प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Hindi Core
5. रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन
प्रश्न 1. रिपोर्ट (प्रतिवेदन) क्या है?
उत्तर
-
'रिपोर्ट' शब्द का हिंदी पर्याय प्रतिवेदन' है। प्रतिवेदन का सामान्य अर्थ या इसका
मतलब किसी घटना या स्थिति की क्रमिक जानकारी अथवा रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। हर समय
देश विदेश में ऐसी घटनाएं होती रहती है, जिन को जानने के लिए हम उत्सुक रहते हैं लेकिन
उसके लिए तथ्यों की जांच पड़ताल होना जरूरी होता है, जो किसी सरकारी या गैर सरकारी
एजेंसी द्वारा की जाती है। ऐसे व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत विवरण को ही प्रतिवेदन या
रिपोर्ट कहते हैं। जिस व्यक्ति या समूह द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाता है उसे
प्रतिवेदक कहते हैं।
समाचार
संकलित कर उसे लिखकर प्रेस में भेजना रिपोर्टिंग कहलाता है। ज्यादातर यह कार्य
फील्ड में जाकर किया जाता है। एक संवाददाता सेमिनार, रैली अथवा संवाददाता सम्मेलन
से विविध प्रकार की खबरें एकत्रित करके उन्हें अपने कार्यालय में प्रेषित कर देता
है। वास्तव में रिपोर्ट एक प्रकार की लिखित विवेचना होती है जिसमें किसी संस्था,
सभा, दल, विभाग अथवा विशेष आयोजन की तथ्यों सहित जानकारी दी जाती है। रिपोर्टिंग
का उद्देश्य संबंधित व्यक्ति, संस्था, परिणाम, जाँच अथवा प्रगति की सही एवं पूर्ण
जानकारी देना है।
प्रश्न 2. रिपोर्ट (प्रतिवेदन) की आवश्यकता कब पड़ती है ?
उत्तर-
आजकल प्रतिवेदन - लेखन एक महत्वपूर्ण कार्य है। प्रतिवेदक विभिन्न तथ्यों की जांच
पड़ताल कर जो निष्कर्ष निकालता है उसे जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए
प्रस्तुत करता है।
जब
भी कोई विषय या मुद्दा सामान्य जनता के विरुद्ध होती है तो उस विषय की छानबीन करना
आवश्यक हो जाता है। ऐसी स्थिति में प्रतिवेदन की जरूरत पड़ती है।
प्रश्न 3. रिपोर्ट (प्रतिवेदन) के तत्व पर विचार कीजिए ।
उत्तर-
क.
घटना या स्थिति यह किसी भी प्रतिवेदन का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है । जब भी किसी
घटना समस्या या मुद्दे की जानकारी पर कार्यवाही की जाती है, तभी प्रतिवेदन लिखा
जाता है।
ख.
समिति की नियुक्ति किसी भी घटना की संपूर्ण जानकारी के लिए किसी व्यक्ति को
जिम्मेदारी सौंपी जाती है, या एक समिति की नियुक्ति कर के मामले की सच्चाई तक
पहुंचने का प्रयास किया जाता है।
ग.
पूर्ण जांच पड़ताल जांच पड़ताल के माध्यम से ही समस्याओं की जड़ तक पहुंचना संभव
हो पाता है। क्योंकि किसी भी समस्या के अनेक पहलू होते हैं, इसलिए उन सब को उजागर
करना कठिन होता है।
घ.
प्रमाण प्रतिवेदन की प्रमाणिकता दिए गए सबूतों और तथ्यों पर निर्भर करता है।
ङ. सुझाव -सुझाव या
सिफारिशों के माध्यम से ही समिति अपने विचारों को व्यक्त करती हैं।
च.
निश्चित अवधि किसी भी प्रतिवेदन को निर्धारित समय में ही प्रस्तुत करना होता है।
प्रश्न 4. रिपोर्ट (प्रतिवेदन) के किन-किन विषयों पर तैयार की जा
सकती है ?
उत्तर-
रिपोर्ट निम्नलिखित विषयों पर हो सकती है-
1.
राजनीतिक, साहित्यिक, सामाजिक, आर्थिक भाषणों एवं सम्मेलनों की रिपोर्ट
2.
खोजी समाचारों की रिपोर्ट
3.
व्यावसायिक प्रगति अथवा स्थिति की रिपोर्ट
4.
अदालतों की रिपोर्ट
5.
अपराधिक मामलों की रिपोर्ट
6.
युद्ध एवं विदेश यात्रा की रिपोर्ट
7.
प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना एवं दंगे की रिपोर्ट
8.
पुस्तक प्रदर्शनी एवं चित्र प्रदर्शनी आदि की रिपोर्ट
9.
संगीत सम्मेलन व कला संबंधी रिपोर्ट
10.
प्रेस कॉन्फ्रेंस या संवाददाता सम्मेलन की रिपोर्ट।
प्रश्न 5. प्रतिवेदन लिखते समय किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए।
उत्तर-
1.
सर्वप्रथम संस्था और आयोजन स्थल का नाम लिखा जाना चाहिए।
2.
बैठक या सम्मेलन का उद्देश्य स्पष्ट किया जाना चाहिए।
3.
आयोजन अथवा घटना की तिथि और समय की सूचना दी जानी चाहिए।
4.
कार्यक्रम एवं गतिविधियों की जानकारी दी जानी चाहिए।
5
तथ्यों का प्रामाणिक होना जरूरी है।
6.
शीर्षक हमेशा छोटा और स्पष्ट होना चाहिए।
7.
यदि भाषण हो तो उनके मुख्य बिंदुओं के बारे में बताया जाए।
8..
घटना की व्याख्या सही क्रम में होनी चाहिए।
9.
प्रतिवेदन लिखते समय भाषा में प्रथम पुरुष का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
10.
रिपोर्ट में उन्हीं तथ्यों को समावेश करना चाहिए जो महत्वपूर्ण है।
11.
रिपोर्ट के अंत में सभा या दल संस्था के अध्यक्ष को हस्ताक्षर कर देना चाहिए।
12.
रिपोर्ट की भाषा अलंकारिक तथा मुहावरेदार नहीं होनी चाहिए।
प्रश्न 6. एक अच्छे रिपोर्ट की विशेषताएँ
बताइए।
उत्तर-
रिपोर्ट अपने आप में एक ऐसा दस्तावेज़ है जिसका महत्त्व मात्र समसामयिक नहीं होता।
अपितु संबंधित क्षेत्र में सुदूर भविष्य तक भी इसकी उपयोगिता रहती है। रिपोर्ट की
विशेषताओं का विवेचन नीचे किया जा रहा है.
1.
कार्य योजना-
रिपोर्टर को पहले पूरी योजना बनानी चाहिए। विषय का अध्ययन करके उसके उद्देश्य को
समझना चाहिए। इसकी प्रारंभिक रूपरेखा बनाने से रिपोर्ट लिखने में सहायता मिलती है।
2.
तथ्यात्मकता-रिपोर्ट तथ्यों का संकलन होता है।
इसलिए सबसे पहले विषय से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी लेनी पड़ती है।
इसके लिए पुराने रिपोर्टों, फाइलों, नियम-पुस्तकों, प्रपत्रों के द्वारा आवश्यक
सूचनाएँ इकट्ठी की जाती हैं। सर्वेक्षण तथा साक्षात्कार द्वारा आँकड़ों और तथ्यों
को प्राप्त किया जाता है। इन तथ्यों को रिकार्ड किया जाए और आवश्यकता पड़े तो इनके
फोटो भी लिए जा सकते हैं।
3.
प्रामाणिकता- तथ्यों का प्रामाणिक होना अत्यंत
आवश्यक है। किसी विषय घटना अथवा शिकायत आदि के बारे में जो तथ्य जुटाए जाएँ, उनकी
प्रामाणिकता से रिपोर्ट की सार्थकता बढ़ जाती है।
4.
निष्पक्षता- रिपोर्ट एक प्रकार से वैधानिक अथवा कानूनी
दस्तावेज़ बन जाती है। इसलिए रिपोर्टर का निर्णय विवेकपूर्ण होना अत्यंत आवश्यक
है। रिपोर्ट लिखते समय या प्रस्तुत करते समय रिपोर्टर प्रत्येक तथ्य, वस्तुस्थिति,
पक्ष-विपक्ष, मत-विमत का निष्पक्ष भाव से अध्ययन करे और फिर उसके निष्कर्ष निकाले।
इस प्रकार प्रत्येक स्थिति में उसका यह नैतिक दायित्व हो जाता है कि वह नीर-क्षीर
विवेक का परिचय दे। इससे रिपोर्ट उपयोगी होगा और मार्गदर्शक भी सिद्ध होगा।
5.
विषयनिष्ठता- रिपोर्ट का संबंधित प्रकरण पर ही
केंद्रित होना अपेक्षित है। यदि किसी विषय विशेष पर रिपोर्ट लिखा जाना है तो उससे
संबंधित तथ्यों, कारणों और सामग्री आदि तक ही सीमित रखना चाहिए। इसमें प्रकरण को
एक सूत्र की तरह प्राप्त तथ्यों में पिरोया जाए, जिससे प्रकरण अपने-आप में स्पष्ट
होगा।
6.
निर्णयात्मकता-रिपोर्ट
मात्र विवरण नहीं होती। इसलिए रिपोर्टर को संबंधित विषय का विशेष जानकार होना
आवश्यक है। यदि वह विशेषज्ञ होगा तो साक्ष्यों और तथ्यों का सही या गलत अनुमान लगा
पाएगा तथा उनका विश्लेषण करने में समर्थ होगा। साथ ही वह प्राप्त तथ्यों,
साक्ष्यों और तर्कों का सम्यक परीक्षण कर पाएगा और अपने सुझाव तथा निर्णय भी दे
पाएगा।
7.
संक्षिप्तता और स्पष्टता-रिपोर्ट
लिखते समय यह ध्यान रखा जाए कि उसमें अनावश्यक विस्तार न हो। प्रत्येक तथ्य या
साक्ष्य का संक्षिप्त और सुस्पष्ट विवरण दिया जाए। यदि रिपोर्ट काफी लंबा हो गया
हो तो उसका सार दिया जाए जिससे प्राप्त तथ्यों और सुक्षावों पर ध्यान तुरंत आकृष्ट
हो सके। लेकिन अस्पष्ट सूचना या विवरण से उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता। अतः रिपोर्ट
संक्षिप्त होते हुए भी अपने आप में स्पष्ट और पूर्ण होनी चाहिए।
प्रश्न 7. अपने मोहल्ले में हुई चोरी की वारदात पर एक रिपोर्ट
तैयार कीजिए।
उत्तर-
गत 20 जून, 2023 को हमारे मोहल्ले में लाला खजूरी दास के यहाँ चोरी हो गई। चोरी
रात के लगभग 12 बजे हुई। घर के सभी लोग शादी समारोह में गए थे। हमारे मोहल्ले में
हर रोज रात 11 बजे से 2 बजे तक बिजली गुल हो जाती है। चोरों ने इसका भरपूर फायदा
उठाया। वे पीछे के दरवाज़े से कोठी में दाखिल हुए। उन्होंने घर की प्रत्येक चीज़
का मुआयना किया। वे अपने साथ 50,000 रुपये नकद, 21 तोले सोना और अन्य कीमती सामान
ले गए। लाला जी को चोरी की बात सुबह 2:30 बजे पता चली जब वे वापिस लौटे। वे कुछ
गणमान्य व्यक्तियों को साथ लेकर थाने में पहुँचे। पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज
कर ली है। वह चोरों की तलाश में जुट गई है। इंस्पेक्टर महोदय ने आश्वासन दिया है
कि जल्द ही चोरों को पकड़ लिया जायेगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. रिर्पोट प्रस्तुतीकरण की प्रक्रिया क्या कहलाती है?
1.
संवाद
2.
संपादकीय
3.
समाचार
4. रिपोर्टिंग
2. रिपोर्ट क्या है?
1. किसी घटना की तथ्यात्मक जानकारी
2.
किसी घटना का मनोरंजनपूर्ण प्रस्तुतीकरण
3.
किसी घटना के कारणों का काल्पनिक प्रस्तुतीकरण
4. इनमें से सभी
JCERT/JAC Hindi Core प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
आरोह भाग -2 | |
काव्य - खंड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | तुलसीदास-कवितावली (उत्तर कांड से),लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप |
9. | |
10. | |
11. | |
गद्य - खंड | |
12. | |
13. | |
14. | |
15. | |
16. | |
17. | |
18. | बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर-श्रम विभाजन और जाति-प्रथा,मेरी कल्पना का आदर्श समाज |
वितान भाग- 2 | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
Solved Paper 2023 |