(समय: 3 घंटे 15 मिनट) पुर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए निर्देश :
1. यह प्रश्न-पत्र दो खण्डों में है - खण्ड-अ एवं खण्ड-ब
2. खण्ड-अ में कुल 40 बहुविकल्पीय
प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 1 अंक की है। प्रत्येक
प्रश्न में चार विकल्प दिए गये हैं। इनमें से सबसे उपयुक्त उत्तर को आप अपने OMR उत्तर
पत्रक पर ठीक-ठीक गहरा काला करें। नीला या काला बॉल-प्वाइंट कलम का ही प्रयोग करें।
पेंसिल का प्रयोग वर्जित है। आप अपना पूरा हस्ताक्षर OMR उत्तर पत्रक में दी गयी जगह
पर करें।
3. खण्ड-ब में तीन खण्ड- क,
ख एवं ग है और कुल प्रश्नों की संख्या 19 है। प्रश्न- संख्या 1-7 अतिलघु उत्तरीय प्रकार
के हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर अधिकतम एक वाक्य में दीजिए। प्रत्येक
प्रश्न की अधिमानता 2 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न-
संख्या 8-14 लघु उत्तरीय प्रकार के हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर
अधिकतम 50 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 3 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न-
संख्या 15-19 दीर्घ उत्तरीय प्रकार के हैं। इनमें से किन्हीं तीन प्रश्नों के
उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 5 अंक निर्धारित
हैं।
4. OMR उत्तर पत्रक के पृष्ठ
2 पर प्रदत्त सभी निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा उसके अनुसार कार्य करें। कृपया
परीक्षा भवन छोड़ने से पहले OMR उत्तर पत्रक वीक्षक को लौटा दीजिए। प्रश्न पुस्तिका
आप अपने साथ ले जा सकते हैं।
खण्ड-अ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
प्रश्न- संख्या
1 से 40 तक के प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें से एक सही है।
अपने द्वारा चुने गये सही विकल्प को OMR शीट पर चिह्नित करें। 40 x 1 = 40
1. राज्यों के
पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष कौन थे?
(1) गोविन्द बल्लभ पन्त
(2) के० एम० पन्निकर
(3) पण्डित हृदय नाथ कुंजरू
(4) न्यायमूर्ति
फजल अली
2. भारतीय राष्ट्रीय
काँग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष कौन थीं?
(1) एनी बेसेन्ट
(2) इन्दिरा गाँधी
(3) सोनिया गाँधी
(4) इनमें से कोई नहीं
3. राष्ट्रीय
विकास परिषद की स्थापना कब हुई ?
(1) 1950
(2) 1952
(3) 1955
(4) 1956
4. एम. एस. स्वामीनाथन
का संबंध था
(1) श्वेत क्रांति से
(2) नीली क्रांति से
(3) ऑपरेशन फ्लड से
(4) हरित क्रांति
से
5. भारत ने पहला
सफल परमाणु परीक्षण कब किया ?
(1) 1963
(2) 1974
(3) 1980
(4) 1998
6. किस वर्ष
चीन ने भारत पर आक्रमण किया?
(1) 1962
(2) 1964
(3) 1965
(4) 1966
7. भारत में
लौह पुरुष के नाम से कौन जाने जाते हैं?
(1) महात्मा गाँधी
(2) पं. जवाहर लाल नेहरू
(3) सरदार पटेल
(4) इनमें से कोई नहीं
(1) लियाकत अली
(2) ए. ओ. ह्यूम
(3) एस. एन. बनर्जी
(4) गोखले
9. भारतीय संविधान
के किस अनुच्छेद के अन्तर्गत राष्ट्रीय आपातकाल लगाया जा सकता है ?
(1) अनुच्छेद
352
(2) अनुच्छेद 356
(3) अनुच्छेद 360
(4) अनुच्छेद 368
10. विश्व में
शांति बनाए रखने का दायित्व किस पर है?
(1) महासभा
(2) सुरक्षा
परिषद
(3) आर्थिक व सामाजिक परिषद
(4) महासचिव
11. डी०एम०के०
किस राज्य की क्षेत्रीय पार्टी है ?
(1) असम
(2) नागालैण्ड
(3) केरल
(4) तमिलनाडु
12. विश्व महिला
दिवस कब मनाया जाता है ?
(1) 10 दिसम्बर
(2) 8 मार्च
(3) 1 दिसम्बर
(4) 2 अक्टूबर
13. मण्डल कमीशन
रिपोर्ट की सिफारिशों को किस प्रधानमंत्री ने लागू किया ?
(1) चन्द्रशेखर
(2) मोरारजी देसाई
(3) चरण सिंह
(4) वी० पी०
सिंह
14. किसे नए
सामाजिक आन्दोलन की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता ?
(1) चिपको आन्दोलन
(2) नर्मदा बचाओ आन्दोलन
(3) टेहरी बाँध आन्दोलन
(4) गृह स्वराज्य
आन्दोलन
(1) भारतीय जनसंघ
(2) भारतीय क्रांति दल
(3) भारतीय लोक दल
(4) भारतीय जनता दल
16. भारत में
गठबन्धन की सरकार के पहले प्रधानमंत्री कौन थे?
(1) वी० पी०
सिंह
(2) देवगौड़ा
(3) इन्द्र कुमार गुजराल
(4) अटल बिहारी बाजपेयी
17. पूरब बनाम पश्चिम पदबन्ध का आशय किससे है ?
(1) विश्व युद्ध से
(2) शीत युद्ध
से
(3) तनाव शैथिल्य
(4) उत्तर शीत युद्ध दौर से
18. सोवियत संघ
ने कौन-सा सैनिक गुट बनाया?
(1) नाटो
(2) सीटो
(3) सेन्टो
(4) वारसा सन्धि
19. 1955 के
वारसा सन्धि में कौन-सा देश सदस्य नहीं था?
(1) सोवियत संघ
(2) पोलैण्ड
(3) पश्चिमी
जर्मनी
(4) पूर्वी जर्मनी
20. 1917 में
रूस में समाजवादी राज्य की स्थापना किसने की?
(1) कार्ल मार्क्स
(2) फ्रेडरिक एंजिल्स
(3) लेनिन
(4) स्टालिन
21. परमाणु अप्रसार
सन्धि पर किस राज्य ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं?
(1) ईरान
(2) उत्तरी कोरिया
(3) भारत
(4) चीन
22. 'यूरो' क्या
है ?
(1) सार्क देशों की मुद्रा
(2) पाक की मुद्रा
(3) यूरोपीय
संघ की मुद्रा
(4) इनमें से कोई नहीं
23. इंग्लैण्ड
का वर्तमान प्रधानमंत्री कौन है ?
(1) जॉन मेजर
(2) टोनी ब्लेयर
(3) डेविड कैमरून
(4) थेरेसा में
24. 'दक्षेस'
का पहला सम्मेलन किस देश में हुआ ?
(1) भारत
(2) बांग्लादेश
(3) पाकिस्तान
(4) श्रीलंका
25. राष्ट्रीय
पंचायत किस देश की संसद है ?
(1) बांग्लादेश
(2) भूटान
(3) नेपाल
(4) पाकिस्तान
26. निम्नलिखित में से कौन-सा देश सार्क का सदस्य
है ?
(1) मलेशिया
(2) इण्डोनेशिया
(3) जापान
(4) भारत
27. वर्तमान
में संयुक्त राष्ट्र संघ का महासचिव कौन है ?
(1) कोफी अन्नान
(2) शशी थरूर
(3) बान की मून
(4) इनमें से
कोई नहीं
28. अन्तर्राष्ट्रीय
न्यायालय का मुख्यालय कहाँ है ?
(1) जेनेवा
(2) बर्लिन
(3) न्यूयार्क
(4) हेग
29. यू० एन०ओ०
निःशस्त्रीकरण आयोग कब बना?
(1) 1945
(2) 1952
(3) 1960
(3) 1965
30. पर्यावरण सुरक्षा के लिए सबसे पहला अन्तर्राष्ट्रीय
सम्मेलन कहाँ हुआ ?
(1) रियो डी जेनेरियो
(2) क्योटो
(3) स्टॉकहोम
(4) न्यूयार्क
31. 1992 में
किस शहर में पृथ्वी सम्मेलन हुआ ?
(1) क्योटो
(2) रियो डी
जेनेरियो
(3) लन्दन
(4) न्यूयार्क
32. निम्नलिखित
में से किस देश ने खुले द्वार की नीति अपनाई ?
(1) भारत
(2) ब्रिटेन
(3) पाक
(4) चीन
33. 1972 में
भारत-पाक के बीच हुए समझौते को क्या कहते हैं?
(1) शिमला समझौता
(2) लाहौर समझौता
(3) कराची समझौता
(4) नई दिल्ली समझौता
34. भारतीय अर्थव्यवस्था
है
(1) पूँजीवाद
(2) साम्यवाद
(3) मिश्रित
(4) इनमें से कोई नहीं
35. अन्तर्राष्ट्रीय
मुद्रा कोष का मुख्यालय कहाँ है?
(1) मनीला
(2) जकार्ता
(3) पेरिस
(4) वाशिंगटन
36. बांग्लादेश
कब अस्तित्व में आया ?
(1) 1970
(2) 1971
(3) 1972
(4) 1973
37. निम्न में
से कौन-सा देश आसियान का सदस्य नहीं है?
(1) इण्डोनेशिया
(2) फिलीपीन्स
(3) सिंगापुर
(4) श्रीलंका
38. कौन भारतीय
व्यक्ति भारत का प्रथम गर्वनर जनरल था ?
(1) सी० आर दास
(2) सी० राजगोपालचारी
(3) पं. जवाहर लाल नेहरू
(4) इनमें से कोई नहीं
39. किस देश
ने सुरक्षा परिषद में निषेधाधिकार का सर्वाधिक बार प्रयोग किया?
(1) यू.एस.ए.
(2) फ्रांस
(3) रूस
(4) चीन
40. योजना आयोग
को भंग कर कौन-सा आयोग बना ?
(1) नीति आयोग
(2) वित्त आयोग
(3) राज्य वित्त आयोग
(4) इनमें से कोई नहीं
खण्ड-ब (विषयनिष्ठ प्रश्न)
खण्ड-क (अतिलघु उत्तरीय प्रश्न) 2 x 5 = 10
किन्हीं पाँच प्रश्नों
के उत्तर दीजिए।
1. बर्लिन की
दीवार किस बात का प्रतीक थी ?
उत्तर- पूंजीवादी व साम्यवादी
दुनिया के विभाजन का प्रतीक थी।
2. भाग्यवधू
से चिर-प्रतीक्षित भेंट भाषण किसके द्वारा दिया गया ?
उत्तर - जवाहरलाल नेहरू द्वारा।
3. वामपंथी विचारधारा
से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर - यह विचारधारा निर्धन
एवं पिछड़े सामाजिक समूह की तरफदारी करती है एवं इनको लाभ पहुंचाने वाली सरकारी नीतियों
का समर्थन करती है।
4. चिपको आन्दोलन
क्यों चलाया गया था ?
उत्तर - यह पेड़ या वनों की
कटाई को रोकने के लिए चलाया गया आंदोलन था।
5. सोवियत खेमे
के देशों का नाम लिखिए।
उत्तर - सोवियत संघ, पौलेण्ड,
हंगरी, रोमानिया, पूर्वी जर्मनी।
6. खतरनाक दशक
किसे कहा गया है ?
उत्तर - 1960 के दशक को ।
7. क्युबा मिसाइल
संकट के समय सोक्तिय संघ के नेता कौन थे ?
उत्तर- निकिता ख्रुश्चेव ।
खण्ड ख (लघु उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं पाँच प्रश्नों
के उत्तर दीजिए। 3 x 5 = 15
8. शीतयुद्ध
से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर - शीतयुद्ध से हमारा
अभिप्राय उस अवस्था से है जब दो से अधिक देशों के मध्य तनावपूर्ण वातावरण तो हो, लेकिन
वास्तव में कोई युद्ध न हो। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका तथा सोवियत
संघ (वर्तमान रूस) के बीच युद्ध तो नहीं हुआ, लेकिन युद्ध जैसी स्थिति बनी रही। यह
स्थिति शीतयुद्ध के नाम से जानी जाती है। इन दोनों के मध्य लम्बे समय तक तनातनी का
माहौल बना रहा तथा ऐसा लगता था मानो युद्ध होगा किन्तु ऐसा हुआ नहीं।
9. सन् 1989
में बर्लिन की दीवार के ढहने को द्वि-ध्रुवीयता का अन्त क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-द्वि-ध्रुवीयता के दौर
में जर्मनी दो भागों में विभाजित हो गया था। जहाँ पूर्वी जर्मनी साम्यवादी सोवियत संघ
के प्रभाव में तथा पश्चिमी जर्मनी संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रभाव में था। सन्
1989 में बर्लिन की दीवार के ढहने के पश्चात् ही सम्पूर्ण विश्व में से सोवियत संघ
का प्रभाव भी समाप्त हो गया तथा अब तक दो ध्रुवों में विभाजित विश्व हो गया। इसी कारण
बर्लिन की दीवार का ढहना दो ध्रुवीयता के अन्त के रूप में जाना जाता है।
10. साफ्टा क्या
है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर- साफ्टा का पूरा नाम
है - दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र (South Asia Free Trade Agreement)। दक्षेस
के सदस्य देशों ने फरवरी 2004 में साफ्टा समझौते पर हस्ताक्षर किये। यह समझौता 1 जनवरी,
2006 से प्रभावी हो गया है। इस समझौते के तहत दक्षेस देशों के बीच आपसी व्यापार में
लगने वाले सीमा शुल्क को कम करने का लक्ष्य था। इस समझौते से दक्षिण एशिया के देशों
को व्यापारिक लाभ प्राप्त हुए हैं।
11. शक्ति संतुलन
बनाये रखने के दो उपाय बताइये।
उत्तर-
(i) गठवन्धन
बनाना-शक्ति
सन्तुलन बनाये रखने का प्रमुख तरीका गठबन्धन बनाना है। कोई देश अन्य देश या देशों से
गठबन्धन करके अपनी शक्ति को बढ़ा लेता है। फलस्वरूप क्षेत्र विशेष में शक्ति सन्तुलन
बना रहता है।
(ii) शस्त्रीकरण
व निःशस्त्रीकरण - शक्ति सन्तुलन शस्त्रीकरण द्वारा भी बनाये रखा
जा सकता है। एक राष्ट्र शक्ति सन्तुलन बनाये रखने के लिए दूसरे राष्ट्रों से सैनिक
शस्त्र प्राप्त कर सकता है। वर्तमान समय में शस्त्रीकरण की दौड़ सम्पूर्ण विश्व पर
महाविनाश का खतरा मँडरा रहा है। फलस्वरूप आज शस्त्रीकरण को छोड़कर निःशस्त्रीकरण पर
बल दिया जाने लगा है।
12. एकल प्रभुत्व
वाली दल प्रणाली की हानियाँ बताइये।
उत्तर - एकल प्रभुत्व वाली
दल प्रणाली की हानियाँ निम्नलिखित हैं-
(i) एक दलीय व्यवस्था लोकतंत्र
की सफलता और विकास हेतु उचित नहीं है।
(ii) प्रभुत्वशाली दल शासन
का संचालन तानाशाहीपूर्ण तरीके से करने लगते हैं जिससे शक्ति का दुरुपयोग होता है।
(iii) इस व्यवस्था में विरोधी
दल कमजोर होते हैं, अतः सरकार की आलोचना प्रभावशाली ढंग से नहीं हो पाती।
(iv) इस व्यवस्था के तानाशाही
व्यवस्था में बदलने का भय होने के कारण जनता के अधिकार व स्वतंत्रताओं पर अंकुश की
संभावना रहती है।
13. सोवियत संघ
के पतन के कोई दो परिणाम बताइए।
उत्तर-
(i) सोवियत संघ के पतन के कारण
अमेरिकी गुट व सोवियत गुट के मध्य चला आ रहा शीतयुद्ध समाप्त हो गया।
(ii) शीतयुद्ध के समाप्त होने
से परमाणु हथियारों की होड़ भी समाप्त हो गयी तथा एक नई शांति की संभावना का जन्म हुआ।
14. क्योटो प्रोटोकॉल
पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर - सन् 1997 में जापान
के क्योटो शहर में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसे क्योटो प्रोटोकॉल कहा जाता है।
यह एक अन्तर्राष्ट्रीय समझौता है। इसके अन्तर्गत औद्योगिक देशों के लिए ग्रीन हाउस
गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। विकासशील देशों में
ग्रीन हाउस गैसों का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन अपेक्षाकृत कम होने के कारण चीन, भारत
एवं अन्य विकासशील देशों को क्योटो प्रोटोकॉल की बाध्यताओं से अलग रखा गया है।
खण्ड-ग (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं तीन प्रश्नों
के उत्तर दीजिए। 5 × 3 = 15
15. नेपाल में
लोग अपने देश में लोकतंत्र को ब्रह्मल करने में कैसे सफल हुए ?
उत्तर - अतीत में नेपाल एक
हिन्दू राज्य था। आधुनिक काल में यहाँ कई वर्षों तक संवैधानिक राजतन्त्र रहा। इस दौर
में नेपाल की राजनीतिक पार्टियाँ और आम जनता खुले और उत्तरदायी शासन की आवाज उठाते
रहे। लेकिन राजा ने सेना की सहायता से शासन पर पूरा नियन्त्रण कर लिया और नेपाल में
लोकतन्त्र की राह अवरुद्ध हो गयी, लेकिन एक मजबूत लोकतन्त्र समर्थक आन्दोलन से विवश
होकर सन् 1990 में राजा ने नये लोकतान्त्रिक संविधान की माँग मान ली, परन्तु नेपाल
में लोकतान्त्रिक सरकारों का कार्यकाल बहुत छोटा और समस्याओं से भरा रहा। सन् 1990
के दशक में नेपाल के माओवादी, नेपाल के अनेक हिस्सों में अपना प्रभाव कायम करने में
कामयाब हुए। माओवादी, राजा और सत्ताधारी अभिजन के बीच रिशमोणीय संघर्ष हुआ। 'सन्
2002 में राजा ने संसद को भंग कर दिया और सरकार को गिरा दिया। इस प्रकार नेपाल में
जो भी थोड़ा-बहुत लोकतन्त्र था, उसे राजा ने खत्म कर दिया। अप्रैल 2006 में यहाँ देशव्यापी
लोकतन्त्र समर्थक प्रदर्शन हुआ और राजा ज्ञानेन्द्र ने बाध्य होकर संसद को बहाल किया।
इस तरह नेपाल के लोग अपने देश में लोकतन्त्र को बहाल करने में सफल हुए। सन् 2008 में
नेपाल राजतन्त्र को खत्म कर लोकतान्त्रिक गणराज्य बना तथा सन् 2015 में उसने नया संविधान
अपनाया।
16. जन आन्दोलन
का क्या अर्थ है ? दल समर्थित (दलीय) और स्वतंत्र (निर्दलीय) आन्दोलनों का स्वरूप स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर- जन आन्दोलन- प्रजातांत्रिक
मर्यादाओं तथा संवैधानिक नियमों के आधार पर तथा सामाजिक शिष्टाचार से संबंधित नियमों
के पालन सहित सरकारी नीतियों, कानून व प्रशासन सहित किसी मसले पर व्यक्तियों के समूह
अथवा समूहों के द्वारा असहमति प्रकट किया जाना जन-आन्दोलन कहलाता है। इन आन्दोलनों
के अन्तर्गत प्रदर्शन, नारेबाजी, जुलूस जैसे क्रियाकलाप सम्मिलित हैं। इस प्रकार के
जन आन्दोलनों में दल समर्पित (दलीय) और स्वतंत्र (निर्दलीय) आन्दोलनों का स्वरूप इस
प्रकार है-
(i) दल आधारित (दलीय) आन्दोलन- जब
किसी राजनैतिक दल अथवा राजनैतिक दलों से समर्थन प्राप्त समूहों द्वारा आन्दोलन संचालित
किए जाते हैं तो इन्हें दलीय आन्दोलन कहा जाता है, जैसे- जाति विरोधी आन्दोलन, छुआछूत
विरोधी आन्दोलन आदि। किसान सभा आन्दोलन एक दलीय आन्दोलन था। दलीय आन्दोलन संगठित प्रकृति
के आन्दोलन होते हैं।
(ii) स्वतंत्र (निर्दलीय) आन्दोलन सरकार
की नियोजित व्यवस्था के - असफल होने व लोकतांत्रिक संस्था में अविश्वास की स्थिति उत्पन्न
होने व चुनाव आधारित राजनीति बन जाने के कारण ये आन्दोलन अस्तित्व में आते हैं। ये
आन्दोलन असंगठित लोगों के समूह द्वारा संचालित निर्दलीय आन्दोलन होते हैं, जैसे चिपको
आन्दोलन, दलित पैचर्स - आन्दोलन आदि। इस श्रेणी में बहुत से कर्मचारी यूनियनों, व्यावसायिक
संघों आदि द्वारा संचालित आन्दोलन शामिल हैं।
17. स्वतंत्र
भारत के समक्ष कौन-कौन-सी प्रमुख चुनौतियाँ थीं? वर्णन कीजिए।
उत्तर- स्वतंत्रता के पश्चात्
भारत के समक्ष तीन प्रमुख चुनौतियाँ (Three - Major Challenges before Independent
India): अगस्त, 1947 में स्वतंत्रता के पश्चात् भारत के समक्ष मुख्य तौर पर तीन निम्नलिखित
चुनौतियाँ थीं-
(1) एकता के सूत्र में बाँधना
(To tie India in Unity) मुख्य तौर पर भारत के सामने तीन तरह की
चुनौतियाँ थीं। पहली और तात्कालिक चुनौती एकता के सूत्र में बँधे एक ऐसे भारत को गढ़ने
की थी जिसमें भारतीय समाज की सारी विविधताओं के लिए स्थान हो । भारत अपने आकार और विविधता
में किसी महादेश के बराबर था। यहाँ अलग-अलग बोली बोलने वाले लोग थे, उनकी संस्कृति
अलग थी और वे अलग-अलग धर्मों के अनुयायी थे। उस वक्त आमतौर पर यही माना जा रहा था कि
इतनी विविधताओं (diversities) से भरा कोई देश ज्यादा दिनों तक एकजुट नहीं रह सकता।
(2) लोकतंत्र की स्थापना करना
(To establish democracy) : स्वतंत्र भारत के समक्ष दूसरी चुनौती लोकतंत्र
को कायम करने की थी। आप भारतीय संविधान के बारे में पहले ही पढ़ चुके हैं। आप जानते
हैं कि संविधान में मौलिक अधिकारों की गारंटी (Fundamental Rights) दी गई है और हर
नागरिक को मतदान का अधिकार (Right to vote) दिया गया है। भारत ने संसदीय शासन पर आधारित
प्रतिनिधित्वमूलक लोकतंत्र (Representative democracy) को अपनाया। इन विशेषताओं से
यह बात सुनिश्चित हो गई कि लोकतांत्रिक ढाँचे के भीतर राजनीतिक मुकाबले होंगे। लोकतंत्र
को स्थापित करने के लिए लोकतांत्रिक संविधान आवश्यक होता है परंतु इतना भर ही काफी
नहीं होता। चुनौती यह भी थी कि संविधान से मेल खाते लोकतांत्रिक व्यवहार-बरताव चलन
में आये।
(3) समाज मूलक विकास
(Development keeping in view welfare of the society) : तीसरी
चुनौती थी ऐसे विकास की जिससे समूचे समाज का भला होता हो न कि कुछ एक वर्गों
(Classes) का। इस मोर्चे पर भी संविधान में यह बात साफ कर दी गई थी कि सबके साथ समानता
का बरताव (Treatment of Equality) किया जाए और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों तथा धार्मिक-सांस्कृतिक
अल्पसंख्यक समुदायों को विशेष सुरक्षा दी जाए। संविधान ने 'राज्य के 'नीति-निर्देशक
सिद्धांतों' (Directive Principles of State Policy) के अंतर्गत लोक-कल्याण के उन लक्ष्यों
को भी स्पष्ट कर दिया था जिन्हें राजनीति को जरूर पूरा करना चाहिए। अब असली चुनौती
आर्थिक विकास तथा गरीबी की समाप्ति के लिए कारगर नीतियों (effective policy) को तैयार
करने की थी।
18. भूमंडलीकरण
क्या है? विश्व राजनीति पर इसके प्रभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर- एक अवधारणा के रूप में
भूमण्डलीकरण की बुनियादी बात है— प्रवाह । प्रवाह कई तरह के हो सकते हैं। विश्व के
एक हिस्से के विचारों का दूसरे हिस्सों में पहुँचना । पूँजी का एक से ज्यादा जगहों
पर जाना; वस्तुओं का अनेक देशों में पहुँचना और उनका व्यापार तथा बेहत्तर आजीविका की
तलाश में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोगों की आवाज हो।
वैश्वीकरण का प्रभाव बड़ा विषय
रहा है। यह कुछ समाजों को बाकियों की अपेक्षा और समाज के एक हिस्से को बाकी हिस्सों
की अपेक्षा ज्यादा प्रभावित कर रहा है।
एक सामान्य विचार है कि वैश्वीकरण
के कारण राज्य की क्षमता में कमी आती है। पूरे दुनिया में कल्याणकारी राज्य की अवधारणा
अब पुरानी पड़ गई है। और उसकी जगह न्यूनतम हस्तक्षेपकारी राज्य ने ले ली है। राज्य
अब कुछेक मुख्य कामों तक ही अपने को सीमित रखता है जैसे कानून और व्यवस्था को सीमित
रखता है। जैसे कानून और व्यवस्था को बनाये रखना तथा अपने नागरिकों की सुरक्षा करना।
उस तरह के राज्य ने अपने को पहले के कोई ऐसे लोककल्याणकारी कामों से खींच लिया है जिनका
लक्ष्य आर्थिक और सामाजिक कल्याण होता था। लोककल्याणकारी राज्य की जगह अब बाजार आर्थिक
और सामाजिक प्राथमिकताओं का प्रमुख निर्धारक है। पूरे विश्व में बहुराष्ट्रीय निगम
अपने पैर जमा चुके हैं और उनकी भूमिका बढ़ी है। उसने विश्व राजनीति को प्रभावित किया
है। इससे सरकारों के अपने दम पर फैसला करने की क्षमता में कमी आती है।
वैश्वीकरण से हमेशा राज्य की
क्षमता में कमी आती है। ऐसी बात नहीं है। राजनीतिक समुदाय के आधार के रूप में राज्य
की प्रधानता को कोई चुनौती नहीं मिली है। राज्य उस अर्थ में आज भी प्रमुख है। विश्व
की राजनीति में अब भी विभिन्न देशों के बीच मौजूद पुरानी ईर्ष्या और प्रतिद्वंद्विता
की दखल है।
वस्तुतः कुछ मायनों में वैश्वीकरण
के फलस्वरूप राज्य की ताकत में इजाफा हुआ है। अब राज्यों के पास अत्याधुनिक प्रौद्योगिक
मौजूद है जिसके बल पर राज्य अपने नागरिकों के बारे में सूचनाएँ जुटा सकते हैं। उस सूचना
के बल पर राज्य ज्यादा कारगर ढंग से काम कर सकते हैं। नये प्रौद्योगिकी के परिणामस्वरूप
राज्य अब पहले से ज्यादा ताकतवर है।
19. संयुक्त
राष्ट्र संघ के उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर- द्वितीय विश्वयुद्ध
की समाप्ति के बाद अंतर्राष्ट्रीय शक्ति बनाये रखने तथा अन्तराष्ट्रीय सहयोग स्थापित
करने के लिए व्यापक अंतर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता महसूस की गयी। इसी आवश्यकता ने
24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना की गई।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के उद्देश्य
निम्नलिखित हैं-
(i) अन्तर्राष्ट्रीय शांति
और सुरक्षा की स्थापना करना।
(ii) के मूल अधिकारों पुरुष,
स्त्री तथा छोटे-बड़े राष्ट्रों के कार्यों तथा समान अधिकारों में विश्वास स्थापित
करना।
(iii) आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक
तथा मानवीय किसी भी प्रकार की अन्तर्राष्ट्रीय समस्या को सुलझाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय
सहयोग प्राप्त करना।
(iv) अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
को एक ऐसा केन्द्र बनाया जाए जो सामान्य उद्देश्यों की प्राप्त के लिए सभी राष्ट्रों
में पारस्परिक सहयोग और सामंजस्य स्थापित करने में सफल हो सके।
संयुक्त राष्ट्र इन उद्देश्यों
को प्राप्त करने में सफल हो जाता है तो संयुक्त राष्ट्र विश्व सरकार की अव्यवहारिक
भावना को साकार कर सकता है।