13. सामान्य ज्ञान इतिहास- सीमावर्ती राजवंशों का अभ्युदय
13. सामान्य ज्ञान इतिहास- सीमावर्ती राजवंशों का अभ्युदय सीमावर्ती राजवंशों
का अभ्युदय पाल वंश ➤ पाल
वंश की स्थापना (750 ई.) कुछ प्रमुख व्यक्तियों द्वारा चुने गये (ग्रहीता) बौद्ध अनुयायी
गोपाल (750-770 ई.) ने की थी। ➤ इस
वंश की राजधानी मुंगेर थी। ➤ तिब्बती
लामा एवं इतिहासकार तारानाथ के अनुसार गोपाल ने ओदन्तपुरी में एक मठ और विश्वविद्यालय
की स्थापना की। ➤ पाल
वंश के प्रमुख शासक थे- धर्मपाल (770-810 ई.), देवपाल (810-850 ई.), नारायणपाल
(860-915 ई.), महिपाल - 1 (988-1038 ई.), नयपाल (1038-1055 ई.) आदि। ➤ पाल
वंश का सबसे महान शासक धर्मपाल था। उसने बहुत से मठ एवं विहार का निर्माण करवाया था।
धर्मपाल ने प्रसिद्ध विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना पाथरघाट, भागलपुर (बिहार)
में की थी। उसने नालंदा विश्वविद्यालय के खर्च के लिए भी 200 गाँव दान में दिया था। ➤ कन्नौज
के लिए त्रिपक्षीय संघर्ष पाल वंश, गुर्जर-प्रतिहार वंश एवं राष्ट्रकूट वंश के बीच
हुआ। इसमें पाल वंश की ओर से सर्वप्रथम धर्मपाल शामिल हुआ था। ➤ 11 वीं शताब्दी
के गुजराती कवि सोड्ठल ने धर्मपाल को उत्तरापथस्वामिन की उपाधि से सम्बोधित किया था। ➤ धर्मपाल का पुत्र
एवं उत्तराधिकारी देवपाल इस वंश का सर्वाधिक प्रतापी शा…