12th Economics Model Set-3 2022-23

12th Economics Model Set-3 2022-23

(समय: 3 घंटे 15 मिनट) पुर्णांक : 80

परीक्षार्थियों के लिए निर्देश :

खण्ड-अ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

प्रश्न- संख्या 1 से 40 तक के प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें से एक सही है। अपने द्वारा चुने गये सही विकल्प को OMR शीट पर चिह्नित करें। 40 x 1 = 40

 

1. इनमें से किसे संसाधन भूमि के अंतर्गत नहीं रख सकते

(1) नदी

(2) जंगल

(3) खदान

(4) मशीन

 

2. राजकोषीय एवं बजट घाटे को कैसे कम किया जा सकता है ?

(1) कर राजस्व में वृद्धि द्वारा

(2) सरकारी व्यय में कटौती करके

(3) सरकार द्वारा अपव्यय रोककर

(4) इनमें सभी

 

3. सकल घरेलू उत्पाद की गणना में सम्मिलित किया जाता है केवल

(1) अंतिम वस्तुओं को

(2) मध्यवर्ती वस्तुओं को

(3) उपभोग वस्तुओं को

(4) इनमें से कोई नहीं

 

4. किसी वस्तु की कीमत बढ़ेगी तो उसके स्थानापन्न वस्तु की माँग

(1) बढ़ जायेगी

(2) घट जायेगी

(3) स्थिर रहेगी

(4) इनमें से कोई नहीं

 

5. उपभोक्ता के इष्टतम बिंदु पर बजट रेखा

(1) x वक्र को काटती है

(2) x वक्र को स्पर्श करती है

(3) x वक्र को स्पर्श नहीं करती

(4) इनमें से कोई नहीं

 

6. निवल निवेश की परिभाषा है

(1) कुल निवेश - मूल्यह्रास

(2) पूँजीगत वस्तुओं के स्टॉक में वृद्धि

(3) कुल निवेश - प्रतिस्थापन निवेश

(4) इनमें सभी

 Economics Model Set-2 2022-23

Economics Model Set-1 2022-23

7. यदि माँग एवं पूर्ति वक्र दोनों दायीं ओर समान अनुपात में शिफ्ट करती हैं, तो

(1) वस्तु का मूल्य एवं क्रय की मात्रा में वृद्धि होगी

(2) मूल्य स्थिर रहेगा किंतु क्रय की मात्रा में वृद्धि होगी

(3) मूल्य बढ़ेगा किंतु क्रय की मात्रा स्थिर रहेगी

(4) इनमें से कोई नहीं

 

8. यदि अर्थव्यवस्था में सभी लोग अपने बचत की प्रवृत्ति को बढ़ा देते हैं, तो अर्थव्यवस्था की कुल बचत में

(1) वृद्धि होगी

(2) स्थिरता रहेगी

(3) कमी आयेगी

(4) केवल (2) एवं (3)

 

9. एक आयताकार अतिपरवलय लागत वक्र है

(1) औसत स्थिर लागत वक्र

(2) ऐसा वक्र जिसमें कुल लागत स्थिर हो

(3) सीमांत लागत वक्र

(4) (1) एवं (2) दोनों

 

10. किस परिस्थिति में उत्पादन संभावना वक्र दायीं ओर खिसक जाता है ?

(1) संसाधनों की वृद्धि से

(2) उपभोक्ता की वृद्धि से

(3) तकनीक में सुधार से

(4) केवल (1) एवं (3)

 

11. एक संतुलित बजट किसे कहते हैं?

(1) जब व्यय और प्राप्तियाँ बराबर हो

(2) जब व्यय प्राप्तियों से कम हो

(3) जब व्यय प्राप्तियों से अधिक हो

(4) इनमें कोई नहीं

 

12. किसी फर्म का मूल्यवर्धित होना है।

(1) उत्पादन का मूल्य प्रयुक्त मध्यवर्ती वस्तुओं का मूल्य

(2) उत्पादन के किसी चरण में कारकों का निवल योगदान

(3) कर के कारण वस्तु के मूल्य में वृद्धि

(4) केवल (1) एवं (2)

 

13. कोई पूर्ति वक्र कब दाहिनी ओर शिफ्ट करेगी, जब ?

(1) प्रौद्योगिकीय प्रगति हो

(2) आगतों की कीमतों में कमी हो

(3) प्रति इकाई कर लगाया जाए

(4) केवल (1) एवं (2)

Economics Model Set-2 2022-23

Economics Model Set-1 2022-23 

14. निवल अप्रत्यक्ष कर को परिभाषित किया जाता है

(1) अप्रत्यक्ष कर - प्रत्यक्ष कर

(2) अप्रत्यक्ष कर - मूल्यह्रास

(3) अप्रत्यक्ष कर - अनुदान

(4) इनमें से कोई नहीं

 

15. अल्पकाल में पूर्ण प्रतिस्पर्धी फर्म के लाभ अधिकतमीकरण की शर्त है

(1) सीमांत आय = सीमांत लागत

(2) सीमांत लागत बढ़ रही हो

(3) P ≥ औसत परिवर्ती लागत

(4) इनमें सभी

 

16. अंतिम ऋणदाता किसे कहा गया है ?

(1) व्यावसायिक बैंक को

(2) ग्रामीण क्षेत्र में महाजन को

(3) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को

(4) भारतीय रिजर्व बैंक को

 

17. अर्थव्यवस्था में साख का सृजन कौन करता है ?

(1) सरकार

(2) भारतीय रिजर्व बैंक

(3) व्यावसायिक बैंक

(4) इनमें कोई नहीं

 

18. यदि बाजार में किसी वस्तु की कीमत घट जाती है तो बजट सेट

(1) बड़ा हो जाता

(2) छोटा हो जाता है।

(3) समान रहता है

(4) इनमें से कोई नहीं

 

19. उच्च शक्तिशाली मुद्रा है

(1) करेंसी + रिजर्व

(2) करेंसी + माँग जमा

(3) करेंसी + मियादी जमा

(4) इनमें कोई नहीं

 

20. समीकरण Md = RPY यह बतलाता है कि मुद्रा की माँग

(1) धनात्मक रूप से आय पर निर्भर करती है।

(2) ऋणात्मक रूप से मूल्य पर निर्भर करती है।

(3) धनात्मक रूप से औसत कीमत स्तर पर निर्भर करती है

(4) केवल (1) एवं (3)

 

21. (कुल उत्पादन x1 इकाइयों पर) - (कुल उत्पादन (x1 - 1) इकाई पर) की परिभाषा है

(1) कुल उत्पाद की

(2) औसत उत्पाद की

(3) सीमांत उत्पाद की

(4) इनमें से कोई नहीं

 

22. एक आयताकार अतिपरवलय माँग वक्र के लिए माँग की लोच (e) हर बिंदु पर होती है

(1) e = 0

(2) e = 1

(3) e = ∞

(4) e = स्थिर राशि

 

23. यदि पूरक वस्तु के मूल्य में कमी आती है तो वस्तु की माँग

(1) बढ़ती है

(2) घटती है

(3) स्थिर रहती है

(4) इनमें से कोई नहीं

12th History Model Set-4 2022-23

24. (M1 + व्यावसायिक बैंकों की निवल आवधिक जमाएँ) परिभाषा है

(1) M2 की

(2) M3 की

(3) समस्त मौद्रिक संसाधन की

(4) केवल (2) एवं (3)

 

25. कॉब- डगलस उत्पादन फलन `=x_1^\propto x_2^\beta` में पैमाने का प्रतिफल होता है

(1) α - β

(2) α / β

(3) β / α

(4) α + β


26. उत्पादन के संसाधन के रूप में उद्यमी का कार्य है

(1) संसाधनों को इकट्ठा करना

(2) उत्पादन प्रक्रिया को व्यवस्थित करना

(3) उत्पादन के खतरे को वहन करना

(4) इनमें सभी

 

27. उत्पादन संभावना वक्र मूल्य बिंदु की ओर उन्नतोदर होता है चूँकि

(1) सीमांत प्रतिस्थापना दर स्थिर रहती है

(2) सीमांत प्रतिस्थापन दर ह्रासात्मक होती है

(3) सीमांत प्रतिस्थापना दर वर्धमान होती है

(4) इनमें कोई नहीं

 

28. पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में औसत आगम (AR), सीमांत आगम (MR) एवं मूल्य (P) के बीच संबंध है

(1) P > AR > MR

(2) P < AR < MR

(3 ) ( AR = P ) > MR

(4) P = AR = MR

 

29. औसत उत्पाद वक्र की आकृति होती है।

(1) अंग्रेजी अक्षर 'U' की

(2) उल्टे 'U' की

(3) अंग्रेजी अक्षर 'S' की

(4) उल्टे 'S' की

 

30. 'सार्वजनिक वस्तुएँ प्रतिस्पर्धी नहीं होती हैं'- इसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति के उपभोग करने से

(1) वस्तु की मात्रा में वृद्धि होती है

(2) वस्तु की मात्रा में कमी आती है

(3) वस्तु की मात्रा में कमी नहीं आती है

(4) इनमें कोई नहीं

 

31. अल्पाधिकार बाजार में

(1) दो से अधिक विक्रेता होते हैं

(2) केवल दो विक्रेता होते हैं

(3) कुछ विक्रेता होते हैं।

(4) इनमें सभी

 

32. कम कीमत पर उपभोक्ता वस्तु की माँग की मात्रा बढ़ा देता है क्योंकि

(1) वस्तु सस्ती हो जाती है

(2) कीमत कम होने पर उपभोक्ता की क्रय शक्ति बढ़ जाती है।

(3) कम कीमत पर उपभोक्ता को मोल भाव नहीं करना पड़ता है

(4) केवल (1) एवं (2)

 

33. राष्ट्रीय आय गणना में समीकरण (I - S) + (G - T) = M - X' मापने में M - X है

(1) आयात व्यय - निर्यात राजस्व को

(2) व्यापार घाटे को

(3) बजटीय घाटे को

(4) केवल (1) एवं (2)

 

34. यदि माँग वक्र qD = 400 - 2p हो एवं पूर्ति वक्र qs = 100 + P हो, तो संतुलन मुल्य एवं माँग होगी

(1) 100;200

(2) 200;100

(3) 150;100

(4) 100;150

 

35. यदि वर्तमान कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद 2000 रु० है जबकि आधार वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद 1000 रु० था। इस स्थिति में अपस्फीतिक है

(1) 100%

(2) 150%

(3) 200%

(4) 300%

 

36. 'सकल उत्पाद का निर्धारण केवल समस्त माँग के स्तर पर निर्भर करता है - इसे कहते हैं

(1) प्रभावी माँग का सिद्धांत

(2) स्वायत्त व्यय का सिद्धांत

(3) गुणक का सिद्धांत

(4) इनमें से कोई नहीं

 

37. कारक लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद को कहते हैं।

(1) निजी आय

(2) राष्ट्रीय आय

(3) व्यक्तिगत आय

(4) इनमें कोई नहीं

 

38. माँग के नियम का संबंध है।

(1) आय और मांग के बीच

(2) मूल्य और मांग के बीच

(3) मूल्य और आय के बीच

(4) इनमें से कोई नहीं

 12th History Model Set-3 2022-23

12th History Model Set-2 2022-23

12th History Model Set-1 2022-23

39. करेंसी नोट के विषय में कौन-सा कथन सही नहीं है ?

(1) इसे कागजी मुद्रा कहते हैं

(2) इसे वैधानिक पत्र भी कहते हैं

(3) इसका आंतरिक मूल्य नहीं होता

(4) इसका अंकित मूल्य सिक्के से कम होता है

 

40. अर्थव्यवस्था के संतुलन की शर्त है

(1) समस्त माँग = समस्त पूर्ति

(2) बचत = निवेश

(3) रिसाव = अन्त:क्षेपण

(4) इनमें सभी

 

खण्ड-ब (विषयनिष्ठ प्रश्न)

खण्ड-क (अतिलघु उत्तरीय प्रश्न) 

किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए । 2 x 5 = 10

1. लोचदार माँग क्या है ?

उत्तर- जिन वस्तुओं की माँग कीमत में परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होती है उन वस्तुओं की माँग लोचदार कही जाती है। प्रायः इन वस्तुओं की माँग में कीमत में होनेवाले परिवर्तन के अनुपात में परिवर्तन होता है।

2. उत्पादक संतुलन क्या है ?

उत्तर- उत्पादक संतुलन का अभिप्राय निर्गत के उस स्तर से है जिसपर उत्पादक फर्म अधिकतम लाभ अर्जित करती है। अतएव, उसे इस स्तर से कम या अधिक उत्पादन करने का प्रलोभन नहीं होता है। यह उत्पादक के कुल लाभ के अधिकतम होने की स्थिति को दर्शाता है।

3. अल्पाधिकार क्या है?

उत्तर- जब किसी उद्योग में कुछ थोड़े-से उत्पादक लगभग समान वस्तुओं का उत्पादन एवं विक्रय करते हैं, तब इसे अल्पाधिकार कहा जाता है। अल्पाधिकार की अवस्था में किसी वस्तु के उत्पादकों अथवा विक्रेताओं की संख्या कम रहती है। और ये थोड़े-से विक्रेता ही आपस में प्रतिस्पर्धा करते हैं।

4. पैमाने के प्रतिफल से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर -निर्गत आगतों का फलन होता है। सभी आगतों में समान अनुपात में परिवर्तन करने से उत्पादन के स्तर पर जो प्रभाव होता है उसे पैमाने का प्रतिफल कहते हैं।

5. व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र में मुख्य अंतर क्या है ?

उत्तर- व्यष्टि अर्थशास्त्र आर्थिक सिद्धांत की वह शाखा है जिसमें अर्थव्यवस्था की व्यक्तिगत इकाइयों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। इसके विपरीत, समष्टि अर्थशास्त्र समग्र अर्थव्यवस्था अथवा उससे संबंधित बड़ी औसतों और समूहों (averages and aggregates) का अध्ययन है।

6. समग्र पूर्ति क्या है ?

उत्तर - एक निश्चित अवधि के अंतर्गत अर्थव्यवस्था में जिन वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन होता है उसे समग्र पूर्ति कहते हैं। यह एक अर्थव्यवस्था में सभी उत्पादकों द्वारा उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल योग होता है।

7. राजस्व घाटे का क्या अभिप्राय है ?

उत्तर- राजस्व घाटे का अभिप्राय सरकार की राजस्व प्राप्तियों की अपेक्षा उसके राजस्व व्यय के अधिक होने से है। दूसरे शब्दों में, जब सरकार प्राप्त राजस्व से अधिक व्यय करती है तो उसे राजस्व घाटा कहते हैं।

खण्ड ख (लघु उत्तरीय प्रश्न)

किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 3 x 5 = 15

8. "दुर्लभता की समस्या एक सर्वव्यापी समस्या है।" विवेचना करें।

उत्तर- दुर्लभता की समस्या अर्थशास्त्र की आधारभूत समस्या है। प्रथम, मनुष्य की आवश्यकताएँ असीमित हैं तथा इनकी पूर्ति के लिए हमें भोजन, वस्त्र एवं आवास के अतिरिक्त साइकिल, मोटर कार एवं रेल सेवाओं आदि जैसे यातायात साधनों, डाक-सेवाओं तथा शिक्षकों, चिकित्सकों आदि जैसी अनेक वस्तुओं और सेवाओं की आवश्यकता होती है। लेकिन, इन वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए उपलब्ध साधनों की मात्रा सीमित है। साधनों की सीमितता अथवा दुर्लभता के कारण हम अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकते हैं। अतएव, हमें अपनी विभिन्न आवश्यकताओं के बीच चुनाव करना पड़ता है तथा यह निर्णय लेना होता है कि इन सीमित साधनों का किस प्रकार प्रयोग किया जाए जिससे समाज की सामूहिक आवश्यकताओं की अधिकतम संतुष्टि हो सके।

दुर्लभता की समस्या एक सर्वव्यापी समस्या है तथा यह विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं में वर्तमान है। साधनों की स्वल्पता के कारण निर्धन एवं विकासशील देशों के समान ही यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका के विकसित और समृद्ध देशों को भी इनके मितव्ययितापूर्ण प्रयोग की समस्या का सामना करना पड़ता है। विश्व के विभिन्न देशों के विकास के स्तर में बहुत अधिक असमानताएँ हैं। सापेक्षिक दृष्टि से. विकासशील देशों की अपेक्षा विकसित देशों में निश्चय ही साधनों की बहुलता है। लेकिन, इससे यह निष्कर्ष निकालना गलत होगा कि वहाँ साधनों की दुर्लभता से उत्पन्न चयन की समस्या समाप्त हो गई है। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विश्व के सर्वाधिक समृद्ध राष्ट्र को भी कई बार जनोपयोगी वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए रक्षा बजट में कटौती की माँग का सामना करना पड़ता है।

9. माँग की लोच के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- सभी वस्तुओं की माँग की लोच एकसमान नहीं होती है। कुछ वस्तुओं की माँग की कीमत-लोच अधिक होती है और कुछ वस्तुओं की कम। माँग की लोच अथवा माँग की कीमत लोच के निम्नांकित पाँच प्रकार हैं।

(i) पूर्णतया लोचदार माँग- जिन वस्तुओं की कीमत में कोई परिवर्तन नहीं होने अथवा बहुत सूक्ष्म परिवर्तन होने पर भी उनकी माँग में असीम या अनंत परिवर्तन हो जाता है उन वस्तुओं की माँग पूर्णतया लोचदार कही जाती है।

(ii) सापेक्षिक लोचदार माँग- जब कीमत-परिवर्तन के अनुपात में किसी वस्तु की माँग में अधिक परिवर्तन होता है तब इस प्रकार की माँग सापेक्षिक लोचदार माँग कहीं जाती है।

(iii) समलोचदार माँग- जब किसी वस्तु की माँग में उसी अनुपात में परिवर्तन होता है जिस अनुपात में उसकी कीमत में परिवर्तन हुआ तो उस वस्तु की माँग को समलोचदार माँग कहते हैं। है.

(iv) सापेक्षिक वेलोचदार माँग- जब कीमत-परिवर्तन की अपेक्षा माँग में होनेवाले परिवर्तन का अनुपात कम होता है, तब इस प्रकार की माँग को सापेक्षिक बेलोचदार माँग कहते हैं।

(v) पूर्णतया वेलोचदार माँग- जब किसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने पर भी उसकी माँग में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तब इसे पूर्णतया बेलोचदार माँग कहा जाता है।

10. स्थानापन्न से आप क्या समझते हैं? ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए जो एक-दूसरे के स्थानापन्न हैं।

उत्तर - किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की माँग पर स्थानापत्र वस्तुओं की कीमत में होनेवाले परिवर्तनों का भी प्रभाव पड़ता है। स्थानापत्र वस्तुएँ वे होती हैं जिनका किसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक-दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, गुड़ और चीनी, चाय तथा कॉफी स्थानापन्न हैं।

11. कुल उत्पाद की परिभाषा दीजिए। इसकी गणना का सूत्र भी बतलाइए।

उत्तर - उत्पादन के सिद्धांतों की विवेचना में कुल उत्पाद की धारणा महत्त्वपूर्ण है। अन्य सभी आगतों को स्थिर रखते हुए, परिवर्तनशील आगत तथा निर्गत के पारस्परिक संबंध को प्रायः परिवर्तनशील आगत के कुल उत्पाद (total product—TP) के रूप में व्यक्त किया जाता है। अन्य आगतों के स्थिर रहने पर परिवर्तनशील आगत की विभिन्न इकाइयों के प्रयोग से निर्गत के जो विभिन्न स्तर प्राप्त होते हैं वह परिवर्तनशील आगत का कुल उत्पाद (TP) है।

मान लें कि हमारे पास श्रम (x1) तथा पूँजी (x2) दो साधन या आगत हैं। यदि हम कारक 2 अर्थात पूँजी (x2) को स्थिर रखते हैं तब इस स्थिति में कुल उत्पाद (q) श्रम (x1) की इकाइयों पर निर्भर होगा। इसे हम निम्नांकित रूप में भी व्यक्त कर सकते हैं जो कारक 1 (श्रम) का उत्पादन फलन है।

`q=ƒ\left(x_1;\overline{x_2}\right)`

कुल उत्पाद की गणना परिवर्तनशील साधन की विभिन्न इकाइयों से प्राप्त सीमांत उत्पाद (MP) को जोड़कर अथवा औसत उत्पाद (AP) को परिवर्तनशील साधन की इकाइयों से गुणा कर की जा सकती है।

इस प्रकार, TP = ΣΜΡ

अथवा, TP = AP x N

यहाँ, TP = कुल उत्पाद

ΣΜΡ = सीमांत उत्पादों का कुल योग

AP = औसत उत्पाद

N परिवर्तनशील साधन की इकाइयाँ

12. बाजार के मुख्य तत्त्व या विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर - बाजार के मुख्य तत्त्व या उसकी विशेषताएँ निम्नांकित हैं।

(i) वस्तु - बाजार के लिए किसी वस्तु का होना अनिवार्य है। बाजार का संबंध किसी वस्तु - विशेष से होता है। विभिन्न वस्तुओं के बाजार भी अलग-अलग होते हैं, जैसे सोना-चाँदी का बाजार, अनाज का बाजार या साग-सब्जी का बाजार ।

(ii) क्षेत्र- बाजार के लिए एक भौगोलिक क्षेत्र का होना आवश्यक है। • जिसमें किसी वस्तु के क्रेता और विक्रेता फैले हुए हों। किसी भी वस्तु का बाजार एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में ही होता है। उदाहरण के लिए, यदि देश के सभी भागों में किसी वस्तु की माँग की जाती है तो यह संपूर्ण क्षेत्र उस वस्तु का बाजार कहा जाएगा।

(iii) क्रेता एवं विक्रेता- किसी वस्तु के बाजार के लिए क्रेताओं और विक्रेताओं का होना भी अनिवार्य है। क्रेता और विक्रेता बाजार के प्रमुख अंग हैं।

(iv) पूर्ण प्रतियोगिता - बाजार के लिए क्रेताओं और विक्रेताओं में प्रतियोगितापूर्ण संबंध होना आवश्यक है। इनके बीच प्रतियोगिता होने के कारण ही किसी वस्तु की कीमत में समान रहने की प्रवृत्ति पाई जाती है।

(v) एक कीमत - बाजार में संपूर्ण क्षेत्र में किसी वस्तु की कीमत एक होनी चाहिए। यदि किसी वस्तु की दो कीमतें हैं तो उसके बाजार भी दो होंगे।

13. क्या होगा यदि बाजार में प्रचलित कीमत (i) संतुलन कीमत से अधिक है ? (ii) संतुलन कीमत से कम है?

उत्तर- एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में किसी वस्तु की संतुलन कीमत वह होती है जहाँ बाजार माँग और बाजार पूर्ति दोनों बराबर होते हैं। लेकिन, उस स्थिति में क्या होता है जब बाजार में प्रचलित कीमत संतुलन कीमत से अधिक या कम होती है? इसे निम्नांकित रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।

उपर्युक्त रेखाचित्र में op संतुलन कीमत है। यदि बाजार में प्रचलित कीमत इससे अधिक P2 है तब बाजार पूर्ति oq2 है जबकि बाजार माँग oq'2 है। इस प्रकार, बाजार में वस्तु की q2'q2 के बराबर अतिरिक्त पूर्ति है। इस स्थिति में बाजार में कुछ ऐसे विक्रेता होंगे जिनकी वस्तुएँ नहीं बिकेंगी और वे कीमत को कम करने के लिए बाध्य हो जाएँगे। अन्य बातों के समान रहने पर कीमत में कमी होने से वस्तु की माँग बढ़ेगी और पूर्ति कम होगी तथा बाजार कीमत पुनः संतुलन कीमत के बराबर हो जाएगी।

उसी प्रकार यदि प्रचलित कीमत p1 है तो बाजार माँग oq1 तथा बाजार पूर्ति oq'1 है। इस स्थिति में बाजार में वस्तु की q'1q1 के बराबर अतिरिक्त माँग है। अतः इस कीमत पर कुछ असंतुष्ट क्रेता होंगे और वे वस्तु की कीमत को बढ़ा देंगे 

14. एकाधिकार का उदय होने के दो कारण बताएँ।

उत्तर – एकाधिकार का उदय होने के दो कारण निम्नांकित हैं।

(i) जब सरकार किसी एक कंपनी या फर्म को किसी वस्तु या सेवा के उत्पादन अथवा वितरण का अधिकार प्रदान कर देती है।

(ii) पेटेंट अधिकार की स्वीकारोक्ति भी एकाधिकार के उदय का कारण हो सकती है।

 

खण्ड-ग (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न) 

किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 5 × 3 = 15

15. माँग के नियम की व्याख्या कीजिए। क्या इस नियम के कोई अपवाद भी हैं ?

उत्तर - माँग का नियम अर्थशास्त्र का एक आधारभूत नियम है। किसी वस्तु की कीमत का उस वस्तु की माँग से घनिष्ठ संबंध होता है। माँग और कीमत के इस पारस्परिक संबंध को ही माँग का नियम कहते हैं। माँग के नियम के अनुसार, किसी वस्तु की माँग और उसकी कीमत में विपरीत संबंध है। अन्य बातों के समान होने पर, अधिक कीमत पर वस्तुविशेष की कम मात्रा खरीदी जाएगी और कम कीमत पर अधिक मात्रा खरीदी जाएगी। दूसरे शब्दों में, कीमत अधिक होने पर माँग कम होती है तथा कीमत कम रहने पर माँग अधिक होती है। प्रो० मार्शल के अनुसार, "कीमत में कमी के साथ माँग की मात्रा में वृद्धि और कीमत में वृद्धि के साथ माँग की मात्रा में कमी होती है।” प्रो० मेयर्स के अनुसार, “माँग की समान के वस्तु की खरीदी जानेवाली मात्रा में कीमत की विपरीत दिशा में चलने की प्रवृत्ति पाई है।"

माँग के नियम के अपवाद - माँग का नियम कुछ विशेष परिस्थितियों में लागू नहीं होता है। माँग के नियम के मुख्य अपवाद निम्नांकित हैं।

(i) जीवन के लिए अनिवार्य वस्तुएँ - जो वस्तुएँ जीवन के लिए अनिवार्य हैं उनकी कीमत घटने या बढ़ने पर भी उनकी माँग में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होता है। कीमत कम हो या अधिक; भोजन, वस्त्र आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए हम बाध्य होते हैं।

(ii) किसी वस्तु के भविष्य में दुर्लभ होने की संभावना - यदि भविष्य में किसी वस्तु के नहीं मिलने या दुर्लभ होने की संभावना है तब कीमत में वृद्धि होने पर भी उसकी माँग बढ़ती है। लोग यह सोचते हैं कि दुर्लभ होने के कारण भविष्य में उस वस्तु की कीमत में और अधिक वृद्धि हो सकती है।

(iii) सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदान करनेवाली वस्तुएँ - बहुमूल्य वस्तुओं, जैसे हीरा, जवाहरात आदि का प्रयोग समाज में आदर तथा सम्मान पाने के उद्देश्य से किया जाता है। इसलिए, कीमत कम होने पर उनकी माँग घट जाती है; क्योंकि तब ये प्रतिष्ठादायक नहीं रहती हैं।

(iv) आदत की वस्तुएँ - आदत की वस्तुएँ भी माँग के नियम के अपवाद हैं। लोगों को जिन वस्तुओं की आदत पड़ जाती है, उन्हें वे कीमत बढ़ने पर भी खरीदते ही हैं।

(v) गिफिन या निम्न कोटि की वस्तुएँ - रॉबर्ट गिफिन प्रथम अर्थशास्त्री थे जिन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित किया कि अनेक अवसरों पर निम्न स्तरीय वस्तुओं की कीमत कम होने पर उनकी माँग बढ़ती नहीं है, वरन कम हो जाती है। उसी प्रकार कीमत बढ़ने पर उनकी माँग बढ़ जाती है। इसका कारण यह है कि जैसे-जैसे उपभोक्ता की आय बढ़ती है, निम्न स्तरीय वस्तुओं की माँग घटती जाती है। इसके विपरीत, जैसे-जैसे आय घटती है, निम्न स्तरीय वस्तुओं की माँग बढ़ जाती है। इस विरोधाभास की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए ही निम्न स्तरीय वस्तुओं को 'गिफिन वस्तुएँ' की संज्ञा दी गई है।

(vi) उपभोक्ता की अज्ञानता - कई बार बाजार का ज्ञान नहीं रहने के कारण तथा अज्ञानतावश भी उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत बढ़ने पर भी उसे अधिक मात्रा में खरीदने के लिए तैयार हो जाता है।

16. अल्पकालीन सीमांत लागत वक्र 'U' आकार का क्यों होता है?

उत्तर - किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के उत्पादन से कुल लागत में होनेवाली वृद्धि को अल्पकालीन सीमांत लागत कहते हैं। सीमांत लागत में एक सीमा तक कमी आने की प्रवृत्ति रहती है। इसके बाद इसमें वृद्धि होने लगती है। अतः, सीमांत लागत वक्र का आकार 'U' अक्षर की भाँति होता है। इसे नीचे आरेख में प्रदर्शित किया गया है।

रेखाचित्र से यह स्पष्ट है कि उत्पादन की मात्रा में वृद्धि होने से आरंभ में अल्पकालीन सीमांत लागत वक्र गिरता है। लेकिन, एक न्यूनतम बिंदु पर पहुँचने के बाद यह ऊपर उठता है। इस प्रकार इस वक्र का आकार 'U' के समान होता है। अल्पकालीन सीमांत लागत वक्र का आकार 'U' के समान होने का कारण परिवर्तनशील अनुपात के नियम का लागू होना है। इस नियम के अनुसार जब तक उत्पादन अनुकूलतम बिंदु से कम रहता है, स्थिर साधनों के साथ परिवर्तनशील साधनों की अधिक इकाइयों को लगाने से उत्पादन में वृद्धि होती है और सीमांत लागत घटता है। लेकिन, अनुकूलकतम बिंदु के पश्चात परिवर्तनशील साधनों की अधिक इकाइयों को लगाने से सीमांत उत्पादकता में ह्रास होने लगता है। इस बिंदु के बाद परिवर्तनशील साधनों की अधिक इकाइयों को लगाने से स्थिर साधनों पर दबाव बढ़ जाता है और उनका कुशलतम प्रयोग नहीं होता। इससे सीमांत लागत में भी वृद्धि होती है।

17. निवेश से आप क्या समझते हैं? नियोजित निवेश और वास्तविक निवेश में अंतर कीजिए।

उत्तर- साधारण भाषा में जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी या व्यावसायिक संस्था का अंश या ऋणपत्र खरीदता है अथवा किसी स्थायी संपत्ति में धन लगाता है, तब इसे निवेश या विनियोग कहते हैं।

वास्तविक निवेश हम उसे कहते हैं जिससे देश के वर्तमान पूँजीगत साधनों में वृद्धि होती है। इस प्रकार का निवेश उस समय होता है, जब किसी नए भवन, कारखाने, मशीन आदि का निर्माण किया जाता है तथा यातायात के साधन आदि में वृद्धि होती है। इससे वास्तविक पूँजी की मात्रा तथा राष्ट्र की उत्पादन क्षमता बढ़ती है। केन्स के आर्थिक विश्लेषण में इस प्रकार का वास्तविक निवेश ही महत्त्वपूर्ण है।

किसी अर्थव्यवस्था में एक निश्चित अवधि के अंतर्गत जितना निवेश करने की योजना बनाई जाती है, उसे नियोजित निवेश कहते हैं। इसके विपरीत, इस दी हुई अवधि में वास्तव में जितना निवेश होता है, वह वास्तविक निवेश है।

18. राष्ट्रीय आय की विभिन्न धारणाओं को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- राष्ट्रीय आय – National Income (राष्ट्रीय आय) से तात्पर्य किसी देश में एक वर्ष के में उत्पादित सभी वस्तुयों एवं सेवाओं के बाजार मूल्य के योग से है , जिसे ह्वास घटाकर तथा विदेशी लाभ जोड़कर निकाला जाता है।

राष्ट्रीय आय की अवधारणा : राष्ट्रीय आय की माप-करने के लिए अनेक धारणाओं का प्रयोग किया जाता हैं जो निम्नलिखित हैं :

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) : सकल घरेलू उत्पाद (GDP) या सकल   घरेलू आय (GDI) किसी देश की घरेलू   सीमा के अंदर  एक वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को कहाँ जाता है 

शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP) : सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में से जब उत्पादन में लगी मशीनों और पूंजी की घिसावट अर्थात   मूल्य ह्रास (Depreciation) को घटा दिया जाता है तो शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP) प्राप्त होता है ।

Formula : सकल घरेलू उत्पाद (GDP) – मूल्य ह्रास = शुध्द घरेलू उत्पाद (NDP)

सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) : किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित समस्त वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को सकल  राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) कहते है इसमें विदेशों से प्राप्त आय भी सम्मिलित होती है ।

Formula : सकल घरेलू उत्पाद (GDP)+ विदेशों से अर्जित आय =  सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP)

शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) : सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP)से जब उत्पादन में लगी मशीनों एवं पूँजी की घिसावट (मूल्य ह्रास) को घटा दिया जाये तो शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) प्राप्त होगा ।

Formula : सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) – मूल्य ह्रास =  शुध्द राष्ट्रीय उत्पाद (NNP)

प्रति व्यक्ति आय (PCI )– Per Capita Income : जब कुल राष्ट्रीय आय में राष्ट्र की कुल जनसंख्या का भाग देते है तो प्रति व्यक्ति   आय प्राप्त होती है ।

Formula : प्रचलित कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय =  (प्रचलित कीमतों पर कुल राष्ट्रीय आय ÷ कुल वर्तमान जनसंख्या)

Formula : स्थिर कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय =  (स्थिर कीमतों पर कुल राष्ट्रीय आय ÷ कुल वर्तमान जनसंख्या)

वैयक्तिक आय PI – Personal Income  : एक वर्ष में राष्ट्र की जनसंख्या को प्राप्त होने   वाली वास्तविक आय वैयक्तिक आय होती है

Formula : राष्ट्रीय आय + अंतरण भुगतान – निगम कर – अवतरित लाभ – सामाजिक सुरक्षा अनुदान =   वैयक्तिक आय

19. बजट घाटे से आप क्या समझते हैं? इसे किस प्रकार पापा जाता है ?

उत्तर - जब सरकार आय-प्राप्ति से अधिक व्यय करती है तो इसे बजट घाटा या बजटीय घाटा कहते हैं। इस प्रकार बजट घाटा सरकार की आय और व्यय के अंतर की माप करता है। अब सरकार के बजट में घाटे के तीन माप दिखाए जाते हैं, जो निम्नांकित हैं-

(i) राजस्व घाटा- जब सरकार का राजस्व व्यय उसकी राजस्व- प्राप्तियाँ से अधिक होता है तो उसे राजस्व घाटा कहते हैं। यहाँ सरकार की राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व तथा गैर-कर राजस्व दोनों शामिल हैं। अतः, राजस्व घाटा = राजस्व व्यय - राजस्व प्राप्तियाँ राजस्व घाटा इस तथ्य को प्रदर्शित करता है कि सरकार अपने राजस्व व्यय को अपनी राजस्व प्राप्तियों से पूरा करने में समर्थ नहीं है। राजस्व घाटे में केवल वही लेन-देन शामिल किए जाते हैं जो सरकार के वर्तमान लेन-देन को प्रभावित करते हैं। राजस्व घाटा का अर्थ यह है कि सरकार अवबचत कर रही है तथा अपने उपभोग-संबंधी व्यय के एक भाग को पूरा करने के लिए अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों की बचतों का उपयोग कर रही है। इस घाटे को सरकार पूँजी प्राप्तियों से उधार लेकर अथवा अपनी परिसंपत्तियों को बेचकर पूरा करती है। सरकार अपने व्यय के आधिक्य को मुख्यतः पूँजी खाते से उधार लेकर पूरा करती है। इसके फलस्वरूप उसपर ऋण और ब्याज के भुगतान का भार बढ़ जाता है। इससे भविष्य में राजस्व घाटा और बढ़ता है।

(ii) राजकोषीय घाटा - जब सरकार का कुल व्यय उसकी उधाररहित कुल प्राप्तियों से अधिक हो जाता है तो उसे राजकोषीय घाटा कहते हैं। दूसरे शब्दों में, राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और ऋणों को छोड़कर कुल प्राप्तियों का अंतर है। इस प्रकार,

 कुल राजकोषीय घाटा = कुल व्यय - (राजस्व प्राप्तियाँ + ऋणरहित पूँजी प्राप्तियाँ) उधार या ऋणरहित पूँजीगत प्राप्तियों को गैर-ऋण सृजित पूँजीगत प्राप्तियाँ भी कहते हैं। इस प्रकार की पूँजी प्राप्तियाँ उधार नहीं हैं तथा इनसे सरकार के ऋणों में वृद्धि नहीं होती है।

(iii) प्राथमिक घाटा- सरकार की ऋण की आवश्यकताओं में संचित, अर्थात पुराने ऋणों का दायित्व भी शामिल रहता है। बजट सरकार के वर्तमान वित्तीय वर्ष की आय एवं व्यय का अनुमान है। आय की अपेक्षा वर्तमान व्यय के अधिक होने के कारण हम प्राथमिक घाटे का आकलन करते हैं। राजकोषीय घाटे से ब्याज अदायगी की रकम को घटाकर प्राथमिक घाटे का पता लगाया जा सकता है। अतएव,

कुल प्राथमिक घाटा = कुल राजकोषीय घाटा - शुद्ध ब्याज अदायगी


M.V.V.I. Objective Questions

प्रश्न 1. निम्नलिखित में कौन उत्पत्ति का साधन नहीं है ?

(A) भूमि

(B) श्रम

(C) मुद्रा                            

(D) पूँजी

प्रश्न 2. किसके अनुसार अर्थशास्त्र मानव कल्याण का विज्ञान है ?

(A) ए. मार्शल

(B) पॉल सैम्युल्सन

(C) जे. एस. मिल

(D) एडम स्मिथ

प्रश्न 3. सबसे पहले ‘माइक्रो’ शब्द का प्रयोग करने वाले हैं ?

(A) मार्शल

(B) बोल्डिंग

(C) कीन्स

(D) रैगनर फ्रिश

प्रश्न 4. अर्थशास्त्र की कल्याण सम्बन्धी परिभाषा के जन्मदाता थे :

(A) एडम स्मिथ

(B) मार्शल

(C) रॉबिन्स

(D) सैम्युल्सन

प्रश्न 5. “अर्थशास्त्र चयन का तर्कशास्त्र है” किसने कहा है ?

(A) हिक्स

(B) कीन्स

(C) रॉबिन्स

(D) मार्शल

प्रश्न 6. सीमान्त उपयोगिता कैसे निकालते हैं ?

(A) ΔTU ÷ ∆Q

(B) ΔMU ÷ ∆Q

(C) ΔQ ÷ ∆TU

(D) ΔQ ÷ ∆MU

प्रश्न 7. किसी वस्तु में मानवीय आवश्यकता की पूर्ति की क्षमता को कहते

(A) उत्पादकता

(B) सन्तुष्टि

(C) उपयोगिता

(D) लाभदायकता

प्रश्न 8. कीमत या बजट रेखा की ढाल होती है :

`(1)-\frac{P_x}{P_y}`

`(2)-\frac{P_y}{P_x}`

`(3)+\frac{P_x}{P_y}`

(4) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 9. ऐसी वस्तुएँ जिनका एक-दूसरे के बदले में प्रयोग किया जाता है, कहलाती हैं :

(A) पूरक वस्तुएँ

(B) स्थानापन्न वस्तुएँ

(C) आरामदायक वस्तुएँ

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 10. माँग का नियम है :

(A) गुणात्मक कथन

(B) मात्रात्मक कथन

(C) A और B दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 11. आवश्यक वस्तुओं की माँग की लोच होती है :

(A) शून्य

(B) असीमित

(C) इकाई से अधिक

(D) इकाई से कम

प्रश्न 12. यदि किसी वस्तु के मूल्य में 40% परिवर्तन के कारण माँग में 60% परिवर्तन हो तो माँग की लोच है

(A) 0.5

(B) -1.5

(C) 1

(D) 0

प्रश्न 13. दीर्घकालीन उत्पादन फलन का सम्बन्ध निम्न में किससे है ?

(A) माँग के नियम से

(B) उत्पत्ति वृद्धि नियम से

(C) पैमाने के प्रतिफल नियम से

(D) माँग की लोच से

प्रश्न 14. अल्पकालीन उत्पादन की दशा में एक विवेकशील उत्पादक किस अवस्था तक उत्पादन करना पसन्द करेगा ?

(A) प्रथम अवस्था

(B) द्वितीय अवस्था

(C) तृतीय अवस्था

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 15. जो क्र पहले बढ़ता है फिर स्थिर होकर घटना आरम्भ करता है वह कौन-सा क्र कहलाता है ?

(A) APP

(B) MPP

(C) TPP

(D) ये सभी

प्रश्न 16. परिवर्तनशील अनुपातों का नियम सम्बन्धित है

(A) अल्पकाल एवं दीर्घकाल दोनों से

(B) दीर्घकाल से

(C) अल्पकाल से

(D) अति दीर्घकाल से

प्रश्न 17. निम्नलिखित में कौन स्थिर लागत नहीं है ?

(A) बीमे की प्रीमियम

(B) ब्याज

(C) कच्चे माल की लागत

(D) फैक्ट्री का किराया

प्रश्न 18. पूर्ति निम्नलिखित में किससे जुड़ी होती है ?

(A) किसी समय की अवधि

(B) कीमत

(C) A और B दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं |

प्रश्न 19. यदि किसी वस्तु की कीमत में 60% की वृद्धि हो, परन्तु पूर्ति में केवल 5% की वृद्धि हो, ऐसी वस्तु की पूर्ति होगी

(A) अत्यधिक लोचदार

(B) लोचदार

(C) बेलोचदार

(D) पूर्णतः लोचदार

प्रश्न 20. अक्षों के केन्द्र से निकलने वाली पूर्ति रेखा की लोच होती है

(A) इकाई से कम

(B) इकाई से अधिक

(C) इकाई के बराबर

(D) शून्य के बराबर

प्रश्न 21. एकाधिकार की निम्नलिखित में कौन-सी विशेषताएँ हैं ?

(A) एक विक्रेता और अधिक क्रेता

(B) निकट स्थानापन्न का अभाव

(C) नई फर्मों के प्रवेश पर रोक

(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 22. जिस बाजार में स्वतन्त्र प्रवेश तथा बहिगर्मन हो, उसका नाम है :

(A) एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता का बाजार

(B) अपूर्ण प्रतियोगिता का बाजार

(C) पूर्ण प्रतियोगिता का बाजार

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 23. विशुद्ध प्रतियोगिता का निम्नलिखित में से कौन-सा लक्षण है ?

(A) बाजार का पूर्ण ज्ञान

(B) साधनों का पूर्ण प्रतिशीलता

(C) उत्पाद की एकरूपता

(D) इनमें से सभी

प्रश्न 24. बाजार स्थिति जिसमें वस्तु का केवल एक क्रेता होता है :

(A) एकाधिकार

(B) मोनोप्सोनी

(C) द्वयाधिकार

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 25. कीमत उस बिन्दु पर निर्धारित होती है जहाँ :

(A) माँग अधिक हो

(B) पूर्ति अधिक हो

(C) माँग और पूर्ति बराबर हों

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 26. प्रवाह में किसे शामिल किया जाता है ?

(A) उपभोग

(B) निवेश

(C) आय

(D) इनमें से सभी

प्रश्न 27. तीन क्षेत्रीय मॉडल में निम्नलिखित में कौन शामिल है ?

(A) परिवार

(B) फर्म

(C) सरकार

(D) इनमें से सभी

प्रश्न 28. एक लेखा वर्ष में किसी देश की घरेलू सीमा में सभी उत्पादकों द्वारा जितनी भी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन होता है (जिसमें मूल्य ह्रास भी शामिल होता है), उनकी बाजार कीमत के योग को कहा जाता है :

(A) GNP

(B) GDP

(C) NNP

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 29. क्या सत्य है ?

(A) GNP = GDP + ह्रास

(B) NNP = GNP + ह्रास

(C) NNP = GNP – ह्रास

(D) GNP = NNP– ह्रास

प्रश्न 30. साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद को कहा जाता है

(A) राष्ट्रीय आय

(B) सकल निवेश

(C) घरेलू आय

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 31. निम्नलिखित में से कौन-सा मुद्रा का कार्य नहीं है ?

(A) विनिमय का माध्यम

(B) कीमत स्थिरता

(C) मूल्य संचय

(D) लेखा की इकाई

प्रश्न 32. व्यावसायिक बैंक का एजेन्सी कार्य क्या है ?

(A) ऋण देना।

(B) जमा स्वीकार करना

(C) ट्रस्टी का कार्य करना

(D) लॉकर सुविधा देना

प्रश्न 33. केन्द्रीय बैंक के निम्नलिखित में कौन-से कार्य हैं ?

(A) नोट निर्गमन का एकाधिकार

(B) सरकार का बैंकर

(C) विदेशी विनिमय कोषों का संरक्षक

(D) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 34. केन्द्रीय बैंक द्वारा कौन-सी मुद्रा जारी की जाती है ?

(A) चलन मुद्रा

(B) साख मुद्रा

(C) सिक्के

(D) इनमें से सभी

प्रश्न 35. निम्नांकित में से कौन-सा साख नियन्त्रण का परिमाणात्मक उपाय नहीं है ?

(A) बैंक दर

(B) नैतिक दबाव

(C) खुले बाजार की क्रियाएँ

(D) नकद कोष अनुपात में परिवर्तन

प्रश्न 36. रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना हुई :

(A) 1947 में

(B) 1935 में

(C) 1937 में

(D) 1945 में

प्रश्न 37. कीन्स के अनुसार विनियोग से अभिप्राय है :

(A) वित्तीय विनियोग से

(B) वास्तविक विनियोग से

(C) A और B दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 38. निम्नलिखित में से वास्तविक निवेश है :

(A) शेयर खरीदना

(B) पुरानी फैक्ट्री खरीदना

(C) भवनों का निर्माण

(D) बैंक में जमा खाता खोलना

प्रश्न 39. यदि MPC = 0.5 तो गुणक (K) होगा :

(A) 1/2

(B) 0

(C) 1

(D) 2

प्रश्न 40. कीन्सियन विचारधारा के अन्तर्गत आय के सन्तुलन का निर्धारक निम्नलिखित में कौन है ?

(A) सामूहिक माँग

(B) सामूहिक पूर्ति

(C) A और B दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 41. अवस्फीतिक अन्तराल की दशायें :

(A) माँग में तेजी से वृद्धि

(B) पूर्ति में तेजी से वृद्धि

(C) पूर्ति एवं माँग दोनों बराबर

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 42. बजट प्राप्तियों के संघटक निम्नलिखित में कौन हैं ?

(A) राजस्व प्राप्तियाँ

(B) पूँजीगत प्राप्तियाँ

(C) A और B दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 43. सरकार के कर राजस्व में शामिल है

(A) आय कर

(B) निगम कर

(C) सीमा शुल्क

(D) इनमें से सभी

प्रश्न 44. प्रत्यक्ष कर के अन्तर्गत निम्नलिखित में किसे शामिल किया जाता

(A) आय कर

(B) उपहार कर

(C) A और B दोनों

(D) उत्पाद कर

प्रश्न 45. ऐसे व्यय, जो सरकार के लिए किसी परिसम्पत्ति का सृजन नहीं करते, कहलाते हैं :

(A) राजस्व व्यय

(B) पूँजीगत व्यय

(C) A और B दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 46. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है ?

(A) कुल व्यय और कुल प्राप्तियों का अन्तर राजकोषीय घाटा होता है।

(B) कुल प्राप्तियों और ब्याज भुगतान कर अन्तर प्राथमिक घाटा होता

(C) राजकोषीय घाटा प्राथमिक घाटे और ब्याज भुगतान का योग होता

(D) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 47. विनिमय दर का अर्थ है :

(A) एक विदेशी मुद्रा के लिए कितनी देशी मुद्रा देनी होगी

(B) एक विदेशी मुद्रा के लिए कितनी दूसरी विदेशी मुद्रा देनी होगी

(C) विदेशी मुद्रा की खरीद-बिक्री दर

(D) इनमें से सभी

प्रश्न 48. अदृश्य मदों के अन्तर्गत निम्नलिखित में किसे सम्मिलित किया जाता है ?

(A) बैंकिंग

(B) जहाजरानी

(C) सूचना

(D) इनमें से सभी

प्रश्न 49. भुगतान सन्तुलन की निम्नलिखित में कौन-सी विशेषताएँ हैं ?

(A) क्रमबद्ध लेखा रिकार्ड

(B) निश्चित समय अवधि

(C) व्यापकता

(D) इनमें से सभी

प्रश्न 50. पूँजी खाते के अन्तर्गत निम्नलिखित में किसे शामिल किया जाता है ?

(A) सरकारी सौदे

(B) निजी सौदे

(C) विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग

(D) इनमें से सभीClass 12th Model Question Solution

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