उपभोग का मनोवैज्ञानिक नियम (Fundamental Psychological Law)

उपभोग का मनोवैज्ञानिक नियम (Fundamental Psychological Law)
उपभोग का मनोवैज्ञानिक नियम (Fundamental Psychological Law)
Q. केन्स के उपभोग के मनोवैज्ञानिक नियम की व्याख्या कीजिए ? औसत उपभोग प्रवृत्ति एवं सीमांत उपभोग प्रवृत्ति की व्याख्या करे? उपभोग फलन किन कारणों पर निर्भर करता है? ☞ उपभोग प्रक्रिया क्या है? उपभोग फलन के अल्पकालीन और दीर्घकालीन आकृतियों की व्याख्या करे ? उपभोग फलन किन कारणों पर निर्भर करता है? उत्तर- जे. एम. केन्स ने अपनी पुस्तक 'The General Theory of Employment, Interest and Money' में उपभोग के मनोवैज्ञानिक नियम का प्रतिपादन किया। यह नियम काल्पनिक नहीं, वरन् वास्तविक है इसकी सत्यता उपभोक्ताओं के व्यावहारिक जीवन में दिखाई पड़ती है। यह नियम इस सामान्य प्रवृत्ति को प्रकट करता है कि जब आय में वृद्धि होती है तो उपभोग में भी वृद्धि होती है लेकिन उपभोग में उतनी वृद्धि नहीं होती जितनी आय में होती है। केन्स के अनुसार "समाज का मनोविज्ञान ऐसा होता है कि जब कुल वास्तविक आय में वृद्धि की जाती है तो कुल उपभोग में भी वृद्धि की जाती है लेकिन उत‌नी नहीं जितनी कि आय में।" पुनः केन्स के ही शब्दों में, "मौलिक मनोवैज्ञानिक नियम, जिस पर हम लोग मानव स्वभाव की जानकारी एवं अनुभव के विस्तृ…