After prayogshala assistants, now preparing to take out advertisements of plus two teachers

प्रयोगशाला सहायकों के बाद अब प्लस टू शिक्षकों के विज्ञापन निकालने की तैयारी

 प्रयोगशाला सहायकों के बाद अब प्लस टू शिक्षकों के विज्ञापन निकालने की तैयारी

जेएसएससी से अगले माह निकलेगी 3, 110 स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की बहाली

रांची: 960 प्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद अब प्लस टू स्कूलों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की बारी है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की अनुशंसा मिलने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कुल 3,110 पदों पर स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अगले माह आनलाइन आवेदन को लेकर विज्ञापन प्रकाशित करने की तैयारी कर रहा है। जिन पदों पर नियुक्ति होगी उनमें 2,855 नियमित तथा 265 बैकलाग पद शामिल हैं।

राज्य के प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2012 में हुई थी। इसके बाद अब इन स्कूलों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा रही है। राज्य सरकार ने प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हाल ही में नियुक्ति एवं सेवाशर्त नियमावली‌में भी संशोधन किया है। इसके तहत नियुक्ति के लिए अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता के अलावा अभ्यर्थियों को झारखंड के शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। हालांकि, आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को इससे छूट दी गई है। अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना भी अनिवार्य होगा। इधर, प्राथमिक स्कूलों में सहायक आचार्य के लगभग 50 हजार पदों के सृजन के प्रस्ताव पर प्रशासी पदवर्ग समिति की स्वीकृति मिल गई है। अब इसपर कैबिनेट की स्वीकृति लेने की तैयारी चल रही है। साथ ही माडल स्कूलों में 979 शिक्षकों और 267 प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी शीघ्र शुरू करने की तैयारी है।

75 प्रतिशत पर सीधी भर्ती से होगी नियुक्ति स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के कुल पदों में 75 प्रतिशत पदों पर सीधी नियुक्ति होगी। वहीं, 25 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति माध्यमिक विद्यालयों में न्यूनतम तीन साल सेवा देनेवाले शिक्षकों की होगी। हालांकि, शिक्षकों को भी उसी प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होना होगा, जो परीक्षा सीधी नियुक्ति के लिए आयोजित की जाएगी।

विषय : अर्थशास्त्र (ECONOMICS) का सिलेबस

1. अर्थव्यवस्था का ढाँचा, राष्ट्रीय आय का लेखीकरण ।

2. आर्थिक विकल्प (Economical Choice) उपभोक्ता व्यवहार - उत्पादक व्यवहार और बाजार के रूप ।

3. निवेश सम्बन्धी निर्णय तथा आय और रोजगार का निर्धारण आय, वितरण और वृद्धि के समृद्ध आर्थिक प्रतिरूप।

4. बैंक व्यवस्था - योजनाबद्ध विकासशील अर्थव्यवस्था के केन्द्रीय बैंक व्यवस्था के उद्देश्य और साधन तथा साख सम्बन्धी नीतियाँ झारखण्ड के वाणिज्य बैंकों के क्रियाकलाप ।

5. करों के प्रकार और अर्थव्यवस्था के बजटीय और राजकोषीय नीति के उद्देश्य और साधन ।

6. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रशुल्क पद्धति, विनिमय दर अदायगी शोध, अतंर्राष्ट्रीय मुद्रा व बैंक संस्थान ।

7. भारतीय अर्थव्यवस्था, भारतीय अर्थ नीति के निदेशक सिद्धांत, योजनाबद्ध वृद्धि और वितरण न्याय—गरीबी का उन्मूलन । भारतीय अर्थव्यवस्था का संस्थागत ढाँचा–संघीय शासन संरचना - कृषि औद्योगिक क्षेत्र, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र, राष्ट्रीय आय, उसका क्षेत्रीय और क्षेत्रीय वितरण कहाँ-कहाँ और कितनी ।

8. कृषि उत्पादन - कृषि नीति-भूमि सुधार प्रौद्योगिकीय परिवर्त्तन- औद्योगिक क्षेत्र से सह- सम्बन्ध ।

9. औद्योगिक उत्पादन - औद्योगिक नीति । सार्वजनिक और निजी क्षेत्र क्षेत्रीय वितरण - एकाधिकार प्रथा का नियंत्रण और एकाधिकार ।

10. कृषि उत्पादों और औद्योगिक उत्पादों के मूल्य निर्धारण सम्बन्धी नीतियाँ अधिप्राप्ति और सार्वजनिक वितरण ।

11. बजट की प्रवृत्तियाँ और राजकोषीय वितरण ।

12. मुद्रा और साख प्रवृत्तियाँ और नीति- बैंक व्यवस्था और वित्तीय संस्थाएँ ।

13. विदेशी व्यापार और अदायगी कोष ।

14. भारतीय योजना - उद्देश्य व्यूह रचना अनुभव और समस्याएँ ।

15. झारखण्ड की अर्थ व्यवस्था :- कृषि एवं उद्योग के सापेक्षिक स्थान, आर्थिक विकास के मार्ग की रूकावटें, गरीबी एवं बेरोजगारी, भूमि सुधार की प्रगति ।

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