शिक्षकों को अवकाश पर जाने के पूर्व करने होंगे निम्न कार्य
झारखण्ड
सरकार
स्कूली
शिक्षा एवं साक्षरता विभाग
E-Mail-edu.jharkhand@gov.in/hrdjharkhand@gmail.com
प्रेषक,
के0 रवि कुमार,
मा०प्र०से० सरकार के सचिव
सेवा
में,
सभी जिला शिक्षा
पदाधिकारी, झारखण्ड
सभी जिला शिक्षा
अधीक्षक, झारखण्ड |
विषय
:- विद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण एवं शिक्षकों के अवकाश पर जाने
के संबंध में।
प्रसंग:-
विभागीय ज्ञापांक- 187 राँची दिनांक 04.02.2022
महाशय,
ध्यातव्य
है कि निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 में विनिर्दिष्ट प्रावधान
के अनुपालन में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग सम्पूर्ण राज्य में प्रारंभिक
शिक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में
कृतसंकल्प है। इस संदर्भ में शिक्षकों का सार्थक व सक्रिय प्रतिबद्धता अपेक्षित है
एवं उनके प्रशैक्षणिक एवं शैक्षणिक योग्यता व अनुभव का उत्तरोत्तर अनुप्रयोग
वांछनीय है ताकि विद्यालय के संचालन अवधि में संतुलित, समेकित एवं स्तरीय
समयतालिका एवं सावधिक पाठयोजना के आधार पर विद्यालयीय पाठ्य सहगामी गतिविधियों व
क्रियाकलापों का राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप छात्रहित में किया
जा सके।
ज्ञातव्य
है कि विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों पर कोविड-19 महामारी काल के दौरान
अनअपेक्षित प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे छात्र-छात्राओं के अधिगम स्तर में
वांछनीय प्रगति नहीं हो पायी है एवं इसका समायोजन शीघ्रातिशीघ्र किया जाना
शैक्षणिक / छात्रहित में नितान्त आश्वयक है।
राज्य
के विद्यालयों के नियमित अनुश्रवण, क्षेत्र भ्रमण के क्रम में एवं शिक्षक संघ के
प्रतिनिधियों से हो रहीं तैयारी वार्त्ता के मद्देनजर यह पाया गया है कि
विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का अवांछित प्रतिनियोजन बिना विभागीय पूर्वानुमति
के यत्र-तत्र कर दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक
प्रगति बाधित होती है। इसके साथ ही यह तथ्य भी प्रकाश में आया है कि शिक्षकों को
बारंबार उनके कार्यावधि में ही विद्यालय से अभिलेख / प्रतिवेदन एवं अन्य कागजात /
प्रपत्र / सूची आदि तैयार करने हेतु या उन्हें कार्यालय में समर्पित करने हेतु या
इससे संबंधित किसी प्रकार की गोष्ठी इत्यादि में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी
के कार्यालय में बुलाया जाता है, जो कि सर्वथा अवांछनीय एवं अवरोधात्मक है।
अंकनीय
है कि संबंधित अधिकारियों की ऐसी स्वेछाचारिता, लापरवाही एवं दोषपूर्ण कार्यशैली
से छात्रहित में छात्र / छात्राओं के शैक्षणिक गुणात्मक / मात्रात्मक विकास पर
बेहद प्रतिकूल असर परिलक्षित होता है जो कि पूर्णतः अनुचित एवं अव्यवहारिक है।
गुणात्मक शिक्षा के प्रचार-प्रसार के संदर्भ में विद्यालयी पाठ्यक्रम व पाठ्य
सहगामी गतिविधियों / क्रियाकलापों को समयबद्ध व चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करने की
जिम्मेदारी मौलिक रूप से शिक्षकों की ही है जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता दिया जाना
नितान्त आवश्यक है। इस कार्य हेतु शिक्षकों का सक्रिय व सार्थक सहयोग अपेक्षित है
एवं इस निमित्त दैनिक स्तर पर विद्यालय की सम्पूर्ण कार्यावधि में शिक्षकों की
विद्यालय में शारिरिक एवं मानसिक उपस्थिति अनिवार्य है।
अतः
उक्त परिप्रेक्ष्य में आपको छात्रहित को दृष्टिगत रखते हुए प्रसंगाधीन पत्र में
निहित निर्देशों एवं इससे पूर्व प्रदत सभी प्रवृत आदेशों / निदेशों / निर्देशों के
शत-प्रतिशत अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु स्मारित किया जाता है एवं इसके
साथ ही निम्न निदेश भी आपके अनुपालनार्थ दिये जाते है-
1.
सम्पूर्ण विद्यालय कार्यावधि में सभी शिक्षक अपने विद्यालय में उपस्थित रहते हुए
छात्रहित में परस्पर अंतः क्रिया की प्राथमिकता सुनिश्चित करते हुए गुणात्मक
शैक्षणिक विकास के उद्देश्य से समयतालिका व पाठ्ययोजना आधारित पाठ्यचर्या /
पाठ्यक्रम व पाठ्य सहगामी गतिविधियों का प्रभावी रूप से संचालन करेंगे।
2.
प्राचार्य / प्रधानाध्यापक / प्रधान शिक्षक (प्रभारी सहित) सहित सभी सहायक शिक्षक अपने
सम्पूर्ण विद्यालयी कार्यावधि में अपने सेवा संबंधी व्यक्तिगत कार्य या विद्यालय से
संबंधित प्रतिवेदन / प्रपत्र / पत्र / आवेदन पत्र या कोई अन्य कागजात, सूचना या आदेश
/ निर्देश / निदेश आदि प्राप्त करने या जमा करने या इससे संबंधित किसी प्रकार की गोष्ठी
में भाग लेने के उद्देश्य से या मध्याह्न भोजन संबंधी कार्य करने के उद्देश्य से विद्यालय
से प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कार्यालय / क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय
या अन्यत्र नहीं जायेंगे। इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि प्राचार्य / प्रधानाध्यापक
/ प्रधान शिक्षक (प्रभारी सहित), जहाँ लागू हो, या उनके द्वारा अधिकृत कोई अन्य शिक्षक
प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कार्यालय के निर्देशानुसार सिर्फ मासिक गुरुगोष्ठी
में ही नियत तिथि को नियत समय पर अपने वांछित दस्तावेजों / प्रतिवेदनों एवं सूचना के
साथ भाग लेंगे। इसी दिन संबंधित शिक्षक सभी आवश्यक कागजात, सूचना एवं उपयोगी सामग्रियाँ,
यदि कोई हो तो प्राप्त कर लेंगे। इस निमित मासिक गुरूगोष्ठी के संचालन के अलावा कतिपय
अपरिहार्य कारणों से जिला शिक्षा पदाधिकारी / जिला शिक्षा अधीक्षक के पूर्वानुमति लेकर
प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी / क्षेत्र शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (यदि आवश्यक हो
तो) विशेष गुरूगोष्ठी आयोजित करेंगे एवं इस हेतु संबंधित शिक्षकों को सूचित करते हुए
आंमत्रित करेंगे।
3.
विद्यालय में छात्रहित में प्रवृत आदेश / निदेश / दिशा-निर्देशों के अनुपालन में, यदि
आवश्यक हो तो संबंधित प्रखण्ड साधन सेवी / संकुल साधन सेवी अपने विद्यालय भ्रमण से
संबंधित पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अलावे समय-समय पर विद्यालय स्वयं जाकर सभी वांछित
सूचना / प्रतिवेदन / प्रपत्र / सूची एवं अन्य कागजात / दस्तावेज / सामग्रियाँ एकत्रित
करेंगे या प्राप्त करेंगे या हस्तगत करेंगे या वितरित करेंगे या उनके अवलोकनोपरान्त
वांछित प्रविष्टियां दर्ज करेंगे ताकि शिक्षकों का बहुमूल्य समय नष्ट न होकर छात्रहित
में शिक्षण कार्य में उनका सदुपयोग हो ।
4.
विद्यालय में उपस्थित शिक्षकों के द्वारा माता समिति के माध्यम से कार्यावधि में विद्यालय
के मीनू के अनुसार मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित कार्य का यथावत् नियमित संचालन होता
रहेगा एवं इसमें किसी भी प्रकार की कोई अनेदेखी या लापरवाही नहीं की जायेगी। इस संदर्भ
में यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी भी परिस्थिति में विद्यालय कार्यावधि में कोई भी
शिक्षक मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित कार्य यथा क्रय-विक्रय / आपूर्ति / भण्डारण
/ भोजन निर्माण वितरण से संबंधित कार्य करने हेतु विद्यालय परिसर से बाहर नहीं जायेंगे।
दैनिक स्तर पर मध्याहन भोजन निर्माण / वितरणादि हेतु सभी प्रकार की पूर्व तैयारी अपरिहार्य
है। इस संबंध में विद्यालय प्रबन्ध समिति सहित इसकी उप समिति सरस्वती वाहिनी संचालन
समिति ( माता समिति) के माध्यम से आवश्यक निर्णय लेते हुए मध्याह्न भोजन का कार्य सम्पादित
करना सुनिश्चित करेंगे।
5.
एकल शिक्षक विद्यालयों में शिक्षक के अवकाश में रहने के दौरान संबंधित प्रखण्ड साधन
सेवी / संकुल साधन सेवी स्वयं विद्यालय के प्रभार में रहते हुए शैक्षणिक कार्यों का
सम्पादन एवं मध्याहन भोजन निर्माण / वितरण करना सुनिश्चित करेंगे। किसी भी परिस्थिति
में विद्यालय में मध्याहन भोजन का निर्माण एवं वितरण बंद नहीं रहेगा।
6.
किसी भी विद्यालय में शिक्षक के अवकाश पर जाने की सूचना पूर्व से विनिर्दिष्ट व्हाट्सएप
पर देते हुए यथावश्यक संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी / जिला शिक्षा अधीक्षक से स्वीकृति
लेना अनिवार्य होगा ताकि विद्यालय में आवश्यक अतिरिक्त अनुश्रवण सुनिश्चित किया जा
सके एवं विद्यालय में शिक्षण कार्य व मध्याह्न भोजन संबंधी कार्य सुचारू रूप से चलता
रहे।
7.
संबंधित सभी क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी नियमित रूप
से सभी विद्यालयों का उपरोक्त दिशा-निर्देशों के अनुपालन में अनुश्रवण करना सुनिश्चित
करेंगे ताकि विद्यालयों में छात्रहित में गुणात्मक शिक्षा का प्रचार-प्रसार प्रभावी
रूप हो सके।
कृपया
इसे प्राथमिकता दी जाय।