Class XII 1.समष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय(An Introduction to Macroeconomics)

Class XII 1.समष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय(An Introduction to Macroeconomics)

प्रश्न :- समष्टि अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर :- अंग्रेजी भाषा का मैक्रो , ग्रीक शब्द मेक्रोज से बना है जिसका अर्थ होता है विशाल अथवा व्यापक। अतः व्यापक अर्थशास्त्र (जिसे समष्टि अर्थशास्त्र भी कते हैं) के अंतर्गत आर्थिक व्यवस्था का उसके संपूर्ण या समग्र रूप में अध्ययन किया जाता है

एम. एच. स्पेन्सर के अनुसार," समष्टि अर्थशास्त्र का संबंध अर्थव्यवस्था अथवा उसके बड़े-बड़े हिस्सों से है। इसके अंतर्गत ऐसी समस्याओं का अध्ययन किया जाता है जैसे बेरोजगारी का स्तर, मुद्रास्फीति की दर राष्ट्र का कुल उत्पादन आदि जिनका संपूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए महत्व होता है"

आर्थिक विश्लेषण में समष्टिगत दृष्टिकोण की आवश्यकता निम्नलिखित कई कारणों से बढ़ती जा रही है -

1. जटिल अर्थव्यवस्था की कार्य प्रणाली का ज्ञान

2. आर्थिक उतार चढ़ाव को समझने तथा नियंत्रित करने में सहायक

3. आर्थिक नीतियों के निर्धारण में सहायक

4. राष्ट्रीय आय का अध्ययन

प्रश्न :- पूर्ण रोजगार के प्रतिष्ठित विचार को स्पष्ट करें ?

> पूर्ण रोजगार की अवधारणा से आप क्या समझते हैं क्या इसका अर्थ शून्य बेरोजगारी की स्थिति से है ?

उत्तर :- प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने पूर्ण रोजगार को एक स्वतंत्र अर्थव्यवस्था की सामान्य स्थिति माना। उनके अनुसार," अर्थव्यवस्था में सदैव श्रम एवं अन्य साधनों को पूर्ण रोजगार प्राप्त रहता है : जो कि एक सामान्य स्थिति हैयदि कभी रोजगार से विचलन होता है तो यह एक असामान्य स्थिति होती है तथा अर्थव्यवस्था की प्रवृत्ति सदैव पूर्ण रोजगार की ओर जाने की होती है , इसे ही रोजगार का परम्परावादी सिद्धांत कहते हैं

मान्यताऐ

1. अर्थव्यवस्था में कोई सरकारी है हस्तक्षेप नहीं होता

2. वस्तु और साधन बाजार दोनों में पूर्ण प्रतियोगिता होती है

3. मुद्रा विनिमय का माध्यम है।

आलोचना

1. कोई भी अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार अर्थात शुन्य बेरोजगारी की स्थिति नहीं पाई जाती

2. बेरोजगारी की स्थिति का समाधान केवल सरकार के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप द्वारा ही संभव हो सकता है।

प्रश्न :- रेखाचित्र की सहायता से यह स्पष्ट करें कि आय एवं रोजगार कुल मांग तथा कुल पूर्ति दर्शाया किस प्रकार संतुलन निर्धारण करती है ?

> प्रभावपूर्ण मांग की व्याख्या करें। इसके मुख्य निर्णायक तत्त्व कौन-कौन से हैं ?

उत्तर :- केन्स ने 1936 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ' The General Theory of Employment, Interest and Money' में रोजगार सिद्धांत का उल्लेख किया। केन्स के अनुसार रोजगार प्रभावपूर्ण मांग पर निर्भर करती है

उपभोग सम्बन्धी वस्तुओं तथा विनियोग सम्बन्धी वस्तुओं की मांग के योग को प्रभावपूर्ण मांग कहते हैं।

प्रभावपूर्ण मांग ( ED ) = उपभोग मांग (C) + निवेश मांग (I)

उपभोग से संबंधित वस्तुएं वे है जिनका उपभोग व्यक्ति या परिवार अपनी सामान्य आवश्यकता की पूर्ति के लिए करता है। जैसे खाद्यान्न, वस्त्र आदि। निवेश से संबंधित वस्तुएं वे है जिनका उपयोग संरचनात्मक या विनिर्माण उद्योगो में होता है। जैसे मशीन, पावर प्लांट आदि।

प्रभावपूर्ण मांग का निर्धारण दो तत्त्वों से होता है

1. समग्र (कुल) मांग (AD) :- समान कीमत स्तर पर अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की कुल मांग को समग्र मांग (AD)कहते हैं।

कुल मांग = उपभोग + निवेश ( बन्द अर्थव्यवस्था में )

AD = C + I

कुल मांग = उपभोग + निवेश + [ निर्यात - आयात ] ( खुली अर्थव्यवस्था में )

AD = C + I + ( X - M )

चित्र में ADF का बाये से दाये ऊपर की ओर बढ़ना इस बात को दर्शाता है कि जैसे-जैसे रोजगार की मात्रा बढ़ती जाती है ; कुल मांग फलन भी बढ़ती जाती है।

2. समग्र पूर्ति या कुल पूर्ति (AS) :-  अर्थव्यवस्था में सभी वस्तकी कुल पूर्ति के योग को समग्र पूर्ति कहते हैं

कुल पूर्ति = उपभोग + बचत

AS = C + S

चित्र से यह स्पष्ट होता है कि ON तक रोजगार के बढ़ने के साथ-साथ ASF बढ़ता है, उसके बाद यह लम्बवत हो जाती है

संतुलन

समग्र मांग और आपूर्ति में संतुलन उस समय होता है जब किसी विशेष कीमत स्तर पर समग्र मांग समग्र पूर्ति के बराबर हो जाएसंतुलन स्तर की समग्र आपूर्ति से जुड़े रोजगार स्तर को संतुलन रोजगार (प्रभावपूर्ण मांग) कहा जाता है

चित्र में,

AD = समग्र मांग की रेखा , AS = समग्र पूर्ति की रेखा। ये दोनों वक्र एक दूसरे को E बिंदु पर काटती है जो संतुलन बिंदु हैइस बिंदु पर रोजगार ON के बराबर तथा विक्रय प्राप्तियां OM के बराबर है

प्रश्न :- व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र की परस्पर निर्भरता के दो उदाहरण दीजिए ?

उत्तर :- व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र दो स्वतंत्र क्षेत्र नहीं है वरन् वे परस्पर निर्भर क्षेत्र है

1. व्यष्टि अर्थशास्त्र  समष्टि अर्थशास्त्र पर निर्भर है :- व्यष्टि आर्थिक चर समष्टि आर्थिक रो के स्तर तथा व्यवहार पर निर्भर है।

दाहरण के लिए - एक विशेष उद्योग में व्याज की दर समस्त अर्थव्यवस्था में प्रचलित व्याज की दर द्बारा प्रभावित होगी। इसी प्रकार एक उद्योग में निवेश समस्त अर्थव्यवस्था में निवेश और आय के स्तर पर निर्भर करेगा

2. समष्टि अर्थशास्त्र व्यष्टि अर्थशास्त्र पर निर्भर करता है :- समष्टि आर्थिक चव्यष्टि आर्थिक चरो के संयंत्र तथा व्यवहार पर निर्भर है

उदाहरण के लिए - अर्थव्यवस्था में सकल मांग व्यष्टि स्तर पर की गई कुल मांग का जोड़ है। अथवा या अर्थव्यवस्था में सभी वस्तुओं और सेवाओं की कुल मांग का जोड़ है

AD =di

जहां AD = सकल मांग , d = मांग , i = विभिन्न वस्तुएं एवं सेवाएं

राष्ट्रीय आय व्यष्टि स्तर पर साधन आय का जोड़ है अथवा यह किसी देश के सभी सामान्य निवासियों की साधन आय का जोड़ है।

NY = Yn

जहां NY = राष्ट्रीय आय , Y = आय , n = देश के सामान्य निवासी

प्रश्न :- पूर्ण रोजगार प्राप्त करने की मुख्य विधियों का वर्णन करें ?

 उत्तर :- पूर्ण रोजगार प्राप्त करने की मुख्य विधियां निम्नलिखित है

1.  प्रतिष्ठि अर्थशास्त्री मानते थे कि यदि पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में कीमत प्रणाली को स्वतंत्र रूप से कार्य करने दिया जाए तथा अर्थव्यवस्था में किसी प्रकार का हस्तक्षेप न किया जाए तो स्वयं व्यवस्थापी अर्थव्यवस्था में दीर्घकाल में सदैव पूर्ण रोजगार की स्थिति विद्यमान रहती है

2.  क्लासिकल अर्थशास्त्री इस धारणा के समर्थक थे कि अनैच्छिक बेरोजगारी की अनुपस्थिति ही पूर्ण रोजगार का घोतक है

3. पीगू के अनुसार यदि मजदूरी में नकद कटौती की नीति अपनाई जाए तो बेरोजगारी दूर की जा सकती है।    

जहां N = रोजगार की मात्रा , q = मजदूरी तथा वेतन के रूप में आयोजित राष्ट्रीय आय का भाग Y = राष्ट्रीय आय W =  मजदूरी की दर

पीगू के अनुसार W को घटाकर N को बढ़ाया जा सकता है

4. पूर्ण रोजगार को प्राप्त करने के लिए केन्स ने लचीली मजदूरी नीति के बदले लचीली मुद्रा नीति का समर्थन किया

प्रश्न :- समष्टि अर्थशास्त्र की विशेषताएं बताएं ?

उत्तर :- समष्टि अर्थशास्त्र की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है

1. भूमि और पूंजी अथवा उत्पादन के साधनों का निजी स्वामित्व होता है। पूंजी के एकत्रीकरण पर कोई सीमा नहीं है।

2. उत्पादन, लाभ अधिकतमीकरण के विचार से, मार्गदर्शित होता है: उत्पादक सदैव वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन करना पसंद करते हैं जिससे उन्हें अधिकतम संभव प्रतिफल प्राप्त होते हैं

3. बजारी शक्तियों अथवा पूर्ति और मांग की शक्तियों की स्वतंत्र अंतक्रिया होती हैइसके अनुसार अर्थव्यवस्था में आर्थिक एजेंट ऐसे निर्णय लेते हैं जिसके द्वारा उनके स्वहित की रक्षा एवं वृद्धि होती है

4. श्रम एवस्तु है जिसे एक कीमत के बदले में बेचा व खरीदा जाता हैकीमत मजदूरी दर है

5. सरकार का हस्तक्षेप कानून और व्यवस्था बनाए रखने तथा देश की सुरक्षा तक सीमित है। परंतु कई पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में, स्थिरता और सामाजिक न्याय के विकास संवृद्धि सुनिश्चित करने की दृष्टि से सरकार अर्थव्यवस्था में संसाधन आवंटन के संपूर्ण प्रतिमान को दिशा भी देती है

प्रश्न :- शिक्षा के तीन लाभ को बताएं ?

उत्तर :- यदि किसी देश की जनसंख्या उसके आर्थिक विकास की आवश्यकताओं के अनुरूप है और उसके निवासी शिक्षित व कार्य दक्ष है तो निसंदेह अन्य बातों के समान रहने पर उस देश का आर्थिक विकास अधिक होगा

प्रो. मिर्डल ने कहा है कि," बहुत बड़ी जनसंख्या को निरक्षर छोड़कर राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम शुरू करने की बात मुझे निरर्थक मालूम पड़ती है"

आर्थिक पिछड़ापन दूर करने और प्रगति, क्षमताएं वह प्रोत्साहन उत्पन्न करने के लिए यआवश्यक है कि लोगों के ज्ञान व कुशलता में वृद्धि होना आवश्यक है

प्रश्न :- किन्हीं चार प्रश्नों को लिखिए जिसका संबंध समष्टि अर्थशास्त्र से होता है।

उत्तर - चार प्रश्न जिसका संबंध समष्टि अर्थशास्त्र से होता है।

1. राष्ट्रीय आय से आप क्या समझते हैं।

2. दो -क्षेत्रकीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय प्रवाह समझाइए।

3. प्रभावपूर्ण मांग की व्याख्या करें।

4. मुद्रा स्फीति से आप क्या समझते हैं।

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