झारखण्ड
सरकार
वित्त विभाग
विषय : राज्य सरकार के सरकारी सेवक के अतिरिक्त प्रभार में
रहने की स्थिति में विभिन्न भत्तों की निकासी के संबंध में स्पष्टीकरण ।
अजय कुमार सिंह, प्रधान सचिव के
द्वारा सभी विभागाध्यक्ष,,सभी अपर मुख्य
सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, सभी उपायुक्त, सभी प्रमण्डलीय आयुक्त, झारखण्ड को
पत्र के माध्यम से पत्र निकालते हुए स्मरण कराया गया है कि ।
उपर्युक्त
विषय के संबंध में कहना है कि राज्य सरकार के सरकारी सेवक को कार्यहित में उनके
मूल पद के अलावा एक या अधिक अन्य पदों का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है।
नियमानुसार सरकारी सेवक के वेतन तथा अन्य भत्तों की निकासी मूल प्रभार की स्थापना
से ही की जानी चाहिये। परन्तु वित्त विभाग के संज्ञान में कतिपय ऐसे मामले आये
हैं, जिनमें सरकारी सेवक द्वारा विभिन्न भत्तों की निकासी अतिरिक्त प्रभार वाले
विभाग / कार्यालय से की गयी है। यह स्थापित नियमों के विपरीत है।
वेतन
एवं भत्तों की निकासी के संबंध में झारखण्ड कोषागार संहिता का नियम 153 (a)
निम्नवत है :-
153
( a ) :- "The claims of all Government servants shall be drawn by the
Drawing and Disbursing Officer of the concerned establishment to whom they are
attached. A consolidated bill of claim for pay and allowances shall be drawn in
respect of all Government servants for an establishment. The same provision
shall apply to all tribunals, commissions and such other bodies of the
Government whose employees draw their salaries directly from the
Treasury."
अनुवाद
:- 153 (क) :- "सभी सरकारी सेवकों के दावे संबंधित प्रतिष्ठान के आहरण एवं संवितरण
अधिकारी द्वारा आहरित किए जाएंगे जिससे वे संबद्ध हैं। सभी सरकारी सेवकों के संबंध
में वेतन और भत्तों के दावों का एक समेकित बिल तैयार किया जाएगा। एक प्रतिष्ठान के लिए। यही प्रावधान सभी न्यायाधिकरणों,
आयोगों और सरकार के ऐसे अन्य निकायों पर लागू होगा जिनके कर्मचारी अपना वेतन सीधे कोषागार
से प्राप्त करते हैं।
कोई
सरकारी सेवक अपने मौलिक स्थापना से संबंधित DDO से सम्बद्ध (Attached) होता है।
किसी सरकारी सेवक का उसके मौलिक स्थापना के अतिरिक्त किसी अन्य स्थापना / कार्यालय
के DDO से सम्बद्ध (Attached ) होना नियमानुकूल नहीं है।
वर्णित
स्थिति में स्पष्ट किया जाता है कि किसी सरकारी सेवक द्वारा विभिन्न भत्तों के लिए
दावा (Claim) उसी स्थापना / कार्यालय में प्रस्तुत किया जाय, जिस स्थापना / कार्यालय
में सरकारी सेवक मौलिक रूप से पदस्थापित हो, भले ही भत्ते का दावा अतिरिक्त प्रभार
वाले स्थापना / कार्यालय से सम्बन्धित कार्य से उत्पन्न हुआ हो।
इस
पत्र की प्रति आपके विभाग / कार्यालय में कार्यरत सभी पदाधिकारियों विशेषकर निकासी
एवं व्ययन पदाधिकारियों को उपलब्ध कराई जाय ।