प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 10
Social Science (Civics)
5. जन संघर्ष और आंदोलन
वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
1. 2005 में किसने नेपाल की निर्वाचित संसद को भंग कर दिया?
A.
राजा वीरेन्द्र
B.
राजा ज्ञानेंद्र
C
माओवादी
D.
उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
B. राजा ज्ञानेंद्र
2. नेपाल में लोकतन्त्र की स्थापना कब हुई?
A.
1990
B.
1980
C.
2005
D.
2000
उत्तर-
A. 1990
3. निम्नलिखित में से किस देश को लोकतंत्र की "तीसरी लहर"
वाला देश कहां गया है?
A
भारत
B.
नेपाल
C.
बोलिविया
D.
इंग्लैंड
उत्तर-B.
नेपाल
4. नेपाल की राजधानी.. है।
A.
ढाका
B.
दिल्ली
C.
काठमांडू
D.
थिम्फू
उत्तर
-C. काठमांडू
5. बोलिविया में जन आंदोलन का नेतृत्व किसने किया?
A.
FEDECOR
B.
BAMCEF
C.
सोशलिस्ट पार्टी
D.
इनमें से कोई नहीं
उत्तर-A.
FEDECOR
6. बामसेफ किसका आंदोलन था?
A.
किसान
B.
कर्मचारी
C.
उद्योगपति
D.
उपरोक्त सभी
उत्तर-B.
कर्मचारी
7. बोलिविया में सोशलिस्ट पार्टी को सत्ता कब प्राप्त हुई?
A.
2006
B.
2007
C
2008
D.
2000
उत्तर-
A. 2006
8. बोलिविया में युद्ध क्यों हुए?
A.
लोकतंत्र की बहाली के लिए
B.
रोजगार की बहाली के लिए
C.
भूख की समस्या निदान के लिए
D.
जल के निजीकरण को रद्द करने के लिए
उत्तर-
D. जल के निजीकरण को रद्द करने के लिए
9. राजनितिक दल का क्या कार्य है?
A.
पार्टी बनाना
B.
चुनाव लड़ना
C.
सरकार बनाना
D.
उपरोक्त सभी
उत्तर-D.
उपरोक्त सभी
10. 1990 में नेपाल का राजा कौन था?
A.
राजा ज्ञानेंद्र
B.
राजा वीरेन्द्र
C.
माओवाद
D.
इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
B. राजा वीरेन्द्र
11. ग्रीन वेल्ट मूवमेंट का संबंध किस देश से है?
A.
नेपाल
B.
भारत
C.
केन्या
D.
श्रीलंका
उत्तर-
C. केन्या
12. NAPM का पूरा नाम लिखिए ?
A.
नेशनल अलायंस फॉर पी पल्स मूवमेंट
B.
नेशनल अलायंस मूवमेंट
C.
दोनों
D.
कोई नहीं
उत्तर-
A. नेशनल अलांयस फॉर पी-पल्स मूवमेंट
13. कित्तिको हक्चिको आंदोलन किस राज्य से संबंधित है ?
A.
कर्नाटक
B.
आंध्र प्रदेश
C.
तमिलनाडु
D.
केरल
उत्तर
– A. कर्नाटक
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. आंदोलन की परिभाषा दें?
उत्तर-
लोगों का ऐसा समूह जो बिना कोई संगठन बनाकर मिलकर काम करने का प्रयास करते हैं। तब
यह समूह अपने द्वारा किए गए कार्य को एक आंदोलन का नाम देते हैं। उसे आंदोलन कहते हैं।
2. नेपाल और बोलिविया के संघर्ष में दो समान बातें लिखें?
उत्तर
- नेपाल और बोलिविया के संघर्ष में दो समान बातें-
(क)
दोनों की घटनाओं में जनता एक बड़े पैमाने पर लामबंद हुए।
(ख)
दोनों की घटनाओं में राजनीतिक संगठनों की भूमिका निर्णायक रही।
3. राजनीतिक दल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
- राजनीतिक दलों का अर्थ देश की सत्ता पर नियंत्रण स्थापित करना है।
4. वामसेफ का पूर्ण रूप लिखें?
उत्तर
- backward and minorites community employed federa- tion (बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी
काम्युनिटी एंप्लाइज फेडरेशन)
5. दबाव समूह का क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
दबाव समूह का तात्पर्य एक ऐसे संगठन से हैं, जो कुछ लोगों द्वारा अपने विशेष उद्देश्य
की पूर्ति के लिए बनाया जाता है। इनका राजनीति पर प्रत्यक्ष भागीदारी नहीं होती है
परंतु यह अपनी नीतियों से राजनीति को प्रभावित करते हैं।
6. दबाव समूह और आंदोलन राजनीति पर असर डालने के लिए कौन कौन से ढंग
अपनाते हैं?
उत्तर-
दबाव समूह और आंदोलन द्वारा राजनीति पर असर डालने के लिए अपनाए जाने वाले तरीके-
1
सूचना अभियान
2
बैठकों का आयोजन करना
3.
मीडिया को प्रभावित करना
7. बोलिविया कैसा देश है?
उत्तर
- बोलिविया लातिनी अमेरिका का एक गरीब देश है।
8. दबाव समूह का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर
- दबाव समूह का निर्माण तब होता है जब समान पेशे, रुचि, महत्वाकांक्षा या मतों वाले
लोग किसी समान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक मंच पर आते हैं।
9. नेपाल में लोकतंत्र कब कायम हुआ?
उत्तर
- नेपाल में लोकतंत्र 1990 के दशक में कायम हुआ।
10. मानवाधिकार संगठन किस का प्रतिनिधित्व करता है?
उत्तर
- मानवाधिकार संगठन सर्व सामान्य हितों का प्रतिनिधित्व करता है।
11. बोलिविया में जल युद्ध होने के क्या कारण थे ?
उत्तर
- बोलीविया में पानी की दरें चौगुनी बढ़ाए जाने के कारण जल युद्ध हुआ।
12. बोलिविया जल युद्ध का क्या परिणाम निकला ?
उत्तर
- बोलिविया जल युद्ध का परिणाम बोलिविया सरकार ने बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ करार को
रद्द कर दिया तथा जलापूर्ति पुनः नगरपालिका को सौंपकर पुरानी दरें कायम कर दी।
13. नेपाल की किस जन आंदोलन को लोकतंत्र का दूसरा आंदोलन कहा जाता है?
उत्तर
2006 में नेपाल की जनता के लोकतंत्र बचाओ आंदोलन को लोकतंत्र का दूसरा आंदोलन कहा जाता
है।
14. बोलिविया के हड़ताल में कौन शामिल थे?
उत्तर
- बोलिविया की हड़ताल में श्रमिक, मानवाधिकार कार्यकर्ता तथा सामुदायिक नेता शामिल
थे।
15. सेवेन पार्टी अलायंस क्या था?
उत्तर-
नेपाल के सभी सात बड़े राजनीतिक दलों ने मिलकर लोकतंत्र की स्थापना के लिए जो गठबंधन
बनाए उसे सेवेन पार्टी अलायंस करते हैं।
16. नेपाल और बोलिविया के जन आंदोलन का प्रमुख अंतर क्या थे?
उत्तर
- बोलिविया का जन आंदोलन सरकार की एक विशेष नीति के खिलाफ था। जबकि नेपाल का जन संघर्ष
लोकतंत्र की स्थापना के लिए था।
17. नेपाल में लोकतंत्र के लिए संघर्ष में कौन-कौन संगठन शामिल थे?
उत्तर
- नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना के लिए सेवेन पार्टी अलायंस, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी
( माओवादी), मजदूर तथा मूल निवासी लोग संगठन शामिल थे।
18. भारत में कार्यरत किन्हीं दो व्यवसायिक दबाव समूह के नाम बताइए?
उत्तर-
भारत में कार्यरत दो व्यावसायिक दबाव समूह
1
अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी संघ
2.
अखिल भारतीय मेडिकल परिषद
19. नर्मदा बचाओ आंदोलन क्या था?
उत्तर
- नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर प्रोजेक्ट के निर्माण के कारण विस्थापितों के पुनर्वास
की व्यवस्था हेतु किया गया आंदोलन को नर्मदा बचाओ आंदोलन के कहते हैं।
20. हित समूह कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
हित समूह दो प्रकार के होते हैं:
1.
विशेष वर्ग का हित समूह
2
जनसामान्य के हित समूह
21. फेडेकोर क्या है?
उत्तर-
पानी के निजीकरण के विरोध में बोलिविया का एक संगठन है, जिसे वहां की पेशेवरों, इंजीनियरों
तथा पर्यावरणवादियों ने गठित किया है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. सूचना के अधिकार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
- भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और सरकारी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए भारतीय
संसद ने 2005 में सूचना का अधिकार का कानून बनाया था। सूचना का अधिकार का तात्पर्य
है सूचना पाने का अधिकार। सूचना अधिकार द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को अपने कार्यों
एवं शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है। या भारत का नागरिक, सरकार के किसी विभाग के
दस्तावेजों और अभिलेखों की जानकारी हासिल कर सकता है।
2. भारत के किन्हीं चार आंदोलनों के नाम लिखिए?
उत्तर
- भारत के चार प्रमुख आंदोलन-:
1
नर्मदा बचाओ आंदोलन
2
शराब विरोधी आंदोलन
3.
महिला आंदोलन
4.
पर्यावरण आंदोलन
3. नेपाल के अप्रैल 2006 के आंदोलन की क्या मांगे थे?
उत्तर
- नेपाल के अप्रैल 2006 के आंदोलन की मुख्य मांगे:
1.
नेपाल में संसद को बहाल किया जाए
2
नेपाल में सर्वदलीय सरकार बने
3.
नेपाल में एक नई संविधान सभा का गठन हो
4. दबाव समूह और राजनीतिक दलों के आपसी संबंधों का स्वरूप कैसा होता
है। वर्णन करें?
उत्तर-
दबाव समूह और राजनीतिक दलों के उद्देश्य विभिन्न होते हैं। दबाव समूह का कोई विशेष
उद्देश्य नहीं होता। न ही वे देश की सत्ता पर अधिकार जमाना चाहते हैं। परंतु राजनीतिक
दलों का मुख्य उद्देश्य सत्ता पर अधिकार जमाना होता है। प्रायः यह देखा जाता है कि
दबाव समूह और राजनीतिक दलों में आपसी संबंध नए रूप धारण कर सकते हैं, जैसे कई बार बड़े
आंदोलन राजनीतिक आंदोलन का रूप धारण कर लेते हैं। कई बार दबाव समूह राजनीतिक दलों द्वारा
ही बनाए जाते हैं। जिसकी बागडोर राजनीतिक दलों के हाथों में होती है कभी-कभी राजनीतिक
दलों को दबाव समूह के माध्यम से नेता भी मिल जाते हैं। कुछ विषयों में आंदोलन समूह
द्वारा कुछ नए मुद्दे उठाए जाते हैं और उन मुद्दों पर राजनीतिक गतिविधियां बननी शुरू
हो जाती है अर्थात दबाव समूह द्वारा उठाया गया मुद्दा राजनीति बन जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. दबाव समूह और आंदोलन राजनीति पर किस प्रकार प्रभाव डालते हैं?
उत्तर-
दबाव समूह और आंदोलन राजनीति को प्रभावित करते हैं-:
1.
जनता के मसले उठाकर दबाव समूह और आंदोलन अपने
लक्ष्य तथा गतिविधियों के लिए जनता का समर्थन और सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करते
हैं। इसके लिए सूचना अभियान चलाना, बैठक आयोजित करना अथवा अर्जी दायर करना जैसे तरीकों
का सहारा लिया जाता है। ऐसे अधिकतर समूह मीडिया को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं
ताकि उनके मसलो पर मीडिया ज्यादा ध्यान दे।
2.
सरकारी कामकाज में भाग लेकर ऐसे समूह अक्सर हड़ताल अथवा
सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने जैसे उपायों का सहारा लेते हैं। मजदूर संगठन, कर्मचारी
संघ तथा अधिकतर आंदोलनकारी अक्सर ऐसी व्युक्त्तियों का इस्तेमाल करते हैं कि सरकार
उनकी मांगों की तरफ ध्यान देने के लिए बाध्य हो।
3.
राजनीतिक दलों पर प्रभाव- दबाव समूह और आंदोलन दलीय
राजनीति में सीधे भाग नहीं लेते हैं। लेकिन वे राजनितिक दलों पर असर डालना चाहते हैं।
अधिकतर आंदोलन किसी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं होते।
4.
राजनीतिक दलों की एक शाखा- कुछ मामलों में दबाव समूह
राजनितिक दलों द्वारा ही बनाए गए होते हैं। अथवा उनका नेतृत्व दल के नेता करते हैं।
कुछ दबाव समूह राजनीतिक दल की एक शाखा के रूप में कार्य करते है, उदाहरण के लिए भारत
के अधिकतर मजदूर संगठन और छात्र संगठन या तो बड़े राजनीतिक दलों द्वारा बनाए गए हैं
अथवा उनकी संबद्धता राजनीतिक दलों से है। ऐसे दबाव समूह के अधिकतर नेता किसी ना किसी
राजनीति दल के कार्यकर्ता और नेता होते हैं।
5.
नए दल-कभी-कभी आंदोलन राजनीतिक दल का रूप ले लेते हैं
उदाहरण के लिए विदेशी लोगों के विरुद्ध छात्रों ने असम आंदोलन चलाया और जब इस आंदोलन
की समाप्ति हुई इस आंदोलन ने 'असम गण परिषद' का रूप ले लिया।
2. आंदोलनकारी समूह क्या है उदाहरण की सहायता से समझाएं ?
उत्तर-
जो समूह एक सीमित समय सीमा में किसी एक लक्ष्य को तथा बड़ी सीमा समय में एक व्यापक
लक्ष्य को पाना चाहते हैं आंदोलनकारी समूह कहलाते हैं।
1.
नेपाल में उठे लोकतंत्र के आंदोलन का विशिष्ट उद्देश्य था- राजा को अपने आदेशों को
वापस लेने के लिए बाध्य करना। इन आदेशों के द्वारा एक राजा ने लोकतंत्र को समाप्त कर
दिया था।
2.
भारत में नर्मदा बचाओ आंदोलन ऐसे आंदोलन का एक अच्छा उदाहरण है। नर्मदा नदी में बनाए
जा रहे सरदार सरोवर बांध के कारण लोग विस्थापित हुए। इसी मुद्दे को लेकर शुरू हुआ,
जिसका उद्देश्य बांध बनाने से रोकना था। धीरे-धीरे इस आंदोलन ने व्यापक रूप धारण कर
लिया। इसने सभी बड़े बांधों और विकास के मॉडल पर सवाल उठाए जिसमें बड़े बांधों को अनिवार्य
साबित किया जाता है। ऐसे आंदोलन में नेतृत्व बड़ा स्पष्ट होता है उनका संगठन भी होता
है लेकिन ऐसे आंदोलन बहुत थोड़े समय तक ही सक्रीय रह पाते हैं।
3.
पर्यावरण के आंदोलन तथा महिला आंदोलन ऐसे ही आंदोलनों के उदाहरण है। ऐसे आंदोलनों के
नियंत्रण अथवा दिशानिर्देश के लिए कोई एक संगठन नहीं होता। पर्यावरण आंदोलन के अंतर्गत
अनेक संगठन तथा खास मुद्दे पर आधारित आंदोलन शामिल है। उनके संगठन अलग-अलग है, नेतृत्व
भी अलग है और नीतिगत मामलों पर आम तौर पर इनकी राय अलग-अलग होती है। इसके बावजूद एक
व्यापक उद्देश्य के साझीदार है और इनका दृष्टिकोण एक जैसा है।
3. "दबाव समूह, हित समूह तथा आंदोलनों के नकारात्मक तथा सकारात्मक
दोनों प्रकार के प्रभाव होते हैं।" व्याख्या करें?
उत्तर-
दबाव समूह, हित समूह तथा आंदोलन के नकारात्मक का सकारात्मक प्रभाव
नकारात्मक
प्रभाव-
1.
यह किसी एक वर्ग के लोगों की रक्षा करते हैं।
2
यह लोकतंत्र की मूलभूत ढांचे को कमजोर करते हैं, क्योंकि अक्सर किसी एक अथवा किसी एक
मुद्दे पर काम करते हैं जबकि लोकतंत्र केवल एक वर्ग के हितों की रक्षा नहीं करते बल्कि
सभी के कल्याण को देखता है।
3.
ऐसे समूह सत्ता का इस्तेमाल तो करना चाहते हैं लेकिन जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं।
राजनीतिक दलों के चुनाव के समय जनता का सामना करना पड़ता है लेकिन ये समूह जनता के
प्रति जवाबदेही नहीं होते हैं।
4.
संभव है कि दबाव समूह और आंदोलन को जनता से समर्थन अथवा धन मिले। कभी-कभी ऐसा भी हो
सकता है कि दबाव समूह को बहुत कम लोगों का समर्थन प्राप्त है। लेकिन उनके पास धन अधिक
हो और इसके बूते अपने संकुचित एजेंडे पर वे सार्वजनिक बहस का कारण जोड़ने में सफल हो
जाए।
5.
कभी-कभी यह दबाव समूह राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर देते हैं,
सकारात्मक
प्रभाव-
1.
दबाव समूह और आंदोलन के कारण लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई है। शासकों के ऊपर दबाव डालना
लोकतंत्र में कोई हितकर गतिविधि नहीं बशर्ते इसका अवसर सबको प्राप्त हो।
2.
सरकार अक्सर थोड़े से धनी और ताकतवर लोगों के अनुचित दबाव में आ जाती है। जनसाधारण
के हित समूह तथा आंदोलन इस अनुचित के दबाव के प्रतिकार में उपयोगी भूमिका निभाते हैं।
और आम नागरिक की जरूरतों तथा सरोकारों से सरकार को अवगत कराते हैं।
4. दबाव समूह और राजनीतिक दल में मुख्य अंतर बताएँ?
उत्तर-
दबाव समूह और राजनीतिक दल में अंतर:-
1.
दबाव समूह का उद्देश्य राजनीतिक दल को प्रभावित करना है। |
राजनीतिक
दल का उद्देश्य सत्ता की प्राप्ति है। |
2.
दबाव समूह के अंतर्गत प्रेस, मीडिया समाचार पत्र आते हैं। |
राजनीतिक
दल राष्ट्रीय और प्रांतीय दोनों स्तरों के होते हैं जैसे भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस,
बहुजन समाजवादी पार्टी। |
3.
दबाव समूह अनौपचारिक और गैर मान्यता प्राप्त जैसी संस्था है। |
राजनीतिक
दल औपचारिक, खुला और मान्यता प्राप्त संस्था है। |
4.
दबाव समूह चुनाव नहीं लड़ते है, केवल राजनीतिक दलों का समर्थन करते हैं। |
राजनीतिक
दल चुनाव लड़ते हैं और चुनावी अभियान में भाग लेते हैं। |
5.
दबाव समूह लोगों के प्रति जवाबदेही नहीं होती है। |
परंतु
राजनीतिक दल लोगों के प्रति जवाबदेही होती है। |
6.
दबाव समूह के सदस्य केवल उस वर्ग के होते हैं जिनका वह संगठन है। |
राजनीतिक
दल के सदस्यों की संख्या लाखों में होती है |
5. दबाव समूह की गतिविधियां लोकतांत्रिक सरकार के कामकाज में कैसे उपयोगी
होती है?
उत्तर
- दबाव समूह की गतिविधियां लोकतांत्रिक सरकार के कामकाज में निम्नलिखित प्रकार से उपयोगी
होती है-:
1.
दबाव समूह सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाती है और जनता की समस्याओं को राजनीतिक
दल तक। जब सरकार जनता की समस्या से अवगत नहीं होती है तो आंदोलन के माध्यम से आम जनता
सरकार को अपनी समस्याओं से अवगत कराती है, और कुछ विशेष वर्ग के दबाव में आने से रोकती
है।
2.
दबाव समूह सरकार को निरंकुश होने से रोकती है अर्थात सरकार को कानून के दायरे में रहकर
कार्य करवाती है जिससे लोकतंत्र मजबूती मिलती है।
3.
दबाव समूह सरकार को अपने ही नहीं वरन जनता के हित के लिए कानून बनाने का समर्थन करती
है। तथा सरकार को किसी एक हित में कानून बनाने से रोकती है।
4.
दबाव समूह के माध्यम से विभिन्न समाज की विभिन्न समुदायों के बीच संतुलन बना रहता है।
5.
दबाव समूह नागरिकों की जरूरतों से सरकार को अवगत कराती है।
इस तरह दबाव समूह सरकार के कामकाज पर नियंत्रण रखती है कि सरकार गलत कानून का निर्माण या जनता के हितों को अनदेखा ना करें एवं जनता के लिए कार्य करें। जनता दबाव समूह के माध्यम से सरकारी कार्यकलापो के बारे में जानकारी हासिल करते हैं।
विषय-सूची
इतिहास | भारत और समकालीन विश्व- 2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
भूगोल | समकालीन भारत- 2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
नागरिक शास्त्र | लोकतांत्रिक राजनीति-2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
अर्थशास्त्र | आर्थिक विकास की समझ |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5 | |