12. सामान्य ज्ञान इतिहास- 12. पुष्यभूति वंश पुष्यभूति वंश ➤ गुप्त
साम्राज्य के पतन के बाद हरियाणा के अंबाला जिले के स्थानेश्वर/थानेश्वर नामक
स्थान पर पुष्यभूति वंश की स्थापना हुई। ➤ यह वंश हुणों
के साथ हुए अपने संघर्ष के कारण प्रसिद्ध हुआ। इस वंश की स्थापना पुष्यभूति द्वारा
की गयी थी। सम्भवतः प्रभाकरवर्धन इस वंश का चौथा शासक था। इसके विषय में जानकारी
बाणभट्ट के हर्षचरित से मिलती है। ➤ प्रभाकरवर्धन
दो पुत्रों राज्यवर्धन और हर्षवर्धन एवं एक पुत्री राज्यश्री का पिता था। पुत्री
राज्यश्री का विवाह प्रभाकरवर्धन ने मौखरी वंश के गृहवर्मन से किया। ➤ पिता की मृत्यु
के बाद राज्यवर्धन गद्दी पर बैठा, पर शीघ्र की उसे मालवा के खिलाफ अभियान के लिए
जाना पड़ा। अभियान की सफलता के बाद लौटते हुए मार्ग में गौड़ के शासक शशांक ने
राज्यवर्धन की हत्या कर दी। ➤ राज्यवर्धन
के बाद लगभग 606 ई. में हर्षवर्धन थानेश्वर के सिंहासन पर बैठा। हर्ष के विषय में हमें
बाणभट्ट के हर्षचरित से व्यापक जानकारी मिलती है। ➤ हर्षवर्धन
ने लगभग 41 वर्ष तक शासन किया। हर्ष के साम्राज्य का विस्तार जालंधर, पंजाब, कश्मीर,
नेपाल एवं बल्लभी तक था। इसने आर्यावर्त को भी अपने अधीन किया। हर्ष को बादा…