संतुलित बजट गुणक (Balanced Budget Multiplier)

संतुलित बजट गुणक (Balanced Budget Multiplier)
संतुलित बजट गुणक (Balanced Budget Multiplier)
संतुलित बजट गुणक के अनुसार सार्वजनिक बजट को संतुलित रखते हुए, यदि इसका आकार बढ़ा दिया जाए तो आय और रोजगार में वृद्धि की गुणक प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। सू त्र से `B.B.M=\frac{\Delta Y}{\Delta B}` इस अनुपात में ∆Y राष्ट्रीय आ य में वह वृद्धि है, जो बजट को संतुलित रखते हुए केवल इसके आकार में वृद्धि ( ∆ B) के फलस्वरूप होती है। आधुनिक विचारधारा के अनुसार, संतुलित बजट का राष्ट्रीय आय एवं रोजगार पर अनुकूल प्रभाव होता है क्योंकि अतिरिक्त सरकारी करो के कारण कुल व्य य में होने वाली कमी अतिरिक्त सरकारी व्यय के कारण कुल व्यय में होने वाली वृद्धि की तुलना में कम होती है। करो की अतिरिक्त राशि के कारण उपभोग व्यय में करो की राशि के बराबर कमी नहीं होती है क्योकि करो का कुछ भाग बचत में से चुकाया जाता है। सरकारी खरीद गुणक एवं सरकारी कर गुणक में MPC का मूल्य प्रतिस्थापित करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि इन दोनों गुणक का अन्तर 1 है। य दि MPC = 0.8 है तो सरकारी खरीद  गुणक  `\frac1{1-0.8}=5`  होगा, जबकि सरकारी कर गुणक का मूल्य  `\frac0.8{1-0.8}=4`  होगा। इस प्रकार, दोनों गुणकों का अन्तर 1 है। इसका यह अर्थ है कि सरकारी …