12th Hindi Core आरोह भाग -II 2. आलोक धन्वा- पतंग

12th Hindi Core आरोह भाग -II 2. आलोक धन्वा- पतंग

12th Hindi Core आरोह भाग -II 2. आलोक धन्वा- पतंग


प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Core

2. आलोक धन्वा- पतंग

पाठ्य पुस्तक के प्रश्न - अभ्यास

प्रश्न 1. 'सबसे तेज़ बौछारें गईं, भादो गया' के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।

उत्तर- पतंग कविता में कवि आलोक धन्वा ने बच्चों की बाल सुलभ - इच्छाओं और उमंगों का प्रकृति के साथ उनके रागात्मक संबंधों का अत्यंत सुंदर चित्रण किया है। ' सबसे तेज बौछारें गईं, भादो गया पंक्ति में प्रकृति का वर्षा ऋतु के उपरान्त शरद ऋतु के आगमन का परिवर्तन दिखाया गया है । भादो मास गुजर जाने के बाद जब घनघोर बारिश समाप्त हो जाती है तब शरद ऋतु का आगमन होता है। खरगोश की लाल आंखों जैसी चमकीली धूप निकल आती है, इसके कारण चारों और उज्ज्वल चमक बिखर जाती है। आकाश बिलकुल साफ और मुलायम हो जाता है। हवाओं में एक मनोरम सुगंधित महक फैल जाती है। शरद ऋतु के आगमन से चारों ओर उत्साह एवं उमंग का वातावरण छा जाता है पतंगबाजी का माहौल बन जाता है।

प्रश्न 2. सोचकर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज़, सबसे पतला कागज़, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया है ?

उत्तर- पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज़, सबसे पतला कागज़, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग कर कवि उसका साकार रूप पाठकों के सामने रखना चाहते हैं, उनके मन में जिज्ञासा जगाना चाहते हैं, कुतूहल उत्पन्न करना चाहते हैं तथा पतंग को विशिष्ट बनाकर उसकी ओर उनका ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं, क्योंकि विशेष वस्तु प्राप्त करने की लालसा सबके भीतर होती है। जब भी हम किसी चीज को सर्वोत्तम कहते हैं, सारी दुनिया में सबसे बड़ा कहते हैं तो पाठक स्वयं ही उसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं।

प्रश्न 3. बिंब स्पष्ट करें-

सबसे तेज बौछारें गई भादो गया सवेरा हुआ

खरगोश की आंखों जैसा लाल सवेरा

शरद आया फूलों को पार करते हुए

अपनी नई चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए

घंटी बजाते हुए जोर-जोर से

चमकीले इशारों से बुलाते हुए और आकाश को इतना मुलायम

बनाते हुए कि पतंग ऊपर उठ सके।

उत्तर- तेज बौछारें = दृश्य (गतिशील) बिंब

सवेरा हुआ = दृश्य (स्थिरबिंब

खरगोश की आंखों जैसा लाल सवेरा = दृश्य (स्थिर) बिंब

पुलों को पार करते हुए = दृश्य गतिशील) बिंब

अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए = दृश्य (गतिशील) बिंब

घंटी बजाते हुए जोर- जोर से = श्रव्य बिंब

चमकीले इशारों से बुलाते हुए = दृश्य (गतिशील) बिंब

आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए = (स्पर्श) बिंब

पतंग ऊपर उठ सके = दृश्य (स्थिर) बिंब

प्रश्न 4. जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास कपास के बारे में सोचें कि कपास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता है?

उत्तर- जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास पंक्ति में कपास से बच्चों की कोमल कल्पनाओं का संबंध है। जिस प्रकार कपास अत्यंत स्वच्छ एवं कोमल होती है वैसे ही बच्चों की कल्पनाएं अत्यंत नवीन, स्वच्छ एवं भावुकतापूर्ण होती है। वे निश्चल भाव से निरंतर कल्पनाएं करते हैं। बच्चों के पैर भी कपास के समान कोमल, हल्के, आकर्षक और चोट सहने में समर्थ होते हैं। इसलिए वे ऊँचाई से कूदकर भी चोट नहीं खाते, बल्कि उनकी कूद से कपास जैसे मुलायम उनके तलवे जमीन की कठोरता का अनुभव नहीं कर पाते। अतः कपास से बालकों की समानता वर्णित करना तर्कसम्मत है। दोनों में गुणों की समानता का संबंध है।

प्रश्न 5. पतंगों के साथ साथ वे भी उड़ रहें हैं- कवि ने बच्चों के लिए ऐसा क्यों कहा है?

उत्तर- पतंग उड़ाते समय बच्चे रोमांचित होते हैं। जिस प्रकार पतंग आकाश में उड़ती हुई ऊंचाइयाँ छूती है, उसी प्रकार बच्चें भी छतों पर डोलते हैं। वे पतंग को उड़ता देखकर अत्यधिक उत्साह और उमंग से भर जाते हैं तब वे न तो खतरनाक ऊंचाइयों का ध्यान रखते हैं और न गिरने का। अर्थात् वे किसी भी खतरे से बिलकुल बेखबर होते हैं। एक संगीतमय ताल पर उनके शरीर हवा में लहराते हैं जैसे वे एक पतंग हो गए हैं। पतंग उड़ाते उड़ाते मानो उनके छोटे छोटे सपनों को पंख लग जाते हैं। इस समानता के कारण ठीक ही कहा गया है कि पतंगों के साथ बच्चे भी उड़ रहे हैं।

प्रश्न 6. भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) छतों को भी नरम बनाते हुए

दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए।

उत्तर- इन पंक्तियों में कवि आलोक धन्वा का कहना है कि बच्चे पतंग - उड़ाते हुए जब छतों पर उछल-कूद करते हैं, दीवारों से छतों पर कूदते हैं, तो उनके पदचापों से लगातार जो मनोरम ध्वनि निकलती हैं, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि बच्चे आसपास सब ओर मृदंग बजा रहे हैं।

(ख) अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से

और बच जाते हैं तब तो

और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।

उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि आलोक धन्वा बच्चों के साहस का वर्णन - करते हैं। वे कहते हैं कि बच्चे जब कभी पतंग उड़ाते हुए छत से गिर जाते हैं और बच जाते हैं तो वे और अधिक निडर हो जाते हैं।

प्रश्न 7. दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य हैं?

उत्तर- दिशाओं को मृदंग की बजाते हुए का तात्पर्य संगीतमय वातावरण की सृष्टि से है। पतंग काटने पकड़ने के लिए इधर-उधर दौड़ते बच्चों की पदचापों से दिशाएँ गुंजित हो जाती हैं, उस समय उनकी आवाज़ मृदंग की तरह प्रतीत होती है। ऐसा लगता है मानो आस पास कहीं मृदंग बज रहा हो। यही मृदंग ध्वनि धीरे-धीरे सारी दिशाओं में गूंजने लगती है।

प्रश्न 8. जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती हैं?

उत्तर- नहीं, जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए छत कठोर नहीं लगती, उस समय वे उसे पकड़ने की धुन में मगन होते है। बच्चों को पतंग उड़ाते हुए बस पतंग ही सब कुछ लगती है। उनकी हंसी - खुशी और उदासी का संबंध पतंग उड़ने के साथ हो जाता है। उन्हें अन्य बातें बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करती। इसलिए कठोर छतों पर कूदते हुए उन्हें कठोरता का जरा भी आभास नहीं होता। वे तो पतंग के साथ उड़ते हुए प्रतीत होते हैं।

प्रश्न 9. खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद आप दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को कैसा महसूस करते हैं?

उत्तर- खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद हम दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को साहसी, उत्साही, निर्भीक और सक्षम महसूस करते हैं। निडरता उत्पन्न होने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ जाता है।

कविता के आस-पास

प्रश्न 1. आसमान में रंग बिरंगी पतंगों को देखकर आपके मन में कैसे ख्याल आते हैं? लिखिए

उत्तर- आसमान में रंग बिरंगी पतंगों को देखकर हमारा मन भी ऊँची- ऊँची उड़ानें भरने को करता है। छोटी-सी पतली पतंग अगर आसमान की ऊँचाई को छू सकती हैं तो हम किसलिए बड़ी-बड़ी उपलब्धियों को पाने के लिए प्रयासरत नहीं होते। यह सोचकर हमारे मन में निरन्तर कर्मशील रहने एवम् रंगीन सपने लेने की इच्छाएँ उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 2. रोमांचित शरीर का संगीत का जीवन के लय से क्या संबंध है?

उत्तर- जब हम किसी कार्य को पूरा करने में मग्न हो जाते हैं तब हमारा शरीर जैसे उस कार्य की लय में डूब जाता है उसी प्रकार संगीत सुनते हुए हम उसकी लय ताल में खो जाते हैं, इसीलिए कहा गया है रोमांचित शरीर का संगीत।

प्रश्न 3. महज़ एक धागे के सहारे, पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ उन्हें (बच्चों को) कैसे थाम लेती हैं? चर्चा करें।

उत्तर- बच्चें जब छतों के किनारों से गिरने वाले होते हैं तो पतंग की डोर उन्हें गिरने से बचा लेती है। बच्चों को डोर से भी उतना प्यार होता है जितना की पतंग से। वे पतंग को उड़ते हुए देखते हैं। साथ ही यह भी देखते हैं कि चक्के में डोर कितनी है। इन पतंगों की ऊँचाइयों से बच्चे संभल जाते हैं।

(अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर) दीर्घत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. कविता पतंग के माध्यम से कवि क्या कहना चाहते हैं?

उत्तर- पतंग एक लम्बी कविता है। यह कविता आलोक धन्वा के एकमात्र काव्य-संग्रह दुनिया रोज बनती है' से ली गई है। पतंग के माध्यम से कवि ने बच्चों की पतंग उड़ाने की उत्साही प्रवृत्ति को बताया है। बाल-क्रीड़ाओं एवं प्रकृति में परिवर्तित सुंदर बिम्बों का उपयोग किया गया है। पतंग उड़ाना बच्चों का बहुरेंगी सपना है। आसमान में उड़ती पतंगें बच्चों की इच्छाओं की उड़ान को गति देती हैं साथ ही निडर, सावधान व खतरों से खेलने के लिए उत्साही बनाती हैं। गिर कर उठने का हौसला तथा तुरंत तेज गति से फिर से अपने पतंगों के काटने, उड़ाने, ढील देने जैसे लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु तत्पर करती हैं। बच्चों का उत्साह प्रकृति को अपना साथ देने के लिए मजबूर कर देता है इसीलिए कवि ने कहा भी कि पृथ्वी और भी तेज घूमती हुई आती है, उनके बेचैन पैरों के पास "

प्रश्न 2. कविता 'पतंग' में बिम्बों के द्वारा काव्य-सौन्दर्य प्रकट किया गया है। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- इस कविता में सुंदर बिम्बों के माध्यम से बच्चों की बाल-सुलभ चेष्टाओं का प्रभावी चित्रण हुआ है। काव्य में बिम्ब वह मानसिक चित्र है जो कल्पना द्वारा अनुभूत किया जाता है। यह इन्द्रियों पर आधारित होता है जिनकी वजह से हम काव्य के मूर्त रूप की अनुभूति करते हैं। कविता में व्यक्त बिंब सौंदर्य है - शरद ऋतु की सुबह की तुलना खरगोश की लाल भूरी आँखों से की गई है। शरद ऋतु को उत्साही बालक के समान बताया गया है। तितलियों की नाजुक दुनिया का बिम्ब पतंगों की रंग-बिरंगी कोमल दुनिया से बाँधा गया है। पतंग कविता में बिंबों की रंगीन दुनिया चारों तरफ व्याप्त है, यह एक ऐसी दुनिया है जहाँ शरद ऋतु का चमकीला इशारा है, दिशाओं में मृदंग बजते हैं। पतंग डोर के सहारे तथा बच्चे अपने रंध्रों के सहारे उड़ रहे हैं। बच्चों के भागते कदम डाल के लचीले वेग के समान हैं। इस तरह दृश्य, चाक्षुष, स्थिर, गतिशील और श्रव्य बिम्ब प्रस्तुत हुए हैं।

प्रश्न 3. कवि आलोक धन्वा के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- सातवें-आठवें दशक के कवि आलोक धन्वा ने बहुत छोटी अवस्था में ही गिनी-चुनी कविताओं से अपार लोकप्रियता अर्जित कर ली थी। इनका जन्म सन् 1948 में मुंगेर (बिहार) में हुआ था। सन् 1972 से लेखन आरंभ करने के बाद उनका पहला और अभी तर्क का एकमात्र काव्य संग्रह दुनिया रोज बनती है सन् 1998 में प्रकाशित हुआ। ये देश के विभिन्न हिस्सों में सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहे हैं। इनकी आरम्भिक कविताएँ हिन्दी के अनेक गंभीर काव्य-प्रेमियों को जुबानी याद रही हैं। इतनी व्यापक ख्याति के बावजूद भी कवि आलोक धन्वा ने कभी थोक के भाव में लेखन नहीं किया। इन्हें राहुल सम्मान, साहित्य सम्मान, भोजपुरी सम्मान तथा पहल सम्मान से पुरस्कृत किया गया है।

लघुत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. पतंग कविता का प्रतिपाद्य बताइए।

उत्तर- 'पतंग' एक लंबी कविता है। इस कविता में कवि ने पतंग के बहाने बाल सुलभ इच्छाओं एवं उमंगों का सुंदर चित्रण किया है। बाल क्रियाकलापों एवं प्रकृति में आए परिवर्तनों को अभिव्यक्त करने के लिए सुंदर बिंबों का उपयोग किया गया है। पतंगबच्चों की उमंगों का रंग-बिरंगा सपना है। आसमान में उड़ती पतंग ऊंचाइयों की वे हर्दे है जिन्हें बाल-मन छूना चाहता है और उसके पार जाना चाहता है।

प्रश्न 2. पतंग भादो के बाद ही क्यों उड़ाई जाती है?

उत्तर- पतंग बहुत महीन कागज की होती है। अतः यह नमी के वातावरण में नहीं उड़ाई जा सकती। इस कारण वर्षा की समाप्ति के बाद ही पतंग उड़ाते हैं। अतः अत्यधिक शीत व गर्मी में भी पतंग नहीं उड़ाते । शरद में न नमी होती है और न गर्मी। अतः यही समय पतंग उड़ाने के लिए अनुकूल है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित काव्यांश का भाव-सौन्दर्य व शिल्प-सौन्दर्य लिखिए:

खरगोश की आँखों जैसा सवेरा

शरद आया पुलों को पार करते हुए

अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज

चलाते हुए

घंटी बजाते हुए जोर-जोर से

चमकीले इशारों से बुलाते हुए

पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को

उत्तर - भाव-सौन्दर्य -प्रस्तुत काव्यांश पतंग कविता से उद्धत है। कवि - आलोक धन्वा ने विभिन्न उपमानों द्वारा भाद्र पद मास के बाद के मौसम का वर्णन किया है। तत्पश्चात् बच्चे भी खेलने की ओर अग्रसर होने लगते हैं। वे विभिन्न संकेतों से अपने साथियों को बुलाने का प्रयत्न करते हैं और पतंग उड़ाने के लिए चल पड़ते हैं।

शिल्प-सौन्दर्य-

(क) खरगोश की आँखों जैसा सवेरा में उपमा अलंकार है

(ख) जोर-जोर से पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का सुन्दर प्रयोग हुआ है।

(ग) खड़ी बोली का सुन्दर एवं सटीक प्रयोग हुआ है।

(घ) बाल-सुलभ क्रीड़ाओं का सजीव चित्रण हुआ है।

प्रश्न 4. 'पतंग' कविता में शरद् ऋतु की क्या विशेषता बतायी गई है?

उत्तर- पतंग शीर्षक कविता में शरद ऋतु की यह विशेषता बतायी गयी है कि इस ऋतु में आकाश स्वच्छ रहता है, धरती भी धुनी हुई-सी रहती है। हवा मन्द मन्द चलती है और धूप में ताजी चमक रहती है। यह ऋतु सुहावनी एवं आनन्ददायी लगती है।

प्रश्न 5. ऐसा कब प्रतीत होता है कि पृथ्वी बालकों के पैरों के समीप स्वयं ही घूमती चली आती है? पतंग कविता के आधार पर समझाइए।

उत्तर- जब बच्चें अत्यधिक तेज गति से बेसुध होकर दौड़ते हुए पतंग उड़ाते हैं, तब प्रतीत होता है कि पृथ्वी स्वयं आगे बढ़कर बच्चों के पैरों के समीप पहुँचने का प्रयत्न कर रही है। उस समय ऐसा प्रतीत होता है कि बच्चे दौड़ नहीं रहे हैं, अपितु पृथ्वी स्वयं ही उनके कोमल चरणों की ओर चली आ रही हैं।

प्रश्न 6. जब वे दौड़ते हैं बेसुध बच्चे बेसुधी में क्या करते हैं?

उत्तर- बच्चे पतंग उड़ाते समय छतों पर सब ओर दौड़ते रहते हैं। उन्हें तब भूख-प्यास, गर्मी धूप आदि की जरा भी परवाह नहीं रहती है। उस समय वे बिना खतरों की परवाह किये छतों की दीवारों और मुंडेरों पर भी चढ़ जाते हैं तथा धरती की कठोरता की परवाह न करके दौड़ते-कूदते रहते हैं।

प्रश्न 7. तितलियों की इतनी नाजुक दुनिया यह किसके लिए कहा गया है?

उत्तर- आकाश में रंग-बिरंगी पतंगें तितलियों की तरह उड़ती है। पतंग उड़ाते समय बच्चे सीटियों एवं किलकारियों का स्वर व्यक्त करते हैं पतंगों की रंग-बिरंगी छटा तथा आकाश में उनके उड़ने के मनोरम दृश्य को लेकर कवि ने ऐसा कहा है।

प्रश्न 8. "किशोर और युवा वर्ग समाज का मार्गदर्शक होता है।"- पतंग कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- किशोर और युवा वर्ग अपनी धुन में मनचाहा काम करता है। वे निडर होकर खतरों एवं बाधाओं का सामना कर साहस और हिम्मत के सहारे जीवन में उन्नति करना चाहते हैं। ऐसे निर्भीक, साहसी कार्य-कलापों से ही समाज को प्रगति का मार्गदर्शन मिलता है।

प्रश्न 9. बच्चे और भी निडर कब हो जाते हैं?

उत्तर- पतंग उड़ाते समय बच्चे जब कभी छत की खतरनाक दीवारों एवं मुंडेरों से नीचे गिर जाते हैं और उस दुर्घटना में चोटिल होने से बच जाते हैं, तब वे पूरी तरह निडर हो जाते हैं और फिर दुगुने जोश से पतंगें उड़ाने लगते हैं।

प्रश्न 10. पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं-पतंगों के साथ कौन उड़ रहे हैं और कैसे?

उत्तर- बच्चों का मन पतंगों को उड़ाते समय ऐसा तल्लीन रहता है कि वे अपना सारा ध्यान आकाश की ओर ही रखते हैं और उसी ओर देखते हुए दौड़ते-भागते रहते हैं। तब ऐसा लगता है कि आकाश में पतंगों के साथ-साथ बच्चे भी उड़ रहें हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. बच्चे पतंगों के साथ-साथ किस के सहारे उड़ रहे हैं?

क. फूलों

ख. तंतुओं

ग. धागे

घ. कल्पना

2. 'पतंग' कविता में 'कपास' किसका प्रतीक है?

क. प्रकाश

ख. कोमलता

ग. सफेदी

घ. शांति

3. पतंग उड़ाने वाले बच्चे दिशाओं को किसके समय बजाते हैं?

क. ढोलक के समान

ख. वीणा के समान

ग. बाँसुरी के समान

घ. मृदंग के समान

4. पृथ्वी किनके बेचैन पैरों के पास घूमती हुई आती है?

क. तितलियों के

ख. खरगोश के

ग. बच्चों के

घ. वीरों के

5. कौन-सी ऋतु आकाश को मुलायम बना देती है?

क. गीष्म

ख. वसंत

ग. शरद

घ. वर्षा

6. पतंग उड़ाते हुए बच्चे किसके सहारे स्वयं भी उड़ते से है?

क. साहस के

ख. फेफड़ों के

ग. शक्ति के

घ. रंध्रों के

7. पतंग कविता में लाल सवेरा को कैसा कहा गया है?

क. खरगोश की आँखों जैसा

ख. उजाला

ग. कपास जैसा

घ. चमकीला

8. दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन चीज़ किसे कहा गया है?

A. पतंग को

B. अणु को

C.. किरण को

D. कली को

9. दौड़ते भागते बच्चे दिशाओं को किसकी तरह बजाते हैं?

A ढोलक

B. सितार

C. मृदंग

D. बाजा

10. 'पतंग' कविता के कवि हैं-

A. आलोक रस्तोगी

B. आलोक मिश्रा

C. आलोक धन्वा

D. आलोक श्रीवास्तव

11. कवि ने तेज़ बौछारों के जाने के साथ ही किस महीने के भी चले जाने की बात कही है?

A सावन

B. आषाढ़

C. अश्विन

D. भादो

12. किस की आँखों जैसा लाल सवेरा हुआ?

A. बिल्ली

B. खरगोश

C. बंदर

D. गाय

13. पुलों को पार करते हुए कौन-सी ऋतु आई?

A. शरद

B. वसंत

C. पावस (वर्षा)

D. ग्रीष्म

14. कवि के अनुसार दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन उड़ने वाली चीज़ है .

A. तितली

B. पतंगा

C. पतंग

D. मोटर

15. शरद क्या चलाते हुए आता है?

क. घोड़ा

ख. साइकिल

ग. आँधी

घ. मोटर

16. शरद क्या बजा रहा है?

क. घंटी

ख. थाली

ग. बाजा

घ. ढोलक

17. शरद बच्चों के झुंड को कैसे इशारों से बुलाता है?

क. तिरछे

ख. सीधे

ग. तीखे

घ. चमकीले

18. 'कपास किसका प्रतीक है?

क. प्रकाश का

ख. अंधकार का

ग. कोमलता का

घ. शांति का

19. पतंग के साथ बच्चे कैसे दौड़ते हैं ?

क. खड़े रहते हैं

ख. संभलकर

ग. रुक-रुक कर

घ. बेसुध होकर

20. 'मृदंग' क्या है?

क. बांसुरी

ख. लंबी ढोलक

ग. सितार

घ. शहनाई

21. उन बच्चों का वेग किस की तरह लचीला है?

क. रबड़

ख. फूल

ग. डाल

घ. घास

22. 'पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं से आशय है-

क. उड़ान भरना

ख. स्वप्न देखना

ग. आकाश छू लेने का अहसास होना

घ. पतंग उड़ने पर प्रसन्न होना

23. शरद की साइकिल कैसी है?

क. लाल

ख. नीली

ग. काली

घ. चमकीली

24. भादो किसका प्रतीक है?

क. प्रकाश

ख. अंधकार

ग. तूफान

घ. भूकंप

25. शरद किसका प्रतीक है?

क. प्रकाश

ख. अंधकार

ग. चमक

घ. भूकंप

26. आलोक धन्वा का जन्म कहां हुआ था ?

क. झारखंड

ख. मुंगेर

ग. दिल्ली

घ. कलकत्ता

27. बच्चे किन के साथ-साथ उड़ रहे हैं?

क. पक्षियों के

ख. पतंगों के

ग. बादलों के

घ. वायुयानों के

28. छतों के खतरनाक किनारों से किस का भय है?

क. टकराने का

ख. टूटने का

ग. गिरने का

घ. संभलने का

29. 'पतंग' कविता में 'चमकीले' विशेषण किस के लिए है?

क. पतंगों के लिए

ख. शरद के लिए

ग. कठोर दिशाओं के लिए

घ. इशारों के लिए

JCERT/JAC Hindi Core प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

आरोह भाग -2

काव्य - खंड

1.

हरिवंशराय बच्चन -आत्मपरिचय ,एक गीत

2.

आलोक धन्वा-पतंग

3.

कुँवर नारायण-कविता के बहाने,बात सीधी थी पर

4.

रघुवीर सहाय-कैमरे में बंद अपाहिज

5.

गजानन माधव मुक्तिबोध-सहर्ष स्वीकारा है

6.

शमशेर बहादुर सिंह-उषा

7.

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-बादल राग

8.

तुलसीदास-कवितावली (उत्तर कांड से),लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप

9.

फिराक गोरखपुरी-रुबाइयाँ,गज़ल

10.

उमाशंकर जोशी-छोटा मेरा खेत,बगुलों के पंख

11.

महादेवी वर्मा-भक्तिन

गद्य - खंड

12.

जैनेन्द्र कुमार-बाज़ार दर्शन

13.

धर्मवीर भारती-काले मेघा पानी दे

14.

फणीश्वरनाथ रेणु-पहलवान की ढोलक

15.

विष्णु खरे-चार्ली चैप्लिन यानी हम सब

16.

रज़िया सज्जाद ज़हीर-नमक

17.

हजारी प्रसाद द्विवेदी-शिरीष के फूल

18.

बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर-श्रम विभाजन और जाति-प्रथा,मेरी कल्पना का आदर्श समाज

वितान भाग- 2

1.

मनोहर श्याम जोशी -सिल्वर वैडिंग

2.

आनंद यादव- जूझ

3.

ओम थानवी- अतीत में दबे पाँव

4.

ऐन फ्रैंक- डायरी के पन्ने

अभिव्यक्ति और माध्यम

1.

अनुच्छेद लेखन

2.

कार्यालयी पत्र

3.

जनसंचार माध्यम

4.

संपादकीय लेखन

5.

रिपोर्ट लेखन

6.

आलेख लेखन

7.

पुस्तक समीक्षा

8.

फीचर लेखन

Solved Paper 2023

Arts Paper,

Science/Commerce Paper

Post a Comment

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare