झारखण्ड
शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् राँची झारखण्ड
मॉडल प्रश्नपत्र (विषयनिष्ठ)
2022-23
कक्षा 10 |
विषय- विज्ञान |
समय- 1.30 घंटा |
पूर्णांक 40 |
सामान्य
निर्देश-:
> परीक्षार्थी यथासंभव अपने
शब्दों में उत्तर दें।..
> कुल प्रश्नों की संख्या
19 है।
> प्रश्न संख्या 1 से 7
तक अति लघु उत्तरीय प्रश्न है। जिसमे से किन्ही 5 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 2 अंक निर्धारित है।
> प्रश्न संख्या 8 से
14 तक लघु उत्तरीय प्रश्न है। जिसमे से किन्ही 5 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है.
प्रत्येक प्रश्न का मान 3 अंक निर्धारित है।
> प्रश्न संख्या 15 से
19 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है। किन्हीं 3 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक
प्रश्न का मान 5 अंक निर्धारित है।
Section- A
Q.1 चुम्बकीय
क्षेत्र रेखाओं के किन्ही दो गुणों को लिखिए।
उत्तर : चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं
के गुण:
(i) ये रेखाएं बंद वक्र रेखाएं
होती हैं जो उत्तरी ध्रुव से उत्पन्न होती हैं और दक्षिणी ध्रुव तक जाती हैं, जो चुम्बक
के भीतर से होती हुईं फिर उत्तरी ध्रुव की ओर जाती हैं।
(ii) चुम्बकीय रेखाएं कभी एक
दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती।
(iii) चुम्बकीय रेखाएं चुम्बकीय
क्षेत्र की मज़बूती को दर्शाती हैं। जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र की रेखाएं अपेक्षाकृत अधिक
निकट होती हैं वहां चुम्बकीय बल अधिक होता है।
Q.2 अवतल दर्पण
में बनते हुए प्रतिबिंब का एक स्वच्छ किरण आरेख खिचिए जब वस्तु को वक्रता केंद्र पर रखा जाता है।
उत्तर :
Q.3 उभयधर्मी ऑक्साइड किसे कहते हैं उदाहरण दें।
उत्तर : जो धातु ऑक्साइड अम्लीय
और क्षारीय दोनों प्रकार के व्यवहार प्रकट करते हैं उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं।
उदाहरण: ऐलुमिनियम ऑक्साइड
(Al203) ज़िंक ऑक्साइड (ZnO)
(i) Al2O3
+ 6HCI →
2AICI3
+ 3H2O ( क्षारीय व्यवहार )
Al2O3 + 2NaOH →
2NaAIO2 + H2O (अम्लीय व्यवहार)
(ii) ZnO + 2HCI →
ZnCl2
+ H2O ( क्षारीय व्यवहार )
ZnO + 2NaOH → Na2ZnO2
+ H2O (अम्लीय व्यवहार)
Q4. आधुनिक आवर्त
नियम क्या है?
उत्तर : इस नियम के अनुसार
तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं। अर्थात्
तत्वों को यदि उनके परमाणु भार के क्रम में रखा जाए तो उनके गुणधर्म की पुनरावृत्ति
एक नियत क्रम में होती रहती है और समान रासायनिक गुणधर्म वाले तत्व एक निश्चित क्रम
में मिलते हैं।
Q.5 पित्त का क्या कार्य है?
उत्तर : पाचक पित्त का कार्य
खाए हुए द्रव्यों को अपनी स्वाभाविक उष्णता से पचाना और रस, मूत्र और मल को पृथक् पृथक्
करना है । रंजक पित्त आमाशय से आए हुए आहार रस को रंजित कर रक्त में परिणत करता है
। साधक पित्त कफ और तमोगुण को दूर करता और मेधा तथा बुद्धि उत्पन्न करता है ।
Q.6 खाद्य श्रृंखला किसे कहते
हैं ? उदाहरण दें ।
उत्तर : किसी भी पारिस्थितिकी
तन्त्र के समस्त जीव भोजन के लिए परस्पर एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। इस प्रकार समस्त
जीव एक दूसरे पर निर्भर होकर भोजन श्रृंखला बनाते हैं इससे परिस्थितिकी तन्त्र में
खाद्य ऊर्जा का प्रवाह होता है। खाद्य ऊर्जा का एक स्तर से दूसरे स्तर पर ऊर्जा प्रवाह
की खाद्य श्रृंखला कहलाती है।
Q.7 निम्नलिखित जीवो में होने
वाले जनन की विधियों को लिखें।
a) हाइड्रा b) राइजोपस
उत्तर : a) हाइड्रा →
मुकुलन
(अलैंगिक जनन )
b) राइजोपस → बीजाणु गठन (अलैंगिक जनन )
Section- B
Q.8 निकट दृष्टि दोष किसे कहते
हैं? इस दोष के क्या कारण है? इसे दूर करने के लिए किस प्रकार के लेंस का उपयोग किया
जाता है?
उत्तर : इस दोष में मनुष्य
को निकट की वस्तु तो स्पष्ट दिखाई देती है। परंतु दूर की वस्तु स्पष्ट नहीं दिखाई देती
है। तब इस प्रकार के दोष को निकट दृष्टि दोष कहते हैं।
निकट दृष्टि दोष में वस्तु
का प्रतिबिंब रेटिना से पहले ही बन जाता है चित्र में देखें।
इसके लिए दो कारण हो सकते हैं।
(1) नेत्र लेंस के तलों की
वक्रता त्रिज्या का बढ़ जाना, जिसके कारण फोकस दूरी कम हो जाती है
(2) नेत्र लेंस व रेटिना की
बीच की दूरी का बढ़ जाना।
निकट दृष्टि दोष का निवारण
निकट दृष्टि दोष से पीड़ित
मनुष्य को अवतल लेंस से बने चश्मे का प्रयोग करने से यह दोष समाप्त हो जाता है।
इससे अनंत पर रखी वस्तु का
प्रतिबिंब रेटिना पर बन जता है और वस्तु स्पष्ट दिखाई देने लगती है।
Q.9 7cm साइज़ का कोई विम्ब
को 18cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27cm की दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिंब
की स्थिति, प्रकृति तथा साइज़ ज्ञात कीजिये ।
उत्तर :
अवतल दर्पण की फोकस दूरी
(f) = -18 cm
बिंब की दूरी (u) = -27 cm
बिंब की ऊंचाई (h) = 7 cm
→ v = -54 cm
प्रतिबिंब की स्थिति: प्रतिबिंब
दर्पण के सामने 54 cm दुरी पर बनेगा।
प्रतिबिंब की प्रकृति: वास्तविक
और उल्टा होगा।
प्रतिबिंब की साइज़:
h' = -2 × 7
h' = -14 cm
अत: प्रतिबिंब आवर्धित बिंब
से बडा बनेगा।
Q.10 संयोजन
अभिक्रिया वियोजन के विपरीत है। कैसे उदाहरण से समझाएं
उत्तर : संयोजन अभिक्रिया में
दो या अधिक अभिकारक मिलकर एक उत्पाद का निर्माण करते है | इसके विपरीत वियोजन अभिक्रिया
में एकल अभिकर्मक टूटकर छोटे-छोटे उत्पाद बनाता है |
संयोजन अभिक्रिया
2H2 + O2
→ 2H2O
वियोजन अभिक्रिया
2H2O → 2H2
+ O2
Q.11 मेंडलीफ
के आवर्त सारणी की क्या कमियां थी? उसने आधुनिक आवर्त सारणी में किस प्रकार दूर किया गया?
उत्तर : मेंडलीफ की आवर्त सारणी
परमाणु द्रव्यमान के सिद्धांत पर आधारित थी जबकि हेनरी मोज्ले की आधुनिक आवर्त सारणी
परमाणु संख्या पर आधारित है। इस सारणी के द्वारा मेंडलीफ की सारणी के दोषों को दूर
किया गया-
(i) आधुनिक आवर्त सारणी में
सभी समस्थानिकों को एक स्थान दिया गया है क्योंकि समस्थानिकों में प्रोटॉनों की संख्या
तो सदा समान होती है इसलिए परमाणु संख्या बी एक समान ही होगी।
(ii) आरगॉन तथा पोटैशियम की
परमाणु संख्या क्रमश: 18 और 19 हैं। तत्वों की बढ़ती परमाणु संख्या के आधार पर ब्यबस्थिति
करने पर आरगॉन पहले आ जाता है और पोटैशियम का स्थान पीछे रह जाता है जबकि उनके परमाणु
द्रव्यमान इसके विपरीत हैं। नई आवर्त सारणी में इस दोष को दूर किया गया है।
(iii) तत्वों, उत्कृष्ट गैसों
और संक्रमण तत्वों को स्पष्ट रूप से अलग-अलग किया गया है।
(iv) आधुनिक आवर्त सारणी स्पष्ट
रूप से दर्शाती है कि तत्वों के गुणों की पुनरावृत्ति क्यों है।
(v) हाइड्रोजन को प्रथम ग्रुप
के ऊपर विशेष स्थान दिया गया जो उसके गुणों और इलैक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर किया
गया है।
Q.12 कार्बन के इतने अधिक यौगिक होने के क्या कारण है?
उत्तर : कार्बन के परमाणुओं
में कैटिनेशन नामक एक विशेष गुण पाया जाता है जिसके कारण कार्बन के बहुत से परमाणु
आपस में संयोग करके एक लम्बी शृंखला का निर्माण कर लेते हैं। इसके इस गुण के कारण पृथ्वी
पर कार्बनिक पदार्थों की संख्या सबसे अधिक है।उत्कृष्ट गैस विन्यास प्राप्त करने के
लिए कार्बन की संयोजकता 4 है कार्बन अपने संयोजकता इलेक्ट्रॉनों को अन्य तत्वों जैसे
हाइड्रोजन क्लोरीन आदि के साथ साझा करता है। Explanation: टेट्रावैलेंसी और कैटेनेशन
गुण के कारण कार्बन बड़ी संख्या में यौगिक बनाता है।
Q.13 दोहरा परिसंचरण
किसे कहते हैं ? समझाइए
उत्तर : विऑक्सिजनित रक्त शरीर
के विभिन्न भागों से महाशिराओं द्वारा दाएँ अलिंद में इकट्ठा किया जाता है। जब दायाँ
अलिंद सिकुड़ता है तो यह दाएँ निलय में चला जाता है। जब दायाँ निलय सिकुड़ता है तो यह
विऑक्सिजनित रक्त फुफ्फुस धमनी के माध्यम से फुस्फुस (फेफड़ों) में चला जाता है, जहाँ
पर गैसों का विनिमय होता है। यह रक्त ऑक्सिजनित होकर फुफ्फुस शिराओं के द्वारा वापिस
ह्दय में बाएँ अलिंद में आ जाता है। जब बायाँ अलिंद सिकुड़ता है तो यह ऑक्सिजनित रक्त
बाएँ निलय में आता है। जब बायाँ निलय सिकुड़ता है तो यह रक्त शरीर के विभिन्न भागों
में महाधमनी के माध्यम से वितरित किया जाता है।
अत: वही रक्त ह्दय चक्र में
ह्दय में से दो बार गुज़रता है, एक बार ऑक्सिजनित तथा दूसरी बार विऑक्सिजनित रक्त के
रूप में। इसी को दोहरा परिसंचरण कहते हैं।
महत्व- हमारा ह्दय चार कोष्ठकों
से मिलकर बना है इसके ही कारण से हमारे शरीर के सभी भागों को ऑक्सिजनित रक्त वितरित
किया जाता है। इसके कारण से ही कोशिकाओं व ऊतकों में ऑक्सीजन का वितरण सही आवश्यकता
अनुसार बना रहता है।
Q.14 ऊर्जा के
स्रोत के रूप में हम सौर ऊर्जा का उपयोग किस प्रकार करते हैं?
उत्तर : ऊर्जा के स्रोत के
रूप में हम सौर ऊर्जा का उपयोग निम्न प्रकार करते हैं
1. सौर ऊर्जा कभी ख़त्म न होने वाला संसाधन हैं और यह अनविनीकरणीय संसाधनों
का सर्वोत्तम प्रतिस्थापन
हैं.
2. सौर ऊर्जा वातावरण
के लिए भी लाभकारी हैं. जब इसे उपयोग किया जाता है, तो यह वातावरण में कार्बन
– डाई – ऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैस नहीं छोड़ती,
तो वातावरण प्रदूषित
नहीं होता.
3. सौर ऊर्जा अनेक उद्देश्यों हेतु प्रयोग की जाती हैं , जैसे -: उष्णता के लिए, सुखाने
के लिए, भोजन पकाने में और बिजली के रूप में, आदि. सौर ऊर्जा का उपयोग कार में, हवाई जहाज में, बड़ी नावों में, उपग्रहों में, केल्कुलेटर में और अन्य उपकरणों में भी इसका प्रयोग किया जाना उपयुक्त
हैं.
4. चूँकि सौर ऊर्जा एक अनविनीकरणीय
ऊर्जा संसाधन हैं. अतः भारत जैसे देशों में जहाँ ऊर्जा का उत्पादन महँगा पड़ता हैं, तो वहाँ ये संसाधन
इसका बेहतरीन विकल्प
हैं.
5. सौर ऊर्जा उपकरण किसी भी स्थान पर स्थापित किया जा सकता हैं. यहाँ तक कि ये घर में भी स्थापित किया जा सकता हैं, क्योंकिं
यह ऊर्जा के अन्य संसाधनों
की तुलना में यह सस्ता भी पड़ता हैं.
Section - C
Q.15 (a) किसी
चालक का प्रतिरोध किन करको पर निर्भर करता है?
उत्तर : किसी चालक का प्रतिरोध
चार कारणों पर निर्भर करता है
1. चालक की लंबाई (L) पर
2. चालक की अनुप्रस्थ काट का
क्षेत्रफल (A) पर
3. चालक की पदार्थ की प्रकृति
पर
4. चालक के ताप पर
चालक की लंबाई पर : यदि किसी
चालक पदार्थ की लंबाई बहुत अधिक है तब उसमें उत्पन्न प्रतिरोध बहुत अधिक होगा किंतु
वहीं पर किसी चालक पदार्थ की लंबाई बहुत कम है तब प्रतिरोध भी कम उत्पन्न होगा तब प्रतिरोधक
चालक तार के लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है।
R α I
चालक की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल
पर : यदि किसी चालक तार का मोटाई बहुत ज्यादा है तब उसमें जो प्रतिरोध उत्पन्न होगा
वह बहुत अधिक होगा किंतु कोई पतली तार है तब उसमें उत्पन्न प्रतिरोध बहुत कम होगा
चालक तार का अनुप्रस्थ काट
के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
R α
1/A
चालक की पदार्थ की प्रकृति
पर : किसी चालक पदार्थ की प्रकृति पर प्रतिरोध निर्भर करता है आमतौर पर घरों में उपयोग
होने वाले विद्युत परिपथ में तांबा का तार का उपयोग किया जाता है जोकि ज्यादा प्रतिरोध
उत्पन्न नहीं करता वही बिजली के खंभों में एलुमिनियम का उपयोग किया जाता है एलुमिनियम
का तार बहुत कम प्रतिरोध उत्पन्न करता है।
R = ρ I/A
चालक के ताप पर : यदि किसी
चालक पदार्थ का तापमान बढ़ा दिया जाता है तो वह चालक पदार्थ धारा के मार्ग पर अधिक
प्रतिरोध उत्पन्न करता है और पदार्थ का तापमान सामान्य हो तब प्रतिरोध बहुत कम उत्पन्न
होता है इसीलिए बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक मशीन होते हैं जिनमे पंखा लगा होता है जोकि
चालक पदार्थ को ठंडा कर उसका प्रतिरोध कम रखता है
(b) प्रतिरोध 2Ω, 3Ω, तथा
6Ω, के
तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे की संयोजन का कुल प्रतिरोध
(i) 11Ω, (ii) 1Ω, हो?
उत्तर :
(a) 4Q तुल्य प्रतिरोध प्राप्त
करने के लिए 30 व 6Q के प्रतिरोधकों को पाश्र्वक्रम तथा 20 के प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम
में जोड़ना चाहिए।
(b) 1 Ω तुल्य
प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए तीनों प्रतिरोधकों को पाश्र्वक्रम में जोड़ना चाहिए।
R = 1 Ω
Q. 16 डायनेमो
क्या है ? यह किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ? प्रत्यावर्ती धारा डायनेमो की बनावट
एवं कार्य का वर्णन कीजिये
उत्तर : एक ऐसी युक्ति है जो
यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है। उसे प्रत्यावर्ती धारा जनित्र
या डायनेमो (alternating current generator or dynamo in Hindi) कहते हैं। इसका कार्य
सिद्धांत फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के नियम के अनुसार होता है।
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र का
सिद्धांत : प्रत्यावर्ती धारा जनित्र में मूलतः तार का एक पाश (लूप) होता है। जो चुंबकीय
क्षेत्र में घूर्णन करता है। जब इस पाश को चुंबकीय क्षेत्र में तेजी से घुमाया जाता
है। तो पाश में से होकर गुजरने वाली चुंबकीय फ्लक्स रेखाओं की संख्या में परिवर्तन
होता रहता है। जिसके फलस्वरूप पाश में एक विद्युत धारा प्रेरित हो जाती है। अतः पाश
को घुमाने में किया गया कार्य अथवा व्यय यांत्रिक ऊर्जा, पाश में विद्युत ऊर्जा के
रूप में प्राप्त होती है। यह प्रत्यावर्ती धारा जनित्र का सिद्धांत है।
रचना : प्रत्यावर्ती धारा जनित्र
या डायनेमो के चार मुख्य भाग होते हैं।
1. आर्मेचर
2. क्षेत्र चुंबक
3. सर्पी वलय
4. ब्रुश
1. आर्मेचर
: यह एक आयताकार कुंडली abcd होती है। जिसमें तांबे के तार के अनेकों फेरे होते हैं।
इसे आर्मेचर कुंडली कहते हैं। यह चुंबक के दोनों ध्रुवों के बीच में रखी होती है। इस
कुंडली को बाह्य शक्ति द्वारा तेजी से कमाया जाता है।
2. क्षेत्र चुंबक
: इसमें एक शक्तिशाली चुंबक होती है। जिसे चित्र में N-S द्वारा प्रदर्शित किया गया
है। इसका कार्य शाक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करना होता है। आर्मेचर कुंडली भी
इन्हीं दोनों चुंबकों के बीच में घूमती है।
3. सर्पी वलय
: कुंडली पर लिपटे तांबे के तार के दोनों सिरे धातुओं के दो छल्लो से जुड़े रहते हैं।
जिन्हें सर्पी वलय कहा जाता है। इन्हें चित्र में R1 व R2 द्वारा
निरूपित किया गया है। यह आर्मेचर कुंडली के साथ-साथ उसी अक्ष पर घूमते रहते हैं।
4. ब्रुश
: सर्पी वलय सदैव तांबे की बनी दो पत्तियों को स्पर्श करते रहते हैं। इन पत्तियों को
ब्रुश कहते हैं। इन्हें चित्र में B1 व B1 द्वारा प्रदर्शित
किया गया है। इनका संबंध उस परिपथ से किया जाता है। जहां विद्युत धारा भेजनी होती है।
प्रत्यावर्ती धारा जनित्र की
कार्यविधि
जब आर्मेचर कुंडली abcd को
दक्षिणावर्त दिशा में घुमाया जाता है। अर्थात किसी क्षण कुंडली की भुजा ab ऊपर की ओर
जाती है। तथा इसके विपरीत कुंडली की भुजा cd नीचे की ओर जाती है। तो कुंडली में से
होकर गुजरने वाली चुंबकीय फ्लक्स रेखाओं में परिवर्तन होता रहता है। जिससे कुंडली में
एक धारा प्रेरित हो जाती है। इस प्रेरित धारा की दिशा फ्लेमिंग के दाएं हाथ के नियम
के अनुसार होगी। अतः बाह्य परिपथ में विद्युत धारा उत्पन्न होने लगती है जो ब्रुश
B2 से B1 की ओर वापस जाती है। क्योंकि प्रत्येक आधे चक्कर के
बाद बाह्य परिपथ में धारा की दिशा बदल रही है। इसलिए इसे प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं।
Q.17 निम्नलिखित
समीकरण को संतुलित करें-
a) N2
+ H2 → NH3
b) Fe+ H2O
→ Fe3O4
+ H2
c) NaCl +
AgNO3 → AgCl + NaNO3
d) H2+
Cl2 → HCI
e) Mg+HCI → MgCl2 + H2
उत्तर :
a. N2 + 3H2
→ 2NH3
b. 3Fe + 4H2O
→ Fe3O4 + 4H2
c. NaCl + AgNO3
→ AgCl + NaNO3
d. H2+ Cl2
→ 2HCI
e. Mg + 2HCl → MgCl2
+ H2
Q.18 मनुष्य
के पाचन तंत्र का नामांकित चित्र बनाएं।
उत्तर :
Q.19 मानव के
बच्चे में लिंग निर्धारण को समझाएं।
उत्तर : मानवों में लिंग का
निर्धारण विशेष लिंग गुण सत्रों के आधार पर होता है। नर में XY गुण सूत्र होते हैं
और मादा में XX गुण सूत्र विद्यमान होते हैं। इससे स्पष्ट है कि मादा के पास Y गुण
सूत्र होता ही नहीं है। जब नर-मादा के संयोग से संतान उत्पन्न होती है तो मादा किसी
भी अवस्था में नर शिशु को उत्पन्न करने में समर्थ हो ही नहीं सकती क्योंकि नर शिशु
में XY गुण सूत्र होने चाहिएँ।
निषेचन क्रिया में यदि पुरुष
का X लिंग गुण सूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलता है तो इससे XX जोड़ा बनेगा
अत: संतान लड़की के रूप में होगी लेकिन जब पुरुष का Y लिंग गुण सूत्र स्त्री के लिंग
गुण सूत्र से मिलकर निषेचन करेगा तो XY बनेगा। इससे लड़के का जन्म होगा। किसी भी परिवार
में लड़के या लड़की का जन्म पुरुष के गुण सूत्रों पर निर्भर करता है क्योंकि Y गुण
सूत्र को तो केवल उसी के पास होता है।
झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् राँची, झारखण्ड
2022-23
मॉडल प्रश्न पत्र
कक्षा 10 |
विषय -विज्ञान |
समय- 1.30 घंटा |
पूर्णांक - 40 |
सामान्य
निर्देश:-
> कुल 40 प्रश्न हैं।
> सभी
प्रश्नों के उत्तर अनिवार्य हैं।
> प्रत्येक प्रश्न के लिए
एक अंक निर्धारित है।
> प्रत्येक प्रश्न के चार
विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प का चयन कीजिये।
> गलत
उत्तर के लिए कोई अंक नहीं काटे जाएंगे।
Q.1 दाढ़ी बनाने
में किस प्रकार के दर्पण का उपयोग किया जाता है?
a) समतल
b) उत्तल
c) अवतल
d) इनमें से कोई नहीं
Q.2 गोलीय दर्पण
मैं फोकस दूरी एवं वक्रता त्रिज्या के बीच संबंध
a) r = f/2
b) f =r/2
c) r=f
d) इनमें से कोई नहीं
Q.3 प्रकाश के
अपवर्तन की क्रिया में कौन सी भौतिक राशि अपरिवर्तित रहती है?
a) आवृति
(b) वेग
c) तरंगदैर्ध्य
d) इनमें से कोई नहीं
Q.4. 1- मीटर
फोकस दूरी वाले उत्तल लेंस की क्षमता होगी-
a) - 1D
b) 1D
c) 2D
d) 1.5D
Q.5 4D क्षमता
वाले अवतल लेंस की फोकस दूरी क्या होगी ?
a) 20 सेंटीमीटर
b) 25 सेंटीमीटर
c) 30 सेंटीमीटर
d) 40 सेंटीमीटर
Q.6 वाहन के
अग्र दीपों में किस दर्पण का उपयोग किया जाता है ?
a) अवतल दर्पण
b) उत्तल दर्पण
c) समतल
d) इनमें से कोई नहीं
Q.7 मानव नेत्र
के जिस भाग पर किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनता है वह है -
a) कॉर्निया
b) परितारिका
(c) पुतली
d) दृष्टि पटल
Q.8 सामान्य
नेत्र का दूर बिंदु क्या है?
(a) 20cm
b) 25cm
c) 100cm
d) अनंत
Q.9 नेत्र में
जाने वाली प्रकाश की मात्रा का नियंत्रण कौन करता है?
(a) दृष्टि पटल
b) स्वच्छ मंडल
c) परितारिका
d) पुतली
Q.10 मानव नेत्र
में प्रतिबिंब की प्रकृति क्या होती है?
a) सीधा आभासी
b) उल्टा, आभासी
c) सीधा, वास्तविक
d) उल्टा, वास्तविक
Q.11 1KWh निम्न
मे से किसकी की इकाई है?
a) शक्ति
(b) ऊर्जा
c) बल
d) विद्युत धारा
Q.12 कुलंब किसका
SI मात्रक है-
(a) विद्युत
आवेश
b) विद्युत धारा
c) विभवांतर
d) प्रतिरोध
Q.13 विद्युत
मोटर एक युक्ति है जो परिवर्तित करती है -
a) यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत
ऊर्जा में
b) विद्युत ऊर्जा
को यांत्रिक ऊर्जा में
c) रसायनिक ऊर्जा को विद्युत
ऊर्जा में
d) विद्युत ऊर्जा को रसायनिक
ऊर्जा में
Q.14 जल का विद्युत
अपघटन किस प्रकार की अभिक्रिया है ?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) वियोजन अभिक्रिया
c) विस्थापन अभिक्रिया
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया
Q.15 CuO+H2 → Cu+H2O
दिए हुए अभिक्रिया
में किस पदार्थ का उपचयन हो रहा है
a) Cuo
b) O2
c) Cu
d) H2
Q.16 दिए गए चित्र में किस प्रकार की अभिक्रिया हो रही है?
a) संयोजन अभिक्रिया
b) वियोजन अभिक्रिया
c) विस्थापन अभिक्रिया
d) द्विविस्थापन अभिक्रिया
Q.17 निम्नलिखित
में कौन प्राकृतिक सूचक का उदाहरण है?
a) मिथाइल ऑरेंज
b) फिनाफथेलीन
c) लिटमस पत्र
d) कोई नही
Q.18 किसी विलयन
न का PH मान 10 है, वह निम्नलिखित में से क्या होगा?
a) अम्ल
b) लवण
c) उदासीन
d) क्षार
Q.19. दिया गया चित्र क्या सूचित करता है?
a) हमें हमेशा हाथ साफ रखना
चाहिए।
b) हमें प्रयोगशाला में हाथ
धोकर जाना चाहिए।
c) हमें अम्ल से हाथ धोना चाहिए।
d) सांद्र अम्ल तथा क्षार वाले बर्तन का चेतावनी चिन्ह ।
Q.20 इमली में
कौन सा अम्ल होता है ?
(a) सिट्रिक अम्ल
b) टारटरिक अम्ल
c) सिट्रिक अम्ल
(d) लैटिक अम्ल
Q.21 कौन अधातु
कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पाया जाता है?
a) सोडियम
b) पारा
c) ब्रोमीन
(d) क्लोरीन
Q.22 निम्नलिखित
में से किस पदार्थ का उपयोग अग्निशामक बनाने में किया जाता है ?
a) सोडियम कार्बोनेट
b) सोडियम हाइड्रोजन
कार्बोनेट
c) सोडियम क्लोराइड
d) सोडियम हाइड्रोक्साइड
Q.23. आधुनिक
आवर्त सारणी किस आधार पर बना है?
a) परमाणु संख्या
b) परमाणु द्रव्यमान
c) परमाणु की संरचना
d) परमाणु का आकार
Q.24 निम्नलिखित
में से कौन धातु सबसे अधिक अभिक्रियाशील है?
(a) पोटैशियम
b) सोडियम
c) एलमुनियम
d) कैलशियम
Q.25 पृथ्वी
की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्व या यौगिक को क्या कहते हैं?
a) अयस्क
(b) खनिज
c) गैंग
d) धातु कर्म
Q.26 प्रोपेनॉल
में कौन अभि क्रियाशील समूह मौजूद है ?
a) अल्कोहल
b) एल्डिहाइड
c) कीटोन
d) कार्बनिक अम्ल
Q.27 प्रकाश
संश्लेषण प्रक्रिया में निम्नांकित में क्या नहीं होता है?
a) जल का टूटना
(b) ऑक्सीजन का मुक्त होना
c) कार्बन डाइऑक्साइड
का मुक्त होना
d) कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग
होना
Q. 28 फ्लोएम
से खाद पदार्थों का परिवहन पौधे में किस दिशा में होता है?
a) केवल ऊपर की ओर
b) केवल नीचे की ओर
c) ऊपर और नीचे
दोनों की ओर
d) इनमें से कोई नहीं
Q.29 वृक्क की
रचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई को क्या कहते हैं?
a) कोशिका
b) वृक्कक
c) न्यूरॉन
d) डायलिसिस
Q.30 फल को पकाने
के लिए कौन सा हार्मोन उत्तरदायी है?
a) ऑक्सिन
b) जिबरेलिन
c) एथिलीन
d) प्साइटोकिनिन
Q.31 एस्ट्रोजेन
स्रावित होता है-
a) अंडाशय द्वारा
b) थायराइड द्वारा
c) वृषण द्वारा
d) पिट्यूटरी द्वारा
Q.32 नर युग्मक
और मादा युग्मक के संलयन को क्या कहते हैं ?
a) परागण
b) निषेचन
c) जनन
d) मुकुलन
Q.33 दिए गए चित्र में कौन सा जनन हो रहा है ?
a) मुकुलन
b) विखंडन
c) द्वि विखंडन
(d) पुनर्ज
Q.34 पक्षी और
चमगादड़ के पंख है-
a) समजात अंग
b) अवशेषी अंग
c) जीवाश्म
d) असंजात अंग
Q.35 मेंडल अपने
प्रयोग के लिए किस पौधे को चुना?
a) गेहूं
b) चना
c) मटर
d) धान
Q.36 निम्नलिखित
में कौन उत्पादक है ?
(a) सांप
b) मेंढक
c) घास
d) ग्रास होपर्
Q.37 किसी आहार
श्रृंखला में शाकाहारी का निर्माण होता है
(a) प्रथम पोषी
स्तर का
b) द्वित्तीय पोषी स्तर का
c) तृतीय पोषक स्तर का
(d) चतुर्थ पोपी स्तर का
Q.38 ओजोन परत
के अपक्षय के लिए जिम्मेदार है
(a) CO2
b) CFC
c) SO2
d) NO2
Q.39 निम्नलिखित
में से कौन जैव मात्रा ऊर्जा स्रोत का उदाहरण नहीं है-
a) लकड़ी
b) गोबर गैस
c) नाभिकीय ऊर्जा
d) कोयला
Q.40 पवन ऊर्जा
उत्पादन के लिए पवन की चाल न्यूनतम कितनी होनी चाहिए?
a) 15Km/h
b) 15m/s
c) 45 km/s
(d) 20km/h