सांख्यिकी के कार्य, महत्व एवं दुरुपयोग (FUNCTIONS, IMPORTANCE AND DISTRUST OF STATISTICS)

सांख्यिकी के कार्य, महत्व एवं दुरुपयोग (FUNCTIONS, IMPORTANCE AND DISTRUST OF STATISTICS)
सांख्यिकी के कार्य, महत्व एवं दुरुपयोग (FUNCTIONS, IMPORTANCE AND DISTRUST OF STATISTICS)
सांख्यिकी के कार्य (Functions of Statistics) सांख्यिकी के अन्तर्गत अपनाई गई रीतियों का विकास समाज की बढ़ती हुई जागृति, शिक्षा तथा अनुसंधान कार्य के साथ-साथ हुआ। इसलिये इस विज्ञान में केवल आर्थिक तथा सामाजिक समस्याओं का विश्लेषण ही नहीं होता अपितु प्रत्येक क्षेत्र की समस्याओं पर भी प्रकाश डाला जाता है। इस प्रकार सांख्यिकी का कार्य-क्षेत्र काफी बढ़ गया है। हम यहाँ सांख्यिकी के कार्यों का अध्ययन करेंगे- (1) तथ्यों को संख्या के रूप में प्रकट करना (Expression of facts in numbers)- जैसा कि हमने ऊपर वर्णित किया है- सांख्यिकी का मुख्य कार्य तथ्यों को संबंधित संख्याओं को प्रकट करना है। कुछ तथ्य जैसे आयु, आय, आदि संख्या द्वारा सरलता से प्रकट किये जा सकते हैं। इनके लिये आँकड़े एकत्रित किये जा सकते हैं, लेकिन कुछ तथ्य ऐसे भी होते हैं जिनके लिये आँकड़ों का प्रयोग कठिनाई से होता है, जैसे राष्ट्रीय आय। सांख्यिकी में इसे अप्रत्यक्ष रूप से आँकड़ों द्वारा प्रकट किया जाता है। तेजी, मन्दी, बेरोजगारी, आर्थिक उन्नति, अवनति, इत्यादि को अब गुणात्मक रूप के बजाय संख्यात्मक रूप में किया जाता है। इसके लिए विशेष रू…