Class XI (History) 3.तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य (An Empire Across Three Continents)

3.तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य

3.तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

संक्षेप में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1. यदि आप रोम साम्राज्य में रहे होते तो कहाँ रहना पसन्द करते-नगरों में या ग्रामीण क्षेत्रों में? कारण बताइए।

उत्तर : यदि मैं रोम साम्राज्य में निवास कर रहा होता तो नगरीय क्षेत्र में ही रहना पसन्द करता, क्योंकि

(i) राम साम्राज्य नगरों का साम्राज्य था। ऐसे में वहाँ गाँवों का बहुत कम महत्त्व था।

(ii) रोम साम्राज्य में नगरों का शासन स्वतन्त्र होता था। इससे व्यक्तित्व के विकास में सहायता मिलती।

(iii) सबसे बड़ा लाभ यह होता कि वहाँ खाद्य पदार्थों की कमी नहीं होती और अकाल के दिनों में भी भोजन प्राप्त हो सकता था।

(iv) नगरों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अन्य सुविधाएँ अधिक और अच्छी थीं।

प्रश्न 2. इस अध्याय में उल्लिखित कुछ छोटे शहरों, बड़े नगरों, समुद्रों और प्रान्तों की सूची बनाइए और उन्हें नक्शों पर खोजने की कोशिश कीजिए। क्या आप अपने द्वारा बनाई गईसूची में संकलित किन्हीं  3  विषयों के बारे में कुछ कह सकते हैं?

उत्तर : शहरों की सूची :

गॉल, मकदूनिया, रोम, इफेसस, हिसपेनिया, बेटिका, तांजियर मोरक्को, दमस्कस, अलेक्जेण्ड्रिया, कार्थेज, कुस्तुनतुनिया, फिलिस्तीन, मदीना, मक्का, बगदाद, समरकन्द, बुखारा, अफगानिस्तान, सीरिया।

इस प्रकार छात्र अध्यापक की सहायता से समुद्रों, पत्तनों, प्रांतों की और सूची बना सकते हैं। आपकी सहायता के लिए उपयुक्त नक्शे प्रस्तुत किए गए हैं।

यदि सम्राट त्राजान भारत पर विजय प्राप्त करने में वास्तव में सफल रहा होता और रोमवासियों का इस देश पर अनेक सदियों तक कब्जा रहा होता तो भारत वर्तमान समय के देश से कुछ निम्न अर्थों में भिन्न होता

(1) प्रशासन-भारतीय प्रशासन पर रोमन साम्राज्य का प्रभाव पड़ता। भारत में लोकतंत्र के स्थान पर राजतंत्र स्थापित होता। रोमन साम्राज्य की भाँति भारतीय प्रशासन में सम्राट, सैनेट एवं सेना का प्रमुख स्थान होता। अनेक रोमन प्रांतों की भाँति यहाँ भी छोटे-छोटे राज्य स्थापित होते।

(2) शहरों का महत्वपूर्ण स्थान-रोमन साम्राज्य में शहर साम्राज्यिक प्रणाली के मूल आधार थे। इन्हीं शहरों के माध्यम से सरकार प्रांतीय ग्रामीण क्षेत्रों पर कर लगाने में सफल हो पाती थी। रोम के संदर्भ में नगर एक ऐसा शहरी केन्द्र था, जिसके अपने दंडनायक, नगर परिषद् और अपना एक सुनिश्चित राज्य क्षेत्र था जिसमें अनेक ग्राम सम्मिलित थे। इसी प्रकार भारत में शहरों का महत्वपूर्ण स्थान होता। उनके राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक महत्व में वृद्धि होती।

(3) परिवार-रोम में एकल परिवार का व्यापक रूप से प्रचलन था। अत: भारत में संयक्त परिवार प्रथा के स्थान पर एकल परिवार प्रथा का प्रचलन होता। रोम में परिवार में पिता का पत्नी व बच्चों पर अत्यधिक नियंत्रण होता था। भारतीय परिवारों पर भी इसका प्रभाव पड़ता।

(4) महिलाओं की स्थिति व बाल-विवाह का प्रचलन-रोम में महिलाओं को सम्पत्ति के स्वामित्व और संचालन में व्यापक कानूनी अधिकार प्राप्त थे। तलाक लेना अपेक्षाकृत आसान था और इसके लिए पति अथवा पत्नी द्वारा केवल विवाह भंग करने के निश्चय की सूचना देना ही पर्याप्त था। इस प्रकार भारत में तलाक देना और सरल हो जाता। रोम में बाल विवाह का प्रचलन नहीं था। अतः भारत में भी बाल विवाह का प्रचलन नहीं होता।

(5) ईसाई धर्म का प्रचार-रोमन साम्राज्य में ईसाई धर्म को राजधर्म घोषित कर दिया था। इसका भारत पर भी प्रभाव पड़ता और सम्भवतः यहाँ भी ईसाई धर्म को राजधर्म बना दिया जाता।

(6) दास प्रथा-रोमन साम्राज्य में दास-प्रथा का प्रचलन था। दासों के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया जाता था। यही स्थिति भारत में भी होती। यहाँ भी दास-प्रथा का प्रचलन होता।

(7) आर्थिक क्षेत्र में उन्नति-रोमन साम्राज्य आर्थिक दृष्टि से उन्नत था। यहाँ कृषि में उत्पादकता का स्तर काफी उच्च था, वहीं व्यापार भी काफी उन्नत था। वहाँ चाँदी के सिक्कों के स्थान पर सोने के सिक्कों का प्रचलन था। अतः भारत भी आर्थिक क्षेत्र में अत्यन्त समृद्ध होता और यहाँ भी सोने के सिक्कों का प्रचलन होता।

(8) भारतीय संस्कृति पर प्रभाव-जब रोमन व भारतीय संस्कृतियाँ परस्पर मिलती तो उससे एक नवीन मिली-जुली संस्कृति का निर्माण होता। इससे भारत में पश्चिमीकरण की प्रक्रिया बहुत पहले ही प्रारम्भ हो जाती और भारतीय समाज एवं संस्कृति के विचारों, आदर्शों, नैतिक मूल्यों, साहित्य और कला, वास्तुकला एवं संगीत, रहन-सहन एवं वेशभूषा में आमूल-चूल परिवर्तन हो गया होता। सांस्कृतिक क्षेत्र में कला, भवन निर्माण कला, मूर्तिकला व स्थापत्य कला का नमूना रोमन कला के आधार पर होता। देश में नई भाषा और लिपि का भी विकास हो गया होता।

प्रश्न 3. कल्पना कीजिए कि आप रोम की एक गृहिणी हैं जो घर की जरूरत की वस्तुओं की खरीदारी की सूची बना रही हैं? अपनी सूची में आप कौन-सी वस्तुएँ शामिल करेंगी?

उत्तर : यदि मैं रोम की गृहिणी होती तो अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निम्नलिखित वस्तुएँ मॅगाती

1.  रोटी और मक्खन

2.  सब्जियाँ

3.  दूध

4. अण्डे तथा मांस

5. चीनी

6.  तेल

7. बच्चों के लिए आवश्यक वस्तुएँ

8. सौन्दर्य प्रसाधन

9. कपड़े धोने तथा नहाने का साबुन

10. कपड़े, दवाइयाँ आदि

प्रश्न 4. आपको क्या लगता है कि रोमन सरकार ने चाँदी में मुद्रा को ढालना क्यों बन्द किया होगा और वह सिक्कों के उत्पादन के लिए कौन-सी धातु का उपयोग करने लगे?

उत्तर : रोमन सरकार द्वारा चाँदी में मुद्रा ढालना इस धातु की कमी तथा मूल्यवान होने के कारण बन्द किया होगा। तत्कालीन शासन में स्पेन में चाँदी की खाने समाप्त हो गई थीं तथा सरकार के पास.चाँदी के भण्डार रिक्त हो गए थे। कॉन्स्टेनटाइन ने सोने पर आधारित नई मौद्रिक प्रणाली स्थापित की और परवर्ती सम्पूर्ण पुराकाल में सोने की मुद्राओं का भारी मात्रा में प्रचलन रहा। वस्तुत: रोम में सोने के कई भण्डार थे। ।

संक्षेप में निबन्ध लिखिए

प्रश्न 5. अगर सम्राट त्राजान भारत पर विजय प्राप्त करने में वास्तव में सफल रहे होते और रोमवासियों का इस देश पर अनेक सदियों तक कब्जा रहा होता तो क्या आप सोचते हैं कि भारत वर्तमान समय के देश से किस प्रकार भिन्न होता?

उत्तर : त्राजान भारत पर विजय प्राप्त करने के लिए निकला था किन्तु सफल नहीं हो सका। यदि वह सफल हो जाता और रोमवासियों का अनेक सदियों तक कब्जा होता तो ऐसा भारत वर्तमान भारत से बिल्कुल अलग होता। वह भारत वैसा होता जैसा ब्रिटिश शासनकाल में था। रोम के निवासी एक गुलाम देश के समान व्यवहार करते और भारत के संसाधनों का दोहन करते। भारतीयों को किसी प्रकार का अधिकार प्रदान नहीं किया जाता उन्हें अपमानजनक दशाओं में जीवन व्यतीत करना पड़ता। उल्लेखनीय है कि उस काल में सोना रोम से भारत आता था और भारत सम्पन्न देश था। रोमवासियों की अधीनता स्वीकार हो जाने पर यह सम्भव नहीं होता। भारत के सभी क्षेत्रों में विकास रुक जाता।

प्रश्न 6. अध्याय को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसमें से रोमन समाज और अर्थव्यवस्था को आपकी दृष्टि में आधुनिक दर्शाने वाले आधारभूत अभिलक्षण चुनिए।

उत्तर : रोमन समाज और अर्थव्यवस्था में दिखने वाले आधारभूत अभिलक्षण निम्नलिखित हैं

1. रोमन समाज में नाभिकीय परिवारों (Nuclear Family) का चलन था। वयस्क पुत्र परिवारों के साथ नहीं रहते थे।

2. पत्नी अपनी सम्पत्ति को अपने पति को हस्तांतरित नहीं करती थी, वह अपने पैतृक परिवार की सम्पत्ति में अपने पूरे अधिकार बनाए रखती थी। अपने पिता की मुख्य उत्तराधिकारी बनी रहती थी और पिता की मृत्यु होने पर उस सम्पत्ति की स्वतंत्र मालिक बन जाती थी।

3. रोम में साक्षरता थी। सभी नगरों में साक्षरता की दर भिन्न-भिन्न थी।

4.  जैतून के तेल का निर्यात किया जाता था।

5. रोम में व्यापार एवं वाणिज्य उन्नति पर था। बैंकिंग व्यवस्था भी प्रचलित थी।

6. रोम के विविध प्रांतों में जलशक्ति से कारखाने चलाए जाते थे।

 7. सोने-चाँदी की खदानों में भी जलशक्ति का उपयोग किया जाता था।

परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य कौन-सा था?

(क) रोम साम्राज्य

(ख) ब्रिटिश साम्राज्य

(ग) भारतीय साम्राज्य

(घ) रूसी साम्राज्य

प्रश्न 2. रोम साम्राज्य की प्रमुख भाषा थी

(क) लैटिन

(ख) अंग्रेजी

(ग) स्पेनिश

(घ) रूसी

प्रश्न 3. ऑगस्टस का एक अन्य नाम क्या था?

(क) जूलियस सीजर

(ख) ब्रूटस

(ग) ऑक्टेवियन

(घ) एलन

प्रश्न 4. कॉन्स्टेनटाइन ने अपनी दूसरी राजधानी कहाँ बनाई?

(क) कुस्तुनतुनिया में

(ख) वेनिस में

(ग) इटली में

(घ) गैलीनस में

प्रश्न 5. हिप्पो शहर के प्रमुख बिशप कौन थे?

(क) मार्टिन लूथर

(ख) सेंट ऑगस्टाइन

(ग) कोलूमेल्ला

(घ) कॉन्स्टेनटाइन

प्रश्न 6. ऑगस्टस कब शासक बना था?

(क) 27 ई० पू० में

(ख) 26 ई० पू० में

(ग) 507 ई० पू० में

(घ) 230 ई० पू० में

प्रश्न 7. पैपाइरस पत्र को प्रयोग किस रूप में किया जाता था?

(क) ईंधन के रूप में

(ख) कागज के रूप में

(ग) औषधि के रूप में

(घ) कलम के रूप में

प्रश्न 8. टॉलमी किस विषय का ज्ञाता था?

(क) खगोल व भूगोल

(ख) गणित

(ग) भाषा

(घ) आयुर्वेद

प्रश्न 9. सॉलिड्स सिक्का किसने चलाया था?

(क) कॉन्स्टेनटाइन

(ख) प्लिनी

(ग) कोलुमेल्ला

(घ) बिलकिस

प्रश्न 10. ऑगस्टस के साम्राज्य को कहते थे

(क) प्रिन्सिपेट

(ख) गणतन्त्र

(ग) यूनियन

(घ) संघ

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. रोमन साम्राज्य को कब और क्यों दो भागों में बाँटा गया ?

उत्तर : 350-400 ई० पू० में शासन को बेहतर ढंग से चलाने के लिए रोमन साम्राज्य को पूर्वी तथा , पश्चिमी दो भागों में बाँट दिया गया।

प्रश्न 2. वर्ष वृत्तान्त से क्या आशय है?

उत्तर : समकालीन इतिहासकारों द्वारा लिखा गया इतिहास वर्ष वृत्तान्त कहलाता है। ये वृत्तान्त वार्षिक आधार पर प्रतिवर्ष लिखे जाते थे।

प्रश्न 3. रोम में गणतंत्र दिवस कब तक चला?

उत्तर : रोम में गणतंत्र दिवस 509 ई० पू० से 27 ई० पू० तक चला।

प्रश्न 4. ऑगस्टस का शासनकाल क्यों याद किया जाता है?

उत्तर : ऑगस्टस का शासनकाल शान्ति के लिए याद किया जाता है।

प्रश्न 5. एम्फोरा क्या थे?

उत्तर : एम्फोरा ढुलाई के ऐसे मटके अथवा कन्टेनर्स थे जिनमें शराब, जैतून का तेल और दूसरे तरल पदार्थ लाए व ले जाए जाते थे।

प्रश्न 6. बहुदेववाद का क्या अर्थ है?

उत्तर : बहुदेववाद का अर्थ है अनेक देवी-देवताओं की पूजा-उपासना करना

प्रश्न 7. सीनेट क्या है?

उत्तर : सीनेट धनी कुलीन वर्ग का समूह था जो शासन चलाता था।

प्रश्न 8. रोम के तीन बड़े शहरी केंद्रों के नाम बताइए।

उत्तर : (i) कॉर्थेज (ii) सिकंदरिया (iii) एंटिऑक

प्रश्न 9. रोम के शहरी जीवन की दो विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर : 

1. प्रत्येक शहर में सार्वजनिक स्नानगृह होता था।

2.  लोगों को उच्च स्तर के मनोरंजन उपलब्ध थे।

प्रश्न 10. सेंट ऑगस्टाइन कौन था?

उत्तर : सेंट ऑगस्टाइन उत्तरी अफ्रीका के हिप्पो नामक नगर का बिशप था और चर्च के बौद्धिक इतिहास में उसका उच्चतम स्थान था।

प्रश्न 11. रोमवासी किन-किनं देवताओं की पूजा करते थे?

उत्तर :

(i) जुपीटर

(ii) जूना

(iii) मिनर्वा

(iv) मार्स

प्रश्न 12. पैपाइरस पत्र का प्रयोग किस कार्य में होता था?

उत्तर : पैपाइरस पत्र का प्रयोग लेखन कार्य के लिए होता था।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. चौथी सदी ईसवी के उत्तरार्द्ध में सिकंदर के सैन्य अभियानों का क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर : चौथी सदी ईसवी के उत्तरार्द्ध में मेसीडोन राज्य के शासक सिकंदर ने कई सैन्य अभियान किए। सिकंदर के नियंत्रण में सभी क्षेत्रों में यूनानी संस्कृति, विचार तथा आदर्शों को सम्मिश्रण हो गया। पूरे क्षेत्र का यूनानीकरण हो गया। सिकंदर ने उत्तर अफ्रीका, पश्चिम एशिया तथा ईरान के अनेक भागों को जीत लिया। उसके इन अभियानों के फलस्वरूप ईरानी तथा मिस्त्री क्षेत्रों के साथ सिन्धु घाटी तक विस्तृत प्रांत एक हो गए।

प्रश्न 2. पैपाइरस के विषय में आप क्या जानते हैं ?

उत्तर : पैपाइरस एक सरकण्डे जैसा पौधा था। यह पौधा मिस्र में नील नदी के किनारे उगता था। इस । पौधे से लेखन सामग्री तैयार की जाती थी। इसका उपयोग व्यापक रूप में किया जाता था। पैपाइरस पत्रों पर हजारों संविदाएँ, लेख, पत्र तथा सरकारी दस्तावेज लिखे हुए पाए गए हैं। इन्हें पैपाइरस विज्ञानियों द्वारा प्रकाशित किया गया है।

प्रश्न 3. सीनेट नामक संस्था के विषय में आप क्या जानते हैं?

उत्तर : रोम में सीनेट कुलीन वर्ग के लोगों का एक समूह था जिसमें धनी परिवारों के लोग शामिल थे। गणतंत्र की वास्तविक सत्ता सीनेट नामक निकाय में ही निहित थी। कुलीन वर्ग के लोग सीनेट के माध्यम से ही सरकार चलाते थे। सीनेट की सदस्यता जीवन भर चलती थी। इसके लिए जन्म के स्थान पर धन और पद प्रतिष्ठा को अधिक महत्त्व दिया जाता था। जूलियस सीजर के दत्तक पुत्र तथा उत्तराधिकारी ऑक्टेवियन ने गणतंत्र को समाप्त कर दिया।

प्रश्न 4. रोम समाज में महिलाओं की दशा कैसी थी?

उत्तर : रोम के समाज में महिलाओं की दशा :

1. रोम के समाज में महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ थी। पत्नी अपनी सम्पत्ति अपने पति को हस्तान्तरित नहीं करती थी और पैतृक सम्पत्ति पर उसका अधिकार बना रहता था।

2. महिलाएँ अपने पिता की मुख्य उत्तराधिकारी बनी रहती थीं और अपने पिता की मृत्यु होने पर उसकी सम्पत्ति की स्वतंत्र मालिक बन जाती थीं। इस प्रकार महिलाओं को पर्याप्त अधिकार प्राप्त थे।

3. विवाह-अनुच्छेद आसान था। पति अथवा पत्नी द्वारा विवाह भंग करने के उद्देश्य से सूचना देना पर्याप्त था।

4. लड़के-लड़कियों के विवाह की आयु में पर्याप्त अन्तर था फिर भी महिलाएँ पुरुषों पर अधिकार रखती थीं।

प्रश्न 5. कॉन्स्टेनटाइन के प्रमुख सुधार लिखिए।

उत्तर : कॉन्स्टेनटाइन के प्रमुख सुधार निम्नखित थे :

1. इसका प्रमुख सुधार मौद्रिक क्षेत्र में है। उसने ‘सॉलिड्स’ नामक एक नया सिक्का चलाया जो 4.5 ग्राम  शुद्ध सोने का बना था। यह सिक्का रोम साम्राज्य के पतन के बाद भी चलता रहा।

2. ये सॉलिड्स सिक्के बड़े पैमाने पर ढाले जाते थे और करोड़ों की संख्या में चलन में थे।

3. कॉन्स्टेनटाइन की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि कुस्तुनतुनिया नगर का निर्माण है। यह नवीन राजधानी तीन ओर से समुद्र से घिरी हुई और सुरक्षित थी।

4. उसके काल में तेल मिलों और शीशे के कारखानों सहित ग्रामीण उद्योग-धंधों स्क्रूप्रेसों आदि का विकास हुआ।

5. इन सबसे उसके साम्राज्य में व्यापार की खूब उन्नति हुई।

प्रश्न 6. “रोमवासी बहुदेववादी थे।” इस कथन को समझाइए।

उत्तर : यूनान और रोमवासियों की पारम्परिक धार्मिक संस्कृति बहुदेववादी थी। ये लोग अनेक पन्थों एवं उपासना पद्धतियों में विश्वास रखते थे और जुपीटर, जूनो, मिनर्वा और मॉर्स जैसे अनेक रोमन इतालवी देवों और यूनानी तथा पूर्वी देवी-देवताओं की पूजा किया करते थे जिसके लिए उन्होंने साम्राज्य भर में हजारों मंदिर-मठ और देवालय बना रखे थे। ये बहुदेववादी स्वयं को किसी एक नाम से नहीं पुकारते थे।

प्रश्न 7. निम्नलिखित के विषय में आप क्या जानते हैं?

1. जूलिसय सीजर

2.  ऑगस्टस

3.  मार्कस ओरिलियस

उत्तर : 1. जूलियस सीजर (46 ई० पू० से 44 ई० पू०) : जूलियस सीजर मौलिक रूप से रोम का एक महान् सेनापति था जिसने अनेक युद्धों तथा रोमन दासों के विद्रोह को कुचलने के पश्चात् अपने प्रतिद्वंद्वी पाम्पी की मिस्र में हत्या करा दी। उसने 46 ई० पू० में एक तानाशाह के रूप में रोम की गद्दी को प्राप्त किया था।

2. ऑगस्टस : ऑगस्टस या ऑक्टेवियन जूलियस सीजर का ही वंशज था। वह 37 ई० पू० में | रोम साम्राज्य का सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्ति हो गया। उसने ऑगस्टस (पवित्र) और इम्पेरेटर  (राज्य का प्रथम नागरिक) नामक पदवियाँ ग्रहण कीं और 24 वर्ष तक रोम पर शासन-किया।

3. मार्कस ओरिलियस : ऑगस्टस के पश्चात् के शासकों में सबसे योग्य शासक मार्कस | ओरिलियस थी। उसने लगभग 20 वर्षों तक राज्य किया। वह योग्य सेनापति, कुशल प्रशासक व महान् दार्शनिक था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. रोम साम्राज्य की सामाजिक संरचना के विषय में आप क्या जानते हैं?

उत्तर : इतिहासकार टैसिटस ने जिन प्रारम्भिक साम्राज्य के प्रमुख सामाजिक समूहों का उल्लेख किया है; वे हैं—सीनेटर, अश्वारोही वर्ग, जनता का सम्माननीय वर्ग, निम्नतम वर्ग। तीसरी सदी के प्रारम्भिक वर्षों में सीनेटर की सदस्य संख्या लगभग 1000 थी तथा कुल सीनेटरों में लगभग आधे सीनेटर इतालवी परिवारों के थे। साम्राज्य के परवर्तीकाल में, जो चौथी सदी के प्रारम्भिक भाग में कॉन्स्टेनटाइन प्रथम के शासनकाल में आरम्भ हुआ, टैसिटस द्वारा बताए गए प्रथम दो समूह (सीनेटर और अश्वारोही) एकीकृत होकर विस्तृत कुलीन वर्ग बन गए थे। इनके कुल परिवारों में से कम-से-कम आधे परिवार अफ्रीकी अथवा पूर्वी मूल के थे। यह ‘परवर्ती रोम’ कुलीन वर्ग अत्यधिक धनी थी। मध्यम वर्गों में नौकरशाही और सेना की सेवा से जुड़े लोग थे किन्तु इनमें अपेक्षाकृत अधिक समृद्ध सौदागर और किसान भी शामिल थे जिनमें बहुत-से लोग पूर्वी प्रान्तों के निवासी थे। टैसिटस ने इस सम्माननीय मध्यम वर्ग को सीनेट गृहों के आश्रितों के रूप में उल्लेख किया है। बड़ी संख्या में निम्न वर्गों के समूह थे जिन्हें ह्युमिलिओरिस अर्थात् ‘निम्नतर वर्ग’ कहा जाता था। इनमें ग्रामीण श्रमिक बल शामिल था जिनमें बहुत से लोग स्थायी रूप से मिलों में काम करते थे।

प्रश्न 2. विजेण्टाइन साम्राज्य के नारे में संक्षेप में लिखिए।

उत्तर : मध्य युग में रोमन सम्राट कॉन्स्टेनटाइन ने रोमन साम्राज्य के पूर्वी प्रदेशों को संगठित करके 330 ई० में पश्चिमी विजेण्टाइन साम्राज्य की स्थापना की। इस साम्राज्य की राजधानी यूनानी नगर ‘विजेण्टाइन’ थी। 476 ई० में जब रोमन साम्राज्य का पतन हो गया, तब विजेण्टाइन साम्राज्य ने पर्याप्त प्रसिद्धि प्राप्त की। अब उसकी राजधानी कॉन्स्टेनटिनोपल (कुस्तुनतुनिया) थी। इस साम्राज्य पर अनेक राजाओं ने शासन किया। फलस्वरूप कुस्तुनतुनिया संसार का सबसे अधिक वैभवशाली नगर बन गया। इस साम्राज्य के अंतर्गत व्यापार, वाणिज्य, शासन-प्रणाली, कानून आदि के क्षेत्र में अभूतपूर्व उन्नति हुई।

इस साम्राज्य में सामन्तवाद का विकास हुआ और समाज में ‘सर्फ प्रथा’ (Serf System) प्रर्चा हुई। इस साम्राज्य में ग्रीक ऑथ्रोडॉक्स (नास्तिक) चर्च का बहुत विकास हुआ और राजा ही धर्म अध्यक्ष बने। इस काल में अनेक भवनों, नाटकघरों, गिरजाघरों आदि का निर्माण हुआ, जिन कुस्तुनतुनिया में बना ‘सेण्ट सोफिया का गिरजाघर’ बहुत प्रसिद्ध है। सन् 1453 ई० में तुर्को : कुस्तुनतुनिया पर आक्रमण करके विजेण्टाइन साम्राज्य को नष्ट कर दिया।

प्रश्न 3. कला, भाषा, दर्शन साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में रोम की क्या देन है?

उत्तर : कला के क्षेत्र में देन :

1.  रोम ने कंकरीट को प्रयोग सर्वप्रथम किया।

2.  वे ईंट-पत्थरों को बड़ी मजबूती से जोड़ सकते थे, इस शिल्पकला को रोम ने ही विश्व को सिखाया।

3. डाट का प्रयोग रोम ने सम्भवतः सर्वप्रथम किया। वे मजबूत डाटों के सहारे कई मंजिले मकान बना सकते थे।

4.  वे मजबूत व सुंदर नहरें बनाना जानते थे।

5. उन्होंने अपने सम्राटों की मूर्तियाँ बनाकर महत्त्वपूर्ण स्थानों पर लगाई।

भाषा, दर्शन, साहित्य तथा विज्ञान के क्षेत्र में देन

भाषा : रोम के लोगों ने यूनानियों से वर्णमाला सीखकर अपनी वर्णमाला और भाषा का विकास किया। उनकी लैटिन भाषा सारे पश्चिमी यूरोप के पढ़े-लिखे लोगों की भाषा बन गई। कई आधुनिक यूरोपीय भाषाएँ; जैसे–फ्रांसीसी, स्पेनिश, इतालवी उनकी लैटिन भाषा पर आधारित हैं।

दर्शन : एषीक्यूरिन तथा स्टोक दर्शन रोम में बहुत प्रसिद्ध थे। रोम में ल्यूकीट्स, सिसरो, मार्कस, ओरीलियस आदि प्रसिद्ध दार्शनिक हुए।

साहित्य : रोम ने साहित्य के क्षेत्र में कुछ प्रसिद्ध कवि दिए। होरेश और वर्जिल उनके महानतम कवि थे।

विज्ञान : रोम के प्रसिद्ध वैज्ञानिक सेल्सस ने चिकित्साशास्त्र के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी जिसमें शल्य चिकित्सा का विस्तृत वर्णन किया गया। गैलेन नामक वैज्ञानिक ने चिकित्साशास्त्र को विशेष कोष तैयार किया। उसने रक्त संचालन का पता लगाया। खगोल तथा भूगोल के क्षेत्र में टॉलमी नामक विद्वान् नेविशेष कार्य किया। उसने तारों व ग्रहों की स्थिति का अध्ययन किया।

All Notes Class XI

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