15. जलवायु परिवर्तन में मानवीय क्रियाकलापों की भूमिका

15. जलवायु परिवर्तन में मानवीय क्रियाकलापों की भूमिका
15. जलवायु परिवर्तन में मानवीय क्रियाकलापों की भूमिका
जलवायु परिवर्तन में मानवीय क्रियाकलापों की भूमिका प्रश्न : "जलवायु परिवर्तन में मानव क्रिया-कलापों का भी योगदान होता है।" इस कथन की व्याख्या करें। अथवा "जलवायु परिवर्तन केवल प्रकृतिजन्य ही नहीं है अपितु वह मानवजन्य भी है।" इस कथन के अभिप्राय को स्पष्ट करें। अथवा यह बताइये कि जलवायु परिवर्तन के लिए किस सीमा तक मनुष्य के कार्य-कलाप उत्तरदायी हैं? उत्तर : सामान्यतः यह समझा जाता है कि जलवायु परिवर्तन प्रकृति का खेल है। अर्थात् जलवायु के स्वरूप, गुण, धर्म और विशेषता को प्राकृतिक कारक, यथा तापक्रम, वर्षा, वायु की प्रवाह-दिशा एवं सापेक्षिक आर्द्रता, शुष्कता, अक्षांश एवं देशांतर ऊँचाई, जल तथा स्थल का वितरण और पर्वत श्रेणी के प्रति क्षेत्र व प्रचलित पवनों की दिशा आदि तत्त्व एवं कारक निर्धारित एवं नियंत्रित करते हैं। यह सच है। है कि मनुष्य इन प्राकृतिक तत्त्वों एवं कारकों में कोई परिवर्तन नहीं कर सकता। लेकिन मनुष्य आदिकाल से ही कुछ ऐसे कार्य करता चला आ रहा है जिसका जलवायु परिवर्तन की प्रकृति पर गहरा, व्यापक और सूक्ष्म प्रभाव पड़ता रहा है। मनुष्य को प्रत्यक्षतः इस बात का कभी भान ही…