Class XI (History) 1.From the Beginning of Time Theme

1. समय की शुरुआत से

1. समय की शुरुआत से

संक्षेप में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1. पृष्ठ 13 पर दिये गए सकारात्मक प्रतिपुष्टि व्यवस्था (Positive Feedback Mechanism) को दर्शाने वाले आरेख को देखिए। क्या आप उन निवेशों (inputs) की सूची दे सकते हैं जो औज़ारों के निर्माण में सहायक हुए ? औज़ारों के निर्माण से किन-किन प्रक्रियाओं को बल मिला?

उत्तर: औजारों के निर्माण में सहायक निवेश निम्नलिखित निवेश औजारों के निर्माण में सहायक सिद्ध हुए

1. मस्तिष्क के आकार एवं उसकी क्षमता में वृद्धि।

2. दो पैरों पर खड़े होकर चलने की क्षमता के कारण औजारों के प्रयोग के लिए एवं बच्चों व विभिन्न वस्तुओं को ले जाने के लिए हाथों का मुक्त होना।

3. सीधे खड़े होकर चलना।

4. नेत्रों से निगरानी, भोजन व शिकार की तलाश में लम्बी दूरी तक चलना।

वे प्रक्रियाएँ जिनको औजारों के निर्माण से बल मिला-

1. भोजन व्यवस्था में परिवर्तन-औजारों की सहायता से माँस को साफ कर लिया जाता था एवं उसे सुखाकर एक लम्बे समय तक खाद्य पदार्थ के रूप में सुरक्षित रख लिया जाता था।

2. वस्त्रों का निर्माण-सुई नामक औजार के निर्माण से कुछ जानवरों की खालों को सिलकर वस्त्र के रूप में प्रयोग किया जाने लगा।

3. आत्मरक्षा औजारों की सहायता से मानव जंगली एवं विभिन्न हिंसक जानवरों से अपने जीवन की सुरक्षा करने में सफल हुआ।

प्रश्न 2. मानव और लंगूर तथा वानरों जैसे स्तनपायियों के व्यवहार तथा शरीर रचना में कुछ समानताएँ पाई जाती हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि सम्भवतः मानव का क्रमिक विकास वानरों से हुआ।

(क) व्यवहार और

(ख) शरीर रचना शार्षकों के अन्तर्गत दो अलग-अलग स्तम्भ बनाइए और उन समानताओं की सूची दीजिए। दोनों के बीच पाए जाने वाले उन अंतरों का भी उल्लेख कीजिए जिन्हें आप महत्वपूर्ण समझते हैं?

उत्तर: मानव और लंगूर तथा वानरों जैसे स्तनपायियों के व्यवहार में निम्नलिखित समानताएँ पायी जाती हैं

समानताएँ

(क) व्यवहार

मानव

(i) मानव प्रजनन द्वारा अपने जैसी संतान उत्पन्न करते हैं।

(ii) मादा मानव अपने बच्चों को दूध पिलाती है।

(iii) मानव पेड़ों पर चढ़ सकता है।

(iv) मानव अपने बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं।

(v) मानव अपने बच्चों से प्यार करते हैं।

(vi) मानव लम्बी दूरी तक चल सकता है।

लंगूर और वानर

(i) लंगूर और वानर भी प्रजनन द्वारा अपने जैसी संतान उत्पन्न करते हैं।

(ii) मादा लंगूर और वानर भी अपने बच्चों को दूध पिलाती हैं।

(iii) लंगूर और वानर भी पेड़ों पर चढ़ सकते हैं।

(iv) लंगूर और वानर भी अपने बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं।

(v) लंगूर और वानर भी अपने बच्चों से प्यार करते हैं।

(vi) लंगूर व वानर भी लम्बी दूरी तक चल सकते हैं।

(ख) शरीर रचना मानव

मानव

(i) मानव एक रीढ़धारी प्राणी है।

(ii) मानव चौपाया है। इसके दो पैर एवं दो हाथ होते हैं।

(iii) मादा मानव के बच्चों को दूध पिलाने हेतु स्तन होते हैं।

(iv) बच्चा पैदा होने से पहले अपेक्षाकृत एक लम्बे समय तक वह मादा मानव के गर्भ में पलता है।

(v) मानव के शरीर पर बाल होते हैं।

लंगूर और वानर

(i) लंगूर और वानर भी रीढ़धारी जीव हैं।

(ii) लंगूर और वानर भी चौपाये हैं।

(iii) मादा लंगूर और वानरों के भी बच्चों को दूध पिलाने हेतु स्तन होते हैं।

(iv) बच्चा पैदा होने से पहले अपेक्षाकृत एक लम्बे समय तक वह मादा लंगूर और वानर के गर्भ में पलता है।

(v) लंगूर और वानर के शरीर पर भी बाल होते हैं।

असमानताएँ

(क) व्यवहार मानव

मानव

(i) मानव दो पैरों के बल चलता है।

(ii) मानव सीधे खड़ा होकर चल सकता है।

(iii) मानव औजार बना सकता है।

(iv) मानव कृषि एवं पशुपालन का कार्य कर सकता है।

लंगूर और वानर

(i) लंगूर और वानर चार पैरों के बल चलते हैं।

(ii) लंगूर और वानर सीधे खड़े होकर नहीं चल सकते।

(iii) लंगूर और वानर औजार नहीं बना सकते।

(iv) लंगूर और वानर कृषि एवं पशुपालन का कार्य नहीं कर सकते हैं।

(ख) शरीर-रचना मानव

मानव

(i) मानव का शरीर बड़ा होता है।

(ii) मानव का मस्तिष्क बड़ा होता है।

(iii) मानव की पूँछ नहीं होती है।

लंगूर और वानर

(i) लंगूर और वानर का शरीर मानव से अपेक्षाकृत छेटा होता है

(ii) लंगूर और वानर का मस्तिष्क अपेक्षाकृत छोटा होता है।

(iii) लंगूर और वानरों की पूँछ होती है।

प्रश्न 3. मानव उद्भव के क्षेत्रीय निरन्तरता मॉडल के पक्ष में दिए गए तर्कों पर चर्चा कीजिए। क्या आपके विचार से यह मॉडल पुरातात्विक साक्ष्य का युक्तियुक्त स्पष्टीकरण देता है?

उत्तर: मानव उद्भव के क्षेत्रीय निरन्तरता मॉडल के पक्ष में दिए गए तर्कमानव उद्भव के क्षेत्रीय निरन्तरता मॉडल के अनुसार, आधुनिक मानव का विकास विभिन्न प्रदेशों में निवास करने वाले होमो सैपियंस से हुआ है। इस मॉडल के अनुसार आधुनिक मानव का विकास धीरे-धीरे तथा अलग-अलग गति से हुआ। इसलिए आधुनिक मानव विश्व के विभिन्न भागों में अलग-अलग स्वरूप में दिखाई देता है। यह तर्क आज के मनुष्यों के लक्षणों की विभिन्नता पर आधारित है। इस मॉडल के समर्थकों का मत है कि ये असमानताएँ एक ही क्षेत्र में पहले से रहने वाले होमो एरेक्टस एवं होमो हाइडलबर्गेसिस में पाए जाने वाली असमानताओं के कारण हैं। क्षेत्रीय निरंतरता मॉडल. हमारे विचार से यह मॉडल पुरातात्विक साक्ष्य का युक्तियुक्त स्पष्टीकरण देता है।

प्रश्न 4. इनमें से कौन-सी क्रिया के साक्ष्य व प्रमाण पुरातात्विक अभिलेख में सर्वाधिक मिलते हैं:

(क) संग्रहण

(ख) औज़ार बनाना

(ग) आग का प्रयोग।

उत्तर: संग्रहण (Gathering), आग का प्रयोग (The use of fire) व औजार बनाने (Tool making) में से औजार बनाने के साक्ष्य पुरातात्विक अभिलेख में सर्वोत्कृष्ट रीति से दिए गए हैं। पत्थर के औजार बनाने व उनके प्रयोग किए जाने के प्राचीन साक्ष्य इथियोपिया व केन्या के शोध (खोज) स्थलों से मिले हैं। संभावना व्यक्त की जाती है कि इन हथियारों, औजारों का प्रयोग सबसे पहले आस्ट्रेलोपिथिकस (Austrelopithecus) ने किया था। संग्रहण व आग के इस्तेमाल के उतने ज्यादा साक्ष्य प्राप्त नहीं होते जितने कि औजार बनाने के मिलते हैं।यह माना जाता है कि पत्थर के औजार स्त्री व पुरुष दोनों अपने-अपने इस्तेमाल के आधार पर बनाते थे। ऐसा माना गया है कि स्त्रियाँ अपने और अपने बच्चों के लिए भोजन औचित्य से कुछ विशिष्ट प्रकार के औजारों का निर्मल करती थी तथा इनका प्रयोग करती थीं। जानवरों को मारने के तरीके में लगभग 35,000 वर्ष पूर्व सुधार हुआ। इस बात के प्रमाण हमें फेंककर मारने वाले भालों व तीर-कमान जैसे औजार के इस्तेमाल से मिलते हैं। भाला प्रक्षेपक यंत्र के इस्तेमाल से शिकारी लम्बी दूरी तक भाला फेंकने में समर्थ हुआ। इस युग में पंच ब्लेड तकनीक की मदद से निम्न प्रकार से पत्थर के औजारों का निर्माण किया जाता होगा

1. एक बड़े पत्थर के ऊपरी सिरे को पत्थर के हथौड़े की सहायता से हटाया जाता है।

2. फिर इस पर हड्डी या सींग से बने हुए पंच और हथौड़े की सहायता से प्रहार किया जाता है।

3. इससे एक चपटी सतह तैयार हो जाती हैं जिसे प्रहार मंच यानी घन कहा जाता है।

4. हड्डी पर नक्काशी का नमूना नीचे दिया गया है |

5. इससे धारदार पट्टी बन जाती है जिसका चाकू की तरह प्रयोग किया जा सकता है अथवा उनसे एक तरह की छेनियाँ बन जाती हैं जिनसे हड्डी, सींग, हाथीदाँत या लकड़ी को उकेरा जा सकता है।

ऑल्डुवई से मिले प्राथमि औजारों में एक औजार गैंडासा भी है, जिसके शल्कों को निकालकर धारदार बना दिया गया है। यह एक विशेष तरह का हस्त-कुठार है। इन प्राथमिक औजारों के द्वारा मानव प्राकृतिक वैज्ञानिकों ने प्रागैतिहासिक काल को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है। जो निम्नलिखित हैं

1. पुरापाषाण काल- इस युग में पत्थर के औजार भद्दे, खुरदरे व बिना किसी नक्काशी आदि के होते थे। इस काल के औजारों में रुखनी, गैंड़ासे, कुठार आदि मुख्य हैं।

2. मध्य पाषाण काल- इस युग में छोटे-छोटे रूपों में पत्थर के औजार का इस्तेमाल किया जाने लगा था। लघु किस्म के औजारों को अश्म कहते हैं। इस युग के औजारों में भाले व तीर-कमान आदि प्रमुख औजार हैं।

3. नव पाषाण काल या उत्तर पाषाण काल- इस काल के औजार बड़े साफ, अच्छी प्रकार से घिसे हुए तथा नक्कासीदार होते थे। इस युग में हड्डयों व पत्थरों को चिकना व साफ करके औजार बनाने की कला का विकास हो चुका था । हँसिया इस युग का मुख्य औजार है।

संक्षेप में निबंध लिखिए-

प्रश्न 5. भाषा के प्रयोग से

(क) शिकार करने और

(ख) आश्रय बनाने के काम में कितनी मदद मिली होगी? इस पर चर्चा करिए। इन क्रियाकलापों के लिए विचार-सम्प्रेषण के अन्य किन तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता था ?

उत्तर: भाषा के प्रयोग से शिकार करने एवं आश्रय बनाने के काम में बहुत अधिक मदद मिली होगी जिसका वर्णन निम्न प्रकार से है

(क) शिकार करने में-जैसा कि हम सब जानते हैं कि पृथ्वी के समस्त जीवधारियों में मानव ही एक ऐसा प्राणी है जो अपने विचारों और मनोभावों को भाषा के माध्यम से अभिव्यक्त कर सकता है। भाषा के प्रयोग से शिकार करने में बहुत अधिक मदद मिली होगी, जिसका वर्णन निम्नानुसार है

1. लोग शिकार की सफल योजना का निर्माण कर सकते थे।

2. वे शिकार के तरीकों एवं तकनीकों पर परस्पर चर्चा कर सकते थे।

3. वे जंगली जानवरों की प्रकृति एवं स्वभाव पर व्यापक विचार-विमर्श कर सकते थे।

4. वे शिकार के लिए औजारों का निर्माण कर सकते थे एवं आवश्यकतानुसार उनमें सुधार कर सकते थे।

5. वे मारे गए जानवर के शरीर के विभिन्न अंगों; यथा-माँस, खाल व हड्डियों आदि के उपयोग पर चर्चा कर सकते थे।

6. वे जानवरों का शिकार करते समय सुरक्षात्मक उपायों के बारे में आपस में विचार-विमर्श कर सकते थे।

(ख) आश्रय बनाने में-भाषा के प्रयोग से आश्रय बनाने में निम्नलिखित सुविधाएँ प्राप्त हुई होंगी

1. लोग जंगली जानवरों एवं मौसम की प्रतिकूलता से अपनी सुरक्षा के लिए उपयुक्त आश्रय-स्थलों के निर्माण के बारे में आपस में चर्चा कर सकते थे।

2. लोग आश्रय-स्थल बनाने के लिए उपलब्ध सामग्री की जानकारी प्राप्त कर सकते थे।

3. वे आश्रय-स्थल के निकट उपलब्ध सुविधाओं पर विचारों का आदान-प्रदान कर सकते थे।

4. वे आश्रय-स्थल बनाने के तरीकों एवं तकनीकों की जानकारी परस्पर एक-दूसरे को दे सकते थे।

5. वे आश्रय स्थल के निर्माण के लिए उपलब्ध औजारों में सुधार कर सकते थे।

6. वे आश्रय-स्थल को सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाने के उपायों पर विचार-विमर्श कर सकते थे।

विचार सम्प्रेषण के अन्य तरीके- विचार सम्प्रेषण के लिए भाषा के अतिरिक्त चित्रकारी एवं संकेतों का प्रयोग भी किया जा सकता था। चित्रों एवं संकेतों के माध्यम से मानव ने अपने सहयोगियों को शिकार के तरीकों एवं तकनीकों का संदेश प्रदान किया होगा।

प्रश्न 6. अध्याय के अन्त में दिए गए प्रत्येक कालानुक्रम में से किन्हीं दो घटनाओं को चुनिए और यह बताइए कि इनका क्या महत्व है ?

उत्तर: कालानुक्रम एक में से दो घटनाओं का विवरण निम्नलिखित है

1. आस्ट्रेलोपिथिकस (Australopithecus)- आस्ट्रेलोपिथिकस शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के 'आस्ट्रल' अर्थात् 'दक्षिणी' और यूनानी भाषा के शब्द 'पिथिकस' यानी 'वानर' से मिलकर हुई है। आस्ट्रेलोपिथिकस आरम्भिक रूप में वानर के विभिन्न लक्षण स्थित थे।56 लाख वर्ष पूर्व इसका समय माना गया है। आस्ट्रेलोपिथिकस को प्रथम वनमानुष कहा जाता है। वे पूर्वी अफ्रीका में पाए जाते थे तथा ये मनुष्य की प्रकार ही खड़े हो सकते थे। वे पत्थर के औजारों का इस्तेमाल व पशु जीवन बिताते थे और भोजन के रूप में, वे जंगली कीड़े-मकोड़े भी खाते थे।

2. होमो (Homo)- 'होमो" शब्द लैटिन भाषा का है। इसका अर्थ है-मानव। होमो के अंतर्गत स्त्री व पुरुष दोनों सम्मिलित हैं। वैज्ञानिकों ने होमो की विभिन्न प्रजातियों को उनकी विशिष्टताओं के आधार पर वर्गीकरण किया है, जो निम्नलिखित हैं

(क) होमो हैबिलिस (Homo Habilis)-ये औजार बनाने वाला मानव थे।

(ख) होमो एरेक्टस (Homo Erectus)- ये सीधे खडे होकर चलने वाला मानव थे।

(ग) होमो सैपियंस (Homo Sapiens)-ये चिंतनशील, प्राज्ञ या आधुनिक मानव थे।

होमो हैबिलिस के जीवाश्म इथियोपिया में ओमो (Omo) और तंजानिया में ओल्डुवई गोर्ज (Olduvai Gorge) से प्राप्त हुए हैं।

होमो एक्ट्रेस के जीवाश्म अफ्रीका के कूबी फोर (Koobi Fora) तथा पच्शिम तुरकन (West Turkan) deT केन्या (Kenya) और जावा के मोड जोकर्ता (Mod Jokerto) तथा संगीरन (Sangiran) में पाए गए थे। होमो सैपियंस जोकि आधुनिक मानव कहलाता है, चिन्तनशील या प्राज्ञ प्राणी है। होमो सैपियंस 1.9 लाख वर्ष से 1.6 लाख वर्ष पूर्व के हैं।

कालानुक्रम-दो में से दो घटनाओं का विवरण निम्नलिखित है -

1. दफनाने की प्रथा का प्रथम साक्ष्य- 3,00,000 वर्ष पूर्व हमे दफ़नाने की प्रथा का प्रथम साक्ष्य मिले है। कुछ रीतियों से यह ज्ञात होता है कि निअंडरथलैंसिस मानव शव को दफ़नाते थे। इससे यह प्रतीत होता है कि वे किसी धर्म में विश्वास रखते थे। निअंडरथलैंसिस काल के कब्रिस्तान के स्थल पर की गई खोजों से ऐसा भी ज्ञात होता है कि वे मृतक शरीर को रंगों से सजाते थे। वे शायद धार्मिक कारणों या सुन्दरता के लिए ऐसा करते थे। वे प्रथम मनुष्य थे जो मृत्यु के बाद जीवन के संबंध में सोचते थे।

2. निअंडरथल मानवों का लोप- लगभग 130,000 से 35,000 वर्ष पूर्व तक निअंडरथल मनुष्य यूरोप व पश्चिमी एवं मध्य एशिया में रहते थे। लेकिन 35,000 वर्ष पूर्व वे अचानक लुप्त हो गए। निअंडरथल मानव के लुप्त होने के बारे में विभिन्न वैज्ञानिकों के भिन्न-भिन्न विचार हैं। उनकी विचारधाराएँ निम्नवत् हैं

(क) निअंडरथल मानव होमो सैपियंस द्वारा मार दिए गए।

(ख) निअंडरथल मानव ने दूसरे समूहों से विवाह कर लिए और इनकी जाति की अलग पहचान खत्म हो गई। यह सभी सिद्धान्त काल्पनिक हैं। कोई भी विद्वान निश्चय से यह नहीं कह सकता कि यह जाति कब और क्यों समाप्त हुई |

परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1. जीवाश्मों का अध्ययने क्यों आवश्यक है।

(क) जीवित मानव के लिए।

(ख) मानव की लुप्त प्रजातियों के लिए।

(ग) मृत जीवों के लिए ।

(घ) विशिष्ट अध्ययन हेतु

प्रश्न 2. पशुओं और कुत्तों को कब पालतू बनाया गया?

(क) 7000-6000 ई० पू०

(ख) 5000-4000 ई० पू०

(ग) 2000-3000 ई० पू०

(घ) 1000-1500 ई० पू०

प्रश्न 3. प्रथम ओलम्पिक खेलों का आयोजन किस देश में हुआ?

(क) यूनान

(ख) एशिया

(ग) यूरोप

(घ) भारत

प्रश्न 4. गेहूँ और जौ की खेती कहाँ प्रारम्भ हुई थी?

(क) भारत

(ख) यूनान

(ग) यूरोप

(घ) अफ्रीका

प्रश्न 5. भीमबेटका के गुफाचित्र भारत के किस प्रदेश में हैं।

(क) गुजरात

(ख) महाराष्ट्र

(ग) मध्य प्रदेश

(घ) राजस्थान

प्रश्न 6. प्राज्ञ मानव कहलाता है

(क) आस्ट्रेलोपिथिकस

(ख) होमोहैबिलस

(ग) होमोसैपियन्स

(घ) निअण्डरथल

प्रश्न 7. सीधे खड़े होकर पैरों के बल चलने वाले मानव थे

(क) होमोहैबिलस

(ख) होमोइरेक्टस

(ग) होमोसैपियन्स

(घ) निअण्डरथल

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. जीवाश्म से क्या आशय है?

उत्तर : जीवाश्म अत्यन्त प्राचीन वृक्ष, मानव तथा जानवरों के अवशेष हैं। ये पत्थर में परिवर्तित हो । जाते हैं तथा प्रायः चट्टानों में संचित रहते हैं। इस प्रकार जीवाश्म लाखों वर्षों तक सुरक्षित बने रहते हैं।

प्रश्न 2. ‘प्राइमेट्स से आप क्या समझते हैं?

उत्तर : प्राइमेट्स स्तनधारियों के बड़े समूह के उपसमूह हैं। इसमें लंगूर, वानर तथा मानव को सम्मिलित किया जाता है। प्राइमेट्स का गर्भधारणकाल अपेक्षाकृत लंबा होता है। इनमें स्तनग्रन्थियाँ पायी जाती हैं।

प्रश्न 3. प्रारम्भ में मानव ने अपना भोजन किस प्रकार प्राप्त किया?

उत्तर : प्रारम्भ में मानव ने अपना भोजन जानवरों का शिकार करके, भोजन की तलाश करके अंथवा वृक्षों से प्राप्त कंद-मूल से प्राप्त किया।

प्रश्न 4. वे कौन-से कारक हैं जो प्रारम्भिक मानव इतिहास को समझने में हमारी सहायता करते हैं?

उत्तर : निम्नलिखित कारक प्रारम्भिक मानव इतिहास को समझने में हमारी सहायता करते हैं

1.  जीवाश्म,

2.  पत्थर के औजार,

3. गुफाओं की चित्रकारी।

प्रश्न 5. मानव विज्ञान के अध्ययन के विषय क्या हैं?

उत्तर : मानव विज्ञान एक ऐसा विषय है जिसमें मानव संस्कृति और मानव जीवविज्ञान के उविकासीय पक्षों का अध्ययन किया जाता है।

प्रश्न 6. नृवंशशास्त्र (Ethnography) शास्त्र के अध्ययन का विषय क्या है?

उत्तर : नृवंशशास्त्र के अध्ययन का विषय समकालीन नृजातीय समूहों का विश्लेषणात्मक अध्ययन होता है। इसमें उनके रहन-सहन, खान-पान, आजीविका के साधन, प्रौद्योगिकी आदि की जाँच की जाती है।

प्रश्न 7. भाषा की उत्पत्ति कब हुई?

उत्तर : उच्चरित यानी बोली जाने वाली भाषा की उत्पत्ति के विषय में नृतत्त्वशास्त्रियों का मत है कि ‘होमोहैबिलस’ के मस्तिष्क में कुछ ऐसी विशेषताएँ थीं जिनके कारण उसके लिए बोलना सम्भव हुआ। इस प्रकार सम्भवतः भाषा का विकास 20 लाख वर्ष पूर्व हुआ होगा।

प्रश्न 8. आस्ट्रेलोपिथिकस की खोज किसने की?

उत्तर : आस्ट्रेलोपिथिकस की खोज सर्वप्रथम मैरी लिके (Mary Leakey) ने 17 जुलाई, 1959 को की थी।

प्रश्न 9. प्रजातियों का वर्गीकरण कैसे किया गया है?

उत्तर : आदिकालीन मानवों के अवशेषों को भिन्न-भिन्न प्रजातियों में वर्गीकृत किया गया है। इन प्रजातियों को अक्सर उनकी हड्डियों की रचना में पाए जाने वाले अन्तरों के आधार पर एक-दूसरे से । अलग किया जाता है।

प्रश्न 10. होमिनिड्स के उपविभाग लिखिए।

उत्तर : होमिनिड्स के उपविभाग हैं

1. आस्ट्रेलोपिथिकस    2.  होमो

प्रश्न 11. आस्ट्रेलोपिथिकस तथा होमो के बीच क्या अन्तर है?

उत्तर : आस्ट्रेलोपिथिकस तथा होमो के बीच मुख्य अन्तर मस्तिष्क के आकार, जबड़ों तथा दाँतों में आस्ट्रेलोपिथिकस मस्तिष्क का आकार होमो की अपेक्षा छोटा होता है। इसके अलावा आस्ट्रेलोपिथिकस के जबड़े होमो के मुकाबले भारी तथा दाँत लम्बे होते हैं।

प्रश्न 12. पत्थर के औजार बनाने तथा प्रयोग करने के प्रारम्भिक साक्ष्य हमें कहाँ मिले?

उत्तर : पत्थर के औजार बनाने तथा प्रयोग करने के प्रारम्भिक साक्ष्य हमें अफ्रीका महाद्वीप के इथियोपिया तथा कार्निया में मिले हैं।

प्रश्न 13. पत्थर के औजारों का प्रयोग सर्वप्रथम किसके द्वारा किया गया?

उत्तर : आस्ट्रेलोपिथिकस सम्भवतः पत्थर के औजार बनाने वाले सर्वप्रथम थे।

प्रश्न 14. हादजा कौन है?

उत्तर : हादजा शिकारियों तथा संग्राहकों का एक छोटा समूह है, जो दक्षिण अफ्रीका में ‘लेक इयासी एक खारे पानी की विभ्रंश घाटी में बनी झील के आस-पास रहते हैं।

प्रश्न 15. लेजरेट गुफा के पास मिले निवास स्थल में चूल्हे (Hearths) किस बात के प्रतीक हैं।

उत्तर : चूल्हे इस बात का प्रतीक हैं कि मानव आग का नियन्त्रित प्रयोग जानता था। आग से गुफाओं को गर्म रखने तथा उजाला करने में सहायता मिलती थीं।

प्रश्न 16. प्रारम्भिक होमिनिड्स के खाद्य स्रोत कौन से थे?

उत्तर : ऐसा माना जाता है कि प्रारम्भिक होमिनिड्स मृत जानवरों के शरीर में मांस तथा मज्जा प्राप्त करते होंगे। ये जानवर या तो प्राकृतिक रूप से मर जाते होंगे या अन्य जानवरों द्वारा मार दिए जाते होंगे। प्रश्न 17. मानव के सीधे खड़े होने की स्थिति का उसे क्या लाभ मिला? उत्तर-सीधा खड़ा होने तथा पिछले पैरों से चलना सीखना मानव के विकास की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना थी। मानव अब स्वयं को दूसरे जानवरों से अलग कर सकता था। खड़ा होने पर मानव के आगे के अंग वस्तुओं को पकड़ने तथा औजारों का हथियारों के रूप में प्रयोग करने के लिए स्वतन्त्र थे।

प्रश्न 17. मानव इतिहास में प्रमुख निर्णायक अवस्था कब आई?

उत्तर : मानव इतिहास में प्रमुख निर्णायक अवस्था उस समय आई जब मानव ने भोजन की तलाश से कृषि करना सीखा।

प्रश्न 18. होमो’ शब्द का अर्थ बताइए।

उत्तर : ‘होमो’ लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘मानव’।

प्रश्न 19. नृतत्त्वशास्त्रियों द्वारा सभी प्रजातियों के नाम किन भाषाओं से लिए गए हैं। एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर : नृतत्त्वशास्त्रियों द्वारा सभी प्रजातियों के नाम लैटिन तथा ग्रीक भाषाओं से लिए गए हैं, जैसेआस्ट्रेलोपिथिकस शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘आस्ट्रल’ शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है दक्षिणी तथा ग्रीक भाषा के शब्द ‘पिथिकोस’ से हुई, जिसका अर्थ है ‘वानर’।

प्रश्न 20. ओल्डवर्ड गोर्ज क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर : ओल्डवर्ड गोर्ज से आदिकालीन मानव के अनेक अवशेष मिले हैं, इसलिए यह प्रसिद्ध है।

प्रश्न 21. आस्ट्रेलोपिथिकस कैसे लुप्त हो गया?

उत्तर : हिमयुग के प्रारम्भ में तापमान और वर्षा की कमी के कारण जंगल कम हो गए और घास के मैदानों का क्षेत्रफल बढ़ता गया। फलस्वरूप आस्ट्रेलोपिथिकस के प्रारम्भिक रूप लुप्त हो गए।

प्रश्न 22. गुफाओं में चित्रकारी क्यों की जाती थी?

उत्तर :  1. शिकार करने में सफलता प्राप्त करने पर।

           2.  गुफाएँ संगमस्थल थीं जहाँ लोगों के छोटे-छोटे समूह मिलते थे।

प्रश्न 23. हादजा जनसमूह का भोजन क्या है?

उत्तर : हादजा जनसमूह का भोजन 80% वनस्पतिजन्य और शेष 20% मांस और शहद से पूर्ण किया जाता है।

प्रश्न 24. होमिनिड कहाँ निवास करते थे?

उत्तर : होमिनिड पेड़ों की शाखाओं पर निवास करते थे।

प्रश्न 25. आदिकालीन मानव के दो औजारों के नाम लिखिए।

उत्तर : 1. मँड़ासा,  2. हस्तकुठार,.  3.  छेनी

लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. इन चार खोपड़ियों को देखिए

खोपड़ी—क, एक वानर की है।

खोपड़ी—ख, आस्ट्रेलोपिथिकस नामक प्रजाति की है (नीचे देखिए)

खोपड़ी–ग, होमोइरेक्टस (सीखे खड़े होकर चलने वाले आदमी) की है।

खोपड़ी-घ, होमोसेपियन्स (चिन्तनशील/प्राज्ञ मानव) नामक प्रजाति की है। आज के मानव इसी प्रजाति के हैं। इन खोपड़ियों में आप अधिक-से-अधिक जितनी समानताएँ और अन्तर देखते हैं उनकी सूची बनाइए; इस हेतु आप सबसे पहले इन खोपड़ियों का मस्तिष्क खोलो, जबड़ों और दाँतों को भली-भाँति देखिए।

उत्तर : उपर्युक्त प्रस्तुत चार खोपड़ियाँ क, ख, ग, घ के विषय में हमारे अध्ययन का निष्कर्ष निम्न है

प्रश्न 2. प्रजाति की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर : प्रजाति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

(i) प्रजाति जीवों का एक ऐसा समूह है जिसके नर और मादा सहवास के माध्यम से बच्चे पैदा कर सकते हैं।

(ii) ये बच्चे भी कालान्तर में सहवास करके सन्तान उत्पन्न करते हैं।

(iii) एक प्रजाति विशेष के सदस्य दूसरी प्रजाति के सदस्यों से सहवास करके सन्तान उत्पन्न नहीं कर सकते।

(iv) विभिन्न प्राणियों की आनुवंशिकी भी भिन्न-भिन्न होती है।

प्रश्न 3. “जीवित प्राणियों में केवल मानवों में ही भाषा पाई जाती है।” स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : विश्व के समस्त जीवित प्राणियों में केवल मानव द्वारा ही भाषा का प्रयोग किया जाता है। भाषा के विकास से जुड़े निम्नलिखित मत हैंहोमोनिड मानव भाषा के रूप में हाव-भाव तथा हाथों की चेष्टा का उपयोग करता था। ध्वनि तथा हाव-भाव और चेहरे के भाव द्वारा अपनी बात समझाना बोल-चाल की भाषा से पूर्व का रूप था। मानव भाषा का प्रारम्भ प्राइमेट्स में पाई गई आवाजों से हुआ। प्रारम्भिक अवस्था में मानव के पास भाषा के रूप में कम ध्वनियाँ रही होंगी, धीरे-धीरे इनका विकास भाषा में हुआ होगा।

प्रश्न 4. आदिमानव के दो पैरों पर चलने से क्या लाभ हुए?

उत्तर : आदिमानव जब दो पैरों पर चला तो उसे निम्नलिखित लाभ हुए

1. दो पैरों पर खड़े होकर चलने की क्षमता के कारण उसके हाथ वस्तुओं को उठाकर ले जाने के लिए मुक्त हो गए।

2. हाथों के प्रयोग से सन्तुलन बना और दो पैरों पर खड़े होकर चलने की कुशलता भी बढ़ गई।

3. हाथों का इस्तेमाल औजार बनाने में काम आया।

4. चलने से उसकी शारीरिक ऊर्जा की खपत अन्य कार्यों में होने लगी।

प्रश्न 5. आकृति (क) चिम्पैंजी की ठीक व सूक्ष्म पकड़ दर्शाती है।

आकृति (ख) होमिनिड़ की दुरुस्त व सूक्ष्म पकड़ दर्शाती है। आकृति (ग) मनुष्य के हाथ की सशक्त (Power) पकड़ दर्शाती है। हाथ की सशक्त पकड़ का विकास सम्भवतः ठीक व सूक्ष्म पकड़ से पहले ही हुआ होगा। चिम्पैंजी की ठीक पकड की तुलना मनुष्य के हाथ की ठीक व सूक्ष्म पकड़ से कीजिए। उन कामों की सूची बनाइए जिन्हें करते समय आप ठीक व पकड़ सूक्ष्म का इस्तेमाल करते हैं। आप किन-किन कामों को करने के लिए सशक्त पकड़ का प्रयोग करते हैं?

उत्तर :

हम यथार्थ मात्रता पकड़ के आधार पर औजार बनाने, छोटी-छोटी वस्तुओं को उठाने तथा उन्हें पकड़ने आदि का काम करते हैं। सशक्त पकड़ के आधार पर हम किसी वस्तु; जैसे-क्रिकेट का बैट, हॉकी, भाला, साइकिल, स्कूटर का हैंडिल आदि को पकड़ने का कार्य करते हैं।

प्रश्न 6. कुछ स्थानों पर मानव-निर्मित औजार एक ही स्थान पर भारी मात्रा में मिले हैं। इसका क्यो कारण है?

उत्तर : कुछ स्थानों, जैसे कीनिया में किलोंबे और ओलोर्जेसाइली में हजारों की संख्या में शल्य उपकरण और हस्तकुठार प्राप्त हुए हैं। ये 7 लाख से 5 लाख वर्ष प्राचीन हैं। एक ही स्थान पर हजारों की संख्या में औजार मिलने का कारण यह हो सकता है कि जिन स्थानों पर खाद्य प्राप्ति के संसाधन अधिक मात्रा में उपलब्ध थे वहाँ बार-बार आते-जाते रहे होंगे। वे लोग जाते समय वहाँ अपने क्रिया-कलापों और उपस्थिति के चिह्न; जैसे-शिल्प वस्तुएँ, औजार आदि छोड़ गए होंगे। धीरे-धीरे इन स्थानों पर औजारों का ढेर लग गया। जहाँ लोग कम आते थे वहाँ ये वस्तुएँ कम पाई गईं।

प्रश्न 7. मानव द्वारा आखेट या शिकार कब प्रारम्भ किया गया?

उत्तर : मानव द्वारा आखेट लगभग 5,00,000 वर्ष पूर्व प्रारम्भ किया गया। योजनाबद्ध तरीके से सोच-समझकर बड़े स्तनपायी जानवरों का शिकार और उनका वध करने का सबसे प्राचीन स्पष्ट साक्ष्य दो स्थानों से मिला है—दक्षिण इंग्लैण्ड में बॉक्स ग्रोव से 5 लाख वर्ष पूर्व का और जर्मनी में । शोनिजन से 4 लाख वर्ष पूर्व का। लगभग 35 हजार वर्ष पूर्व मानव के योजनाबद्ध तरीके से शिकार करने का साक्ष्य कुछ यूरोपीय खोज स्थलों से मिलता है। ऐसा लगता है कि पूर्व मानव

ने कुछ ऐसे स्थल जैसे कि नदी के पास दोलनी वेस्तोनाइस (चेक गणराज्य) को सोच-समझकर शिकार के लिए चुना था। रेन्डियर और घोड़ा जैसे स्थान बदलने वाले जानवरों के झुण्ड के झुण्ड पतझड़ और वसन्त के मौसम में सम्भवतः उस नदी के पार जाते थे आर तब उनका बड़े पैमाने पर शिकार किया जाता था।

चित्र-यूरोप

प्रश्न 8. आदिमानव की औजार बनाने की पंच ब्लेड विधि को सचित्र समझाइए।

उत्तर-लगभग 11000 वर्ष पूर्व सिले हुए कपड़ों के प्राथमिक प्रमाण मिलते हैं। पंच ब्लेड विधि के द्वारा छोटे रूखानी जैसे औजार बनाए जाने लगे। इनकी सहायता से हड्डियों, बारहसिंगों के सींग, हाथीदाँत या लकड़ी पर नक्काशी की जाने लगी।

पंच ब्लेड विधि (The Punch Blade Technique)

(क) एक बड़े पत्थर का ऊपरी भाग पत्थर के हथौड़े से हटाया जाता है।

(ख) इससे एक सपाट तल (Flat Surface) बनता है जिसे चोट मारने वाला प्लेटफार्म (Striking platform) कहा जाता है।

(ग) इसे हथौड़े तथा पंच के द्वारा पीटा जाता है, जो कि हड्डी या बारहसिंगे के सींग के बने होते हैं।

(घ) इससे ब्लेड बनते हैं जिन्हें चाकुओं या रूखानियों (Chisels) के रूप में हड्डी बारहसिंगे की सींग, हाथीदाँत या लकड़ी पर नक्काशी अथवा खुदाई (Engraving) के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

(ङ) हड्डी पर नक्काशी (Engraving) का एक उदाहरण। इस पर जानवरों के चित्रों को देखें।

एक फेंकने वाली बरछी (A Spear Hrowner)

प्रश्न 9. होमोनिड्स के क्रियाकलाप के विषय में आप क्या जानते हैं?

उत्तर : प्रस्तुत चित्र से स्पष्ट होता है कि एक ही स्थल पर होमोनिड्स, अन्य प्राइमेट्स तथा मांसाहारी पाए गए हैं। नृतत्त्वशास्त्रियों का विचार है कि प्रारम्भिक होमोनिड्स जैसे होमोहैबिलस जहाँ कहीं भी भोजन मिलता था उसका अधिकांश उपयोग करते थे। विभिन्न स्थानों पर सोते थे और अपना अधिकांश समय पेड़ों पर बिताते थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. आधुनिक मानव की उत्पत्ति के स्थान के विषय में प्रतिस्थापन मॉडल और क्षेत्रीय निरन्तरता मॉडल के बिन्दुओं की विवेचना कीजिए।

उत्तर : आधुनिक मानव की उत्पत्ति के विषय में हुई खोजों के पश्चात् वैज्ञानिकों ने दो मॉडल विकसित किए|

A. क्षेत्रीय निरन्तरता मॉडल,

B. प्रतिस्थापन मॉडल।

A.  क्षेत्रीय निरन्तरता मॉडल : इस प्रतिरूप के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रदेशों में रहने वाले होमोसैपियन्स का आधुनिक मानव के रूप में विकास धीरे-धीरे अलग गति से हुआ। इसीलिए आधुनिक मानव विश्व के विभिन्न भागों में पहली बार अलग अलग स्वरूप में दिखाई दिया।यह तर्क वर्तमान मानव के लक्षणों की विभिन्नताओं पर आधारित है।

B. प्रतिस्थापन मॉडल : प्रतिस्थापन मॉडल में यह कल्पना की गई है कि मानव के सभी प्राचीन रूप, चाहे वे कहीं भी थे, बदल गए। उनका स्थान पूरी तरह आधुनिक मानव ने ले लिया। इस विचारधारा का समर्थन इस प्रमाण से होता है कि आधुनिक मानव में सभी जगह शारीरिक और जाननिक समरूपता दिखाई देती है।

प्रश्न 2. प्रारम्भिक मानव के भोजन प्राप्त करने के तरीकों की विवेचना कीजिए।

उत्तर : पुरातात्त्विक प्रमाणों से पता चलता है कि प्रारम्भिक मानव दो तरीकों से भोजन प्राप्त करते थे|

A.  संग्रहण द्वारा।  B. आखेट (शिकार) द्वारा।

A. संग्रहण द्वारा : यत्र-तत्र बिखरे हुए खाद्य पदार्थों को खोजकर एकत्र करना, बिखरे हुए दाने, बीजों आदि को बटोरना और जल से मछली पकड़ना आदि संग्रहण है। प्रारम्भिक मानव अपने भोजन के लिए सम्भवतया इसी संग्रहण प्रक्रिया का सहारा लेता होगा। इस प्रक्रिया के कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए हैं।

B. आखेट (शिकार) द्वारा : प्रारम्भिक मानव का भोजन प्राप्त करने का दूसरा प्रमुख तरीका आखेट था। प्राप्त साक्ष्यों से ज्ञात होता है कि आदिकालीन होमिनिड मृत जानवरों की मांस-मज्जा खुरचकर निकाल लेते थे और उसका भोजन के रूप में प्रयोग करते थे। इसके लिए वे पत्थर के औजारों का इस्तेमाल करते थे। ये औजार दक्षिण अफ्रीका में इथोपिया और केन्या में मिले हैं। सम्भवतया ये लोग स्तनपायी जानवरों, पक्षियों, चूहे, साँप और कीड़े-मकौड़ों को  अपना आहार बनाते होगे। आखेट या शिकार द्वारा भोजन प्राप्त करने का तरीका मानव ने 5 लाख वर्ष पूर्व ही अपना लिया था। आस्ट्रेलोपिथिकस सम्भवतः पत्थर के औजार बनाने वाले सबसे पहले थे। इनसे मांस-मज्जा खुरचकर वे उसका प्रयोग भोजन में करते थे।

योजनाबद्ध आखेट करने के सर्वाधिक प्राचीन प्रमाण दो स्थलों से प्राप्त हुए हैं ।

1. दक्षिणी इंग्लैण्ड में बॉक्स ग्रोव से—यह 5 लाख वर्ष पूर्व का है।

2. जर्मनी में स्कोनिंजन से—यह 4 लाख वर्ष पूर्व का है।

वर्तमान समाज में भी अनेक जनजातियाँ संग्रहण और आखेट द्वारा अपना भरण-पोषण करती हैं, किन्तु इनकी तुलना प्राचीन समाज से नहीं की जा सकती है।

प्रश्न 3. होमों का क्या अर्थ है? होमो जीवाश्मों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है?

उत्तर : ‘होमो’ लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘मानव’। नृतत्त्वशास्त्रियों द्वारा होमो को अनेक प्रजातियों में बाँटा गया है तथा प्रजातियों को उनकी विशिष्टताओं के आधार पर अलग-अलग नाम दिए गए हैं। होमो जीवाश्मों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा गया है

1. होमोबिलस : औजार बनाने वाले।

2.  होमोइरेक्टस : सीधे खड़े होकर पैरों के बल चलने वाले।

3.  होमोसेपियन्स : चिन्तनशील या प्राज्ञ मानव।

होमोहबिलस के जीवाश्म इथियोपिया में ओमो तथा तंजानिया के ओल्ड्वर्ड गोर्ज में मिले हैं। होमोइरेक्टस के प्राचीनतम जीवाश्म अफ्रीका के कूबीफोरा तथा पश्चिमी तुर्काना, केन्या और जावा  के मोड़जोकर्ता तथा संकरित में मिले थे। होमोसैपियन्स आधुनिक मानव है। यह बुद्धिमान तथा चिन्तनशील माना जाता है।

विश्व में मानव प्रजातियों का विकास’

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