+2 शिक्षकों को मिला सेवा निरंतरता और वेतन संरक्षण का लाभ (+2 teachers got benefits of service continuity and pay protection )

+2 शिक्षकों को मिला सेवा निरंतरता और वेतन संरक्षण का लाभ (+2 teachers got benefits of service continuity and pay protection )

वेतन संरक्षण + शिक्षा सेवा संहिता से संबंधित

 एक पद पर कार्यरत रहते हुए दूसरे पद पर नियुक्त होने वाले कर्मियों को पूर्व पद पर प्राप्त वेतन को संरक्षण प्रदान करने के संबंध में ।

1. निदेशानुसार उपर्युक्त विषय के संबंध में कहना है कि राज्य सरकार के अधीन किसी पद को धारण करने वाला व्यक्ति जब किसी अन्य पद पर नियुक्त होता है, तो नये पद पर उनका वेतन निर्धारण शिक्षा सेवा संहिता के नियम 78 के प्रावधानों के आलोक में किया जाता है।

2. शिक्षा सेवा संहिता के नियम 78 के अधीन नये पद पर वेतन निधारण के लिए पूर्व पद पर गहनाधिकार का होना अनिवार्य शर्त है, अर्थात् संबंधित कर्मी का पूर्व पद पर नियुक्ति स्थायी होना चाहिए अथवा उनकी सेवा संपुष्ट होनी चाहिए। इस क्रम में ऐसे मामले सरकार के समक्ष आये थे, जिनमें संबंधित कर्मों की सेवा नये पद पर नियुक्ति के पूर्व धारित पद पर संतुष्ट नहीं रहने या स्थायी घोषित नहीं किए जाने के कारण पूर्व पद पर तीन वर्षा से अधिक की सेवा होने के बावजूद बिहार सेवा सहिता के नियम 78 के अधीन पूर्व पद पर प्राप्त वेतन का संरक्षण करते हुए नये पद के वेतनमान में वेतन निर्धारण का लाभ नहीं दिया जा सकता था। अतः यह निर्णय लिया गया था कि वैसे अस्थायी कर्मचारी जिनकी सेवा तीन वर्षों से अधिक की हो चुकी है, का शिक्षा सेवा संहिता के नियम 86 एवं 39 बी० के अधीन प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, पूर्व पद पर प्राप्त वेतन /स्थानापन्न वेतन का संरक्षण एवं वेतन निर्धारण का लाभ दिया जाए।


3. वित्त विभागीय संकल्प सं 10770, दिनांक 30-12-1981 द्वारा प्रवर कोटि एवं कालबद्ध प्रोन्नति की योजना लागू होने के बाद यद्यपि प्रवर कोटि वेतनमान में प्रोन्नत कर्मियों को नये पद पर नियुक्ति होने पर शिक्षा सेवा संहिता के नियम 78 के प्रावधानों के अधीन वेतन निर्धारण का लाभ दिया जाता रहा है। किन्तु प्रवर कोटि वेतनमान में कालबद्ध प्रोन्नति प्राप्त कर्मियों को नये पद पर नियुक्ति होने पर शिक्षा सेवा संहिता के नियम 78 के प्रावधानों के अधीन वेतन निधारण का लाभ अनुमान्य नहीं किया जा रहा था।

4. इस संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय, पटना द्वारा कतिपय मामलों में यह आदेश पारित किया गया कि कालबद्ध प्रोन्नति प्राप्त कर्मियों को नये पद पर नियुक्ति होने पर शिक्षा सेवा संहिता के नियम 28 के प्रावधानों के आलोक में वेतन निर्धारण का लाभ दिया जाए।

5. उपर्युक्त विषय पर सम्यक विचारोपरान्त निर्णय लिया गया है कि वैसे कर्मी जो कालबद्ध प्रोन्नति प्राप्त करने के पश्चात् किसी अन्य नये पद पर नियुक्त होते हैं, को कालबद्ध प्रोन्नति के फलस्वरूप प्राप्त वेतन के आधार पर नये पद पर नियुक्ति की तिथि को शिक्षा सेवा संहिता के नियम 78 के प्रावधानों के अधीन वेतन संरक्षित एवं निर्धारित किया जायेगा। इस प्रकार के मामले में वेतन का निर्धारण पूर्व की भांति वित्त विभाग की सहमति से किया जायेगा, किन्तु आदेश निर्गत की तिथि को सेवानिवृत्त हो चुके कर्मियों के मामले पर यह निर्णय प्रभावी नहीं होगा।

6. निदेशानुसार उपर्युक्त विषय के संबंध में कहना है कि राज्य सरकार के अधीन किसी पद को धारण करने वाला सरकारी सेवक जब किसी अन्य पद पर विधिवत् नियुक्त होता है, तो नये पद पर उनका वेतन निर्धारण / संरक्षण झारखण्ड सेवा संहिता के नियम 78 के प्रावधानों के आलोक में किया जाता है। इस संबंध में वित्त विभागीय परिपत्र संख्या 1609/ वि. दिनांक 14.06.2006 एवं परिपत्र संख्या 3511 / वि. दिनांक 09.10.2014 द्वारा विस्तृत मार्गदर्शन निर्गत है। छठे पुनरीक्षित वेतन संरचना में एक पद पर कार्यरत रहते हुए दूसरे पद पर नियुक्त होने वाले कर्मियों के वेतन संरक्षण हेतु प्रक्रिया का निर्धारण वित्त विभागीय परिपत्र संख्या 451 दिनांक 14.02.2020 द्वारा किया गया है।

7. वित्त विभागीय परिपत्र संख्या 451 / वि. दिनांक 14.02.2020 द्वारा छठे पुनरीक्षित वेतन संरचना के परिप्रेक्ष्य में एक पद पर रहते हुए उच्चतर दायित्व वाले किसी अन्य पद पर नियुक्त होने की स्थिति में पूर्व धारित पद के अंतिम मूल वेतन में एक वेतन वृद्धि (@3%), अगले प्रक्रम के रूप में स्वीकृत कर नये पद के लिए निर्धारित ग्रेड वेतन में वेतन का निर्धारण / संरक्षण किये जाने का निर्णय संसूचित है।

8. छठे पुनरीक्षित वेतन संरचना में प्रत्येक पद के लिए पे बैण्ड एवं ग्रेड पे की व्यवस्था थी। सप्तम् पुनरीक्षित वेतन संरचना में प्रत्येक पद से संबंधित पे बैण्ड एवं ग्रेड पे के संगत पे लेवल की व्यवस्था की गयी है।

9. वित्त विभागीय संकल्प संख्या 217 / वि. दिनांक 18.01.2017 की कंडिका-12 के अनुसार सप्तम् पुनरीक्षित वेतन संरचना में किसी पद का लेवल छठे वेतन पुनरीक्षण संरचना में उस पद के लिए नियत पे बैण्ड एवं ग्रेड पे के अनुरूप पे मैट्रिक्स द्वारा निर्धारित है।

अतएव, झारखण्ड सेवा संहिता के नियम 78 ( क ) (1)/ 78 (क) (2) एवं वित्त विभागीय परिपत्र संख्या 451 / वि. दिनांक 14.02.2020 को दृष्टिपथ में रखते हुए, सप्तम पुनरीक्षित वेतन संरचना के परिप्रेक्ष्य. में, राज्य सरकार के अधीन एक पद पर कार्यरत रहते हुए दूसरे पद पर विधिवत् नियुक्त होने की स्थिति में वेतन का निर्धारण / संरक्षण निम्नवत् होगा:

(क) जब नये पद पर नियुक्ति से पूर्व के स्थायी पद के कर्त्तव्यों और दायित्वों की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण कर्त्तव्य या दायित्व नहीं ग्रहण करना पड़े, तो पुराने पद के लिए निर्धारित पे-लेवल (Pay Level) में प्राप्त अंतिम मूल वेतन का संरक्षण, नये पद जिस पर नियुक्ति हुई है, के लिए निर्धारित पे-लेवल (Pay Level) के समान राशि वाले सेल (Cell) में किया जाय तथा अगली वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि पुराने पद के कालमान के अनुसार अपरिवर्तित रखा जाय। यदि पुराने पद पर प्राप्त अंतिम वेतन के समान राशि का सेल, नये पद जिस पर नियुक्ति हुई है. के लिए निर्धारित पे लेवल (Pay Level) में उपलब्ध नहीं हो, तो अगला उच्चतर सेल में अंकित राशि अनुमान्य किया जाय तथा अगली वार्षिक वेतन वृद्धि सेवा संहिता के नियम 85 (क) के आलोक में नए पद के कालमान में अनुमान्य की जाय।

(ख) जब नये पद पर नियुक्ति से पूर्व के स्थायी पद के कर्त्तव्यों और दायित्वों की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण कर्त्तव्य या दायित्व ग्रहण करना पड़े, तो पुराने पद के लिए निर्धारित पे-लेवल (Pay Level) में प्राप्त अंतिम मूल वेतन से समान पे लेवल (Pay Level) का अगला उच्चतर सेल (Next higher cell) अनुमान्य करते हुए नये पद जिस पर नियुक्ति हुई है, के लिए निर्धारित पे लेवल में समान राशि वाले सेल में वेतन निर्धारित / संरक्षित किया जाय। यदि नये पद जिस पर नियुक्ति हुई है, के लिए निर्धारित पे-लेवल में समान राशि वाला सेल उपलब्ध नहीं हो, तो अगला उच्चतर सेल में अंकित राशि अनुमान्य किया जाय अगली वार्षिक वेतन वृद्धि सेवा संहिता के नियम 85 (क) के आलोक में नए पद के कालमान में अनुमान्य की जाय।

+2 शिक्षकों को मिला सेवा निरंतरता और वेतन संरक्षण का लाभ

झारखण्ड सरकार

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग

(माध्यमिक शिक्षा निदेशालय)

-: आदेश :-

स्व० आलोक कुमार, स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक, इतिहास, राजकीयकृत +2 उच्च विद्यालय, मेराल, गढ़वा की नियुक्ति पूर्व में निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, झारखण्ड, राँची के ज्ञापांक- 3468 दिनांक 26.07.2010 के आलोक में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक, वेतनमान 9300-34800 ग्रेड पे 4600/- के पद पर की गयी थी। स्व० कुमार द्वारा दिनांक 02.08.2010 के पूर्वाहन में जिला शिक्षा पदाधिकारी, गढ़वा के कार्यालय में योगदान समर्पित किया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी, गढ़वा के ज्ञापांक- 772 दिनांक 03.08.2010 के आलोक में स्व० कुमार द्वारा दिनांक 03.08.2010 को राजकीयकृत उच्च विद्यालय, मेराल, गढ़वा में योगदान किया गया। स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पद पर इनकी सेवा सम्पुष्टि जिला शिक्षा पदाधिकारी, गढ़वा के ज्ञापांक-206 दिनांक 16.02.2018 एवं शुद्धि पत्र ज्ञापांक- 1568 दिनांक 05.10.2018 द्वारा दिनांक 02.08.2012 के प्रभाव से की गयी।

2. झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या - 20/2016 के आलोक में आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर अनुशंसित अभ्यर्थियों की सूची के अनुसार निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, झारखण्ड, राँची के आदेश ज्ञापांक- 2067 दिनांक 14.11.2017 द्वारा स्व० आलोक कुमार की नियुक्ति स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक, विषय-इतिहास, कोटि-अनारक्षित वेतनमान 9300-34800/- ग्रेड पे 4800/- के पद पर नियुक्त करते हुए राजकीयकृत +2 उच्च विद्यालय, मेराल, गढ़वा में पदस्थापित किया गया। इस पद पर नियुक्ति हेतु परीक्षा में भाग लेने के क्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी, गढ़वा के आदेश ज्ञापांक- 1817 दिनांक 14.12.2016 द्वारा स्व० कुमार को स्वीकृति प्रदान की गई थी। स्व० कुमार द्वारा दिनांक 17.11.2017 के पूर्वाह्न में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय, गढ़वा में योगदान दिया गया। तत्पश्चात् जिला शिक्षा पदाधिकारी, गढ़वा के आदेश संख्या-1655 दिनांक 20.11.2017 के द्वारा विधिवत् विरमित होकर स्व० कुमार द्वारा दिनांक 21.11.2017 के पूर्वाह्न में राजकीयकृत +2 उच्च विद्यालय, मेराल, गढ़वा में योगदान दिया गया।

इस पद पर इनकी सेवा सम्पुष्टि निदेशक, माध्यमिक शिक्षा के आदेश ज्ञापांक- 1050 दिनांक 08.07.2021 के द्वारा दिनांक 17.11.2019 के प्रभाव से की गयी।

3. निदेशक, माध्यमिक शिक्षा के आदेश ज्ञापांक-2322 दिनांक 29.08.2022 द्वारा स्व0 कुमार तत्कालीन स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक, इतिहास, राजकीयकृत +2 उच्च विद्यालय, मेराल, गढ़वा को उनकी पूर्व की सेवा यथा - स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक, राजकीयकृत उच्च विद्यालय, मेराल, गढ़वा की अवधि दिनांक 02.08.2010 से 16.11.2017 तक कर्त्तव्य अवधि के रूप में परिगणित करते हुए सेवा निरंतरता का लाभ प्रदान किया गया है।

4. स्व0 कुमार का स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पद के विरूद्ध दिनांक 16.12.2017 को प्राप्त अंतिम मूल वेतन रु0 55200/- (Level-7) है एवं स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक पद का वेतनमान 9300-34800/- ग्रेड पे 4800/- (Level-8) पर नियुक्ति के फलस्वरूप प्रारंभिक मूल वेतन 47600/- है ।

अतः स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पद का वेतनमान 9300-34800/- ग्रेड पे 4600 / - (Level-7) के विरूद्ध दिनांक 16.11.2017 को प्राप्त अंतिम मूल वेतन रु0 55200/- के आधार पर स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक पद का वेतनमान 9300-34800/- ग्रेड पे 4800/- (Level-8) उच्चतर कर्त्तव्य एवं दायित्व के पद पर दिनांक 17.11.2017 को योगदान के फलस्वरूप झारखण्ड सेवा संहिता के नियम 78 (क) (1) में निहित प्रावधान के आलोक में रु0 56900/- (Level-8) में वेतन संरक्षण का लाभ प्रदान किया जाता है।

5. प्रस्ताव पर वित्त विभाग, झारखण्ड, राँची की सहमति प्राप्त है।

पत्रांक : 09/+2वि. 3- 26/2022...192...

झारखण्ड सरकार

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग

(माध्यमिक शिक्षा निदेशालय)

E-mail-dirsecednjhk@rediffmail.com / dirsecednjhk@gmail.com

प्रेषक,

सुनील कुमार, भा०प्र०से०

निदेशक, माध्यमिक शिक्षा,

झारखंड, रॉची।

सेवा में,

       जिला शिक्षा पदाधिकारी

       राँची, गिरिडीह, हजारीबाग, खूँटी,

       पूर्वी सिंहभूम, कोडरमा, देवघर।

राँची, दिनांक- 20/01/2023

विषय : डब्लू०पी० (एस0) नं0 - 2467/2021 एलबीना कोनगाड़ी एवं अन्य बनाम- राज्य सरकार एवं अन्य में पारित न्यायादेश का अनुपालन के संबंध में।

प्रसंगः  निदेशालयीय पत्रांक 1791 दिनांक 23.09.2021 एवं 1972 दिनांक 20.07.2022

महाशय,

उपर्युक्त विषय के संबंध में कहना है कि डब्लू0पी0 (एस0) नं0-2467/2021 एलबीना कोनगाड़ी एवं अन्य बनाम राज्य सरकार एवं अन्य में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 06.01.2023 को न्यायादेश पारित किया गया है। पारित न्यायादेश के अनुपालनीय अंश निम्नवत है:-

"Considering the aforesaid stand taken by the respondents, I direct the State- respondents to conclude the entire process within three months. It is expected that the proposal in respect of the remaining petitioners for whom proposals have not yet been sent, will be sent at the earliest, if they qualify for the benefits. Further, if it is found that the petitioners are entitled to any monetary benefits, same should be paid to the petitioners within the aforesaid time. If any part of the claim of one or the other petitioner is turned down, the reasons thereof should also be communicated to the individual concerned petitioner within the aforementioned time."

("प्रतिवादियों द्वारा लिए गए उक्त स्टैंड को ध्यान में रखते हुए, मैं राज्य-प्रतिवादियों को तीन महीने के भीतर पूरी प्रक्रिया को समाप्त करने का निर्देश देता हूं। यह उम्मीद की जाती है कि शेष याचिकाकर्ताओं के संबंध में प्रस्ताव, जिनके लिए अभी तक प्रस्ताव नहीं भेजे गए हैं, को भेजा जाएगा।  जल्द से जल्द, अगर वे लाभ के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं। इसके अलावा, अगर यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ता किसी भी मौद्रिक लाभ के हकदार हैं, तो उसे उपरोक्त समय के भीतर याचिकाकर्ताओं को भुगतान किया जाना चाहिए। यदि एक या दूसरे याचिकाकर्ता के दावे का कोई हिस्सा  खारिज कर दिया गया है, इसके कारणों को उपरोक्त समय के भीतर व्यक्तिगत संबंधित याचिकाकर्ता को भी सूचित किया जाना चाहिए।")

यह मामला 15 वादीगण को सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण का लाभ प्रदान करने से संबंधित है। विदित हो कि प्रासंगिक पत्र के माध्यम से सरकारी +2 विद्यालयों में कार्यरत स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण हेतु वित्त विभाग के संकल्प संख्या-3903 /वि0 दिनांक 20.11.2014 द्वारा निर्धारित विहित प्रपत्र में आवश्यक प्रविष्टि कर हस्ताक्षरित करते हुए मूल सेवापुस्त तथा अन्य संगत अभिलेख सहित प्रस्ताव उपलब्ध कराने हेतु निदेश दिया जा चुका है।

अंकनीय है कि पाँच वादीगण (एलबीना कोनगाड़ी, कृष्ण कुमार कन्हैया, विजय कुमार चौबे, सुरेश प्रसाद कुशवाहा एवं हीरालाल गुप्ता) को छोड़कर अन्य किसी के सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण का विधिवत प्रस्ताव निदेशालय को प्राप्त नहीं है।

अतः उपरोक्त पारित न्यायादेश के आलोक में पुनः निदेश दिया जाता है की वादीगण सहित अन्य स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा निरंतरता एवं  वेतन संरक्षण का प्रस्ताव अविलम्ब उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया ताकि अनावश्यक इस मामले में अवमाननावाद की स्थिति उत्पन्नं न हो।

झारखण्ड वित्त विभाग ने भी समय - समय पर वेतन संरक्षण से संबंधित पत्र जारी किया गया है। शुरू से अभी तक का सम्पूर्ण पत्र जिसे आप दिये गये लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं।👇

Download

सम्पूर्ण शिक्षा सेवा संहिता को भी आप नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं।👇

Download

दीपक कुमार मीडिया प्रभारी दुमका  NMOPS जिन्दाबाद जिन्दाबाद 💪 

Post a Comment

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare