JPSC_Poverty_and_Unemployment (गरीबी और बेरोजगारी)

Poverty and Unemployment (गरीबी और बेरोजगारी)
JPSC_Poverty_and_Unemployment (गरीबी और बेरोजगारी)
( मापन और प्रवृत्तियाँ, बी.पी.एल. परिवारों की पहचान, एच.पी.आई., बहुआयामी भारतीय गरीबी सूचकांक ) भारतवर्ष में गरीबी की समस्या का विश्लेषण करने से पूर्व अर्थव्यवस्था की संरचना एवं स्वरूप को समझना अति आवश्यक है। प्रारम्भ में जब अंग्रेजों ने भारत में आधिपत्य स्थापित किया तो उन्होंने देश की सम्पत्ति तथा संसाधनों का पूरी तरह से विदोहन का प्रयास किया जो उनके निहित स्वार्थों के पक्ष में था। उन्होंने भारतीय शासकों, जमीदारों एवं सामान्य जनता तथा व्यापारियों से जबरदस्ती वसूली की वहीं दूसरी ओर भारतीय कारीगरों, नील की खेती करने वाले किसानों और व्यापारियों का शोषण भी किया तथा भारत में उपलब्ध अतिरेक को ब्रिटेन ले जाकर अपने देश की समृद्धि हासिल की। भारत में ब्रिटिश राज्य के पूर्णतया स्थापित हो जाने के बाद प्रचलित प्रत्यक्ष लूट की प्रणाली के स्थान पर ब्रिटिश साम्राज्यवादी तथा उपनिवेशवादी शोषण की प्रणाली उभर कर सामने आई। 1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ तो उसे विरासत में मिली एक पंगु अर्थव्यवस्था जिसमें गरीबी की जड़ें बरगद के वृक्ष के समान पनप चुकी थी। सरकार के सामने समस्या थी कि कैसे अर्थव्यवस्था को गरीबी के …