Class 10 Geography (भूगोल) All Chapter MVVI Objective & Subjective Questions Answer

Class 10 Geography (भूगोल) All Chapter MVVI Objective & Subjective Questions Answer

Class 10 Geography (भूगोल) All Chapter MVVI Objective & Subjective Questions Answer

भूगोल : (भारत - संसाधन तथा उसका विकास)

​संसाधन एवं विकास

​विषयनिष्ठ (Subjective) प्रश्नोत्तर

प्रश्न : मानव के लिए संसाधन क्यों आवश्यक हैं?

उत्तर : मानव की मूलभूत आवश्यकताओं जैसे - भोजन, वस्त्र, आवास; इन सब की पूर्ति के लिए संसाधनों की आवश्यकता होती है। संसाधन मानव जीवन को सुखद व सरल बनाते हैं। आज संसाधन किसी देश को प्रगति के सूचक माने जाते हैं। इस प्रकार, संसाधनों का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है।

प्रश्न : संसाधन क्या होता है? अथवा, संसाधन से क्या अभिप्राय है?

उत्तर : पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त की जा सकती है और जिसको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध है; जो आर्थिक रूप से संभाव्य और सांस्कृतिक रूप से मान्य है, संसाधन कहलाती है।

प्रश्न : प्राकृतिक संसाधन से क्या अभिप्राय है?

उत्तर : प्रकृति प्रदत्त संपदा, जैसे - भूमि, जल, वनस्पति, खनिज आदि प्राकृतिक संसाधन के रूप में जाने जाते हैं। इन संसाधनों को प्रयोग में लाने के लिए प्रौद्योगिकी तथा तकनीक एवं मानवीय कौशल की आवश्यकता होती है।

​संसाधनों के प्रकार

प्रश्न : संसाधनों के वर्गीकरण के विभिन्न आधार क्या हैं?

उत्तर : संसाधनों का वर्गीकरण निम्नलिखित आधारों पर किया जा सकता है -

(i) उत्पत्ति के आधार पर - जैव और अजैव

(ii) समाप्यता के आधार पर - नवीकरणीय और अनवीकरणीय

(iii) स्वामित्व के आधार पर - व्यक्तिगत, सामुदायिक, राष्ट्रीय, वैश्विक

(iv) विकास के स्तर के आधार पर - संभावी, विकसित भंडार, संचित कोष

प्रश्न : उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों के प्रकार उदाहरण सहित बताएँ?

उत्तर : जैव संसाधन, जिनकी प्राप्ति जीवमंडल से होती है, जैसे-मनुष्य, वनस्पतिजात आदि और अजैव संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने हैं, जैसे-चट्टानें और धातुएँ।

► प्रश्न : उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?

► अथवा, जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं? कुछ उदाहरण दीजिए।

► अथवा, जैविक और अजैविक संसाधन में अंतर बताएँ?

उत्तर : उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों को निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया गया है -

(1) जैव संसाधन : वैसे संसाधन जिनको प्राप्ति जीवमंडल से होती है तथा जिनमें जीवन व्याप्त होता है, जैव संसाधन कहलाते हैं। उदाहरण - मानव, वनस्पति, मत्स्य, पशुधन आदि।

(2) अजैव संसाधन : वैसे संसाधन जो निर्जीव होते हैं अजैव संसाधन कहलाते हैं।

उदाहरण - भूमि, पहाड़, नदियाँ, खनिज आदि।

► प्रश्न : समाप्यता के आधार पर संसाधनों को कितने भागों में बाँटा गया है?

► अथवा, नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय संसाधन में अंतर बताएँ?

उत्तर : समाप्यता के आधार पर संसाधनों को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा गया है -

(1) नवीकरणीय संसाधन : ऐसे संसाधन, जिनका उपयोग बार-बार किया जाता है तथा जिनकी पूर्ति प्रकृति द्वारा पुनः हो जाती है, नवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं। जैसे - जल, पेड़-पौधे, वायु आदि।

(2) गैर-नवीकरणीय संसाधन : ऐसे संसाधन, जिनका उपयोग सिर्फ एक बार किया जाता है तथा जिनकी समाप्य पर प्रकृति द्वारा पूर्ति संभव नहीं है, गैर-नवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं। जैसे- कोयला, पेट्रोलियम आदि।

► प्रश्न : समाप्यता के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण उदाहरण सहित कीजिए।

उत्तर : नवीकरण योग्य संसाधन जिन्हें पुन: नवीकृत किया जा सकता है। जैसे-जल, पवन ऊर्जा और अनवीकरण योग्य संसाधन जिन्हें बनने में लाखों वर्ष लगते हैं और जिन्हें नवीकृत नहीं किया जा सकता; जैसे-जीवाश्म ईंधन, धातुएँ।

► प्रश्न : नवीकरणीय तथा गैर-नवीकरणीय संसाधन का एक-एक उदाहरण दें।

उत्तर : (i) नवीकरणीय (पुन: पूर्ति योग्य) संसाधन - जल, पेड़-पौधे, वायु आदि।

(ii) गैर-नवीकरणीय संसाधन - कोयला, पेट्रोलियम आदि।

► प्रश्न : लौह अयस्क अनवीकरण योग्य संसाधन है?

उत्तर : लौह अयस्क अनवीकरण योग्य संसाधन है।

► प्रश्न : ज्वारीय ऊर्जा किस प्रकार का संसाधन है?

उत्तर : ज्वारीय ऊर्जा नवीकरणीय (पुन: पूर्ति योग्य) संसाधन है।

► प्रश्न : स्वामित्व के आधार पर संसाधनों को किन वर्गों में विभाजित किया गया है?

उत्तर : व्यक्तिगत संसाधन, सामुदायिक संसाधन, राष्ट्रीय संसाधन और अंतर्राष्ट्रीय संसाधन।

► प्रश्न : मानव निर्मित संसाधन के उदाहरण दें।

उत्तर : मानव निर्मित संसाधन के उदाहरण - बाँध, मशीन, उद्योग, मकान, परिवहन के साधन आदि।

संसाधनों का विकास, नियोजन और संरक्षण

► प्रश्न : भारत में संसाधन नियोजन की आवश्यकता किस कारण है?

उत्तर : भारत के किसी प्रदेश में एक प्रकार का संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है किन्तु दूसरे प्रकार के संसाधनों की कमी है। कुछ प्रदेश ऐसे भी हैं जो संसाधनों से संपन्नता में आत्मनिर्भर हैं लेकिन कुछ प्रदेश ऐसे भी हैं जहाँ महत्वपूर्ण संसाधनों की अत्यधिक कमी है। इसी कारण देश में संसाधन नियोजन की आवश्यकता है।

► प्रश्न : भारत में संसाधन नियोजन के प्रमुख सोपानों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर : संसाधन नियोजन एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें निम्नलिखित सोपान हैं -

(1) देश के विभिन्न हिस्सों में संसाधनों की पहचान करके उनकी तालिका बनाना। इसमें क्षेत्रीय सर्वेक्षण मानचित्र बनाना, संसाधनों का गुणात्मक एवं मात्रात्मक अनुमान लगाना और मापन करना होता है।

(2) संसाधन विकास योजनाएँ लागू करने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी, कौशल और संस्थागत नियोजन का ढाँचा तैयार करना।

(3) संसाधन विकास योजनाओं और राष्ट्रीय विकास योजना में समन्वय स्थापित करना।

► प्रश्न : भारत के तीन राज्यों के नाम बताइए जहाँ खनिजों और कोयले के प्रचुर भंडार हैं।

उत्तर : झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़।

► प्रश्न : किस राज्य में जल संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं?

उत्तर : अरुणाचल प्रदेश में।

► प्रश्न : किस राज्य में पवन और सौर ऊर्जा संसाधन अधिक हैं?

उत्तर : राजस्थान में।

► प्रश्न : कौन-सा राज्य सांस्कृतिक विरासत का धनी है?

उत्तर : लद्दाख (जम्मू और कश्मीर)।

► प्रश्न : सतत् पोषणीय विकास से क्या अभिप्राय है?

उत्तर : सतत् पोषणीय आर्थिक विकास का अर्थ है कि विकास पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए हो और वर्तमान विकास की प्रक्रिया भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की अवहेलना न करे।

► प्रश्न : प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन कहाँ और क्यों हुआ था?

उत्तर : जून 1992 में ब्राज़ील के शहर रियो डी जेनेरो में।

► प्रश्न : रियो डी जेनेरो पृथ्वी सम्मेलन 1992 का उद्देश्य क्या था?

उत्तर : विश्व में पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक-आर्थिक विकास की समस्याओं का हल ढूँढना।

► प्रश्न : एजेंडा 21 क्या है?

उत्तर : रियो डी जेनेरो सम्मेलन में स्वीकृत एजेंडा 21 का उद्देश्य भूमंडलीय सतत् पोषणीय विकास प्राप्त करना है।

► प्रश्न : प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपयोग कैसे हुआ है?

उत्तर : (1) संसाधनों का अधिक उपयोग प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास से सीधे संबंधित है।

(2) प्रौद्योगिकी के विकास के कारण आधुनिक मशीनों और औज़ारों द्वारा संसाधनों का दोहन भारी पैमाने पर संभव हुआ।

(3) जैसे-जैसे संसाधनों का दोहन होता गया संसाधनों का दोहन भारी पैमाने पर किया जाने लगा। जितना अधिक संसाधनों का दोहन हुआ आर्थिक विकास भी उतना आगे बढ़ा।

(4) आर्थिक विकास से लोगों की आवश्यकता पूर्ति के लिए अधिक संसाधनों की आवश्यकता पड़ी।

(5) नयी प्रौद्योगिकी और नयी वस्तुओं के आविष्कार से नये संसाधनों का दोहन होता है।

(6) औपनिवेशिक काल में संसाधनों का दोहन बड़े पैमाने पर हुआ क्योंकि साम्राज्यवादी देशों ने अपनी उच्च प्रौद्योगिकी के माध्यम से संसाधनों का दोहन किया। इससे साम्राज्यवादी देशों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई, भले ही इसका लाभ उपनिवेशों को प्राप्त नहीं हुआ।

► प्रश्न : संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है? कारण दीजिए।

→ अथवा, संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता की विवेचना कीजिए।

→ अथवा, संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग से उत्पन्न समस्याओं का उल्लेख करें।

उत्तर : संसाधन पृथ्वी पर सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं। अतः उन्हें अगली पीढ़ी के लिए बचाए रखने के लिए उनका संरक्षण आवश्यक है। यदि संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग होता रहा और इन संसाधनों का संरक्षण नहीं किया गया तो वर्तमान पीढ़ी के साथ-साथ अगली पीढ़ी के समक्ष गंभीर कठिनाईयाँ उत्पन्न हो जायेंगी। संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है -

(1) यदि वनों के संरक्षण की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदूषण इतना अधिक बढ़ जाएगा कि मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

(2) भूगर्भ जल का निरंतर उपयोग से जल-स्तर नीचा हो गया है जिससे कृषि पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए भूगर्भ जल का संरक्षण आवश्यक हो गया है।

(3) खनिज संसाधनों तथा शक्ति संसाधनों के बिना कारखाने लगाना और उन्हें चलाना असंभव हो जायेगा। इसलिए खनिज संसाधनों का उपयोग सही सूझ-बूझ से करना होगा।

(4) मानव-आवास के कारण बचे हुए प्रदेशों में भूमि दुर्लभ हो गयी है। कृषि के लिए उपयोगी भूमि पर मकान बन रहे हैं। अतः यह आवश्यक हो गया है कि उपलब्ध भूमि का योजनाबद्ध उपयोग किया जाए।

भू-संसाधन एवं मृदा संसाधन

► प्रश्न : मृदा निर्माण प्रक्रिया के मुख्य कारकों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर : उच्चावच, जनक शैल अथवा संस्तर शैल, जलवायु, वनस्पति, अन्य जैव पदार्थ और समय मृदा निर्माण प्रक्रिया के मुख्य कारक हैं।

► प्रश्न : भारत में भूमि पर विभिन्न प्रकार की भू-आकृतियों तथा उनके प्रयोग का उल्लेख कीजिए।

उत्तर :

मैदान - 43 प्रतिशत - कृषि व उद्योग

पर्वत - 30 प्रतिशत - नदियों का प्रवाह सुनिश्चित करना एवं पर्यटन

पठार - 27 प्रतिशत - खनिज, जीवाश्म ईंधन व वनों का संचय करना।

► प्रश्न : भारत में भूमि उपयोग प्रारूप का वर्णन कीजिए। सन् 1960-61 ई. से वन के अन्तर्गत क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है, इसका क्या कारण है?

उत्तर : भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग कि.मी. है।

भारत में लगभग 43 प्रतिशत भू-क्षेत्र मैदान है। सम्पूर्ण भूमि के 30 प्रतिशत भाग पर पर्वत है तथा 27 प्रतिशत भू-भाग क्षेत्र है। 43% भू-क्षेत्र में परती व भूमि 5 प्रतिशत, वन भूमि 23 प्रतिशत तथा 15 प्रतिशत बंजर भूमि है। वर्ष 1960-61 ई. में वन के अन्तर्गत क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं होने के कारण निम्नलिखित हैं -

(1) जनसंख्या वृद्धि के कारण वनों को काटकर कृषि क्षेत्रों का विस्तारीकरण

(2) आवास, सड़क मार्ग तथा रेलवे लाइन के निर्माण के लिए वनों की कटाई।

(3) वनों को काटकर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना।

मृदाओं का वर्गीकरण

► प्रश्न : भारत में पाई जाने वाली मृदाओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर : जलोढ़ मृदा, काली मृदा, लाल और पीली मृदा, लेटराइट मृदा, मरुस्थली मृदा, वन मृदा।

► प्रश्न : भारत में पाई जाने वाली मृदा का वर्गीकरण करें और उसका वर्णन करें।

उत्तर :

(1) जलोढ़ मृदा : इसका निर्माण नदियों, द्वारा लाये अवसादों से होता है।

विशेषताएँ : (i) यह पोटाश, फॉस्फोरस तथा चूनायुक्त होती है। (ii) यह सर्वाधिक उपजाऊ मिट्टी है। (iii) इसमें नाइट्रोजन तथा जैविक पदार्थों जैसे पोषक तत्वों की कमी होती है।

वितरण : पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ तथा तटवर्ती मैदान।

(2) लाल और पीली मृदा : यह रेवेदार आग्नेय चट्टानों वाले कम वर्षा के क्षेत्रों में विकसित होती है।

विशेषताएँ : (i) इसमें लोहा, एल्युमिनियम और चूना पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं। (ii) यह हल्की, पतली और कंकरीली होती है। (iii) इसमें फॉस्फोरस तथा वनस्पति की कमी होती है।

वितरण : उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मेघ व गंगा के मैदान का दक्षिणी छोर तथा पश्चिमी घाट।

(3) काली मृदा : इसका निर्माण ज्वालामुखी उद्गार से होता है।

विशेषताएँ : (i) यह महीन कणों से बनी होती है। (ii) इसमें नमी ग्रहण करने की क्षमता अधिक होती है। (iii) शुष्क मौसम में इसमें दरारें पड़ जाती हैं। (iv) गीली होने पर यह चिपचिपी हो जाती है। (v) इसमें कैल्शियम कार्बोनेट, पोटाश, मैग्नीशियम आदि जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं।

वितरण : महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश आदि।

(4) लेटराइट मृदा : इसका निर्माण अधिक वर्षा के कारण मिट्टी के कटाव से होता है।

विशेषताएँ : (i) इसमें चूने और मैग्नीशियम की मात्रा कम होती है। (ii) इसमें नाइट्रोजन कम होता है। (iii) इसमें फॉस्फोरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है।

वितरण : कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और असम के पहाड़ी क्षेत्र।

(5) मरुस्थलीय मृदा : यह कम वर्षा वाले क्षेत्र में विकसित होती है।

विशेषताएँ : (i) इसका रंग लाल और भूरा होता है। (ii) यह रेतीली और लवणीय होती है। (iii) इसमें ह्यूमस तथा नमी की मात्रा कम होती है। (iv) मिट्टी की सतह के नीचे कैल्शियम की मात्रा बढ़ती चली जाती है।

वितरण : राजस्थान का पश्चिमी भाग।

► प्रश्न : तीन राज्यों के नाम बताएँ जहाँ काली मृदा पाई जाती है। इस पर मुख्य रूप से कौनसी फसल उगाई जाती है?

उत्तर : महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात राज्यों में काली मृदा पाई जाती है। इस पर मुख्य रूप से कपास की फसल उगाई जाती है।

► प्रश्न : पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मृदा पाई जाती है? इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर : पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है।

विशेषताएँ : (i) ये फॉस्फोरस, पोटाश व चूनायुक्त होती है। (ii) इसमें रेत, सिल्ट और मृत्तिका के विभिन्न अनुपात पाए जाते हैं। (iii) यह अत्यधिक उपजाऊ होती है।

► प्रश्न : पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है?

उत्तर : जलोढ़ मिट्टी।

► प्रश्न : भारत में किन राज्यों में काली मृदा पाई जाती है?

उत्तर : भारत में काली मृदा महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश तथा आंध्रप्रदेश में पाई जाती है।

► प्रश्न : काली मिट्टी किन फसलों के लिए उपयुक्त है?

उत्तर : काली मिट्टी कपास, तिलहन आदि फसलों के लिए उपयुक्त है।

► प्रश्न : जलोढ़ मृदा किसे कहाँ कहा जाता है?

उत्तर : नदियों द्वारा लाई गई मृदा को जलोढ़ मृदा कहा जाता है।

► प्रश्न : भारत में जलोढ़ मृदा किन राज्यों में पायी जाती है?

उत्तर : पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ तथा तटवर्ती मैदान।

► प्रश्न : आयु के आधार पर जलोढ़ मृदाएँ कितने प्रकार की हैं?

उत्तर :

(i) पुराना जलोढ़ : इसे बाँगर कहा जाता है।

(ii) नया जलोढ़ : इसे खादर कहा जाता है।

► प्रश्न : मोटे कणों वाली जलोढ़ मृदाएँ कहाँ पाई जाती हैं?

उत्तर : यह पर्वतों की तलहटी पर बने मैदानों; जैसे-द्वार, 'चो' क्षेत्र और तराई में पाई जाती हैं।

► प्रश्न : भारत में लेटराइट मिट्टी किन राज्यों में पायी जाती है?

उत्तर : कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और असम के पहाड़ी क्षेत्र।

► प्रश्न : लेटराइट मृदा किस फसल के लिए अधिक उपयुक्त है?

उत्तर : लेटराइट मृदा काजू की फसल के लिए अधिक उपयुक्त है।

► प्रश्न : भारत में मरुस्थलीय मिट्टी किन राज्यों में पायी जाती है?

उत्तर : राजस्थान का पश्चिमी भाग।

► प्रश्न : लाल और पीली मृदाएँ किन क्षेत्रों में पाई जाती हैं?

उत्तर : उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य गंगा मैदान के दक्षिणी छोर पर और पश्चिमी घाट में पहाड़ी क्षेत्र में ये मृदाएँ पाई जाती हैं।

भूमि निम्नीकरण एवं संरक्षण के उपाय

► प्रश्न : मृदा अपरदन क्या होता है?

उत्तर : मृदा के कटाव और उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहा जाता है।

► प्रश्न : मृदा अपरदन एवं भू-क्षरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर : मृदा आवरण का हटना मृदा अपरदन है। मृदा अपरदन प्रवाहित जल और पवन जैसे प्राकृतिक कारकों तथा पेड़ों की कटाई तथा पशुओं की अति चराई से होता है।

भू-क्षरण का अर्थ मिट्टी की उर्वरता में कमी होना, यह भूमि के किसी भाग पर एक ही फसल की खेती करने से हो जाता है।

► प्रश्न : मृदा अपरदन के लिए उत्तरदायी कारकों का वर्णन करें।

→ अथवा, मृदा का अपरदन किस प्रकार होता है?

उत्तर : (1) मानवीय कारक : वनों की कटाई, अति पशुचारण, निर्माण एवं खनन, दोषपूर्ण कृषि पद्धति तथा औद्योगिक प्रक्रियाएँ आदि मृदा अपरदन के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी हैं। ढाल वाली भूमि पर ऊपर से नीचे की ओर हल चलाने से मिट्टी में अवनालिकाएँ बन जाती हैं जिसके अन्दर से बहता हुआ पानी आसानी से मिट्टी का कटाव करता है।

(2) प्राकृतिक कारक : प्राकृतिक कारकों में पवन, जल तथा हिमनद मुख्य रूप से अपरदन के कारक हैं। बहता जल मिट्टी को काटते हुए गहरी अवनालिकाएँ बनाता है, जिनके अन्दर से बहता हुआ पानी मिट्टी का कटाव तेजी से करता है। पवन द्वारा मैदानी तथा ढाल वाली भूमि से मिट्टी उड़ाकर ले जाने की प्रक्रिया से भी मृदा अपरदन होता है।

► प्रश्न : भूमि क्षरण या भूमि निम्नीकरण किसे कहते हैं? भूमि क्षरण के कारणों की व्याख्या करें।

→ अथवा, भू-क्षरण का क्या अर्थ है?

उत्तर : प्राकृतिक तथा मानव निर्मित कारणों से मृदा की उर्वरक शक्ति या उपजाऊपन में लगातार होने वाली कमी को भूमि क्षरण या भूमि निम्नीकरण के नाम से जाना जाता है।

भूमि क्षरण के निम्नलिखित कारण हैं -

(1) भूमि अपरदन : भूमि अपरदन, भूमि क्षरण का प्रमुख कारक है। पवन, जल तथा हिमनद आदि भूमि की ऊपरी परत को नष्ट कर देते हैं जिसे भूमि अपरदन के नाम से जाना जाता है। इससे मिट्टी का उपजाऊपन कम हो जाता है।

(2) भूमि प्रदूषण : उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित जल तथा कूड़ा-करकट के एक ही स्थान पर लम्बे समय तक पड़े रहने के कारण भूमि के आवश्यक तत्व समाप्त हो जाते हैं तथा भूमि उपयोग के लायक नहीं रह जाती है। इसे भूमि प्रदूषण के नाम से जाना जाता है।

(3) दोषपूर्ण कृषि पद्धति : एक ही भूमि पर अनेक फसलों के उत्पादन से भी मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम हो जाती है।

(4) पशुचारण तथा वनों की कटाई : पशुओं द्वारा अति चराई तथा वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण भूमि का क्षरण होता है अर्थात् उसकी उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है।

(5) उद्योग-धंधे : सीमेंट उद्योग के लिए चूना पत्थर की पिसाई, केसर द्वारा चट्टानों की पिसाई तथा चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने वाले उद्योगों से भारी मात्रा में धूल उड़कर खेतों में जमा हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप मृदा के उपजाऊपन में कमी हो जाती है।

► प्रश्न : मिट्टी संरक्षण के उपायों को बताएँ।

उत्तर : मिट्टी संरक्षण या मृदा संरक्षण के उपाय निम्नलिखित हैं -

(1) वनीकरण और चारागाहों का उचित प्रबन्धन

(2) पशुचारण नियंत्रण

(3) रेतीले टीलों पर कँटीदार झाड़ियाँ लगाना।

(4) खनन नियंत्रण करना।

(5) ढाल वाली भूमि पर जुताई समोच्च रेखाओं के समानांतर करना।

(6) पेड़ों की कतारों में लगाकर रक्षक मेखला बनाकर पवनों की गति कम करके।

(7) ढाल वाली भूमि पर सोपान बना कर सीढ़ीदार कृषि करना।

(8) मिट्टी को नुकसान पहुँचाने वाले रसायनों का कम प्रयोग करना।

(9) औद्योगिक जल एवं कचरे का उचित प्रबंधन।

► प्रश्न : पंजाब में भूमि के निम्नीकरण का मुख्य कारण क्या है?

उत्तर : पंजाब में भूमि के निम्नीकरण का मुख्य कारण अत्यधिक सिंचाई है।

► प्रश्न : रक्षक मेखला क्या होती है तथा इसका क्या उद्देश्य होता है?

उत्तर : पेड़ों को कतारों में लगाकर रक्षक मेखला बनाई जाती है जो पवनों की गति को कम करती है।

► प्रश्न : रक्षक मेखला भारत के किस क्षेत्र में लाभदायक साबित हुई है?

उत्तर : रक्षक मेखला पश्चिमी भारत में रेत के टीलों के स्थायीकरण में लाभदायक साबित हुई है।

► प्रश्न : मृदा अपरदन या भू-क्षरण को रोकने के उपाय बताइए।

→ अथवा, हमारे देश के विभिन्न भागों में मृदा अपरदन/भू-क्षरण को नियंत्रित करने के लिए अपनाये गए उपायों का वर्णन कीजिए।

उत्तर : मृदा अपरदन या भू-क्षरण को नियंत्रित करने के उपाय:

(1) पर्वतीय क्षेत्रों में समोच्च जुताई द्वारा मृदा अपरदन की मात्रा को कम किया जा सकता है।

(2) मरुस्थलीय भाग के चारों ओर वृक्ष लगाकर, मृदा अपरदन को रोका जा सकता है।

(3) अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में छोटे-छोटे पौधे तथा घास आदि लगाकर मृदा अपरदन को नियंत्रित किया जा सकता है।

(4) एक ही भूमि पर बदल-बदल कर विभिन्न फसलों की खेती से भी मृदा अपरदन/भूमि क्षरण पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

(5) उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित जल को बाहर निकालने के लिए पृथककारी छन्ना का प्रयोग कर भू-क्षरण को नियंत्रित किया जा सकता है।

► प्रश्न : पहाड़ी क्षेत्र में मृदा अपरदन को रोकने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?

उत्तर : पहाड़ी क्षेत्र में मृदा अपरदन को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए -

(i) सीढ़ीनुमा कृषि पद्धति को अपनाना चाहिए।

(ii) खेत के चारों ओर घास या छोटे पौधे उगाने चाहिए।

(iii) पहाड़ी भागों में पशुओं की चराई पर रोक लगाना चाहिए।

(iv) पर्वतीय ढालों पर बाँध बनाकर जल प्रवाह को रोकने का प्रयास करना चाहिए।

► प्रश्न : सोपान कृषि क्या होती है?

उत्तर : ढाल वाली भूमि पर सोपान (सीढ़ी) बनाकर कृषि करने को सोपान कृषि या सीढ़ीदार कृषि कहते हैं। यह अपरदन को नियंत्रित करती है।

► प्रश्न : भारत के किस राज्य में सीढ़ीदार (सोपानी) खेती की जाती है?

उत्तर : भारत में उत्तराखंड में सीढ़ीदार सोपानी खेती की जाती है।

वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (MCQ)

* हमारे पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त की जा सकती है और जिसको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध है, जो आर्थिक रूप से संभाव्य और सांस्कृतिक रूप से मान्य है, उसे क्या कहते हैं?

(1) विकास

(2) संसाधन

(3) पर्यावरण

(4) नियोजन

Ans. (2)

* उत्पत्ति के आधार पर संसाधन कितने प्रकार के होते हैं?

(1) दो

(2) तीन

(3) चार

(4) इनमें से कोई नहीं

Ans. (1)

* उत्पत्ति के आधार पर संसाधन का प्रकार इनमें से कौन-सा है?

(1) विकसित और संचित

(2) नवीकरणीय और अनवीकरणीय

(3) जैव और अजैव

(4) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय

Ans. (3)

 * जैव और अजैव संसाधन वर्गीकरण का आधार क्या है?

   (1) स्वामित्व

   (2) विकास

   (3) समाप्यता

   (4) उत्पत्ति

   Ans. (4)

 * आपके घर में यूज होने वाली कौन-सी वस्तु है, आप इसे किस तरह का संसाधन मानते हैं?

   (1) जैव

   (2) अजैव

   (3) राष्ट्रीय

   (4) सामुदायिक

   Ans. (1)

 * निम्नलिखित में से कौन-सा जैव संसाधन का उदाहरण है?

   (1) मनुष्य

   (2) जल

   (3) चट्टान

   (4) लौह अयस्क

   Ans. (1)

 * निम्न में से कौन-सा जैव संसाधन नहीं है?

   (1) फूल

   (2) पशु

   (3) वनस्पति जात

   (4) चट्टान

   Ans. (4)

 * इनमें से कौन अजैव संसाधन नहीं है?

   (1) वनस्पति

   (2) चट्टानें

   (3) खनिज

   (4) धातुएँ

   Ans. (1)

 * निम्नलिखित में से कौन-सा प्राकृतिक संसाधन नहीं है?

   (1) भूमि

   (2) भवन

   (3) जल

   (4) खनिज

   Ans. (2)

 * इनमें से कौन एक मानवकृत संसाधन नहीं है?

   (1) भवन

   (2) रेल लाइन

   (3) पेड़-पौधे

   (4) स्कूल-कॉलेज

   Ans. (3)

 * समाप्यता के आधार पर संसाधन कितने प्रकार के होते हैं?

   (1) दो

   (2) तीन

   (3) चार

   (4) इनमें से कोई नहीं

   Ans. (1)

 * समाप्यता के आधार पर संसाधनों को दो भागों में बाँटा गया है, उनके नाम हैं -

   (1) जैव एवं अजैव संसाधन

   (2) नवीकरणीय एवं अनवीकरणीय संसाधन

   (3) विकसित एवं संचित संसाधन

   (4) राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संसाधन

   Ans. (2)

 * नवीकरणीय योग्य संसाधन है?

   (1) पवन ऊर्जा

   (2) वन

   (3) जल

   (4) उपर्युक्त सभी

   Ans. (4)

 * ज्वारीय ऊर्जा किस प्रकार का संसाधन है?

   (1) पुनः पूर्ति योग्य

   (2) मानवकृत

   (3) अचक्रीय

   (4) अजैव

   Ans. (1)

 * सौर ऊर्जा निम्नलिखित में से कौन-सा संसाधन है?

   (1) मानवकृत

   (2) अजैव

   (3) नवीकरणीय (पुन: पूर्तियोग्य)

   (4) अनवीकरणीय

   Ans. (3)

 * नवीकरण योग्य संसाधन का एक उदाहरण है -

   (1) सौर ऊर्जा

   (2) बॉक्साइट

   (3) कोयला

   (4) पेट्रोलियम

   Ans. (1)

 * नवीकरणीय साधन का उदाहरण .......... है।

   (1) कोयला

   (2) पेट्रोल

   (3) भूगर्भगत जल

   (4) उपर्युक्त सभी

   Ans. (3)

 * नवीकरणीय संसाधन कौन हैं?

   (1) कोयला

   (2) खनिज तेल

   (3) पवन ऊर्जा

   (4) प्राकृतिक गैस

   Ans. (3)

 * इनमें से कौन-सा एक संसाधन नवीकरणीय संसाधन है?

   (1) खनिज तेल

   (2) कोयला

   (3) गैस

   (4) ज्वारीय ऊर्जा

   Ans. (4)

 * इनमें से कौन नवीकरण योग्य संसाधन है?

   (1) चट्टान

   (2) खनिज

   (3) सौर ऊर्जा

   (4) इनमें से कोई नहीं

   Ans. (3)

 * नवीकरण योग्य संसाधन नहीं है।

   (1) जीवाश्म ईंधन

   (2) सौर ऊर्जा

   (3) पवन ऊर्जा

   (4) जल

   Ans. (1)

 * इनमें से कौन-सा नवीकरणीय संसाधन नहीं है?

   (1) जल संसाधन

   (2) पवन

   (3) सौर ऊर्जा

   (4) कोयला

   Ans. (4)

 * लोह अयस्क किस प्रकार का संसाधन है?

   (1) नवीकरणीय योग्य

   (2) प्रवाह

   (3) जैव

   (4) अनवीकरणीय योग्य

   Ans. (4)

 * कोयला किस प्रकार का संसाधन है?

   (1) अनवीकरणीय

   (2) नवीकरणीय

   (3) जैव

   (4) अजैव

   Ans. (1)

 * निम्नलिखित प्राकृतिक संपदाओं में किसका भण्डार सीमित है?

   (1) कोयला

   (2) हवा

   (3) मिट्टी

   (4) सौरशक्ति

   Ans. (1)

 * किस प्राकृतिक संसाधन का भंडार सीमित है?

   (1) खनिज तेल

   (2) सौर ऊर्जा

   (3) पवन ऊर्जा

   (4) ज्वारीय ऊर्जा

   Ans. (1)

 * स्वामित्व के आधार पर संसाधन कितने प्रकार के होते हैं?

   (1) एक

   (2) दो

   (3) तीन

   (4) चार

   Ans. (4)

 * सार्वजनिक पार्क और पिकनिक स्थल किस प्रकार के संसाधन वर्ग में शामिल हैं?

   (1) सामुदायिक

   (2) व्यक्तिगत

   (3) नवीकरणीय

   (4) संचित

   Ans. (1)

 * निम्नलिखित में कौन सामुदायिक संसाधन नहीं है?

   (1) चारागाह

   (2) विद्यालय भवन

   (3) कृषि भूमि

   (4) श्मशान भूमि

   Ans. (3)

 * सामुदायिक संसाधन कौन नहीं है?

   (1) मंदिर

   (2) मस्जिद

   (3) सार्वजनिक पार्क

   (4) घर

   Ans. (4)

 * सड़कें व नहरें किस प्रकार की संसाधन हैं?

   (1) व्यक्तिगत संसाधन

   (2) विकसित संसाधन

   (3) राष्ट्रीय संसाधन

   (4) सामुदायिक स्वामित्व संसाधन

   Ans. (3)

 * निम्न में से राष्ट्रीय संसाधन कौन है?

   (1) श्मशान

   (2) चारण भूमि

   (3) बाग

   (4) जल संसाधन

   Ans. (4)

 * समुद्री क्षेत्र में राजनैतिक सीमा के कितने किमी क्षेत्र तक राष्ट्रीय संपदा निहित है -

   (1) 200 किमी

   (2) 40 किमी

   (3) 22.2 किमी

   (4) 12.4 किमी

   Ans. (3)

 * कितने किलोमीटर के बाद किसी देश का महासागरीय संसाधन पर अधिकार नहीं है?

   (1) 100 किमी. के बाद

   (2) 150 किमी. के बाद

   (3) 200 किमी. के बाद

   (4) 180 किमी. के बाद

   Ans. (3)

 * तट रेखा से कितनी दूरी का क्षेत्र सीमा अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र कहलाते हैं?

   (1) 100 समुद्री मील

   (2) 200 समुद्री मील

   (3) 150 समुद्री मील

   (4) 250 समुद्री मील

   Ans. (2)

 * इनमें से कौन विकास के स्तर के आधार पर संसाधन का वर्ग नहीं है?

   (1) संभाव्य

   (2) संचित

   (3) व्यक्तिगत

   (4) ज्ञात

   Ans. (4)

 * बाँधों में जल एवं वन किस संसाधन वर्ग का उदाहरण है?

   (1) भंडार

   (2) संचित

   (3) संभावी

   (4) विकसित

   Ans. (2)

 * वे संसाधन जो किसी क्षेत्र में पाए जाते हैं, लेकिन उनका उपयोग नहीं किया गया है:

   (1) नवीकरणीय

   (2) विकसित

   (3) राष्ट्रीय

   (4) संभावी

   Ans. (4)

 * वे संसाधन जिनका सर्वेक्षण किया जा चुका है और उनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित की जा चुकी है। ऐसे संसाधन क्या कहलाते हैं?

   (1) विकसित संसाधन

   (2) अंतर्राष्ट्रीय संसाधन

   (3) व्यक्तिगत संसाधन

   (4) नवीकरणीय संसाधन

   Ans. (1)

 * मिट्टी का निर्माण किस प्रक्रिया से होता है?

   (1) प्रतिदान

   (2) निक्षेपण

   (3) अपक्षय

   (4) कटाव

   Ans. (3)

 * एक या एक से कम कृषि वर्ष के लिए खेती के बिना छोड़ी गयी भूमि को कहा जाता है?

   (1) कल्चरल वेस्ट लैंड

   (2) वर्तमान परती भूमि

   (3) बंजर भूमि

   (4) उपर्युक्त में से कोई नहीं

   Ans. (2)

 * संसाधनों के अंधाधुंध शोषण से किस प्रकार का वैश्विक पारिस्थितिक संकट पैदा हुआ है?

   (1) भूमंडलीय तापन

   (2) ओज़ोन परत का क्षय

   (3) पर्यावरण प्रदूषण

   (4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

 * प्रथम पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन किस वर्ष किया गया?

   (1) 1992 ई.

   (2) 1997 ई.

   (3) 2005 ई.

   (4) 2012 ई.

   Ans. (1)

 * जून 1992 में ‘प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन' किस शहर में हुआ था?

   (1) टोकियो

   (2) रियो डी जेनेरो

   (3) न्यूयॉर्क

   (4) दिल्ली

   Ans. (2)

 * प्रथम पृथ्वी सम्मेलन किस देश में आयोजित किया गया था?

   (1) अमेरिका

   (2) भारत

   (3) जापान

   (4) ब्राज़ील

   Ans. (4)

 * 1992 के पृथ्वी सम्मेलन में लगभग कितने देशों के राष्ट्रध्यक्ष शामिल हुए थे?

   (1) 75

   (2) 90

   (3) 170

   (4) 57

   Ans. (3)

 * तृतीय पृथ्वी सम्मेलन कहाँ हुआ था?

   (1) जोहान्सबर्ग

   (2) न्यूयॉर्क

   (3) ब्राज़ील

   (4) क्योंटो

   Ans. (1)

 * ये शब्द किसने कहे - "हमारे पास हर व्यक्ति की आवश्यकता पूर्ति के लिए बहुत कुछ है परन्तु किसी के लालच की संतुष्टि के लिए नहीं।"

   (1) जॉर्ज वॉशिंगटन

   (2) रवीन्द्रनाथ टैगोर

   (3) जवाहर लाल नेहरू

   (4) महात्मा गाँधी

   Ans. (4)

 * 'हमारे पास पेट भरने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन पेटी भरने के लिए नहीं' यह कथन किसका है?

   (1) मेधा पाटेकर

   (2) नेहरू

   (3) शुमेसर

   (4) गाँधीजी

   Ans. (4)

 * भारत के 5 प्रतिशत धनी लोग कितने प्रतिशत गरीब लोगों के बराबर संसाधन उपभोग करते हैं?

   (1) 25 प्रतिशत

   (2) 50 प्रतिशत

   (3) 5 प्रतिशत

   (4) 75 प्रतिशत

   Ans. (2)

 * मानव जीवन की गुणवत्ता और विश्व शांति बनाये रखने के लिए संसाधनों का समाज में कैसा बँटवारा होना चाहिए?

   (1) अमीर के हिसाब से

   (2) गरीब के हिसाब से

   (3) सरकार के हिसाब से

   (4) न्यायसंगत

   Ans. (4)

 * ऐसा आर्थिक विकास क्या कहलाता है जो - पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए हो और वर्तमान विकास की प्रक्रिया भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की अवहेलना न करे।

   (1) सतत् पोषणीय आर्थिक विकास

   (2) मानव आर्थिक विकास

   (3) सांविधिक विकास

   (4) पर्यावरण विकास

   Ans. (1)

 * 'स्मॉल इज ब्यूटीफुल' नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?

   (1) ब्रुंडलैंड

   (2) शुमेसर

   (3) महात्मा गाँधी

   (4) अमर्त्य सेन

   Ans. (2)

 * किस कमीशन ने सतत् पोषणीय विकास की अवधारणा प्रस्तुत की?

   (1) रटलेज़ कमीशन

   (2) लैंडमार्क कमीशन

   (3) ब्रुंडलैंड कमीशन

   (4) इनमें कोई नहीं

   Ans. (3)

 * ब्रुंडलैंड किस देश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं?

   (1) भारत

   (2) ब्रिटेन

   (3) नॉर्वे

   (4) जापान

   Ans. (3)

 * ब्रुंडलैंड कमीशन ने किस वर्ष सतत् पोषणीय विकास संबंधी रिपोर्ट पेश की थी?

   (1) 1978

   (2) 1987

   (3) 1992

   (4) 1998

   Ans. (2)

 * 'क्लब ऑफ रोम' ने किस वर्ष संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग का प्रस्ताव रखा?

   (1) 1978

   (2) 1958

   (3) 1968

   (4) 1988

   Ans. (1)

 * मृदा बनने की प्रक्रिया में निम्न में से मुख्य कारक के रूप में कौन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?

   (1) उच्चावच

   (2) जनक शैल

   (3) जलवायु

   (4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

 * जिस भूमि पर खेती की जाती है उसे क्या कहते हैं?

   (1) कृषि योग्य भूमि

   (2) बंजर भूमि

   (3) चारागाह

   (4) वन भूमि

   Ans. (1)

 * भारत के दो ऐसे राज्य कौन हैं जहाँ 80% भूमि पर कृषि कार्य किया जाता है?

   (1) बिहार और झारखंड

   (2) मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़

   (3) पंजाब और हरियाणा

   (4) गुजरात और महाराष्ट्र

   Ans. (3)

 * उत्तरी भारत की सबसे आम मिट्टी कौन-सी है?

   (1) काली मिट्टी

(2) लेटराइट मिट्टी

(3) जलोढ़ मिट्टी

(4) जलीय मिट्टी

   Ans. (3)

 * कौन सी मृदा भारत के सबसे विस्तृत क्षेत्र में पायी जाती है?

(1) लेटराइट मृदा

(2) काली मृदा

(3) जलोढ़ मृदा

(4) लाल और पीली मृदा

   Ans. (3)

 * पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मिट्टी पायी जाती है?

(1) काली मिट्टी

(2) जलोढ़ मिट्टी

(3) लेटराइट मिट्टी

(4) लाल मिट्टी

   Ans. (2)

 * भारत का सम्पूर्ण उत्तरी मैदान प्रायः किस मृदा से बना है?

(1) काली मृदा

(2) लेटराइट

(3) जलोढ़ मृदा

(4) लाल मिट्टी

   Ans. (3)

* आयु के आधार पर जलोढ़ मृदा का प्रकार है -

(1) पुराना जलोढ़ (बांगर)

(2) नया जलोढ़ (खादर)

(3) (1) और (2) दोनों

(4) इनमें से कोई नहीं

   Ans. (3)

 * बांगर और खादर किस मिट्टी के प्रकार हैं?

(1) लाल-पीली मिट्टी

(2) काली मिट्टी

(3) जलोढ़ मिट्टी

(4) पर्वतीय मिट्टी

   Ans. (3)

 * नयी जलोढ़ मृदा को क्या कहा जाता है?

(1) खादर

(2) बांगर

(3) लाल मृदा

(4) पीली मृदा

   Ans. (1)

 * किस प्रकार की मिट्टी में कंकड़ की मात्रा अधिक होती है?

(1) खादर

(2) बांगर

(3) लाल

(4) लेटराइट

   Ans. (2)

 * गन्ने, चावल, गेहूँ और दलहन फसलों की खेती के लिए कौन-सी मिट्टी उपयुक्त होती है?

(1) काली

(2) जलोढ़

(3) लेटराइट

(4) लाल

   Ans. (2)

 * किस मृदा को 'रेगर या 'रेगुड़' मृदा के नाम से जाना जाता है?

(1) लाल मृदा

(2) लेटराइट मृदा

(3) जलोढ़ मृदा

(4) काली मृदा

   Ans. (4)

 * काली मृदा किस नाम से जाना जाता है?

(1) जलोढ़ मृदा

(2) खादर

(3) रेगुर

(4) बांगर

   Ans. (3)

 * कपास की खेती के लिए कौन-सी मृदा सबसे उपयुक्त समझी जाती है?

(1) काली मृदा

(2) लेटराइट मृदा

(3) जलोढ़ मृदा

(4) लाल मृदा

   Ans. (1)

 * दक्कन के पठार के क्षेत्र के उत्तर-पश्चिमी भागों में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है?

(1) लेटराइट मृदा

(2) काली (रेगुर) मृदा

(3) जलोढ़ मृदा

(4) लाल मृदा

   Ans. (2)

 * दक्कन पठार के शुष्कतर भागों में काली मिट्टी किस प्रकार की फसल के उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है?

(1) रबड़

(2) कपास

(3) गेहूँ

(4) मक्का

   Ans. (2)

 * महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है?

(1) काली मृदा

(2) लाल मृदा

(3) लेटराइट मृदा

(4) जलोढ़ मृदा

   Ans. (1)

 * किस राज्य में काली मृदा मुख्य रूप से नहीं पायी जाती है?

(1) महाराष्ट्र

(2) गुजरात

(3) मध्य प्रदेश

(4) झारखंड

   Ans. (4)

 * इनमें से किस राज्य में काली मृदा मुख्य रूप से पायी जाती है?

(1) जम्मू-कश्मीर

(2) महाराष्ट्र

(3) राजस्थान

(4) झारखंड

   Ans. (2)

 * लाल मिट्टी ज्यादातर पायी जाती है :

(1) जम्मू और कश्मीर के हिस्से

(2) दक्कन के पठार का पूर्वी और दक्षिणी भाग

(3) ऊपरी गंगा मैदान

(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं

   Ans. (2)

 * लाल मिट्टी का रंग लाल होने के कारण:

(1) उच्च मिट्टी की सामग्री

(2) आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में लोहे का प्रसार

(3) उच्च नमी की मात्रा

(4) सबसॉइल में कोकर नोड्स की उपस्थिति

   Ans. (2)

 * किस मिट्टी में लौह धातु की अधिकता होती है?

(1) लाल मिट्टी

(2) काली मिट्टी

(3) लेटराइट मिट्टी

(4) कोई नहीं

   Ans. (1)

 * कौन-सी मृदा आम तौर पर रेतीली और लवणीय होती है?

(1) काली मृदा

(2) मरुस्थली मृदा

(3) जलोढ़ मृदा

(4) लेटराइट मृदा

   Ans. (2)

 * लेटराइट मृदा इनमें से किस राज्य में पायी जाती है?

(1) कर्नाटक

(2) तमिलनाडु

(3) केरल

(4) उपर्युक्त सभी

   Ans. (4)

 * पंजाब किस प्रकार के संसाधन के मामले में गरीब है?

(1) खनिज

(2) कृषि

(3) जल

(4) मानव

   Ans. (1)

 * राजस्थान में किस संसाधन की कमी है?

(1) सौर ऊर्जा

(2) पवन ऊर्जा

(3) जल संसाधन

(4) सभी गलत

   Ans. (3)

 * झारखंड में किस संसाधन की अधिकता है?

(1) कृषि

(2) खनिज

(3) जल संसाधन

(4) मानव

   Ans. (2)

 * संसाधन नियोजन के कितने स्तर होते हैं?

(1) एक

(2) दो

(3) तीन

(4) चार

   Ans. (3)

 * भारत के कुल क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत भू-क्षेत्र मैदानों के रूप में है?

(1) 27 प्रतिशत

(2) 30 प्रतिशत

(3) 43 प्रतिशत

(4) 87 प्रतिशत

   Ans. (3)

 * भारत के कुल क्षेत्रफल में कितना प्रतिशत क्षेत्र पर पठारी भाग है?

(1) 27 प्रतिशत

(2) 27 प्रतिशत

(3) 30 प्रतिशत

(4) 40 प्रतिशत

   Ans. (2)

 * भारत में कितना प्रतिशत पर्वतीय है?

(1) 27%

(2) 30%

(3) 43%

(4) 46%

   Ans. (2)

 * देश के क्षेत्रफल का लगभग 27 प्रतिशत हिस्सा खनिजों, जीवाश्म ईंधन और वनों के अपार संचय के रूप में किस क्षेत्र में जाना जाता है?

(1) पठारों

(2) मैदानी

(3) पर्वतीय

(4) इनमें से सभी

   Ans. (1)

 * हमारे देश में निम्नलिखित में से कौन-सा स्थान 'शीत मरुस्थल' के रूप में जाना जाता है?

(1) राजस्थान

(2) सिक्किम

(3) अरुणाचल प्रदेश

(4) लद्दाख

   Ans. (4)

 * निम्नलिखित में से किस राज्य में खनन के कारण भूमि का भारी क्षरण हुआ है?

(1) गुजरात

(2) झारखंड

(3) केरल

(4) उत्तराखंड

   Ans. (2)

 * पवन द्वारा मैदान या ढालू क्षेत्र से मृदा का उड़। ले जाने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?

(1) पवन अपरदन

(2) चादर अपरदन

(3) वनीकरण

(4) परतदार अपरदन

   Ans. (1)

 * पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भूमि क्षरण का मुख्य कारण है:

(1) झूम

(2) अधिक सिंचाई

(3) वनों की कटाई

(4) अधिक चराई

   Ans. (2)

 * पंजाब में भूमि निम्नीकरण का निम्नलिखित में से मुख्य कारण क्या है?

(1) गहन खेती

(2) अधिक सिंचाई

(3) वनीकरण

(4) अति पशुचारण

   Ans. (2)

 * जल और उर्वरकों के अधिक और अविवेकपूर्ण प्रयोग से किस प्रकार की समस्याएँ पैदा हो गयी हैं?

(1) जलाक्रांतता

(2) लवणता

(3) सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी

(4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

 * मिट्टी के कटाव और उसके बहाव की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?

(1) भूस्खलन

(2) भू-निम्नीकरण

(3) मृदा अपरदन

(4) मृदा पट्टी

   Ans. (3)

 * निम्नलिखित में से किस राज्य में सीढ़ीदार (सोपानी) खेती की जाती है?

(1) पंजाब

(2) हरियाणा

(3) उत्तर प्रदेश का मैदान

(4) उत्तराखंड

   Ans. (4)

 * मृदा अपरदन का कौन-सा कारण नहीं है?

(1) जल

(2) वायु

(3) हिम

(4) वन

   Ans. (4)

 * भूमि निम्नीकरण में निम्नलिखित में से किनकी भूमिका नहीं है?

   (1) वनों को काटना

   (2) अति पशुचारण

   (3) खनन

   (4) मधुमक्खी पालन

   Ans. (4)

 * भूमि निम्नीकरण को रोकने के प्रमुख उपाय क्या हैं?

   (1) वनारोपण

   (2) चारागाहों का उचित प्रबंधन

   (3) खनन नियंत्रण

   (4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

वन एवं वन्य जीव संसाधन

विषयनिष्ठ (Subjective) प्रश्नोत्तर

► प्रश्न : भारत में पौधों और जंतुओं के वितरण के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं?

उत्तर : पौधों और जानवरों का वितरण मुख्य रूप से क्षेत्र की जलवायु से निर्धारित होता है। इस वितरण के निर्धारक कारक मिट्टी, राहत और जल-निकासी आदि हैं।

► प्रश्न : पारितंत्र की परिभाषा दीजिए?

उत्तर : पारितंत्र का अर्थ उस स्थान के भौतिक वातावरण से है जो उस क्षेत्र के सभी प्रकार के पौधों, पक्षियों और जानवरों से बनता है।

► प्रश्न : संकटाग्रस्त जातियाँ क्या होती हैं?

उत्तर : संकटाग्रस्त जातियाँ वे वन्य जीवों की वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या विषम परिस्थितियों के कारण इन कम होती जा रही है तथा उनके लुप्त होने का खतरा है।

► प्रश्न : भारत के संकटाग्रस्त जातियों के कुछ उदाहरण दीजिए।

उत्तर : काला हिरण, मगरमच्छ, भारतीय जंगली गधा, गैंडा आदि।

► प्रश्न : सुभेद्य जातियाँ से आप क्या समझते हैं?

उत्तर : सुभेद्य (vulnerable) जातियाँ वन्य जीवों की वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या घट रही है तथा यदि इनकी संख्या पर विपरीत प्रभाव डालने वाली परिस्थितियाँ नहीं बदली जाती और इनकी संख्या घटती रहती है तो यह संकटाग्रस्त जातियों की श्रेणी में शामिल हो जाएँगी।

उदाहरण : नीली भेड़, एशियाई हाथी, गंगा नदी की डॉल्फिन आदि।

► प्रश्न : दुर्लभ जातियाँ किसे कहते हैं?

उत्तर : दुर्लभ जातियाँ की संख्या बहुत कम है या वे सुभेद्य हैं और यदि इनको प्रभावित करने वाली विषम परिस्थितियाँ नहीं परिवर्तित होतीं तो यह संकटाग्रस्त जातियों की श्रेणी में आ सकती हैं।

► प्रश्न : पौधों और प्राणियों की दुर्लभ जातियाँ कौन-सी हैं? उदाहरण दें।

उत्तर : दुर्लभ जातियाँ में वे हैं जिनकी संख्या बहुत ही कम है। यदि इनको बचाने के उचित प्रबंध न किए गए तो इनका संकटाग्रस्त श्रेणी में जाना लगभग तय है। जैसे- हिमालय का भूरा रीछ, एशियाई जंगली भैंस, और हॉर्नबिल आदि।

► प्रश्न : लुप्त जातियाँ किसे कहते हैं?

उत्तर : लुप्त जातियाँ वन्य जीवों की वे जातियाँ हैं जो इनके रहने के आवासों में अनुपस्थित पाई गयी हैं अर्थात्, ये उपजातियाँ स्थानीय क्षेत्र, प्रदेश, देश, महाद्वीप या पूरी पृथ्वी से ही लुप्त हो गई हैं; जैसे- एशियाई चीता और गुलाबी सिरवाली बत्तख शामिल हैं।

► प्रश्न : 1552 ई. में किस वन्य-प्राणी को भारत में लुप्त प्रजाति घोषित किया गया था?

उत्तर : भारत में एशियाई चीता को 1552 में 'लुप्त' घोषित कर दिया गया था।

► प्रश्न : स्थानिक जातियाँ कौन-सी हैं? उदाहरण दें।

उत्तर : स्थानिक जातियाँ वे हैं जो विशेष क्षेत्रों में पाए जाते हैं। जैसे- निकोबारी कबूतर, अंडमानी जंगली सूअर, अरुणाचल की मिथुन आदि।

► प्रश्न : भारत में जैव-विविधता को कम करने वाले प्रमुख कारक कौन-से हैं?

उत्तर : वन्य जीव के आवास का विनाश, जंगली जानवरों को मारना व शिकार करना, कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग, पर्यावरणीय प्रदूषण, दावानल आदि।

► प्रश्न : 'प्रोजेक्ट टाइगर' क्या है? इसे कब शुरू किया गया?

उत्तर : 'प्रोजेक्ट टाइगर' बाघ की बेहतरी हेतु एक वन्य जीव संरक्षण परियोजना है, जिसकी शुरुआत 1973 में हुई।

► प्रश्न : भारत की प्रमुख बाघ संरक्षण परियोजनाओं एवं सम्बंधित राज्यों के नाम लिखिए।

उत्तर :

 * कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान - उत्तराखंड

 * सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान - पश्चिम बंगाल

 * बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान - मध्य प्रदेश

 * सरिस्का वन्य जीवन पशु विहार - राजस्थान

 * मानस बाघ रिज़र्व - असम

 * पेरियार बाघ रिज़र्व - केरल

► प्रश्न : जैव विविधता क्या है?

उत्तर : पृथ्वी पर अनेक प्रकार के प्राणी, वन्यजीव और पेड़-पौधे पाये जाते हैं, इन सब में अनेक प्रकार के जैविक और संरचनात्मक विभिन्नता पायी जाती है - जीवों के बीच पायी जाने वाली विभिन्नता को 'जैव विविधता' कहते हैं।

► प्रश्न : जैव विविधता मानव जीवन के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?

उत्तर : विभिन्न प्रकार के प्राणी और पेड़-पौधे आदि मिलकर एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं, सभी एक-दूसरे पर निर्भर हैं और एक-दूसरे के लिए उपयोगी हैं - इस प्रकार, जैव विविधता प्रकृति और पर्यावरण के संतुलन बनाये रखता है जो मानव जीवन के लिए आवश्यक है।

► प्रश्न : वनों एवं वन्य जीव का संरक्षण क्यों आवश्यक है?

उत्तर : वनों एवं वन्य जीव के संरक्षण से पारिस्थितिकी विविधता बनी रहती है। इससे हमारे जीवन के मूलभूत संसाधन - जल, वायु और मृदा उपलब्ध होते हैं।

इससे विभिन्न जातियों में बेहतर जनन के लिए वनस्पति और पशुओं में जीन्स (जेनेटिक) विविधता को भी संरक्षण मिलता है।

► प्रश्न : वन और वन्य-जीव के संरक्षण हेतु अधिनियम भारत में कब और कौन-सा कानून लागू हुआ?

उत्तर : 1972 में भारतीय वन्यजीवन (रक्षण) अधिनियम लागू किया गया।

► प्रश्न : भारतीय वन्यजीवन (रक्षण) अधिनियम, 1972 में क्या मुख्य उपाय किए गए?

उत्तर : भारतीय वन्यजीवन (रक्षण) अधिनियम में वन्य-जीवों के संरक्षण के लिए उनका आवास रक्षण, रक्षित जातियों की सूची का प्रकाशन, बची हुई संकटाग्रस्त जातियों का बचाव, शिकार प्रतिबंध तथा जंगली जीवों के व्यापार पर रोक लगाने आदि पर जोर दिया गया है।

► प्रश्न : भारत में वनों के प्रकार बताइए।

→ अथवा, आरक्षित वन क्या होते हैं? अथवा, रक्षित वन क्या होते हैं?

उत्तर : प्रशासनिक आधार पर भारत में वनों को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा गया है -

(1) आरक्षित वन : ये वे वन हैं जो इमारती लकड़ी या वन उत्पादों को प्राप्त करने के लिए पूर्णतः सुरक्षित कर दिए गए हैं। इन वनों में पशुओं को चराने या खेती करने की अनुमति नहीं दी जाती है।

आरक्षित वनों को सर्वाधिक मूल्यवान माना जाता है।

भारत के कुल वन क्षेत्र के आधे से अधिक वन क्षेत्र आरक्षित वन घोषित किये गये हैं।

(2) रक्षित वन : इन वनों को और अधिक नष्ट होने से बचाने के लिए इनकी सुरक्षा की जाती है। इनका रख-रखाव इमारती लकड़ी और अन्य पदार्थों और उनके बचाव के लिए किया जाता है। इन वनों में पशुओं को चराने व खेती करने की अनुमति कुछ विशिष्ट प्रतिबंधों के साथ प्रदान की जाती है।

वन विभाग के अनुसार देश के कुल वन क्षेत्र का लगभग एक-तिहाई हिस्सा रक्षित वनों का है।

(3) अवर्गीकृत वन : देश में अन्य सभी प्रकार के वन और बंजर भूमि जो कि सरकार, व्यक्तियों और समुदायों के स्वामित्व में होते हैं, अवर्गीकृत वन कहलाते हैं। पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में और गुजरात में अधिकतर वन क्षेत्र अवर्गीकृत वन तथा स्थानीय समुदायों के प्रबंधन में है।

► प्रश्न : वन संरक्षण की दृष्टि से वनों को किन प्रमुख वर्गों में बाँटा गया है?

उत्तर : (क) आरक्षित वन (ख) रक्षित वन (ग) अवर्गीकृत वन

► प्रश्न : राष्ट्रीय उद्यान क्या होते हैं?

उत्तर : राष्ट्रीय उद्यान विख्यात सुरक्षित वन क्षेत्र होते हैं जहाँ जानवरों स्वच्छंद विचरण करते हैं, इन क्षेत्रों में या एक अनेक परितंत्र पाये जाते हैं और जहाँ जीव-जंतु, पेड़-पौधे, भू-आकृतिक स्थल और आवास विशेष रूप से शैक्षिक और मनोरंजक संघ के होते हैं।

► प्रश्न : राष्ट्रीय वन नीति 1952 के द्वारा निर्धारित कितने प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र पर वन होना आवश्यक है?

उत्तर : राष्ट्रीय वन नीति 1952 के अनुसार 33 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र पर वन होना आवश्यक है।

► प्रश्न : भारत में वन्य जीवन के ह्रास पर एक निबंध लिखिए।

→ अथवा, मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणीजात के ह्रास के कारक हैं?

उत्तर : भारत में वन और वन्य जीवन के ह्रास के उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं -

(1) औपनिवेशिक काल की क्रियाएँ : भारत में वनों को सबसे बड़ा नुकसान उपनिवेश काल में रेल लाइनों के विस्तार, कृषि, व्यवसाय, वाणिज्य, वानिकी और खनन क्रियाओं में वृद्धि के फलस्वरूप हुआ।

(2) कृषि का विस्तार : देश में स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत वन संसाधनों के सिकुड़ने में कृषि का फैलाव महत्त्वपूर्ण कारकों में से एक रहा है।

(3) खनन क्रियाएँ : देश में वनों के ह्रास में खनन ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। पश्चिमी बंगाल में बक्सा टाइगर रिज़र्व डोलोमाइट के खनन के कारण गंभीर खतरे में है।

(4) स्थानांतरी (झूम) खेती : अधिकतर जनजातीय क्षेत्रों, विशेषकर पूर्वोत्तर भारत एवं मध्य भारत में स्थानांतरी (झूम) खेती के कारण बनों की कटाई अथवा वन निम्नीकरण हुआ है।

(5) पशुचारण और ईंधन की लकड़ी : वन संसाधनों की बर्बादी में पशुचारण और ईंधन के लिए लकड़ी की कटाई मुख्य भूमिका निभाते हैं। किन्तु चारे और ईंधन हेतु लकड़ी की आवश्यकता की पूर्ति मुख्य रूप से पेड़ों की टहनियाँ काटकर की जाती है न कि पूरे पेड़ काटकर।

(6) विकास परियोजनाएँ : देश में बड़ी विकास परियोजनाओं ने भी वनों को बहुत अधिक हानि पहुँचाई है। नदी घाटी परियोजनाओं के कारण बहुत अधिक वन क्षेत्रों को साफ करना पड़ा है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।

► प्रश्न : वन-संरक्षण करने के उपाय बताइए।

उत्तर : वन संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं -

(1) वनों की अंधाधुंध कटाई पर प्रतिबंध लगाना।

(2) अनियंत्रित पशुचारण पर रोक लगाना।

(3) लकड़ी के ईंधन का कम से कम उपयोग किया जाये।

(4) वनों को हानिकारक कीड़े-मकड़ों, बीमारियों एवं आग से बचाया जाये।

(5) वनों से वृक्ष काटने पर उनके स्थान पर वृक्षारोपण करना आवश्यक हो।

(6) ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों का विकास किया जाये।

(7) वन एवं वन्य जीवन कानूनों को कड़ाई से लागू किया जाये।

(8) वनों की उपयोगिता व महत्त्व का जनता हेतु जनचेतना पैदा की जाये।

► प्रश्न : चिपको आंदोलन क्या था? चिपको आंदोलन का महत्त्व बताइये।

उत्तर : चिपको आंदोलन मूलतः उत्तराखंड के वनों की सुरक्षा के लिए वहाँ के लोगों द्वारा 1970 के दशक में आरम्भ किया गया था। इसमें उत्तराखंड के गढ़वाल के पहाड़ी पर स्थित रेनी ग्राम में इमारती लकड़ी ठेकेदारों के हाथों वनों का विनाश रोकने के लिए स्थानीय स्त्रियों ने पेड़ों से चिपक कर एक जन-आंदोलन किया था। इस आंदोलन का समर्थन जाने-माने समाज सेवी सुंदरलाल बहुगुणा और चंडी प्रसाद भट्ट जैसे लोगों ने किया।

इस आंदोलन ने जन-जागृति का रूप ले लिया। लोग इकट्ठे होकर पर्यावरण सुरक्षा का नारा देने लगे और दोषियों को सजा दिलाने की माँग करने लगे। चिपको आंदोलन हिमालय प्रदेश में वनों की कटाई रोकने में तथा स्थानीय चीजों की जातियों का प्रयोग करके सामुदायिक वनिकरण अभियान में सफल हुआ। इस प्रकार चिपको आंदोलन ने पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण के महत्त्व को उजागर किया।

► प्रश्न : झारखंड में मुंडा और संथाल जनजातियाँ किन पेड़ों की पूजा करते हैं?

उत्तर : महुआ, पलाश और कदंब पेड़ों की।

► प्रश्न : ओडिशा और बिहार की जनजातियाँ किन पेड़ों को पवित्र मानते हैं?

उत्तर : ओडिशा और बिहार की जनजातियाँ शादी के दौरान इमली और आम के पेड़ की पूजा करती हैं तथा अधिकांश व्यक्ति पीपल और वटवृक्ष को पवित्र मानते हैं।

► प्रश्न : बिश्नोई समाज किसके लिए प्रसिद्ध है?

उत्तर : बिश्नोई समाज के लोग काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय और मोरों की सुरक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं।

वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (MCQ)

 * हाल ही में हमारे देश में वन क्षेत्र की वृद्धि किस वजह से हुई है?

   (1) प्राकृतिक वन क्षेत्र में वृद्धि

   (2) शुद्व बोए गए क्षेत्र में वृद्धि

   (3) विभिन्न एजेंसियों द्वारा वृक्षारोपण

   (4) उपर्युक्त में से कोई नहीं

   Ans. (3)

 * वनों और वन्य जीवन का संरक्षण करना आवश्यक है - क्योंकि इससे :

   (1) पारिस्थितिकी विविधता बनी रहती है

   (2) जीवन साधु संसाधन - जल, वायु और मृदा बनी रहती है

   (3) बेहतर जनन के लिए वनस्पति और पशुओं में जीन की विविधता बनी रहती है

   (4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

 * भारत में जैव विविधता को कम करने वाले महत्वपूर्ण कारक कौन हैं?

   (1) वन्य जीव के आवास का विनाश

   (2) वन्य जीव को मारना या शिकार करना

   (3) पर्यावरणीय प्रदूषण एवं दावानल

   (4) उपर्युक्त सभी

   Ans. (4)

 * पर्यावरण विनाश के मुख्य कारक कौन-कौन से हैं?

   (1) संसाधनों का असमान बँटवारा

   (2) असमान उपयोग

   (3) रख-रखाव की जिम्मेदारी में असमानता

   (4) इनमें सभी

   Ans. (4)

 * निम्नलिखित में कौन एक वनों के ह्रास का कारण नहीं है?

   (1) रक्षक मेखला का निर्माण

   (2) खनन

   (3) बहुउद्देशीय चार परियोजना

   (4) पशुचारण

   Ans. (1)

 * इनमें से कौन-सा संसाधन तरीका समुदायों की सीधी भागीदारी नहीं करता है?

   (1) संयुक्त वन प्रबंधन

   (2) चिपको आंदोलन

   (3) बीज बचाओ आंदोलन

   (4) वन्य जीव पशु विहार का परिसीमन

   Ans. (4)

 * इनमें से कौन-सी टिप्पणी प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणीजात के ह्रास का सही कारण नहीं है?

   (1) कृषि प्रसार

   (2) पशुचारण और ईंधन लकड़ी एकत्रित करना

   (3) बहुउद्देशीय विकास परियोजनाएँ

   (4) तीव्र उद्योगीकरण और शहरीकरण

   Ans. (2)

 * भारतीय वन्य जीव (रक्षण) अधिनियम कब लागू किया गया?

   (1) 1952

   (2) 1986

   (3) 1972

   (4) 1992

   Ans. (3)

 * किस राज्य ने सर्वप्रथम का संयुक्त वन प्रबंधन का प्रस्ताव रखा?

   (1) उत्तर प्रदेश (1989)

   (2) ओडिशा (1988)

   (3) दिल्ली (1987)

   (4) पंजाब (1986)

   Ans. (2)

 * संयुक्त वन प्रबंधन की 1988 में औपचारिक शुरुआत किस राज्य से हुई?

   (1) केरल

   (2) झारखंड

   (3) ओडिशा

   (4) बिहार

   Ans. (3)

 * वन विभाग के अनुसार कुल वन क्षेत्र का एक तिहाई हिस्सा किस वन का है?

   (1) वनौद्योजित वन

   (2) रक्षित वन

   (3) आरक्षित वन

   (4) अग्रय वन

   Ans. (2)

 * वन और बंजर भूमि जो सरकार, व्यक्तियों और समुदायों के स्वामित्व में होते हैं, उन्हें क्या कहते हैं?

   (1) पवित्र उपवन

   (2) आरक्षित वन

   (3) रक्षित वन

   (4) अवर्गीकृत वन

   Ans. (4)

 * वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वनों को क्या कहते हैं?

   (1) रक्षित वन

   (2) अवर्गीकृत वन

   (3) पवित्र उपवन

   (4) आरक्षित वन

   Ans. (2)

 * वन भूमि जो और अधिक क्षरण से बचाई जाती है, कहलाती है -

   (1) अवर्गीकृत वन

   (2) आरक्षित वन

   (3) रक्षित वन

   (4) पवित्र उपवन

   Ans. (3)

 * प्रजातियों जो केवल भौगोलिक बाधाओं से अलग कुछ विशेष क्षेत्रों में पाई जाती हैं उन्हें कहा जाता है -

   (1) विलुप्त प्रजाति

   (2) स्थानिक प्रजाति

   (3) दुर्लभ प्रजाति

   (4) क्रिटिकल प्रजाति

   Ans. (2)

 * भारत जैव विविधता में समृद्ध देश है, विश्व की कितनी प्रतिशत उपजातियाँ भारत में पायी जाती हैं?

   (1) 8 प्रतिशत

   (2) 16 प्रतिशत

   (3) 32 प्रतिशत

   (4) 1 प्रतिशत

   Ans. (1)

 * भारत में उपलब्ध स्तनधारियों में से कितने प्रतिशत को लुप्त होने का खतरा है?

   (1) 10 प्रतिशत

   (2) 20 प्रतिशत

   (3) 30 प्रतिशत

   (4) 40 प्रतिशत

   Ans. (2)

 * जिन प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है उन्हें कहा जाता है?

   (1) कमज़ोर प्रजाति

   (2) दुर्लभ प्रजाति

   (3) लुप्तप्राय प्रजाति

   (4) सामान्य प्रजाति

   Ans. (3)

 * 'लुप्त जातियों' से क्या तात्पर्य है?

   (1) लुप्त होने का खतरा

   (2) पूरी तरह से समाप्त होना

   (3) संख्या का कम होना

   (4) संख्या में वृद्धि होना

   Ans. (2)

 * दुर्लभ जातियाँ किसे कहते हैं?

   (1) सामान्य संख्या

   (2) संख्या कम या सुभेद्य

   (3) संख्या घटना

   (4) लुप्त होने का खतरा

   Ans. (2)

 * वे प्रजातियों जिनकी जनसंख्या उस स्तर तक गिर गयी है जहाँ से निकट भविष्य में लुप्तप्राय श्रेणी में चले जाने की संभावना है, यदि नकारात्मक कारकों का संचालन जारी रहता है तो उन्हें कहा जाता है?

   (1) स्थानिक प्रजाति

   (2) विलुप्त प्रजाति

   (3) कमजोर प्रजाति

   (4) सामान्य प्रजाति

   Ans. (3)

 * अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक संरक्षण और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण संघ के द्वारा विभाजन में किस श्रेणी को रखा गया है?

   (1) संकटग्रस्त जातियाँ

   (2) दुर्लभ जातियाँ

   (3) लुप्त जातियाँ

   (4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

 * निम्नलिखित में से कौन लुप्त प्रजातियाँ हैं?

   (1) चीता

   (2) गुलाबी सिर वाली बत्तख

   (3) पहाड़ी उल्लू

   (4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

 * गुलाबी सिर वाली बत्तख किन जातियों में शामिल है?

   (1) दुर्लभ जातियाँ

   (2) सामान्य जातियाँ

   (3) संकटग्रस्त जातियाँ

   (4) लुप्त जातियाँ

   Ans. (4)

 * एशियाई चीता और गुलाबी सिर वाली बत्तख किन उपजातियों में शामिल हैं?

   (1) सामान्य जातियाँ

   (2) संकटग्रस्त जातियाँ

   (3) स्थानिक जातियाँ

   (4) लुप्त जातियाँ

   Ans. (4)

 * निकोबारी कबूतर किस श्रेणी में आता है?

   (1) सामान्य जातियाँ

   (2) दुर्लभ जातियाँ

   (3) स्थानिक जातियाँ

   (4) लुप्त जातियाँ

   Ans. (3)

 * काला हिरण किस अस्तित्व वर्ग में रखा गया है?

   (1) लुप्त

   (2) संकटाग्रस्त

   (3) सामान्य

   (4) स्थानिक

   Ans. (2)

 * निम्नलिखित में से कौन सुभेद्य जाति का उदाहरण है?

   (1) गुलाबी सिरवाली बत्तख

   (2) निकोबारी कबूतर

   (3) एशियाई हाथी

   (4) एशियाई चीता

   Ans. (3)

 * अंडमान जंगली सूअर को किस अस्तित्व वर्ग में रखा गया है?

   (1) स्थानिक

   (2) संकटाग्रस्त

   (3) सामान्य

   (4) लुप्त

   Ans. (1)

 * हिमालयन भूरा भालू किस वर्ग का एक उदाहरण है?

   (1) कमज़ोर प्रजाति

   (2) दुर्लभ प्रजाति

   (3) स्थानिक प्रजाति

   (4) विलुप्त प्रजाति

   Ans. (2)

 * एशियाई चीता को भारत में विलुप्त घोषित किया गया था:

   (1) 1951

   (2) 1952

   (3) 2010

   (4) 1975

   Ans. (2)

 * निम्नलिखित में से किस राज्य में सर्वाधिक स्थायी वन क्षेत्र है?

   (1) केरल

   (2) बिहार

   (3) उत्तर प्रदेश

   (4) मध्य प्रदेश

   Ans. (4)

 * भारत में बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) की शुरुआत किस वर्ष हुई?

   (1) 1972

   (2) 1973

   (3) 1974

   (4) 1975

   Ans. (2)

 * पेरियार बाघ रिज़र्व किस राज्य में स्थित है?

   (1) उत्तर प्रदेश

   (2) केरल

   (3) मध्य प्रदेश

   (4) कर्नाटक

   Ans. (2)

 * सुंदरबन राष्ट्रीय पार्क किस राज्य में स्थित है?

   (1) पश्चिम बंगाल

   (2) असम

   (3) गुजरात

   (4) त्रिपुरा

   Ans. (1)

 * जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क किस राज्य में स्थित है?

   (1) उत्तरांचल

   (2) गुजरात

   (3) असम

   (4) पश्चिम बंगाल

   Ans. (1)

 * मानस बाघ रिज़र्व राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में स्थित है?

   (1) कॉर्बेट

   (2) मध्य प्रदेश

   (3) बिहार

   (4) असम

   Ans. (4)

 * सरिस्का वन्य जीव पशुविहार किस राज्य में स्थित है?

   (1) मध्य प्रदेश

   (2) गुजरात

   (3) राजस्थान

   (4) असम

   Ans. (3)

 * 'बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान' भारत के किस राज्य में स्थित है?

   (1) पश्चिम बंगाल

   (2) मध्य प्रदेश

   (3) राजस्थान

   (4) उत्तराखंड

   Ans. (2)

 * पश्चिम बंगाल में 'बक्सा टाइगर रिज़र्व' निम्न में से किस प्रकार के खनिज के खनन के कारण गंभीर खतरे में है?

   (1) डोलोमाइट

   (2) लौह-अयस्क

   (3) अभ्रक

   (4) कोयला

   Ans. (1)

 * सदाबहार वृक्ष झाड़ एक औषधीय वनस्पति है, यह किस राज्य में पाया जाता है?

   (1) बिहार

   (2) झारखंड

   (3) मध्य प्रदेश

   (4) हिमाचल प्रदेश

   Ans. (4)

 * 'टैक्सोल' नामक रसायन किस बीमारी के उपचार के लिए प्रयोग में लाया जाता है?

   (1) कैंसर

   (2) टाइफाइड

   (3) मलेरिया

   (4) डेंगू

   Ans. (1)

 * कौन-सी जाति भारत में काले हिरण की हत्या के लिए प्रसिद्ध है?

   (1) गुज्जर

   (2) बकरवाल

   (3) डोंगरा

   (4) बिश्नोई

   Ans. (4)

 * ओडिशा और बिहार की जनजातियाँ शादी के दौरान किस वृक्ष की पूजा करती हैं?

   (1) इमली और आम

   (2) आम और नीम

   (3) पीपल और कदम्ब

   (4) शीशम और कीकर

   Ans. (1)

 * चिपको आंदोलन किससे संबंधित है?

   (1) मृदा अपरदन रोकने से

   (2) वनों की कटाई रोकने से

   (3) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से

   (4) कृषि उत्पादन बढ़ाने से

   Ans. (2)

 * चिपको आंदोलन के प्रणेता हैं:

   (1) मेधा पाटेकर

   (2) महात्मा गांधी

   (3) सुंदरलाल बहुगुणा

   (4) संदीप पाण्डेय

   Ans. (3)

जल संसाधन

विषयनिष्ठ (Subjective) प्रश्नोत्तर

► प्रश्न : जल संसाधन क्या है?

उत्तर : जल संसाधन जल के वे स्रोत हैं जो मनुष्य के लिए उपयोगी होते हैं। अधिकांशतः लोगों को ताजे अलवणयी जल की आवश्यकता होती है। जल की उपस्थिति के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। जल एक अक्षय प्राकृतिक संसाधन है।

► प्रश्न : जल क्या है?

उत्तर : जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बनता है। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर 'जल' शब्द का प्रयोग द्रव के रूप में किया जाता है पर यह ठोस अवस्था (बर्फ) और गैस अवस्था (भाप) में भी पाया जाता है।

► प्रश्न : विश्व में जल के कुल आयतन का कितना भाग लवणीय और कितना अलवणयी है?

उत्तर : विश्व में जल के कुल आयतन का 96.5 प्रतिशत भाग (महासागरों में पाया जाने वाला) लवणीय और 2.5 प्रतिशत भाग अलवणयी है।

► प्रश्न : अलवणयी जल हमें कहाँ से प्राप्त होता है?

उत्तर : अलवणयी जल हमें पृथ्वी की सतह पर स्थित अपवाह, नदियों, तालाबों, कुओं आदि से प्राप्त होता है।

► प्रश्न : जल किस प्रकार एक दुर्लभ संसाधन है?

उत्तर : विश्व में जल के कुल आयतन का मात्र 2.5 प्रतिशत भाग ही अलवणयी है। अलवणयी या उपयोग योग्य पानी हमें वर्षा, नदियों, तालाबों या भूमिगत जल से ही प्राप्त होता है। वर्षा भी अनिश्चित होती है। बढ़ती जनसंख्या, नगरीकरण और औद्योगीकरण के कारण जल का अतिशोषण, अत्यधिक प्रयोग प्रदूषण और असमान वितरण के कारण जल की कमी होती जा रही है। इस प्रकार जल एक दुर्लभ संसाधन है।

► प्रश्न : जीवन में जल का क्या महत्व है?

→ अथवा, 'जल बहुत ही महत्त्वपूर्ण संसाधन है।' कैसे?

उत्तर : जीवन में जल का अत्यधिक महत्त्व है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन है, क्योंकि-

(1) जनसंख्या के लिए पीने, कपड़े धोने, स्नान करने आदि हेतु जल की अत्यधिक आवश्यकता है।

(2) फसलों की सिंचाई के लिए बहुत बड़ी मात्रा में जल की आवश्यकता होती है। इसके बिना मनुष्य एवं पशुओं को भोजन की प्राप्ति नहीं हो सकती।

(3) शहरीकरण और औद्योगीकरण को विकास की गति प्रदान करने में जल आवश्यक है।

► प्रश्न : व्याख्या कीजिए कि जल किस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन है?

→ अथवा, जल किस प्रकार एक पुनर्नवीकरण योग्य साधन है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : जल का नवीकरण और पुनर्नवीकरण जलीय चक्र द्वारा होता रहता है। सम्पूर्ण जल नवीकरण योग्य है और जल चक्र में गतिशील रहता है। इसलिए नवीकरण सुनिश्चित है।

सूर्य की गर्मी के कारण जल का वाष्पीकरण होता है। जलावाष्प हवा में संघनित होकर बादलों में बदल जाता है।

यह संघनित जलावाष्प वर्षा अथवा बर्फ के रूप में धरती पर गिरता है।

धरती से जल दुबारा सागरों में पहुँचता है फिर जल का वाष्पीकरण होता है।

इस प्रकार जलीय चक्र सदैव गतिशील रहता है।

► प्रश्न : जल दुर्लभता क्या है?

उत्तर : असमान वितरण, अत्यधिक माँग, प्रदूषण एवं दुरूपयोग के कारण जल-स्तर लगातार नीचे जा रहा है तथा जल की कमी हो रही है - पानी की कमी की इस समस्या को जल दुर्लभता कहते हैं।

► प्रश्न : जल दुर्लभता क्यों है? जल दुर्लभता के मुख्य कारण क्या हैं?

→ अथवा, हमारे देश में जल का अभाव प्रतिदिन क्यों बढ़ता जा रहा है? कारण दीजिए।

उत्तर : पानी यद्यपि प्रकृति का असमाप्य होने वाला उपहार है फिर भी असमान वितरण, अत्यधिक माँग एवं दुरूपयोग के कारण जल-स्तर लगातार नीचे जा रहा है तथा जल दुर्लभ होता जा रहा है। पानी की कमी की इस समस्या को जल दुर्लभता कहते हैं।

जल के अभाव अथवा जल दुर्लभता के कारण -

(1) वर्षा जल को संग्रहीत करने की परंपरा विकसित नहीं हुई है जिसके परिणामस्वरूप वर्षा जल बेकार चला जाता है। वर्षा जल का मात्र 8.5 प्रतिशत ही उपयोग में लाया जाता है।

(2) जनसंख्या में भारी वृद्धि जल के अभाव का एक महत्वपूर्ण कारण है। जल का दुरूपयोग भी जल की दुर्लभता को जन्म देता है।

(3) उपलब्ध जल का एक बड़ा हिस्सा गंभीर रूप से प्रदूषित है अर्थात् उपयोग में लाने योग्य नहीं है।

(4) भूमिगत जल-स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इससे जल प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है।

बहुउद्देशीय नदी परियोजनाएँ

► प्रश्न : बाँध क्यों होते हैं?

उत्तर : बाँध बहते जल को रोकने, दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गयी बाधा है जो साधारणतया जलाशय, झील अथवा जलप्रवण बनाती है।

► प्रश्न : बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना से क्या समझते हैं?

उत्तर : नदी पर बाँध बनाकर इससे अनेक प्रकार के उद्देश्य को पूरा करना बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना कहलाता है। जैसे- बाढ़ नियंत्रण, जल विद्युत निर्माण, जलापूर्ति, सिंचाई प्रबंधन आदि।

► प्रश्न : बाँध निर्माण एवं बहुउद्देशीय परियोजनाओं के क्या उद्देश्य होते हैं?

→ अथवा, नदियों में बाँध क्यों बनाए जाते हैं?

उत्तर : विद्युत उत्पादन, घरेलू और औद्योगिक उपयोग, जल आपूर्ति, बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन, आंतरिक नौचालन और मछली पालन।

► प्रश्न : नदी घाटी परियोजना के क्या लाभ हैं?

उत्तर : (क) विद्युत का उत्पादन करना

(ख) बाढ़ों पर नियंत्रण पाना

(ग) मृदा अपरदन पर रोक

(घ) अंतःस्थलीय जल परिवहन

► प्रश्न : उन राज्यों के नाम बताएँ जिनमें होकर नर्मदा नदी बहती है।

उत्तर : नर्मदा नदी मध्यप्रदेश और गुजरात से होती हुई पश्चिम दिशा में बहती हुई अंत में अरब सागर में गिर जाती है।

► प्रश्न : महानदी किन दो राज्यों से होकर बहती है?

उत्तर : महानदी छत्तीसगढ़ और ओडिशा से होकर बहती है। यह छत्तीसगढ़ से निकलती है और ओडिशा से होती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

► प्रश्न : मौसमी नदियों का क्या है? उदाहरण दें।

उत्तर : मौसमी नदियों में जल केवल वर्षा ऋतु में रहती है। शेष ऋतु में या तो नदियाँ सूख जाती हैं या जल की मात्रा घट जाती है। उदाहरण- गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि मौसमी नदियाँ हैं।

► प्रश्न : सरदार सरोवर-बाँध कहाँ और किस नदी पर बनाया गया है?

उत्तर : सरदार सरोवर-बाँध गुजरात में नर्मदा नदी पर बनाया गया है।

► प्रश्न : सरदार सरोवर परियोजना में कौन से राज्य सम्मिलित हैं?

उत्तर : सरदार सरोवर परियोजना में चार राज्य - गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान सम्मिलित हैं।

► प्रश्न : बहुउद्देशीय परियोजनाओं के विरुद्ध चलाए गए किन्हीं दो आंदोलनों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर : नर्मदा बचाओ आंदोलन और टिहरी बाँध आंदोलन।

► प्रश्न : किसी एक अंतर्राज्यीय विवाद का उल्लेख कीजिए जो नदी परियोजना का परिणाम है?

उत्तर : कृष्णा-गोदावरी विवाद।

► प्रश्न : कई नदी घाटी परियोजनाओं को बहुउद्देशीय परियोजनाएँ क्यों कहते हैं? बहुउद्देशीय योजनाओं द्वारा पूरित किन्हीं पाँच उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।

→ अथवा, 'बहुउद्देशीय परियोजना' से क्या अभिप्राय है?

उत्तर : नदियों पर बाँध के निर्माण से संबंधित परियोजना को नदी घाटी परियोजना कहा जाता है। जब ऐसी परियोजनाओं का निर्माण एक से अधिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है तो उन्हें बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना के नाम से जाना जाता है। भारत में कई ऐसी नदी घाटी परियोजनाओं का निर्माण किया गया है, जो विविध उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं। उन्हें बहुउद्देशीय परियोजना कहा जाता है।

बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के उद्देश्य -

(i) बाढ़ नियंत्रण और मृदा संरक्षण।

(ii) जल-विद्युत तैयार करना।

(iii) सिंचाई के लिए नहरें निकालना।

(iv) मत्स्य पालन।

(v) नगरीय जल आपूर्ति करना।

(vi) जल परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराना।

► प्रश्न : बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें।

उत्तर : बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लाभ : सिंचाई, विद्युत उत्पादन, घरेलू और औद्योगिक उपभोग के लिए जल आपूर्ति, बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन, आन्तरिक नौ संचालन तथा मत्स्यपालन आदि।

हानियाँ : लोगों का विस्थापन होना, नदीय जीवों से भोजन की कमी, जलाशय की तली में तलछट जमा हो जाना तथा प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध होना आदि समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

► प्रश्न : बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लाभ बताएँ।

उत्तर : बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लाभ -

(1) ये परियोजनाएँ उन क्षेत्रों में भी जल लाती हैं जहाँ जल की कमी होती है।

(2) ये परियोजनाएँ जल बहाव को नियंत्रित करके बाढ़ पर काबू पाती हैं।

(3) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ उद्योगों तथा घरेलू उपयोग के लिए विद्युत पैदा करती हैं।

(4) इन परियोजनाओं से नहरें निकालकर भूमि की सिंचाई की जाती है।

(5) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ, अन्त: स्थलीय जल परिवहन में सहायक होती हैं।

► प्रश्न : बहुउद्देशीय परियोजनाओं की हानियाँ बताएँ।

→ अथवा, बहुउद्देशीय परियोजना का विवाद का विषय क्यों बन गयी?

उत्तर : यद्यपि बहुउद्देशीय परियोजना का निर्माण विभिन्न प्रकार के लाभों के लिए किया जाता है, फिर भी इसके कुछ पहलू ऐसे हैं, जिनके कारण यह परियोजनाएँ विवादों के घेरे में आ गयी हैं। ये पहलू निम्नलिखित हैं -

(1) बहुउद्देशीय परियोजनाओं के कारण भारी पैमाने पर स्थानीय गरीब लोगों का विस्थापन होता है। स्थानीय लोगों को अपनी जमीन, आजीविका, संसाधनों से लगाव एवं नियंत्रण देश की बेहतरी के लिए त्याग देना पड़ता है।

(2) बहुउद्देशीय परियोजना से पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं। बड़े बाँधों के निर्माण में भारी मात्रा में वनों का क्षरण होता है जिससे पर्यावरण का क्षरण होता है।

(3) बाँध के मैदान में बनाये जाने वाले जलाशयों में वहाँ मौजूद वनस्पति और भूमि जल में डूब जाती है तथा कालांतर में अपघटित हो जाती हैं।

(4) किसी स्थिति में बाँधों के टूट जाने से समीपवर्ती इलाका जलमग्न हो जाएगा।

(5) बड़े स्तर पर संरचनात्मक विकास के कारण बाहर के कर्मचारियों और व्यवसायियों के बसने से स्थानीय व्यवसाय एवं संस्कृति में असंतुलन पैदा हो सकता है।

► प्रश्न : बाँध क्या है? के जल संरक्षण एवं प्रबंधन में कैसे सहायक हैं?

उत्तर : बाँध सामान्यतः नदियों में बहते जल को रोकने, दिशा बदलने या बहाव पर नियंत्रण करने की एक अभियांत्रिकी है। इससे जलभराव जलाशय, झील या जलप्रवण बनता है जिससे जल का उपयोग आवश्यकता के अनुसार किया जाता है।

बाँध का निर्माण एक बहुउद्देशीय हिस्सा होता है जिससे होकर जल प्रवाहित होता है। बाँध का निर्माण नदियों पर किया जाता है तथा वर्षा जल को निचले मैदानी क्षेत्र में एकत्रित कर लिया जाता है। इस एकत्रित जल की नहरों के माध्यम से खेतों तक पहुंचाया जाता है। इस प्रकार बाँध जल संरक्षण एवं प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बाँधों का उपयोग बहुउद्देशीय होता है, जो निम्नलिखित है -

(i) बाढ़ नियंत्रण और मृदा संरक्षण

(ii) जल-विद्युत तैयार करना

(iii) सिंचाई के लिए नहरें निकालना

(iv) नगरीय जल आपूर्ति करना।

► प्रश्न : भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना कौन है? यह किस नदी पर है? इससे किस क्षेत्र को आर्थिक विकास में मदद मिली है?

उत्तर : भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना भाखड़ा नांगल परियोजना है। यह सतलज नदी पर बनायी गयी है।

इस परियोजना से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर राज्यों को लाभ मिला है। इससे कृषि और उद्योगों में क्रांतिकारी परिवर्तन आये हैं। इस परियोजना से 15 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई कर देश में हरित क्रांति लाने में मदद मिली है। जल विद्युत उत्पादन के द्वारा इन राज्यों में लघु एवं कुटीर उद्योग का जाल बिछा गया है।

► प्रश्न : दामोदर वैली परियोजना के विभिन्न घटकों और लाभों का वर्णन करें।

उत्तर : दामोदर वैली कॉर्पोरेशन के अंतर्गत दामोदर नदी घाटी परियोजना झारखंड में बनायी गई। दामोदर नदी झारखंड को प्रमुख नदी है। इस परियोजना के अंतर्गत 8 बड़े बाँध, एक अवरोधक बाँध, 6 जल विद्युत गृह, तीन ताप विद्युत गृह का निर्माण किया गया है। इस परियोजना से 12000 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जाता है साथ ही 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाती है। इसके कारण प. बंगाल में आनेवाले बाढ़ पर नियंत्रण हुआ है।

► प्रश्न : भारत में सिंचाई क्यों आवश्यक है? भारत में सिंचाई के प्रमुख साधन कौन-से हैं?

उत्तर : भारत में निम्नलिखित कारणों से सिंचाई की आवश्यकता है -

(1) जल का असमान वितरण

(2) मानसून का अनिश्चित, अपर्याप्त तथा कमज़ोर होना।

भारत में सिंचाई के प्रमुख साधन -

(1) नहरें

(2) कुएँ

(3) नलकूप

(4) तालाब

► प्रश्न : भारत में सिंचाई की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर : भारत एक मानसूनी जलवायु वाला देश है। मानसूनी जलवायु में वर्षा निश्चित नहीं होती है इसलिए जहाँ पर वर्षा नहीं होती है, वहाँ सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है।

जल संरक्षण एवं वर्षा जल संरक्षण

► प्रश्न : जल दुर्लभता क्या है? इसके मुख्य कारण क्या हैं?

उत्तर : जल दुर्लभता: आवश्यकता की तुलना में स्वच्छ एवं अलवणयी जल की कमी होना जल दुर्लभता कहलाती है।

जल दुर्लभता के कारण :

(1) अत्यधिक और बढ़ती जनसंख्या

(2) जल का असमान वितरण

(3) वर्षा की कमी

(4) जल का अतिदोहन

(5) औद्योगीकरण और शहरीकरण में वृद्धि एवं जल प्रदूषण आदि।

► प्रश्न : उद्योग किस प्रकार हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं?

उत्तर : उद्योग निम्न प्रकार हमारे जल संसाधनों को प्रभावित तथा प्रदूषित कर रहे हैं -

(1) उद्योगों को अत्यधिक जल की आवश्यकता होती है। इससे हमारे अलवणयी जल संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है।

(2) उत्पादन प्रक्रिया के दौरान तथा अन्त में उद्योगों से निकलने वाला बहिःस्राव हानिकारक रसायनिक तथा धार्मिक अपशिष्ट पदार्थों से युक्त होता है जो कि प्रायः अनुपचारित ही निकटतम जलाशयों में स्रावित कर दिया जाता है। ये जल संसाधनों को गम्भीर रूप से प्रदूषित करते हैं।

(3) विभिन्न धातुओं के खनन के बाद खुली खदानों में से वर्षा जल के साथ बहकर बहुत सी खनिज युक्त मृदा भी जलाशयों में जाकर मिल जाती है। इस मृदा में अनेक धातु अयस्क होते हैं जो जलाशयों को प्रदूषित करते हैं।

► प्रश्न : जल दुर्लभता क्या है? जल संरक्षण कैसे किया जा सकता है?

उत्तर : असमान वितरण, अत्यधिक माँग एवं दुरूपयोग के कारण जल-स्तर लगातार नीचे जा रहा है तथा जल दुर्लभ होता जा रहा है। उपयोग में लाने योग्य जल की मात्रा सीमित है। जनसंख्या में भारी वृद्धि, जल प्रदूषण और जल के दुरूपयोग के कारण जल की कमी की समस्या पैदा होती है। पानी की कमी की इस समस्या को 'जल दुर्लभता' कहते हैं।

जल के संरक्षण के लिए विभिन्न कदम उठाने चाहिए -

(1) परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों जैसे, कुएँ, झील, तालाब, बाँध, बावलियों आदि को अपनाकर जल संग्रहण एवं भंडारण।

(2) जल संरक्षण तकनीक को अपनाना।

(3) नदियों पर बाँधों और सिंचाई के लिए नहरों का निर्माण। इससे वर्षा जल बह कर समुद्र में जाने से रुकता है और भूभाग की आवश्यकता के लिए जल संरक्षित होता है।

(4) भूमिगत जल में वृद्धि करना। शहरों में आज जल-स्तर तेजी से घट रहा है 'छत वर्षा जल संग्रहण' का उपयोग कर भूमिगत जल में वृद्धि की जा सकती है।

(5) क्षेत्र विशेष के जल संसाधन के विकास में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाना तथा जल के दुरूपयोग एवं बरबादी को रोकना।

► प्रश्न : जल संसाधनों का संरक्षण एवं प्रबंधन क्यों आवश्यक है? इसके लिए क्या करना होगा?

→ अथवा, प्राकृतिक साधन के रूप में जल का क्या महत्त्व है? जल संरक्षण की विधियों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर : जल जीवन का आधार है। पृथ्वी पर जल की उपलब्धता सीमित है। अतः जल का संरक्षण एवं प्रबंधन आवश्यक है। जल का संरक्षण और प्रबंधन इसलिए भी आवश्यक है कि जल को जो सीमित मात्रा उपलब्ध है विभिन्न कारणों से प्रदूषित हो रही है। वर्तमान में जल संकट एक गंभीर समस्या बन गयी है जिसका समाधान जल संसाधनों के कारण बहुत अधिक बन क्षेत्रों को साफ करना पड़ रहा है।

इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाये जाने चाहिए -

(i) अधिक जल संग्रह के लिए अधिक जलाशयों का निर्माण,

(ii) नदी जल ग्रिड बनाना,

(iii) भूमिगत जल में वृद्धि करना,

(iv) जल संरक्षण तकनीक को अपनाना।

(v) वर्षा जल का संग्रहण करना,

► प्रश्न : वर्षा जल संग्रहण क्या है?

उत्तर : वर्षा जल संग्रहण भूमिगत जल की क्षमता को बढ़ाने का एक तरीका है। इसमें वर्षा के जल को रोकने के लिए विशेष ढाँचे- कुएँ, गड्ढे, बाँध आदि का निर्माण किया जाता है।

► प्रश्न : राजस्थान के अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है? व्याख्या कीजिए।

उत्तर : (1) राजस्थान का एक बड़ा भाग मरुस्थल है जहाँ पानी का अभाव सदा रहता है। पश्चिमी राजस्थान में पीने का जल एकत्रित करने के लिए 'छत वर्षा जल संग्रहण' की पारंपरिक विधि अत्यंत सफल है।

(2) राजस्थान के अर्द्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में घर में पीने का पानी संग्रहीत करने के लिए भूमिगत टैंक अथवा 'टाँका' होते हैं। ये घरों की ढलवाँ छतों से पाइप द्वारा जुड़े हुए होते हैं।

(3) छत से वर्षा का पानी इन नलों से होकर भूमिगत टैंक तक पहुँचता है जहाँ इसे एकत्रित किया जाता है।

(4) वर्षा का पहला जल और नदी का माफ़ करने में प्रयुक्त होता है और उसे संगृहीत नहीं किया जाता है। इसके बदले हम वर्षा के जल का संग्रह किया जाता है।

(5) पानी की कमी को पूरा करने के लिए अनेक 'बावलियों' का निर्माण राजस्थान के अनेक नगरों और कस्बों में देखा जाता है। कुछ बावलियाँ अनेक मंजिलवाली होती हैं।

(6) वर्षा के जल एकत्रित करने के लिए गड्ढे बनाए जाते हैं, जिससे भूमि की सिंचाई की जा सके तथा संरक्षित जल को कृषि के काम में प्रयुक्त किया जा सके। राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में 'खादीन' तथा अन्य क्षेत्रों में 'जोहड़' इसके उदाहरण हैं।

► प्रश्न : परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धति को अपनाकर आधुनिक काल में जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है?

उत्तर : भारत में प्राचीन काल से ही वर्षा जल संग्रहण के उन्नत तरीकों की परंपरा रही है। उस समय नहरों, तालाबों, टैंकों तथा बावलियों आदि के रूप में जल संग्रहीत किया जाता था। आधुनिक काल में भी जल संग्रहण की इन पद्धतियों द्वारा निम्न प्रकार जल संरक्षण एवं भंडारण किया जा रहा है -

(1) पहाड़ी एवं पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों ने नदी की धारा का रास्ता बदलकर खेतों में सिंचाई के लिए 'गुल' अथवा 'कुल' (पश्चिमी हिमालय) जैसी वाहिकाएँ बनायी हैं।

(2) राजस्थान में छत के जल को भूमिगत रूप से विकसित कुओं (टॉक) में जमा कर लिया जाता था। वर्तमान समय में भी ये तरीके कारगर हैं।

(3) शुष्क और अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में खेतों में वर्षा जल एकत्रित करने के लिए गड्ढे बनाए जाते हैं ताकि जल को संरक्षित करके खेतों के काम में लिया जा सके। राजस्थान के जैसलमेर में 'खादीन' तथा अन्य क्षेत्रों में 'जोहड़' इसके उदाहरण हैं।

(4) कर्नाटक के मैसूर जिले के एक सुदूर गाँव गंडाथुर में ग्रामीणों ने अपने घरों में जल आवश्यकता पूर्ति हेतु छत वर्षाजल संग्रहण की व्यवस्था की है।

(5) मेघालय में नदियों व झरनों के जल को बाँस द्वारा बने पाइप द्वारा एकत्रित करने को 200 वर्ष पुरानी विधि पुरानी है।

(6) शिलांग, तमिलनाडु एवं कुछ अन्य भागों में छत वर्षा जल संग्रहण की विधि सफलतापूर्वक काम कर रही है। इन स्थानों के शहर के लगभग प्रत्येक घर में छत वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था है। घरेलू जल कुल माँग के लगभग 15 से 25 प्रतिशत भाग की पूर्ति छत जल संग्रहण व्यवस्था से होती है।

► प्रश्न : वर्षा जल संग्रहण के प्रमुख पहलुओं/उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर : वर्षा जल संग्रहण, जल संग्रह करने का एक तकनीक है, जिसका उद्देश्य भूमिगत जल तथा धरातलीय जल भंडार में वृद्धि करना है। इस तकनीक के अन्तर्गत कुओं, बावलियों, जलाशयों, गड्ढे आदि का निर्माण किया जाता है, जिनमें वर्षा जल को संग्रहीत किया जाता है।

वर्षा जल संग्रहण के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं -

(i) जल को व्यर्थ बरबाद होने से बचाना,

(ii) भूमिगत जल एवं धरातलीय जल भंडार में वृद्धि करना,

(iii) बढ़ती हुई जल की माँग की पूर्ति करना,

(iv) सड़कों पर जल जमाव को रोकना।

(v) संकट के समय उपयोग के लिए जल का भंडार संरक्षित करना।

► प्रश्न : वर्षा के जल को किस प्रकार छतों से संग्रहीत किया जाता है?

उत्तर : परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों में कुएँ, झील, तालाब, बाँध, बावलियाँ आदि प्रमुख हैं। आधुनिक काल में इन पद्धतियों को अपनाकर जल संरक्षण एवं भंडारण किया जा रहा है।

पश्चिमी राजस्थान में पीने का जल एकत्रित करने के लिए 'छत वर्षा जल संग्रहण' की परंपरिक विधि अत्यंत सफल है। -

शहरों में आज जब जल-स्तर तेजी से घटता जा रहा है। वर्षा का बल छतों से बह कर नालों, नदियों से होता हुआ समुद्र में चला जाता है। छतों पर पड़ने वाले वर्षा जल को अगर अपनी भूमि में संग्रहित कर लिया जाय तो जल स्तर के गिरने की समस्या से निजात पाया जा सकता है। आज 'छत वर्षा जल संग्रहण का उपयोन व्यापक रूप से करने का प्रयास हो रहा है।

छतों से वर्षा के जल को निम्नलिखित प्रकार से संग्रहीत किया जाता है -

   (1) वर्षा जल को एकत्र करने के लिए पी.वी.सी. पाइपों का इस्तेमाल किया जाता है।

   (2) एकत्रित जल की, भूमिगत पाइपों के द्वारा टैंकों, हौज़ों या गड्ढों तक ले जाया जाता है। अतिरिक्त जल जमा होने पर उसे कुओं में संग्रहीत किया जाता है।

शिलांग, तमिलनाडु एवं देश के अन्य भागों में छत वर्षा जल संग्रहण विधि सफलतापूर्वक काम कर रही है।

► प्रश्न : वर्षा जल संग्रहण के क्या लाभ हैं?

उत्तर : वर्षा जल संग्रहण के लाभ -

(1) इसे पेय जल के रूप में साफ करने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है।

(2) इससे धीमे भू-जल स्तर में वृद्धि होती है तथा जल का एक विशाल भंडार तैयार होता है।

(3) जल के व्यर्थ बहने से होने वाली हानियों से छुटकारा मिलता है।

(4) सामूहिक रूप से किसी क्षेत्र के अधिकतर लोग जब वर्षा जल संग्रहण करते हैं तो पूरे क्षेत्र का जल-स्तर बढ़ता है। इससे कृषि तथा घरेलू आवश्यकता की पूर्ति सुचारु रहती है।

(5) वर्षा कम होने पर इसका उपयोग किया जा सकता है।

► प्रश्न : जल संभर विकास क्या है?

उत्तर : जल संभर सहायक नदी की द्रोणी है। इसमें एक छोटी नदी हो सकती है या नदी भी हो सकती है लेकिन जब कभी नदियाँ हो तो वहाँ से होकर जल बहता है और किसी-न-किसी नदी में मिल जाता है। इस प्रकार जल संभर एक भू-आकृतिक इकाई है और इसका उपयोग सुविधा अनुसार छोटे प्राकृतिक इकाई क्षेत्रों में समन्वित विकास के लिए किया जाता है।

► प्रश्न : प्राचीन काल में सिंचाई के लिए किस प्रकार की जलीय कृतियाँ बनाई गई?

उत्तर : पत्थरों और मलबे से बाँध, जलाशय अथवा झरनों के तटबंध और नहरों जैसी जलीय कृतियाँ बनाई गईं।

► प्रश्न : पहाड़ी क्षेत्रों में जल संरक्षण की पारंपरिक विधि क्या है?

उत्तर : पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में लोग 'गुल' अथवा 'कुल' (पश्चिमी हिमालय) जैसी वाहिकाएँ बनाते हैं जिससे नदी की धारा का रास्ता बदलकर खेतों में सिंचाई की जाती है।

► प्रश्न : राजस्थान में पीने का जल एकत्रित करने के लिए कौन-सा तरीका आम था?

उत्तर : राजस्थान में पीने का जल एकत्रित करने के लिए 'छत वर्षा जल संग्रहण' का तरीका आम था।

► प्रश्न : 'टाँका' क्या होता है?

उत्तर : राजस्थान के अर्द्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों के घर में पीने का पानी संग्रहीत करने के लिए भूमिगत टैंक हुआ करते थे जिन्हें 'टाँका' कहा जाता है। यह जल की कमी वाली ग्रीष्म ऋतु तक पीने का जल उपलब्ध करवाने वाला स्रोत होता है।

► प्रश्न : बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली क्या है?

उत्तर : नदियों के जल को बाँस के बने पाइपों द्वारा एकत्रित करके सिंचाई करना बाँस ड्रिप सिंचाई कहलाता है।

वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (MCQ)

 * विश्व का कितना भाग जल से ढँका हुआ है?

   (1) एक-तिहाई

   (2) आधा

   (3) तीन-चौथाई

   (4) एक-चौथाई

   Ans. (3)

 * विश्व में कुल आयतन का लगभग कितना प्रतिशत भाग महासागरों में पाया जाता है?

   (1) 71 प्रतिशत

   (2) 90 प्रतिशत

   (3) 96.5 प्रतिशत

   (4) 3.5 प्रतिशत

   Ans. (3)

 * विश्व में जल के कुल आयतन का कितने प्रतिशत भाग अलवणीय जल है?

   (1) 2.5

   (2) 3.5

   (3) 4.5

   (4) 5.5

   Ans. (1)

 * जल किस प्रकार का संसाधन है?

   (1) नवीकरणीय

   (2) समाप्य

   (3) अनवीकरणीय

   (4) अजैव

   Ans. (1)

 * निम्नलिखित में कौन ताजा पानी का स्रोत है?

   (1) भूतल अथवा

   (2) वर्षा

   (3) भूजल

   (4) इनमें सभी

   Ans. (3)

 * निम्नलिखित में से कौन-सा लवणीय जल का स्रोत है?

   (1) वर्षण

   (2) सतही जल

   (3) भूमजल

   (4) उपर्युक्त सभी

   Ans. (4)

 * वर्षण से प्राप्त जल कैसा होता है?

   (1) अलवणीय

   (2) लवणीय

   (3) पृथ्वी

   (4) इनमें से कोई नहीं

   Ans. (1)

 * किस राज्य में विश्व की सर्वाधिक वर्षा होती है?

   (1) असम

   (2) मणिपुर

   (3) मेघालय

   (4) हिमाचल प्रदेश

   Ans. (3)

 * जल की खराब गुणवत्ता एवं प्रदूषण के प्रमुख कारण कौन हैं?

   (1) औद्योगिक-घरेलू कचरा

   (2) रसायन एवं कीटनाशक

   (3) रासायनिक उर्वरक

   (4) उपर्युक्त सभी

   Ans. (4)

 * जल दुर्लभता का कारण है -

   (1) बढ़ती जनसंख्या की बढ़ती आवश्यकताएँ

   (2) जल का असमान वितरण

   (3) जल संरक्षण का न होना

   (4) ये सभी

   Ans. (4)

 * दुनिया भर में जल की कमी किन कारणों से बढ़ रही है?

   (1) सूखा

   (2) सिंचाई की बढ़ती माँग

   (3) जल की बर्बादी

   (4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

 * अधिकांशतः जल की कमी किन कारणों से होती है?

   (1) अतिशोषण

   (2) अत्यधिक प्रयोग

   (3) असमान वितरण

   (4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

 * प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध होने के बावजूद जल किन कारणों से प्रदूषित और मानव उपयोग के लिए खतरनाक बनते जा रहे हैं?

   (1) घरेलू और औद्योगिक कचरे के जल में मिलने से

   (2) रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से

   (3) कीटनाशकों और कृषि में प्रयुक्त उर्वरकों के प्रयोग से

   (4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

 * जल प्रदूषण के कारण निम्न में से कौन-सी समस्या उत्पन्न होती है?

   (1) जलाशय में तलछट का जमना

   (2) औद्योगिक कचरे का निर्वहन

   (3) जलीय जीवन के मरने से

   (4) जलजनित बीमारियाँ

   Ans. (4)

 * सन् 2025 तक कितने लोगों के जल की कमी होने की भविष्यवाणी की गयी है?

   (1) 20 करोड़

   (2) 20 लाख

   (3) 50 करोड़

   (4) 5 करोड़

   Ans. (1)

 * जल का महत्त्व संसाधन के रूप में समझते हुए राष्ट्रीय जल संसाधन के द्वारा प्रथम 'राष्ट्रीय जल नीति' किस वर्ष बनायी गयी?

   (1) 1987 ई.

   (2) 2002 ई.

   (3) 2012 ई.

   (4) 2019 ई.

   Ans. (2)

 * भारत में सिंचाई के प्रमुख साधन हैं -

   (1) नहरें

   (2) तालाब

   (3) कुएँ तथा नलकूप

   (4) उपर्युक्त सभी

   Ans. (4)

 * बाँध सिंचाई, बाढ़-नियंत्रण, विद्युत उत्पादन, जल आपूर्ति आदि करते हैं - इस कारण से बाँध को किस प्रकार की परियोजना कहते हैं?

   (1) बहुउद्देशीय

   (2) रणनीतिक

   (3) लघु

   (4) अंतीम

   Ans. (1)

 * कौन-सी परियोजना सतलुज-ब्यास बेसिन में जल-विद्युत उत्पादन और सिंचाई दोनों के काम में आती है?

   (1) दामोदर घाटी परियोजना

   (2) भाखड़ा-नांगल परियोजना

   (3) ब्यास परियोजना

   (4) हीराकुंड परियोजना

   Ans. (2)

 * निम्नलिखित में से कौन सुमेलित नहीं है?

   (1) महानदी - हीराकुंड परियोजना

   (2) टाँका - भूमिगत जल टैंक

   (3) इल्तुतमिश - हौज़खास

   (4) गंगा - भाखड़ा नंगल परियोजना

   Ans. (4)

 * भारत में बांधों और बहुउद्देशीय नदी परियोजना को आधुनिक भारत का मंदिर किसने कहा?

   (1) महात्मा गाँधी

   (2) लाल बहादुर शास्त्री

   (3) जवाहर लाल नेहरु

   (4) विनोबा भावे

   Ans. (3)

 * निम्न में से किनका मानना था कि बहुउद्देशीय परियोजनाओं के चलते भारत की कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था, औद्योगिक और नगरीय अर्थव्यवस्था समर्पित रूप से विकास करेगी?

   (1) जवाहरलाल नेहरु

   (2) महात्मा गांधी

   (3) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

   (4) इंदिरा गांधी

   Ans. (1)

* बहुउद्देशीय परियोजनाओं का कौन-सा लाभ है?

   (1) बाढ़ पर नियंत्रण

   (2) सिंचाई की सुविधा

   (3) जल विद्युत उत्पादन

   (4) उपर्युक्त सभी

   Ans. (4)

 * निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य बहुउद्देशीय नदी परियोजनाओं के 'पक्ष' में दिया गया तर्क नहीं है?

   (1) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ उन क्षेत्रों में जल लाती हैं जहाँ जल की कमी होती है।

   (2) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ जल बहाव को नियंत्रित करके बाढ़ पर काबू पाती हैं।

   (3) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से बहुत स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है।

   (4) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ हमारे उद्योग और घरों के लिए विद्युत पैदा करती हैं।

   Ans. (3)

 * निम्नलिखित में से कौन बांध का दुष्प्रभाव नहीं है?

   (1) अन्तर-राज्य जल विवाद

   (2) जलाशय में तलछट का जमाना

   (3) जनसंख्या का विस्थापन

   (4) बाढ़ नियंत्रण

   Ans. (4)

 * नदियों पर बांध बनाने से क्या नहीं होता है?

   (1) जलाशय की तली में तलछट का जमाव हो जाता है

   (2) जलीय जीवों के भोजन में कमी हो जाती है

   (3) वनस्पति और खेत जल में डूब जाते हैं

   (4) सूर्य ग्रहण होता है

   Ans. (4)

 * सिंचाई ने कई क्षेत्रों में निम्नलिखित में किसे परिवर्तित कर दिया है?

   (1) फसल प्रतिरूप

   (2) वन प्रतिरूप

   (3) मछली पालन

   (4) इनमें से कोई नहीं

   Ans. (1)

 * दामोदर घाटी परियोजना किस राज्य में स्थित है?

   (1) झारखण्ड

   (2) बिहार

   (3) पंजाब

   (4) राजस्थान

   Ans. (1)

 * भारत में कुल विद्युत का कितना भाग जल विद्युत से प्राप्त होता है?

   (1) 40 %

   (2) 22 %

   (3) 10 %

   (4) 12 %

   Ans. (2)

 * इनमें राजस्थान की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना कौन-सी है?

   (1) चंबल

   (2) भाखड़ा-नंगल

   (3) नागार्जुन

   (4) इंदिरा गांधी नहर

   Ans. (4)

 * हीराकुंड बांध किस नदी पर बना हुआ है?

   (1) गंगा

   (2) महानदी

   (3) कृष्णा

   (4) नर्मदा

   Ans. (2)

 * भाखड़ा-नंगल बांध किस नदी पर बना हुआ है?

   (1) गोदावरी

   (2) नर्मदा

   (3) सतलुज-ब्यास

   (4) कृष्णा

   Ans. (3)

 * निम्नलिखित में से किस नदी पर टिहरी बांध बनाया गया है?

   (1) भागीरथी

   (2) यमुना

   (3) कोसी

   (4) सतलुज

   Ans. (1)

 * सरदार सरोवर बांध किस नदी पर बनाया गया है?

   (1) गंगा

   (2) यमुना

   (3) नर्मदा

   (4) गोदावरी

   Ans. (3)

 * सरदार सरोवर बांध से कौन-सा राज्य प्रभावित होता है?

   (1) महाराष्ट्र

   (2) गुजरात

   (3) मध्य प्रदेश

   (4) इनमें से सभी

   Ans. (4)

 * नर्मदा बचाओ आंदोलन संबंधित है?

   (1) सरदार सरोवर परियोजना से

   (2) भाखड़ा नंगल परियोजना से

   (3) रिहंद परियोजना से

   (4) टिहरी परियोजना से

   Ans. (1)

* नागार्जुन सागर बांध किस नदी पर स्थित है?

   (1) चेनाब

   (2) महानदी

   (3) कृष्णा

   (4) सतलुज

   Ans. (3)

 * चौदहवीं शताब्दी में किसने दिल्ली में सिरी फोर्ट क्षेत्र में जल की सप्लाई के लिए हौज खास का निर्माण करवाया?

   (1) चंद्रगुप्त

   (2) इल्तुतमिश

   (3) अशोक

   (4) कुतुबुद्दीन ऐबक

   Ans. (2)

 * निम्नलिखित में से किस राज्य में प्राचीन क्षिप्र सिचाई प्रणाली प्रचलित है?

   (1) हिमाचल प्रदेश

   (2) मेघालय

   (3) पश्चिम बंगाल

   (4) राजस्थान

   Ans. (2)

 * उस राज्य का नाम बताएँ जहाँ हर घर में छत वर्षा जल संग्रह ढाँचा' बनाना आवश्यक है?

   (1) तमिलनाडु

   (2) केरल

   (3) गोवा

   (4) सिक्किम

   Ans. (1)

 * पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण के लिए निम्नलिखित में कौन-सी विधि अपनाई जाती है?

   (1) जोहड़

   (2) जल वाहिकाएँ

   (3) खादिन

   (4) गुल अथवा कुल

   Ans. (4)

 * राजस्थान में छत वर्षा जल संग्रहण को कहा जाता है?

   (1) गुल

   (2) कुल

   (3) टाँका

   (4) बाओड़स

   Ans. (3)

 * 'टाँका' क्या होता है?

   (1) पीने के पानी को संग्रहित करने का भूमिगत टैंक

   (2) एक प्रकार का नहर

   (3) बंगाल में मछली पालन का तालाब

   (4) इनमें से कोई नहीं

   Ans. (1)

 * शुष्क तथा अर्धशुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल को एकत्र करने के लिए बनाए गए गड्ढों को क्या कहा जाता है?

   (1) खादिन

   (2) जोहड़

   (3) 1 और 2 दोनों

   (4) इनमें से कोई नहीं

   Ans. (3)

 * पश्चिमी राजस्थान में वर्षा जल संग्रहण की रीति किस कारण से कम हो रही है?

   (1) वर्षा नियमित होने से

   (2) इंदिरा गांधी नहर से बारहमासी जल सुविधा से

   (3) भूमिगत जलस्तर में कमी हो जाने से

   (4) इनमें से कोई नहीं

   Ans. (2)

कृषि

विषयनिष्ठ (Subjective) प्रश्नोत्तर

कृषि के प्रकार

प्रश्न : विभिन्न प्रकार के कृषि का नाम बताइए।

उत्तर : कृषि के प्रकार-

(i) आत्मनिर्वाह कृषि

(ii) झूम या स्थानांतरित कृषि

(iii) रोपण कृषि या वाणिज्यिक कृषि

(iv) गहन कृषि

(v) शुष्क तथा आर्द्र कृषि।

प्रश्न : प्रारंभिक जीवन निर्वाह कृषि का वर्णन करें।

अथवा, प्रारंभिक जीवन निर्वाह कृषि या आत्मनिर्वाह कृषि क्या है?

उत्तर : (1) प्रारंभिक जीवन निर्वाह या आत्मनिर्वाह कृषि में परिवार के सदस्य अपनी न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति के लिए कृषि-कार्य करते हैं। इसमें भूमि का आकार काफी छोटा होता है।

(2) प्रारंभिक जीवन निर्वाह कृषि का ढंग परंपरागत होता है अर्थात् इसमें हल तथा अन्य पुराने औजारों का इस्तेमाल किया जाता है।

(3) आत्मनिर्वाह कृषि में संलग्न कृषक सामान्यतः निर्धन होते हैं।

(4) आत्मनिर्वाह कृषि में आधुनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता है।

(5) इसमें सिंचाई की उन्नत व्यवस्था का अभाव होता है तथा किसान सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर होते हैं। आत्मनिर्वाह कृषि में उत्पादकता का स्तर काफी निम्न होता है।

▶ प्रश्न : स्थानांतरित कृषि से क्या तात्पर्य है? यह भारत के किन क्षेत्रों में की जाती हैं?

▶ अथवा, कर्तन दहन प्रणाली कृषि क्या है?

उत्तर : अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में, जब एक स्थान की भूमि की उर्वराशक्ति समाप्त हो जाती है तो किसान उस स्थान की भूमि को छोड़‌कर दूसरे स्थान की भूमि को साफ कर वहाँ पर खेती करते हैं। कृषि की इस प्रणाली को स्थानांतरित कृषि या कर्तन दहन प्रणाली कहा जाता है।

इस प्रकार की कृषि भारत के पूर्वोत्तर प्रदेशों में, छोटानागपुर के पठारी भागों में तथा अंडमान निकोबार द्वीप समूह में की जाती है।

▶ प्रश्न : कर्तन दहन प्रणाली कृषि भारत के निम्नलिखित प्रदेशों में किन नामों से जाना जाता है- उत्तर-पूर्वी राज्य, छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार, झारखण्ड, मणिपुर

उत्तर :

उत्तर-पूर्वी राज्य - झूम

छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार - दीपा

झारखण्ड - कुरुवा

मणिपुर - पालमू

▶ प्रश्न : भारत में झूम खेती किए जाने वाले चार राज्यों के नाम लिखें।

उत्तर : झूम खेती उत्तर-पूर्वी राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड तथा मणिपुर में की जाती है। (झूम खेती को छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार में 'दीपा' और झारखण्ड में 'कुरुवा' कहा जाता है।)

▶ प्रश्न : वाणिज्यिक कृषि के मुख्य लक्षण बताइए।

उत्तर : वाणिज्यिक कृषि के मुख्य लक्षण आधुनिक निवेशों जैसे अधिक पैदावार देने वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से अधिक पैदावार प्राप्त करना है।

▶ प्रश्न : रोपण कृषि क्या होती है? उदाहरण दीजिए।

उत्तर : इस कृषि में लंबे-चौड़े क्षेत्र में एकल फसल बोई जाती है; जैसे-चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना, केला।

▶ प्रश्न : किन राज्यों में चाय और कॉफी मुख्य रोपण फसलें हैं?

उत्तर : कर्नाटक में कॉफी और असम व उत्तरी बंगाल में चाय मख्य रोपण फसलें हैं।

▶ प्रश्न : रोपण कृषि में उत्पादन किस उद्देश्य से होता है?

उत्तर : बिक्री के लिए।

▶ प्रश्न : रोपण कृषि पर एक टिप्पणी लिखें।

▶ अथवा, रोपण कृषि की विशेषताएँ बताइए।

उत्तर : (i) रोपण कृषि बड़े-बड़े आकार के फार्मों पर की जाती है।

(ii) इस कृषि में वैज्ञानिक विधियों, मशीनों, उर्वरक, अधिक पूँजी का प्रयोग होता है।

(iii) इन बागानों में बड़ी संख्या में कुशल श्रमिक काम करते हैं।

(iv) रोपण कृषि की मुख्य फसलें रबड़, चाय, कहवा, कोको, गन्ना, नारियल, केला आदि हैं।

(v) रोपण कृषि व्यावसायिक महत्व का होता है।

▶ प्रश्न : गहन कृषि की विशेषताएँ बताएँ। अथवा, गहन कृषि क्या है?

उत्तर : गहन कृषि की विशेषताएँ :

(1) यह घनी आबादी वाले उन क्षेत्रों में की जाती है, जहाँ नयी भूमि उपलब्ध नहीं होती।

(2) गहन कृषि में एक ही भूमि पर कई फसलों का उत्पादन किया जाता है।

(3) गहन कृषि में मुख्य रूप से खाद्यान्नों का उत्पादन किया जाता है।

(4) गहन कृषि पारंपरिक ढंग से की जाती है।

(5) गहन कृषि में प्रमुखतः धान, गेहूँ, मक्का आदि फसलों की खेती होती है।

▶ प्रश्न : भारत की तीन नकदी फसलों के नाम बताएँ।

उत्तर : भारत की तीन नकदी फसलें हैं गन्ना, तम्बाकू और रबर।

▶ प्रश्न : भारत में उपजाए जाने वाले किन्हीं चार रोपण फसलों के नाम लिखें।

उत्तर : चाय, कॉफी, गन्ना, केला, रबड़ आदि।

▶ प्रश्न : भारत की दो शुष्क खाद्यान्न फसलें कौन-कौन हैं?

उत्तर : रागी, ज्वार, बाजरा आदि।

प्रश्न : मोटे अनाज से क्या तात्पर्य है?

उत्तर : ज्वार, बाजरा, रागी आदि अनाज 'मोटे अनाज (मिलेट्स)' कहे जाते हैं। इनमें पोषक तत्त्वों की मात्रा अत्यधिक होती है। इनमें प्रचुर मात्र में लोहा, कैल्शियम, सूक्ष्म पोषक तत्व और भूसी मिलती है। मोटे अनाज मुख्य रूप से खराब कृषि जलवायु क्षेत्रों, विशेष शेष रूप से कम सिंचाई वाले वर्षा क्षेत्रों में उगाए जाते हैं। इन फसलों को उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में, उगाया जाता है। उन्हें शुष्क भूमि फसल कहा जाता है क्योंकि इन्हें 50-100 सेमी वर्षा बाले क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। इन्हें कम गुणवत्ता वाली मिट्टी में उगाया जा सकता है। उन्हें पानी, उर्वरक और कीटनाशकों की भी न्यूनतम आवश्यकता होती है।

शस्य प्रारूप (कृषि ऋतुएँ एवं मुख्य फसलें)

प्रश्न : भारत में कितनी कृषि (शस्य) ऋतुएँ हैं? उनके नामों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर : भारत में तीन कृषि ऋतुएँ हैं रबी, खरीफ और ज़ायद।

प्रश्न : भारत की तीन कृषि ऋतुओं का नाम दें साथ ही उन ऋतुओं में उपजाई जानेवाली फसलों को लिखें।

उत्तर :

(i) रबी: गेहूँ, चना, सरसों, मटर आदि।

(ii) खरीफ : चावल, कपास, मक्का, मूँगफली आदि।

(iii) जायद : सब्जियाँ, खीरा, तरबूज आदि।

प्रश्न : खरीफ फसल किसे कहते हैं?

उत्तर : भारत में मानसून के आगमन के समय बोयी जाने वाली फसलों को 'खरीफ फसल' कहते हैं। उदाहरण - चावल, कपास, मक्का, मूँगफली आदि। >

प्रश्न : रबी फसलों की बुआई और कटाई किन महीनों में होती है?

उत्तर : रबी फसलों (गेहुँ, जौ, मटर, चना और सरसों) को शीत ऋतु में अक्तूबर से दिसंबर के मध्य बोया जाता है और ग्रीष्म ऋतु में अप्रैल से जून के मध्य काटा जाता है।

प्रश्न : खरीफ फसलों की बुआई और कटाई का समय क्या है?

उत्तर : खरीफ फसलें (चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुर (अरहर), मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन) देश के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून के आगमन के साथ बोई जाती हैं और सितंबर-अक्तूबर में काट ली जाती हैं।

प्रश्न : भारत की तीन प्रमुख रबी फसलों के नाम बताएँ।

उत्तर : भारत की तीन प्रमुख रबी फसलें हैं गेहूँ, जौ और चना।

प्रश्न : जायद ऋतु फसलें क्या होती हैं?

उत्तर : रबी और खरीफ फसल ऋतुओं के बीच ग्रीष्म ऋतु में बोई जाने वाली फसल को जायद कहा जाता है। जायद ऋतु में मुख्यतः तरबूज, खरबूजे, खीरे, सब्जियों और चारे की फसलों की खेती की जाती है।

प्रश्न : भारत की दो प्रमुख खाद्य फसलों तथा उनके प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम बताइए।

उत्तर : चावल और गेहूँ, भारत की दो प्रमुख खाद्य फसलें हैं।

चावल के प्रमुख उत्पादक राज्य : पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु हैं।

गेहूँ के प्रमुख उत्पादक राज्य : पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश हैं।

प्रश्न : भारत में चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थिति का वर्णन करें।

उत्तर : चावल भारत का एक प्रमुख खाद्य फसल है।

चावल की खेती के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाएँ :

(i) चावल की खेती के लिए जलोढ़ या डेल्टा मिट्टी उपयुक्त है।

(ii) वर्षा 100 सेमी. से अधिक होनी चाहिए। धान के खेत में करीब 10.25 से.मी. पानी भरा रहना चाहिए।

(iii) तापमान 27° से 30° सेल्सियस होना चाहिए।

(iv) धान की खेती के लिए पौधे तैयार करना, रोपना व पानी में डूबे खेतों तक पहुँचाने का कार्य मजदूरों की सहायता से ही कराया जाता है। अतः चावल की खेती ऐसे क्षेत्रों में की जाती है जहाँ सस्ते दरों पर श्रमिकों की उपलब्धता होती है।

▶ प्रश्न : विश्व में चावल के उत्पादन में भारत की स्थिति क्या है?

उत्तर : भारत चीन के पश्चात् दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है।

▶ प्रश्न: भारत में गेहूँ की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थिति एवं उत्पादक राज्यों (वितरण) का वर्णन करें।

उत्तर : गेहूँ की खेती के लिए अनुकूल भौतिक दशाएँ :

(1) तापमान - गेहूँ एक शीतोष्ण कटिबंधीय फसल है। इसके लिए 20°C तापमान होना आवश्यक है।

(2) वर्षा - 40-75 सेमी. वर्षा गेहूँ की खेती के लिए आवश्यक है। गेहूँ की खेती में सिंचाई की भी आवश्यकता पड़ती है।

(3) मिट्टी - गेहूँ की खेती के लिए दोमट मिट्टी का होना आवश्यक है। मिट्टी में पर्याप्त नमी व ठंडा मौसम गेहूँ की फसल के लिए जरूरी होता है।

(4) अन्य - गेहूँ की फसल के पकते समय बादलरहित आकाश आवश्यक है।

गेहूँ उत्पादक राज्य - उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश।

▶ प्रश्न : भारत में गेहूँ उगाने वाले दो मुख्य क्षेत्र कौन-से हैं?

उत्तर : पश्चिम में गंगा-सतलुज का मैदान और दक्कन का काली मिट्टी वाला प्रदेश।

▶ प्रश्न : भारत में दालों की कृषि का उल्लेख कीजिये।

उत्तर : भारत विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक एवं उपभोक्ता देश है। अरहर, उड़द, मूंग, मसूर, मटर तथा चना भारत की प्रमुख दलहनी फसलें हैं।

दालों को कम नमी की आवश्यकता होती है। इस कारण इनकी कृषि शुष्क परिस्थितियों में भी की जा सकती है। फलीदार फसलें होने के कारण अरहर के अलावा अन्य सभी दालें वायु से नाइट्रोजन लेकर भूमि के उपजाऊपन को बनाए रखती हैं। इसी कारण इन फसलों को प्रायः फसलों के आवर्तन अर्थात् फसल-चक्र में बोया जाता है। शाकाहारी भोजन में दालों में सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है।

भारत में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक दालों के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

▶ प्रश्न : भारत की दो प्रमुख पेय फसलें कौन-सी हैं? प्रत्येक फसल के प्रमुख उत्पादक राज्य का नाम बताइए।

उत्तर : चाय और कहवा (कॉफी) भारत की दो प्रमुख पेय फसलें हैं।

चाय का प्रमुख उत्पादक राज्य असम तथा कहवा का प्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक है।

▶ प्रश्न : एक पेय फसल का नाम बताएँ तथा उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दें।

→ अथवा, भारत में चाय की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थिति एवं उत्पादक राज्यों का वर्णन करें।

उत्तर: पेय फसल : चाय।

चाय की खेती के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियाँ :

(i) चाय एक सदाबहार बागवानी फसल है।

(ii) इसके लिए गर्म तथा आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है।

(iii) इसके लिए अधिक उपजाऊ जमीन की आवश्यकता होती है।

(iv) मिट्टी की उर्वरता को बनाये रखने के लिए नाइट्रोजनी खादों की आवश्यकता पड़ती है।

(v) तापमान 25-30°C

(vi) वर्षा - 125-750 सेमी वर्षा।

(vii) चाय के पौधों की जड़ों में पानी जमना खतरनाक होता है, अतः चाय की खेती 27° दक्षिण से 43° उत्तर अक्षांशों के मध्य पहाड़ी ढलानों पर की जाती है।

(viii) यह एक श्रम प्रधान फसल है, क्योंकि चाय की पत्तियों को हाथों से तोड़ा जाता है।

उत्पादक राज्य - असम, चाय का प्रमुख उत्पादक राज्य है। यहाँ चाय उत्पादन की अनुकूल दशाएँ पायी जाती हैं। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, जलपाइगुड़ी तथा कूच विहार में भी चाय की खेती होती है। तमिलनाडु तथा केरल भी चाय उत्पादन में अग्रणी राज्य हैं।

प्रश्न : गन्ने की खेती के लिए आवश्यक जलवायु का उल्लेख करें। गन्ना के प्रमुख उत्त्पादक राज्यों के नाम लिखें।

उत्तर : गन्ने के उत्पादन के लिए निम्न स्थितियाँ आवश्यक मानी जाती हैं:

(क) जलवायविक दशाएँ :

(i) तापमान : इसकी अच्छी उपज के लिए 25 deg * C' 35 deg * C का तापमान आदर्श माना जाता है।

(ii) वर्षा : इसे 100 सेमी. से 150 सेमी. के बीच वर्षा जल की आवश्यकता होती है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई द्वारा कृषि करना अनिवार्य होता है।

(ख) मृदा : इसकी कृषि के लिए गहरी उपजाऊ चिकनी या दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। दक्षिण भू-भाग में काली लावायुक्त मिट्टी भी इसके उत्पादन के लिए अच्छी रहती है।

(ग) भारत में गन्ने के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार व हरियाणा भारत के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य हैं।

(घ) गन्ने के प्रमुख उत्पादक देश :

(i) भारत

(ii) क्यूबा

(iii) ब्राजील

(iv) मैक्सिको

(v) पाकिस्तान

(vi) चीन

(vii) इंडोनेशिया

(viii) थाइलैंड

(ix) आस्ट्रेलिया।

प्रश्न : भारत में सर्वाधिक गन्ना उत्पादक राज्य का नाम बताएँ।

उत्तर : उत्तर प्रदेश भारत का सर्वाधिक गन्ना उत्पादक राज्य है।

प्रश्न : भारत की दो प्रमुख रेशेदार फसलें कौन-सी हैं? प्रत्येक फसल के उत्पादक राज्यों के नाम बताइए। अथवा, भारत के दो प्रमुख जूट उत्पादक राज्य कौन-से हैं?

उत्तर : जूट और रेशम, भारत की दो प्रमुख रेशेदार फसलें हैं।

जूट का प्रमुख उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल तथा रेशम का प्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक है।

प्रश्न : जूट के उत्पादन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ एवं जूट का उपयोग बताइए।

उत्तर : उत्पादन परिस्थितियाँ: जूट की फसल बाढ़ के मैदानों में जल निकास वाली उपजाऊ मिट्टी में उगाई जाती है जहाँ प्रतिवर्ष बाढ़ से आई नवीन मिट्टी जमा होती रहती है। जूट की वृद्धि काल के दौरान उच्च तापमान की आवश्यकता होती है।

भारत में पश्चिमी बंगाल, बिहार, असम, उड़ीसा तथा मेघालय जूट उत्पादक प्रमुख राज्य हैं।

उपयोग : जूट को सुनहरा रेशा कहा जाता है। जूट का उपयोग बोरियाँ, चटाई, रस्सी, तन्तु, धागे व गलीचे आदि के निर्माण में होता है। दस्तकारी की वस्तुओं के निर्माण में भी जूट का उपयोग होता है।

स्मरणीय

भारत की प्रमुख फसलों की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियाँ तथा प्रमुख उत्पादक क्षेत्र :

फसल का नाम

फसल का प्रकार

तापमान एवं मिट्टी

वर्षा

उत्पादक राज्य

(1) चावल

खरीफ

25°C से अधिक, जलोढ़ मिट्टी

100 सेमी

पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, छतीसगढ़, उड़ीसा, तमिलनाडु, हरियाणा।

(2) गेहूँ

रबी

10°C - 15°C

50-75 सेमी

पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार।

(3) मक्का

खरीफ

210C - 270C

उथली काली मिट्टी

50-100 सेमी

कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, बिहार, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश।

(4) गन्ना

रोपण

210C - 270C

जलोढ़ एवं काली मिट्टी

75-100 सेमी

 

उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश।

(5) चाय

रोपण

20°C-30°C

ह्यूमस तथा जीवांश युक्त ढालू भूमि

150-200 सेमी

असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल।

(6) कपास

खरीफ

21°C - 25°C,

 काली मिट्टी

100 सेमी

महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा।

 

(7) रबर

रोपण

25°C - 35°C,

ह्यूमस तथा जीवांश युक्त मिट्टी

200 सेमी

केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, अंडमान निकोबार, मेघालय।

▶ प्रश्न : रबर उत्पादक दो राज्यों के नाम लिखें।

उत्तर : केरल और तमिलनाडु।

▶ प्रश्न : भारत में उगाए जाने वाले मुख्य मोटे अनाज कौन-से हैं?

उत्तर : ज्वार, बाजरा और रागी।

▶ प्रश्न : भारत में दालों के मुख्य उत्पादक राज्य कौन-से हैं?

उत्तर : मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक।

▶ प्रश्न : विश्व में दालों के उत्पादन और उपयोग में भारत की क्या स्थिति है?

उत्तर : यह विश्व का सबसे बड़ा दाल-उत्पादक और उपभोक्ता देश है।

▶ प्रश्न : चाय के उत्पादन में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है?

उत्तर : चाय के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है।

भारतीय कृषि, प्रौद्योगिकीय और संस्थागत सुधार

▶ प्रश्न : कृषि की परिभाषा दीजिए। भारत में कृषि के लिए कौन-सी भौगोलिक सुविधाएँ प्राप्त हैं?

उत्तर : कृषि की परिभाषा: 'भूमि पर की जाने वाली समस्त क्रियाएं जो फसलोत्पादन एवं पशुपालन व्यवसाय के लिए आवश्यक है, उन्हें करने की कला एवं विज्ञान को कृषि कहा जाता है।'

भारत में कृषि के लिए प्राप्त भौगोलिक सुविधाएँ: भारत की उत्कृष्ट भौगोलिक स्थिति, समतल भूमि, विभिन्न प्रकार की उपजाऊ मृदा, पर्याप्त जलापूर्ति, मानसूनी जलवायु जैसे कारकों ने भारत को कृषि के क्षेत्र में विशिष्ट देश बना दिया है।

▶ प्रश्न : भारतीय कृषि की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर : भारतीय कृषि की मुख्य विशेषताएँ -

(1) भारत में कृषि के अन्तर्गत खाद्यान्नों का उत्पादन अधिक होता है।

(2) कृषि में पशुओं की भूमिका महत्त्वपूर्ण है।

(3) भारतीय कृषि मानसून पर निर्भर है।

(4) अनेक फसलों का उत्पादन विस्तृत क्षेत्र में होता है।

(5) जोतों का आकार काफी छोटा है।

(6) उत्पादकता कम है।

(7) राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान करती है।

▶ प्रश्न : भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का क्या महत्व है?

उत्तर : भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व :

(1) कृषि भारत की विशाल जनसंख्या के लिए खाद्यान्त्र उपलब्ध करता है।

(2) कृषि भारत में रोजगार का एक प्रमुख साधन है। देश की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या कृषि कार्यों में अप्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से काम करती है।

(3) यह प्रमुख उद्योगो के लिए कच्चे माल का स्त्रोत है। भारत में बहुत से उद्योग कृषि द्वारा उपलब्ध किये गये कच्चे माल पर आधारित होते हैं। सूती वस्त्र, पटसन, चीनी, बनस्पति, घी, तेल, कॉफी, चाय, रबड़, आदि अनेक उद्योगों के लिए कृषि ही कच्चे माल की आपूर्ति करती है।

(4) कृषि के उत्पादों को निर्यात करने से बड़ी मात्रा में विदेशी विनिमय प्राप्त होता है। चाय, तम्बाकू, मसाला, आदि का विदेशी व्यापार में बड़ा योगदान है।

(5) राष्ट्रीय आय का मुख्य साधन।

▶ प्रश्न : भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर टिप्पणी लिखें।

उत्तर : भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव -

(1) वैश्वीकरण के कारण भारतीय किसान अपने यहाँ अधिक होने वाले कृषि उत्पाद की विश्व बाजार में बेचकर अच्छे दाम प्राप्त कर सकते हैं।

(2) विश्व की माँग के अनुसार नकदी एवं कीमती फसलों की खेती में वृद्धिा

(3) ढाँचागत सुधार, प्रौद्योगिकी में परिवर्तन, बाजार सुविधा तथा साख का विस्तार।

(4) बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा कृषि क्षेत्र में निवेश में वृद्धि से किसानों को लाभ।

(5) कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से देश में नये फसलों का विकास। जेनेटिक इंजीनियरिंग द्वारा फसलों के उत्पादन में वृद्धि।

(6) प्रमुख कृषि उत्पादों को निर्यात की स्वतंत्रता दी गयी है। बाजार सुबिधा, क्रेडिट कार्ड का विस्तार आदि के कारण आधुनिक निवेशों में वृद्धि हुई है।

(7) जब भित्र फसलों की माँग विश्वभर में बढ़ेगी तो माँग बढ़ने से चीजों का उत्पादन भी अधिक होगा और किसानों की स्थिति में सुधार होगा।

▶ प्रश्न: भारत में कृषि पर आधारित किन्हीं चार उद्योगों के नाम लिखिए।

उत्तर : चीनी उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग, पटसन उद्योग, रबर उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, गलीचा उद्योग, तेल उद्योग आदि।

▶ प्रश्न : भारतीय कृषि की समस्याओं की व्याख्या कीजिए।

उत्तर : भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याएँ -

(1) अधिकांश किसान गरीब हैं, उनके पास पूँजी का अभाव है।

(2) कृषि भूमि बिखरी हुई है तथा खेतों का आकार छोटा है, जिसके कारण सिंचाई, आधुनिक पद्धति तथा रखवाली आदि में कठिनाई होती है।

(3) पर्याप्त सिंचाई की सुविधा का अभाव है। कृषकों को वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है।

(4) कृषि का तरीका प्राचीन है तथा पुराने उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कृषि की उत्पादकता कम है।

▶ प्रश्न : दिन-प्रतिदिन कृषि के अन्तर्गत भूमि कम हो रही है। इसके क्या परिणाम हो सकते हैं?

उत्तर : दिन-प्रतिदिन कृषि के अन्तर्गत भूमि कम होने के निम्नलिखित परिणाम होंगे -

- कृषि उत्पादन कम हो जायेगा।

- देश में खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जायेगी।

- हमारी राष्ट्रीय आय कम हो जायेगी।

- ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी में वृद्धि होगी।

- किसानों की दशा और खराब हो जायेगी।

- उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो जायेगी।

▶ प्रश्न : कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए सरकार द्वारा किये गये उपाय सुझाइए?

→ अथवा, स्वतंत्रता के पश्चात् भारतीय कृषि में सुधार हेतु सरकार द्वारा किये गये उपायों का वर्णन कीजिए।

→ अथवा, सरकार द्वारा किसानों के हित में किये गये संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची बनाइए।

उत्तर : भारतीय कृषि में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित उपाय किये गये हैं-

(1) सरकार, किसानों को कम मूल्य पर उर्वरक, उन्नत बीज, विद्युत, जल आदि की सुविधाएँ प्रदान करती है।

(2) किसानों की बिखरी भूमि को एक स्थान पर लाने के उद्देश्य से भूमि की चकबंदी की गयी।

(3) किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक आदि की स्थापना की गयी है। सरकार द्वारा फसल बीमा की भी व्यवस्था की गयी है।

(4) सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नहरों एवं तालाबों की व्यवस्था की गयी है।

(5) कृषि के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण अनुसंधान किये गये हैं। राष्ट्रीय बीज निगम, भारतीय खाद्य निगम, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, कृषि विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय, डेयरी विकास बोर्ड आदि जैसी संस्थाओं की स्थापना कृषि की दशा सुधारने में सहायक रही है।

(6) किसानों के लाभ के लिए किसान क्रेडिट कार्ड शुरू किया गया है।

(7) फसलों के मूल्य में सहायता के लिए सरकार न्यूनतम सहायता मूल्य घोषित करती है।

प्रश्न : उन राज्यों का नाम लिखें जहाँ हरित क्रांति हुई।

उत्तर : पंजाब और हरियाणा में हरित क्रांति हुई।

प्रश्न : स्वतंत्रता के पश्चात् संस्थागत सुधारों के लिए क्या उपाय किए गए?

उत्तर : जोतों की चकबंदी, सहकारिता और जमींदारी समाप्त करने आदि को प्राथमिकता दी गयी।

प्रश्न : 'न्यूनतम सहायता मूल्य' से क्या अभिप्राय है?

उत्तर : 'न्यूनतम सहायता मूल्य' सरकार द्वारा घोषित मूल्य है जिस मूल्य पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है। न्यूनतम सहायता मूल्य, किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य है। सरकार द्वारा इसे किसानों के हित में लागू किया जाता है।

प्रश्न: भारत में खाद्य सुरक्षा का विवरण दें।

उत्तर : (1) सभी लोगों के लिए भोजन की उपलब्धता तथा उसे प्राप्त करने के सामर्थ्य को खाद्य सुरक्षा के नाम से जाना जाता है।

(2) खाद्य सुरक्षा के तीन पहलू हैं खाद्य पदार्थों की उपलब्धता, खाद्य पदार्थों की सुलभता तथा लोगों के पास खाद्य पदार्थों को प्राप्त करने की सामर्थ्य।

(3) भारत में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली का गठन किया गया है। इसके दो मुख्य आधार हैं- बफर स्टॉक तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली। ये दोनों घटक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा नीति के क्रियान्वयन में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

(4) भारतीय खाद्य सुरक्षा नीति का उद्देश्य कम कीमत पर खाद्यान्नों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। इससे निर्धन भोजन प्राप्त करने में समर्थ हुए हैं।

(5) भारतीय खाद्य निगम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर किसानों से खाद्यान्न प्राप्त करती है। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया प्राप्त खाद्यान्नों का भंडारण करती है तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्नों का वितरण सुनिश्चित किया जाता है।

वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (MCQ)

1. भूमि के छोटे टुकड़ों पर पारंपरिक कृषि औजारों से परिवार के श्रम की मदद से की जाने वाली कृषि को क्या कहते हैं?

(1) प्रारंभिक जीवन निर्वाह कृषि

(2) गहन खेती

(3) वाणिज्यिक कृषि

(4) रोपण कृषि

Ans. (1)

2. जमीन के टुकड़े पर एक समय तक खेती करने के बाद दूसरी जमीन को साफ करके उस पर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए की जाने वाली कृषि को क्या कहते हैं?

(1) रोपण कृषि

(2) कर्तन दहन या झूम खेती

(3) रोपण कृषि

(4) वाणिज्यिक कृषि

Ans. (2)

3. झारखंड में 'झूम' खेती को क्या कहा जाता है?

(1) कोमान

(2) कुरुवा

(3) पोडु

(4) लदांग

Ans. (2)

4. उत्तर-पूर्वी राज्यों असम, मेघालय, कहा जाता है? मिजोरम और नागालैंड में 'कर्तन दहन' खेती को क्या

(1) मिल्पा

(2) दीपा

(3) झूम

(4) कोमान

Ans. (3)

5. मणिपुर में कर्तन दहन प्रणाली कृषि को किस नाम से जाना जाता है?

(1) झूम

(2) दीपा

(3) स्थानांतरित

(4) पामलू

Ans. (4)

6. मध्य अमेरिका में झूम कृषि को किस नाम से जाना जाता है?

(1) रे

(2) रोका

(3) मिल्पा

(4) इनमें से कोई नहीं

Ans. (3)

7. जहाँ भूमि पर जनसंख्या का दबाव अधिक होता है वहाँ किस प्रकार की कृषि की जाती है?

(1) गहन कृषि

(2) झूम खेती

(3) रोपण कृषि

(4) रबी कृषि

Ans. (1)

8. किस प्रकार की कृषि में अधिक पैदावार देने वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से उच्च पैदावार प्राप्त किया जाता है?

(1) रोपण कृषि

(2) वाणिज्यिक कृषि

(3) गहन कृषि

(4) कर्तन दहन

Ans. (2)

9. निम्नलिखित में से कौन-सा उस कृषि प्रणाली को दर्शाता है जिसमें एक ही फसल लंबे-चौड़े क्षेत्र में उगाई जाती है?

(1) स्थानांतरी कृषि

(2) बागवानी

(3) रोपण कृषि

(4) गहन कृषि

Ans. (3)

10. चाय, कॉफी, रबर, गन्ना, केला आदि किस तरह की फसलें हैं?

(1) दलहन फसलें

(2) तेलहन फसलें

(3) रोपण फसलें

(4) मोटे अनाज

Ans. (3)

11. चाय किस प्रकार की कृषि का उदहारण है?

(1) जीवन निर्वाह कृषि

(2) प्राम्भिक कृषि

(3) रोपण कृषि

(4) झूम कृषि

Ans. (3)

12. निम्नलिखित में से कौन भारत की प्रमुख रोपण फसल है?

(1) चाय, कॉफी

(2) गन्ना, केला

(3) रबड़

(4) इनमें से सभी

Ans. (4)

13. निम्न में से रोपण कृषि का उदाहरण है?

(1) गन्त्रा

(2) चावल

(3) गेहूँ

(4) चना

Ans. (1)

14. कौन-सा देश बिश्व में फल एवं सब्जियों का सबसे बड़ा उत्पादक है?

(1) कनाडा

(2) यू. एस. ए.

(3) पाकिस्तान

(4) भारत

Ans. (4)

15. इनमें से कौन-सी रबी फसल है?

(1) चावल

(2) मोटे अनाज

(3) चना

(4) कपास

Ans. (3)

16. कौन-सी एक रबी फसल है?

(1) धान

(2) तरबूज

(3) गेहूँ

(4) मक्का

Ans. (3)

17. भारत में रबी फसलों की बुआई किन महीनों में होती है?

(1) अक्तूबर से दिसंबर

(2) सितंबर-अक्तूबर

(3) मई-जून

(4) मार्च-अप्रैल

Ans. (1)

18. रबी फसलों को किस ऋतु में बोया जाता है?

(1) ग्रीष्म

(2) शीत

(3) वर्षा

(4) उपर्युक्त सभी

Ans. (2)

19. भारत में खरीफ फसल की बुआई कब होती है?

(1) शीत ऋतु

(2) मानसून आने पर

(3) गर्मी में

(4) अक्तूबर से दिसंबर

Ans. (2)

20. भारत की ग्रीष्म फसल ऋतु को क्या कहते हैं?

(1) रबी

(2) खरीफ

(3) जायद

(4) इनमें से कोई नहीं

Ans. (3)

21. मानसून के आगमन के साथ जो फसलें बोई जाती हैं, वे किस फसल के अन्तर्गत आती हैं?

(1) खरीफ

(2) रबी

(3) जायद

(4) इनमें से सभी

Ans. (1)

22. भारत में धान की खेती मुख्य रूप से किस फसल ऋतु में की जाती है?

(1) खरीफ

(2) रबी

(3) जायद

(4) रबी और जायद

Ans. (1)

23. निम्न में से कौन ऐसी फसल है जो में रबी ऋतु में भी उगाई जाती है? ( वास्तव में खरीफ ऋतु की फसल है, लेकिन कुछ राज्यों

(1) ज्वार

(2) मक्का

(3) चावल

(4) सोयाबिन

Ans. (2)

24. इनमें से कौन-सी खरीफ फसल है?

(1) चना

(2) चावल

(3) गेहूँ

(4) दलहन

Ans. (2)

25. इनमें से कौन खरीफ फसल नहीं है?

(1) चना

(2) चावल

(3) मक्का

(4) ज्वार

Ans. (1)

26. इनमें से कौन-सी एक फलीदार फसल है?

(1) दालें/चना

(2) मोटे अनाज

(3) ज्वार

(4) तिल

Ans. (1)

27. इनमें से कौन-सी एक रेशेदार फसल है?

(1) रबड़

(2) कपास/जूट

(3) टमाटर

(4) कॉफी

Ans. (2)

28. किस प्रकार के मृदा में कपास की खेती होती है?

(1) बलुआ मिट्टी

(2) काली मिट्टी

(3) लाल मिट्टी

(4) कोई नहीं

Ans. (2)

29. किस फसल को सुनहरा रेशा कहा जाता है?

(1) गन्ना

(2) रेशम

(3) जूट

(4) कपास

Ans. (3)

30. काली मिट्टी पर उगाई जाने वाली प्रमुख रेशेदार फसल कौन-सी है?

(1) गन्ना

(2) जूट

(3) कपास

(4) रेशम

Ans. (3)

31. विश्व में कपास के उत्पादन में भारत का स्थान है?

(1) पहला

(2) दूसरा

(3) तीसरा

(4) चौथा

Ans. (2)

32. निम्नलिखित में से कौन-सा फसल रेशेदार फसल नहीं है?

(1) कपास

(2) रबर

(3) जूट

(4) सन

Ans. (2)

32. रेशम उत्पादन के लिए रेशम के कीड़ों के पालन को क्या कहा जाता है?

(1) सेरीकल्चर

(2) हॉर्टीकल्चर

(3) सिल्कल्चर

(4) फ्लोरीकल्चर

Ans. (1)

33. भारत की दो प्रमुख खाद्य फसलें कौन-सी हैं?

(1) मूंग, चना

(2) गेहूं, चावल

(3) चाय, कॉफी

(4) जौ, बाजरा

Ans. (2)

34. इनमें से कौन विश्व का सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है?

(1) ब्राजील

(2) रूस

(3) भारत

(4) युक्रेन

Ans. (3)

35. भारत के किस राज्य में धान का उत्पादन सबसे अधिक होता है?

(1) पश्चिम बंगाल

(2) ओडिशा

(3) झारखंड

(4) बिहार

Ans. (1)

36. धान की फसल उत्पादन के लिए तापमान की आवश्यकता होती है -

(1) 25°C

(2) 30°C

(3) 50°C

(4) 45° C

Ans. (1)

37. अरहर, मूंग, चना, उड़द जैसी दालों से .......मिलता है।

(1) वसा

(2) प्रोटीन

(3) स्टार्च

(4) ये सभी

Ans. (2)

38. भारत के किस राज्य में सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन होता है?

(1) पंजाब

(2) उत्तर प्रदेश

(3) बिहार

(4) हरियाणा

Ans. (2)

39. भारत में उगाये जाने वाले दो प्रमुख पेय फसल कौन-से हैं?

(1) चाय, कॉफी

(2) कोको, जौ

(3) नींबू, संतरा

(4) अंगूर, बेरी

Ans. (1)

40. इनमें से कौन विश्व में सबसे बड़ा चाय का उत्पादक देश है?

(1) फ्रांस

(2) रूस

(3) भारत

(4) केनिया

Ans. (3)

41. निम्न में से किस पेय फसल में भारत विश्व का अग्रणी उत्पादक और निर्यातक है?

(1) कॉफी

(2) दालें

(3) चाय

(4) मूँगफली

Ans. (3)

42. भारत में चाय का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन है?

(1) केरल

(2) असम

(3) बंगाल

(4) कर्नाटक

Ans. (2)

43. भारत में किस प्रकार की कॉफी पैदा की जाती है, जो अपनी गुणवत्ता के लिए विश्वविख्यात है?

(1) रोवस्ता

(2) लाइबेरिका

(3) अरेबिका

(4) एक्सेलसा

Ans. (3)

44. 'बाबा बूदन' की पहाड़ियों में जहाँ कॉफी कृषि की शुरुआत हुई, यह भारत के किस राज्य में स्थित है?

(1) पश्चिम बंगाल

(2) तमिलनाडु

(3) कर्नाटक

(4) केरल

Ans. (3)

45. भारत किस फसल का सबसे बड़ा उत्पादक देश होने के साथ-साथ उपभोक्ता भी है?

(1) चावल

(2) बाजरा

(3) दलहन

(4) तिलहन

Ans. (3)

46. इनमें से किसे मोटा अनाज कहा जाता है?

(1) ज्वार

(2) बाजरा

(3) रागी

(4) ये सभी

Ans. (4)

47. विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक तथा उपभोक्ता देश कौन है?

(1) भारत

(2) चीन

(3) ब्राजील

(4) अमेरिका

Ans. (1)

48. भारत में उगाई जाने वाली मुख्य तिलहन फसल कौन-सी है?

(1) मूँगफली

(2) सरसों-

(3) सूरजमुखी

(4) ये सभी

Ans. (4)

49. विश्व में कौन-सा देश तिलहन उत्पादन में अग्रणी है?

(1) चीन

(2) भारत

(3) अमेरिका

(4) पाकिस्तान

Ans. (2)

50. इनमें से कौन भारत में सबसे बड़ा मूँगफली का उत्पादक राज्य है?

(1) महाराष्ट्र

(2) गुजरात

(3) हरियाणा

(4) कर्नाटक

Ans. (2)

51. भारतीय कृषि मुख्यतः किस पर निर्भर है?

(1) मानसून

(2) सब्सिडी

(3) निर्यात

(4) बनोत्पाद

Ans. (1)

52. भारत में जोतों का आकार कैसा है?

(1) विशाल

(2) पहाड़ी

(3) छोटा

(4) गड्डानुमा

Ans. (3)

53. ऑपरेशन फ्लड किस क्रांति से संबंधित है?

(1) हरित क्रांति

(2) श्वेत क्रांति

(3) नीली क्रांति

(4) औद्योगिक क्रांति

Ans. (2)

54. सरकार इनमें से कौन-सी घोषणा फसलों को सहायता देने के लिए करती है?

(1) अधिकतम सहायता मूल्य

(2) न्यूनतम सहायता मूल्य

(3) मध्यम सहायता मूल्य

(4) प्रभावी सहायता मूल्य

Ans. (2)

55. किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर खाद्यान्न की प्राप्ति और भंडारण कौन करता है?

( 1) फूड कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया

(2) ग्राम सभा

(3) जिला पदाधिकारी

(4) इनमें से सभी

Ans. (1)

56. सभी लोगों के लिए भोजन की उपलब्धता तथा उसे प्राप्त करने के सामर्थ्य को किस नाम से जाना जाता है।

(1) खाद्य सुरक्षा

(2) विकास

(3) भंडारण

(4) बफर स्टॉक

Ans. (1)

57. सरकार द्वारा गठन किये गये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली का मुख्य आधार क्या है?

(1) बफर स्टॉक

(2) सार्वजनिक वितरण प्रणाली

(3) (1) और (2) दोंनों

(4) इनमें से कोई नहीं

Ans. (3)

खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

विषयनिष्ठ (Subjective) प्रश्नोत्तर

प्रश्न: खनिज क्या है?

उत्तर: खनिज प्राकृतिक रासायनिक यौगिक है, जो संरचना और संघटन में समान होते हैं। ये प्रकृति में चट्टानों एवं अयस्कों के घटक के रूप में उपस्थित होते हैं। खनिजों की उत्पत्ति पृथ्वी की भूपर्पटी के अन्दर लम्बे समय में विभिन्न भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के द्वारा होती है।

प्रश्न: आग्नेय तथा कायान्तरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?

उत्तर: आग्नेय तथा कायान्तरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण अधिकतर उस समय होता है जब वे तरल अथवा गैसीय अवस्था में दरारों के सहारे भू-पृष्ठ की तरफ धकेले जाते हैं तथा ऊपर जाते हुए ठण्डे होकर जम जाते हैं।

प्रश्न: धात्विक खनिजों के कुछ उदाहरण दें।

उत्तर: लौह अयस्क, ताँबा, सोना, बॉक्साइट इत्यादि।

प्रश्न: अधात्विक खनिजों के कुछ उदाहरण दें।

उत्तर: कोयला, पेट्रोलियम, अभ्रक, पोटाश इत्यादि।

प्रश्न: धात्विक और अधात्विक खनिजों में अन्तर बतलाओ।

उत्तर: धात्विक और अधात्विक खनिजों में अन्तर:

धात्विक खनिज

अधात्विक खनिज

1. जिन खनिजों में धातु अंश की प्रधानता पाई जाती है, धात्विक खनिज कहलाते हैं।

1. वे खनिज जिनमें धातु अंश नहीं पाया जाता है, अधात्विक खनिज कहलाते हैं।

2. लौह अयस्क, मैंगनीज, निकल, ताँबा, जस्ता, सोना, टंगस्टन व कोबाल्ट आदि धात्विक खनिज हैं।

2. अभ्रक, पोटाश, नमक, सल्फर, चूना पत्थर, संगमरमर, बलुआ पत्थर आदि अधात्विक खनिज हैं।

3. धात्विक खनिज ताप व विद्युत् के सुचालक होते हैं।

3. अधात्विक खनिज ताप एवं विद्युत् के कुचालक होते हैं।

4. यह खनिज प्राय: आग्नेय शैलों में पाए जाते हैं।

4. यह खनिज प्राय: अवसादी शैलों में पाए जाते हैं।

प्रश्न: लौह खनिज तथा अलौह खनिज में अन्तर बताओ। 

अथवा, लौह खनिज तथा अलौह खनिज का एक-एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर:

लौह खनिज

अलौह खनिज

(1) लौह खनिजों में कठोरता पायी जाती है।

(1) अलौह खनिजों में कठोरता नहीं पायी जाती है।

(2) लौह खनिज प्राय: भूरे रंग के होते हैं।

(2) अलौह खनिज कई रंगों के होते हैं।

(3) उदाहरण: लोहा, मैंगनीज, निकेल आदि लौह खनिजों के उदाहरण हैं।

(3) उदाहरण: ताँबा, जस्ता, सोना, बॉक्साइट आदि अलौह खनिजों के उदाहरण हैं।

प्रश्न: भारत के चार महत्वपूर्ण लौह अयस्क उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ?

उत्तर: झारखण्ड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और गोवा।

प्रश्न: लौह अयस्क उत्पादन के लिए प्रसिद्ध दो राज्य कौन-से हैं?

उत्तर: लौह अयस्क उत्पादक राज्य - (1) झारखण्ड (2) ओडिशा।

प्रश्न: भारत की प्रमुख लौह अयस्क पेटियों का नाम लिखें। अथवा, भारत के चार महत्त्वपूर्ण लौह उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ?

उत्तर: भारत की प्रमुख लौह अयस्क पेटियाँ –

(1) ओडिशा-झारखण्ड पेटी

(2) दुर्ग-बस्तर-चन्द्रपुर पेटी

(3) बेल्लारी-चित्रदुर्ग-चिकमंगलूर-तुमकर-पेटी

(4) महाराष्ट्र-गोवा पेटी

प्रश्न: भारत में लौह अयस्क के किन्हीं तीन वितरण क्षेत्र का उल्लेख करें।

उत्तर: भारत में लौह अयस्क का वितरण निम्नलिखित प्रमुख लौह अयस्क पेटियों में है –

(1) ओडिशा-झारखण्ड पेटी: इनमें उच्च कोटि के हेमेटाइट किस्म का लौह अयस्क पाया जाता है। इस पेटी में ओडिशा के मयूरभंज व केंदुझर जिलों में बादाम पहाड़ खदान, झारखण्ड के सिंहभूम जिले में गोवा नुआमंडी आदि खनन क्षेत्र आते हैं।

(2) दुर्ग-बस्तर-चन्द्रपुर पेटी: इन खनन क्षेत्रों में अति उत्तम कोटि के हेमेटाइट पाया जाता है। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में बैलाडीला पहाड़ी शृंखला इस पेटी का प्रमुख खनन क्षेत्र है।

(3) बेल्लारी-चित्रदुर्ग, चिकमंगलूर-तुमकरू पेटी: कर्नाटक की इस पेटी में लौह अयस्क की बड़ी मात्रा सन्निहित है। कर्नाटक में पश्चिमी घाट में अवस्थित कुद्रेमुख इस पेटी का प्रमुख खनन क्षेत्र है।

(4) महाराष्ट्र-गोवा पेटी: यह पेटी गोवा तथा महाराष्ट्र राज्य के रत्नागिरी जिले में स्थित है। यहाँ का लोहा कम गुणवत्ता वाला है।

प्रश्न: बॉक्साइट किस धातु का अयस्क है?

उत्तर: बॉक्साइट ऐल्युमिनियम धातु का अयस्क है।

प्रश्न: भारत के चार बॉक्साइट उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ?

उत्तर: झारखण्ड, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र।

प्रश्न: भारत के चार प्रसिद्ध अभ्रक उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ?

उत्तर: झारखण्ड, बिहार, आंध्र प्रदेश, राजस्थान।

प्रश्न: भारत के चार महत्त्वपूर्ण मैंगनीज अयस्क उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ?

उत्तर: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा और आंध्र प्रदेश।

खनिजों का संरक्षण

प्रश्न: हमें खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर: खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है –

(i) खनिजों के भंडार सीमित हैं।

(ii) खनिज अनवीकरणीय संसाधन हैं अर्थात् एक बार समाप्त हो जाने के बाद उनके निर्माण में लाखों वर्ष लग जाते हैं।

(iii) वर्तमान में खनिजों का चरम दोहन किया जा रहा है, जिसके कारण उनके शीघ्र समाप्त हो जाने की संभावना बनी हुई है। इससे आगे आने वाली पीढ़ी खनिजों के उपयोग से वंचित हो जाएगी।

प्रश्न: खनिज संसाधनों के संरक्षण के उपाय बताइये।

उत्तर: खनिज संसाधनों का संरक्षण निम्नलिखित उपायों को अपनाकर किया जा सकता है –

(1) निम्न कोटि के अयस्कों को उन्नत प्रौद्योगिकी द्वारा कम लागत पर प्रयोग करना।

(2) धातुओं का पुनः चक्रण किया जाना।

(3) रद्दी धातुओं का प्रयोग करना।

(4) खनिजों के अन्य प्रतिस्थापन्न (विकल्पों) का उपयोग करना।

ऊर्जा संसाधन

प्रश्न: प्रमुख ऊर्जा खनिज कौन-कौन से हैं?

उत्तर: प्रमुख ऊर्जा खनिज – (i) कोयला (ii) पेट्रोलियम (iii) प्राकृतिक गैस।

प्रश्न: घरों में उपयोग किए जाने वाले दो ऊर्जा संसाधनों के नाम लिखें।

उत्तर: एल. पी. जी., केरोसिन, कोयला, लकड़ी आदि।

प्रश्न: ऊर्जा के परंपरागत तथा गैर-परंपरागत स्रोतों में अन्तर बतलाओ। अथवा, परंपरागत और गैर-परंपरागत ऊर्जा साधन में क्या अंतर है?

उत्तर:

परंपरागत स्रोत

गैर-परंपरागत स्रोत

(1) परंपरागत ऊर्जा के स्रोत कभी-भी समाप्त हो सकते हैं।

(1) गैर-परंपरागत ऊर्जा के स्रोत कभी-भी समाप्त नहीं हो सकते।

(2) ये अधिक महँगे होते हैं।

(2) ये सस्ते होते हैं।

(3) ये प्रदूषण उत्पन्न करते हैं।

(3) ये प्रदूषण उत्पन्न नहीं करते हैं।

(4) कोयला, पेट्रोलियम, परमाणु शक्ति आदि परंपरागत स्रोत के उदाहरण हैं।

(4) पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा आदि गैर-परंपरागत स्रोत के उदाहरण हैं।

प्रश्न: परंपरागत ऊर्जा के दो स्रोतों के नाम लिखें।

उत्तर: कोयला, पेट्रोलियम, परमाणु ऊर्जा तथा प्राकृतिक गैस आदि।

प्रश्न: गैर-पारंपरिक ऊर्जा के प्रमुख स्रोत कौन-कौन से हैं?

उत्तर: गैर-पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत हैं – पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, कचरे से उत्पन्न ऊर्जा, गोबर गैस आदि।

प्रश्न: पवन और सौर ऊर्जा संसाधनों की बहुतायत भारत के किस राज्य में अधिक पायी जाती है?

उत्तर: राजस्थान।

प्रश्न: ज्वारीय ऊर्जा किस प्रकार का ऊर्जा संसाधन है?

उत्तर: गैर-पारंपरिक ऊर्जा।

प्रश्न: जीवाश्म ऊर्जा के उदाहरण दें।

उत्तर: कोयला, पेट्रोलियम।

प्रश्न: भारत में कोयले के वितरण पर प्रकाश डालें।

उत्तर: ऐन्थ्रासाइट उत्तम कोटि का कोयला माना जाता है क्योंकि इसमें कार्बन का प्रतिशत अधिक होता है। इनके जलने से धुँआ कम निकलता है। ऐन्थ्रासाइट जम्मू एवं कश्मीर में पाया जाता है।

बिटुमिनस गोंडवाना क्षेत्र – झारखण्ड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में मिलता है।

लिग्नाइट मध्यम श्रेणी का कोयला है। इसे भूरा कोयला भी कहते हैं। भारत के लिग्नाइट में कोयले की अपेक्षा राख का प्रतिशत कम होता है। लिग्नाइट राजस्थान, तमिलनाडु, असम, जम्मू-कश्मीर में मिलता है।

पीट सबसे निम्न कोटि का कोयला होता है। इसमें धुँआ अधिक और ताप कम होता है। यह झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ में प्रमुखता से पाया जाता है।

प्रश्न: उच्चकोटि के कोयले का नाम बताएँ?

उत्तर: बिटुमिनस व ऐन्थ्रासाइट।

प्रश्न: भारत में प्रमुख कोयला क्षेत्रों का नाम दें।

उत्तर: भारत के प्रमुख कोयला क्षेत्र – झारखण्ड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश आदि।

प्रश्न: भारत के 3 सबसे महत्वपूर्ण कोयला उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ?

उत्तर: झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़।

प्रश्न: भारत में दो तेल क्षेत्रों के नाम लिखें।

उत्तर: भारत के प्रमुख तेल क्षेत्र निम्नलिखित हैं – (1) मुंबई हाई (2) असम

प्रश्न: पवन ऊर्जा पर टिप्पणी लिखें।

उत्तर: पवन ऊर्जा, ऊर्जा का एक अपारंपरिक स्रोत है। हवा में गति रहने के कारण उसमें गतिज ऊर्जा होती है, जिसे पवन ऊर्जा कहते हैं। पवन ऊर्जा द्वारा पवन चक्कियों को चलाकर विद्युत् पैदा की जाती है।

पवन ऊर्जा एक नवीकरणीय और समाप्त नहीं होने वाली ऊर्जा है। पवन ऊर्जा से प्रदूषण नहीं होता अर्थात् इसमें धुआँ, हानिकारक गैस या हानिकारक विकिरण नहीं होता।

प्रश्न: भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है। क्यों?

उत्तर: भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है। यहाँ सौर ऊर्जा दोहन की असीम संभावनाएँ हैं। भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है। क्योंकि –

(1) सूर्य का प्रकाश भारत के लिए प्रकृति का एक मुफ्त उपहार है। इसके समुचित दोहन द्वारा लोग आसानी से सौर ऊर्जा का लाभ उठा सकते हैं।

(2) देश में बेकार पड़े बंजर ज़मीनों एवं सुदूर इलाकों का व्यावसायिक उपयोग सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।

(3) आज भारत में अनेक सौर पार्क विकसित हो रहे हैं जिससे प्रचुर मात्रा में बिजली पैदा होती है।

(4) दूसरे देशों के प्रयोग से हम बहुत-सी विदेशी मुद्रा को बचा रहे हैं जो तेल एवं गैस के आयात के कारण हमें दूसरे देशों को देनी पड़ती है।

(5) सौर ऊर्जा का प्रयोग बार-बार किया जा सकता है क्योंकि यह एक नवीकरणीय स्रोत है। यह पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचाता है।

(6) आज ग्रामीण इलाकों में भी सौर ऊर्जा का उत्पादन और प्रयोग बढ़ा है। इसका उपयोग खाना बनाने, पम्प द्वारा जल निकालने, पानी गर्म करने, सड़कों पर रोशनी आदि करने में हो रहा है।

इन कारणों से भारत सौर-ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी देश बनने की ओर अग्रसर है।

प्रश्न: ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण के उपाय बतलाइए।

उत्तर : ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण के उपाय :

(1) ऊर्जा संसाधनों के प्रयोग के विकल्प विकसित किये जाने चाहिए।

(2) ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है। अतः जहाँ तक संभव हो सके ऊर्जा की बचत की जानी चाहिए। निजी वाहनों की अपेक्षा सार्वजनिक वाहनों का उपयोग किया जाना चाहिए।

(3) बिजली की बचत करने वाले उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए। बिजली का आवश्यकतानुसार उपयोग करना चाहिए।

(4) गैर-परंपरागत ऊर्जा के साधनों के प्रयोग को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (MCQ)

1. चट्टानें किसके समूहन तत्वों का योगिक है?

(1) पादप

(2) मृदा

(3) खनिज

(4) उपर्युक्त सभी

Ans. (3)

2. इनमें से किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है?

(1) तलछटी चट्टानें

(2) आग्नेय चट्टानें

(3) कायांतरित चट्टानें

(4) इनमें से कोई नहीं

Ans. (1)

3. निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज अपघटित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन से बनता है?

(1) कोयला

(2) बॉक्साइट

(3) सोना

(4) जस्ता

Ans. (2)

4. मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है?

(1) खनिज तेल

(2) यूरेनियम

(3) थोरियम

(4) कोयला

Ans. (3)

5. झारखंड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित में से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है?

(1) बॉक्साइट

(2) अभ्रक

(3) लौह अयस्क

(4) ताँबा

Ans. (2)

6. भारत का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य है?

(1) मध्य प्रदेश

(2) झारखंड

(3) ओड़िशा

(4) उत्तराखंड

Ans. (3)

7. भारत के किन राज्यों में खनिजों और कोयले के प्रचुर भण्डार हैं?

(1) झारखंड, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश

(2) ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान

(3) झारखंड, गोवा, असम

(4) झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़

Ans. (4)

8. इनमें से कौन अधात्विक खनिज नहीं है?

(1) बॉक्साइट

(2) अभ्रक

(3) सल्फर

(4) चूना पत्थर

Ans. (1)

9. इनमें से कौन धात्विक खनिज है?

(1) मैंगनीज

(2) ताँबा

(3) बॉक्साइट

(4) इनमें से सभी

Ans. (4)

10. इनमें से कौन एक लौह खनिज है?

(1) ताँबा

(2) मैंगनीज

(3) बॉक्साइट

(4) सोना

Ans. (2)

11. इनमें से कौन सीमेंट उद्योग में प्रयुक्त कच्चा माल है?

(1) बॉक्साइट

(2) मैंगनीज

(3) चूना-पत्थर

(4) कोयला

Ans. (3)

12. तमिलनाडु के लिग्नाइट भंडारों का प्रयोग मुख्यत: किया जाता है?

(1) घरों में

(2) ताँबा प्रगलन में

(3) सीमेंट उत्पादन में

(4) विद्युत उत्पादन में

Ans. (4)

13. कौन-सा एक आधारभूत खनिज है तथा औद्योगिक विकास की रीढ़ है?

(1) लौह अयस्क

(2) कोयला

(3) बॉक्साइट

(4) पेट्रोलियम

Ans. (1)

14. सर्वोत्तम प्रकार का लोहा कौन सा होता है, जिसमें चुम्बकीय गुण भी होता है?

(1) मैग्नेटाइट

(2) हेमेटाइट

(3) एन्थ्रेसाइट

(4) विट्मिन

Ans. (1)

15. निम्नलिखित में से लौह अयस्क की सर्वोत्तम किस्म कौन सी है?

(1) हेमेटाइट

(2) लिमोनाइट

(3) मैग्नेटाइट

(4) सिडेराइट

Ans. (3)

16. मैग्नेटाइट खनिज की विशेषता क्या होती है?

(1) यह सर्वोत्तम प्रकार का लौह अयस्क है

(2) इसमें 70% लौहांश पाया जाता है

(3) इसमें सर्वश्रेष्ठ चुम्बकीय गुण होता है

(4) इनमें से सभी

Ans. (4)

17. किस प्रकार के कोयले को सर्वोत्तम गुण वाला कठोर कोयला माना जाता है?

(1) लिग्नाइट

(2) एन्थ्रेसाइट

(3) बिटुमिनस

(4) पीट

Ans. (2)

18. झारखण्ड के झरिया और नोआमुंडी में कौन-सा खनिज पाया जाता है?

(1) लौह अयस्क

(2) कोयला

(3) ताँबा

(4) अभ्रक

Ans. (2)

19. बैलाडिला (बस्तर, छत्तीसगढ़) में किस लौह-अयस्क का खनन किया जाता है?

(1) हेमेटाइट

(2) मैग्नेटाइट

(3) लौह अयस्क

(4) बिटुमिन

Ans. (1)

20. कर्नाटक के लौह अयस्क खानें शत-प्रतिशत इकाई है?

(1) आयसक

(2) औद्योगिक

(3) निजी

(4) सामाजिक तथा आर्थिक

Ans. (3)

21. किस अयस्क से एल्युमिनियम प्राप्त किया जाता है?

(1) बॉक्साइट

(2) अभ्रक

(3) मैग्नेटाइट

(4) हेमेटाइट

Ans. (1)

22. खेतड़ी (राजस्थान) की खदानें किस खनिज के लिए प्रसिद्ध हैं?

(1) अभ्रक

(2) ताँबा

(3) बॉक्साइट

(4) मैंगनीज

Ans. (2)

23. प्लेसर निक्षेपों से कौन सा खनिज प्राप्त होता है?

(1) सोना

(2) चाँदी

(3) प्लेटिनम

(4) ये सभी

Ans. (4)

24. मैंगनीज, नमक तथा ब्रोमाइन जैसे खनिज अधिकतर प्राप्त होते हैं?

(1) समुद्री जल से

(2) अवसादी चट्टानों से

(3) जलोढ़ के जमाव से

(4) चाँदी तल के रेत से

Ans. (1)

25. विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में किस खनिज का उपयोग होता है?

(1) चूना पत्थर

(2) मैंगनीज

(3) अभ्रक

(4) थोरियम

Ans. (3)

26. धातुरोधन एवं लोहे के प्रगलन में किस प्रकार के कोयले का विशेष महत्व है?

(1) एन्थ्रेसाइट

(2) बिटुमिनस

(3) लिग्नाइट

(4) हेमेटाइट

Ans. (2)

27. दामोदर घाटी (पश्चिमी बंगाल तथा झारखंड), झरिया, रानीगंज, बोकारो आदि किस कोयला क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं?

(1) टरशियरी

(2) गोंडवाना

(3) बादामी

(4) आदि

Ans. (2)

28. निम्नलिखित कोयले की खानों में से कौन झारखण्ड राज्य में है?

(1) तालचर

(2) बोकारो

(3) सिंगरैनी

(4) रानीगंज

Ans. (2)

29. भारत में प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र कौन-सा है?

(1) मुम्बई हाई (महाराष्ट्र)

(2) अंकलेश्वर (गुजरात)

(3) डिगबोई (असम)

(4) इनमें से सभी

Ans. (4)

30. गुजरात का सबसे महत्त्वपूर्ण तेल क्षेत्र है?

(1) लेह

(2) अंकलेश्वर

(3) नहरकटिया

(4) डिगबोई

Ans. (2)

31. निम्नलिखित में से किस प्रकार के खनिजों का प्रयोग आणविक ऊर्जा के उत्पादन में किया जाता है?

(1) यूरेनियम और थोरियम

(2) यूरेनियम और जिप्सम

(3) यूरेनियम और अल्युमिनियम

(4) यूरेनियम और मैंगनीजियम

Ans. (4)

32. भारत के ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में ऊर्जा के साधनों में से किस प्रकार की ऊर्जा तेजी से लोकप्रिय हो रही है?

(1) पवन ऊर्जा

(2) विद्युत ऊर्जा

(3) रासायनिक ऊर्जा

(4) सौर ऊर्जा

Ans. (4)

33. किस राज्य में पवन और सौर ऊर्जा संसाधनों की बहुतायत है?

(1) हिमाचल प्रदेश

(2) उत्तराखंड

(3) राजस्थान

(4) झारखण्ड

Ans. (3)

34. किस देश को पवन महाशक्ति का दर्जा प्राप्त है -

(1) रूस को

(2) चीन को

(3) अमेरिका को

(4) भारत को

Ans. (4)

35. निम्न में से कौन दो ज्वलनशील गैसों हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का यौगिक है तथा वह ऊर्जा का मुख्य स्रोत बन सकता है?

(1) कोयला

(2) पेट्रोलियम

(3) जल

(4) इनमें से कोई नहीं

Ans. (3)

विनिर्माण उद्योग

विषयनिष्ठ (Subjective) प्रश्नोत्तर

प्रश्न: विनिर्माण उद्योग क्या है?

उत्तर: कच्चे पदार्थों को मूल्यवान उत्पादों में परिवर्तित करने तथा अधिक मात्रा में उनका उत्पादन करने की प्रक्रिया को विनिर्माण या विनिर्माण उद्योग कहा जाता है।

प्रश्न: विनिर्माण उद्योग के महत्त्व को बताइये।

अथवा: विनिर्माण उद्योग किस देश के आर्थिक विकास की रीढ़ समझे जाते हैं?

उत्तर: विनिर्माण उद्योग के महत्त्व:

(1) विनिर्माण उद्योग कृषि के आधुनिकीकरण में सहायक होने के साथ-साथ द्वितीयक एवं तृतीयक सेवाओं में रोज़गार उपलब्ध कराता है।

(2) बेरोज़गारी तथा गरीबी को उन्मूलन होता है।

(3) पिछड़े क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना से क्षेत्रीय असमानताएँ कम होती हैं।

(4) विनिर्माण उद्योग में निर्मित सामान्य लोगों की दिन-प्रतिदिन आवश्यकता की वस्तुओं की आपूर्ति होती है। उद्योगों के लिए सामान प्राप्त होता है तथा इनके निर्यात से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।

प्रश्न: उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारकों के नाम बताएँ।

उत्तर: (1) कच्चे माल की उपलब्धता

(2) शक्ति के विभिन्न साधन

(3) अनुकूल जलवायु

प्रश्न: उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारकों के नाम बताएँ।

उत्तर: (1) सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता

(2) संचार और परिवहन के साधन

(3) पूंजी एवं बैंक की सुविधाएँ

प्रश्न: उद्योगों की स्थापना के प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: उद्योगों की स्थापना के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं -

  1. कच्चे माल की उपलब्धता: किसी क्षेत्र में किसी उद्योग की स्थापना का प्रमुख कारक उस क्षेत्र में कच्चे माल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता का होना होता है। कच्चे माल की सुलभता के कारण ही छोटानागपुर क्षेत्र में लोहा-इस्पात उद्योग, हुगली क्षेत्र में जूट उद्योग, महाराष्ट्र व गुजरात में सूती वस्त्र उद्योग अवस्थित हैं।
  2. श्रम की उपलब्धता: किसी क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना के लिए यह आवश्यक है कि उस उद्योग के लिए वहाँ कुशल और अकुशल श्रमिक सस्ते में उपलब्ध होते हैं।
  3. शक्ति के साधन: मशीनों को चलाने के लिए शक्ति प्रमुख साधन है। किसी क्षेत्र में उद्योगों को स्थापित करने के लिए वहाँ शक्ति के साधन की उपलब्धता भी आवश्यक है।
  4. परिवहन एवं बाजार की सुविधा: किसी क्षेत्र में किसी उद्योग के विकास के लिए यह आवश्यक है कि उनके माल के परिवहन के लिए वहाँ पर्याप्त सुविधा हो, बाजार की निकटता हो आदि।
  5. पूँजी निवेश: किसी क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना के लिए यह आवश्यक है कि सरकार या निजी क्षेत्रों द्वारा पूँजी निवेश करने के लिए तैयार हो।
  6. सरकारी नीतियाँ: सरकारी नीतियों भी उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करती हैं। कुछ क्षेत्रों में उद्योग लगाने पर सरकार विशेष सुविधाएँ देती है। आधारभूत सुविधाएँ तथा करों में छूट देती है। इससे प्रभावित होकर उन क्षेत्रों में उद्योगों का विकास होता है।

प्रश्न: भारत में कृषि पर आधारित प्रमुख उद्योग कौन-कौन से हैं?

उत्तर: कपड़ा उद्योग, चीनी उद्योग, वनस्पति उद्योग, कागज़ उद्योग, पटसन, वस्त्र उद्योग।

प्रश्न: कृषि आधारित उद्योग और खनिज आधारित उद्योग में क्या अंतर है?

उत्तर: कृषि आधारित उद्योग: वे उद्योग जिन्हें अपना कच्चा माल कृषि से प्राप्त होता है, कृषि आधारित उद्योग कहलाते हैं। उदाहरण - सूती वस्त्र, पटसन, चीनी, चाय, कॉफी एवं वनस्पति तेल उद्योग आदि।

खनिज आधारित उद्योग: वे उद्योग जिन्हें अपना कच्चा माल खनिजों से प्राप्त होता है, खनिज आधारित उद्योग कहलाते हैं। उदाहरण - लोहा व इस्पात, सीमेंट, पेट्रो-रसायन उद्योग आदि।

प्रश्न: आधारभूत उद्योग क्या है? उदाहरण देकर बताएँ।

उत्तर: वह उद्योग जो कि उपभोक्ता वस्तुओं के लिए मशीनों का निर्माण करते हैं, आधारभूत उद्योग कहलाते हैं। जैसे- लोह-इस्पात उद्योग।

प्रश्न: लोह-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है?

उत्तर: लोह-इस्पात उद्योग अनेक उद्योगों का आधार है। ये उद्योग - मशीन निर्माण, मोटरगाड़ी निर्माण, रेलवे के इंजन, रक्षा सामग्री, इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्माण आदि। लोह-इस्पात उद्योग इन उद्योगों को कच्चे माल के रूप में लोहा और स्टील उपलब्ध कराता है। इसी कारण से लोह-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग कहा जाता है।

प्रश्न: लोहा एवं इस्पात उद्योग मुख्यतः प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर-पूर्वी भागों में क्यों स्थित है?

उत्तर: लोहा एवं इस्पात उद्योग के प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर-पूर्वी भागों में स्थित होने के निम्नलिखित कारण हैं -

  1. कच्चे माल की उपलब्धता: प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर-पूर्वी भागों में लोह-इस्पात उद्योग के लिए आवश्यक कच्चे माल, जैसे - लोहा, मैंगनीज, कोयला, चूना पत्थर आदि, अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। अतः इन क्षेत्रों में लोह-इस्पात उद्योग के विकसित होने की संभावनाएँ अधिक हैं।
  2. यातायात के साधन: प्रायद्वीपीय भारत सड़क एवं रेल मार्ग से देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा हुआ है। इससे कच्चे माल को औद्योगिक केन्द्र तक पहुँचने में तथा तैयार माल की बाज़ार तक पहुँचाने में आसानी होती है।
  3. सस्ते मजदूर: इन स्थानों की जनसंख्या अधिक है तथा काम करने योग्य जनसंख्या बेरोज़गारी की समस्या से ग्रस्त है। अतः यहाँ सस्ते मजदूर आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
  4. जल आपूर्ति: प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्र पठारी हैं जहाँ कई नदियाँ प्रवाहित होती हैं। इन नदियों से लोह-इस्पात उद्योग को भारी मात्रा में जल उपलब्ध हो जाता है।

प्रश्न: समन्वित इस्पात उद्योग मिनी इस्पात उद्योग से किस प्रकार भिन्न है? इस उद्योग की क्या समस्याएँ हैं? किन सुधारों के अंतर्गत इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ी है?

उत्तर: समन्वित इस्पात उद्योग तथा मिनी इस्पात उद्योग में भिन्नता –

(1) आकार के दृष्टिकोण से समन्वित इस्पात उद्योग मिनी इस्पात उद्योग से बड़ा होता है।

(2) समन्वित इस्पात उद्योग में कच्चे माल को लेकर इस्पात बनाने, इसे ढालने तथा आकार देने का काम एक ही स्थान पर होता है। मिनी इस्पात उद्योग में छोटे संयंत्र होते हैं जिनमें समन्वित इस्पात उद्योग से प्राप्त रद्दी इस्पात एवं स्पंज आयरन का प्रयोग होता है।

(3) समन्वित इस्पात उद्योग में सभी प्रकार के इस्पातों का निर्माण होता है जबकि मिनी इस्पात उद्योग में केवल मृदु इस्पात एवं निर्मित इस्पात का निर्माण होता है।

इस्पात उद्योग की समस्याएँ:

(i) इसे अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भारी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।

(ii) इस्पात निर्माण की लागत अन्य देशों की तुलना में अधिक आती है।

(iii) देश में कोकिंग कोल सीमित मात्रा में उपलब्ध है।

(iv) अवसंरचनाएँ अविकसित अवस्था में हैं।

(v) अति श्रमिक कम उत्पादकता की समस्या है।

(vi) ऊर्जा की अनियमित आपूर्ति एक गंभीर समस्या है।

निम्नलिखित सुधारों के कारण इसकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है –

(1) उदारीकरण के परिणामस्वरूप उत्पादन क्षमता तथा गुणवत्ता में विकास हुआ है।

(2) निजी क्षेत्रों के उद्योगों आगे आने से जिससे इस उद्योग की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद की है।

(3) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने भी इस उद्योग की उत्पादन क्षमता में वृद्धि की है।

(4) अनुसंधान एवं विकास के कारण भी उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है।

प्रश्न: सूती वस्त्र उद्योग अधिकतर महाराष्ट्र और गुजरात में ही क्यों केंद्रित है? इस उद्योग की समस्याओं को समझाइए।

अथवा: भारतीय सूती वस्त्र उद्योग के समक्ष प्रमुख समस्याएँ कौन-सी हैं?

उत्तर: सूती वस्त्र उद्योग के महाराष्ट्र और गुजरात में केंद्रित होने के कारण निम्नलिखित हैं –

(1) महाराष्ट्र और गुजरात में कपास की खेती अधिक मात्रा में होती है, जो इस उद्योग का कच्चा माल है।

(2) ये दोनों स्थान समुद्र के किनारे स्थित हैं। अतः यहाँ बहने वाले मार्गों में नमी बनी रहती है जिसके कारण सूत मजबूत होते हैं।

(3) इन दो स्थानों पर तैयार वस्त्रों के बाजार उपलब्ध हैं तथा निकट उत्पादन आसानी से हो जाता है।

(4) सूती वस्त्र उद्योग इन स्थानों का पारंपरिक व्यवसाय है, जिसके कारण इस उद्योग के लिए आवश्यक कारीगर यहाँ प्रचुरता में उपलब्ध हैं।

(5) इन राज्यों में बन्दरगाह होने के कारण निर्यात सुविधाजनक है।

सूती वस्त्र उद्योग की समस्याएँ:

(1) मशीनें पुरानी हैं तथा अधिकांश मशीनें खराब रहती हैं।

(2) इन स्थानों पर उत्तम कपास नहीं पाया जाता है। अतः अच्छी कपास का विदेशों से आयात किया जाता है।

(3) कठिन वस्त्र सस्ते तथा टिकाऊ होते हैं अतः इनकी माँग ज़्यादा है जबकि सूती वस्त्रों की माँग कम हो गयी है।

प्रश्न: भारत की सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रॉनिक उद्योग की चर्चा कीजिए।

उत्तर: (1) सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रॉनिक उद्योग आधुनिक जीवन के महत्वपूर्ण आधार हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के अंतर्गत ट्रांजिस्टर, टेलीविजन, टेलीफोन, कम्प्यूटर आदि को निर्माण शामिल है।

(2) मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई, कोलकाता तथा लखनऊ भारत के विकसित इलेक्ट्रॉनिक उद्योग केन्द्र हैं।

(3) सूचना प्रौद्योगिकी के कारण से यह उद्योग तेज़ी से विकसित हुआ है। बंगलुरु को "भारत की इलेक्ट्रॉनिक राजधानी" भी कहा जाता है।

(4) सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के विकास के लिए विभिन्न स्थानों पर सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क बनाये गये हैं जहाँ विशेषज्ञों को एकल खिड़की सेवा तथा आँकड़े प्राप्त होते हैं।

(5) सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का एक अन्य पहलू रोज़गार सृजन करना है। इन क्षेत्र में महिलाओं को अधिक रोज़गार प्राप्त हुआ है।

(6) आज भारत सबसे अधिक मोबाइल फोन उपकरण निर्माण करने वाले देशों में एक है। इस उद्योग के द्वारा विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में भी सहायता मिलती है।

प्रश्न: उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं?

उत्तर: उद्योग पर्यावरण को निम्न तरीकों से प्रदूषित करते हैं –

(1) वायु प्रदूषण: सल्फर डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे गैसों के अधिक मात्रा (अनुपात) में उपस्थिति वायु प्रदूषण के कारण है।

(2) जल प्रदूषण: उद्योगों द्वारा कार्बनिक और अकार्बनिक अपशिष्ट पदार्थों को नदी में छोड़ने से जल प्रदूषण फैलता है।

(3) भूमि प्रदूषण: उद्योगों से निकलने वाली गन्दगी, कूड़ा-करकट जो मृदा को अनुपजाऊ बनाता है, वर्षाजल के साथ ये प्रदूषक भूमिगत ज़मीन तक पहुँचकर उसे भी प्रदूषित करते हैं।

(4) ध्वनि प्रदूषण: अनाहूत ध्वनि जो औद्योगिक तथा निर्माण कार्य, जनरेटर, लकड़ी चीरने के कारखाने, विद्युत ड्रिल, मोटर गाड़ियाँ आदि अधिक शोर उत्पन्न करने से जो ध्वनि प्रदूषण के कारण बनते हैं।

प्रश्न: उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाये गये उपायों की चर्चा कीजिए।

उत्तर: उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के उपाय निम्नलिखित हैं –

(1) ताप संयंत्रों में विद्युत उत्पादन के लिए उत्तम कोटि के कोयले के प्रयोग की व्यवस्था।

(2) कारखानों की स्थापना नगरीय परिक्षेत्र से बाहर किये जाने सम्बंधी सख्त कानून बनाये गये हैं।

(3) उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल को बाहर निकालने के पहले शोधन की व्यवस्था की गयी है।

(4) वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कारखानों में ऊँची चिमनियों को लगाने के निर्देश दिये गये हैं।

(5) औद्योगिक कचरे को नदियों तथा कृषि योग्य भूमि में निपटान की मनाही।

(6) ऊर्जा संरक्षण करने वाले उद्योगों को बढ़ाया।

'वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (MCQ)

1. कच्चे माल को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को कहते हैं -

(1) संसाधन

(2) विनिर्माण

(3) संरक्षण

(4) श्रम

Ans. (2)

2. विनिर्माण कैसी क्रिया है -

(1) प्राथमिक

(2) द्वितीयक

(3) तृतीयक

(4) चतुर्थ

Ans. (2)

3. किसी देश में औद्योगिक विकास किसके लिए एक आवश्यक शर्त है?

(1) आर्थिक विकास

(2) बेरोजगारी दूर करने के लिए

(3) गरीबी उन्मूलन

(4) ये सभी

Ans. (1)

4. किसी देश की आर्थिक शक्ति निम्नलिखित में से किसके विकास में मापी जाती है?

(1) विनिर्माण उद्योग

(2) कृषि

(3) खनन

(4) परिवहन

Ans. (1)

5. किसी उद्योग की स्थापना/अवस्थिति के लिए किस भौतिक कारक का होना आवश्यक है?

(1) कच्चा माल

(2) यातायात के साधन

(3) विद्युत एवं जल आपूर्ति

(4) ये सभी

Ans. (4)

6. किसी उद्योग की स्थापना/अवस्थिति के लिए किस मानवीय कारक का होना आवश्यक है?

(1) सस्ते श्रमिक

(2) बाजार

(3) सरकारी नीतियाँ

(4) ये सभी

Ans. (4)

7. निम्न में से कौन-सा उद्योग चूना पत्थर को कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त करता है?

(1) एल्युमिनियम

(2) सीमेंट

(3) प्लास्टिक

(4) मोटरगाड़ी

Ans. (2)

8. निम्न में से कौन-सी एक ऐसी सार्वजनिक क्षेत्र में स्टील को बाजार में उपलब्ध कराती है?

(1) हेल (HAL)

(2) टाटा स्टील

(3) सेल (SAIL)

(4) एम एन सी सी (MNCC)

Ans. (3)

9. निम्न में से कौन-सा उद्योग बॉक्साइट को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करता है?

(1) एल्युमिनियम प्रगलन

(2) कागज़

(3) सीमेंट

(4) स्टील

Ans. (1)

​10. निम्न में से कौन-सा उद्योग दूरभाष, कंप्यूटर आदि संयंत्र निर्मित करते हैं?

(1) स्टील

(2) इलेक्ट्रॉनिक

(3) एल्युमिनियम प्रगलन

(4) सूचना प्रौद्योगिकी

Ans. (4)

​11. इनमें कौन कृषि आधारित उद्योग नहीं है?

(1) जूट उद्योग

(2) चीनी उद्योग

(3) सीमेंट उद्योग

(4) सूती वस्त्र उद्योग

Ans. (3)

12. ​निम्न में से किस प्रकार के उद्योग का कृषि से संबंध नहीं है?

(1) सूती वस्त्र उद्योग

(2) लोहा तथा इस्पात उद्योग

(3) पटसन उद्योग

(4) चीनी उद्योग

Ans. (2)

13. वस्त्र, चीनी, वनस्पति तेल उद्योग, जो कृषि से कच्चा माल प्राप्त करते हैं, उन्हें किस प्रकार का उद्योग कहते हैं?

(1) लघु उद्योग

(2) कृषि आधारित उद्योग

(3) संयुक्त उद्योग

(4) आधारभूत उद्योग

Ans. (2)

​14. चीनी उद्योग का कच्चा पदार्थ क्या है?

(1) गन्ना

(2) गुड़

(3) शहद

(4) आलू

Ans. (1)

​15. किस रेशे को सुनहरा रेशा (Golden Fiber) भी कहते हैं?

(1) रेशम

(2) जूट

(3) ऊन

(4) कपास

Ans. (2)

​16. लोहा तथा इस्पात, सीमेंट, एल्युमिनियम आदि उद्योग किस पर आधारित उद्योग हैं?

(1) कृषि

(2) खनिज

(3) जलवायु

(4) वन

Ans. (2)

​17. निम्नलिखित में से कौन एक आधारभूत उद्योग है?

(1) चीनी उद्योग

(2) लोहा इस्पात उद्योग

(3) सूती वस्त्र उद्योग

(4) उर्वरक उद्योग

Ans. (2)

18. लोहा तथा इस्पात उद्योग को किस प्रकार के उद्योग के रूप में भी जाना जाता है?

(1) कृषि आधारित उद्योग

(2) खनिज विजय उद्योग

(3) आधारभूत उद्योग

(4) इनमें से सभी

Ans. (3)

19. निम्नलिखित में कौन उपभोक्ता उद्योग है?

(1) डीज़ल इंजन निर्माण

(2) लौह-इस्पात निर्माण

(3) चीनी उद्योग

(4) विद्युत उपकरण उद्योग

Ans. (3)

20. निम्नलिखित में से कौन छोटे पैमाने का उद्योग है?

(1) चीनी उद्योग

(2) कागज़ उद्योग

(3) खिलौना उद्योग

(4) विद्युत उपकरण

Ans. (3)

21. इनमें कौन सार्वजनिक क्षेत्र का उद्योग नहीं है?

(1) भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)

(2) स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL)

(3) टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी (TISCO)

(4) इनमें से सभी

Ans. (3)

22. इनमें कौन निजी क्षेत्र का उद्योग नहीं है?

(1) डिस्को

(2) सेल (SAIL)

(3) बजाज ऑटो

(4) डाबर

Ans. (2)

23. भारत में जूट उत्पादन में किस राज्य का महत्वपूर्ण स्थान है?

(1) जम्मू और कश्मीर

(2) पश्चिम बंगाल

(3) उत्तर प्रदेश

(4) महाराष्ट्र

Ans. (2)

24. पटसन उद्योग के पश्चिम बंगाल में हुगली नदी तट पर स्थित होने का क्या कारण है?

(1) कच्चा माल

(2) सस्ती परिवहन सुविधा

(3) सस्ते श्रमिक

(4) इनमें से सभी

Ans. (4)

25. इनमें कौन सूती वस्त्र उत्पादन में अग्रणी है?

(1) कानपुर

(2) मुंबई

(3) चेन्नई

(4) नागपुर

Ans. (2)

26. पहला सफल सूती वस्त्र उद्योग 1854 में कहाँ लगाया गया था?

(1) मुंबई

(2) अमृतसर

(3) सूरत

(4) लखनऊ

Ans. (1)

27. चीनी उत्पादन में कौन राज्य भारत में सबसे आगे है?

(1) पश्चिम बंगाल

(2) उत्तरप्रदेश

(3) महाराष्ट्र

(4) पंजाब

Ans. (3)

28. भारत का चीनी उद्योगों में विश्व में क्या स्थान है?

(1) पहला

(2) दूसरा

(3) सातवाँ

(4) पाँचवाँ

Ans. (2)

29. लोह-अयस्क, कोकिंग कोयला तथा चूना पत्थर किस उद्योग के प्रमुख कच्चे माल हैं?

(1) सीमेंट उद्योग

(2) पेंट उद्योग

(3) लोहा-इस्पात उद्योग

(4) रबर उद्योग

Ans. (3)

30. निम्न में से किस खनिज का इस्पात के विनिर्माण में प्रयोग किया जाता है?

(1) मैंगनीज

(2) कोयला

(3) बॉक्साइट

(4) अभ्रक

Ans. (1)

31. छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक क्षेत्र का लोहा-इस्पात उद्योग कहाँ स्थित है?

(1) भिलाई

(2) राउरकेला

(3) रामपूर

(4) सेलम

Ans. (1)

32. उत्तर प्रदेश में किस स्थान पर डीज़ल रेलवे इंजन बनाये जाते हैं?

(1) लखनऊ

(2) कानपुर

(3) वाराणसी

(4) इलाहाबाद

Ans. (3)

33. आधुनिक औद्योगिक विकास की कुंजी किस उद्योग को माना जाता है?

(1) सीमेंट उद्योग

(2) लोह-इस्पात उद्योग

(3) पेट्रो रसायन उद्योग

(4) उर्वरक उद्योग

Ans. (2)

34. भारत के 60% इस्पात केंद्र किन राज्यों में स्थित हैं?

(1) केरल तथा तमिलनाडु

(2) उत्तर प्रदेश तथा बिहार

(3) हरियाणा तथा पंजाब

(4) ओडिशा तथा झारखंड

Ans. (4)

35. सेलम इस्पात संयंत्र किस राज्य में है?

(1) केरल

(2) तमिलनाडु

(3) कर्नाटक

(4) महाराष्ट्र

Ans. (2)

36. बोकारो इस्पात कारखाना किस राज्य में है?

(1) झारखण्ड

(2) प. बंगाल

(3) बिहार

(4) ओडिशा

Ans. (1)

37. भिलाई इस्पात कारखाना किस राज्य में है?

(1) मध्य प्रदेश

(2) छत्तीसगढ़

(3) ओडिशा

(4) कर्नाटक

Ans. (2)

38. जमशेदपुर किस उद्योग के लिए प्रसिद्ध है?

(1) लोहा-इस्पात

(2) वाहन निर्माण

(3) (1) और (2) दोनों

(4) सूती वस्त्र

Ans. (3)

39. निम्नलिखित में से कौन सा नगर लोहा और इस्पात उद्योग के अतिरिक्त वाहन निर्माण उद्योग का केन्द्र है?

(1) मुम्बई

(2) दिल्ली

(3) बंगलुरु

(4) जमशेदपुर

Ans. (4)

40. इनमें कौन इस्पात केन्द्र समुद्र के निकट है?

(1) विजयनगर

(2) बोकारो

(3) भिलाई

(4) भद्रावती

Ans. (1)

41. इस्पात का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन है?

(1) भारत

(2) रूस

(3) चीन

(4) जर्मनी

Ans. (3)

42. अधिकांश लोहा तथा इस्पात उद्योग कहाँ संकेंद्रित है?

(1) छोटानागपुर के पठारी क्षेत्र

(2) मध्य भारत के पर्वत

(3) उत्तर-पूर्वी क्षेत्र

(4) पश्चिमी तट

Ans. (1)

43. सीमेंट उद्योग को किस कच्चे माल की आवश्यकता होती है?

(1) चूना पत्थर

(2) सिलिका

(3) जिप्सम

(4) इनमें से सभी

Ans. (4)

44. वर्ष 1904 में, भारत के किस राज्य एवं शहर में प्रथम सीमेंट कारखाना स्थापित किया गया?

(1) झारखंड - सिन्दरी

(2) बिहार - रोहतास

(3) तमिलनाडु - चेन्नई

(4) गुजरात - पोरबंदर

Ans. (3)

45. निम्न में से कौन-सा उद्योग दूरभाष-कंप्यूटर आदि संयंत्र निर्मित करते हैं?

(1) स्टील

(2) इलेक्ट्रॉनिक

(3) एल्युमिनियम प्रगलन

(4) सूचना प्रौद्योगिकी

Ans. (4)

46. भारत के किस शहर को इलेक्ट्रॉनिक राजधानी के रूप में जाना जाता है?

(1) हैदराबाद

(2) बंगलौर

(3) मुंबई

(4) दिल्ली

Ans. (2)

47. बंगलुरु, नोएडा, मुम्बई, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में किस उद्योग का सर्वाधिक संकेंद्रण है?

(1) इलेक्ट्रॉनिक

(2) पेट्रोकेमिकल

(3) चीनी

(4) लोहा-इस्पात

Ans. (1)

48. निम्नलिखित राज्यों में से किस राज्य में दो सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क हैं?

(1) गुजरात

(2) केरल

(3) महाराष्ट्र

(4) ओडिशा

Ans. (3)

49. उद्योग किस प्रकार का प्रदूषण फैलाते हैं?

(1) वायु

(2) जल

(3) ध्वनि

(4) ये सभी

Ans. (4)

50. वायु प्रदूषण निम्न में से किस पर अपना दुष्प्रभाव डालता है?

(1) मानव स्वास्थ्य

(2) पशु-पक्षी

(3) पेड़-पौधे

(4) इनमें से सभी

Ans. (4)

51. उद्योगों द्वारा कार्बनिक तथा अकार्बनिक अपशिष्ट पदार्थों के नदी में छोड़ने से कौन-सा प्रदूषण फैलता है?

(1) जल

(2) भूमि

(3) ध्वनि

(4) वायु

Ans. (1)

52. कारखानों द्वारा निष्कासित एक लीटर अपशिष्ट से लगभग कितना गुणा जल दूषित होता है?

(1) तीन गुणा

(2) पाँच गुणा

(3) आठ गुणा

(4) दस गुणा

Ans. (4)

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवनरेखाएँ

विषयनिष्ठ (Subjective) प्रश्नोत्तर

प्रश्न: परिवहन तंत्र के साधन किसी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था क्यों कहे जाते हैं?

अथवा, परिवहन क्यों आवश्यक है?

उत्तर: निम्नलिखित कारणों से परिवहन हमारी अर्थव्यवस्था की आधारभूत धमनियां या जीवन रेखा मानी जाती है -

(1) परिवहन लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने-जाने का महत्त्वपूर्ण साधन है। इससे सामाजिक गतिशीलता में वृद्धि होती है।

(2) सुरक्षा के दृष्टिकोण से परिवहन का व्यापक महत्त्व है। इससे सुरक्षा दस्तों के आवागमन में आसानी होती है।

(3) परिवहन उद्योगों की स्थापना तथा विकास का आधार है। परिवहन के माध्यम से उद्योगों को कच्चा माल प्राप्त होता है तथा परिवहन के माध्यम से ही औद्योगिक इकाईयों में तैयार माल बाजारों तक पहुँचता है।

(4) परिवहन, कृषि तथा व्यापार के विकास के लिए आवश्यक है।

(5) संचार के साधनों के विकास के परिणामस्वरूप महत्त्वपूर्ण सूचनाओं और संदेशों का दूरस्थ स्थानों तक सम्प्रेषण सरल हो गया है।

स्थल परिवहन: सड़कें

प्रश्न: सड़क परिवहन के गुण बताइए।

अथवा, सड़क परिवहन अन्य परिवहन साधनों की तुलना में अधिक उपयोगी क्यों हैं?

उत्तर: सड़क परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में सड़क परिवहन के गुण -

(1) परिवहन के अन्य साधनों की अपेक्षा सड़कों के निर्माण लागत बहुत कम है।

(2) सड़कों को दुर्गम, ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी स्थानों पर भी बनाया जा सकता है।

(3) सड़कों को नगरों, गाँवों, मुहल्लों और गलियों में भी बनाया जा सकता है।

(4) घर-घर तक यात्रियों और वस्तुओं को पहुँचाने का एकमात्र साधन ही है।

(5) सड़कें छोटी दूरी वाले यात्रियों तथा माल परिवहन के लिए उत्तम साधन हैं।

(6) जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं के लिए सड़क परिवहन एक महत्वपूर्ण साधन है।

(7) सड़क परिवहन अन्य परिवहन साधनों जैसे रेल, समुद्री पत्तन, वायु पत्तन आदि तक सामान एवं यात्रियों को पहुँचाने का सबसे उपयोगी साधन है।

प्रश्न: सड़क परिवहन के दोष बताऐं।

उत्तर: सड़क परिवहन के दोष -

(1) सड़कें बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं। इनमें धूल एवं ट्रैफिक जाम की समस्या होती है।

(2) सड़कों के रख-रखाव एवं मरम्मत पर काफी धन खर्च होता है।

(3) बाढ़ जैसी आपदाओं के समय इनके उपयोग में दिक्कत होती है।

प्रश्न: भारत में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के सड़कों का विस्तृत विवरण दें।

उत्तर: भारत में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के सड़कों का विवरण इस प्रकार है -

(1) स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग : यह दिल्ली-कोलकाता, चेन्नई-मुम्बई व दिल्ली को जोड़ने वाली 6 लेन वाली महा राजमार्गों की सड़क परियोजना है। इस परियोजना के तहत दो गलियारे हैं। प्रथम गलियारा 'उत्तर-दक्षिण गलियारा' है जो श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है तथा द्वितीय 'पूर्व-पश्चिम गलियारा' सिलचर तथा पोरबन्दर को जोड़ता है। यह राजमार्ग परियोजना भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में है।

(2) राष्ट्रीय राजमार्ग : यह देश के विभिन्न राज्यों को आपस में जोड़ने का काम करता है। राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण एवं उसकी देख-रेख का दायित्व केंद्र सरकार पर है। देश भर में 228 राष्ट्रीय राजमार्ग 79,116 कि.मी. क्षेत्र में फैले हुए हैं।

(3) राज्य राजमार्ग : यह राजमार्ग राज्यों की राजधानियों को विभिन्न जिला मुख्यालयों को जोड़ने का काम करती है। ये सभी राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े होते हैं। इसके निर्माण एवं देख-रेख का दायित्व राज्य सरकारों पर है।

(4) जिला सड़कें : जिला सड़कें जिलों के विभिन्न मुख्यालयों एवं शहरों को जोड़ने का काम करती हैं। देश के कुल सड़कों का 14% जिला सड़कें हैं। इनके देख-रेख तथा निर्माण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। ग्रामीण विकास में इनका बहुत महत्त्व है।

(5) ग्रामीण सड़कें : ये सड़कें विभिन्न गाँवों को एक-दूसरे से जोड़ने का काम करती हैं। क्षेत्रीय एवं ग्रामीण विकास में इन सड़कों की अहम भूमिका होती है। इनके निर्माण एवं देख-रेख की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

(6) सीमांत सड़कें : सीमांत सड़कों का निर्माण सीमावर्ती क्षेत्रों में किया जाता है। ये सड़कें सैनिकों तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण रूप से उपयोगी हैं।

प्रश्न : सीमांत सड़कों का महत्त्व बताऐं।

उत्तर :

(1) सीमांत सड़कों का निर्माण सीमावर्ती क्षेत्रों में किया गया है।

(2) ये सड़कें सैनिकों तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण रूप से उपयोगी हैं।

(3) ये सड़कें सीमावर्ती क्षेत्रों को देश की अन्य सड़कों से जोड़ती हैं।

(4) देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन सड़कों का व्यापक महत्त्व है। ये सड़कें सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों के आवागमन को आसान बनाती हैं।

(5) सीमावर्ती क्षेत्र के विकास में कृषि, व्यापार और देश के अन्य क्षेत्रों से जुड़ाव में सीमांत सड़कें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

प्रश्न : रेल परिवहन के गुण-दोष बताऐं।

उत्तर : रेल परिवहन के गुण -

(1) रेल परिवहन द्वारा भारी मात्रा में यात्री और सामान ढोये जाते हैं।

(2) रेल परिवहन उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण ढंग से सहायक है।

(3) लंबी दूरी के लिए रेल एक उत्तम साधन है।

रेल परिवहन के दोष -

(1) यह सभी स्थानों पर नहीं बनाया जा सकता है।

(2) इससे यात्रियों और वस्तुओं को घर तक नहीं पहुँचाया जा सकता है।

प्रश्न : रेल परिवहन कहाँ पर अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन का साधन है तथा क्यों?

उत्तर : (1) मैदानी क्षेत्रों में रेल परिवहन अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन का साधन है।

(2) मैदानी क्षेत्र में भूमि समतल होती है। अतः वहाँ रेलवे लाइन बिछाना अधिक आसान है।

(3) भारत का उत्तरी मैदान अपनी विस्तृत समतल भूमि, सघन जनसंख्या तथा संपन्न कृषि एवं प्रचुर संसाधनों के कारण रेल परिवहन के विकास में सहायक रहा है।

प्रश्न: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के परिवहन में पाइप लाइन कैसे लाभदायक हैं?

उत्तर : (i) पाइप लाइनों द्वारा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस को सीधे तेल शोधक केन्द्रों अथवा उर्वरक कारखाने तक कम समय में पहुँचाया जा सकता है।

(ii) इससे मार्ग में होने वाली बर्बादी नहीं होती।

प्रश्न: देश में पाईपलाइन परिवहन के तीन प्रमुख जालों का उल्लेख करें।

उत्तर : (1) उत्तरी असम के तेल क्षेत्रों से गुवाहाटी, बरौनी एवं इलाहाबाद के रास्ते कानपुर तक।

(2) गुजरात में सलाया से बीरमगाँव, मथुरा, दिल्ली एवं सोनीपत के रास्ते पंजाब में जालंधर तक।

(3) गुजरात में हजीरा से लेकर उत्तरप्रदेश में जगदीशपुर तक।

प्रश्न : भारत में वायु परिवहन का महत्व समझाएं।

अथवा, उत्तर-पूर्वी राज्यों में वायु परिवहन अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों है?

उत्तर : वायु परिवहन तीव्रतम, आरामदायक व प्रतिष्ठित परिवहन का साधन है। वायु परिवहन द्वारा अति दुर्गम स्थानों जैसे- ऊँचे पर्वत, मरुस्थलों, घने जंगलों व लम्बे समुद्री रास्तों को सुगमता से पार किया जा सकता है। इससे शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं का आवागमन भी सुगम हुआ है।

देश के उत्तरी-पूर्वी राज्यों में बड़ी नदियाँ, ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी भूमि, घने जंगल, अनेक नदी-नाले, तीक्ष्णगामी जल स्रोत निरंतर बाढ़ आदि एक समस्या बनी रहती है। यहाँ सड़कें तथा रेलवे बिछाना ख़र्चीला तथा कठिन है, जिसके कारण वहाँ आसानी से तथा हमेशा जाना सम्भव नहीं होता। हवाई यात्रा ने इसे अधिक सुगम बना दिया है। अतः उत्तर-पूर्वी राज्यों में वायु परिवहन अधिक महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न : परिवहन और संचार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : परिवहन और संचार में अन्तर :

परिवहन (Transportation)

संचार (Communication)

1. परिवहन द्वारा व्यक्तियों एवं माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जाता है।

1. संचार के साधन व्यक्तिगत संचार एवं जनसंचार के माध्यम से व्यक्तियों को सूचनाएँ उपलब्ध कराते हैं।

2. परिवहन जल, थल एवं वायु के माध्यम से किया जा सकता है।

2. संचार के साधनों में डाक-तार, टेलीफोन, इंटरनेट, रेडियो, टी.वी., मोबाइल फोन, समाचार पत्र, पत्र-पत्रिकाएँ एवं चलचित्रों को सम्मिलित किया जाता है।

3. औद्योगिक विकास, व्यापार व आवागमन पूर्णत: परिवहन साधन पर निर्भर हैं।

3. संचार के साधन औद्योगिक विकास एवं परिवहन को सुव्यवस्थित बनाने में मदद करते हैं।

4. परिवहन के साधन समय एवं स्थान के अनुसार बदलते रहते हैं।

4. संचार के साधनों पर समय व स्थान का प्राय: कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रश्न : व्यापार से आप क्या समझते हैं? स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अन्तर स्पष्ट करें।

उत्तर : व्यापार : व्यक्तियों, क्षेत्रों या दो या दो से अधिक देशों के मध्य वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को व्यापार कहते हैं।

स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अन्तर :

स्थानीय व्यापार (Local Trade)

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (International Trade)

1. किसी देश के भीतर एक क्षेत्र से व्यक्तियों तथा स्थानों के बीच होने वाले व्यापार को स्थानीय व्यापार कहते हैं।

1. दो या दो से अधिक देशों के बीच होने वाले व्यापार को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं।

2. स्थानीय व्यापार देश के स्थानीय लोगों के बीच में होता है।

2. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दो या दो से अधिक देशों के बीच होता है।

3. स्थानीय व्यापार के दो अंग बेचना तथा खरीदना है।

3. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के दो अंग निर्यात तथा आयात हैं।

4. स्थानीय व्यापार में देश का धन देश में ही रहता है।

4. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में विदेशी मुद्रा का आदान-प्रदान होता है।

प्रश्न : पिछले पन्द्रह वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रवृत्ति पर एक लेख लिखें।

उत्तर : स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत से भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का स्वरूप लगातार बदलता रहा है। वर्तमान समय के वैश्वीकरण के युग में इसमें तीव्र गति से परिवर्तन आ रहे हैं। विगत पन्द्रह वर्षों में इसमें होने वाले मुख्य परिवर्तनों का वर्णन इस प्रकार है -

(1) भारत के विश्व के सभी प्रमुख देशों तथा व्यापारिक समूहों के साथ व्यापारिक सम्बन्ध हैं।

(2) भारत से निर्यात होने वाली प्रमुख वस्तुएँ रत्न व जवाहरात, रसायन एवं संबंधित उत्पाद तथा कृषि एवं संबंधित उत्पाद हैं।

(3) विदेशों से भारत में मुख्यत: कच्चा पेट्रोलियम तथा सम्बन्धित उत्पाद, रत्न व जवाहरात, आधार धातुएँ, मशीनें, कृषि एवं अन्य उत्पाद आयात किये जाते हैं।

(4) उदारीकरण की नीति के तहत विभिन्न निर्यात नियत्रंण के लिए उत्पाद, रत्न व जवाहरात, तथा कृषि व संबंधित उत्पादों को रियायतें दी गई हैं, जिससे निर्यात बढ़ा है।

(5) भारत सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए कई अनेक रियायतों का प्रावधान किया है तथा निजी क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है।

(6) विगत 15 वर्षों में भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ्टवेयर महाशक्ति के रूप में उभरा है तथा सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है।

प्रश्न : पर्यटन उद्योग के महत्त्व का वर्णन कीजिये।

उत्तर : पर्यटन उद्योग एक महत्त्वपूर्ण उद्योग है, क्योंकि:-

(1) पर्यटन उद्योग राष्ट्रीय एकता में वृद्धि करता है।

(2) पर्यटन अंतर्राष्ट्रीय सूझबूझ को विकसित करता है।

(3) पर्यटन स्थानीय हस्तशिल्पों तथा सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे संस्कृति तथा विरासत को समृद्ध विकसित करने में सहायक है।

(4) पर्यटन उद्योग से देश को विपुल मात्रा में विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।

(5) यह उद्योग बहुत बड़ी संख्या में लोगों को रोज़गार प्रदान करता है।

वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (MCQ)

1. वस्तुओं तथा सेवाओं के आपूर्ति स्थानों से माँग स्थानों तक ले जाने हेतु किसकी आवश्यकता होती है?

(1) व्यापार

(2) परिवहन

(3) दूरसंचार

(4) प्रशासन

Ans. (2)

2. निम्न में से परिवहन के प्रकार कौन-कौन से हैं?

(1) स्थल परिवहन

(2) वायु परिवहन

(3) जल परिवहन

(4) उपर्युक्त सभी

Ans. (4)

3. निम्न में से कौन-सा साधन परिवहन की दृष्टि से सबसे महत्त्वपूर्ण माना जाता है?

(1) सड़क परिवहन

(2) वायु परिवहन

(3) रेल परिवहन

(4) जल परिवहन

Ans. (1)

4. सड़क परिवहन और रेल परिवहन किस वर्ग के परिवहन हैं?

(1) स्थल

(2) जल

(3) वायु

(4) दूरसंचार

Ans. (1)

5. निम्नांकित में से सड़क परिवहन के बारे में कौन-सा कथन असत्य है?

(1) दुर्गम स्थलों में भी सड़कें उपलब्ध कराती हैं।

(2) ऊबड़-खाबड़ भूमि पर भी बनाई जा सकती है।

(3) सड़क परिवहन, अन्य परिवहन के साधनों के लिए कड़ी का कार्य करता है।

(4) रेलवे की अपेक्षा लागत बहुत अधिक है।

Ans. (4)

6. सड़कों की निर्माण लागत रेलवे लाइन की तुलना में ........... है।

(1) अधिक

(2) बराबर

(3) कम

(4) नगण्य

Ans. (3)

7. पहाड़ी क्षेत्रों में किस प्रकार का यातायात साधन का निर्माण आसान होता है?

(1) रेल

(2) सड़क

(3) नहर

(4) रोपवे

Ans. (2)

8. कौन सा यातायात साधन घर-घर सामान पहुँचा सकता है?

(1) रेलवे

(2) जलपोत

(3) सड़क

(4) वायुयान

Ans. (3)

9. निम्न में से कौन-से दो दूरस्थ स्थान पूर्वी-पश्चिमी गलियारे को आपस में जोड़ते हैं?

(1) मुंबई - नागपुर

(2) सिलचर - पोरबंदर

(3) मुंबई - कोलकाता

(4) नागपुर - हैदराबाद

Ans. (2)

10. उत्तर-दक्षिण गलियारा किन दो अंतिम सिरों के नगरों को जोड़ता है?

(1) अमृतसर और कन्याकुमारी

(2) श्रीनगर और कन्याकुमारी

(3) श्रीनगर और तिरुवनंतपुरम

(4) श्रीनगर और तूतीकोरिन

Ans. (2)

11. दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई को कौन सा मार्ग जोड़ता है?

(1) उत्तर-दक्षिण गलियारा

(2) पूर्वी-पश्चिमी गलियारा

(3) स्वर्णिम चतुर्भुज

(4) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2

Ans. (3)

12. दिल्ली और अमृतसर के बीच ऐतिहासिक शेरशाह सूरी मार्ग को किस राष्ट्रीय राजमार्ग के नाम से जाना जाता है?

(1) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -1

(2) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -2

(3) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -5

(4) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -4

Ans. (1)

13. भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग इनमें से कौन है?

(1) 8

(2) 7

(3) 33

(4) 15

Ans. (2)

14. देश के सीमांत क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण व उनकी देख-रेख कौन करता है?

(1) राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

(2) सीमा सड़क संगठन

(3) राज्य सरकार

(4) जिला परिषद

Ans. (2)

15. भारत में सड़कों को उसकी सक्षमता के आधार पर कितने वर्गों में बाँटा गया है?

(1) 2

(2) 4

(3) 6

(4) 8

Ans. (3)

16. राज्यों की राजधानियों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क क्या कहलाती है?

(1) राज्य राजमार्ग

(2) महा-राजमार्ग

(3) राष्ट्रीय राजमार्ग

(4) जिला मार्ग

Ans. (1)

17. किस प्रकार की सड़कों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में विशेष प्रोत्साहन मिला?

(1) राष्ट्रीय राजमार्ग

(2) राज्य राजमार्ग

(3) ग्रामीण सड़कें

(4) जिला सड़कें

Ans. (3)

18. रेल परिवहन के विवरण को प्रभावित करने के कारक कौन-कौन से हैं?

(1) भू-आकृति कारक

(2) आर्थिक कारक

(3) प्रशासनिक कारक

(4) उपर्युक्त सभी

Ans. (4)

19. देश की पहली रेलगाड़ी मुंबई और थाणे के बीच कब चलाई गई थी?

(1) 1856 में

(2) 1883 में

(3) 1853 में

(4) 1830 में

Ans. (3)

20. भारतीय रेल परिवहन को कितने रेल प्रखण्डों में बाँटा गया है?

(1) 4

(2) 16

(3) 8

(4) 12

Ans. (2)

21. उत्तरी रेलवे का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

(1) श्रीनगर

(2) भोपाल

(3) दिल्ली

(4) बेंगलुरु

Ans. (3)

22. निम्नलिखित में से परिवहन का कौन-सा साधन स्थानबद्ध बनातीयो तक पहोंच दे पता है?

(1) रेल परिवहन

(2) सड़क परिवहन

(3) जल परिवहन

(4) वायु परिवहन

Ans. (2)

23. पाइपलाइन परिवहन का उपयोग किसके वहन में होता है?

(1) कच्चा तेल एवं पेट्रोल

(2) प्राकृतिक गैस

(3) पानी

(4) इनमें से सभी

Ans. (4)

24. निम्न में से कौन-सा राज्य हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर पाइप लाइन से नहीं जुड़ा है?

(1) मध्य प्रदेश

(2) गुजरात

(3) महाराष्ट्र

(4) उत्तर प्रदेश

Ans. (3)

25. सबसे सस्ता परिवहन कौन-सा है?

(1) वायु परिवहन

(2) जल परिवहन

(3) सड़क परिवहन

(4) पाइपलाइन

Ans. (2)

26. भारत का सबसे बड़ा पत्तन (पोताश्रय) कहाँ है?

(1) कोलकाता

(2) मुंबई

(3) विशाखापत्तनम

(4) चेन्नई

Ans. (2)

27. देश का पुराना कृत्रिम पत्तन कौन सा है?

(1) विशाखापत्तनम

(2) तूतीकोरिन

(3) चेन्नई

(4) कोलकाता

Ans. (3)

28. निम्न में कौन सा पत्तन पूर्वी तट पर स्थित है जो अंत:स्थलीय तथा अधिक्षेत्रीय गहराई का पत्तन है तथा पूर्ण सुरक्षित है?

(1) चेन्नई

(2) पारादीप

(3) तूतीकोरिन

(4) विशाखापत्तनम

Ans. (4)

29. निम्नलिखित में से कौन सा समुद्री पत्तन लौह अयस्क के निर्यात में से प्रमुख पत्तन है?

(1) मंगलोर

(2) मार्मागाओ

(3) पारादीप

(4) विशाखापत्तनम

Ans. (2)

30. मार्मागाओ पत्तन भारत के किस राज्य में स्थित है?

(1) आंध्र प्रदेश

(2) महाराष्ट्र

(3) गोवा \

(4) गुजरात

Ans. (3)

31. कोलकाता पत्तन पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख पत्तनों में से किसका विकास किया गया?

(1) कांडला

(2) हल्दिया

(3) पारादीप

(4) मार्मागाओ

Ans. (2)

32. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पहला विकसित पत्तन कौन-सा है?

(1) हल्दिया

(2) मार्मागाओ

(3) पारादीप

(4) कांडला

Ans. (4)

33. भारत के सबसे दक्षिण में स्थित पत्तन कौन है?

(1) चेन्नई

(2) पारादीप

(3) कोच्चि

(4) तूतीकोरिन

Ans. (4)

34. निम्न में से कौन-सा शब्द दो या अधिक देशों के व्यापार को दर्शाता है?

(1) आंतरिक व्यापार

(2) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

(3) बाहरी व्यापार

(4) स्थानीय व्यापार

Ans. (2)

35. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत किस महाशक्ति के रूप में उभरा है?

(1) सॉफ्टवेयर

(2) जल-विद्युत

(3) कुटीर उद्योग

(4) स्मार्ट सिटी

Ans. (1)

36. हाल के वर्षों में भारत इनमें से किसके निर्यात में सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है?

(1) अयस्कों और खनिजों

(2) सूचना प्रौद्योगिकी

(3) कृषि उत्पाद

(4) इलेक्ट्रिकल सामान

Ans. (2)

मानचित्र कार्य (भूगोल)

छात्रों की सुविधा के लिए आगे महत्त्वपूर्ण परीक्षोपयोगी मानचित्र कार्य से संबंधित संकलन प्रस्तुत है। स्थान के साथ उनके लक्षण आदि का भी विवरण है जिससे प्रश्न किसी भी प्रकार पूछे जायें आप उनका सफलतापूर्वक उत्तर दे सकें।

Class 10 Geography (भूगोल) All Chapter MVVI Objective & Subjective Questions Answer

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JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class 10 

सामाजिक विज्ञान

विषय-सूची

इतिहास

भारत और समकालीन विश्व- 2

1.

यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

2.

भारत में राष्ट्रवाद

3.

भूमंडलीकृत विश्व का बनना

4.

औद्योगीकरण का युग

5.

मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

भूगोल

समकालीन भारत- 2

1.

संसाधन और विकास

2.

वन एवं वन्य जीव संसाधन

3.

जल संसाधन

4.

कृषि

5.

खनिज तथा उर्जा संसाधन

6.

विनिर्माण उद्योग

7.

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

नागरिक शास्त्र

लोकतांत्रिक राजनीति-2

1.

सत्ता की साझेदारी

2.

संघवाद

3.

लोकतंत्र और विविधता

4.

जाति, धर्म और लैंगिक मसले

5.

जन-संघर्ष और आंदोलन

6.

राजनीतिक दल

7.

लोकतंत्र के परिणाम

8.

लोकतंत्र के चुनौतियाँ

अर्थशास्त्र

आर्थिक विकास की समझ

1.

विकास

2.

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

3.

मुद्रा और साख

4.

वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

5

उपभोक्ता अधिकार

JAC वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2023 - प्रश्नोत्तर

 Class X Economics






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