मिल्टन फ्रिडमैन का मुद्रा परिमाण सिद्धांत ( M. Friedman Quantity Theory of Money)

मिल्टन फ्रिडमैन का मुद्रा परिमाण सिद्धांत ( M. Friedman Quantity Theory of Money)
मिल्टन फ्रिडमैन का मुद्रा परिमाण सिद्धांत ( M. Friedman Quantity Theory of Money)
प्रश्न - मिल्टन फ्रिडमैन के मुद्रा-परिमाण सिद्धांत की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए। यह प्रतिष्ठित परिमाण सिद्धांत से किन बातों में भिन्न है? → मुद्रा-परिमाण सिद्धांत की शिकागो व्याख्या का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए ? उत्तर - 1976 ई० में अर्थशास्त्र में नोवेल पुरस्कार विजेता शिकागो के अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन ने वर्त्तमान समय में मुद्रा के परिमाण सिद्धांत को एक नये रुप में प्रस्तुत कर इसे पुनः स्थापित करने तथा लोकप्रिय बनाने का प्रयत्न किया है। प्रो. फ्रीडमैन की व्याख्या इस धारणा पर आधारित है कि अर्थव्यवस्था में मुद्रा का अत्यधिक महत्व है और मुद्रा की राशि की उपेक्षा कर हम अल्पकालीन परिवर्तनों का सही विश्लेषण नहीं कर सकते। 1956 ई. में अपने द्वारा सम्पादित " S tudies in the Quantity Theory of M oney" में "The Quantity Theory of M oney: A Restatement" नामक अपना लेख प्रस्तुत कर मिल्टन फ्रीडमैन ने मुद्रा के परिमाण सिद्धांत की नयी व्याख्या प्रस्तुत की। चूंकि प्रो. फ्रीडमैन शिकागों के अर्थशास्त्री है, अतः उनके सिद्धांत को परिमाण सिद्धांत का शिकागो स्वरूप भी कहते हैं। इसे आधुनिक प…