झारखण्ड
शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् राँची झारखण्ड
PROJECT
RAIL
(REGULAR
ASSESSMENT FOR IMPROVED LEARNING)
GENERAL
SCHOOL (10.08.2024)
विषय:
हिन्दी कोर ;
समय 90 मिनट
कक्षा-11
; पूर्णांक -40
सामान्य
निर्देश :-
1.
सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
2.
इस प्रश्न-पत्र में कुल 16 प्रश्न हैं।
3.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न के लिए 2 अंक, अतिलघु उत्तरीय प्रश्न के लिए 2 अंक, लघु उत्तरीय
प्रश्न के लिए 3 अंक और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित हैं।
4.
गलत उत्तर के लिए ऋणात्मक अंक नहीं हैं।
5.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न 1 से 10 के लिए चार विकल्प दिए गए है। सहीं विकल्प (क, ख, ग,घ) का
चयन कर उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखना है।
6.
अति दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 11 से 12, लघु उत्तरीय प्रश्न 13 से 14 और दीर्घ उत्तरीय
प्रश्न 15 से 16 का उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखना है।
7.
परीक्षा की समाप्ति से पहले किसी भी परीक्षर्थी को परीक्षा कक्ष से बाहर जाने की अनुमति
नहीं होगी।
SECTION 'A' (2X5=10) वस्तुनिष्ठ प्रश्न
निम्नलिखित
काव्यांश को पढ़कर प्रश्न संख्या 1-5 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें - बहुत कठिन
है भले-बुरे का भेद आज कर पाना सहज बोध के गंतव्यों का, दुर्लभ हुआ सुझाना। सबके
मन में ललक बलवती, ऊपर उठ पाने की। किंतु बढ़ी है भूख और भी, सब कुछ खा जाने की।
गिरा दूसरों को राहों में, बढ़ी दौड़ मंज़िल की। रही न किंचित्चाह किसी को, साथी
की संबल की। स्वार्थ-सिद्धि ही साध्य सभी विध कैसे लक्ष्य मिलेगा। कब तक जन-मानस
विवेक को यों ही सहज छलेगा। ऐसे संभव नहीं धरा पर, सहज बोध का वर्षण। तड़पेगी
पल-पल मानवता, हो न सकेगा तर्पण। बैर- भाव को त्याग सभी बढ़, सृजन - पंथ अपनाएँ। व्यक्ति दौड़ में फिसल रहे जो, उनको विहंस
उठाएँ।
1. कवि की अभिलाषा है कि
(क) हम मन मुटाव छोड़कर सृजन के कार्य करें
(ख) प्रगति की दौड़ में आगे बढ़ते चलें
(ग) शोषितों के उद्धारक बनें
(घ) दुखियों के दुखों का निदान करें
2. मानवता के तड़पते रहने का कारण है
(क) स्वार्थ पर कताही एकमात्र लक्ष्य होना
(ख) जन-मानस मेंविवेक का अभाव होना
(ग) शिक्षा का अभाव होना
(घ) जन-जागरण का अभाव होना
3. आज के युग की विशेषता नहीं है
(क) सभी लोगों की ऊपर उठने की ललक
(ख) सब कुछ खा जाने की भूख
(ग) दूसरों की हित-साधना की चिंता
(घ) दूसरों को गिराकर लक्ष्य की ओर बढ़ना
4. आज के युग में कठिन है पहचान
(क) धूर्तता की
(ख)
वास्तविकता की
(ग) सज्जन दुर्जन के अन्तर की
(घ) विषय समस्यायों के निदान की
5. "स्वार्थ-सिद्धि ही साध्य सभी विध"
मेंअलंकार है
(क) उपमा
(ख) श्लेष
(ग) अनुप्रास
(घ) यमक
6. 'अपू के साथ ढाई साल' नामक संस्मरण का हिन्दी
रूपांतरण किसने किया था
(क) सत्यजीत रे
(ख) शरतचंदचट्टोपाध्याय
(ग) विलासगिते
(घ) अमोल पलेलकर
7. पाथेर पांचाली फ़िल्म में इंदिरा की भूमिका
निभानेवाली चुन्नीबाला देवी की उम्र क्या थी
(क) 70 वर्ष
(ख) 80 वर्ष
(ग) 90 वर्ष
(घ) 85 वर्ष
8. पाठ 'विदाईसंभाषण' में भारतीयों की बेबसी,
दुख एवं लाचारी को निम्न में से किसके साथ जोड़ा गया है
(क) लॉर्ड कर्जन
(ख) लॉर्ड एल्गिन
(ग) लॉर्ड मिंटो
(घ) लॉर्ड हार्डिंग
9. मीरा ने किस बेल के फैलने की बात कही है
(क) प्रेम के
(ख)
प्रतीक्षा के
(ग)
अश्रु के
(घ)
द्वेष के
10. "संचार अनुभवों की साझेदारी है" यह कथन किसका है
(क) विल्बर श्रैम
(ख)
प्रभाष जोशी
(ग)
मनोहर श्याम जोशी
(घ)
इनमें से कोई नहीं
SECTION 'B' (2X2=4) अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
11. संचार कितने प्रकार का होता है उनके नाम लिखें।
उत्तर - संचार मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं। यथा मौखिक,
गैरमौखिक, समूह तथा जनसंचार
12. लॉर्ड कर्जन के इस्तीफा देने का कारण लिखे।
उत्तर - i) बंगाल विभाजन के कारण पूरे भारत से विरोध।
ii) अपने परिचय के व्यक्ति को फ़ौज में इच्छित
पद पर नियुक्त कराने के लिए इस्तीफे की धमकी।
SECTION 'C' (2X3=6) लघु उत्तरीय प्रश्न
13. मीरा ने अपने पद में जगत को देख रोने की बात क्यों कही है।
उत्तर - मीरा ने जगत को देख रोने की बात इसलिए की है
क्योंकि संसार के लोग मोह- माया में लिप्त हैं तथा सांसारिक सुख को ही वास्तविक
सुख मान उसी में व्यस्त हैं।
14. पत्रकारिता को परिभाषित करते हुए उसके प्रकार के नाम लिखें।
उत्तर - पत्रकारिता दैनिक जीवन की घटनाओं और उसके आधार पर प्रकाशित
पत्रों की संवाहिका होती है। यह प्रकाशन, संपादन, लेखन अथवा प्रसारण सहित समाचार
के संचालन का व्यवसाय है। पत्रकारिता के कुछ महत्वपूर्ण प्रकार निम्नलिखित हैं खोज
पर पत्रकारिता, विशेषीकृत पत्रकारिता, वॉच डॉग पत्रकारिता, एडवोकेसी पत्रकारिता
तथा वैकल्पिक पत्रकारिता।
SECTION 'D' (2X5=10) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
15. "लोगक है, मीरां भइ बावरी, न्यातक है कुलनासी" मीरा के
संबंध में लोगों और कुटुंबों की ऐसी धारणा होने के कारण लिखें।
उत्तर - मीरा श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त हैं। वे कृष्ण को ही अपना सब
कुछ मानती हैं परंतु समाज मीरा की भक्ति भावना को नहीं समझता। समाज के लिए
धन-दौलत, राजमहल, आभूषण, छप्पन प्रकार का भोजन, राज सी सुख ही सब कुछ है। जब कि
मीरा इन सांसारिक सुखों को छोड़ कृष्ण भक्ति में लीन वृंदावन की गलियों में घूमती
हैं। जिस कारण लोग उन्हें बावरी कहते हैं। दूसरी ओर मीरा के सगे-संबंधी उन्हें राज
घराने की वंश परंपरा का पालन न कर वृंदावन एव म्द्वारिका चले जाने के कारण कुलनाशी
कहते हैं।
16. किसी भी फ़िल्म के निर्माण में फ़िल्मकार को जिन समस्यायों का सामना
करना पड़ता है, उन्हें अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर - किसी फ़िल्म के निर्माण में फ़िल्मकार को निम्नलिखित
समस्याओं का सामना करना पड़ता है-
(1) धन की कमी।
(2) कलाकारों का चयन।
(3) कलाकारों का स्वास्थ्य, मृत्यु आदि।
(4) पशु पात्रों के दृश्य की स्थिति ।
(5) प्राकृतिक दृश्यों के लिए मौसम पर
निर्भरता।
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