लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न :- कुछ क्षेत्रीय और आर्थिक समूहों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर :- विश्व के लगभग सभी राष्ट्र 1960 के दशक से ही अपनी घरेलू अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक क्षेघ्रीय एवं वैश्विक आर्थिक समूहों का निर्माण करते रहे हैं जैसे सार्क (SAARC), यूरोपीय संघ (EU), आसियान (ASEAN), जी-8 (G-8) तथा जी-20 (G-20) आदि।
प्रश्न :- वे विभिन्न साधन कौन-से हैं जिनकी सहायता से देश अपनी घरेलू
अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने का प्रयत्न कर रहे हैं ?
उत्तर :- विभिन्न देश अपनी
घरेलू अर्थव्यवस्थाओं को निम्न साधनों से मजबूत बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं
1. विभिन्न प्रकार के
क्षेत्रीय एवं वैश्विक आर्थिक समूहों का निर्माण करके जैसे सार्क (SAARC), आसियान
(ASEAN), जी-8 (G-8), यूरोपीय संघ (EU) आदि।।
2. अपनी अर्थव्यवस्था
में आर्थिक सुधारों को अपनाकर अर्थात् वैश्वीकरण की प्रक्रिया को अपनाकर।
3. अपने पड़ोसी
राष्ट्रों द्वारा अपनाई गई विकासात्मक प्रक्रियाओं को समझकर।
4. अपने पड़ोसी देशों
की शक्तियों एवं कमजोरियों को बेहतर ढंग से समझकर।
5, वैश्वीकरण के
प्रभावों का आकलन करके।
प्रश्न :- वे समान विकासात्मक नीतियाँ कौन-सी हैं जिनका कि भारत और
पाकिस्तान ने अपने-अपने विकासात्मक पथ के लिए पालन किया है?
उत्तर :- भारत व पाकिस्तान
द्वारा अपनाई गई समान विकासात्मक नीतियाँ जिनके द्वारा उन्होंने अपने विकासात्मक
पथ के लिए पालन किया है, निम्नलिखित हैं
1. भारत और पाकिस्तान
ने अपने विकास पथ पर लगभग एक ही समय चलना प्रारम्भ किया है।
2. भारत ने 1951 ई०
में अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा की जबकि पाकिस्तान ने 1956
में अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा की। इस प्रकार दोनों ही देशों ने विकास
के लिए आर्थिक नियोजन का मार्ग अपनाया।
3. दोनों ही देशों ने
प्रारम्भ में सार्वजनिक क्षेत्र के विस्तार पर बल दिया किन्तु निजी क्षेत्र की भी
उपेक्षा नहीं की। इस प्रकार दोनों ही देशों ने ‘मिश्रित अर्थव्यवस्था अपनाई।
4. दोनों ही देशों ने
अपने व्यय का अधिकांश ‘सामाजिक विकास पर किया अर्थात् दोनों ही देशों की
प्राथमिकता सार्वजनिक विकास’ रही।
5. दोनों ही देशों ने
अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए लगभग एक ही समय पर आर्थिक सुधार
कार्यक्रम लागू किए।
प्रश्न :- 1958 में प्रारम्भ की गई चीन के ‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड’ (महान प्रगति उछाल)
अभियाष की व्याख्या कीजिए।
उत्तर :- ‘महान्
प्रगति उछाल’ (Great Leap Forward: GLF) 1958 ई० में चीन में आरम्भ किया गया। इसका
प्रमुख उद्देश्य बड़े पैमाने पर देश का औद्योगीकरण करना था। इस अभियान के अन्तर्गत
सरकार ने एक ऐसी सामाजिक जागृति को प्रोत्साहित किया जिसके द्वारा लोग औद्योगीकरण
(उद्योगों की स्थापना) की ओर आकर्षित हुए। इसके अन्तर्गत लोगों को अपने घरों के पिछवाड़े
खाली स्थानों पर उद्योग लगाने को प्रोत्साहित किया गया। इस अभियान के प्रमुख उद्देश्य
निम्नलिखित थे
1. समष्टि स्तर पर
औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करना।
2. लोगों को अपने घरों
के पिछवाड़े, खाली स्थानों पर उद्योग लगाने को प्रोत्साहित करना।
3. ग्रामीण क्षेत्रों
में सामूहिक खेती’ (commune) को प्रोत्साहित करना।
‘लेप लीप फॉरवर्ड’
अभियान को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा। इनमें प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित थीं
1. भयंकर सूखे ने चीन
में तबाही मचा दी। इसमें लगभग 3 करोड़ लोग मारे गए।
2. रूस और चीन के मध्य
संघर्ष हो गया और रूस ने अपने उन सभी विशेषज्ञों को वापस बुला लिया जिन्हें
औद्योगीकरण की प्रक्रिया के लिए सहायता करने के लिए चीन भेजा गया था।
प्रश्न :- “चीन की तीव्र औद्योगिक संवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई
थी। क्या आप | इस कथन से सहमत हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :- चीन में आर्थिक
सुधार 1978 ई० से लागू किए गए। ये सुधार विभिन्न चरणों में शुरू किए गए।
प्रारम्भिक चरण में कृषि, विदेशी व्यापार तथा निवेश क्षेत्रकों में सुधार किए गए।
उदाहरण के लिए कृषि क्षेत्रक कम्यून (सामूहिक) भूमि को छोटे-छोटे भू-खण्डों में
बाँट दिया गया जिन्हें कृषि प्रयोग के लिए अलग-अलग परिवारों को आवंटित किया गया। कर
देने के बाद शेष आय के वे स्वयं स्वामी थे। दूसरे चरण में औद्योगिक क्षेत्र में
सुधार किए गए। ग्रामीण उद्योगों की स्थापना के लिए निजी क्षेत्रक को प्रोत्साहित
किया गया। इसके फलस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्रक को निजी क्षेत्रक की प्रतिस्पर्धा का
सामना करना पड़ा। सुधार प्रक्रिया में ‘दोहरी कीमत निर्धारण पद्धति’ (Dual pricing
policy) लागू की गई—
1. सरकार द्वारा
निर्धारित कीमत,
2. बाजार द्वारा
निर्धारित कीमत।
आगतों और निर्गतों
की एक निर्धारित मात्रा का क्रय-विक्रय सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों पर किया
जाता था जबकि शेष मात्रा का क्रय-विक्रय बाजार द्वारा निर्धारित कीमतों पर किया
जाता था। विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र’ (Special
economic zones) स्थाषित किए गए। परिणामस्वरूप चीन की औद्योगिक संवृद्धि दर तेजी
से बढ़ती गई।
प्रश्न :- पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए की गई विकासात्मक
पहलों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :- पाकिस्तान द्वारा
अपने आर्थिक विकास के लिए की गई विभिन्न विकासात्मक पहले निम्नलिखित हैं
(1) पाकिस्तान
ने ‘मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया जिसमें सार्वजनिक व निजी क्षेत्रक मिलकर काम करते
हैं। दोनों एक-दूसरे के पूरक होते हैं।
(2) 1950 और
1960 के दशकों में अन्त में पाकिस्तान ने अनेक प्रकार के नियन्त्रण लगाए
a. औद्योगिक विकास के
लिए आयात प्रतिस्थापन की नीति को अफ्नाया।।
b. उपभोक्ता वस्तुओं
के विनिर्माण को संरक्षण देने के लिए प्रशुल्क लगाए।
c. प्रतिस्पर्धा
आयातों पर आयात-नियन्त्रण लगाए।
d. चुनिन्दा क्षेत्रों
की आधारिक संरचना में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि की।
e. 1970 ई०
के दशक में प्रमुख पूँजीगत वस्तुओं के उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया।
f. कृषि क्षेत्र में
हरित क्रान्ति को प्रोत्साहन दिया।
g. 1970 और
1980 के दशकों के अन्त में अ-राष्ट्रीयकरण की नीति अपनाई और निजी क्षेत्रक को प्रोत्साहित
किया।
h. 1988 ई० में देश में आर्थिक सुधार लागू किए गए।
प्रश्न :- चीन में ‘एक सन्तान नीति का महत्त्वपूर्ण निहितार्थ क्या है?
उत्तर :- 1970 ई०
के दशक के अन्त में चीन में ‘एक सन्तान नीति लागू की गई थी। इस नीति के निम्नलिखित
परिणाम सामने आए
1. चीन में जनसंख्या
वृद्धि की गति बहुत धीमी हो गई।
2. चीन में लिंगानुपात
(प्रति एक हजार पुरुषों में महिलाओं को अनुपात) में गिरावट आई।
3. यह अनुमान लगाया गया कि कुछ दशकों के बाद चीन
में वयोवृद्ध लोगों की जनसंख्या का अनुपात युवा लोगों की अपेक्षा अधिक हो जाएगा।
4. चीन को सामाजिक
सुरक्षा उपाय बढ़ाने होंगे।
प्रश्न :- चीन, पाकिस्तान और भारत के मुख्य जनांकिकीय संकेतकों का उल्लेख
कीजिए।
उत्तर :- चीन व भारत क्रमश: विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश हैं। विश्व में रहने वाले प्रत्येक छ: व्यक्तियों में से एक व्यक्ति भारतीय है और दूसरा चीनी है। इसके विपरीत पाकिस्तान की जनसंख्या बहुत कम है और वह चीन या भारत की जनसंख्या का लगभग दसवाँ भाग है। जनसंख्या वृद्धि की दर पाकिस्तान में सबसे अधिक है, और उसके बाद भारत व चीन का स्थान है। चीन में प्रजनन दर भी बहुत कम है और पाकिस्तान में बहुत अधिक। इसे निम्न तालिका में दर्शाया गया है
[* नोट-इन आँकड़ों में हाँगकाँग, मकाओ और
ताइवान प्रान्तों के आँकड़े शामिल नहीं हैं।] अर्युक्त तालिका में निम्न बातें स्पष्ट
होती है
1. जनसंख्या की दृष्टि
से चीन का प्रथम, भारत का द्वितीय तथा पाकिस्तान का तृतीय है।
2. जनसंख्या की
वार्षिक संवृद्धि दर पाकिस्तान में सर्वाधिक (2.5) है। इसके बाद भारत (1.7) का
नम्बर आता है। चीन (1.0) में यह सबसे कम है।
3. भारत में जनसंख्या
का घनत्व सर्वाधिक (358) है जबकि पाकिस्तान में 193 तथा चीन में 138 है।
4. लिंगानुपात की
दृष्टि से चीन का प्रथम (937), भारत का
द्वितीय (933) तथा पाकिस्तान का तृतीय (922) है।
5. प्रजनन दर
पाकिस्तान में सर्वाधिक (5.1) है जबकि भारत में यह 3.0 तथा चीन में सबसे कम (1.8)
है।
6. चीन (36.1) तथा
पाकिस्तान (33.4) दोनों ही में नगरीकरण अधिक है। भारत में नगरीय क्षेत्रों में
लगभग 28% लोग रहते हैं।
प्रश्न :- मानव विकास के विभिन्न संकेतकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :- मानव
विकास के विभिन्न संकेतक निम्नलिखित हैं
1. प्रति व्यक्ति
सकल घरेलू उत्पाद।
2. निर्धनता
रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोग।
3. जन्म के
समय जीवन प्रत्याशा।
4. प्रौढ़
साक्षरता दरें (15 वर्ष और अधिक आयु)।
5. सामान्य
साक्षरता दर :
6. शिशु मृत्यु-दर।
7. मातृत्व
मृत्यु-दर।
8. उत्तम स्वच्छता
तक धारणीय पहुँच वाली जनसंख्या।
9. उत्तम जलस्रोतों
तक धारणीय पहुँच वाली जनसंख्या।
10. अल्पपोषित
जनसंख्या।
प्रश्न :- स्वतन्त्रता संकेतक की परिभाषा दीजिए। स्वतन्त्रता संकेतकों के
कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर :- स्वतन्त्रता
संकेतक की परिभाषा स्वतन्त्रता संकेतक को ‘सामाजिक व राजनीतिक निर्णय प्रक्रिया में
लोकतान्त्रिक भागीदारी के रूप में परिभाषित किया जाता है। प्रमुख स्वतन्त्रता संकेतांकों
के उदाहरण निम्नलिखित हैं
1. नागरिक
अधिकारों की संवैधानिक संरक्षण की सीमा।
2. न्यायपालिका
की स्वतन्त्रता को संरक्षण देने की संवैधानिक सीमा।
3. विधिसम्मत
शासन।
प्रश्न :- उन विभिन्न कारकों का मूल्यांकन कीजिए जिनके आधार पर चीन में
आर्थिक विकास में तीव्र वृद्धि (तीव्र आर्थिक विकास) हुई।
उत्तर :- चीन
में तीव्र आर्थिक विकास के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
1. विश्व बैंक
और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के दिशा-निर्देशों के बिना ही चीन ने 1978 ई० में आर्थिक
सुधारों को आरम्भ किया।
2. व्यापक
भूमि सुधार, सामुदायिकीकरण और ग्रेट लीप फॉरवर्ड जैसी पहले (Initiatives) ली गईं।
3. स्वास्थ्य
और शिक्षा के क्षेत्र में आधारिक संरचना का निर्माण किया गया, योजनाओं को विकेन्द्रीकरण
किया गया, भू-सुधार कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया गया तथा लघु उद्योगों
के विकास पर पर्याप्त बल दिया गया।
4. ग्रामीण
क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का बड़े व्यापक स्तर पर प्रसारण किया गया।
5. प्रत्येक
सुधार को पहले छोटे स्तर पर लागू किया गया और बाद में उसे बड़े पैमाने पर लागू किया
गया। उपर्युक्त सुधारों के कारण चीन की वार्षिक संवृद्धि दर में तेजी से वृद्धि हुई।
प्रश्न :- पिछले दो दशकों में चीन और भारत में देखी गई संवृद्धि दर की प्रवृत्तियों
पर टिप्पणी| कीजिए।
उत्तर :- पिछले
दो दशकों में चीन और भारत की संवृद्धि की प्रवृत्तियों को तालिका 10.3 में दर्शाया
गया है
तालिका में निम्न बातें स्पष्ट होती हैं
1. दोनों देशों
में कृषि संवृद्धि की दर घटी है। भारत में यह 3.1% से घटकर 2.7% रह गई है जबकि चीन
में यह 5.9% से घटकर 3.9% रह गई। स्पष्ट है कि गिरावट की यह दर चीन में अधिक रही
2. चीन में
उद्योग की संवृद्धि दर बढ़ी है। (10.8% से बढ़कर 11.8%) जबकि भारत में औद्योगिक | संवृद्धि
दर घटी है (7.4% से घटकर 6.6%)।
3. भारत में
सेवा क्षेत्रक में संवृद्धि दर बढ़ी है (6.9% से बढ़कर 7.9%) जबकि चीन में यह घटी है।
(13.5% से घटकर 8.8%)। इस प्रकार भारत में सेवा क्षेत्रक और चीन में विनिर्माण क्षेत्रक
में जी०डी०पी० योगदान अधिक रहा है।
तालिका 10.3 : भारत व चीन की विभिन्न क्षेत्रकों में संवृद्धि की प्रवृत्तियां
देश |
1980-90 |
1990-20002/03 |
||||
कृषि |
उद्योग |
सेवा |
कृषि |
उद्योग |
सेवा |
|
भारत |
3.1 |
7.4 |
6.9 |
2.7 |
6.6 |
7.9 |
चीन |
5.9 |
10.8 |
13.5 |
3.9 |
11.8 |
8.8 |
प्रश्न
:- भारत के मुख्य आयात और निर्यात कौन-से हैं?
उत्तर :- भारत की मुख्य आयातक वस्तुएँ हैं-उर्वरक, खाद्य तेल, अखबारी
कागज, पेट्रोलियम उत्पाद, मशीनरी, परियोजना का सामान, औषधि और फार्मास्युटिकल उत्पाद,
कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन, कोयला, कुकिंग कोल व कृत्रिम रेजिन आदि।। भारत की मुख्य
निर्यातक वस्तुएँ हैं—समुद्री उत्पाद, अयस्क और खनिज, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, जवाहराते
और आभूषण, रसायन और सह-उत्पाद, इन्जीनियरिंग का सामना, कपड़ा और दस्तकारी का सामान,
चीनी, दुग्ध उत्पाद व इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि।
प्रश्न :- पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर :- पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। जनसंख्या
का लगभग 50% भाग इस कार्य में लगा है। खाद्यान्नों के उत्पादन में देश आत्मनिर्भर है।
पाकिस्तान का उद्योग देश की अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं की जरूरतों को पूरा करता है।
तेलशोधन, धातु प्रक्रमण तथा ताप बिजली संयन्त्रों के प्रयोग के फलस्वरूप बिजली के उत्पादन
में बहुत अधूिक वृद्धि हुई है। इसके बावजूद आर्थिक दृष्टि से पाकिस्तान एक पिछड़ा देश
है। यहाँ प्रति व्यक्ति आय कम है, आर्थिक निष्पादन अकुशल है और राजनीतिक अस्थिरता के
कारण विकास की गति रुकी हुई है। विभिन्न आर्थिक एवं सामाजिक विकास की दृष्टि से पाकिस्तान
पिछड़ता ही जा रहा है।
प्रश्न :- पाकिस्तान में धीमी संवृद्धि दर तथा पुनःनिर्धनता के कारण बताइए।
उत्तर :- पाकिस्तान
में संवृद्धि दर धीमी रही है। यह 1980-90 के दशक में 6.3% थी जो 1990-2003 की अवधि
के दौरान घटकर 3.6% रह गई। यह गिरावट कृषि, विनिर्माण व सेवा–तीनों ही क्षेत्रकों में
देखी गई। संवृद्धि दर में गिरावट के साथ-साथ निर्धनता का स्तर भी कम होने के बाद
1990 के दशक में पुन: बढ़ने लगा है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
1. कृषि संवृद्धि
और खाद्य पूर्ति, तकनीकी परिवर्तन संस्थागत प्रक्रिया पर आधारित न होकर अच्छीफसल पर
आधारित था। फसल के अच्छा होने पर अर्थव्यवस्था ठीक रहती थी और फसल के अच्छी न होने
पर संवृद्धि दर गिर जाती थी।
2. विदेशी
मुद्रा फ़ा अर्जन विनिर्मित उत्पादों के निर्यात पर आधारित न होकर, मध्य-पूर्व में
काम करने वाले पाकिस्तानी श्रमिकों की आय प्रेषण तथा अति अस्थिर कृषि उत्पादों के निर्यातों
पर आधारित था।
3. पाकिस्तान
में विदेशी ऋणों पर निर्भर रहने की प्रवृत्ति बढ़ रही थी और दूसरी ओर पुराने ऋणों को
चुकाने की कठिनाई बढ़ती जा रही थी। इस प्रकार पाकिस्तान विदेशी ऋण-जाल में फँसता जा
रहा था।
4. पाकिस्तान
विनिर्माण क्षेत्र के लिए आवश्यक आधारिक संरचना का निर्माण नहीं कर पाया।
5. आतंकवाद
के चलते विदेशी निवेशकों ने पाकिस्तान में निवेश के प्रति रुचि नहीं दिखाई।
प्रश्न :- कुछ विशेष मानव विकास संकेतांकों के सन्दर्भ में भारत, चीन और
पाकिस्तान के विकास की तुलना कीजिए और उसका वैषम्य बताइए।
उत्तर :- तालिका 10.2 में भारत, चीन और पाकिस्तान में मानव विकास के कुछ विशेष मानव विकास संकेतांकों की निष्पादन प्रवृत्ति को दर्शाया गया है|
तालिका 10.2 : कुछ विशेष मानव विकास संकेतांक (2003 ई0)
क्रम |
मद |
भारत |
चीन |
पाकिस्तान |
1 |
मानव
विकास सूचक(मान) |
0.602 |
0.755 |
0.527 |
2 |
पद |
127 |
85 |
135 |
3 |
जन्म
के समय
जीवन प्रत्याशा
(वर्षों में) |
63.3 |
71.6 |
63.0 |
4 |
प्रौढ़
साक्षरता दरे(15
वर्ष और
अधिक आयु) |
61.0 |
90.0 |
48.7 |
5 |
प्रति
व्यक्ति जी०डी०पी०(पी०पी०पी०अमेरिकी
डाॅलर) |
2892 |
5003 |
2097 |
6 |
निर्धनता
रेखा से
नीचे लोग |
34.7 |
16.6 |
13.4 |
7 |
शिशु
मृत्यु-दर |
63 |
30 |
81 |
8 |
मातृत्व
मृत्यु-दर |
540 |
56 |
500 |
9 |
उत्तम
स्वच्छता तक धारणीय पहुंच
वाली जनसंख्या
(%) |
30 |
44 |
54 |
10 |
उत्तम
जलस्त्रोतों तक धारणीय पहुंच वाली
जनसंख्या (%) |
86 |
77 |
90 |
11 |
अल्पपोषित
जनसंख्या (कुल
का %) |
21 |
11 |
20 |
उपर्युक्त तालिका के प्रमुख
निष्कर्ष निम्नलिखित हैं
1. प्रति व्यक्ति
जी०डी०पी० की दृष्टि से चीन भारत व पाकिस्तान से आगे है। इसमें पाकिस्तान का स्थान
सबसे नीचे है।
2. निर्धनता रेखा से
नीचे रहने वाले लोगों की संख्या पाकिस्तान में सबसे कम है। भारत में सबसे अधिक लोग
निर्धनता रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं। यदि इस संख्या को प्रतिशत में
अभिव्यक्त करें, तो यह प्रतिशत चीन में सबसे कम है।
3. जीवन प्रत्याशा चीन
में सर्वाधिक है। इसके बाद क्रमशः भारत व पाकिस्तान का स्थान है।
4. प्रौढ़ साक्षरता दर
में चीन का स्थान सर्वोपरि है। इसके बाद भारत और पाकिस्तान का स्थान आता
5. शिशु मृत्यु-दर एवं
मातृत्व मृत्यु-दर भी चीन में ही सबसे कम है। इसके बाद शिशु मृत्यु-दर में भारत
तथा मातृत्व मृत्यु दर में पाकिस्तान का स्थान है।
6. स्वच्छता व
जलस्रोतों तक धारणीय पहुँच वाली जनसंख्या का प्रतिशत भी पाकिस्तान में सर्वाधिक
7. सबसे कम अल्पोषित
जनसंख्या का प्रतिशत चीन में है। इसके बाद क्रमशः भारत और पाकिस्तान का स्थान है।
संक्षेप में, अनेक
सूचकों में चीन, अनेक सूचकों में भारत तो अनेक सूचकों में पाकिस्तान आगे है, किन्तु
समग्र रूप में चीन का सर्वोपर (85वाँ) स्थान है जबकि भारत और पाकिस्ताने का स्थान
क्रमशः 127वाँ व 135वाँ है।
प्रश्न :- निम्नलिखित रिक्त स्थानों को भरिए
(क) 1956 ई० में ………….” की प्रथम पंचवर्षीय योजना शुरू हुई थी पाकिस्तान/चीन)
(ख) मातृत्व मृत्यु-दर ……….. में अधिक है। (चीन/पाकिस्तान)
(ग) निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात :………..’ में अधिक
है। (भारत/पाकिस्तान)
(घ) …………. में आर्थिक सुधार 1978 ई० में शुरू किए गए थे। (चीन/पाकिस्तान)
उत्तर :- (क) पाकिस्तान,
(ख) पाकिस्तान,
(ग) भारत,
(घ) चीन।
प्रश्न :- महान प्रगति उछाल (ग्रेट लीप फॉरवर्ड) का आरम्भ कहाँ किया गया?
(क) भारत में
(ख) चीन में
√
(ग) नेपाल
में
(घ) अमेरिका
में
प्रश्न :- चीन में आर्थिक सुधार लागू किए गए
(क) सन्
1958 में
(ख) सन्
1988 में
(ग) सन्
1950 में
(घ) सन्
1978 में √
प्रश्न :- पाकिस्तान में कब आर्थिक सुधार लागू किए गए?
(क) सन्
1988 में √
(ख) सन्
1990 में
(ग) सन्
2000 में
(घ) सन्
1900 में
प्रश्न :- चीन में एक सन्तान नीति कब लागू की गई?
(क) सन्
1980 में
(ख) सन्
1900 में
(ग) सन्
1970 में √
(घ) सन्
1950 में
प्रश्न :- भारत सरकार ने कब आर्थिक सुधार लागू किए?
(क) 1990 के
दशक में । √
(ख) 1980 के
दशक में
(ग) 2000 के
दशक में ।
(घ) 2010 के
दशक में
प्रश्न :- किन्हीं दो क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूहों के नाम बताइए।
उत्तर :- क्षेत्रीय
एवं वैश्विक समूह हैं-
(1) सार्क
(2) आसियान।
प्रश्न :- भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना की अवधि क्या थी?
उत्तर :- भारत
की प्रथम पंववर्षीय योजना की अवधि 1951-56 ई० थी।
प्रश्न :- पाकिस्तान ने अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा कब की?
उत्तर :- पाकिस्तान
ने सन् 1956 में अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा की। इसे मध्यकालिक योजना भी कहा
गया।
प्रश्न :- चीन ने अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा कब की?
उत्तर :- चीन
ने अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा 1953 ई० में की।
प्रश्न :- भारत व पाकिस्तान की दो समान नीतियाँ बताइए।
उत्तर :- भारत
व पाकिस्तान की दो समान नीतियाँ थीं
(1) वृहत्
सार्वजनिक क्षेत्र का सृजन
(2) सामाजिक
विकास पर अधिक सार्वजनिक व्यय।
प्रश्न :- ‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड क्या है?
उत्तर :-
‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड’ 1958 ई० में चलाया चीन का एक मुख्य अभियान था जिसका मुख्य बिन्दु
देश के औद्योगीकरण को उच्च पैमाने पर ले जाना था।
प्रश्न :- कम्यून क्या था?
उत्तर :- केम्यून
एक ऐसी पद्धति थी जिसके अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सामूहिक रूप से खेती करते
थे। 1958 ई० में लगभग 26,000 कम्यून थे।
प्रश्न :- जी०एल०एफ० अभियान में कौन-कौन-सी प्रमुख समस्याएँ आई?
उत्तर :- जी०एल०एफ०
अभियान में दो प्रमुख समस्याएँ सामने आईं-
(1) भयंकर
सूखा,
(2) रूस और चीन के मध्य संघर्ष।
प्रश्न :- माओ ने चीन में किस क्रान्ति का आरम्भ किया?
उत्तर :-
1965 ई० में माओ ने ‘महान् सर्वहारा सांस्कृतिक क्रान्ति’ का आरम्भ किया जिसके अन्तर्गत
छात्रों और विशेषज्ञों को ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने और अध्ययन करने के लिए भेजा
गया।
प्रश्न :- चीन में तीव्र औद्योगिक संवृद्धि दर का मुख्य कारण क्या था?
उत्तर :- चीन
में तीव्र औद्योगिक संवृद्धि दर का मुख्य कारण 1978 ई० में लागू किए गए ‘सुधार कार्यक्रम
प्रश्न :- चीन में आर्थिक सुधारों को किस प्रकार लागू किया गया?
उत्तर :- चीन
में आर्थिक सुधार विभिन्न चरणों में लागू किए गए। प्रथम चरण में कृषि, विदेशी व्यापार
तथा निवेश क्षेत्रों में सुधार किए गए तथा द्वितीय चरण में औद्योगिक क्षेत्र में सुधार
आरम्भ किए गए।
प्रश्न :- चीन में दोहरी कीमत निर्धारण पद्धति क्या थी?
उत्तर :- चीन
में कीमत का निर्धारण दो प्रकार से किया जाता था
(1) निर्धारित
मात्रा का क्रय-विक्रय सरकार द्वारा निर्धारित कीमत पर तथा
(2) शेष वस्तुओं
का क्रय-विक्रय बाजार कीमतों पर।
प्रश्न :- चीन में विशेष आर्थिक क्षेत्र क्यों स्थापित किए गए?
उत्तर :- चीन
में विशेष आर्थिक क्षेत्र विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए स्थापित किए गए।
प्रश्न :- 1950 व 1960 ई० के दशकों के अन्त में पाकिस्तान की नीतियाँ कैसी
थीं?
उत्तर :-
1950 व 1960 के दशकों के अन्त में पाकिस्तान ने अनेक प्रकार की नियन्त्रित नीतियों
का प्रारूप लागू किया। इनमें से प्रमुख थीं-आयात-प्रतिस्थापन नीति, प्रशुल्क संरक्षण,
प्रतिस्पर्धी आयातों पर प्रत्यक्ष नियन्त्रण आदि।
प्रश्न :- पाकिस्तान में हरित क्रान्ति के क्या परिणाम हुए?
उत्तर :- पाकिस्तान
में हरित क्रान्ति के परिणाम हुए-कृषि यन्त्रीकरण में वृद्धि, खाद्यान्नों के उत्पादन
में तीव्र वृद्धि, कृषि-भू-संरचना में परिवर्तन आदि।
प्रश्न :- चीन में जनसंख्या वृद्धि की धीमी दर का क्या कारण रहा है?
उत्तर :-
1970 ई० के दशक के अन्त में चीन में केवल एक सन्तान नीति’ को लागू करना।
प्रश्न :- 1980 ई० के दशक में पाकिस्तान की संवृद्धि दर में भारी गिरावट
के क्या कारण थे?
उत्तर :- ये
कारण थे—
(1) 1988 ई०
में प्रारम्भ की गई सुधार प्रक्रिया तथा
(2) राजनीतिक
अस्थिरता।
प्रश्न :- चीन, भारत व पाकिस्तान के जी०डी०पी० में किस क्षेत्र का योगदान
सर्वाधिक है?
उत्तर :- चीन
में विनिर्माण क्षेत्रक का तथा भारत व पाकिस्तान में सेवा क्षेत्रक का योगदान सर्वाधिक
है।
प्रश्न :- कोई दो मानव विकास संकेतांकञताइए।
उत्तर :- ये
हैं—
(1) प्रति
व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद तथा
(2) जीवन प्रत्याशा।
प्रश्न :- कोई दो स्वतन्त्रता संकेतांक बताइए।
उत्तर :- ऐसे
संकेतांक हैं—
(1) सामाजिक
व राजनीतिक निर्णय-प्रक्रिया में लोकतान्त्रिक भागीदारी तथा
(2) न्यायपालिका
की स्वतन्त्रता को संरक्षण देने की संवैधानिक सीमा।
प्रश्न :- चीन, पाकिस्तान और भारत ने कब-कब आर्थिक सुधार आरम्भ किए?
उत्तर :- चीन
ने 1978 ई० में, पाकिस्तान में 1988 ई० में तथा भारत ने 1991 ई० में आर्थिक सुधार प्रारम्भ
किए।
प्रश्न :- चीन, पाकिस्तान और भारत में आर्थिक सुधारों का प्रेरणा-स्रोत
क्या था?
उत्तर :- चीन
ने संरचनात्मक सुधारों का निर्णय स्वयं लिया था जबकि भारत और पाकिस्तान को अन्तर्राष्ट्रीय
संस्थाओं ने ऐसे सुधार करने के लिए बाध्य किया था।
प्रश्न :- चीन ने जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए किस नीति का अनुसरण किया?
उत्तर :- चीन
ने जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए केवल एक सन्तान नीति’ का अनुसरण किया।
प्रश्न :- चीन, पाकिस्तान व भारत में से किस देश में कृषि निर्भरता सबसे
अधिक है?
उत्तर :- चीन,
पाकिस्तान व भारत में से भारत में कृषि निर्भरता सबसे अधिक है।
प्रश्न :- चीन, पाकिस्तान व भारत की विकास नीति क्या रही?
उत्तर :- चीन
ने फ्रम्परागत विकास नीति को अपनाया जिसमें क्रमशः कृषि से विनिर्माण तथा उसके बाद
सेवा की ओर अग्रसर होने की प्रवृत्ति थी। भारत तथा पाकिस्तान सीधे कृषि से सेवा क्षेत्रक
की ओर चले गए।
प्रश्न :- भारत की आर्थिक स्थिति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर
:- भारत एक विकासशील देश है। भारतीय जनसंख्या
का लगभग 70% भाग कृषि कार्य में संलग्न है। जबकि सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान
लगभग 19.7% है। 1970 के दशक के हरित क्रान्ति के फलस्वरूप कृषि क्षेत्र ने
महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। इसके बावजूद लगभग 26% भारतीय आज भी निर्धन ही हैं। गत वर्षों
में औद्योगि उत्पाद में विस्तार एवं विविधीकरण हुआ है। कार्य-बल का लगभग 15% भाग उद्योग
क्षेत्र में कार्यरत है। 1990 के दशक में सरकार ने आर्थिक सुधार लागू किए जिसके अन्तर्गत
भारतीय उद्योग को सभी प्रकार के नियन्त्रणों से मुक्त कर दिया गया, व्यापार के लिए
भारतीय द्वार खोल दिए गए, विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उचित कदम उठाए गए। तब
से सेवा क्षेत्रक को तेजी से विस्तार हुआ है, आधारिक संरचना का निर्माण हुआ है और रोजगार
के नए-नए अवसर सृजित हुए हैं। फलस्वरूप आज भारत विकासशील देशों में अधिकतम विकसित देश
है।
प्रश्न :- चीन की अर्थव्यवस्था पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर :- चीन
एक विकासशील देश है। 1970 के दशक के पश्चात् इसका बड़ी तेजी से आर्थिक विकास हुआ है।
कृषि अभी भी इसका मुख्य व्यवसाय है और 50% से भी अधिक जनसंख्या यहाँ कृषि कार्यों में
संलग्न है। यहाँ पशुपालन व्यवसाय भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। यहाँ बड़ी मात्रा
में खनिज पदार्थ पाए जाते हैं तथा बड़ी मात्रा में खनिज तेल का उत्पादन किया जाता है।
1970 के अन्तिम वर्षों में आर्थिक नीतियों में परिवर्तन किए गए जिसके अन्तर्गत उद्योगों
का विकेन्द्रीकरण किया गया। विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना की गई तथा विदेशी पूँजी
को आकर्षित करने के लिए प्रयास किए गए जिसके फलस्वरूप औद्योगिक विकास को गति मिली।
प्रश्न :- भारत और पाकिस्तान की एकसमान सफलताएँ और विफलताएँ क्या हैं? किन क्षेत्रों
में पाकिस्तान का निष्पादन भारत से बेहतर है और किन क्षेत्रों में भारत का निष्पादन
पाकिस्तान से बेहतर है?
उत्तर :- भारत और पाकिस्तान
की एकसमान सफलताएँ
1. भारत तथा
पाकिस्तान दोनों ही देश प्रति व्यक्ति आय को दुगुना करने में सफल रहे हैं।
2. दोनों ही
देशों पर निर्धनता का भार कम हुआ है।
3. दोनों ही
देश खाद्यान्नों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हैं (प्राकृतिक विपदाओं के वर्षों को छोड़कर)।
4. दोनों ही
देशों में ‘पोषण स्थिति में सुधार हुआ है।
5. दोनों ही
अर्थवयवस्थाओं की प्रकृति दोहरी है-एक सुविकसित आधुनिक क्षेत्र तथा एक पिछड़ा हुआ रूढ़िवादी
क्षेछ।
भारत और पाकिस्तान की एकसमान
विफलताएँ
1. दोनों ही
देश एक ‘सकुशल अर्थव्यवस्था’ का निर्माण कर पाने में विफल रहे हैं।
2. दोनों ही
देशों में प्रशासनिक शिथिलता पाई जाती है। व्यापक भ्रष्टाचार, अधिकारों एवं अनुबन्धों
का दोषपूर्ण प्रयोग और पारदर्शिता का अभाव दोनों ही देशों में विद्यमान है। इससे ‘जन
भागीदारी हतोत्साहित हुई है।
3. दोनों ही
देशों के राजकोषीय प्रबन्धन में अकुशलता पाई जाती है। राजकोषीय घाटा उच्च है, अनुत्पादक
व्यय अधिक है, ऋण और ऋणों पर ब्याज का भार बढ़ता ही जा रहा है तथा मूल सामाजिक सेवाओं
तक जनता की पहुँच निम्न है।
4. वित्तीय
क्षेत्र की स्थिति चिन्ताजनक है। साख गुणवत्ता की उपेक्षा की गई है, बैंकों की | गैर-निष्पादक
सम्पत्तियाँ बढ़ी हैं तथा वित्तीय क्षेत्र कमजोर हो गया है।
पाकिस्तान के बेतहर निष्पादन वाले क्षेत्र
वे क्षेत्र
जिनमें भारत का निष्पादन पाकिस्तान से बेहतर है, निम्नलिखित हैं
1. सॉफ्टवेयर
के निर्यात में भारत ने आशा से अधिक प्रगति की है।
2. भारत में
मानव संसाधन की कुशलता में अधिक तेजी से वृद्धि हुई है। ”
3. प्रतिरक्षा,
प्रौद्योगिकी, अन्तरिक्ष अनुसन्धान, इलेक्ट्रॉनिक्स, एवियोनिक्स तणि जेनेटिक्स व दूरसंचार
आदि क्षेत्रों में भारत की प्रगति अधिक सराहनीय रही है।
4. प्रौढ़
शिक्षा दर, महिला शिक्षा दर, सभी स्तरों पर नामांकन अनुपात तथा शिक्षा सूचकांक भारत
में पाकिस्तान की तुलना में बहुत आगे हैं।
प्रश्न :- आर्थिक व सामाजिक प्रगति की दृष्टि से चीन व भारत की तुलना कीजिए।
उत्तर :- चीन
व भारत की तुलनात्मक प्रगति चीन में भारत का मुख्य बिन्दुओं को विवेचन निम्न प्रकार
है
1. यद्यपि
दोनो ही देश आकार व जनसंख्या की दृष्टि से विशाल हैं, भारत की वृद्धि दर चीन की वृद्धि
| दर से कम है तथा इसमें व्यापक उतार-चढ़ाव की प्रवृत्ति भी पाई जाती है।
2. चीन में
सुधार की प्रक्रिया अस्सी के दशक में प्रारम्भ हुई जबकि भारत में सुधार की प्रक्रिया
1990 के दशक में प्रारम्भ हुई।
3. चीन में
आर्थिक सुधार कार्यक्रमों का उद्देश्य देश में प्रतियोगी वातावरण का सृजन करना था जबकिभारत
में आर्थिक सुधार कार्यक्रमों का प्रारम्भिक उद्देश्य भुगतान शेष के असाधारण संकट से
निपटनी था।
4. भारत की
तुलना में चीन में सुधारों का ढाँचा निर्धन वर्ग के अधिक अनुकूल था।
5. चीन में
व्यापक पैमाने पर कृषि सम्बन्धी सुधार किए गए जबकि भारत में कृषि सम्बन्धी सुधार अभी
शैशव अवस्था में ही हैं।
6. भारत की
तुलना में चीनी अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर मुक्त कर दिया गया है। चीन में विदेशी
निवेशकों को पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त है। उन्हें उत्कृष्ट आधारिक संरचना प्रदान की
गई है। इसके विपरीत भारत में व्यापक निर्धनता, अस्थिर सरकार, बढ़ रही
7. वित्तीय
समस्याएँ तथा घटिया भौतिक आधारिक संरचना विदेशी निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण नहीं
बना पाई है।
8. चीन में
विदेशी निवेश भूमि, भवनों, प्लाण्ट तथा मशीनरी में पाया जाता है जबकि भारत में तुलनात्मक
लघु विदेशी निवेश का अधिक अनुपात पोर्टफोलियो तथा विद्यमान उत्पादन क्षमता को खरीदने
में पाया जाता है।
9. मानवीय
विकास सूचकांक के सम्बन्ध में चीन का स्थान भारत से ऊँचा है।
10. निर्धनता
घटाने में चीन की सफलता भारत से कहीं अधिक रही है। (चीन में 10% और भारत में 26%)।
11. चीन में
सकल घरेलू उत्पाद में उद्योगों का योगदान सर्वाधिक है जबकि भारत में सेवा क्षेत्रक
का योगदान सर्वाधिक है। यद्यपि दोनों ही देशों में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान
घटा है। किन्तु भारत की तुलना में चीन में यह अधिक तेजी से घटा है।
12. चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को और अधिक औद्योगिक तथा विविध बना लिया है जबकि भारत में औद्योगिक विकास की गति अत्यधिक धीमी है।