प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 10
Social Science (Civics)
1. सत्ता की साझेदारी
वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
1. बेल्जियम में सामाजिक विभाजन का आधार है
A.
नस्ल
B.
जाति
C.
भाषा
D.
क्षेत्र
उत्तर-C.
भाषा
2 श्रीलंका में तमिल मुख्य रूप से कहां रहते हैं?
A.
उत्तर पूर्वी प्रांतों में
B.
पश्चिम दक्षिण प्रांतों में
C.
पश्चिमी उत्तर प्रांतों में
D.
दक्षिण पूर्वी प्रांतों में
उत्तर
- A. उत्तर पूर्वी प्रांतों में
3. श्रीलंका में बहुसंख्यक कौन है?
A.
तमिल
B.
सिंहली
C.
बौध
D.
इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
B. सिंहली
4. बेल्जियम में ड्चों की आबादी कितना प्रतिशत है?
A.
57
B.
58
C.
59
D.
60
उत्तर-
C. 59
5. बेल्जियम में मुख्य रूप से कौन सी भाषा बोली जाती है?
A.
जर्मन
B.
डच
C.
फ्रेंच
D.
जर्मन, डच, फ्रेंच
उत्तर
- D. जर्मन, डच, फ्रेंच
6. 1970 से 1993 के मध्य बेल्जियम के संविधान में कितने संशोधन किए
गए?
A.
4
B.
3
C.
5
D.
2
उत्तर-
A. 4
7. श्रीलंका में सिंहली भाषा को एकमात्र राजभाषा के रूप में घोषित कब
किया गया?
A.
1957
B.
1959
C.
1956
D.
1953
उत्तर-
C. 1956
8. भारत में किस प्रकार की शासन प्रणाली है?
A.
संसदीय
B.
एकात्मक
C.
एकपक्षीय
D.
इनमें से कोई नहीं
उत्तर
-A. संसदीय
9. श्रीलंका में तमिल देश की कुल जनसंख्या का कितना प्रतिशत है?
A.
19%
B.
29%
C.
17%
D.
18%
उत्तर-D.
18%
10. श्रीलंका में सिंहली देश की कुल आबादी का कितना प्रतिशत है?
A.
74%
B.
76%
C.
72%
D.
78%
उत्तर-A.
74%
11. श्रीलंका में सत्ता की साझेदारी का क्या आधार है?
A.
अल्पसंख्यक वाद
B.
बहुसंख्यक वाद
C.
क और ख दोनों
D.
इनमें से कोई नहीं
उत्तर-B.
बहुसंख्यक वाद
12. कौन सी जातीय समूह ब्रुसेल्स में बहुसंख्यक है?
A.
जर्मन भाषी
B.
इंग्लिश भाषी
C.
फ्रांसीसी भाषी
D.
डच भाषी
उत्तर
-C. फ्रांसीसी भाषी
13. श्रीलंका का राजकीय धर्म क्या है?
A.
इस्लाम
B.
हिन्दू
C.
ईसाई
D.
बौद्ध
उत्तर
-D. बौद्ध
14. भारत में क्षेत्रीय सरकार के लिए दूसरा नाम क्या है?
A.
प्रांतीय सरकार
B.
राज्य सरकार
C.
सामुदायिक सरकार
D.
इनमें से कोई नहीं
उत्तर-B.
राज्य सरकार
15. बेल्जियम को स्वतंत्रता कब प्राप्त हुई?
A.
4 अक्टूबर 1830
B.
19 अप्रैल 1828
C.
4 अक्टूबर 1835
D.
4 अक्टूबर 1840
उत्तर
– A. 4 अक्टूबर 1830
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. सत्ता की साझेदारी किसे कहते हैं?
उत्तर-
शासन की व्यवस्था में समाज के प्रत्येक समूह और समुदाय की समान भागीदारी होती है उसे
सत्ता की साझेंदारी कहते हैं।
2. सत्ता की भागीदारी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
देश के नागरिकों द्वारा सरकारी स्तर पर कोई भी निर्णय लेने या कानून निर्माण
प्रक्रिया को प्रभावित करने को सत्ता की भागीदारी कहते हैं।
3. सत्ता की साझेदारी से क्या लाभ है?
उत्तर-
सत्ता की साझेदारी के लाभ –
1.
सभी नागरिकों को शासन प्रणाली में भाग लेने का समान अवसर मिलता है।
2
सत्ता की साझेदारी से समाज की सभी समूहों के बीच टकराव नहीं होता है और शांति बनी रही
है, जिससे राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की भावना बनी रहती है।
4. सामुदायिक सरकार किसे कहते हैं?
उत्तर
- सामुदायिक सरकार उसे कहते हैं, जिसमें विभिन्न सामाजिक समूह को अपने समुदायों से
संबंधित मामलों को संभालने की शक्ति दी जाती है और उस से आशा की जाती है कि वह
किसी भी समुदाय को कमजोर किए बिना आम जनता के लाभ के लिए संयुक्त रूप से काम करें।
5. गृहयुद्ध का क्या अर्थ है?
उत्तर-
किसी देश में सरकार और विरोधी समूह की हिंसक लड़ाई ऐसा रूप ले लेगी कि वह युद्ध सा
लगने लगे, उसे गृहयुद्ध कहते हैं।
6. बेल्जियम को स्वतंत्रता कब प्राप्त हुई?
उत्तर-
बेल्जियम को स्वतंत्रता 4 अक्टूबर 1830 ईसवी को मिली परंतु उसे मान्यता 19 अप्रैल
1839 को दी गई।
7. श्रीलंका की कुल आबादी में सिंहलियों और तमिलों की आबादी का क्या
अनुपात है?
उत्तर-
श्रीलंका की कुल आबादी में सिंहलियों की आबादी 74% है जबकि तमिलों की 18%।
8. सत्ता के क्षैतिज वितरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
सत्ता का क्षैतिज वितरण का अर्थ होता है सरकार के विभिन्न अंगों कार्यपालिका,
विधायिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बंटवारा। जिसमें सरकार अपने अपने
शक्तियों का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. बेल्जियम की समाज की जातीय बनावट का वर्णन करे?
उत्तर-
बेल्जियम यूरोप का एक छोटा सा देश है जिसकी आबादी हरियाणा से भी आधी है। इस राज्य
की जनसंख्या लगभग एक करोड़ है। यहां मुख्यतः तीन तरह की भाषा बोलने वाले लोग रहते
हैं डच, फ्रेंच और जर्मन। इसमें 59 प्रतिशत लोग डच, 40% फ्रेंच और 1% लोग जर्मन
भाषा बोलते हैं। बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स है। ब्रुसेल्स में 80% लोग फ्रेंच
भाषा बोलते हैं जबकि 20% डच भाषी हैं। इस छोटे से देश के समाज की जातीय बनावट बहुत
जटिल है। अल्पसंख्यक फ्रेंच भाषी लोग तुलनात्मक रूप से ज्यादातर समृद्ध और ताकतवर
है। उनकी इस स्थिति के कारण डच भार्षी लोगों की नाराजगी थी। जिसके कारण 1950 और
1960 के दशक में फ्रेंच और डच बोलने वाले समूह के बीच तनाव बढ़ने लगा।
2. श्रीलंका के समाज की
जातीय बनावट की व्याख्या करें?
उत्तर-
भारत के दक्षिण तट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्रीलंका एक द्वीपीय देश है।
इसकी आबादी लगभग 2 करोड़ है। श्रीलंका में दो जातीय समूह के लोग रहते हैं-१.
सिंहली और २.तमिल। श्रीलंका की आबादी का 74% भाग सिंहली और 18% लोग तमिल हैं।
अधिकतर सिंहली लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं जबकि तमिलों में कुछ हिंदू, कुछ
मुसलमान है। अल्पसंख्यक तमिल देश के उत्तर पूर्वी भागों में रहते है और बाकी देश
के हिस्सों में बहुसंख्यक सिहंली निवास करते हैं। श्रीलंका की आबादी में ईसाई
लोगों का हिस्सा 7% है और वे सिंहली और तमिल दोनों भाषाएं बोलते हैं।
3. श्रीलंका में सिंहली और तमिल समुदाय के बीच तनाव के क्या कारण थे?
अथवा
श्रीलंका में सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था के बारे में चर्चा
करें?
उत्तर-
श्रीलंका में सिंहली बहुसंख्यक और तमिल अल्पसंख्यक है। श्रीलंका के बहुसंख्यक
समुदाय अर्थात सिंहली समुदाय ने अपनी बहू संख्या के बल पर प्रभुत्व जमाने का
प्रयास किया और इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए-
1.
तमिल भाषा की अवहेलना करते हुए सिंहली भाषा को देश की एकमात्र राजभाषा घोषित किया।
2.
विश्वविद्यालय तथा सरकारी नौकरियों में सिंहलियो को प्राथमिकता दी गई।
3.
बौद्ध धर्म को सरकारी संरक्षण दिया गया।
उपर्युक्त
सत्ता विभाजन के परिणाम स्वरूप श्रीलंका में तमिल समुदाय और सिंहली समुदायों के
बीच तनाव फैलने लगा और दोनों समुदायों के बीच संबंध बिगड़ते चले गए।
4. सत्ता की साझेदारी क्यों जरूरी है?
उत्तर-
सत्ता की साझेदारी इसलिए जरूरी है क्योंकि सत्ता का बंटवारा होने से विभिन्न
सामाजिक समूह के बीच टकराव कम हो जाता है। टकराव कम होने से सामाजिक हिंसा और
अस्थिरता कम हो जाती है। सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र का
अर्थ होता है जनता द्वारा शासन। जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि अपने-अपने कार्य
के प्रति उत्तरदायी होते हैं। जब उनके बीच सत्ता की साझेदारी कर दी जाती है तो भी
अपने उत्तरदायित्व का निष्पादन स्वतंत्र रूप से कर सकते हैं। संविधान द्वारा उनके
कार्य और अधिकार दे दिए जाते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. सत्ता की साझेदारी से संबंधित बेल्जियम मॉडल और श्रीलंकाई मॉडल में
अंतर बताएं?
उत्तर-
सत्ता की साझेदारी से संबंधित बेल्जियम मॉडल और श्रीलंकाई मॉडल में अंतर
1.
बेल्जियम व श्रीलंका दोनों ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपनाया है लेकिन सत्ता की साझेदारी
से संबंधित दोनों देशों की विचार अलग-अलग थे, बेल्जियम में क्षेत्रीय अंतर और सांस्कृतिक
विविधता को देखते हुए समन्वय एवं समुचित प्रतिनिधित्व वाली सामुदायिक सरकार का रास्ता
अपनाया वही श्रीलंका में बहुसंख्यक वाद को प्रश्रय दिया गया।
2
बेल्जियम में विभिन्न समूह और क्षेत्रों को सत्ता में भागीदार बनाते हुए राष्ट्रीय
एकता, समन्वय एवं शांति का प्रयास किया गया। इसके विपरीत श्रीलंका में ऐसा नहीं किया
गया क्योंकि वहां बहुसंख्यक वर्ग अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहते थे। श्रीलंका में
विभिन्न समूहों तथा क्षेत्रों की सत्ता में हिस्सेदारी को राष्ट्रीय एकता पर खतरे के
रूप में देखा गया।
3
बेल्पियम में डच भाषी बहुसंख्यक और फ्रेंच भाषी अल्पसंख्यक है, परंतु वहां इस बात की
व्यवस्था की गई है कि केंद्रीय सरकार में डच और फ्रेंच भाषी मंत्रियों की संख्या समान
होगी। इसके विपरीत श्रीलंका में सिंहली बहुसंख्यक और तमिल अल्पसंख्यक है। श्रीलंका
के सिंहली समुदाय ने अपनी बहुसंख्या के बल पर शासन पर प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया
तथा कई ऐसे कदम उठाए जिससे अल्पसंख्यक तमिल समुदाय के हितों की हानि हुई। परिणाम स्वरूप
श्रीलंका के तमिल समुदाय में तनाव फैला और दोनों समुदायों के बीच संबंध बिगड़ते चले
गए।
2. बेल्जियम में सत्ता की
साझेदारी की व्यवस्था की चर्चा करें?
अथवा
बेल्जियम में अपनाए गए सत्ता विभाजन के मॉडल की चार मुख्य
विशेषताएं बताएं?
उत्तर-
बेल्जियम के सत्ता की साझेदारी के मॉडल की मुख्य विशेषताएं
1
संविधान में स्पष्ट रूप से इस बात की व्यवस्था की गई है कि केंद्रीय सरकार में डच और
फ्रेंच भाषी मंत्रियों की संख्या समान होगी।
2
कुछ विशेष कानून तभी बनाए जा सकते हैं जब दोनों भाषाई समुदाय के प्रतिनिधियों का बहुमत
उसके पक्ष में हो कोई एक समुदाय एकतरफा फैसला नहीं कर सकता है।
3.
शासन की शक्तियों का विभाजन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच स्पष्ट रूप से कर दिया
गया है किसी भी मामले में राज्य सरकारें, केंद्रीय सरकार के अधीन नहीं है।
4.
ब्रुसेल्स में अलग सरकार है जहां दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों को समान प्रतिनिधित्व
प्राप्त है।
5.
बेल्जियम में केन्द्रीय और राज्य सरकार के अतिरिक्त एक तीसरे स्तर की सरकार में
प्रतिनिधियों का चुनाव अलग- अलग भाषा बोलने वाले समुदायों द्वारा होता समुदायिक
सरकार कहते हैं। यह सरकार संस्कृति, शिक्षा और भाषा जैसे मामलों में निर्णय करती
है।
3. आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके
क्या है?
अथवा
सत्ता की साझेदारी के किन्हीं चार रूपों की व्याख्या करें?
उत्तर-
आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके निम्नलिखित
है-
1.
सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का विभाजन- सरकार
के तीन अंग होते हैं विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। सरकार के तीनों अंगों के
बीच सत्ता का विभाजन किया गया है। इससे किसी अंग द्वारा अपनी शक्तियों के दुरुपयोग
की संभावना नहीं रहती है। इस विभाजन से यह लाभ होता है कि सरकार के एक अंग दूसरे अंग
की सत्ता पर अंकुश रखते हैं, जिससे सरकार के तीनों अंगों के बीच संतुलन बना रहता है।
| जैसे-भारत, भारत में सरकार के तीन अंग है-
विधायिका-
विधायिका का कार्य देश के शासन के लिए कानून बनाना।
कार्यपालिका-
कार्यपालिका का कार्य कानून को लागू करना।
न्यायपालिका-
न्यायपालिका का कार्य कानून की व्याख्या करना है। शक्ति के ऐसे बंटवारे को संत्ता
का क्षैतिज वितरण कहा जाता है।
2.
विभिन्न स्तरों पर गठित सरकारों के बीच सत्ता का विभाजन-
सामान्यतः प्रशासन व्यवस्था को तीन स्तरों पर विभाजित किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर
पर केंद्रीय सरकार, प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तर पर राज्य सरकार और सबसे निचले स्तर
पर स्थानीय सरकार। सत्ता का विभाजन सभी स्तरों पर गठित सरकारों के बीच कर दिया जाता
है। भारत में भी दो स्तरों की सरकारों के गठन की व्यवस्था की गई है, केंद्र सरकार और
राज्य सरकार। संविधान के द्वारा दोनों सरकारों के बीच सत्ता का विभाजन कर दिया गया
है। इस उद्देश्य से तीन सूचियां बनाई गई है. संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची।
3.
विभिन्न समुदायों के बीच सत्ता का विभाजन-
किसी भी लोकतांत्रिक राज्य में विभिन्न समुदाय के लोग रहते हैं । धर्म, जाति, भाषा
आदि के आधार पर उन्हें मुख्यतः दो वर्गों में बांटा जाता है बहुसंख्यक एवं अल्पसंख्यक।
सत्ता का बंटवारा इस प्रकार किया जाता है कि अल्पसंख्यक समुदाय और बहुसंख्यक समुदाय
दोनों सत्ता में भागीदार रह सके। बेल्जियम की सामुदायिक सरकार इस व्यवस्था का एक उत्तम
उदाहरण है।
4.
गैर सरकारी संस्थाओं में सत्ता का विभाजन-गैर
सरकारी संस्थाएं भी सत्ता में भागीदारी के लिए प्रयत्नशील रहती है। किसी भी देश में
राजनीतिक दल, हित समूह, संघ तथा संगठन भी अपने प्रभाव से सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित
कर लेते हैं। अनेक पार्टियां मिलकर सरकार का निर्माण करती है, तो सत्ता का बंटवारा
विभिन्न पार्टियों में कर दिया जाता है।
4. भारतीय संदर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका
एक युक्ति परक और एक नैतिक कारण बताएं?
अथवा
सत्ता की साझेदारी के पक्ष में कौन से तर्क दिए जाते हैं?
उत्तर
- सत्ता की साझेदारी के पक्ष में दिए जाने वाले तर्क राजनीतिज्ञों ने सत्ता की
साझेदारी के पक्ष में अनेक तर्क दिए हैं जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं-
1.
युक्तिपरक कारण-
(क)
सत्ता की साझेदारी विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच टकराव को कम करता है।
(ख)
यह पक्षपात अर्थात राजनीतिक व्यवस्था में हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता को कम करता है।
(ग)
यह विभिन्न विविधताओं को अपने में समेट लेती है।
(घ)
यह लोगों में राजनीतिक जागरूकता लाती है जिससे सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ जाती
है।
2.
नैतिक कारण-
(क)
सत्ता के विभाजन से सभी सरकारों को शासन की प्रक्रिया में भाग लेने से राजनीतिक दलों
को पूर्ण न्याय मिल जाता है।
(ख)
सत्ता की साझेदारी से अल्पसंख्यकों को समानता के आधार पर भागीदारी मिलती है, अतः राजनितिक
व्यवस्था में आक्रोश की भावना नहीं पनपती है।
(ग)
शक्ति विकेंद्रीकरण से सरकार के तीनों अंगों को अलग- अलग शक्तियां सौप दी जाती है और
वे किसी भी अन्य कार्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं जिससे केंद्रीय और राज्यों
की सरकार में शांति का वातावरण बना रहता है।
(घ)
कानूनों का निर्माण या कोई भी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते हैं अतः लिया गया निर्णय
या कानून सबको मान्य होते हैं।
5. सत्ता की साझेदारी क्या
है, और इसके क्या-क्या लाभ है?
उत्तर-
सत्ता की साझेदारी एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें समाज के प्रत्येक
समूह और समुदाय की भागीदारी होती है। आज इस साझेदारी में समाज के किसी भी व्यक्ति
के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार नहीं किया जाता है।
सत्ता
की साझेदारी के लाभ-
1.
सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र का मूल मंत्र है जिसके बिना लोकतंत्र की कल्पना नहीं की
जा सकती है।
2.
लोगों की शासन की प्रक्रिया में सहभागिता से देश मजबूत होता है।
3.
सत्ता की साझेदारी में भेदभाव का कोई स्थान नहीं है। सभी लोगों के हितों को ध्यान में
रखा जाता है, और उनकी भावनाओं का आदर किया जाता है। जिससे लोगों के बीच संघर्ष कम हो
जाता है, और जिस देश में टकराव की भावना नहीं रहती वह देश प्रगति की ओर आगे बढ़ता है।
4.
समाज के सभी वर्गों अथवा समूहों को शासन व्यवस्था में भाग लेने का अवसर मिलता है।
5. समाज में शांति बनी रहती है क्योंकि समाज के विभिन्न समूह के बीच टकराव नहीं होता है जिसे राष्ट्रीय एकता की भावना का मार्ग प्रशस्त होता है।
विषय-सूची
इतिहास | भारत और समकालीन विश्व- 2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
भूगोल | समकालीन भारत- 2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
नागरिक शास्त्र | लोकतांत्रिक राजनीति-2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
अर्थशास्त्र | आर्थिक विकास की समझ |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5 | |