पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा विकास का सर्वोत्तम वर्णन करता है
(क)
आकार में वृद्धि
(ख) गुण में धनात्मक परिवर्तन
(ग)
आकार में स्थिरता
(घ)
गुण में साधारण परिवर्तन।
(ii) मानव विकास की अवधारणा निम्नलिखित में से किस विद्वान की देन है
(क)
प्रो० अमर्त्य सेन
(ख) डॉ० महबूब-उल-हक
(ग)
एलन सी० सेम्पुल ।
(घ)
रैटजेल।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए :
(i) मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र कौन-से हैं?
उत्तर:
दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन, ज्ञान प्राप्त करना एवं एक शिष्ट जीवन जीने के लिए
पर्याप्त साधनों का होना मानव विकास के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं। मानव
विकास के ये पक्ष तीन मूलभूत क्षेत्रों में निहित होने आवश्यक हैं
👉
संसाधनों तक पहुँच
👉
स्वास्थ्य एवं
👉
शिक्षा।
उपर्युक्त
तीनों क्षेत्र के विकास से ही मानव विकास का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
(ii) मानव विकास के चार प्रमुख घटकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मानव विकास के चार प्रमुख घटक हैं
👉
समता
👉
सतत पोषणीयता
👉
उत्पादकता और
👉
सशक्तीकरण।
(iii) मानव विकास सूचकांक के आधार पर देशों का वर्गीकरण किस प्रकार
किया जाता है?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक के आधार पर विश्व के देशों का वर्गीकरण निम्नलिखित चार प्रकार
से किया गया है, जिसे तालिका में स्पष्ट किया गया है
तालिका
: मानव विकास सूचकांक के आधार पर विश्व के देशों का वर्गीकरण
क्र०सं० |
मानव विकास का स्तर |
मानव विकास सूचकांक का स्कोर |
देशों की संख्या |
1. |
अति उच्च |
0.800 से ऊपर |
51 |
2. |
उच्च |
0.701 से 0.799 के बीच |
55 |
3. |
मध्यम |
0.550 से 0.700 के बीच |
41 |
4. |
निम्न |
0.549 से नीचे |
41 |
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न
दीजिए :
(i) मानव विकास शब्द से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मानव विकास का शाब्दिक अर्थ मानव के सर्वांगीण विकास से है। सर्वांगीण विकास के
लिए मानव को. स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क तो चाहिए ही साथ ही विकास का उचित अवसर
प्रदान करने वाला प्राकृतिक पर्यावरण और सामाजिक-आर्थिक परिवेश भी उपलब्ध होना
चाहिए, जो एक नियोजित विकास प्रणाली का आधार है।
मानव
विकास की अवधारणा का प्रतिपादन डॉ० महबूब-उल-हक के द्वारा किया गया था। डॉ० हक ने
मानव विकास का वर्णन एक ऐसे विकास के रूप में किया है जो लोगों के विकल्पों में
वृद्धि करता है और उनके जीवन में सुधार लाता है। इस अवधारणा में सभी प्रकार के
विकास का केन्द्र बिन्दु मनुष्य है। मानव विकास का मूल उद्देश्य ऐसी दशाओं को
उत्पन्न करना है जिनमें लोग सार्थक जीवन व्यतीत कर सकते हैं। दीर्घ एवं स्वस्थ
जीवन जीना, ज्ञान प्राप्त करना तथा एक शिष्ट जीवन जीने के पर्याप्त साधनों का होना
मानव विकास के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं। अत: मानव विकास ऐसा विकास है जो
विकास के विकल्पों में वृद्धि करता है। ये विकल्प स्थिर नहीं बल्कि परिवर्तनशील होते
हैं। लोगों के विकल्पों में वृद्धि करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और संसाधनों तक
पहुँच में उनकी क्षमताओं का निर्माण करना महत्त्वपूर्ण है। यदि इन क्षेत्रों में
लोगों की क्षमता नहीं है तो विकल्प भी सीमित हो जाते हैं। जैसे एक अशिक्षित बच्चा
डॉक्टर बनने का विकल्प नहीं चुन सकता क्योंकि उसका विकल्प शिक्षा के अभाव में
सीमित हो गया है। इसलिए लोगों को विकास की धारा में सम्मिलित करने के लिए उनको
विभिन्न विकल्पों के चयन की स्वतन्त्रता, अवसर और क्षमता में वृद्धि करना मानव
विकास का मुख्य लक्ष्य है।
(ii) मानव विकास अवधारणा के अन्तर्गत समता और सतत पोषणीयता से आप क्या
समझते हैं?
उत्तर:
मानव विकास की अवधारणा के मूलत: चार स्तम्भ हैं—
👉
समता
👉
सतत पोषणीयता
👉
उत्पादकता तथा
👉
सशक्तीकरण।
इन
चारों आधारी पक्षों में से प्रथम दो पक्षों का सर्वाधिक महत्त्व है।
समता
का आशय एक सन्तुलित समाज या प्रदेश से है, इसके अन्तर्गत प्रत्येक व्यक्ति को
उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था करना महत्त्वपूर्ण है जिससे समतामूलक
समाज का सृजन हो सके और लोगों को उपलब्ध अवसर-लिंग, प्रजाति, आय और जाति के भेदभाव
के विचार के बिना समान रूप से मिल सकें। भारत में स्त्रियों और सामाजिक-आर्थिक
दृष्टि से पिछड़े हुए वर्गों तथा दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने वाले व्यक्तियों
को विकास के समान अवसर प्राप्त नहीं होते; अत: मानव विकास में इस अभाव को दूर करने
का प्रयास समतामूलक विकास के माध्यम से किया जाता है।
सतत
पोषणीयता टिकाऊ विकास को अभिव्यक्त करती है। मानव विकास के लिए आवश्यक है कि
प्रत्येक पीढ़ी को विकास और संसाधन उपभोग के समान अवसर मिल सकें। अत: वर्तमान
पीढ़ी को समस्त पर्यावरणीय वित्तीय एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग भविष्य को
ध्यान में रखकर करना चाहिए। इस संसाधनों में से किसी भी एक का दुरुपयोग भावी
पीढ़ियों के लिए विकास के अवसरों को कम करता है। इससे विकास का सतत चक्र अवरुद्ध
हो जाता है। वर्तमान समय में पर्यावरण संसाधनों का जिस प्रकार दुरुपयोग हो रहा है
उससे अनेक प्राकृतिक संसाधनों के समाप्त होने के खतरे में वृद्धि हुई है जिसे सतत
पोषणीय विकास की बाधा के रूप में दर्ज किया जा सकता है। अत: मानव विकास अवधारणा की
सतत पोषणीयता इसी गैर-टिकाऊ विकास की ओर सचेत करने पर बल देती है।
अन्य परीक्षाउपयोगी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घउत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. मानव विकास सूचकांक को स्पष्ट कीजिए। सूचकांक के आधार पर
विश्व के प्रमुख समूहों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
अनेक दशकों तक किसी देश के मानव विकास स्तर को केवल आर्थिक बृद्धि के सन्दर्भ में
मापा जाता था। इस आधार पर जिस देश की अर्थव्यवस्था जितनी बढ़ी होती थी उसे उतना ही
अधिक विकसित कहा जाता था। परन्तु अब मानव विकास में सभी को विकास के समान अवसर,
सशक्तीकरण, सतत पोषणीयता और उत्पादकता को विशेष महत्त्व प्रदान किया जाता है।
मानव
विकास का मापन, जिसे मानव विकास सूचकांक भी कहा जाता है, के अन्तर्गत स्वास्थ्य,
शिक्षा और संसाधनों तक पहुँच जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निष्पादन के आधार पर देशों
का क्रम तैयार किया जाता है। इनमें से प्रत्येक आयाम को 1/3 भार दिया जाता है।
मानव विकास सूचकांक इन सभी आयामों को दिए गए भारों का कुल योग होता है। यह सूचकांक
स्कोर 1 के जितना अधिक निकट होता है मानव विकास का स्तर उतना ही उच्च होता है।
मानव
विकास सूचकांक के आधार पर विश्व के प्रमुख समूह
मानव
विकास प्रतिवेदन, 2016 के अर्जित मानव विकास स्कोर के आधार पर विश्व के देशों को
चार समूहों में वर्गीकृत किया जाता है
1.
अति – उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश-अति-उच्च मानव विकास सूचकांक वाले देशों में वे
देश सम्मिलित हैं जिनका सूचकांक 0.8 से अधिक है। मानव विकास प्रतिवेदन, 2016 के अनुसार
इस वर्ग में 51 देश सम्मलित हैं।
नीचे
के तालिका में इस वर्ग के प्रथम दस
देशों को दर्शाती है।
तालिकाः
अति-उच्च सूचकांक मूल्य वाले सर्वोच्च 10 देश
क्र०सं० |
देश |
क्र०सं० |
देश |
1. |
नार्वे |
6. |
डेनमार्क |
2. |
स्विट्जरलैण्ड |
7. |
नीदरलैण्ड |
3. |
ऑस्ट्रेलिया |
8. |
आयरलैण्ड |
4. |
जर्मनी |
9. |
आइसलैण्ड |
5. |
सिंगापुर |
10. |
कनाडा |
2.
उच्च मानव सूचकांक मूल्य वाले देश – उच्च मानव विकास सूचकांक वाले देशों में वे देश
सम्मिलित हैं जिनका सूचकांक 0.701 से 0.799 के बीच में है। मानव विकास प्रतिवेदन,
2016 के अनुसार इस वर्ग में 56 देश सम्मिलित हैं।
उच्च
मानव विकास सूचकांक वाले देश यूरोप में अवस्थित हैं और वे औद्योगीकृत पश्चिमी
विश्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। फिर भी गैर-यूरोपीय देशों की संख्या आश्चर्यचकित
करने वाली है, जिन्होंने इस सूची में अपना स्थान बनाया है।
3.
मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देश — मध्यम मानव विकास सूचकांक वाले देशों में वे देश सम्मिलित
हैं जिनका सूचकांक 0.550 से 0.700 के बीच में है। मानव विकास प्रतिवेदन, 2016 के अनुसार
इस वर्ग में कुल 41 देश हैं। इनमें से अधिकांश देशों का विकास द्वितीय विश्वयुद्ध के
बाद की अवधि में हुआ है। इस वर्ग के कुछ देश पूर्वकालीन उपनिवेश थे जबकि अन्य अनेक
देशों का विकास सन् 1990 में तत्कालीन सोवियत संघ के विघटन के बाद हुआ है। इनमें से
अनेक देश अधिक लोकोन्मुखी नीतियों को अपनाकर एवं सामाजिक भेदभाव को दूर करके तेजी से
अपने मानव विकास मूल्य को सुधार रहे हैं। इस वर्ग के देशों में उच्चतर मानव विकास के
मूल्य वाले देशों की तुलना में सामाजिक विविधता अपेक्षाकृत अधिक पायी जाती है। इस वर्ग
के देशों ने राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक विद्रोह का सामना किया है।
4.
निम्न मूल्य सूचकांक वाले देश – निम्न मूल्य सूचकांक वाले देशों में वे देश सम्मिलित
हैं जिनका सूचकांक 0.549 के नीचे है। मानव विकास प्रतिवेदन, 2016 के अनुसार इस वर्ग
में कुल 41 देश सम्मिलित हैं। इनमें अधिकांश छोटे देश हैं, जो राजनीतिक उपद्रव, गृहयुद्ध
के रूप में सामाजिक अस्थिरता, अकाल एवं विभिन्न रोग प्रसरण की अधिक घटनाओं के दौर से
गुजर रहे हैं। उन्नत नीतियों के द्वारा इस वर्ग के देशों को मानव विकास की आवश्यकताओं
के समाधान की त्वरित आवश्यकता है।
अतएव
मानव विकास-स्तर की दृष्टि से विश्व के देशों की तुलना करने पर यह कहा जा सकता है
कि उच्च-स्तर वाले देशों में राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक समृद्धि के कारण सामाजिक
क्षेत्र पर अधिक निवेश किया जाना है इसलिए इन देशों में राजनीतिक परिवेश के कारण
लोगों को उपलब्ध स्वतन्त्रता अधिक है जबकि अन्य देशों की स्थिति इसके विपरीत है।
प्रश्न 2. मानव विकास उपागम क्या है? मानव विकास के मुख्य उपागमों
का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास के उपागम मानव विकास की अवधारणा गतिशील है। मानव विकास का किस रूप में
अध्ययन किया जाए या अध्ययन का आधार क्या हो, मानव विकास उपागम कहलाता है। इस
समस्या के प्रति सभी लोगों का एक समान दृष्टिकोण नहीं है। इसीलिए मानव विकास के
उपागम भी भिन्न-भिन्न हैं। इसके चार महत्त्वपूर्ण उपागम निम्नलिखित हैं
1.
आय उपागम – आय उपागम मानव विकास का सबसे प्राचीन उपागम है। इस उपागम में मानव विकास
को आय के सम्बन्ध में देखा जाता है। इस उपागम में यह माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति
की आय अधिक है तो उसका विकास स्तर भी उच्च होगा। अर्थात् आय का स्तर व्यक्ति द्वारा
उपभोग की जा रही स्वतन्त्रता या अवसरों के स्तर को परिलक्षित करता है।
2.
कल्याण उपागम – यह उपागम सरकार द्वारा मानव कल्याणकारी कार्यों में अधिकतम व्यय करके
मानव विकास के स्तरों में वृद्धि करने पर बल देता है। इससे लोगों को अधिक-से-अधिक लाभ
प्राप्त करने के अवसर प्राप्त होते हैं। इस उपागम में लोग केवल निष्क्रिय प्राप्तकर्ता
के रूप में होते हैं अर्थात् इसमें मानव को लाभार्थी या सभी विकासात्मक गतिविधियों
के लक्ष्य के रूप में देखा जाता है। अतः कल्याण उपागम मानव विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य,
सामाजिक सुरक्षा और सुख-साधनों पर उच्चतर सरकारी व्यय का पक्षपाती है।
3.
आधारभूत आवश्यकता उपागम – इस उपागम को अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने प्रस्तावित
किया था। इसमें छह न्यूनतम आधारभूत आवश्यकताओं; जैसे-स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, जलापूर्ति,
स्वच्छता और आवास की व्यवस्था पर जोर दिया गया है। अत: यह उपागम मानव विकल्पों के प्रश्नों
की उपेक्षा करता है और परिभाषित वर्गों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति को महत्त्वपूर्ण
मानता है।
4.
क्षमता उपागम – इस उपागम को प्रो० अमर्त्य सेन ने महत्त्वपूर्ण स्थान दिया है। इस उपागम
में संसाधनों की मानव तक पहुँच की क्षमता में वृद्धि करने पर जोर दिया जाता है। अर्थात्
मानव विकास की कुंजी मानव की संसाधन प्राप्त करने की क्षमता में वृद्धि करने में निहित
है।
प्रश्न 3. मानव विकास क्या है? मानव विकास की आवश्यकता क्यों है?
कारण बताइए।
उत्तर:
मानव के अस्तित्व के लिए अनिवार्य भोजन, वस्त्र और आवास तथा सुखदायक वस्तुओं को
जुटाना मानव विकास है। मानव विकास का उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता को सुधारना है।
मानव
विकास की आवश्यकता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
👉
मानव विकास सामाजिक अशान्ति को कम करता है और राजनीतिक स्थिरता
में वृद्धि करता है।
👉
मानव विकास निर्धनता को समाप्त करके स्वस्थ एवं सभ्य समाज के निर्माण
में सहायक है।
👉
विकास की सभी क्रियाओं का अन्तिम उद्देश्य मानवीय दशाओं को
सुधारना है।
👉
मानव विकास भौतिक पर्यावरण हितैषी है।
👉
मानव विकास मानव को बुद्धिमान तथा विवेकशील बनाता है।
👉
मानव विकास उच्च आर्थिक विकास और उत्पादकता को निर्धारित करता
है।
प्रश्न 4. वृद्धि और विकास का क्या अर्थ है? वृद्धि और विकास में
अन्तर को समझाइए।
उत्तर:
वृद्धि का अर्थ – वृद्धि मात्रात्मक और मूल्य निरपेक्ष है। इसका चिह्न धनात्मक
अथवा ऋणात्मक हो सकता है।
विकास
का अर्थ – विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन है जो मूल्य सापेक्ष होता है।
वृद्धि और विकास में अन्तर
प्रश्न 5. उच्च मानव विकास सूचकांक तथा निम्न मानव विकास सूचकांक
की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
उच्च मानव विकास सूचकांक की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
👉
उच्च मानव विकास सूचकांक वर्ग वाले देशों का स्कोर 0.701 से 0.799
के बीच होता है।
👉
मानव विकास प्रतिवेदन, 2016 के अनुसार इस वर्ग में 51 देश शामिल
हैं।
👉
इस वर्ग के देश सामाजिक क्षेत्रों पर अधिक निवेश करते हैं।
👉
इस वर्ग के देश साधारणतया राजनीतिक उथल-पुथल और अस्थिरता से
मुक्त होते हैं।
👉
देश के संसाधनों का वितरण और अधिक समान होता है।
निम्न
मानव विकास सूचकांक की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
👉
निम्न मानव विकास सूचकांक वर्ग वाले देशों का स्कोर 0.549 से
नीचे होता है।
👉
मानव विकास प्रतिवेदन, 2016 के अनुसार इस वर्ग में 41 देश शामिल
हैं।
👉
इस वर्ग के देश सामाजिक क्षेत्र की बजाय सुरक्षा पर अधिक खर्च
करते हैं।
👉
इस वर्ग के देश प्राय: राजनीतिक दृष्टि से अस्थिर हैं।
👉
इस वर्ग के देश आर्थिक विकास को तेजी से शुरू नहीं कर सके हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. मानव विकास का मापन पर टिप्पणी लिखिए। अथवा मानव विकास
सूचकांक क्या है? इसे कैसे मापा जाता है?
उत्त:
मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) का निर्धारण कुछ चुने हुए विकास
मापदण्डों के आधार पर देशों का क्रम तैयार करके किया जाता है। यह क्रम 0 से 1 के
मध्य स्कोर पर आधारित होता है। विकास मापदण्ड में स्वास्थ्य, जन्म के समय जीवन
प्रत्याशा, साक्षरता दर, क्रयशक्ति क्षमता आदि को सम्मिलित किया जाता है। इनमें से
प्रत्येक आयाम को 1/3 भार (अंक) दिया जाता है। सभी विकास आयामों का सम्मिलित योग
मानव विकास सूचकांक को दर्शाता है। यह सूचकांक स्कोर 1 के जितना अधिक निकट होता
है, मानव विकास का स्तर उतना ही उच्च होता है।
वास्तव
में मानव विकास सूचकांक विकास में उपलब्धियों का मापन करता है। यह दर्शाता है कि
विभिन्न देशों ने मानव विकास के क्षेत्र में क्या-क्या उपलब्धियाँ अर्जित की हैं।
मानव गरीबी सूचकांक मानव विकास से सम्बन्धित है। यह सूचकांक मानव विकास में कमी को
मापता है। मानव विकास के इन दोनों मापों का संयुक्त अवलोकन ही किसी देश में मानव
विकास की स्थिति का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 2. विकास की अवधारणा का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विकास के अर्थ भिन्न-भिन्न लोगों के लिए भिन्न-भिन्न होते हैं। कुछ लोगों के लिए
आय में वृद्धि विकास का सूचक है, जबकि अन्य विशेषज्ञ नियोजन, आय, जीवन-स्तर आदि के
संयोग के स्तर में वृद्धि को विकास का मापदण्ड मानते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य लोग
व्यक्तियों के जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति को विकास मानते हैं। वास्तव
में विकास की अवधारणा गतिशील है। सभी विद्वान् विकास की आवश्यकता पर एकमत हैं और
लोगों के विकास के लिए तत्पर हैं। किन्तु विकास की अवधारणा और प्राप्त करने की
विधियों पर मतैक्य नहीं है। फिर भी विकास का अर्थ प्रायः गुणात्मक परिवर्तन से
लिया जाता है जो मूल्य सापेक्ष होता है। अत: यह कहा जा सकता है कि जब किसी क्षेत्र
में सकारात्मक वृद्धि हो तो उसे विकास कहा जाता है।
प्रश्न 3. मानव विकास की अवधारणा के स्तम्भ उत्पादकता तथा
सशक्तीकरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उत्पादकता का अर्थ मानव श्रम उत्पादकता या मानव कार्य के सन्दर्भ में उत्पादकता
है। लोगों की कार्य क्षमताओं में वृद्धि करके ऐसी उत्पादकता में निरन्तर वृद्धि की
जानी चाहिए। किसी राष्ट्र का सबसे मूल्यवान संसाधन मानव संसाधन है जिसकी
कार्यक्षमता में वृद्धि करने के लिए उसे उत्तम स्वास्थ्य तथा शिक्षा के अवसर
प्रदान किए जाने चाहिए।
सशक्तीकरण
का अर्थ – किसी क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों को सामाजिक एवं आर्थिक
शक्ति प्राप्त करने के विकल्पों के अवसर उपलब्ध कराना है। मनुष्य में ऐसी शक्ति
बढ़ती हुई स्वतन्त्रता और क्षमता से आती है। लोगों को सशक्त करने के लिए सुशासन
एवं लोकोन्मुखी नीतियों की आवश्यकता होती है। वर्तमान समय में मानव विकास सूचकांक
की दृष्टि से निम्न स्तर वाले पिछड़े हुए समूहों के देशों के लिए सशक्तीकरण का
विशेष महत्त्व है।
प्रश्न 4. “मानव विकास के सामाजिक सन्दर्भ
में शिक्षा का सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शिक्षा मानव का आभूषण है। मानव विकास में वृद्धि के लिए ज्ञान या शिक्षा को
सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। शिक्षित समाज ही वास्तव में विकसित समाज कहलाता है।
शिक्षा के दो मापदण्ड हैं। पहला मापदण्ड शिक्षक-शिष्य अनुपात है। अर्थात्
शिक्षक-शिष्य अनुपात जितना कम होगा, शिक्षा की गुणवत्ता उतनी ही अच्छी होगी। दूसरा
मापदण्ड शिक्षा या साक्षरता योग्यता के स्तर को मापना है। यह मापदण्ड जितना उच्च
होगा उस देश का सामाजिक स्तर भी उतना ही उच्च होगा। यू० एन० डी० पी० की वर्ष 2016
की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश विकसित देशों में 98 प्रतिशत या इससे
अधिक जनसंख्या साक्षर है। जबकि पिछड़े हुए देशों में 45 प्रतिशत से कम जनसंख्या
साक्षर है जो इन देशों के निम्न मानव विकास स्तर को प्रकट करता है।
प्रश्न 5. मानव विकास मापन की विधियों में परिवर्तन को समझाइए।
उत्तर:
मानव विकास मापन की विधियों में परिवर्तन
👉
मानव विकास मापन की विधियों का निरन्तर परिष्कार हो रहा है।
👉
मानव विकास के विभिन्न तत्त्वों के मापन की नई विधियों पर शोध हो
रहे हैं।
👉
विशेष प्रदेशों में भ्रष्टाचार के स्तर और राजनीति के
सह-सम्बन्धों की जानकारी शोधकर्ताओं में जुटाई है।
👉
राजनीतिक स्वतन्त्रता सूचकांक तथा सबसे अधिक भ्रष्ट देशों की
सूची पर भी विचार विनिमय हो रहा है।
प्रश्न 6. मध्यम सूचकांक वाले देशों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
मध्यम सूचकांक वाले देशों की विशेषताएँ
👉
इनमें से अधिकांश देशों का उदय द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद हुआ
है।
👉
इनमें से कुछ देश साम्राज्यवादी देशों के उपनिवेश थे।
👉
इस वर्ग के अनेक देश लोक-लुभावन नीतियाँ अपनाकर तथा सामाजिक
भेदभाव घटाकर विकास कर रहे हैं तथा मानव विकास के अधिक अंक अर्जित कर रहे हैं।
प्रश्न 7. जीवन की सार्थकता क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जीवन की सार्थकता
👉
दीर्घजीवन, जीवन की सार्थकता नहीं है।
👉
जीवन के कुछ उद्देश्य होने चाहिए।
👉
लोग स्वस्थ रहें।
👉
अपनी प्रतिभाओं का विकास कर सकें।
👉
सामाजिक कार्यों में भाग ले सकें।
👉
अपना लक्ष्य पाने के लिए स्वतन्त्र हों।
प्रश्न 8. डॉ० महबूब-उल-हक और विकास को समझाइए।
उत्तर:
डॉ० महबूब-उल-हक के अनुसार
👉
विकास लोगों के लिए विकल्पों का विस्तार करता है तथा उनके जीवन
को उन्नत बनाता है।
👉
इस संकल्पना में प्रत्येक श्रेणी के लोग सम्मिलित हैं।
👉
विकल्प स्थायी न होकर परिवर्तनशील है।
👉
विकास का मूल लक्ष्य ऐसी दशाएँ उत्पन्न करना है, जहाँ लोग एक
सार्थक जीवन जी सकें।
प्रश्न 9. मानव विकास सूचकांक के
लाभ/महत्त्व/गुण/आवश्यकता/उपयोगिता को समझाइए।
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक के लाभ/महत्त्व/गुण/आवश्यकता/उपयोगिता
👉
देश के भीतर और देशों के बीच अन्तर (विकास में) का मापन करता है,
जो सकल राष्ट्रीय उत्पाद के द्वारा सम्भव नहीं है।
👉
देश के अन्दर और देशों के बीच गरीबी की अधिकता को स्पष्ट करती
है।
👉
यह एक माप के रूप में कार्य करती है कि देश ने किस सीमा तक विकास
किया है। क्या विकास के स्तर और दर में कुछ सुधार हुआ है।
👉
यह देश को लक्ष्य निश्चित करने में सहायता करता है।
प्रश्न 10. मानव विकास के कल्याण उपागम की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
कल्याण उपागम की विशेषताएँ
👉
इस उपागम में निर्धनता, प्रादेशिक असमानताएँ तथा अभावों जैसे
विषम व नगरीय स्थल, झोपड़ी इत्यादि शामिल हैं।
👉
असमानता की समस्या पर विचार करने और समाधान खोजने के लिए इस
विचारधारा का जन्म हुआ।
👉
कौन, कहाँ और कैसे कल्याण उपागम के मुख्य बिन्दु हैं।
👉
सरकार कल्याण पर अधिकतम व्यय करके मानव विकास के स्तरों में
वृद्धि के लिए उत्तरदायी है।
प्रश्न 11. डॉ० महबूब-उल-हक के अनुसार लोगों के विकल्पों में
वृद्धि करने के लिए कौन-से तीन क्षेत्र महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर:
डॉ० महबूब-उल-हक के अनुसार विकल्पों में वृद्धि करने के तीन क्षेत्र निम्नलिखित
हैं
(1)
स्वास्थ्य, (2) शिक्षा एवं (3) संसाधन।।
1.
स्वास्थ्य का अभिप्राय है कि किसी देश के लोग अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
2.
शिक्षा मानव जीवन के लिए आधारभूत क्षेत्र है।
3.
संसाधन विकास के लिए आवश्यक है।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. मानव विकास क्या है?
उत्तर:
दीर्घजीविता, शिक्षा तथा उच्च जीवन-स्तर तथा स्वस्थ जीवन के सन्दर्भ में लोगों के
विकल्पों को परिवर्धित करने की प्रक्रिया मानव विकास है। .
प्रश्न 2. मानव विकास के स्तम्भों के नाम बताइए।.
उत्तर:
मानव विकास के चार स्तम्भ हैं
👉
समानता
👉
तत पोषणीयता
👉
उत्पादकता और
👉
सशक्तीकरण।
प्रश्न 3. मानव विकास के उपागमों के नाम बताइए।
उत्तर:
मानव विकास के प्रमुख चार उपागम हैं
👉
आय उपागम
👉
कल्याण उपागम
👉
न्यूनतम उपागम एवं
👉
क्षमता उपागम।
प्रश्न 4. मानव विकास के किस उपागम के प्रस्तावक डॉ० अमर्त्य सेन
हैं?
उत्तर:
मानव विकास के समता उपागम के प्रस्तावक डॉ० अमर्त्य सेन हैं।
प्रश्न 5. अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (I.L.O.) ने मूलरूप से किस
मानव विकास के उपागम को प्रस्तावित किया था?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (I.L.0.) ने मूलरूप से आधारभूत आवश्यकता उपागम को
प्रस्तावित किया था।
प्रश्न 6. मानव विकास सूचकांक के आधार बताइए।
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक के आधार तीन हैं-
👉
दीर्घजीविता
👉
ज्ञान एवं
👉
जीवन स्तर के वंचन।
प्रश्न 7. मानव विकास सूचकांक का मान कितना होता है?
उत्तर:
मानव विकास के पैमाने पर मानव विकास सूचकांक का मान 0 (शून्य) से 1 (एक) होता है।
प्रश्न 8. UNDP का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:
‘United Nations Development Programme’ (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम)।
प्रश्न 9. मानव विकास का उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
मानव विकास का उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता में सुधार है।
प्रश्न 10. मानव विकास प्रतिवेदन, 2016 के अनुसार भारत किस स्थान
पर है?
उत्तर:
मानव विकास प्रतिवेदन, 2016 के अनुसार भारत 131 वें स्थान पर है।
प्रश्न 11. मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन किसने किया था?
उत्तर:
मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन डॉ० महबूब-उल-हक के द्वारा किया गया था।
प्रश्न 12. डॉ० महबूब-उल-हक के अनुसार जीवन की सार्थकता क्या है?
उत्तर:
डॉ० महबूब-उल-हक के अनुसार सार्थक जीवन केवल दीर्घ नहीं होता। जीवन का कोई
उद्देश्य होना भी आवश्यक है।
प्रश्न 13. सर्वोच्च ‘उच्च मूल्य’ सूचकांक वाले दो देशों के नाम
लिखिए।
उत्तर:
1. नार्वे 2. स्विट्जरलैण्ड।
प्रश्न 14. सार्थक जीवन क्या है?
उत्तर:
सार्थक जीवन का अर्थ है कि लोग स्वस्थ हों, उनमें क्षमता बढ़ाने की योग्यता हो,
समाज में सहयोगी बनें तथा अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्वतन्त्र हों।
प्रश्न 15. सशक्तता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सशक्तता से तात्पर्य है कि प्रत्येक वर्ग विशेषकर महिलाओं को समाज में तथा देश की
मुख्य धारा में शामिल किया जाए।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. वृद्धि का चिह्न हो सकता है
(a)
ऋणात्मक
(b)
धनात्मक
(c) ऋणात्मक अथवा धनात्मक
(d)
इनमें से कोई नहीं।
प्रश्न 2. विकास का अर्थ है
(a)
गुणात्मक परिवर्तन
(b)
मूल्य सापेक्ष
(c) (a) व (b) दोनों
(d)
इनमें से कोई नहीं।
प्रश्न 3. डॉ० महबूब-उल-हक ने मानव विकास सूचकांक निर्मित किया
(a) सन् 1990 में
(b)
सन् 1994 में
(c)
सन् 1996 में
(d)
सन् 2000 में।
प्रश्न 4. मानव विकास का केन्द्र बिन्दु है
(a)
संसाधनों तक पहुँच
(b)
स्वास्थ्य
(c)
शिक्षा
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 5. मानव विकास के सबसे पुराने उपागमों में से एक है
(a) आय उपागम
(b)
ल्याण उपागम
(c)
आधारभूत आवश्यकता उपागम
(d)
क्षमता उपागम।
प्रश्न 6. संसाधनों तक पहुँच की क्रय शक्ति को किस सन्दर्भ में
मापा जाता है
(a)
यूरो
(b)
येन
(c) डॉलर
(d)
रुपया।
प्रश्न 7. अति-उच्च मानव विकास स्तर वाले देशों का मानव विकास
सूचकांक का स्कोर होता है
(a) 0.8 से ऊपर
(b)
0.6 से ऊपर
(c)
0.7 से ऊपर
(d)
0.9 से ऊपर।
प्रश्न 8. संयुक्त राष्ट्र कब से प्रतिवर्ष मानव विकास सूचकांक का
निर्धारण करता है
(a) सन् 1990 से
(b)
सन् 1993 से
(c)
सन् 1995 से
(d)
सन् 1998 से।
प्रश्न 9. विश्व के किस एकमात्र देश ने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता
(GNH) को देश की प्रगति का आधिकारिक माप घोषित किया है
(a) भूटान
(b)
श्रीलंका
(c)
जापान
(d) चीन।
1. मानव विकास का अर्थ लिखें ?
Ans
- मानव के आय के साथ-साथ योग्यता एवं कार्य कुशलता बढ़ाने की क्रिया को मानव विकास कहते
है।
2. मानव विकास की अवधारणा किसने प्रतिपादित किया था?
Ans
डा0 महबूब -उल-हक (बांग्लादेश)
3. मानव विकास के चार स्तम्भ-कौन-कौन से है ? (ESPI)
Ars
- (i) समता (Equality), (ii) सतत् पोषणीयता (Sustainability) (iii) उत्पादकता
(Productivity) (iv) सशक्तिकरण (Impowerment)
4. मानव विकास सूचकांक का आंकलन किन सूचकों से की जाती है?
Ans
- (i) जीवन प्रत्याशा (1) साक्षरता (iii) प्रति व्यक्ति आय
5.
मानव विकास सूचकांक (HDI) वर्ष 2015 के रिपोर्ट के अनुसार
188 देशों में भारत का स्थान 130 वें नम्बर पर है।
6.
मानव विकास सूचकांक में सबसे ऊपर 👉 नार्वे है।
नार्वे
के बाद - ऑस्ट्रेलिया, स्वीट्जरलैंड है।
7. मानव विकास सूचकांक में सबसे निचले पायदान में 👉
नाइजर है।
8. H.D. I. क्या है
Ans
- Human Development Index मानव विकास मापने का स्केल है।
9.
HDI स्केल 0-1 के बीच होता है।
10.
विकास का केन्द्र बिन्दू मानव है।
11.
जीवन प्रत्याशा जीवन की अभिलाष है।
12. संयुक्त राष्ट्र ने मानव विकास रिपोर्ट प्रथम बार कब प्रकाशित किया
था?
Ans
- 1990