की परेशानी से मुक्त हो जाता है जबकि झूठ बोलने वाला अपने ही जाल में फँस जाता है। उसे एक झूठ छुपाने के लिए सैकड़ों झूठ बोलने पड़ते हैं। अपने गुरुओं की इस बात को मैंने हमेशा याद रखा। वास्तव में उनकी इसी शिक्षा ने मेरे जीवन की दिशा बदल दी।

37. यशोधर बाबू के बारे में आपकी क्या धारणा बनती है ?

उत्तर - यशोधर बाबू के बारे में हमारी यही धारणा बनती है कि यशोधर बाबू में एक तरह का द्वंद्व है जिसके कारण नया उन्हें कभी-कभी खींचता है पर पुराना छोड़ता नहीं, इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत है। यद्यपि वे सिद्धांतवादी हैं तथापि व्यावहारिक पक्ष भी उन्हें अच्छी तरह मालूम है। लेकिन सिद्धांत और व्यवहार के इस द्वंद्व में यशोधर बाबू कुछ भी निर्णय लेने में असमर्थ हैं। उन्हें कई बार तो पत्नी और बच्चों का व्यवहार अच्छा लगता है तो कभी अपने सिद्धांत। इस द्वंद्व के साथ जीने के लिए मजबूर हैं। उनका दफ्तरी जीवन जहाँ सिद्धांतवादी है वहीं पारिवारिक जीवन व्यवहारवादी। दोनों में सामंजस्य बिठा पाना उनके लिए लगभग असंभव है। इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत है।

38. सिन्धु घाटी की सभ्यता मूलतः खेतिहर और पशुपालन सभ्यता थी। स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर - सिंधु घाटी की सभ्यता के संबंध में कुछ विद्वानों का मानना है कि वह मूलतः खेतिहर और पशुपालक सभ्यता ही थी जबकि कुछ का भ्रम था कि यहाँ अनाज नहीं उपजाया जाता था, उसका आयात ही होता था। यह सोच का ही अन्तर था। यहाँ लोहा शुरू में नहीं था, पर पत्थर और ताँबे की बहुतायत थी। पत्थर सिंध में ही था, ताँबे की खाने राजस्थान में थीं। इनके उपकरण खेती-बाड़ी में प्रयोग किए जाते थे।

 कुछ भी हो, विद्वानों का मानना है कि यहाँ ज्वार, बाजरा और रागी की उपज होती थी। लोग खजूर, खरबूजे और अंगूर उगाते थे। झाड़ियों से बेर जमा करते थे। कपास की खेती भी होती थी। कपास को छोडकर बाकी सबके बीज मिले हैं। इसके अलावा यहाँ के लोग पशु भी पालते थे और दूध का सही उपयोग करते थे। इन आधारों पर कहा जा सकता है कि सिंधु घाटी की सभ्यता मूलतः खेतिहर और पशुपालक सभ्यता थी।

Section - B

(लघु उत्तरीय प्रश्न)

किन्हीं छः प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें। 3 x 6 = 18

39. बच्चे अपने जन्म के साथ क्या लेकर आते हैं ?

उत्तर - 'जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास' इस पंक्ति में कपास का तात्पर्य कपास (रूई) से नहीं बल्कि उसकी कोमलता तथा उसके सफ़ेद रंग की पवित्रता से लिया गया है। बच्चों का स्वभाव कपास (रुई) के समान कोमल, पवित्र तथा निश्छल होता है। वे स्वभाव से कोमल होते हैं। उनके मन में किसी प्रकार का कपट नहीं होता है। वे पवित्रता लिए होते हैं। इसके अतिरिक्त वे शारीरिक रूप में भी कोमल होते हैं। अतः कपास और बच्चों में बहुत अधिक संबंध है। यही कारण है कि कवि ने उनका कपास से संबंध स्थापित किया है।

40. भाषा का सहूलियत से बरतने का क्या अर्थ है ?

उत्तर - भाषा को सहूलियत से बरतने का अर्थ यह है कि रचनाकार भावों के अनुरूप ही सरल सहज एवं सग्राह्य शब्दावली का प्रयोग करें। अनावश्यक आडम्बरपूर्ण गूढ़ शब्दावली कथ्य के प्रभाव को कम करती है और इससे कविता अपने उद्देश्य से भटक जाती है। क्लिष्ट भाषा के दुष्चक्र में फंसे बिना कवि को सरलतम शब्दों में अपनी बात अपने श्रोताओं एवं पाठकों तक पहुँचानी चाहिए।

41. 'शमशेर की कविता गाँव की सुबह का जीवंत चित्रण है।' पुष्टि कीजिए ।

उत्तर - कवि ने गाँव की सुबह का सुंदर चित्रण करने के लिए गतिशील बिंब-योजना की है। भोर के समय आकाश नीले शंख की तरह पवित्र लगता है। उसे राख से लिपे चौके के समान बताया गया है जो सुबह की नमी के कारण गीला लगता है। फिर वह लाल केसर से धोए हुए सिल-सा लगता है। कवि दूसरी उपमा स्लेट पर लाल खड़िया मलने से देता है। ये सारे उपमान ग्रामीण परिवेश से संबंधित हैं। आकाश के नीलेपन में जब सूर्य प्रकट होता है तो ऐसा लगता है जैसे नीले जल में किसी युवती का गोरा शरीर झिलमिला रहा है। सूर्य के उदय होते ही उषा का जादू समाप्त हो जाता है। ये सभी दृश्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनमें गतिशीलता है।

42. अपने घर और विद्यालय के आस-पास हो रहे उन बदलावों के बारे में लिखें जो सुविधा- जनक और आधुनिक होते हुए भी बुजुगों को अच्छे नहीं लगते । अच्छा न लगने के क्या कारण होंगे ?

उत्तर - हमारे घर व विद्यालय के आसपास निम्नलिखित बदलाव हो रहें हैं जिन्हें बुज़ुर्ग पसंद नहीं करते –

• घर से विद्यालय जाने के लिए साईकिलें एवं मोटर का इस्तेमाल।

• लड़कियाँ-लड़कों का एक साथ पढ़ना और मिलना-जुलना।

• युवा लड़कों और लड़कियों द्वारा अंग प्रदर्शन करना।

• देर रात तक पार्टियाँ करना।

• दिनभर कम्प्यूटर, इन्टरनेट एवं मोबाइल का इस्तेमाल।

बुज़ुर्गों को यह सब अच्छा नहीं लगता क्योंकि जब वे युवा थे, उस समय संचार के साधनों की कमी थी। पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण वे युवावस्था में अपनी भावनाओं को काबू में रखते थे और अधिक जिम्मेदार होते थे। आधुनिक परिवेश के युवा बड़े-बूढ़ों के साथ बहुत कम समय व्यतीत करते हैं इसलिए सोच एवं दृष्टिकोण में अधिक अन्तर आ गया है। युवा पीढ़ी की यही नई सोच बुजुर्गों को अच्छी नहीं लगती।

43. लेखक के अनुसार किस पर बाजार का जादू नहीं चल सकता था और क्यों ?

उत्तर - जिन लोगों की क्रय-शक्ति होने पर भी मन भरा हुआ हो, अर्थात् उसमें किसी चीज को लेने का निश्चित. .. लक्ष्य हो, उपयोगी सामान खरीदने की जरूरत हो और अन्य कोई लालसा न हो, ऐसे लोगों पर बाजार का जादू नहीं चलता है।

44. लुट्टन पहलवान ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं, यही ढोल है ?

उत्तर - लुट्टन ने कुश्ती के दाँव-पेंच किसी गुरु से नहीं बल्कि ढोल की आवाज से सीखे थे। ढोल से निकली हुई ध्वनियाँ उसे दाँव-पेच सिखाती हुई और आदेश देती हुई प्रतीत होती थी। जब ढोल पर थाप पड़ती थी तो पहलवान की नसें उत्तेजित हो जाती थी वह लड़ने के लिए मचलने लगता था। इसलिए लुट्टन पहलवान ने ऐसा कहा होगा कि मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं, यही ढोल है।

45. शिरीष का फूल शकुंतला के चित्त को किस प्रकार प्रभावित कर रहा था ?

उत्तर - दुष्यंत ने शकुंतला का चित्र बनाया था, परंतु उन्हें उसमें संपूर्णता नहीं दिखाई दे रही थी। काफी देर बाद उनकी समझ में आया कि शकुंतला के कानों में शिरीष पुष्प नहीं पहनाए थे, गले में मृणाल का हार पहनाना भी शेष था।

46. स्वयं कविता रच लेने का आत्मविश्वास लेखक के मन में कैसे पैदा हुआ ?

उत्तर - मराठी के अध्यापक सौंदलगेकर कविता के अच्छे रसिक व मर्मज्ञ थे। वे कक्षा में सस्वर कविता-पाठ करते थे तथा लय, छंद गति, आरोह-अवरोह आदि का ज्ञान कराते थे। उनसे प्रेरित होकर लेखक कुछ तुकबंदी करने लगा। उन्हें यह ज्ञान हुआ कि वे अपने आस-पास के दृश्यों पर कविता बना सकते है। धीरे-धीरे उनमें कविता रचने का आत्मविश्वास बढ़ने लगा।

Section - C

(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)

किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें। 5 x 4 = 20

47. 'मेरा प्यारा भारत देश' विषय पर निबन्ध लिखिए ।

उत्तर - प्रस्तावना: मुझे मेरे देश भारत पर गर्व है। हमारे देश की परंपरा और संस्कृति से दुनिया प्रेरित है। हमारे देश में  कई  भाषाएं बोली जाती है। हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है।  यहां लोग जिस धर्म को चाहे उसे मान सकते है। यहाँ हिन्दू , मुस्लिम , सिख , ईसाई सभी धर्म के लोग एक साथ रहते है। यहां के देशप्रेमी और देशवासी अपने देश को अपनी माँ के समान प्यार करते है। देश का सम्मान और देश के लिए मर मिटने वाला प्यार देशभक्ति कहलाती है । हमारा देश हमारे लिए अत्यंत प्रिय है। यहां के अन्न और जल से हम विकसित हुए है।

भारत के खूबसूरत पहाड़ और नदियाँ उसकी सुंदरता को और अधिक  बढ़ाते है। भारत में विभिन्न भाषाएं बोलने वाले लोग रहते है। यहां के लोग अपने धर्म और परम्पराओ से बेहद जुड़े हुए है। यहाँ हर व्यक्ति एक दूसरे के धर्म का सम्मान करता है।

भारत एक बहुत बड़ा देश है। भारत में कुल २९ राज्य है।भारत हर क्षेत्र में विकास कर रहा है।हमारे देश का नाम भारत है। भारत को हिन्दुस्तान के नाम से जाना जाता है।  भारत को अंग्रेजी में इंडिया कहा जाता है।कहा जाता है राजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा।

भारत में  सात केंद्रशासित प्रदेश है। भारत की राजधानी दिल्ली है। हमारा देश बड़ी आबादी वाला देश है। यहां सभी लोग एक साथ त्यौहार मनाना पसंद करते है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी है। वह देश के सभी जिम्मेदारियों को संभालते है। हर  त्यौहार चाहे वह स्वतंत्रता दिवस हो , या गणतंत्र दिवस हो , होली , दिवाली इत्यादि  त्यौहार लोग मिल जुलकर मनाते है।

हमारे देश का गौरव हिमालय पर्वत सर ऊँचा करके खड़ा है। हमारे देश का मुकुट है हिमालय पर्वत। हमारा देश कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ है। पश्चिम दिशा में गुजरात से लेकर पूर्व दिशा में असम तक फैला हुआ है ।हमारे देश की संस्कृति और सभ्यता की तारीफ़ पूरी दुनिया करती है।

हमारे देश के इतिहास और संस्कृति , परम्पराओ के विषय में शोधकर्ता आज भी अनुसंधान कर रहे है। हमारी जन्मभूमि पर   कई सम्राटों ने  राज किया है। एक वक़्त था जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। सब की नज़र भारत के धन दौलत पर थी। अंग्रेज़ो ने हमारे देश पर कई जुल्म ढाये।

देशवासियों ने अपने आज़ादी के लिए कई लड़ाईयां लड़ी।  क्रांतिकारियों ने अपने प्राणो का बलिदान दिया और तब जाकर पंद्रह अगस्त १९४७ को देश ने आज़ादी का सूरज देखा।सभी तरह के ऋतुओं का आनंद हमारे देश में लोग लेते है। हमारे देश के सुन्दर पहाड़ और गहरा समुन्दर देश की सुंदरता को बढ़ा देता है।

भारत में हर धर्म का सम्मान किया जाता है। यहां गिरजाघर , गुरुद्वारा , मंदिर , मस्जिद जहां चाहे वहाँ लोग  जा सकते है।भारत में कई तरह के भाषाएं बोलने वाले लोग रहते है। सभी के रहन सहन , खान पान और पोशाक में अंतर है।  लेकिन फिर भी सभी देशवासी एक साथ प्यार के साथ रहते है। सभी अनेकता में एकता की मिसाल देते हुए नज़र आते है।

देशवासी सभी धर्मो को एक समान  समझते है।  हमारे देश में जितनी ख़ुशी के साथ दिवाली और दुर्गापूजा मनाई जाती है , उतनी ही ख़ुशी के साथ ईद और क्रिसमस भी  मनाया जाता है। यहां के लोग आधुनिक तो बन गए है मगर दिल से अपनी परंपरा और संस्कृति को नहीं भूले है।

हमारे देश में कोयला , लोहा , यूरेनियम इत्यादि धातु पाए जाते है।  हमारे देश की सैन्य शक्ति बल बहुत मज़बूत है। स्वतंत्रता प्राप्त करने के पश्चात देश का संविधान २६ जनवरी १९५० में आरम्भ किया गया था । भारत की सुंदरता को देखकर सब इस देश की ओर आकर्षित हो जाते है और उसे जानना चाहते है।

कश्मीर को हमारे देश का स्वर्ग कहा जाता है। कश्मीर की खूबसूरती को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते है। भारत के हर एक राज्य की अपनी ही अलग ही संस्कृति और खूबसूरती है। उत्तर पूर्वी राज्यों की सुंदरता और वादियों का आनंद सभी लेते है।  केरल की हरियाली और खूबसूरती को ब्यान करना मुश्किल है।  हर राज्य का अपना अलग रंग  होता  है।  कहने का तात्पर्य है हर राज्य की अपनी अलग खूबसूरती होती   है। यह हमारे देश को बाकी देशो की तुलना में सबसे अलग बनाता है|

निष्कर्ष

हमारा देश आज हर क्षेत्र में  प्रगति कर रहा है। आज हमारा  देश आत्मनिर्भर बन चूका है। हालांकि भारत को अब भी विकाशील देशो में गिना जाता है। अब देश को और जागरूक होने की ज़रूरत है। सभी देशवासियों को एक जुट होकर देश की उन्नति में साथ देना चाहिए। भ्रष्टाचार और राजनीति ने हमारे देश की प्रगति को खोखला कर दिया है। देश की सरकार को अपनी जिम्मेदारी पूरे निष्ठा और सच्चाई के साथ निभानी चाहिए। देशवासी को भी अपनी जिम्मेदारी सच्चाई के साथ निभानी चाहिए तभी एक विकसित देश का निर्माण हम सब कर सकते है। हमें  अपने देश की कठिनाईयों को दूर करने में  सहयोग देना चाहिए।  देशवासियों का कर्त्तव्य है कि वह अपने देश के प्रति जिम्मेदारियों को निभाए  तभी एक उन्नत राष्ट्र का निर्माण संभव है।  हमारा देश हमे प्राणो से भी अधिक प्यारा है। जय हिन्द

अथवा

'महानगरों में बढ़ता प्रदूषण' विषय पर निबन्ध लिखिए।

उत्तर - प्रस्तावना : विज्ञान के इस युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले है, वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप हैं जो विज्ञान की कोख में से जन्मा हैं और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर हैं।

प्रदूषण का अर्थ : प्रदूषण का अर्थ है -प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना।

प्रदूषण कई प्रकार का होता है! प्रमुख प्रदूषण हैं - वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण । 

वायु-प्रदूषण : महानगरों में यह प्रदूषण अधिक फैला है। वहां चौबीसों घंटे कल-कारखानों का धुआं, मोटर-वाहनों का काला धुआं इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में सांस लेना दूभर हो गया है। मुंबई की महिलाएं धोए हुए वस्त्र छत से उतारने जाती है तो उन पर काले-काले कण जमे हुए पाती है। ये कण सांस के साथ मनुष्य के फेफड़ों में चले जाते हैं और असाध्य रोगों को जन्म देते हैं! यह समस्या वहां अधिक होती हैं जहां सघन आबादी होती है, वृक्षों का अभाव होता है और वातावरण तंग होता है।

जल-प्रदूषण : कल-कारखानों का दूषित जल नदी-नालों में मिलकर भयंकर जल-प्रदूषण पैदा करता है। बाढ़ के समय तो कारखानों का दुर्गंधित जल सब नाली-नालों में घुल मिल जाता है। इससे अनेक बीमारियां पैदा होती है।

ध्वनि-प्रदूषण : मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परन्तु आजकल कल-कारखानों का शोर, यातायात का शोर, मोटर-गाड़ियों की चिल्ल-पों, लाउड स्पीकरों की कर्णभेदक ध्वनि ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया है।

प्रदूषणों के दुष्परिणाम: उपर्युक्त प्रदूषणों के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। खुली हवा में लम्बी सांस लेने तक को तरस गया है आदमी। गंदे जल के कारण कई बीमारियां फसलों में चली जाती हैं जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियां पैदा करती हैं। भोपाल गैस कारखाने से रिसी गैस के कारण हजारों लोग मर गए, कितने ही अपंग हो गए। पर्यावरण-प्रदूषण के कारण न समय पर वर्षा आती है, न सर्दी-गर्मी का चक्र ठीक चलता है। सुखा, बाढ़, ओला आदि प्राकृतिक प्रकोपों का कारण भी प्रदूषण है।

प्रदूषण के कारण : प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूलन, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं। प्राकृतिक संतुलन का बिगड़ना भी मुख्य कारण है। वृक्षों को अंधा-धुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है। 

सुधार के उपाय : विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से ओतप्रोत हों। कल-कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए।

48. मित्र को ग्रीष्मावकाश साथ व्यतीत करने के लिए पत्र लिखिए ।

उत्तर - हजारीबाग,

10 मई, 2024

प्रिय नरेश

सप्रेम नमस्ते!

यहाँ सब सकुशल हैं और तुम्हें सानन्द चाहते हैं। मेरी वार्षिक परीक्षा पूरी हो गई है। तुम्हारी परीक्षा भी | समाप्त हो गई होगी। मेरी हार्दिक इच्छा है कि इस बार ग्रीष्मावकाश में तुम हमारे यहाँ आ जाओ। मैंने माताजी से इस सम्बन्ध में स्वीकृति ले ली है। यहाँ हजारीबाग में अनेक पर्यटन स्थल हैं । दोनों मित्र साथ-साथ रहकर ग्रीष्मकाल का सुखद उपयोग कर सकेंगे। मेरा यह आग्रह अवश्य ही स्वीकार करना।

अपने पिताजी एवं माताजी को मेरा प्रणाम कहना।

तुम्हारा स्नेही,

विनोद

49. जनसंचार की व्याख्या करते हुए इसके माध्यम का उल्लेख करें ।

उत्तर - प्रत्यक्ष संवाद के बजाय किसी तकनीकी या यान्त्रिक माध्यम के द्वारा समाज के एक विशाल वर्ग से संवाद कायम करना जनसंचार कहलाता है।

जनसंचार माध्यमों को हम तीन भागों में विभक्त कर सकते हैं:-

1. शब्द संचार माध्यम जैसे समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ एवं पुस्तकें

2. श्रव्य संचार माध्यम - रेडियो, कैसेट, टेपरिकार्डर

3. दृश्यसंचार माध्यम - दूरदर्शन, वीडियो, फिल्म

उपर्युक्त के अतिरिक्त अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से जनसंचार माध्यमों के इन  प्रकार होते हैं:-

1. जनसंचार के परम्परागत जनसंचार माध्यम

2. जनसंचार के मुद्रित माध्यम

3. जनसंचार के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (दृश्य-श्रव्य माध्यम)

1. जनसंचार के परम्परागत जनसंचार माध्यम

प्राचीन काल में जनसंचार का माध्यम संगीत और नृत्य हुआ करते थे। संगीत परम्परा वैदिक काल से ही चली आ रही है। सामवेद संगीत का आदि स्रोत माना जाता है। धार्मिक तथा सामाजिक अवसरों पर जनता में नृत्य की प्रथा प्रचलित थी।

यूरोप में आज से पच्चीस सौ वर्ष पूर्व यूनानी रंगमंच की शुरुआत हुई और जनसंचार का प्रथम माध्यम रंगमंच बना। स्वांग, नकल, लोकनृत्य, लोककथाएँ, लोकनाट्य, लोकगीत, कठपुतली, नौटंकी, भरत, रामलीला, रासलीला, तमाशा आदि परम्परागत जनसंचार माध्यम है।

2. जनसंचार के मुद्रित माध्यम

मुद्रण माध्यम अन्य आधुनिक माध्यमों की अपेक्षा सबसे प्राचीन है। मुद्रण के अन्तर्गत समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, जर्नल, पुस्तकें इत्यादि शब्द माध्यम आते है। ये लिखित माध्यम आज भी अन्य आधुनिक जनसंचार माध्यमों की अपेक्षा अत्यधिक विश्वसनीय है क्योंकि मुद्रण माध्यम अन्य माध्यमों की अपेक्षा अधिक स्वतंत्र हैं। और स्वषासित है।

1. पुस्तक: किसी भी लिखित अथवा मुद्रित संयोजन को पुस्तक कहते हैं। पुस्तक शब्द का अत्यन्त व्यापक अर्थ है। इसके अन्तर्गत विभिन्न स्वरुपों में और सभी प्रकार की पाठ्य-सामग्री, जिसके द्वारा पाठकों की सामान्य, विशिष्ट, शोध सम्बन्धी मनोरंजनात्मक अथवा सूचना स्रोत के रूप में परामर्श सम्बन्धी आवश्यकताएँ पूर्ण होती हों आदि को सम्मिलित स्वरुप में पुस्तक कहा जाता है।

पुस्तकें भी अनेक प्रकार की हो सकती हैं जैसे पाठ्य-पुस्तकें, निबन्धात्मक, मोनोग्राफ, गौरवग्रन्थ, सन्दर्भ-पुस्तकें आदि। इन सभी पुस्तकों की प्रकृति और उपयोग भिन्न-भिन्न हैं।

 साधारण पुस्तक जहाँ निरन्तर अध्ययन के लिए होती है, वहीं सन्दर्भ पुस्तक समय-समय पर किसी विशिष्ट सूचना को प्राप्त करने हेतु उपयोग में लायी जाती है। संचार करने का एक सशक्त माध्यम है।

2. समाचार पत्र: प्रजातांत्रिक युग में जन-जन तक सूचनाओं का संचार करने का एक सशक्त, सरल और सस्ता माध्यम है। दैनिक गतिविधियों की विस्तृत सूचनाएँ समाचार-पत्र में मिल जाती हैं। विश्व की लगभग हर भाषा में समाचार-पत्र प्रकाशित हो रहे हैं। सर्वाधिक समाचार-पत्र अंग्रेजी और हिन्दी भाषा में प्रकाशित होते हैं। सामान्यतः समाचार-पत्रों से अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, स्थानीय, व्यापारिक, खेल सम्बन्धी, मनोरंजनात्मक तथा दैनिक जीवन में आवश्यक अन्य प्रकार की जानकारियाँ उपलब्ध होती हैं।

समाचार-पत्र दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक अथवा मासिक भी होते हैं। आवश्यकतानुसार सुबह के संस्करण के साथ-साथ सॅाध्य संस्करण भी निकाले जाते हैं। सम-सामयिक घटनाओं, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की जानकारी, समीक्षात्मक लेख और विज्ञापनों के लिए समाचार-पत्रों का उपयोग बहुलता में किया जाता है।

3. पत्रिकाएँ: पत्रिकाएँ एक निश्चित समय अन्तराल पर प्रकाशित होती हैं जैसे मासिक, पाक्षिक, त्रैमासिक, साप्ताहिक आदि। इनमें लेखों का संकलन होता है। पुस्तकों की भाँति इनमें विचारों की निरन्तरता नहीं होती। पुस्तक जहाँ ज्ञान से सम्बन्धित होती है वहीं पत्रिकाएँ नवोदित विचारों, घटनाओं और गतिविधियों पर लेख प्रदान करती हैं।

3. जनसंचार के इलेक्टॉनिक माध्यम (दृश्य-श्रव्य माध्यम)

रेडियो, टेलीविजन और फिल्मों के माध्यम ने समाज की तस्वीर बदल दी है। इन तीन माध्यमों के द्वारा जन-जन तक उनकी रुचि, और आवश्यकता की पूर्ति हेतु, उनके सर्वांगीण विकास हेतु तथा मनोरंजन हेतु अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। सामाजिक कुरीतियों और समस्याओं पर फिल्में बनाकर जन-जागृति लाने के प्रयास किये जाते हैं। ये माध्यम साक्षर एवं निरक्षर दोनों के लिए उपयोगी हैं।

इलेक्ट्राॅनिक माध्यम के द्वारा संचार इतना प्रभावी होता है कि जन साधारण इसमें पूरी तरह रम जाते हैं और इसे अपने दैनिक जीवन का ही एक हिस्सा मानने लगते हैं। आधुनिक युग में मोबाइल भी एक सशक्त संचार माध्यम है।

अ. रेडियो: यह जनसंचार का एक प्रमुख माध्यम है।

ब. टेलीविजन: टेलीविजन अद्भुत संचार माध्यम है। प्रकृति के अनेक रहस्यों और सुन्दर दृश्य चित्रों का परिचय प्राप्त होता है। पृथ्वी, समुद्र, आकाश, वन्य जीवन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्यों की दृश्यात्मक जानकारी रोचक ढंग से प्राप्त होती है।

स. सिनेमा: व्यक्तिगत भावनाओं, इच्छाओं, विशेषताओं, प्रेरणाओं, मूल्यों, आवश्यकताओं, आदतों को प्रभावित करने के लिए सिनेमा एक सशक्त माध्यम है। सिनेमा के माध्यम से विभिन्न शैक्षणिक, सामाजिक, नैतिक और राजनैतिक क्षेत्रों पर संदेशात्मक फिल्में बनायी जाती हैं जो जन साधारण के मन मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ती हैं तथा मानव मूल्यों, कर्तव्यों, अधिकारों और दायित्वों का बोध करवाती हैं।

द. मोबाइल: आज मोबाइल फोन भी जनसंचार का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। शिक्षा, बैंक, व्यापार, सामाजिक गतिविधियों, शोध और विकासात्मक कार्यों के लिखित और ध्वनि संदेशों के संचार हेतु मोबाइल एक सशक्त माध्यम है। यह साक्षर और निरक्षर दोनों के लिए उपयोगी है। ध्वनि संचार के उपयोग से उपयोगी सूचनाएँ जन-जन तक पहुँच जाती हैं। इस चल तकनीक के माध्यम से उपयोगी सन्देशों का संचार सीधे श्रोता तक किसी भी क्षण किया जा सकता है। मोबाइल पर एक ही अभिरुचि के लोग ग्रुप बनाकर वाट्सअप के माध्यम से परस्पर उपयोगी सूचनाओं का आदान-प्रदान धड़ल्ले से कर रहे हैं।

4. नव इलेक्ट्रॉनिक जनसंचार माध्यम

1. उपग्रह :- एक नवीनतम सुविकसित इलेक्ट्रॉनिक माध्यम उपग्रह (सैटेलाइट) भी है। उपग्रहों के कारण आजकल संचार की दुनिया में पर्याप्त विकास हुआ हे। इसके लिए विशवत् रेखा के ऊपर एक निश्चित ऊँचाइ्र पर उपग्रह स्थापित किया गया है। इन उपग्रहों को भूस्थिर उपग्रह की संज्ञा दी जाती है। ये उपग्रह अर्थात भूस्थिर उपग्रह प्रसारण की सुविधा प्रदान करते है, जिससे अन्तर्राश्ट्रीय संचार प्रणाली विकसित होती है। कई उपग्रह जब पृथ्वी की कक्षा में एक स्थान पर स्थिर हो जाता है तो वह पृथ्वी के साथ-साथ घूमने लगता हे इस प्रकार उपग्रह का परिक्रमा करने का समय एवं पृथ्वी के स्वयं अपनी कक्षा में घूर्णन का समय समान होता है। अत: इनको सुविधापूर्वक संचार उपग्रहों की तरह इस्तेमाल किया जाता है।

पृथ्वी की विभिन्न कक्षाओं में सन् 1956 के बाद कई कृत्रिम उपग्रह स्थापित किये गये है। इन उपग्रहों को राकेट की सहायता से स्थापित किया जाता है, जिसे राकेट लांचर कहा गया है। इन उपग्रहों द्वारा भेजे गये समाचार एवं सुचनाएँ दिन-रात पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे है, जिनको दुनिया भर के देष रेडियो, टेलीविजन केन्द्रों द्वारा प्राप्त कर सकते है। यह उपग्रह का ही चमत्कार है कि एक समाचार-पत्र के कई-कई संस्करण एक साथ अलग-अलग स्थानों से प्रकाशित हो रहे है। चेन्नई से प्रकाशित ‘‘दि हिन्दू’’ समाचार पत्र, हरियाणा के गुडगाँव से उसी समय प्रकाशित हो जाता है।

आज समाचार, लम्बे लेख, चित्र आदि पलक झपकते हीुैक्स द्वारा सात समुंदर पर भी ज्यों का त्यों पहुँच जाता है। तात्पर्य यह है कि इस नव इलेक्ट्रॉनिक जनसंचार माध्यम उपग्रह ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अनूठी क्रांति घटित कर दी है। इस काम में उत्कृष्ट रूप से विकसित कम्प्यूटर भी हमारी बहुत सहायता कर रहा हे।

2. इंटरनेट :- उपग्रह ने सूचना क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है। आज हमारे सभी जनसंचार माध्यम टेलीफोन, माध्यम मोबाइल, टी.वी कम्प्यूटर आदि उपग्रह से जुडे है और प्रभावशाली ढंग से संचार प्रक्रिया में लगे है। धीरे-धीरे हम इंटरनेट के माध्यम से नव इलेक्ट्रॉनिक समाचार पत्र की ओर बढ़ रहे है। उपग्रहों ओर कम्प्यूटरों की संचार क्रांति ने साधारण अखबारों .के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। मीडिया विशेषज्ञ अब यह कहने लगे है कि भविष्य में समाचार पत्र छपेंगे नहीं, कम्प्यूटर के परदे पर पढ़े जायेंगे और अब यह धारणा साकार होने लगी हे।

50. निम्न का काव्य-सौन्दर्य स्पष्ट कीजिये:

मुझसे मिलने को कौन विकल ?

मैं होऊँ किसके हित चंचल ?

यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विद्धलता है।

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।

उत्तर - संदर्भ- प्रस्तुत पदयांश हमारी पाठ्य पुस्तक आरोह मे संकलित कविता दिन जल्दी जल्दी ढलता है से अवतरित है इसके रचियता हरिवंश राय बच्चन जी है।

प्रसंग- प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने एकाकी जीवन की कुण्ठा का यथार्थवादी वर्णन किया है।

भावार्थ - कवि कहता है कि इस जग में वह अकेला ही है। जीवन पथ पर बढ़ते बढ़ते वह सोचने लगता है कि उसका कोई ऐसा अपना प्रिय नहीं है जो उससे मिलने की आस में प्रतीक्षारत हो। इसलिए, मैं किसका चेहरा स्मरण कर, किसके हितार्थ अपने गन्तव्य की ओर व्यग्रता के साथ बढ़ूँ? भावनाओं के अथाह सागर में गोते लगाते हुए कवि सोचता है कि जीवन पथ पर चलते हुए उपर्युक्त प्रश्न पैरों में बेड़ियाँ डाल देते हैं। बढ़ते कदम सुस्त हो जाते हैं और हृदय वेदना और व्याकुलता से भर उठता है। और इधर कवि की बेचैनी से बेपरवाह दिन जल्दी-जल्दी व्यतीत होता है।

काव्य-सौन्दर्य-

(1) कवि ने अपने एकाकी जीवन से उत्पन्न कुण्ठा का सजीव वर्णन किया है।

(2) 'मुझसे मिलने' में अनुप्रास एवं 'मैं होऊँ किसके हित चंचल?' में प्रश्नालंकार है।

(3) 'जल्दी-जल्दी' में पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार है।

(4) भाषा सहज, सरल, सरस तत्सम तद्भव शब्द प्रधान खड़ी बोली है।

शब्दार्थ-

विकल = व्याकुल, आतुर ।

चंचल = उतावला, गतिशील व्यग्र।

शिथिल = ढाला, सुस्त, मंद,।

उर = हृदय।

विह्वलता = व्याकुलता, बेचैनी, भाव, आतुरता।

51. अपने विद्यालय के वार्षिकोत्सव पर एक आलेख लिखें।

उत्तर - गत 23 जनवरी, 2024 को हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव हुआ। नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी श्री श्याम बहादुर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। इस वर्ष विद्यालय में काफी उत्साह देखा गया। विद्यालय को पूरी तरह सजाया-सँवारा गया। ठीक 11.00 बजे कार्यक्रम आरंभ हुआ। पहले एन.सी.सी., स्काउट तथा बैंड के छात्रों ने स्वागत-कार्यक्रम प्रस्तुत किए। फिर मलखंभ, ड्रिल, डंबल, लेजियम के आकर्षक कार्यक्रम हुए। तत्पश्चात मंच के कार्यक्रम प्रारंभ हुए। विद्यालय के छात्रों ने मंत्रमुग्ध करनेवाले अभिनय और गीत प्रस्तुत किए। प्राचार्य महोदय ने विद्यालय की प्रगति की रिपोर्ट पेश करते हुए विज्ञान के छात्रों के लिए नई प्रयोगशाला की कमी का उल्लेख किया। प्राचार्य के भाषण के बाद मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की ध्वनि से गूँज उठा। मुख्य अतिथि ने प्रतिभाशाली छात्रों को चहुँमुखी उन्नति की दिशा में बढ़ने की प्रेरणा दी तथा उनके प्रोत्साहन के लिए कई पुरस्कार-योजनाएँ शुरू करने की भी घोषणा की। अंत में इस वर्ष के पुरस्कार-विजेताओं को मुख्य अतिथि के हाथों से पुरस्कृत किया गया। इस प्रकार यह कार्यक्रम सोल्लास संपन्न हुआ।

52. पत्रकारिता किसे कहते हैं ? पत्रकारिता के प्रकारों को लिखिए ।

उत्तर - पत्रकारिता का संबंध सूचनाओं को संकलित और संपादित कर पाठकों तक पहुँचाना है। समाचारों के संपादन में तथ्यपरकता, वस्तुपरकता, निष्पक्षता और संतुलन जैसे सिद्धांतों का ध्यान रखना पड़ता है लेकिन पत्रकारिता का संबंध केवल समाचारों तक सीमित नहीं है, इसमें संपादकीय, लेख, कार्टून और फोटो भी शामिल हैं।

पत्रकारिता के प्रमुख प्रकार ये हैं-

(1) खोजपरक पत्रकारिता

(2) वॉच डॉग पत्रकारिता

(3) एडवोकेसी पत्रकारिता

(4) विशेषीकृत पत्रकारिता

(5) वैकल्पिक पत्रकारिता

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विषय सूची

आरोह भाग -2

काव्य - खंड

1.

हरिवंशराय बच्चन -आत्मपरिचय ,एक गीत

2.

आलोक धन्वा-पतंग

3.

कुँवर नारायण-कविता के बहाने,बात सीधी थी पर

4.

रघुवीर सहाय-कैमरे में बंद अपाहिज

5.

गजानन माधव मुक्तिबोध-सहर्ष स्वीकारा है

6.

शमशेर बहादुर सिंह-उषा

7.

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-बादल राग

8.

तुलसीदास-कवितावली (उत्तर कांड से),लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप

9.

फिराक गोरखपुरी-रुबाइयाँ,गज़ल

10.

उमाशंकर जोशी-छोटा मेरा खेत,बगुलों के पंख

11.

महादेवी वर्मा-भक्तिन

गद्य - खंड

12.

जैनेन्द्र कुमार-बाज़ार दर्शन

13.

धर्मवीर भारती-काले मेघा पानी दे

14.

फणीश्वरनाथ रेणु-पहलवान की ढोलक

15.

विष्णु खरे-चार्ली चैप्लिन यानी हम सब

16.

रज़िया सज्जाद ज़हीर-नमक

17.

हजारी प्रसाद द्विवेदी-शिरीष के फूल

18.

बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर-श्रम विभाजन और जाति-प्रथा,मेरी कल्पना का आदर्श समाज

वितान भाग- 2

1.

मनोहर श्याम जोशी -सिल्वर वैडिंग

2.

आनंद यादव- जूझ

3.

ओम थानवी- अतीत में दबे पाँव

4.

ऐन फ्रैंक- डायरी के पन्ने

अभिव्यक्ति और माध्यम

1.

अनुच्छेद लेखन

2.

कार्यालयी पत्र

3.

जनसंचार माध्यम

4.

संपादकीय लेखन

5.

रिपोर्ट लेखन

6.

आलेख लेखन

7.

पुस्तक समीक्षा

8.

फीचर लेखन

Solved Paper 2023

Arts Paper,

Science/Commerce Paper

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