पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
(i) मानव विकास सूचकांक (2011) के सन्दर्भ में विश्व के देशों में भारत
की निम्नलिखित में से कौन-सी कोटि थी
(क)
126
(ख) 134
(ग)
128 .
(घ)
129.
(ii) मानव विकास सूचकांक में भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस
एक की कोटि उच्चतम
(क)
तमिलनाडु
(ख)
पंजाब
(ग) केरल
(घ)
हरियाणा।
(iii) भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में स्त्री साक्षरता
निम्नतम है
(क)
जम्मू और कश्मीर
(ख)
अरुणाचल प्रदेश
(ग)
झारखण्ड
(घ) बिहार।
(iv) भारत के निम्नलिखित में से किस एक में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों
में लिंग अनुपात निम्नतम है
(क)
गुजरात
(ख) हरियाणा
(ग)
पंजाब
(घ)
हिमाचल प्रदेश।
(v) भारत के निम्नलिखित केन्द्र शासित प्रदेशों में से किस एक की साक्षरता
दर उच्चतम है
(क) लक्षद्वीप
(ख)
चण्डीगढ़
(ग)
दमन और दीव
(घ)
अण्डमान और निकोबार द्वीप।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें
(i) मानव विकास को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास –“मानव विकास, स्वस्थ भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक
स्वतन्त्रता तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों को सम्मिलित करते हुए लोगों के विकल्पों
में विस्तार और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं एवं सशक्तीकरण के अवसरों में वृद्धि
की प्रक्रिया है।”
(ii) उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के निम्न स्तरों
के दो कारण बताइए।
उत्तर:
उत्तरी भारत में मानव विकास के निम्न स्तर के प्रमुख कारण हैं
1.
गरीबी – पंजाब व हरियाणा के अतिरिक्त उत्तरी भारत के राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार,
मध्य प्रदेश, असम आदि राज्यों में गरीबी के कारण मानव विकास नहीं हो पाया है।
2.
पिछड़ापन – उत्तरी भारत के राज्य कृषिप्रधान होने के कारण अन्य क्षेत्रों में पिछड़े
हुए हैं जैसे-औद्योगीकरण आदि। शिक्षा का स्तर भी नीचा है। पिछड़ेपन के कारण ही इन राज्यों
का मानव विकास नहीं हो पाया है।
(iii) भारत में बच्चों के घटते लिंगानुपात के दो कारण बताइए।
उत्तर:
भारत में बच्चों के घटते लिंगानुपात के निम्नलिखित कारण हैं
👉
परिवार में पुरुष प्रधानता – भारतीय हिन्दू परिवार अधिकतर पुरुष प्रधान हैं। स्त्रियों
का स्थान गौण रह जाता है।
👉
कन्या भ्रूण हत्या – कन्या भ्रूण हत्या भी घटते लिंगानुपात का प्रमुख कारण है। .
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें
(i) भारत में 2001 के स्त्री साक्षरता के स्थानिक प्रारूपों की विवेचना
कीजिए और इसके लिए उत्तरदायी कारणों को
समझाइए।
उत्तर:
भारत में 2001 के स्त्री साक्षरता के स्थानिक प्रारूप
👉 जनगणना-2001 के अनुसार देश में स्त्री साक्षरता दर मात्र 54.16 प्रतिशत है। स्त्री साक्षरता की दृष्टि से देश के सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों में केरल (87.86 प्रतिशत) प्रथम स्थान पर है।
👉
स्त्री साक्षरता की दृष्टि से मिजोरम (88.49 प्रतिशत) का द्वितीय स्थान तथा लक्षद्वीप
(87.52 प्रतिशत) का तृतीय स्थान है।
👉
देश में सबसे कम महिला साक्षरता बिहार (33.57 प्रतिशत) राज्य की है।
👉
देश में कम महिला साक्षरता वाले राज्य झारखण्ड, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश तथा उत्तर
प्रदेश हैं।
भारत
में स्त्री साक्षरता के कम होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
👉
पुरुषप्रधान समाज
👉
कन्या भ्रूण हत्या
👉
स्त्री शिक्षा की उपेक्षा
👉
सरकारी प्रयासों का अभाव आदि।
(ii) भारत के 15 प्रमुख राज्यों में मानव विकास के स्तरों में किन कारकों
ने स्थानिक भिन्नता उत्पन्न की है?
उत्तर:
भारत के योजना आयोग ने राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों को विश्लेषण की इकाई मानकर
मानव विकास सूचकांक तैयार किया है। विश्व विकास रिपोर्ट के अनुसार भारत मध्यम मानव
विकास वाला देश है और विश्व के 188 देशों में इसका 131वाँ स्थान है। भारत के विभिन्न
राज्यों में (तालिका) 0.790 संयुक्त सूचकांक मूल्य के साथ केरल कोटिक्रम में सर्वोच्च
है। इसके बाद दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, गोवा और पंजाब आते हैं। अपेक्षा के अनुरूप बिहार,
ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य देश के 23 प्रमुख राज्यों में सबसे नीचे हैं।
तालिका:
भारत-मानव विकास सूचकांक 2007-08
कोटिक्रम 2007-08 |
राज्य |
मानव विकास सूचकांक मूल्य 2007-08 |
1 |
केरल |
0.790 |
2 |
दिल्ली |
0.750 |
3 |
हिमाचल प्रदेश |
0.652 |
4 |
गोवा |
0.617 |
5 |
पंजाब |
0.605 |
6 |
उत्तर पूर्व |
0.573 |
7 |
महाराष्ट्र |
0.572 |
8 |
तमिलनाडु |
0.570 |
9 |
हरियाणा |
0.552 |
10 |
जम्मू एवं कश्मीर |
0.529 |
11 |
गुजरात |
0.527 |
12 |
कर्नाटक |
0.519 |
13 |
पश्चिम बंगाल |
0.492 |
14 |
उत्तराखंड |
0.490 |
15 |
आन्ध्र प्रदेश तेलंगाना |
0.473 |
16 |
असम |
0.444 |
17 |
राजस्थान |
0.434 |
18 |
उत्तर प्रदेश |
0.380 |
19 |
झारखण्ड |
0.376 |
20 |
मध्य प्रदेश |
0.375 |
21 |
बिहार |
0.367 |
22 |
ओडिशा |
0.362 |
23 |
छत्तीसगढ़ |
0.358 |
स्रोत
: भारत का योजना आयोग, भारत राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट 2011.
भारत
में मानव विकास की प्रादेशिक विषमताओं के लिए कई सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक तथा ऐतिहासिक
कारण उत्तरदायी हैं।
अन्य परीक्षाउपयोगी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घउत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. मानव विकास क्यों आवश्यक है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विकास लोगों के लिए होता है न कि लोग विकास के लिए। विकास की सभी प्रक्रिया मानव-केन्द्रित
हैं। मानव विकास की संकल्पना केवल अर्थव्यवस्था के विकास से सम्बन्धित नहीं है, बल्कि
यह मानव के समग्र विकास से जुड़ी है। मानव विकास में लक्ष्य और साधन दोनों पर विशेष
ध्यान दिया जाता है।
पाल
स्ट्रीटन के अनुसार मानव विकास निम्नलिखित कारणों से अनिवार्य होता है
👉
आर्थिक, सामाजिक अथवा भौतिक हर प्रकार के विकास का अन्तिम लक्ष्य मानव जीवन की दशाओं
को सुधारना तथा लोगों के लिए विकल्पों को बढ़ाना है।
👉
मानव विकास उच्चतर उत्पादकता का साधन है। कुशल, शिक्षित, स्वस्थ और सतर्क श्रमिक और
गुणात्मक उत्पादन करने में सक्षम होते हैं। यही कारण है कि आज अनेक देश मानव विकास
में विनिवेश कर रहे हैं।
👉
मानव विकास के परिणामस्वरूप प्रजनन की गति धीमी होती है जिससे परिवारों का आकार छोटा
करने में सहायता मिलती है।
👉
मानव विकास भौतिक पर्यावरण के संरक्षण में सहायक सिद्ध होता है। विकास के होने और गरीबी
के घटने से वनों का अवैध कटान, मृदा अपरदन तथा मरुस्थलीकरण का बढ़ना कम हो जाता है।
👉
जीवन की समुन्नत दशाएँ और गरीबी में कमी सभ्य, स्वस्थ और तार्किक समाज की रचना में
सहायक होती हैं। ऐसे समाज में लोकतन्त्र और सामाजिक स्थिरता की जड़ें मजबूती से फैलती
हैं।
👉
मानव विकास सामाजिक अशान्ति को कम करने तथा राजनीतिक स्थिरता में बढ़ाने में सहायक
हो सकता है।
प्रश्न 2. स्वस्थ जीवन के सूचक का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वस्थ जीवन के सूचक आरोग्य एवं दीर्घायु होना एक स्वस्थ जीवन के सूचक हैं। स्वास्थ्य
मानव विकास का प्रमुख आधार है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद देश के लोगों के स्वास्थ्य-सुधार
की दिशा में अनेक कदम उठाए गए। स्वस्थ और लम्बे जीवन के कुछ महत्त्वपूर्ण माप अनलिखित
हैं
शिशु
मर्त्यता, माताओं में प्रजननोत्तर मृत्यु-दर घटाने के उद्देश्य से पूर्व और प्रसवोत्तर
स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, वृद्धों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ, पर्याप्त पोषण और
व्यक्तियों की सुरक्षा इत्यादि। जिन स्वास्थ्य सूचकों के क्षेत्र में भारत ने सराहनीय
कार्य किया है, वे निम्नलिखित हैं
1.
अशोधित मृत्यु-दर
👉
भारत में मृत्यु – दर तेजी से कम हुई है। सन् 1951 में मृत्यु-दर 25.1 थी जो घटकर सन्
2015 में 6.5 रह गई।
👉
सन् 2015 में शिशु मृत्यु-दर सन् 1951 की शिशु मृत्यु-दर की अपेक्षा लगभग एक-तिहाई
से भी कम रह गई है अर्थात् यह 148 प्रति हजार से 37 प्रति हजार रह गई है।
👉
चार वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु-दर भी एक-तिहाई रह गई है।
अत:
इन तथ्यों से स्पष्ट है कि मृत्यु का खतरा जीवन की प्रत्येक अवस्था में घट गया है।
यह स्वास्थ्य सेवाओं में पर्याप्त सुधार की निशानी है।
2.
अशोधित जन्म – दर-20वीं सदी के उत्तरार्द्ध में किए गए प्रयत्नों से जन्म-दर घटी तो
है, लेकिन तेजी से नहीं घटी है। उदाहरणत: सन् 1951 में जन्म-दर 40.8 (प्रति हजार) थी
जो सन् 2011 में 20.8 रह गई अर्थात् इसमें 19 अंकों की कमी आई है। जन्म-दर का कम होना
भी शिक्षा के प्रसार, जागरूकता और आर्थिक विकास का सूचक है।
3.
कुल प्रजनन दर – इस अवधि में कुल प्रजनन दर भी घटी है। सन् 1951 में बच्चा पैदा करने
की उम्र छह बच्चे प्रति स्त्री थी जो सन् 2011 में घटकर 2.9 रह गई है।
4.
जीवन प्रत्याशा – लोगों की आयु में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
👉
सन् 1951 में पुरुष जीवन प्रत्याशा 37.1 वर्ष थी जो बढ़कर सन् 2011 में 62.6 वर्ष हो
गई है।
👉
इसी तरह स्त्री जीवन प्रत्याशा सन् 1951 में 36.2 वर्ष से बढ़कर सन् 2011 में 64.6
वर्ष हो गई है।
प्रश्न 3. मानव विकास की अवधारणा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास की अवधारणा लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार का दूसरा नाम मानव विकास
है। मानव विकास केवल धन से नहीं हो जाता। यह तभी सम्भव है जब मनुष्य की आर्थिक, सामाजिक
एवं सांस्कृतिक सभी प्रकार की उन्नति हो। मानव विकास जीवन की उत्कृष्टता हेतु एक सतत
प्रक्रिया है।
मानव
विकास का सम्बन्ध उन सभी अवसरों के विस्तार से है जिनका लाभ मानव उठा सकता है और अपनी
क्षमताओं का निर्माण कर सकता है। वे क्षमताएँ हैं—दीर्घ जीवन और स्वस्थ तन-मन, शिक्षा,
सूचना एवं ज्ञान प्राप्त करना, जीविकोपार्जन के अवसरों की उपलब्धि, जीवन-यापन के उच्च
स्तर के लिए प्राकृतिक संसाधनों तक पहुँच का होना। मानव विकास के इन मुख्य तत्त्वों
के अतिरिक्त जीवन के कई और भी अनिवार्य पक्ष हैं जिनके बिना जीवन की गुणवत्ता नहीं
बढ़ सकती; जैसे-व्यक्तिगत एवं सामाजिक सुरक्षा, राजनीतिक स्वतन्त्रता, मानव अधिकारों
की गारण्टी व समानता, व्यक्तिगत आत्म-सम्मान से युक्त शिष्ट जीवन, सामुदायिक जीवन में
सहभागिता, उत्तरदायी सरकार, आत्मनिर्भरता और शान्ति। इस तरह मानव विकास मनुष्य की रुचियों,
अवसरों और क्षमताओं के विस्तार पर बल देता है।
इन्हीं
सब बातों को ध्यान में रखकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानव विकास को इस प्रकार परिभाषित
किया है-“मानव विकास, स्वस्थ भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्वतन्त्रता
तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों को शामिल करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार और
उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तीकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया है।”
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. विकास के भारतीय अनुभवों के निष्कर्ष को समझाइए।
उत्तर:
भारत में पश्चिम की तर्ज पर हुए आधुनिक विकास के हमारे अनुभव बताते हैं कि
👉
आधुनिक विकास स्वयं को सामाजिक अन्याय, प्रादेशिक असन्तुलन और पर्यावरणीय निम्नीकरण
जैसे आवश्यक मुद्दों से जोड़ नहीं पाया।
👉
वर्तमान विकास जीवन की गुणवत्ता और मानव विकास में गिरावट, सामाजिक अशान्ति, सामाजिक
वितरण, अन्यायों व पारिस्थितिक संकट का कारण बना है।
👉
इतना ही नहीं, विकास इन संकटों व समस्याओं की उत्पत्ति, उनका प्रणयन और स्थिरीकरण करता
है।
प्रश्न 2. विकास और निर्धनों के सामर्थ्य में कमी को समझाइए।
उत्तर:
विकास के यूरोपीय मॉडल का असर यह हुआ कि भारत जैसे देशों में गरीबों की सामर्थ्य में
गिरावट के लिए तीन अन्तर्सम्बन्धित प्रक्रियाएँ कार्यरत हो गईं
👉
विस्थापन के फलस्वरूप दुर्बल होते सामाजिक बन्धनों के कारण सामाजिक सामर्थ्य में कमी।
👉
वायु, मृदा, जल और ध्वनि प्रदूषण के कारण पर्यावरण सामर्थ्य की कमी।
👉
बढ़ते गम्भीर रोगों व दुर्घटनाओं के कारण व्यक्तिगत सामर्थ्य में कमी। इन प्रक्रियाओं
का गरीबों के जीवन की गुणवत्ता और मानव विकास पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
प्रश्न 3. विकास का विश्लेषण करते समय ध्यान रखी जाने वाली बातें क्या
हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विकास का विश्लेषण करते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखा जाता है
👉
विकास से एक आदमी को कितना लाभ पहुँचा?
👉
उसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए कितने अवसर मिल पाए?
👉
विकास का फल स्त्रियों और पुरुषों में समान रूप से वितरित हुआ कि नहीं?
प्रश्न 4. यू०एन०डी०पी० ने मानव विकास की प्रकृति के निर्धारण में किन
कारकों की अवहेलना की है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यू०एन०डी०पी० ने मानव विकास की प्रकृति के निर्धारण में निम्नलिखित कारकों की अवहेलना
की है
👉
उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद और नव-साम्राज्यवाद जैसे ऐतिहासिक कारक;
👉
मानवाधिकार उल्लंघन, प्रजाति, लिंग, धर्म और जाति के आधार पर सामाजिक भेदभाव जैसे सामाजिक-सांस्कृतिक
कारक;
👉
अपराध, आतंकवाद और युद्ध जैसी सामाजिक समस्याएँ और राज्य की प्रकृति, सरकार का स्वरूप
(लोकतन्त्र अथवा तानाशाही), सशक्तीकरण का स्तर जैसे राजनीतिक कारक इत्यादि।
प्रश्न 5. स्वच्छ भारत मिशन के विषय में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
स्वच्छ भारत मिशन कारखानों से निकलने वाले विषैले और जैविक क्रियाओं से नष्ट न हो पाने
वाले कचरे, शहरों के सीवर तथा खुले में शौच आदि के कारण स्वास्थ्य से सम्बन्धित बहुत-से
खतरे पैदा हुए हैं। भारत सरकार ने इन समस्याओं का समाधान करने के लिए बहुत-से कदम उठाए
हैं, स्वच्छ भारत मिशन उनमें से एक है।
स्वस्थ
मस्तिष्क एक स्वस्थ शरीर में निवास करता है और एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वच्छ वातावरण
विशेष रूप से स्वच्छ हवा, पानी, शोर मुक्त माहौल और स्वच्छ परिवेश प्राथमिक आवश्यकताएँ
हैं।
नगर
निगम के कचरे, उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित जल और परिवहन से निकलने वाले धुएँ
आदि शहरों में प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं। ग्रामीण इलाकों और शहरों में झुग्गी-झोपड़ियों
में खुले में शौच प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं।
भारत
सरकार ने देश को प्रदूषण रहित बनाने के विचार से स्वच्छ भारत अभियान चलाया है जिसके
उद्देश्य निम्नलिखित हैं
👉
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य देश को खुले में शौच से मुक्ति और नगर निगम के शत-प्रतिशत
ठोस कचरे का वैज्ञानिक तरीके से उचित प्रबन्धन, घरों में शौचालय, सामुदायिक शौचालय,
सार्वजनिक शौचालय का निर्माण है।
👉
ग्रामीण भारत में घरों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए साफ ईंधन के तौर पर
एल०पी०जी० को सुलभ करना।
👉
जल से होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए प्रत्येक घर में पीने लायक जल की व्यवस्था
करना।
👉
अपरम्परागत ईंधन के स्रोत जैसे पवन तथा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना।
प्रश्न 6. मानव विकास के उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास के उद्देश्य निम्नलिखित हैं
👉
राजनीतिक स्वतन्त्रता, आत्म-निर्भरता तथा स्वाभिमान प्रत्येक मानव की चाहत है।
👉
मानव विकास की प्रक्रिया में स्त्री-पुरुष, बच्चे सभी को शामिल किया जाता है।
👉
विकास लोगों के हित और कल्याण के लिए होना चाहिए।
👉
विकास सहभागीय होना चाहिए।
प्रश्न 7. पर्यावरण पर मानव के प्रभाव को प्रभावित करने वाले कारकों
को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: पर्यावरण पर मानव प्रभाव प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के द्वारा होता है। यह निम्न प्रकार से प्रभावित करता है
👉
मानव आर्थिक विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करता है।
👉
वस्तुओं के उत्पादन और उपभोग की प्रक्रिया से भी प्रदूषकों का उत्सर्जन होता है।
👉
सेवाओं जैसे परिवहन व संचार के साधनों के कारण भी पर्यावरण प्रदूषित होता है।
👉
जनसंख्या की वृद्धि का भी पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 8. मानव विकास के लक्षणों को समझाइए।
उत्तर:
मानव विकास के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं
👉
लोगों के विकल्पों को परिवर्धन की प्रक्रिया और जनकल्याण के स्तरों को ऊँचा उठाना मानव
विकास है।
👉
मानव विकास के लिए आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक जैसे मानवीय विकल्पों के परिवर्धन पर
बल दिया जाता है।
👉
दीर्घ और स्वस्थ जीवन, शिक्षा और उच्च जीवन स्तर मानव विकास के मुख्य विकल्प हैं। इन
विकल्पों . को परिवर्धित करने की प्रक्रिया ही मानव विकास है।
प्रश्न 9. मानव विकास के मूलभूत क्षेत्रों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास के मूलभूत क्षेत्र निम्नलिखित हैं
👉
स्वास्थ्य – स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए चुना गया सूचक जन्म के समय जीवन प्रत्याशा
है। उच्चतर जीवन प्रत्याशा का अर्थ है कि लोगों के पास दीर्घ और स्वस्थ जीवन जीने के
अधिक अवसर हैं।
👉
शिक्षा – प्रौढ़ साक्षरता दर और सकल नामांकन अनुपात ज्ञान तक पहुँच को दर्शाता है।
किसी देश में ज्ञान तक शत-प्रतिशत पहुँच बहुत आसान नहीं है।
👉
संसाधनों तक पहुँच को क्रय – शक्ति (अमेरिकी डॉलर) के सन्दर्भ में मापा जाता है।
प्रश्न 10. जीवन प्रत्याशा विशेष रूप से बढ़ने के कारणों को समझाइए।
उत्तर:
जीवन प्रत्याशा विशेष रूप से बढ़ने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
👉
जीवन प्रत्याशा बढ़ने का कारण निरन्तर बढ़ती खाद्य सुरक्षा है।
👉
चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हुआ है।
👉
अनाज और दालों की प्रति व्यक्ति और प्रतिदिन उपलब्धि में वृद्धि हुई है।
👉
अस्पतालों और डिस्पेंसरियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
प्रश्न 11. “मानव विकास की प्रक्रिया का केन्द्रबिन्दु है।” व्याख्या
कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास का लक्ष्य है-जनकल्याण; इसलिए मानव ही विकास का केन्द्रबिन्दु है। विकास
लोगों के लिए हो, न कि लोग विकास के लिए। लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा आदि की क्षमताओं
को सुधारने के लिए पूरे अवसर मिलने चाहिए ताकि वे अपनी क्षमताओं का पूरा-पूरा उपयोग
कर सकें। इन निर्णयों में पुरुष, स्त्रियाँ, बच्चे सभी शामिल हों। सबको मानवीय, आर्थिक
और राजनीतिक स्वतन्त्रता प्राप्त करने के अवसर प्राप्त हों। विकास का मुख्य लक्ष्य
मानव जीवन की समृद्धि होना चाहिए।
प्रश्न 12. भारत में साक्षरता दर निम्न होने के कारण बताइए।
उत्तर:
भारत में निम्न साक्षरता दर के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
👉
गरीबी – भारत में आज भी बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं।
👉
शिक्षा सुविधाओं का अभाव – भारत में प्राथमिक विद्यालयों का अभाव है। ग्रामीण क्षेत्रों
में शिक्षा का व्यापक प्रचार नहीं हुआ है।
👉
अज्ञानता – अनेक जनजातीय क्षेत्रों में अज्ञानता के कारण शिक्षा पर विशेष ध्यान नहीं
दिया जाता इसलिए साक्षरता दर निम्न है।
👉
समाज में स्त्रियों की स्थिति-भारत में स्त्रियों को पुरुषों के समान दर्जा प्राप्त
नहीं है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्री शिक्षा पर बल नहीं दिया जाता। इसीलिए
स्त्री-शिक्षा आज भी काफी कम है।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. वर्तमान सन्दर्भ में विकास का प्रतीक किसे समझा जाता है?
उत्तर:
कम्प्यूटरीकरण, औद्योगीकरण, सक्षम परिवहन जाल, वृहत् शिक्षा प्रणाली, उन्नत व आधुनिक
चिकित्सा सुविधाएँ और वैयक्तिक सुरक्षा इत्यादि को ही वर्तमान सन्दर्भ में विकास का
प्रतीक समझा जाता है।
प्रश्न 2. आर्थिक उपलब्धियों के सूचक बताइए।
उत्तर:
आर्थिक उपलब्धियों के सूचक हैं
👉
सकल घरेलू उत्पादन
👉
प्रति व्यक्ति आय
👉
गरीबी, तथा
👉
रोजगार।
प्रश्न 3. स्वस्थ जीवन के सूचक बताइए।
उत्तर:
स्वस्थ जीवन के सूचक हैं
👉
अशोधित मृत्यु-दर
👉
अशोधित जन्म-दर
👉
कुल प्रजनन दर, तथा
👉
जीवन प्रत्याशा।
प्रश्न 4. केरल में साक्षरता दर ऊँची होने के क्या कारण हैं?
उत्तर:
केरल में साक्षरता दर ऊँची होने के कारण हैं-गैर-कृषि कामगारों का ऊँचा अनुपात, शिक्षा
पर पारम्परिक रूप से अधिक ध्यान दिया जाना तथा कुशल व सजग प्रशासन आदि। ।
प्रश्न 5. मानव विकास की कुंजी क्या है?
उत्तर:
भूख, गरीबी, दासता, बँधुआकरण, अज्ञानता, निरक्षरता और किसी भी अन्य प्रकार की प्रबलता
से मुक्ति मानव विकास की कुंजी है।
प्रश्न 6. एक स्वस्थ और लम्बे जीवन के महत्त्वपूर्ण माप क्या हैं?
उत्तर:
शिशु मर्त्यता और माताओं के प्रजननोत्तर मृत्यु-दर को घटाने के उद्देश्य से पूर्व और
प्रसवोत्तर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, वृद्धों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ, पर्याप्त
पोषण और व्यक्तियों की सुरक्षा आदि स्वस्थ जीवन और लम्बे जीवन के महत्त्वपूर्ण माप
हैं।
प्रश्न 7. मानव विकास सूचकांक 2007-08 के अनुसार केरल का मानव विकास
सूचकांक मूल्य क्या है?
उत्तर:
0.790
प्रश्न 8. गांधी जी के अनुसार एक व्यक्ति और एक राष्ट्र के जीवन में
उच्चतर लक्ष्य प्राप्त करने की कुंजी क्या है?
उत्तर:
गांधी जी के अनुसार व्यक्तिगत मितव्ययिता, सामाजिक धन की न्यासधारिता और अहिंसा एक
व्यक्ति और एक राष्ट्र के जीवन में उच्चतर लक्ष्य प्राप्त करने की कुंजी है।
प्रश्न 9: शूमाकर की पुस्तक का क्या नाम है?
उत्तर:
‘स्मॉल इज ब्यूटीफुल’ (1974)।
प्रश्न 10. सन् 1993 की मानव विकास रिपोर्ट के प्रमुख मुद्दे क्या थे?
उत्तर:
लोगों की प्रतिभागिता और उनकी सुरक्षा सन् 1993 की मानव विकास रिपोर्ट के प्रमुख मुद्दे
थे।
प्रश्न 11.मानव विकास के संकेतक/पक्ष बताइए।
उत्तर:
मानव विकास के संकेतक/पक्ष हैं
👉
मानव संकेतक
👉
स्वास्थ्य संकेतक
👉
सामाजिक संकेतक, तथा
👉
आर्थिक संकेतक।
प्रश्न 12. मानव विकास के उपागमों के नाम बताइए।
उत्तर:
मानव विकास के उपागम हैं
👉
आय उपागम
👉
कल्याण उपागम
👉
आधारभूत उपागम, तथा
👉
क्षमता सम्बन्धी उपागम।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने अपना पहला प्रतिवेदन
कब प्रकाशित किया
(a) सन् 1990 में
(b)
सन् 1992 में
(c)
सन् 1995 में
(d)
सन् 1998 में
प्रश्न 2. मानव विकास का प्रमुख तत्त्व है
(a)
दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन
(b)
शिक्षा
(c)
उच्च जीवन स्तर
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 3. वर्तमान सन्दर्भ में विकास का प्रतीक किसे समझा जाता है
(a)
कम्प्यूटरीकरण
(b)
औद्योगीकरण
(c)
सक्षम परिवहन
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 4. सामाजिक संकेतक हैं
(a)
स्त्री साक्षरता
(b)
स्कूल जाने वाले बच्चों का नामांकन
(c)
छात्र-अध्यापक अनुपात
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 5. आर्थिक संकेतक है
(a)
वेतन
(b)
आय
(c)
रोजगार
(d) ये सभी।
प्रश्न 6. स्वस्थ जीवन का सूचक है
(a)
अशोधित मृत्यु-दर
(b)
अशोधित जन्म-दर
(c)
जीवन प्रत्याशा
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 7. गांधी जी के अनुसार एक व्यक्ति और एक राष्ट्र के जीवन में
उच्चतर लक्ष्य प्राप्त करने की कुंजी है
(a)
व्यक्तिगत मितव्ययिता
(b)
सामाजिक धन की न्यासधारिता
(c)
अहिंसा
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 8. गरीबी, प्रतिबिम्बित होती है
(a)
जीवन की निम्न गुणवत्ता से
(b)
भूख से
(c)
कुपोषण से
(d) उपर्युक्त सभी से।
प्रश्न 9. जनगणना-2011 के अनुसार भारत में कुल साक्षरता दर थी
(a) 74.04 प्रतिशत
(b)
62.14 प्रतिशत
(c)
60.28 प्रतिशत
(d)
58.22 प्रतिशत।
प्रश्न 10. 1999-2000 के अनुसार भारत में गरीबी-रेखा की दर थी
(a) 26.10 प्रतिशत
(b)
30.12 प्रतिशत
(c)
22.18 प्रतिशत
(d) 18.60 प्रतिशत