प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Hindi Core
6. आलेख लेखन
प्रश्न- 1. आलेख से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
आलेख गद्य लेखन की विधा है। आलेख दो शब्दों से मिलकर बना है- आ + लेख। 'आ' उपसर्ग
यह प्रकट करता है कि लेख सर्वांगपूर्ण और सम्यक् हो और लेख अर्थात किसी एक विषय पर
उससे संबंधित विचार। अतः 'आलेख' गद्य लेखन की वह विधा है, जिसमें किसी एक विषय पर
सर्वांगपूर्ण तथा सम्यक् विचार होते हैं। आलेख किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो सकते
हैं जैसे- खेल, राजनीति, फिल्म आदि । आलेख में विषय की तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक
अथवा विचारात्मक जानकारी होती है।
आलेख
समाचारेत्तर साहित्य और उससे भिन्न पत्रकारीय लेखन का ही एक विशिष्ट रूप है,
जिसमें विविध तत्वों जैसे- प्रामाणिकता, गंभीरता, बौद्धिकता, बहुआयामी व्यापकता
एवं सामाजिकता की उपस्थिति अनिवार्य होती है। इन तत्वों की उपस्थिति में ही आलेख
अपना पूर्ण स्वरूप ग्रहण करता है।
आलेख
में मुख्य रूप से दो अंग प्रयुक्त होते हैं। प्रथम अंग है भूमिका तथा द्वितीय व
महत्वपूर्ण अंग है विषय का प्रतिपादन | भूमिका के अंतर्गत शीर्षक का अनुरूपण किया
जाता है तथा विषय के प्रतिपादन में विषय का क्रमिक विकास तारतम्यता और क्रमबद्धधता
का ध्यान रखा जाता है तथा अंत में तुलनात्मक विश्लेषण करके निष्कर्ष निकाला जाता
है।
प्रश्न-2. एक अच्छे आलेख में कौन-कौन से गुण होते हैं?
उत्तर-
एक अच्छे एवं सार्थक आलेख में निम्नलिखित गुण अथवा विशेषताएं होती हैं-
1.
एक अच्छा आलेख नवीनता और ताजगी से भरा होता है।
2.
उसमें जिज्ञासा उत्पन्न करने की शक्ति होती है।
3.
विचार स्पष्ट होते हैं।
4.
भाषा अत्यंत सरल, सुगम तथा प्रभावी होती है।
5.
विचारों की पुनरावृत्ति नहीं होती।
प्रश्न 3. आलेख और फीचर में क्या अंतर है?
उत्तर-
आलेख का विषय विवेचन विस्तृत और गहन रूप से होता है। इसका लेखन करते समय विभिन्न
पुस्तकों, आकड़ों, तथ्यों का अध्ययन करना पड़ता है। फीचर लेखन में लेखक को अपने
आंख, कान, भावनाओं, अनुभूतियों, मनोवेगों और अंवेषणों का सहारा लेना पड़ता है।
आलेख
की भाषा शैली गंभीर और नीरस होती है जबकि फीचर मनोरंजक, अनौपचारिक बातचीत की शैली
में लिखा जाता है।
आलेख
में सामान्यतः किसी समस्या विशेष या उसके अन्य किसी पहलू का सूक्ष्म एवं गहन
अध्ययन होता है किंतु फीचर में विषय के अधिक गहराई में जाना अनुपयुक्त समझा जाता
है।
आलेख
में बौद्धिकता की प्रधानता होती है, तो फीचर में बौद्धिकता के स्थान पर हृदय पक्ष
को विशेष महत्व दिया जाता है।
आलेख
लेखक अपनी राय प्रत्यक्ष रूप से रख सकता है, लेकिन फीचर लेखक पाठकों को ही विचार
करने के लिए बाध्य करता है, स्वयं उसमें समाविष्ट नहीं होता।
प्रश्न 4. निम्नलिखित विषयों पर आलेख लिखिए-
क.
जीवन संघर्ष है, स्वप्न नहीं
मनुष्य
का जीवन वास्तव में सुख-दुख, आशा-निराशा, उत्थान-पतन आदि का मिश्रण है। जीवन एक
निरंतर चलने वाले संघर्ष का नाम है। जीवन की गति अविरल है। समय के साथ-साथ आगे
बढ़ते रहने की प्रबल मानवीय लालसा ही जीवन है। जीवन में अनेक ऊंचे-नीचे रास्ते एवं
अनेक बाधाएं आती रहती हैं। इन्हीं बाधाओं से संघर्ष करते हुए जीवन आगे बढ़ता रहता
है। यही कर्म है व यही सत्य है। जीवन में आने वाली बाधाओं से घबराकर रुक जाने वाला
या पीछे हट जाने वाला व्यक्ति कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। निरंतर उत्साह,
उमंग, विश्वास, प्रेम एवं साहस के साथ जीवन को जीना ही जीवन का सार है।
जीवन
सत्य है जबकि स्वप्न काल्पनिक व अवास्तविक है। स्वप्न का महत्व केवल वहीं तक है,
जहां तक वह मनुष्य के जीवन को आगे बढ़ाने में प्रेरक होता है। मनुष्य स्वप्न के
माध्यम से ही ऐसी कल्पनाएं करता है, जो अवास्तविक होती हैं, लेकिन उस काल्पनिक लोक
को वह अपने परिश्रम उमंग एवं दृढ़ इच्छाशक्ति से यथार्थ एवं वास्तविकता में
परिवर्तित कर देता है। वास्तविक जीवन एक कर्तव्य पथ है, जिसके मार्ग में अनेक फूल
बिखरे पड़े हैं, लेकिन मनुष्य की इच्छा शक्ति एवं दृढ़ संकल्प बाधाओं व कांटों की
परवाह नहीं करता और उन्हें रौंद कर आगे निकल जाता है।
जीवन
संघर्ष की लंबी साधना है। यह संघर्ष तब तक बना रहता है, जब तक मनुष्य के शरीर में
सांस चलती रहती है। आदिम अवस्था में अंधकारमय गुफा में निवास करने वाला मनुष्य
जीवन के संघर्ष के मार्ग से गुजरकर ही सभ्यता के ऊंचे दुर्गों का निर्माण कर सकता
है। संघर्ष के मार्ग में ही हमें जीत की ऊंची चोटियां मिलती हैं। प्रकृति एवं
प्रतिकूल परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए ही मनुष्य ने समाज एवं परिवार के विकास
की लंबी गाथाएं लिखी हैं। मनुष्य जीवन का सबसे महान आदर्श है- अंधकार से प्रकाश की
ओर चलना व ज्ञान की अमरता की ओर बढ़ना, इस प्रक्रिया में उसे निरंतर संघर्ष से
गुजरना पड़ता है। संघर्ष है, इसलिए गति है, और गति है, तो जीवन है।
जीवन वृत्ति स्वप्न की भांति असत्य नहीं है। सपने अल्पकालीन एवं परिवर्तनशील होते हैं। जीवन व्यवहार है, जिसमें सत्य समाहित होता है। यहां बिना परिश्रम किए और बिना मूल्य चुकाए कुछ भी प्राप्त नहीं होता। अतः कहा जा सकता है। कि जीवन स्वप्न तथा अयथार्थ या काल्पनिक नहीं, बल्कि वास्तविकता का कटु यथार्थ है, जहां कदम कदम पर कुछ भी प्राप्त करने के लिए संघर्ष से गुजरना ही पड़ता है।
(ख) बचत का महत्व
आज
समाज में उपभोक्ता संस्कृति का प्रचार-प्रसार होने से सामाजिक ढांचे में आमूल चूल
परिवर्तन हुआ है। पुरानी पीढ़ी की सोच सादा जीवन उच्च विचार नई पीढ़ी मैं बदलने
लगी है। आज लोग अपने सुख-सुविधाओं के लिए आमदनी से अधिक खर्च करने लगे हैं, जिसके
कारण जीवन में अर्थाभाव बना रहता है। मनुष्य के ऊपर कर्ज हो जाता है और व्यक्ति
अनेक मानसिक परेशानियों का शिकार हो जाता है।
नई
पीढ़ी भौतिकवादी दृष्टिकोण की पक्षधर होती जा रही है। उनकी सोच खाओ, पीओ और मौज
मनाओ के सिद्धांत पर आधारित हो चली है। विज्ञापित और ब्रांडेड वस्तु की चाहत में
आज का युवा वर्ग कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाता है। अपनी इच्छा पूर्ति के लिए
उसे न अपने चरित्र का ध्यान रहता है और न ही कर्त्तव्यों का। स्वार्थ में डूबा आज
का युवा बचत जैसी कोई योजना नहीं अपनाता । मेहनत से अर्जित धन बर्बाद करता हुआ,
विनाश की ओर बढ़ता जाता है।
बचत
का तात्पर्य यह बिल्कुल नहीं है कि व्यक्ति अपनी सुख-सुविधाओं को एक और रखकर केवल
धन संचय करने में लगा रहे। यहां बचत से तात्पर्य है कि व्यक्ति अपनी आप में से सभी
खर्चों को पूरा करने के बाद भी कुछ बचाने की चेष्टा करे। आज की अल्प बचत भी भविष्य
में एक बड़ी राशि बन जाती है। कहा भी जाता है कि बूंद-बूंद से घड़ा भर जाता है।
आज
खर्च के जितने कारण हैं, बचत केउतने उपाय भी हैं। बुद्धिमान मनुष्य उनमें से किसी
भी साधन को अपनाकर बचत कर सकता है। बैंकों, बीमा योजनाओं, म्यूच्यूअल फंड आदि
उपायों से बचत करने पर धन केवल बचाया ही नहीं जाता वरन ब्याज मिलने से बढ़ाया भी
जाता है। अपनी जमाराशि को व्यक्ति जब चाहे उपयोग में ला सकता है। बचत के अनेकानेक
लाभों को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को बचत करनी चाहिए और जीवन को सही मार्ग पर
ले जाना चाहिए।
(ग)
जनसंख्या वृद्धि समस्या और समाधान
भारत
एक विशाल देश है, जिसमें भिन्न भिन्न प्रकार की समस्याएं व्याप्त हैं, जिनमें से
एक है जनसंख्या वृद्धि । जनसंख्या वृद्धि देश के विकास में बाधा का कार्य करती
हैं, इसलिए हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता जनसंख्या वृद्धि को रोकना है। इस क्षेत्र
में हमारे सभी प्रयत्न निष्फल रहे हैं। ऐसा क्यों है? यह इसलिए भी हो सकता है,
क्योंकि समस्या को देखने का हर एक का अलग दृष्टिकोण है। जनसंख्याशास्त्रियों के
लिए यह आंकड़ों का अंबार है। अफसरशाही के लिए यह टारगेट तय करने की कार्यविधि है।
राजनीतिज्ञ इसे वोट बैंक की दृष्टि से देखता है। यह सब अपने-अपने ढंग से समस्या को
सुलझाने में लगे हैं। अतः पृथक-पृथक किसी के हाथ सफलता नहीं लगी।
परंतु
यह स्पष्ट है कि परिवार के आकार पर आर्थिक विकास और शिक्षा का बहुत प्रभाव पड़ता
है। यहां आर्थिक विकास का तात्पर्य पश्चात मतानुसार भौतिकवाद नहीं जहां बच्चों को
बोझ माना जाता है। हमारे लिए तो यह सम्मानपूर्वक जीने के स्तर से संबंधित है। यह
मौजूदा संपत्ति के समतामूलक विवरण पर ही निर्भर नहीं है वरन ऐसी शैली अपनाने से
संबंधित है जिसमें 80 करोड़ लोगों की ऊर्जा का बेहतर उपयोग हो सके। इसी प्रकार
स्त्री-शिक्षा भी है। यह समाज में एक नए प्रकार का चिंतन पैदा करेगी, जिससे
सामाजिक और आर्थिक विकास के नए आयाम खुलेंगे और साथ ही बच्चों के विकास का नया
रास्ता भी खुलेगा। अतः जनसंख्या की समस्या सामाजिक है। इसे सरकार अकेले नहीं सुलझा
सकती। केंद्रीकरण से हटकर इसे ग्राम- ग्राम, व्यक्ति व्यक्ति तक पहुंचाना होगा। जब
तक यह जन-आंदोलन नहीं बन जाता, तब तक सफलता मिलना संदिग्ध है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. एक आलेख लेखन की भाषा कैसी होनी चाहिए?
1.
सरल
2.
सुगम
3.
प्रभावी
4. यह सभी
2. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व आलेख लेखन का तत्व नहीं है?
1.
गंभीरता
2.
बौद्धिकता
3.
बहुआयामी
4. मनोरंजकता
3. आलेख एक विधा है-
1. गद्य लेखन की
2.
पद्य लेखन की
3.
लघुकथा लेखन की
4.
रिपोर्ट और लेखन की
4. आलेख के लिए अंग्रेजी में कौन सा शब्द प्रयुक्त होता है?
1.
फीचर
2. आर्टिकल
3.
रिपोर्ट
4. नोटिस
JCERT/JAC Hindi Core प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
आरोह भाग -2 | |
काव्य - खंड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | तुलसीदास-कवितावली (उत्तर कांड से),लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप |
9. | |
10. | |
11. | |
गद्य - खंड | |
12. | |
13. | |
14. | |
15. | |
16. | |
17. | |
18. | बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर-श्रम विभाजन और जाति-प्रथा,मेरी कल्पना का आदर्श समाज |
वितान भाग- 2 | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
Solved Paper 2023 |