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Class 12th Economics PROJECT RAIL (JCERT) GENERAL SCHOOL Weekly Test Answer Key

 

04.11.2025

SECTION - A (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) (1x6=6)

1. बजट किसे कहते हैं?

A) कर संग्रहण

B) सरकारी खर्चों की योजना

C) सरकार की वार्षिक आय-व्यय का विवरण

D) आर्थिक नीति

2. भारतीय संविधान में बजट को किस नाम से जाना जाता है?

A) आर्थिक घोषणा

B) वार्षिक वित्तीय विवरण

C) आम रिपोर्ट

D) राष्ट्रीय लेखा

3. बजट का निर्माण किसके द्वारा किया जाता है?

A) राष्ट्रपति

B) वित्त मंत्री

C) प्रधानमंत्री

D) गृह मंत्री

4. बजट वर्ष भारत में कब से कब तक होता है?

A) 1 जनवरी से 31 दिसंबर

B) 1 अप्रैल से 31 मार्च

C) 1 जुलाई से 30 जून

D) 1 अक्टूबर से 30 सितंबर

5. निम्नलिखित में से कौन-सा बजट का प्रकार नहीं है?

A) राजस्व बजट

B) पूंजीगत बजट

C) विकास बजट

D) कर बजट

6. सरकार के राजस्व व्यय और पूंजी व्यय का सही उदाहरण कौन-सा है?

A) व्याज भुगतान और स्कूल भवन का निर्माण

B) रक्षा सामग्री की खरीद और वेतन भुगतान

C) सब्सिडी और कर संग्रह

D) श्रऋण की वसूली और व्याज प्राप्ति

SECTION – B (लघु उत्तरीय प्रश्न) (4x2=8)

7. बजट क्या है ?

उत्तर: बजट, प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्ययों का एक लेखा-जोखा होता है।

8. राजस्व बजट और पूंजीगत बजट में अंतर लिखिए ?

उत्तर: राजस्व बजट और पूंजीगत बजट के बीच मुख्य अंतर इस प्रकार हैं:

  • राजस्व बजट में सरकार की चालू आय और उनसे होने वाले व्यय शामिल होते हैं। इसमें कर राजस्व (जैसे आयकर, उत्पाद शुल्क) और गैर-कर राजस्व (जैसे ब्याज, लाभांश) तथा दिन-प्रतिदिन के खर्च जैसे वेतन, पेंशन, प्रशासनिक लागत आदि आते हैं। इसका असर सरकार की संपत्ति या देनदारियों पर नहीं पड़ता है।
  • पूंजीगत बजट में सरकार की पूंजीगत प्राप्तियाँ और पूंजीगत व्यय शामिल होते हैं। पूंजीगत प्राप्ति में उधार लेना, सरकारी संपत्तियों का विनिवेश आदि आते हैं, जबकि पूंजीगत व्यय में आधारभूत संरचना का निर्माण, दीर्घकालीन संपत्ति का निवेश आदि शामिल हैं। यह सरकार की परिसंपत्तियों और देनदारियों में परिवर्तन करता है।

सरल शब्दों में, राजस्व बजट सरकार के दिन-प्रतिदिन के खर्चों और आय का हिसाब है, जबकि पूंजीगत बजट सरकार के दीर्घकालीन निवेश और वित्तीय लेनदेन का लेखा है।

9. बजट के दो उद्देश्य लिखिए ?

उत्तर: बजट के दो प्रमुख उद्देश्य हैं:

  1. आर्थिक नियंत्रण: बजट के माध्यम से सरकार और संसद सार्वजनिक कोषों (धन) के संग्रहण और खर्च पर नियंत्रण रखते हैं, ताकि धन का समुचित और न्यायसंगत उपयोग हो सके। इससे मनमानी खर्चों को रोका जाता है और संसाधनों का सही आवंटन सुनिश्चित होता है।
  2. आर्थिक विकास को प्रोत्साहन: बजट एक राजकोषीय उपकरण होता है जिसके द्वारा सरकार कर नीति, व्यय और ऋण नीति के माध्यम से देश के आर्थिक विकास, पूर्ण रोजगार और सामाजिक न्याय के लक्ष्यों को प्राप्त करती है। यह देश की आर्थिक उन्नति और स्थिरता बनाए रखने में सहायक होता है।

ये उद्देश्य बजट को सरकार की वित्तीय योजना और नीति बनाने में एक महत्वपूर्ण उपकरण बनाते हैं।

10. बजट घाटा किसे कहते हैं?

उत्तर: समस्त व्यय एवं प्राप्तियों के अंतर को बजटीय घाटा कहते हैंबजटीय घाटा उस समय उत्पन्न होता है जब सरकारी व्यय, सरकारी प्राप्तियों से ज्यादा होता है।

SECTION – C (र्दीघ उत्तरीय प्रश्न) (2x3=6)

11. बजट की परिभाषा दीजिए और इसके प्रमुख घटकों का वर्णन कीजिए?

उत्तर: सरकारी बजट एक वित्तीय वर्ष ( अप्रैल 1 से मार्च 31 तक ) की अवधि के दौरान सरकार की प्राप्तियों ( आय ) तथा सरकार के व्यय के अनुमानों का विवरण होता है

सरकारी बजट के दो मुख्य तत्व ( घटक ) है

(1) बजट प्राप्तियां :- बजट प्राप्तियों से अभिप्राय एक वित्तीय वर्ष में सरकार को सभी साधनों से प्राप्त होने वाली अनुमानित मौद्रिक आय से हैबजट प्राप्तियों का विस्तृत रूप से दो भागों में वर्गीकरण किया जाता है

(a) राजस्व प्राप्तियां :- सरकार की राजस्व प्राप्तियां वे मौद्रिक प्राप्तियां हैं जिनके फलस्वरूप न तो कोई देयता उत्पन्न होती है और न ही परिसंपत्तियों में कमी होती है

(b) पूंजीगत प्राप्तियां :- पूंजीगत प्राप्तियां वे मौद्रिक प्राप्तियां हैं जिनसे सरकार की देयता उत्पन्न होती है या परिसंपत्ति कम होती है

(2) बजट व्यय :- बजट व्यय से अभिप्राय सरकार द्वारा एक वित्तीय वर्ष में 'विकास तथा विकासेतर' या 'योजना' तथा 'योजनेतर' कार्यक्रमों पर अनुमानित व्यय से है

बजट व्यय को निम्न दो भागों में वर्गीकरण किया जाता है -

(a) राजस्व व्यय :- राजस्व व्यय से अभिप्राय सरकार द्वारा एक वित्तीय वर्ष में किये जाने वाले उस अनुमानित व्यय से है जिसके फलस्वरूप न तो सरकार की परिसंपत्ति का निर्माण होता है न ही देयता में कमी होती है

(b) पूंजीगत व्यय :- पूंजीगत व्यय से अभिप्राय एक वित्तीय वर्ष में सरकार के उस अनुमानित व्यय से  है जो परिसंपत्तियों में वृद्धि करता है या देयता  को कम करता है

OR

राजकोषीय घाटा क्या है?

उत्तर: राजकोषीय घाटे का संबंध सरकार की राजस्व तथा पूंजीगत दोनों प्रकार के व्ययो तथा राजस्व और उधार छोड़कर बाकी पूंजीगत प्राप्तियों से है। राजकोषीय घाटा कुल व्यय ( राजस्व + पूंजीगत ) की उधार छोड़कर कुल प्राप्तियो ( राजस्व + उधार छोड़कर पूंजीगत प्राप्तियो ) पर अधिकता है।

12. सरकारी बजट के उद्देश्य एवं महत्त्व समझाइए।

उत्तर: सरकारी बजट का मुख्य उद्देश्य देश के आर्थिक संसाधनों का सुव्यवस्थित उपयोग, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, सामाजिक कल्याण देना तथा आर्थिक स्थिरता बनाए रखना होता है।​

सरकारी बजट के उद्देश्य

  • आर्थिक स्थिरता: बजट के माध्यम से सरकार मुद्रास्फीति, मंदी जैसी समस्याओं को नियंत्रित करती है एवं अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखने का प्रयास करती है।​
  • आर्थिक विकास को बढ़ावा: सरकार बजट के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करके तेज़ आर्थिक विकास को गति देती है, जिससे नए उद्योगों का विकास और उत्पादन में वृद्धि होती है।​
  • संसाधनों का उचित वितरण: बजट के द्वारा सीमित संसाधनों का विभिन्न क्षेत्रों में न्यायसंगत और आवश्यकतानुसार वितरण किया जाता है, जिससे संतुलित क्षेत्रीय विकास संभव हो सके।​
  • सामाजिक कल्याण: बजट द्वारा सरकार गरीब, पिछड़े एवं कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाती है तथा शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में खर्च कर समाजिक न्याय को प्रोत्साहित करती है।​
  • रोज़गार सृजन: बजट में सार्वजनिक निर्माण, ग्रामीण विकास आदि योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाया जाता है, जिससे नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं।​
  • आय और संपत्ति का पुनर्वितरण: न्यायपूर्ण आर्थिक व्यवस्था के लिए सरकार कर और अन्य साधनों के द्वारा आय-विभाजन को संतुलित करती है ताकि समाज में असमानता कम की जा सके।​
  • वित्तीय अनुशासन: बजट वित्तीय संसाधनों के समुचित नियोजन, उपयोग और नियंत्रण के लिए एक औज़ार है, जिससे सरकारी खर्च पर नियंत्रण रखा जा सके।​

सरकारी बजट का महत्त्व

  • विकास नीति का मार्गदर्शन: बजट के माध्यम से सरकार अपनी नीतियों को लागू करती है और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को दर्शाती है।​
  • जन-सेवा एवं कल्याण: बजट द्वारा सार्वजनिक वस्तुएँ—राष्ट्रीय सुरक्षा, सड़कें, शिक्षा आदि—उपलब्ध करवाई जाती हैं, जो निजी संस्थानों से संभव नहीं।​
  • मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति का आधार: बजट से सरकार मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति तय करती है, जिससे आर्थिक असंतुलन को नियंत्रित किया जाता है।​
  • राजकोषीय उत्तरदायित्व: बजट सरकार को वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने का प्रमुख साधन भी है।​

इस प्रकार, सरकारी बजट केवल आय-व्यय का विवरण नहीं, बल्कि देश के आर्थिक, सामाजिक और विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक प्रभावी साधन है।

OR

संतुलित बजट, आधिक्य बजट (बचत का बजट) तथा घाटे की बजट की व्याख्या करें ?

उत्तर: संतुलित बजट

संतुलित बजट वह बजट होता है जिसमें सरकार की कुल आय (राजस्व) और कुल व्यय बराबर होते हैं। इसका मतलब है कि सरकार जितनी राशि कमाती है, उतनी ही खर्च करती है और न तो बजट में घाटा होता है न ही अधिशेष। यह स्थिति वित्तीय अनुशासन और स्थिरता को दर्शाती है। संतुलित बजट सरकार को अनावश्यक उधारी से बचाता है और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह सरकार की आर्थिक स्थिरता और जवाबदेही का संकेत होता है।

अधिशेष बजट (आधिक्य बजट)

अधिशेष या अधिकी बजट वह बजट होता है जिसमें सरकार की कुल आय, कुल व्यय से अधिक होती है। यानी सरकार के पास खर्च करने के लिए राजस्व से अधिक राशि होती है, जो बचत या भविष्य के लिए निवेश के रूप में रखी जाती है। अधिशेष बजट सरकार के वित्तीय स्वास्थ्य को बेहतर दर्शाता है और कर्ज कम करने या आगामी आर्थिक योजनाओं के लिए संसाधन जुटाने में सहायक होता है।

घाटे का बजट

घाटे का बजट वह होता है जिसमें सरकार की कुल व्यय, उसकी कुल आय से अधिक होती है। यानी सरकार अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी कमाई से ज्यादा खर्च करती है, जिससे उसे घाटा होता है। ऐसे बजट में सरकार उधार लेकर या कर्ज लेकर इस अंतर को पूरा करती है। घाटे के बजट का प्रयोग विशेष रूप से अर्थव्यवस्था में विकास को प्रोत्साहित करने, मंदी के समय या जरुरी निवेशों के लिए किया जाता है, हालांकि यह मुद्रास्फीति और कर्ज के स्तर को बढ़ा सकता है यदि सावधानी से प्रबंधित न किया जाए।

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