1. भौतिक संस्कृति से आप क्या समझते हैं ?
Ans.
भौतिक संस्कृति उस संस्कृति को कहा जाता है जिसमें मानव द्वारा निर्मित भौतिक तथा मूर्त
वस्तुएँ शामिल रहती हैं। घड़ी, पेन, पंखा, मोटर, जहाज, रेल,
मशीन, औजार, वस्त्र, फर्नीचर आदि भौतिक संस्कृति के अंतर्गत आते हैं।
2. अभौतिक संस्कृति से आप क्या समझते हैं ?
Ans.
वह संस्कृति जिसका कोई माप-तौल, आकार और रंग-रूप नहीं होता, इन्द्रियों द्वारा जिसका
स्पर्श नहीं होता उसे अभौतिक संस्कृति कहा जाता है। इस संस्कृति में विचार, विश्वास,
प्रथा, कानून, मनोवृत्ति, साहित्य, ज्ञान, कला, भाषा, नैतिकता, क्षमता आदि को शामिल
किया जाता है।
3. आदर्श नियम की परिभाषा दें।
Ans.
ब्रूम एवं सेल्जनिक ने आदर्श नियम की परिभाषा इन शब्दों में दी है- "आदर्श नियम
व्यवहार की रूपरेखाएँ हैं जो उन सीमाओं का निर्धारण करते हैं जिनके अंदर व्यक्ति अपने
लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु विकल्पनात्मक विधियों की खोज कर सकता है।" डेविस के
अनुसार, "सामाजिक आदर्श नियम" एक प्रकार के नियंत्रण है।
4. नातेदारी की कौन-सी रीति है जो दो व्यक्तियों को एक-दूसरे के साथ
हँसी-मजाक करने का अधिकार देती है ?
Ans.
परिहास सम्बन्ध ।
5. मूल्य से आप क्या समझते हैं ?
Ans.
मूल्य सामाजिक मानदण्ड या आदर्श या लक्ष्य हैं जो मानव जीवन के अन्तः संबंधों तथा व्यवहार
को स्पष्ट करते हैं।
6. समाजीकरण क्या है ?
Ans.
व्यक्ति जन्म से एक जैविक प्राणी होता है। सामाजिक मूल्यों और प्रतिमानों से अनभिज्ञ
होता है। रहन-सहन, खान-पान, बोलचाल भाषा, संस्कृति तथा रीति-रिवाज आदि को वह जन्म के
बाद सीखता है, फिर समाज के अनुकूल बनता है। जिस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति समाज
के अनुकूल बनता है, उसे ही समाजीकरण कहा जाता है।
7. समाजीकरण की प्रक्रिया में पड़ोस के योगदान की व्याख्या करें।
Ans.
समाजीकरण एक जटिल और लम्बी प्रक्रिया है। पड़ोस समाजीकरण का एक महत्त्वपूर्ण साधन है।
पड़ोसियों के सम्पर्क में आने से बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं। उनके विचारों, आदशों, मान्यताओं,
क्रियाओं एवं सुझावों का बच्चों के व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
8. सामाजिक अनुसंधान क्या है ?
Ans.
मोजर के अनुसार- "सामाजिक घटनाओं व समस्याओं के संबंध में नए ज्ञान प्राप्त करने
के लिए की गई व्यवस्था व छानबीन को ही हम सामाजिक अनुसंधान कहते हैं।"
सामाजिक
अनुसंधान का अभिप्राय उस अनुसंधान से है, जिसमें तर्क प्रधान व क्रमबद्ध विधियां प्रयुक्त
करके सामाजिक घटना से संबंधित नवीन ज्ञान प्राप्त किया जाता है।
सामाजिक
का अर्थ है- समाज से संबंधित, अर्थात जो किसी एक ही व्यक्ति, निर्जीव पदार्थों तथा
मनुष्य के अलावा किसी अन्य प्राणी से संबंधित ना हो।
अनुसंधान
शब्द का अर्थ- अनुसंधान शब्द अंग्रेजी के 'Research' शब्द का हिंदी रूपांतर है। इसे
दो भागों में 'Re' तथा 'Search' को अलग किया जा सकता है। 'Re' शब्द का अर्थ है पुनः।
'Search' शब्द का अर्थ है खोज करना। अतः अनुसंधान का शाब्दिक अर्थ पुन: खोज करना है
इसका अर्थ बार-बार खोजने से संबंधित है।
9. सामाजिक अनुसंधान एवं सामाजिक सर्वेक्षण में अंतर स्पष्ट करें।
Ans.
सामाजिक सर्वेक्षण एवं सामाजिक अनुसंधान में अंतर इस प्रकार है--
1.
प्राक्कल्पना की आवश्यकता संबंधी अंतर: सामाजिक सर्वेक्षण बिना प्राक्कल्पना के भी
किया जा सकता है। जबकि सामाजिक अनुसंधान मे अधिकांश सर्वेक्षण प्राकल्पना में ही प्रारंभ
होता है। प्राक्कल्पना का परीक्षण करने हेतु ही शोध किया जाता है।
2.
भौगोलिक क्षेत्र: चूंकि सामाजिक शोध का संबंध अमूर्त घटनाओं से होता है। अतः क्षेत्र
असीमित होता है। जबकि सामाजिक सर्वेक्षण का संबंध निश्चित भू-भाग में रहने वाले लोगों
से होता है इसलिए इसका क्षेत्र सीमित होता है।
3.
विषय वस्तु संबंधी अंतर: सामाजिक अनुसंधान की विषय वस्तु अत्यंत व्यापक है। इसमें प्रत्येक
प्रकार की सामाजिक धारणा व्यवहार एवं संबंधों का अध्ययन किया जाता है। जबकि सामाजिक
सर्वेक्षण में प्राय: सामाजिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार सर्वेक्षण
की विषय वस्तु सीमित है।
4.
उद्देश्य संबंधी अंतर: सामाजिक सर्वेक्षण का प्रमुख उद्देश्य समाज सुधार अथवा समाज
कल्याण होता है। जबकि सामाजिक अनुसंधान का इससे कोई सरोकार नहीं होता वास्तव में सामाजिक
अनुसंधान तो ज्ञान पिपासा अथवा जिज्ञासा को शांत करने सामान्य ज्ञान को वितरित करने
अध्ययन विधियों तथा प्रविधियों को उत्पन्न करने के उद्देश्य से किया जाता है।
5.
अध्ययन की प्रकृति संबंधी अंतर: सामाजिक सर्वेक्षण की प्रकृति व्यवहारिक है। जबकि सामाजिक
अनुसंधान की अध्ययन प्रगति सैद्धांतिक है, अर्थात् सामाजिक सर्वेक्षण में उपयोगिता
व्यवहारिक समस्याएं एवं समाधान सुधार एवं कल्याण की ओर अधिक ध्यान दिया जाता है। जबकि
सामाजिक अनुसंधान में नए तथ्यों की खोज सिद्धांतों के निर्माण आदि की ओर अधिक ध्यान
दिया जाता है।
6.
विधियां एवं प्रविधियां संबंधी अंतर: सामाजिक सर्वेक्षण में प्रत्यक्ष विधियों एवं
प्रविधियों को अपनाया जाता है। जबकि सामाजिक अनुसंधान में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष
दोनों ही विधियों एवं प्रविधियां को अपनाया जाता है।
7.
आकार संबंधी अंतर: सामाजिक सर्वेक्षण के अंतर्गत अध्ययन का आकार सीमित होता है। जबकि
सामाजिक अनुसंधान में अध्ययन का आकार अपेक्षाकृत विस्तृत होता है।
8.
संगठन संबंधी अंतर: सामाजिक सर्वेक्षण का संगठन प्रायः एक अध्ययन दल के द्वारा होता
है। चूंकि यह एक सहयोगी प्रक्रिया है। जबकि सामाजिक अनुसंधान अधिकांशतःव्यक्तिगत रूप
में ही संपादित होता है।
9.
व्यावसायिक संबंधी अंतर: सामाजिक सर्वेक्षण व्यवसायिक भी हो सकता है। जबकि सामाजिक
अनुसंधान व्यवसायिक नहीं होता।
10.
सिद्धांतीकरण संबंधी अंतर: सामाजिक सर्वेक्षण की उपलब्धि एवं प्राप्त निष्कर्षों से
प्रकल्पनाओं का निर्माण तो किया जा सकता है। परंतु सिद्धांतों का निर्माण संभव नहीं
है। जबकि सामाजिक अनुसंधान की उपलब्धियों एवं निष्कर्ष के आधार पर सिद्धांत बनाए जा
सकते हैं, दूसरे शब्दों में सर्वेक्षण की विश्वसनीयता
संदेहास्पद है। जबकि अनुसंधान अपेक्षाकृत अधिक विश्वसनीय है।
10. अवलोकन क्या है ?
Ans.
अवलोकन से आशय है-आँखों से देखना। इस प्रकार अवलोकन वह प्रणाली है जहाँ अवलोकनकर्ता
स्वंय घटना स्थल पर जाकर अपनी आँखों से उन घटनाओं को देखता है और जानकारी प्राप्त करता
हैं।
पी.
व्ही. यंग के अनुसार," अवलोकन आँखो द्वारा विचारपूर्वक अध्ययन की प्रणाली के रूप
मे काम मे लाया जाता है जिससे कि सामूहिक व्यवहार और जटिल सामाजिक संस्थाओं के साथ
ही साथ सम्पूर्णता की रचना करने वाली पृथक् इकाइयों का अध्ययन किया जा सके।"
11. प्रस्थिति तथा भूमिका से आप क्या समझते हैं ?
Ans.
जब कोई व्यक्ति किसी खास अवस्था में, एक खास समय में एक निश्चित पद प्राप्त करता है,
तो उसे ही प्रस्थिति कहा जाता है। इस प्रकार एक व्यक्ति की अनेक प्रस्थितियाँ हो सकती
है। जितने समूहों से व्यक्ति का सम्बन्ध होता है, उतनी ही प्रस्थितियाँ उसके साथ होती
है।
भूमिका
का तात्पर्य उन सभी कार्यों से है जिनको एक विशेष प्रस्थिति के अनुसार व्यक्ति से पूरा
करने की आशा की जाती है। समाजशास्त्रीय अध्ययन में प्रस्थिति और भूमिका की अवधारणा
एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। एक के अभाव में दूसरे की व्याख्या नहीं की जा सकती। जहाँ
प्रस्थिति होगी, वहाँ भूमिका को होना आवश्यक है। आर. लिण्टन ने कहा भी है "प्रत्येक
प्रस्थिति एक विशेष भूमिका के साथ जुड़ी हुई है।
12. संयुक्त परिवार की चार विशेषताओं का उल्लेख करें।
Ans.
संयुक्त परिवार की चार विशेषताओं की चर्चा इस प्रकार की जा सकती है
1.
सामान्य निवास संयुक्त परिवार का एक मकान होता है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य निवास
करते हैं।
2.
संयुक्त रसोई-संयुक्त परिवार में एक ही चुल्हे पर भोजन पकता है और सभी सदस्य उसी भोजन
को खाते हैं।
3.
कर्त्ता का सर्वोच्च स्थान- परिवार का वयोवृद्ध पुरुष संयुक्त परिवार का कर्ता या मुखिया
होता है। सभी सदस्य उसकी आज्ञा का पालन करते हैं। पारिवारिक मामले में उसी का निर्णय
अंतिम होता है।
4.
सामान्य सम्पत्ति- संयुक्त परिवार में सम्पत्ति का स्वामी कोई एक व्यक्ति नहीं होता,
बल्कि परिवार के सभी सदस्यों का उस पर सम्मिलित रूप से सामान्य अधिकार होता है।
13. सामाजिक समूह से आप क्या समझते हैं ? इसकी प्रमुख विशेषताओं की
व्याख्या कीजिए
Ans.
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति सामान्य हितों के लिए परस्पर सम्बन्ध स्थापित करते हैं
तथा एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं तो एक समूह का निर्माण होता है, जिसे सामाजिक समूह
कहा जाता है। सामाजिक समूह की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
1.
समूह व्यक्तियों का संग्रह है।
2.
समूह एक मूर्त संगठन है।
3.
समूह में एक निश्चित ढाँचा के साथ-साथ कार्यों का विभाजन भी पाया जाता है।
4.
इसकी सदस्यता ऐच्छिक होती है।
5.
इसका सामान्य उद्देश्य होता है।
6.
इसका आकार अनिश्चित होता है।
7.
इसमें कुछ-न-कुछ स्थायित्व अवश्य पाया जाता है।
8.
यह एक सत्ता है।
9.
इसके सदस्यों के बीच अनिवार्य रूप से सामाजिक संबंध पाया जाता है।
14. संस्कृति से आप क्या समझते हैं ? इसकी विशेषताओं की विवेचना करें।
उत्तर:
जार्ज पीटर ने संस्कृति की परिभाषा इस प्रकार से दी है, " किसी समाज के सदस्यों
की उन आदतों से संस्कृति बनती है जिनमे वे भागीदार हो चाहे वह एक आदिम जनजाति हो या
एक सभ्य राष्ट्र। संस्कृति एकत्रिकृत आदतों की प्रणाली हैं।"
संस्कृति
की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
1.
संस्कृति समाज से सम्बंधित होती हैं
2.
संस्कृति सीखी जाती है
3.
संस्कृति मे सामाजिक गुण पाया जाता है
4.
प्रत्येक समाज की अपनी एक विशिष्ट संस्कृति
5.
संस्कृति सीखने से विकसित होती हैं
6.
संस्कृति संचरित होती हैं
7.
संस्कृति मानव आवश्यकताओं की पूर्ति करती हैं
8.
संस्कृति मानवीय होती हैं
9.
संस्कृति समूह के लिए आर्दश होती है
10. संस्कृति मानव-समाज का सार है
15. आत्म के अर्थ को स्पष्ट करें।
Ans.
आत्म का अभिप्राय मानव स्वभाव से माना जाता है। आत्म का मुख्य सम्बन्ध व्यक्ति की भावनाओं
से होता है। व्यक्ति की भावनाओं का विकास समाज के साथ अन्तक्रिया के फलस्वरूप होता
है। आत्म कोई पृथक धारणा नहीं है, यह दूसरों के सम्पर्क में जन्म लेता है। 'तू' की
भावना के बिना 'मैं' का भाव नहीं आ सकता । अपने सम्बन्ध में इसी मानसिक दर्पण को कूले
ने आत्मदर्पण' कहा है। उसके अनुसार 'आत्म या स्व परावर्तित होता है' समाज के साथ इसका
स्वरूप निखरता है।
16. सामाजिक सर्वेक्षण क्या है ?
Ans.
सामाजिक सर्वेक्षण एक वैज्ञानिक विधि है। इसके द्वारा सामाजिक घटनाओं का व्यवस्थित
अध्ययन किया जाता है। एक समुदाय के सम्पूर्ण जीवन या उसके किसी एक पक्ष के सम्बन्ध
में व्यवस्थित और पूर्ण तथ्य संकलन और तथ्य विश्लेषण ही सर्वेक्षण है। इसके द्वारा
समाज कल्याण किया जाता है। बर्गेस का कहना है, "एक समुदाय का सर्वेक्षण सामाजिक
विकास की रचनात्मक योजना प्रस्तुत करने के उद्देश्य से किया गया इसकी दशाओं एवं आवश्यकताओं
का अध्ययन है।"
17. साक्षात्कार के गुणों को स्पष्ट करें।
Ans.
साक्षात्कार के निम्नलिखित गुण हैं
1.
यह तथ्य संकलन की प्रत्यक्ष विधि है।
2.
साक्षात्कार द्वारा संकलित तथ्य अधिक अर्थपूर्ण एवं वैध होते हैं।
3.
इसमें लचीलापन पाया जाता है।
4.
इसके द्वारा गहन एवं विस्तृत सूचनाओं का संकलन होता है।
5.
इसमें तथ्यों का सत्यापन संभव है।
6.
इसमें प्रश्नों एवं उत्तरों के संदर्भ में नियंत्रण करना संभव है।
7
इसमें पारस्परिक प्रेरणा मिलती है।
8.
इसके माध्यम से अधिक मात्रा में उत्तरदाता प्रत्युत्तर देते हैं एवं सहयोग |
18. औपचारिक शिक्षा का अभिप्राय क्या है ?
Ans.
औपचारिक शिक्षा वह है जो व्यक्ति को निश्चित ध्येय और निश्चित योजना के अनुसार दी जाती
है। यह कुछ विशेष संस्थाओं-स्कूल, कॉलेज तथा विश्वविद्यालय के माध्यम से दी जाती है।
यह प्रायः 3 वर्ष की आयु से प्रारम्भ होता है और प्रायः 25 वर्ष की आयु तक चलता रहता
है। इस शिक्षा के मूल तत्व शिक्षार्थी, शिक्षक तथा शिक्षण प्रणाली माने जाते हैं। यह
प्रायः व्यवसायोन्मुख होता है।
19. अन्तः समूह तथा बाह्य समूहों में अन्तर स्पष्ट कीजिए
Ans.
समनर ने समूहों को अन्तः तथा बाह्य समूहों में वर्गीकृत किया है। इनमें निम्नलिखित
अन्तर पया जाते हैं
अन्तः
समूह-
1.
इनमें 'हम भावना' अथवा 'अपनापन' पाया जाता है।
2.
इनमें संबंधों में निकटता पाई जाती है।
3.
इसके अन्तर्गत समूह के सदस्यों में त्याग और सहानुभूति की भावना पाई जाती है।
4.
इसमें सुख-दुःख की आन्तरिक भावना पाई जाती है ।
5.
अन्तः समूह बड़े भी हो सकते हैं।
6.
उदाहरण किसी भी हमले के समय देश के निवासियों में स्वयं अन्तः समूह बन जाता है।
बाहय
समूह-
1.
इनमें 'हम भावना' अथवा 'अपनेपन' का अभाव पाया जाता है।
2.
इनमें संबंधों में दूरी पाई जाती है।
3.
इसमें त्याग और सहानुभूति का औपचारिक ढोंग किया जाता है।
4.
इसमें सुख-दुःख का बाहरी रूप पाया जाता है ।
5.
बाह्य समूह परिस्थिति के अनुसार भी हो सकते हैं।
6.
एक ही देश के विभिन्न नगर के लोगों में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई की भावना बाह्य
समूह की प्रवृत्तियाँ हैं।
20. द्वितीयक समूह की विशेषता बताएँ।
Ans.
द्वितीयक समूह की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
1.
इसका आकार बड़ा होता है।
2.
इसकी सदस्यता ऐच्छिक होती है।
3.
इसके सदस्यों के बीच घनिष्ठता का अभाव पाया जाता है।
4.
इसमें अप्रत्यक्ष सम्बन्ध पाया जाता है।
5.
इसमें औपचारिक सम्बन्ध की प्रधानता होती है।
6.
इसका निर्माण किसी-न-किसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए किया जाता है।
21. औपचारिक और अनौपचारिक समूहों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
Ans.
औपचारिक और अनौपचारिक समूहों में निम्नलिखित अंतर पाया जाता है औपचारिक समूह-
(i)
औपचारिक समूह का आशय बड़े संगठन या इसके एक बड़े भाग से है।
(ii)
एक औपचारिक समूह में हमेशा आदर्श श्रेणीबद्ध संरचना या पदक्रम पद्धति होती है।
(iii)
यह पद्धति कुछ निश्चित नियमों पर आधारित होती है।
(iv)
औपचारिक समूह परम्परागत नहीं होते।
(v)
औपचारिक समूह मानक व समरूप होते हैं। इन समूहों का आधार पूर्व निर्धारित उद्देश्य होते
हैं।
अनौपचारिक
समूह -
1.
एक अनौपचारिक समूह में व्यवस्था एवं संगठन का पूर्णतया अभाव पाय जाता है।
2.
इस समूह का आकार, पद्धति, समय, स्थान कुछ भी पूर्व निश्चित नहीं होता, सभी कुछ आकस्मिक
होता है।
3.
इसमें कोई निश्चित नियम नहीं पाये जाते ।
4. अनौपचारिक समूह अधिक परम्परागत होते हैं जैसे कि पितृसत्तात्मक परिवार ।
22. सामाजिक नियंत्रण नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं ?
Ans.
रॉस ।
23. सामाजिक परिवर्तन से क्या अभिप्राय है?
Ans.
परिवर्तन प्रकृति का नियम है और प्रत्येक समाज में परिवर्तन की प्रक्रिया निरन्तर रूप
से चलती रहती है। जोन्स का कहना है कि "सामाजिक परिवर्तन वह
शब्दावली है जो सामाजिक प्रक्रियाओं, सामाजिक स्वरूपों, सामाजिक अंतःक्रियाओं अथवा
सामाजिक संगठन के किसी भी पहलू में परिवर्तन के संबंध में प्रयोग की जाती है।
"
24. प्रतिस्पर्दधा किस समाज
की विशेषता है ?
Ans.
आधुनिक समाज
25. संस्कृति के भौतिक पक्ष को क्या कहते हैं ?
Ans.
संस्कृति का भौतिक पक्ष सभ्यता है।
26. सोशियोलॉजी की अवधारणा का सृजन किसने ?
Ans
सी. राइट मिल्स के अनुसार, "सता का तात्पर्य निर्णय लेने के अधिकार तथा दूसरे
व्यक्तियों के व्यवहार को अपनी इच्छानुसार तथा संबंधित व्यक्तियों की इच्छा के विरुद्ध
प्रभावित करने की क्षमता है। "
27. सामाजिक परिवर्तन के प्रौद्योगिकी कारक व्याख्या करें।
Ans.
सामाजिक परिवर्तन का एक मुख्य स्रोत प्रौद्योगिकी कारक है। प्रौद्योगिकी कारक का प्रभाव
मानव जीवन तथा समाज पर विभिन्न प्रकार से पड़ता है। मैकाइवर ने इसके प्रभावों को दो
भागों में बाँटा है-
(i)
प्रत्यक्ष प्रभाव तथा
(ii)
अप्रत्यक्ष प्रभाव
प्रौद्योगिकी
के प्रत्यक्ष प्रभाव-इसके प्रत्यक्ष प्रभाव को निम्नवत स्पष्ट किया जा सकता है।
1.
नवीन श्रम संगठन प्रौद्योगिकी के विकास के कारण बड़े-बड़े औद्योगिक संस्थानों की स्थापना
हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रमिकों का कार्य करना आवश्यक हो गया। इस स्थिति में
शोषण से बचने के लिए तथा सुविधा के लिए श्रम का नवीन संगठन अनिवार्य हो गया।
2.
विशेषीकरण पहले व्यक्ति हर काम को कर सकता था। परन्तु प्रौद्योगिकी के फलस्वरूप उत्पादन
बड़े पैमाने पर होने लगा। इस प्रकार के उत्पादन कार्य में श्रम विभाजन एवं विशेषीकरण
की आवश्यकता पड़ती है।
प्रौद्योगिकी
के अप्रत्यक्ष प्रभाव-इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव निम्नलिखित
1.
बेरोजगारी प्रौद्योगिकी के विकास के कारण कुटीर उद्योग-धन्धों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा,
जिससे उनमें काम करने वाले लोग बेकार हो गये।
2.
प्रतिस्पद्धा में वृद्धि प्रौद्योगिकी के कारण उद्योगों में मशीनीकरण, श्रम विभाजन
तथा विशेषीकरण को प्रवृति बढ़ती है। फलतः उत्पादन में वृद्धि होती है। इससे प्रतिस्पद्धा
बढ़ती है। आज की औद्योगिक प्रतिस्पद्धा गला काट प्रतिस्पद्धा है। उत्पादन की मात्रा
में वृद्धि, व्यापार में गतिरोध तथा विभिन्न आर्थिक अपराध इसके परिणाम है। इसके फलस्वरूप
बड़े-बड़े बाजारों का विकास हुआ तथा नवीन आर्थिक एवं व्यापारिक आदर्शों का विकास हुआ
तथा नवीन नैतिकता सामने आयी। इस प्रकार प्रौद्योगिकी प्रभाव से विकसित हुई प्रतिस्पद्धा
की भावना का समाज के विभिन्न पक्षों पर प्रभाव पड़ा है।
28. एकाकी परिवार पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें।
Ans.
एकाकी परिवार से हमारा अभिप्राय ऐसे परिवार से है, जिसमें सामान्य अधिकार होता है।
पति-पत्नी और उसके अविवाहित बच्चे रहते हैं। इस प्रकार इसके सदस्यों की संख्या 5-6
तक की होती है। फलस्वरूप आकार की दृष्टि से यह परिवार सबसे छोटा होता है। पहलेभारत
में ऐसे परिवारों का प्रचलन नहीं था। औद्योगिकीकरण तथा नगरीकरण के कारण संयुक्त परिवार
के विघटित होने से भारत में भी एकाकी परिवार का प्रचलन बढ़ता चला जा रहा है। भारत में
हुए विभिन्न अध्ययनों से भी इसकी पुष्टि होती है। आज लोग एकाकी परिवार को ही पसंद करते
हैं। फलतः इसकी लोकप्रियता बढ़ी है।
29. स्थानांतरित खेती से आप क्या समझते हैं ?
Ans.
स्थानांतरित खेती में जंगल के पेड़ों को काटकर उन्हें एक स्थान पर एकत्रित कर जला दिया
जाता है। फिर राख को खेती करने योग्य जमीन पर बिछा दिया जाता है। इसमें बीज बो दिये
जाते हैं। बारिश होने पर बीज उग आते हैं। जब एक-दो वर्ष के बाद उस स्थान को भूमि की
उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती है तो स्थान परिवर्तन करके दूसरे स्थान पर इसी प्रकार
की खेती की जाती है। इसलिए इसे स्थानांतरित खेती कहा जाता है।इस प्रकार की खेती से
मोटा अनाज-जौ, बाजरा, मटर, चना आदि उत्पन्न हो पाते हैं। कुल उत्पादन कम होता है। सामूहिक
आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद विनिमय के लिए अनाज नहीं बचता। इस प्रकार की खेतीसामूहिक
स्तर पर होती है।
30. औपचारिक शिक्षा का अभिप्राय क्या है ?
Ans.
औपचारिक शिक्षा वह है जो व्यक्ति को निश्चित ध्येय और निश्चित योजना के अनुसार दी जाती
है। यह कुछ विशेष संस्थाओं-स्कूल, कॉलेज तथा विश्वविद्यालय के माध्यम से दी जाती है।
यह प्रायः 3 वर्ष की आयु से प्रारम्भ होता है और प्रायः 25 वर्ष की आयु तक चलता रहता
है। इस शिक्षा के मूल तत्व शिक्षार्थी, शिक्षक तथा शिक्षण प्रणाली माने जाते हैं। यह
प्रायः व्यवसायोन्मुख होता है।