10th Social Science (Geography) 6. विनिर्माण उद्योग

10th Social Science (Geography) 6. विनिर्माण उद्योग

10th Social Science (Geography) 6. विनिर्माण उद्योग


प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 10

Social Science (Geography)

6. विनिर्माण उद्योग

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. प्रथम सीमेंट केंद्र कहां लगाया गया था?

A चेन्नई

B. कोलकाता

C. भटिंडा

D. लखनऊ

उत्तर- A चेन्नई

2. भारत के 60% इस्पात केंद्र किन राज्यों में स्थित है?

A. केरल तथा तमिलनाडु

B. उत्तर प्रदेश तथा बिहार

C. हरियाणा तथा पंजाब

D. उड़ीसा तथा झारखंड

उत्तर - D. उड़ीसा तथा झारखंड

3. टेलीफोन कंप्यूटर आदि का निर्माण करने वाला उद्योग कौन सा है?

A. इलेक्ट्रॉनिक

B. इस्पात

C. सूचना प्रौद्योगिकी

D. एल्युमिनियम

उत्तर- A इलेक्ट्रॉनिक

4. निम्नलिखित में से कृषि पर आधारित उद्योग है:-

A कंप्यूटर

B चीनी

C. उर्वरक

D. लोहा तथा इस्पात

उत्तर-B. चीनी

5. निम्नलिखित में से सार्वजनिक केंद्रों के लिए इस्पात का क्रय विक्रय करने वाले एजेंसी कौन है?

A एस.ए.आई.एल

B. टाटा इस्पात

C. एन. एन. सी. सी

D. एच. ए.आई. एल

उत्तर-C. एन. एन. सी. सी

6. निम्नलिखित में से किस उद्योग में कच्चे पदार्थ के रूप में बॉक्साइट का प्रयोग होता है:-

A. चीनी

B. एलमुनियम

C. कपड़ा

D. इस्पात

उत्तर - B. एलमुनियम

7. भारत में जूट उत्पादन किस राज्य का महत्वपूर्ण स्थान है?

A . जम्मू और कश्मीर

B. पश्चिम बंगाल

C. उत्तर प्रदेश

D. महाराष्ट्र

उत्तर B. पश्चिम बंगाल

8. निम्न में से कौन सा उद्योग चूना पत्थर को कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त करता है?

A एल्युमीनियम

B. सीमेंट

C. प्लास्टिक

D. मोटर गाड़ी

उत्तर B. सीमेंट

9. निम्न में से कौन सी एजेंसी सार्वजनिक क्षेत्र में स्टील बाजार को उपलब्ध कराती है?

A. HAIL

B. SAIL

C. Tata Steel

D. MNCC

उत्तर-B. SAIL

10. निम्न में से कौन सा उद्योग बॉक्साइट को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करता है?

A. एलुमिनियम प्रगलन

B. कागज

C. सीमेंट

D. स्टील

उत्तर- A एलुमिनियम प्रगलन

11. निम्न में से कौन सा उद्योग दूरभाष कंप्यूटर आदि संयंत्र निर्मित करते हैं?

A स्टील

B. इलेक्ट्रॉनिक

C. एल्यूमीनियम प्रगलन

D. सूचना प्रौद्योगिकी

उत्तर D. सूचना प्रौद्योगिकी

12. लौह इस्पात उद्योग को क्या कहा जाता है?

A हल्का उद्योग

B. मध्यम उद्योग

C. कृषि आधारित उद्योग

D. आधारभूत उद्योग

उत्तर-D. आधारभूत उद्योग

13. पटसन उद्योग के हुगली नदी पर केंद्रित होने का क्या कारण है?

A कच्चा माल

B. सस्ता जल परिवहन

C. बाजार की सुविधा

D. इनमें से सभी

उत्तर- D. इनमें से सभी

14. भिलाई इस्पात कारखाना किस राज्य में है?

A छत्तीसगढ़

B. मध्य प्रदेश

C. उड़ीसा

D. कर्नाटक

उत्तर- A छत्तीसगढ़

15. पहला सफल सूती वस्त्र उद्योग 1854 में कहां लगाया गया था?

A. अमृतसर

B. कोलकाता

C. मुंबई

D. दिल्ली

उत्तर-C. मुंबई

अति लघु उत्तरीय प्रश्नः-

1. विनिर्माण क्या है?

उत्तर- कच्चे पदार्थों को मूल्यवान उत्पादों में परिवर्तित करने तथा अधिक मात्रा में उनका उत्पादन करने की प्रक्रिया को वस्तु निर्माण या विनिर्माण कहा जाता है।

2. भारत में कृषि पर आधारित प्रमुख उद्योग कौन-कौन से हैं?

उत्तर- कपड़ा उद्योग, चीनी उद्योग, वनस्पति उद्योग, कागज उद्योग, पटसन, वस्त्र उद्योग।

3. उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारकों के नाम बताएं!

उत्तर-

क. कच्चे माल की उपलब्धि

ख. शक्ति के विभिन्न साधन

ग. अनुकूल जलवायु

4. उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले किन्ही तीन मानवीय कारकों के नाम बताएं!

उत्तर

क. सस्ते श्रमिकों की उपलब्धि

ख. संचार एवं परिवहन के साधन

ग. पूंजी एवं बैंक की सुविधाएं।

5. हल्के उद्योग किसे कहा जाता है?

उत्तर- हल्के उद्योग से तात्पर्य है कि जिस उद्योग में लागत कम लगती है और श्रमिक भी काफी संख्या में काम करते हैं तथा इन में उपयोग होने वाले कच्चा माल का उपयोग कम मात्रा में होता है। उदाहरण स्वरूप बिजली के पंखे, सिलाई की मशीन।

लघु उत्तरीय प्रश्नः-

1. आधारभूत उद्योग क्या है? उदाहरण देकर बताएं।

उत्तर- तैयार माल की प्रकृति के आधार पर उद्योगों का विभाजन निम्नांकित वर्गों में कर सकते हैं-

क. मूल उद्योगः वे महत्वपूर्ण उद्योग जिन पर अन्य उद्योग आधारित होते हैं मूल उद्योग या बुनियादी उद्योग कहलाते हैं। जैसे लोहा और इस्पात उद्योग तथा भारी मशीन निर्माण उद्योग इसी वर्ग के उद्योग हैं।

ख. उपभोक्ता उद्योगः वे उद्योग जो वस्तुओं का उत्पादन मुख्यतः लोगों के उपभोग के लिए करते है, उपभोक्ता उद्योग कहलाते हैं। दिल्ली दुग्ध योजना और फाउंटेन पेन उद्योग उपभोक्ता उद्योग के उदाहरण है।

2. उद्योगों का क्या महत्व है?

उत्तर- उद्योगों का महत्वः-

क. उद्योग किसी देश की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

ख. उद्योगों के द्वारा लोगों के दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं का निर्माण किया जाता है और उद्योग लोगों की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

ग. उद्योगों के द्वारा निर्मित वस्तुएं देश विदेश में बेचकर विदेशी मुद्रा कमाई जा सकती है जिससे राष्ट्रीय धन में वृद्धि होती है।

3. उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं?

उत्तर-

अ. उद्योगों ने चार प्रकार के प्रदूषण को जन्म दिया है:-

क. वायु प्रदूषण

ख. जल प्रदूषण

ग. भूमि प्रदूषण

घ. ध्वनि प्रदूषण

आ. उद्योगों से निकलने वाला धुआं वायु तथा जल दोनों को प्रदूषित करता है। वायु में कार्बन मोनोऑक्साइड तथा सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाने से अवांछनीय गैसों की मात्रा बढ़ जाती है तथा वायु प्रदूषित हो जाती है।

इ. वायु में धूल, धुआं तथा धुंध मिले रहते हैं इससे वायुमंडल प्रभावित होता है।

ई. उद्योगों से निकला कचरा विषाक्त होता है और भूमि तथा मिट्टी को प्रदूषित करता है।

उ. जिस समय पर्यावरण के विभिन्न तत्व प्रदूषित हो जाते हैं तो पूरा पर्यावरण क्षति हो जाता है।

ऊ. मशीनों की आवाज से ध्वनि प्रदूषण फैलती है।

4. भारत में कृषि आधारित उद्योग में भारतीय अर्थव्यवस्था का क्या महत्व है?

उत्तर- जो उद्योग कृषि पर आधारित होते हैं उनको कृषि आधारित उद्योग कहते हैं, इन कृषि को आधारित उद्योगों का भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना विशेष महत्व है जो निम्नलिखित है:-

क. वे दैनिक जीवन में काम आने वाली अनेक वस्तुओं का निर्माण करते हैं और लोगों की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

ख. कृषि प्रधान देश के लिए कृषि पर आधारित उद्योगों का अपना विशेष महत्व है कच्चा माल हमारे देश में है प्रयोग हो जाता है और तैयार होने पर उसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में हमारी आय मैं कई गुना बढ़ोतरी हो जाती है।

5. रसायन उद्योग का क्या अर्थ है ? रसायन उद्योग का महत्व बताएं।

उत्तर- रसायन उद्योग का अर्थ-वह उद्योग जो भारी रसायनों से अनेक उत्पाद जैसे औषधियां, रंगाई का सामान, कीटनाशक दवाई, प्लास्टिक, पेंट आदि बनाता है उसे रसायन उद्योग कहते हैं।

रसायन उद्योग का महत्वः भारत में अनेक रासायनिक पदार्थों का उत्पादन किया जाता है जैसे दवाइयां, कीटनाशक दवाइयां, रंगने के मसाले, रंग, प्लास्टिक आदि कीटनाशक दवाइयों का कृषि के क्षेत्र में अपना विशेष महत्व है।

6. भारत के अधिकांश जूट मिल पश्चिम बंगाल में क्यों स्थित है?

उत्तर- भारत में अधिकांश जूट मिल के पश्चिम बंगाल में स्थित होने के कारण निम्नलिखित हैं

क. पश्चिम बंगाल में पटसन की खेती काफी होती है इसलिए इन उद्योगों के लिए कच्चा माल मिल जाता है।

ख. कोलकाता बहुत बड़ा महानगर है जिसके कारण पटसन से बनने वाले बोरी और वस्त्रों की खपत हो जाती है

ग. बंगाल में आबादी अधिक होने के कारण इन उद्योगों के लिए सस्ते मजदूर मिल जाते हैं। घ. बंगाल में यातायात साधनों का काफी विकास हो चुका है इसलिए यहां उद्योगों तक कच्चा माल लाने और जूट से बने सामान को बाहर भेजने में आसानी होती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नः-

1. समन्वित इस्पात उद्योग मिनी इस्पात उद्योगों से कैसे भिन्न है? उद्योग की क्या समस्याएं हैं? किन सुधारों के अंतर्गत इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ी है।

उत्तर- समन्वित इस्पात उद्योग और मिनी इस्पात उद्योग मैं अंतर:-

क. समन्वित इस्पात उद्योग आकार में मिनी इस्पात उद्योग की तुलना में काफी बड़े होते हैं।

ख. समन्वित इस्पात उद्योगों में इस्पात से संबंधित सभी कार्य एक ही कंपलेक्स में होते हैं। कच्चे माल से लेकर इस्पात बनाने इसे ढालने तथा उसे आकार देने तक है।

ग. जबकि मिनी इस्पात कारखानों में रद्दी इस्पात वह स्पज आयरन का प्रयोग होता है इसे संकलित इस्पात उद्योगों से मिलता है।

घ. जबकि संमनिवत इस्पात कारखाने में सभी प्रकार का इस्पात तैयार होता है वही मिनी इस्पात कारखानों में केवल मृदु और मिश्रित इस्पात का निर्माण होता है।

इस्पात उद्योग की समस्याएं:-

क. इसको चीन जैसे इस्पात निर्यातक देशों की प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करना पड़ता है।

ख. इसे उच्च लागत तथा कोकिंग कोयले की सीमित उपलब्धि का सामना करना पड़ता है।

ग. अविकसित अवसंरचना इसके मार्ग में कई रुकावटें पैदा करती है।

घ. कम श्रमिक उत्पादकता उत्पादकता भी एक समस्या है।

च. ऊर्जा की अनियमित आपूर्ति भी इसके लिए कठिनाई पैदा कर देती है।

निम्नलिखित सुधारों ने इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया है:-

क. उदारीकरण ने इस उद्योग को काफी प्रोत्साहन दिया है।

ख. निजी क्षेत्र में अनेक उद्यमियों ने भी अपने प्रयत्नों से इन उद्योगों को काफी प्रोत्साहन दिया है।

ग. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से भी इस उद्योग को पनपने में काफी सहायता मिली है।

परंतु विकास के साधनों को नियम करने और अनुसंधान से इस्पात उद्योग की प्रगति को और तेज किया जा सकता है।

2. उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों की चर्चा करें!

उत्तर- उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के विभिन्न उपाय:-

क. जल शक्ति का प्रयोग हमें कोयले, लकड़ी या खनिज तेल से पैदा की गई बिजली जो हवा प्रदूषित करती है के स्थान पर जल द्वारा पैदा की गई बिजली का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे में वातावरण में कम धुआं जाएगा जिससे वह काफी शुद्ध रहेगा।

ख. तापीय बिजली पैदा करने में अच्छी प्रकार के कोपले का प्रयोग:- बहुत से वैज्ञानिकों का ऐसा सुझाव है कि यदि कोयले से तापीय बिजली पैदा करनी हो तो उत्तम श्रेणी के कोयले का प्रयोग करना चाहिए जो कम धूआ छोड़े ऐसे में वातावरण का प्रदूषण कम होगा।

ग. कारखानों को नगरों से दूर ले जाना:- ऐसे सभी फैक्ट्रियों को जो वातावरण में छूआ एवं जहरीली गैस छोड़ते हैं, उन्हें शहरों से दूर ले जाना चाहिए, ताकि वह नगरों के वातावरण को और प्रदूषित ना करें इस दिशा में उच्चतम न्यायालय ने बड़ी प्रशंसनीय कार्य किया है। जब दिल्ली सरकार को यह आदेश दिया गया कि वह प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों को कॉर्पोरेशन की सीमाओं से बाहर ले जाए

घ. प्रदूषित जल को नदियों में छोड़ने से पहले जल को उपचारित करना चाहिए: यदि फैक्ट्रियों के जल को नदियों में फेंकना ही है तो उससे पहले उपचारित कर लेना चाहिए ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है

च. प्रदूषित जल को पुनः चक्रीय क्रिया - अच्छा हो यदि फैक्ट्रियों से निकले प्रदूषित जल को वही इकट्ठा करके रासायनिक प्रक्रिया द्वारा उसे साफ किया जाए, और बार- बार प्रयोग में लाया जाए, ऐसे में नदियों और आसपास की भूमि का प्रदूषण काफी हद तक रुक जाएगा।

छ. कठोर नियमों के पास किए जाने की आवश्यकताः जो उद्योग उपयुक्त उपचारों को ना अपनाएं उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है उन्हें आसपास के वातावरण को खराब करने नहीं देना चाहिए।। और प्रदूषण फैलाने से रोकना चाहिए । उन पर भारी जुर्माने भी किए जाने चाहिए। ताकि जनसाधारण के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो सके।

3. भारतीय सूती वस्त्र उद्योग किन किन समस्याओं का सामना कर रहा है? इन समस्याओं को हल करने के उपाय बताएं!

उत्तर भारतीय सूती वस्त्र उद्योग निम्नलिखित समस्याओं का सामना कर रहा है:

क. पहली समस्या यह है कि इस उद्योग की तकनीकी बहुत पुरानी और बेकार हो चुकी है।

ख. सूती कपड़े के मिल बहुत पुरानी हो चुकी है जिस कारण उनके बनाए रखने पर बहुत खर्च आता है, भवन और मशीनरी जो जीर्ण अवस्था में है, जिनके कारण उत्पादन खर्च बहुत आ जाता है, परिणाम स्वरूप बेकारी और औद्योगिक जड़ता उत्पन्न हो जाती है।

ग. हमारे देश में पैदा होने वाले कपास लंबे रेशे वाली नहीं होती इसलिए हमें लंबे रेशे वाली कपास का विदेशी विशेषकर मिस्र से आयात करना पड़ता है

समस्याओं को हल करने के उपाय:-

क. हमें पुरानी तकनीक में सुधार करके सूती वस्त्र बनाने की नवीनतम तकनीक को अपनाना चाहिए।

ख. सूती कपड़ों के मिलो एवं कारखानों में निपुणता और बचत लानी होगी ताकि फिजूल खर्च को रोका जा सके यह इसलिए आवश्यक है कि हमें मिले बंद ना करनी पड़े और कारीगरों की छटनी करने की नौबत ना आए।

ग. हमें अपने देश में ही लंबे रेशे के कपास का उत्पादन करना चाहिए ताकि विदेशी मुद्रा की बचत के साथ-साथ कपड़ा भी बढ़िया बनाया जा सके।

4. लोहा और इस्पात उद्योग केवल प्रायद्वीपीय भारत में ही क्यों स्थित है?

उत्तर - प्रायद्वीपीय भारत प्राचीन कठोर चट्टानों द्वारा निर्मित है जो खनिज संपदा की दृष्टि से संपन्न है इस क्षेत्र में भारत के 6 प्रमुख लौह इस्पात केंद्र स्थित हैं जो निम्नलिखित हैं:- जमशेदपुर बोकारो, कुल्टी, बर्नपुर, दुर्गापुर, राउरकिला, भिलाई।

प्रायद्वीपीय भारत में लौह इस्पात केंद्र के स्थित होने के कारण निम्नलिखित हैं:-

क. कच्चे माल की उपलब्धताः- लौह उद्योग को कच्चा माल भारी होता है तथा अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है इसलिए लौह उद्योग कच्चे माल के क्षेत्र के निकट स्थापित किए जाते हैं प्रायद्वीपीय भारत लौह अयस्क, मैग्नीज, चूना पत्थर, आदि खनिजों में धनी है।

ख. जलापूर्तिः इस उद्योग में जल अधिक मात्रा में उपयोग होता है जिसकी पूर्ति इस क्षेत्र में प्रवाहित दामोदर, महानदी, गोदावरी एवं इसकी सहायक नदियों के द्वारा होता है

ग. शक्ति के संसाधनः ऊर्जा के साधन के रूप में कोयला एवं जल विद्युत का अधिक उपयोग होता है जो इस क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।

घ. परिवहन एवं व्यापारः-क्षेत्र में सड़क एवं रेल मार्ग का अच्छा विकास हुआ है साथ ही समुद्री पतन की भी सुविधा है जैसे कोलकाता, विशाखापट्टनम, चेन्नई एवं मुंबई। इ. सस्ते श्रमिकः घनी जनसंख्या के कारण सस्ते दर पर श्रमिक उपलब्ध हो जाते हैं।

कर्नाटक के दो लौह एवं इस्पात संयंत्र के नाम पर भद्रावती एवं विजयनगर तथा पश्चिम बंगाल के दो लौह और इस्पात संयंत्र के नाम बर्नपुर और दुर्गापुर हैं।

विषय-सूची

इतिहास

भारत और समकालीन विश्व- 2

1.

यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

2.

भारत में राष्ट्रवाद

3.

भूमंडलीकृत विश्व का बनना

4.

औद्योगीकरण का युग

5.

मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

भूगोल

समकालीन भारत- 2

1.

संसाधन और विकास

2.

वन एवं वन्य जीव संसाधन

3.

जल संसाधन

4.

कृषि

5.

खनिज तथा उर्जा संसाधन

6.

विनिर्माण उद्योग

7.

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

नागरिक शास्त्र

लोकतांत्रिक राजनीति-2

1.

सत्ता की साझेदारी

2.

संघवाद

3.

लोकतंत्र और विविधता

4.

जाति, धर्म और लैंगिक मसले

5.

जन-संघर्ष और आंदोलन

6.

राजनीतिक दल

7.

लोकतंत्र के परिणाम

8.

लोकतंत्र के चुनौतियाँ

अर्थशास्त्र

आर्थिक विकास की समझ

1.

विकास

2.

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

3.

मुद्रा और साख

4.

वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

5

उपभोक्ता अधिकार

JAC वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2023 - प्रश्नोत्तर

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