12th Hindi Core 8. कवितावली (उत्तर कांड से) JCERT/JAC Reference Book

12th Hindi Core 8. कवितावली (उत्तर कांड से) JCERT/JAC Reference Book
12th Hindi Core 8. कवितावली (उत्तर कांड से) JCERT/JAC Reference Book
8. कवितावली (उत्तर कांड से) 1. जीवन-परिचय 1. जन्मः सन् 1532, बाँदा ज़िले के राजापुर गाँव (उत्तर प्रदेश) में माना जाता है। 2. माता-पिता-आत्माराम दुबे (पिता) हुलसी दुबे (माता) 3. शिक्षा-15-16 साल की उम्र में रामबोला पवित्र नगरी वाराणसी आये जहाँ पर वे संस्कृत व्याकरण, हिन्दी साहित्य और दर्शनशास्त्र, चार वेद, छः वेदांग, ज्योतिष आदि की शिक्षा अपने गुरु शेष सनातन से ली। 4. गुरु-नरहरिदासः 5. निधनः सन् 1623, काशी में। 2. साहित्यिक-परिचय I. हृदय-सिन्धु मति सीप समाना। स्वाती सारद कहहि सुजाना।। जौं बरषै बर बारि विचारू। होहि कबित मुकुतामनी चारू ।। कीरति भनिति भूति भल सोई। सुरसरि सम सब कहँ हित होई ।। भक्तिकाल की सगुण काव्य-धारा में रामभक्ति शाखा के सर्वोपरि कवि गोस्वामी तुलसीदास में भक्ति से कविता बनाने की प्रक्रिया की सहज परिणति है। परंतु उनकी भक्ति इस हद तक लोकोन्मुख है कि वे लोकमंगल की साधना के कवि के रूप में प्रतिष्ठित हैं। ।।. यह बात न सिर्फ़ उनकी काव्य-संवेदना की दृष्टि से, वरन् काव्यभाषा के घटकों की दृष्टि से भी सत्य है। इसका सबसे प्रकट प्रमाण तो यही है कि शास्त्रीय भाषा; संस्कृत में सर्जन-क्षमता होने क…