भारतीय मुद्रा बाजार (Indian Money Market) भारतीय
मुद्रा बाजार (Indian Money Market) प्रश्न - मुद्रा बाजार क्या है? भारतीय मुद्रा बाजार के
विभिन्न अंगो का वर्णन करे ? भारतीय मुद्रा बाजार की प्रमुख विशेषताओ तथा इसके
दोषों का उल्लेख करे? उत्तर - मुद्रा अथवा साख का लेन-देन दो प्रकार का होता है-
अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन। जिस बाजार में मुद्रा तथा साख का लेन-देन अल्पकाल के
लिए होता है उसे मुद्रा बाजार कहा जाता है। दूसरे शब्दों में, मुद्रा बाजार से
तात्पर्य ऐसे स्थान से होता है जहाँ पर अल्पकाल के लिए मुद्रा का उधार लेन-देन
ब्याज के बदले होता है। मुद्रा-बाजार की परिभाषा विभिन्न विद्वानों ने दी है।
क्राउथर (Crwother) के शब्दों में- "उन फर्मों अथवा संस्थाओं को सामूहिक रूप
से मुद्रा बाजार कहा जाता है जो भिन्न-भिन्न प्रकार के मुद्रा तुल्य पत्रों का
व्यापार करती हैं।" सेयर्स (Sayers) के अनुसार तो- "मुद्रा बाजार वस्तुतः
अल्पकालीन ऋणों का बाजार होता है।) डॉ. एस. एन. सेन ने कहा- "मुद्रा बाजार का तात्पर्य उस
व्यवस्था से है जिसमें व्यावसायिक विनिमय बिलों, अल्पकालीन सरकारी, प्रतिभूतियों
और बैंकर्स स्वीकृतियों आदि के आधार पर अल्पक…