प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 10
Social Science (Civics)
2. संघवाद
वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
1. भारत की राष्ट्रभाषा है?
A.
पंजाबी
B.
हिंदी
C.
अंग्रेजी
D.
गुजराती
उत्तर
- B. हिंदी
2. ग्रामीण स्तर पर संचालित प्रशासन को क्या कहते हैं?
A.
स्थानीय प्रशासन
B.
पंचायत
C.
ग्राम सभा
D.
ग्रामोदय
उत्तर-
A. स्थानीय प्रशासन
3. नगर निगम के पदाधिकारी को क्या कहते हैं?
A.
जिला अध्यक्ष
B.
तहसीलदार
C
मेयर
D.
थानाध्यक्ष
उत्तर-
C. मेपर
4. प्रांतीय प्रशासन का संचालन कौन करता है?
A.
प्रधानमंत्री
B.
मुख्यमंत्री
C.
राज्यपाल
D.
जिलाधिकारी
उत्तर
B. मुख्यमंत्री
5. इनमें से किस देश में एकात्मक सरकार है?
A.
श्रीलंका
B.
बेल्जियम
C.
अमेरिका
D.
कनाडा
उत्तर
- A. श्रीलंका
6. संघात्मक सरकार किस देश में है?
A.
चीन
B.
भारत
C.
फ्रांस
D.
जापान
उत्तर-
B. भारत
7. संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची का उल्लेख संविधान के किस
अनुसूची में किया गया है?
A.
5 वीं
B.
6वीं
C.
7वीं
D.
8वीं
उत्तर-
C. 7वीं
8. समवर्ती सूची में कितने विषय हैं?
A.
50
B.
54
C.
56
D.
52
उत्तर
- D. 52
9. विकेंद्रीकरण क्या है?
A.
केंद्रीय स्तर की सरकार
B.
राज्य स्तर की सरकार
C.
स्थानीय स्तर की सरकार
D.
केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर की सरकार
उत्तर
-D. केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर की सरकार
10. झारखंड कब एक नया राज्य बना?
A.
2000
B
2001
C
2004
D.
2010
उत्तर
– A. 2000
11. भारत में कितनी भाषाओं को अनुसूचित भाषा का दर्जा दिया गया है?
A.
20
B.
22
C.
24
D.
25
उत्तर-
B. 22
12. इनमें से किस देश में साम्यवादी शासन प्रणाली है?
A.
भारत
B.
नेपाल
C.
पाकिस्तान
D.
चीन
उत्तर
-D. चीन
13. राज्य की विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कितना है?
A.
4 फ़ीसदी से कम
B.
5 फीसदी से कम
C.
7 फ़ीसदी से काम
D.
10 फीसदी से कम
उत्तर-B.
5 फ़ीसदी से कम
14. भारत में कितनी भाषाएं बोली जाती हैं?
A.
1200 के लगभग
B.
1400 के लगभग
C.
1500 के लगभग
D.
1100 के लगभग
उत्तर-C.
1500 के लगभग
15. पोखरण भारत के किस राज्य में है?
A.
राजस्थान
B.
गुजरात
C.
पंजाब
D.
झारखंड
उत्तर-
A. राजस्थान
16. संघीय सरकार में स्तर होते हैं
A.
एक
B.
केवल दो
C.
दो या दो से अधिक
D.
पांच से कम
उत्तर-
C. दो या दो से अधिक
17. विभिन्न स्तर की सरकार के बीच अधिकारों से संबंधित विवाद को कौन
सुलझाता है?
A.
सभी अदालतें
B.
उच्चतम न्यायालय
C.
राष्ट्रपति
D.
प्रधानमंत्री
उत्तर-
B. उच्चतम न्यायालय
18. संघीय सरकार के हर स्तर के अस्तित्व और प्राधिकार की गारंटी और
सुरक्षा का देता है?
A.
संसद
B.
संविधान
C.
राष्ट्रपति
D.
केंद्रीय मंत्रिमंडल
उत्तर-B.
संविधान
19. वर्तमान में भारत में कितने राज्य हैं?
A.
25
B.
27
C.
29
D.
28
उत्तर-
D. 28
20. निम्न में से कौन सा विषय संघ सूची के नहीं है?
A.
विदेशनीति
B.
बैंकिंग
C.
पुलिस
D.
संचार
उत्तर
– C. पुलिस
21. स्वतंत्रता पूर्व भारत में लगभग कितने देसी रियासत थे?
A.
370
B.
600
C.
565
D.
475
उत्तर
- C. 565
22. यदि सरकार के विभिन्न अंगों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका
के बीच सत्ता का बंटवारा रहता है, तो उसे सत्ता का वितरण करते हैं।
A.
क्षैतिज
B.
उर्ध्वधर
C.
दबाव समूह
D.
सामुदायिक
उत्तर
- A क्षैतिज
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. संघवाद क्या है?
उत्तर
- संघवाद एक संस्थागत प्रणाली है जिसमें दो स्तर की राजनीतिक व्यवस्था को सम्मिलित
किया जाता है। इसमें एक केंद्रीय स्तर की सरकार और दूसरी एक राज्य या प्रांतीय
स्तर की सरकार होती है। जो मिलकर कार्य करते है।
2. संघात्मक शासन प्रणाली क्या है?
उत्तर-
संघात्मक शासन प्रणाली उस प्रणाली को कहते हैं, जिसमें राज्य शक्ति संविधान द्वारा
केंद्र तथा संघ की इकाइयों के बीच विभाजित रहती है। संघात्मक शासन में दो प्रकार
की सरकार होती है, पहला केंद्रीय सरकार और दूसरा प्रांतीय सरकार। दोनों सरकारें
सीधे संविधान से ही शक्त्तियां प्राप्त करते हैं।
3. गठबंधन सरकार किसे कहते हैं?
उत्तर-
एक से अधिक राजनीतिक पार्टियों द्वारा साथ मिलकर बनाई गई सरकार को गठबंधन सरकार
करते हैं।
4. संघ सूची का क्या अर्थ है?
उत्तर-
संघ सूची राष्ट्रीय महत्व के विषयों की एक सूची है जिन पर केवल केंद्रीय सरकार
कानून बना सकती है, जैसे रक्षा, वित्त, विदेशी विभाग, बैंकिंग, डाक तथा तार
इत्यादि। इस सूची में 97 विषय को शामिल किया गया है।
5. राज्य सूची का क्या अर्थ है?
उत्तर-
राज्य सूची प्रांतीय महत्व के विषयों की एक सूची है। जिस पर केवल राज्य सरकार
कानून बना सकती है जैसे पुलिस, कृषि, सिंचाई, व्यापार, वाणिज्य इत्यादि। इस सूची
में कुल 52 विषय सम्मिलित है।
6. समवर्ती सूची क्या है?
उत्तर
- विषयों की ऐसी सूची जिस पर कानून बनाने का अधिकार राज्य तथा केंद्र सरकार दोनों
को प्राप्त होता है, परंतु दोनों सरकारों में टकराव होने की स्थिति में केंद्र
सरकार द्वारा बनाए गए कानून ही मान्य होता है। इसमें कुल 47 विषय शामिल है।
7. अवशिष्ट शक्तियां किन्हें कहा जाता है?
उत्तर-
जो विषय संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में शामिल नहीं किए गए हैं परंतु उन
विषयों पर भी कानून बनाने का अधिकार है। उन विषयों पर केंद्र सरकार को कानून बनाने
का अधिकार दिया गया है उसे अवशिष्ट शक्तियां कहते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. भारतीय संविधान में केंद्रीय और राज्यों के बीच शक्तियों का
बंटवारा किस प्रकार किया गया है?
उत्तर-
भारत में संघीय शासन व्यवस्था है। संविधान में भारत को "राज्यों का संघ"
घोषित किया गया है। भारत में संघीय व्यवस्था के अंतर्गत शासन की विभिन्न स्तरों पर
विधायी अधिकारों का विकेंद्रीकरण किया गया है। केंद्रीय और राज्य के बीच विधायी
अधिकारों का विभाजन निम्नांकित तीन सूचियों के अंतर्गत किया गया है-:
(क)
संघ सूची संघ सूची के विषय पर कानून बनाने का अधिकार
केंद्र की सरकार को है। प्रतिरक्षा, विदेश, बैंकिंग, संचार, मुद्रा आदि राष्ट्रीय महत्व
के विषयों को शामिल किया गया है।
(ख)
राज्य सूची- इस विषय पर कानून बनाने का अधिकार राज्य
सरकार को दिया गया है। पुलिस, व्यापार, वाणिज्य, कृषि, शिक्षा के महत्व के विषयों को
इसमें शामिल किया गया है।
(ग)
समवर्ती सूची- इस विषय पर कानून बनाने का अधिकार
केंद्र और राज्य दोनों स्तरों की सरकारों को दिया गया है। इसके अंतर्गत शिक्षा,
वन, श्रम, पारिवारिक कानून आदि को शामिल किया गया है।
2. भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता
और उससे अलग एक विशेषता बताएं?
उत्तर
- भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता भारत के संविधान
में मौलिक रूप से दो स्तरीय शासन व्यवस्था का प्रावधान किया है. संघ सरकार और
राज्य सरकार । पूरे देश की शासन व्यवस्था का संचालन केंद्र सरकार और अलग-अलग
राज्यों का संचालन के लिए राज्य सरकार का प्रावधान किया गया है। शक्तियों का
बंटवारा भी केंद्र और राज्यों के बीच संविधान में विषयों की तीन सूचियों के
अंतर्गत कर दिया गया है। बेल्जियम में केंद्र और राज्य स्तरों की सरकारें हैं और
दोनों सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से कार्य करती है। "भारत
की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से अलग एक विशेषता भारत और बेल्जियम दोनों देशों
में तीसरे स्तरो की सरकार है। परंतु भारत में बेल्जियम की भांति कोई समुदायिक
सरकार नहीं है जो अलग-अलग जातियों, संस्कृतिक, शैक्षणिक और भाषाई हितो की रक्षा
करती है।
3. "केंद्र -राज्य संबंधों में लगातार आए बदलाव के कारण ही व्यवहार
में भारतीय संघवाद मजबूत हुआ है।" व्याख्या करें?
अथवा
1990 के बाद भारत के केंद्र- राज्य संबंध पर प्रकाश डालें?
उत्तर-
1990 के बाद भारतीय शासन प्रणाली में काफी बदलाव आया है।
इस अवधि में देश के अनेक राज्य में क्षेत्रीय दलों का उदय हुआ है। यही दौर केंद्र में
गठबंधन सरकार की शुरुआत का भी था। चूंकि किसी एक दल को लोकसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं
मिला इसलिए प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों को क्षेत्रीय दलों समेत अनेक पार्टियों का गठबंधन
बनाकर सरकार बनानी पड़ी। इससे सत्ता में साझेदारी और राज्य सरकारों की स्वायत्तता का
आदर करने की नई संस्कृति पनपी। इस प्रवृत्ति को सर्वोच्च न्यायालय के बड़े फैसले से
भी बल मिला। इस फैसले के कारण राज्य सरकार को मनमाने ढंग से भंग करना केंद्र सरकार
के लिए मुश्किल हो गया। इस प्रकार आज संघीय व्यवस्था के तहत सत्ता की साझेदारी संविधान
लागू होने के तत्काल बाद वाले दौर की तुलना में ज्यादा प्रभावी है।
4. भारत में संघीय शासन व्यवस्था की क्यों आवश्यकता पड़ी?
उत्तर-
भारत, क्षेत्र और जनसंख्या की दृष्टि से अत्यधिक विशाल और बहुत अधिक विविधता से
परिपूर्ण देश है। साथ ही भारत संघ और राज्यों के बीच शक्त्तियों के विभाजन के कारण
मतभेद बना हुआ था इसलिए भारत में शक्तियों का केंद्रीकरण न कर के विकेंद्रीकरण की
प्रक्रिया को अपनाया जाना जरूरी था। अतः मतभेदों को समाप्त करने, भारत में
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना करने, व्यक्तियों को अपने विचारों की
अभिव्यक्ति करने की स्वतंत्रता देने, देश की शासन व्यवस्था को मजबूत करने,
केंद्र-राज्य संबंधों को बनाए रखने के लिए संघीय शासन की आवश्यकता पड़ी।
5. स्थानीय सरकारों के महत्व का वर्णन कीजिए?
उत्तर
- स्थानीय सरकारों का महत्व-:
1.
अनेक समस्याओं का निपटारा स्थानीय स्तर पर हो जाता है।
2.
स्थानीय स्तर पर लोगों को फैसलों में सीधे भागीदार बनाना संभव हो जाता है।
3.
सत्ता में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी।
4.
स्थानीय शासन सत्ता के विकेंद्रीकरण के अनुरूप होती है।
6. 1992 के संविधान संशोधन द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था में विकेंद्रीकरण
को प्रभावी बनाने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?
उत्तर
-1992 के संविधान संशोधन द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था में
विकेंद्रीकरण को प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित प्रयास किए गए हैं:
1.
स्थानीय स्वशासी निकायों में चुनाव नियमित रूप से कराना अनिवार्य है।
2.
कम से कम एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित है।
3.
हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र
संस्था का गठन किया गया है।
4
निर्वाचित स्वशासी निकायों के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जातियो,
अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों के लिए सीटे आरक्षित है।
5.
राज्य सरकार को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ हिस्सा स्थानीय निकाय को देना पड़ता
है।
7. भारत की भाषा नीति क्या
है?
उत्तर-
भारत में किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा न देकर हिंदी को राजभाषा माना गया है।
पर हिंदी सिर्फ 40 फीसदी भारतीयों की मातृभाषा है, इसलिए संविधान में हिंदी के अलावा
21 भाषाओं को अनुसूचित भाषा का दर्जा दिया गया है। सरकारी कामकाजो में हिंर्दी के अतिरिक्त
अंग्रेज़ी भाषा का भी प्रयोग किया जा सकता है। हिंदी को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार
की नीति यही है लेकिन दूसरे राज्यों पर हिंदी को थोपा नहीं जा सकता है।
8. केंद्र और राज्य के संबंध में आए बदलावों का वर्णन कीजिए?
उत्तर-
केंद्र और राज्यों के संबंध में आए बदलाव-
1.
विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों की सरकार बनने लगी
2.
गठबंधन की सरकार के आने से केंद्र सरकार की मनमानी में कमी आई।
3.
केंद्र-राज्य तनाव में कमी आई।
4.
केंद्र-राज्य संबंधों में सुधार आया।
5.
केंद्र सरकार की योजना में राज्यों के हितों का भी ख्याल रखा जाने लगा।
9. पंचायतों की मुख्य परेशानियों का वर्णन कीजिए?
उत्तर
- पंचायतों की मुख्य परेशानियां निम्नलिखित है
1.
ग्रामीण जनता में जागरूकता का अभाव
2.
योजनाओं को कार्य रूप देने के लिए धन का अभाव
3.
अधिकारियों की मनमानी
4.
जन सहभागिता में कमी
5.
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं कराना
6.
चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से कराने में कठिनाइयां
10. केंद्र तथा राज्य के संबंधों की विस्तृत व्याख्या कीजिए?
उत्तर-
संविधान द्वारा केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों की साझाकरण ने भारत में संघवाद
को मजबूत किया है 11990 के बाद की अवधि में अनेक राज्यों में क्षेत्रीय दलों का
उदय हुआ। यही दौर केंद्र में गठबंधन सरकार की शुरुआत का भी था। चूंकि किसी एक दल
को लोकसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला इसलिए प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों को
क्षेत्रीय दलों समेत अनेक पार्टियों का गठबंधन सरकार बनानी पड़ी। इससे सत्ता में
साझेदारी और राज्य सरकारों की स्वायत्तता का आदर करने की नई संस्कृति पनपी। इस
प्रवृत्ति को सुप्रीम कोर्ट के एक बड़े फैसले से भी बल मिला। इस फैसले के कारण
राज्य सरकार को मनमाने ढंग से भंग करना केंद्र सरकार के लिए मुश्किल हो गया।
संविधान के द्वारा केंद्रीय और राज्य को अलग-अलग शक्तियां सौंपी गई है, और दोनों
एक दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। संविधान में दोनों के अधिकार
एवं कार्य लिखित है जिसके कारण दोनों के बीच टकराव की संभावनाएं कम हो गई है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. 1992 के संविधान संशोधन के पहले और बाद के स्थानीय शासन के दो महत्वपूर्ण
अंतरों को बताएं?
उत्तर-1992
के 73वें संविधान संशोधन ने स्थानीय शासन के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण सुधार किए
जो निम्नलिखित है-
1.
1992 से पहले स्थानीय निकायों के चुनाव नियमित नहीं होते थे, परंतु 1992 के संविधान
संशोधन के पश्चात चुनाव नियमित रूप से कराना संवैधानिक बाध्यता बन गई।
2.
1992 से पहले स्थानीय निकायों के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जातियों,
अनुसूचित जनजातियों तथा पिछड़े वर्गों के लिए सीटें आरक्षित नहीं थी, परंतु 1992 की
संवैधानिक सुधारों के बाद इन जातियों के लिए सीटों को आरक्षित कर दिया गया।
3.
पहले स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं थी, परंतु एक तिहाई सदस्यों
की संख्या महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
4.
1992 से पहले राज्य के पंचायतों और नगर पालिकाओं का चुनाव कराने के लिए कोई संस्था
नहीं थी, परंतु अब चुनाव राज्य चुनाव आयोग गठित करता है ताकि वह स्थानीय संस्थाओं का
चुनाव स्वतंत्र रूप से करा सकें।
2. शासन के संघात्मक और एकात्मक स्वरूपों में क्या-क्या मुख्य अंतर
है? इसे उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करें?
उत्तर
- शासन के संघात्मक और एकात्मक स्वरूपों में अंतर:-
संघात्मक
शासन |
एकात्मक
शासन |
संघात्मक
सरकार में दो या दो से अधिक स्तरों वाली सरकारी काम करती है। केंद्र सरकार और
राज्य सरकार। जैसे -भारत, अमेरिका। |
एकात्मक
सरकार में एक स्तरीय सरकार होती है। जैसे- ब्रिटेन, फ्रांस। |
संघात्मक
सरकार के लिए लिखित संविधान होना आवश्यक है। |
एकात्मक
सरकार के लिए लिखित संविधान होना जरूरी नहीं है। |
संघात्मक
सरकार में केंद्र और राज्यों के बीच शक्ति का विभाजन होता है कोई भी सरकार एक
दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। |
एकात्मक
सरकार में देश की संपूर्ण सत्ता केंद्र सरकार के पास होती है वही संपूर्ण देश का
शासन चलाती है। जैसे- इंग्लैंड, फ्रांस। |
संघात्मक
शासन में संविधान में संशोधन एक जटिल प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। संविधान
में संशोधन के लिए केंद्र और राज्य दोनों की सहमति का होना आवश्यक है। |
एकात्मक
शासन में संविधान में संशोधन की प्रक्रिया बहुत सरल होती है। केंद्रीय सरकार जब
चाहे तब संविधान में परिवर्तन कर सकता है। |
संघात्मक
शासन में स्वतंत्र न्यायपालिका होती है। |
एकात्मक
सरकार में न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण नहीं होती है। |
3. भारत की संघीय व्यवस्था
की विशेषताओं का वर्णन करें?
उत्तर
- भारत की संघीय व्यवस्था की विशेषता:
1
संविधान की सर्वोच्चता- भारत का संविधान देश का सर्वोच्च
कानून है । भारत की संसद और विधान मंडल अपनी शक्तियां संविधान से ही प्राप्त करते हैं
और अपने अधिकारों एवं कार्यों का प्रयोग कानून के आधार पर ही करते हैं।
2.
लिखित संविधान- लिखित संविधान का होना संघात्मक शासन
की प्रमुख शर्तें है। लिखित संविधान होने से संघ एवं राज्यों में मतभेद की संभावना
कम रहती है। इसमें संघ एवं राज्य की क्षेत्राधिकार निश्चित होते हैं। अन्य संविधान
की भांति भारत का संविधान भी विस्तृत और लिखित संविधान है।
3.
कठोर और लचीला संविधान- संघात्मक संविधान कठोर होते
हैं, जिससे उसमें परिवर्तन सरलता से नहीं किए जा सकते हैं।
4.
शक्तियों का विभाजन- भारत के संविधान द्वारा महत्वपूर्ण
विषय केंद्रीय तथा स्थानीय महत्व के विषय राज्य को दिए गए हैं। शक्तियों का विभाजन
तीन सूचियों के आधार पर किया गया है- संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। केंद्र
और राज्य की सरकार बिना दबाव के अपने-अपने विषयों पर कानून का निर्माण करती है।
5.
न्यायपालिका की सर्वोच्चता- भारत के संविधान में स्वतंत्र
और निष्पक्ष उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था की गई है। उच्चतम न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय
को संविधान की व्याख्या एवं रक्षा करने का अधिकार दिया गया है। भारत की न्यायपालिका
अपने कार्यों का निष्पादन स्वतंत्र रूप से करती है जिसमें विधायिका एवं कार्यपालिका
का कोई दबाव नहीं होता है।
6.
इकहरी नागरिकता- भारत में दोहरी शासन व्यवस्था होते हुए
भी नागरिकों को इकहरी नागरिकता दी गई है। इसमें संघ एवं राज्यों की पृथक नागरिकता नहीं
है। भारत के नागरिकों को केवल भारत की नागरिकता ही दी गई है।
4. संघीय सरकार की मुख्य विशेषताएं क्या क्या है?
उत्तर
- संघीय सरकार की मुख्य विशेषताएं
1.
यहां सरकार दो या दो से अधिक स्तरों वाली होती है।
2.
अलग-अलग स्तर की सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती है। परंतु कानून बनाने, कर
वसूलने और प्रशासन करने का उनका अपना-अपना अधिकार क्षेत्र होता है।
3.
विभिन्न स्तरों की सरकारों के अधिकार क्षेत्र संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित होते
हैं। इसलिए सभी सरकारों को संविधान के आधार पर ही अपने कार्य करने पड़ते हैं। संविधान
सभी स्तर वाली सरकारों के अस्तित्व और कार्य क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करता है।
4.
संविधान के मौलिक प्रावधानों को कोई भी सरकार अकेले नहीं बदल सकती है। केंद्र और राज्य
सरकारों अर्थात दोनों की सहमति का होना अति आवश्यक है।
5.
संघीय सरकार में स्वतंत्र न्यायपालिका की भी व्यवस्था की गई है। जिसे संविधान की व्याख्या
एवं रक्षा करने का अधिकार है।
6.
वित्तीय स्वायत्तता निश्चित करने के लिए विभिन्न स्तर की सरकारों को राजस्व के लिए
विभिन्न स्रोत निर्धारित किए गए हैं।
इस
प्रकार संघीय शासन व्यवस्था के दोहरे उद्देश्य है- "देश की एकता को सुरक्षा
प्रदान करना और उसे बढ़ावा देना तथा इसके साथ ही क्षेत्रीय विविधताओं को पूरा
सम्मान करना इस कारण संघीय व्यवस्था के गठन और कामकाज के लिए दो चीजें सबसे
महत्वपूर्ण है पहला विभिन्न स्तरों की सरकारों के बीच सत्ता के बंटवारे के नियमों
पर सहमति और दूसरा विभिन्न सरकारों का एक दूसरे पर भरोसा होना चाहिए।
5. विकेंद्रीकरण किसे कहते हैं इसकी आवश्यकता क्यों पड़ती है इसके
लाभ बताएं ?
उत्तर-
जब केंद्र और राज्य सरकारों से शक्तियां लेकर स्थानीय सरकारों को दे दी जाती है,
तो इसे सत्ता का विकेंद्रीकरण कहा जाता है।
विकेंद्रीकरण
की आवश्यकता-:
1.
भारत में बहुत से ऐसे राज्य हैं जिनका आकार बड़ा एवं
भौगोलिक संरचना अलग है। जब राज्य में कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है और राज्य की
सरकार समस्या समाधान करने में असफल हो जाती है तो उन समस्याओं का समाधान स्थानीय
सरकार करती है।
2.
कुछ राज्यों में अनेक भाषा, जाति एवं धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। उन सबकी अपनी
आकांक्षाएं है। जब राज्य सरकार उन सब की आकांक्षाओं को पूरा करने में असमर्थ हो जाती
है तो स्थानीय सरकार उनकी समस्याओं एवं आकांक्षाओं को पूरा करती है।
3.
विकेंद्रीकरण के परिणाम स्वरूप बनी स्थानीय संस्थाएं विकास कार्यों के लिए बड़ी सहायक
सिद्ध हो सकती है, क्योंकि किसी स्थान विशेष के स्थानीय लोग ही अपने क्षेत्र की आवश्यकताओं
तथा समस्याओं को भलीभांति समझ सकते हैं और समस्याओं का समाधान भी स्वयं खोजते हैं।
अतः जब स्थानीय लोगों का सहयोग मिल जाता है तो सभी समस्याओं का निदान भी आसानी से हो
जाता है।
विकेंद्रीकरण
के लाभ :
1.
स्थानीय समस्याओं का समाधान आसानी से किया जाना।
2.
लोकतंत्र में जनता की स्पष्ट सहभागिता ।
3.
संवैधानिक आवश्यकता की पूर्ति।
4. स्थानीय स्तर पर जनता की जागरुकता एवं उनकी भागीदारी।
विषय-सूची
इतिहास | भारत और समकालीन विश्व- 2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
भूगोल | समकालीन भारत- 2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
नागरिक शास्त्र | लोकतांत्रिक राजनीति-2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
अर्थशास्त्र | आर्थिक विकास की समझ |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5 | |