Class XII 6.मुद्रा और बैंक व्यवस्था (Money and Banking)
प्रश्न :- मुद्रा की परिभाषा दीजिए। मुद्रा के कार्यों का संक्षिप्त विवरण दें ? > मुद्रा के प्राथमिक, गौण तथा आकस्मिक कार्यों का उल्लेख करें ? उत्तर
:- क्राउथर के अनुसार ,
“ मुद्रा वह वस्तु है जो विनिमय के
माध्यम के रूप में सामान्यतया स्वीकारी जाती है और साथ ही साथ में मुद्रा के माप और
मुद्रा के संग्रह का कार्य भी करे।” प्रो .
किनले ने मुद्रा के कार्यो को निम्नलिखित तीन वर्गो में
विभाजित किया है - (A) प्राथमिक या मुख्य कार्य :- इसे आधारभूत अथवा मौलिक कार्य भी कहते
हैं। मुद्रा के मुख्य कार्य दो है - 1. विनिमय का माध्यम :- वस्तु
विनिमय प्रणाली की एक मुख्य कठिना ई यह थी कि उनमें आवश्यकताओ के दोहरे संयोग का अभाव पाया
जाता था । मुद्रा ने इस कठिनाई को दूर कर दिया है । आज किसी वस्तु को बेचकर मुद्रा प्राप्त कर ली जाती है और उस मुद्रा
से आवश्यकतानुसार बाजार में वस्तुएं खरीदी जाती है । अर्थात
मुद्रा विनिमय का माध्यम है। 2. मूल्य का मापक :- मुद्रा
लेखे की इकाई के रूप में मूल्य का मापदंड करती है लेखे की इकाई से अभिप्राय यह है कि
प्रत्येक वस्तु तथा सेवा का मूल्य मुद्रा के रूप में मापा जाता है । मुद्रा के द्वारा सभी…