झारखण्ड
शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची (झारखण्ड)
प्रतिदर्श प्रश्न-पत्र - विषयनिष्ठ
2022 2023 सेट - 1 कक्षा - 12 पूर्णाक -
40 समय - 1 घंटे 30 मिनट
FOR
EXAMINATION YEAR 2023
CLASS-XIIth
विषय हिन्दी (कोर)
समान्य निर्देश:-
• इस प्रश्न-पत्र के चार खण्ड हैं।
• सभी प्रश्न अनिवार्य है।
• प्रश्नों की कुल संख्या 08 है।
• परीक्षार्थी यथासंभव अपनी ही भाषा शैली में
उत्तर दें।
• सभी प्रश्न के लिए निर्धारित अंक उसके सामने
उपांत में अंकित है।
• प्रश्नों के उत्तर उसके साथ दिए निर्देशों
के आलोक में ही लिखें।
खण्ड 'क' (अपठित बोध)
1. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
2+2+2=6
चरित्र
जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है। किसी आंशिक गुण के विकास का नाम चरित्र नहीं है, सम्पूर्ण
जीवन ही चरित्र हैं। चरित्र जीवन रूपी मार्ग की बाधाओं को दूर कर मनुष्य को सफलता के
शिखर पर पहुँचा देता है। चरित्रवान व्यक्ति ही समाज में आदर पाता है। यह सही है कि
आज कयुग में ऐसे व्यक्ति आदर पाते देखे गए हैं, जो धनवान होते हैं, किंतु यह आदर नहीं
होता। इसी तरह यद्यपि विद्वानों का आदर किया जाता है, किन्तु चरित्रहीन विद्वान और
धनी समाज में आदर नहीं पा सकते । चरित्र स्थायी संपत्ति है। यह धन-दौलत के समान चलायमान
नहीं है। चरित्रवान का प्रभाव सीधे मन पर पड़ता है, जो स्थायी होता है। धन और विद्या
के बिना मनुष्य उन्नति कर सकता है, किन्तु चरित्र के बिना नहीं ।
(क) चरित्र क्या है ?
उत्तर
: चरित्र जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है। किसी आंशिक गुण के विकास का नाम चरित्र नहीं
है, सम्पूर्ण जीवन ही चरित्र हैं।
(ख) चरित्र जीवन की स्थायी संपत्ति कैसे है ?
उत्तर
: चरित्र स्थायी संपत्ति है। यह धन-दौलत के समान चलायमान नहीं है। चरित्रवान का प्रभाव
सीधे मन पर पड़ता है, जो स्थायी होता है।
(ग) चरित्रवान व्यक्ति क्या पाता है ?
उत्तर
: चरित्रवान व्यक्ति ही समाज में आदर पाता है।
खण्ड 'ख' (अभिव्यक्ति और माध्यम )
2. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 5+5=10
(क)
'युवा पीढ़ी और देश का भविष्य'
उत्तर
: देश का भविष्य और उन्नति युवा पीढ़ी पर निर्भर करती है युवा पीढ़ी और देश का भविष्य
एक दूसरे पर निर्भर करता है। किसी भी देश में अगर युवाओं की संख्या ज्यादा है तो उस
देश का विकास भी तेजी से होता है क्योंकि युवा पीढ़ी ही देश का विकास कर सकती हैं।
युवा नई सोच और सकारात्मक सोच के साथ देश की प्रगति में अपना योगदान कर सकते है। युवा
पीढ़ी राष्ट्र के उन्नयन में महत्वपूर्ण माना है
आज
के युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना है, वह बाकी नेताओं की तरह नहीं देश के साथ गद्दारी
करी है। गरीबी दल को बढ़ावा दिया है, भ्रष्टाचार को खत्म ही नहीं करना चाहते। आज के
युवा जोश भी है ईमानदारी भी है जो देश को नई सोच के साथ चला सकते है ।
देश
को सही रास्ते पर चलाने के लिए युवा का सबसे बड़ा हाथ होता है। देश का भविष्य और उन्नति
युवा पीढ़ी पर निर्भर करती है। युवा पीढ़ी और देश का भविष्य एक दूसरे पर निर्भर करता
है। इसलिए जागी युवा जागो। युवा किसी भी देश की सबसे बहुमूल्य संपत्ति होता हैं। जीवन
जीने का उन्होंने जो आदर्श प्रस्तुत किया वह आज के समय में भी युवाओं के लिए 'रोल मॉडल'
है।' उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तब लक्ष्य को न प्राप्त कर लो' भारत को एक सँवारने
के लिए हमें अच्छे नेता होने के साथ एक अच्छा नागरिक की जरूरत है।
भारत
से हमें पहले धर्म, वर्ग, जाति, लिंग, भ्रष्टाचार सब खत्म करना होगा । सब को ईमानदारी
के रास्ते पर चलना होगा। उसके लिए हर व्यक्ति समान हो और जनता के प्रति जवाब देने वाला
हो। वह नेता ना हो बल्कि जनता का प्रतिनिधि बनाना होगा। जो सब को साथ ले कर चले और
किसी प्रकार का भेद-भाव न करें। अमीरी और गरीबी को मिटने का प्रयास करें । भारत को
में नई सोच नए काम चलाने वाले लोगों की जरूरत है। आज के युवा पीढ़ी की जरूरत है जो
सब में सकारात्मक का विकास करें। जब हम साथ मिलकर चलेंगे तभी भारत को एक नई दिशा मिलेगी।
सब में देशभक्ति की भावना निहित होनी चाहिए। प्रदूषण के संकट से बचाना होगा और पर्यावरण
को स्वच्छ बना कर रखना होगा। नव भारत का निर्माण को युवा वर्ग देश का भविष्य होने के
साथ-साथ हमारे देश के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। । आतंकवाद समाप्त को भी समाप्त
करना होगा। विकास के लिये नई-नई सोच को लेकर आगे बढ़ना होगा ।
देश
के भविष्य युवा पीढ़ी पर निर्भर करता है। उनकी सोच पर की वह आगे किस सोच से देश की
रक्षा करेंगे।
आज
के युवा पीढ़ी को पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और नशे वाली चीजों से दूर रहना
चाहिए। थ सब खत्म होगा देश खुद ही उन्नति करेगा ।
अथवा
जो हैं उससे बेहतर चाहिए पर एक निबंध लिखिए।
जो
हैं उससे बेहतर चाहिए
उत्तर
: हम सभी अपने जीवन में कुछ चीजों से बेहतर होना चाहते हैं। यह हमारे स्वास्थ्य, सफलता,
सम्बन्ध और अन्य तत्वों के लिए हो सकता है। हमें यह समझना होता है कि हम अपने जीवन
में सुधार लाने की जरूरत है और हमें उससे बेहतर होना चाहिए।
यह
हमारी स्वभाव है कि हम अपने जीवन में सुधार लाने की कोशिश करते हैं। हमारी सोच और व्यवहार
हमारे जीवन का अभिन्नता बनाती है, इसलिए हमें अपने सोच और व्यवहार में सुधार लाने की
जरूरत होगी। अपने सोच और व्यवहार में सुधार करने से हम अपने जीवन में सुधार कर सकते
हैं और उससे बेहतर हो सकते हैं। हमारे जीवन में सुधार करने के लिए हमें अपने गुणों
और कौशलों का उपयोग करना होगा। अपने स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए, हमें स्वच्छ
और स्वस्थ भोजन खाना, प्रयोग करना होगा और अपने शरीर को स्वच्छ रखना होगा। हम अपने
जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए, हमें अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों को स्पष्ट रूप
से स्थापित करना होगा और उनके प्राप्त करने के लिए उचित योजनाओं बनाना होगा।
अपने
सम्बन्धों में सुधार करने के लिए, हमें अपनी सहयोगी और पारस्परिक संबंधों पर ध्यान
देना होगा। हमें अपने परिवार और मित्रों के साथ समझ और सहयोगी होना होगा, ताकि हमारे
सम्बन्ध सुखमय रहें। हमें समझ और सहयोगी होने से हमारे सम्बन्ध मजबूत होते हैं और हम
अपने जीवन में सुधार लाने में सफल हो सकते हैं।
साथ
ही, हमें अपने समय और संभवतः अच्छे तरीके से उपयोग करने की जरूरत होगी। अपने समय को
व्यवस्थित रूप से उपयोग करने से हम अपने जीवन में सुधार लाने में सफल हो सकते हैं और
हम अपने जीवन में उससे बेहतर हो सकते हैं। समझौतों से हम अपने समय, शक्ति और संभवतः
अच्छी तरह के सुख पा सकते हैं।
हमें
अपनी सामाजिक स्थिति और समाज में सुधार लाने की जरूरत होगी। हमें अपने साथीदोस्तों
और समुदाय से समझ और सहयोगी होना होगा, ताकि हम समाज में सुधार ला सकें। हमें समाज
की सुरक्षा और उन्नयन में योगदान देने की जरूरत हैं। हमें अपनी सेवाएं और योगदानों
को स्थापित करना होगा, ताकि हम अपने समाज में सुधार ला सकें।
समझौतों
और सुधारों से हम अपने जीवन में सुधार ला सकते हैं और उससे बेहतर हो सकते हैं। हमें
अपने जीवन में सुधार करने का संकल्प करना होगा और उसके लिए योगदान और संभवतः अच्छी
तरीकों का उपयोग करना होगा। हम जब अपने जीवन में सुधार करते हैं, तो हम अपने जीवन में
सुखमय रहने के साथ साथ अपने समाज में भी सुधार लाते हैं। समझौतों को स्थापित करके हम
अपने जीवन में सुधार कर सकते हैं।
(ख) अपने क्षेत्र में मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से फैले डेंगू महामारी
का वर्णन करते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र को पत्र लिखिए ।
उत्तर
:
दीपक कुमार
जिम्मेदार नागरिक
दिनांक : 9 जनवरी, 2023
श्रीमान
सम्पादक महोदय,
दैनिक जागरण,
दुमका
महोदय
सविनय
निवेदन इस प्रकार है कि मैं हिन्द क्षेत्र का निवासी हूँ इस पत्र के द्वारा आपका ध्यान
अपने क्षेत्र की स्वास्थ्य समस्या की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ। हमारे क्षेत्र में
डेंगू प्रबल रूप से फैलता ही जा रहा है जिस कारण अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या
बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की सख्त कमी है।
उचित
स्वास्थ्य सुविधाएँ और डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों की मृत्यु हो रही है। अतः आप
से निवेदन है कि हमारे क्षेत्र के अस्पताल में अपने अखबार पर इसे प्रकाशित करे जिससे
सरकार का ध्यान आकर्षित हो सके। यदि आपने मेरी समस्या पर अमल किया तो मैं और मेरे क्षेत्र
के निवासी आपके अत्यंत आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद
!
भवदीय
दीपक
कुमार
(ग) समाचार लेखन से आप क्या समझते हैं? इसकी कौन-कौन-सी विशेषताएँ हैं?
उत्तर
: "समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट है जिसमें अधिक-से-अधिक
लोगों की रूचि हो और उसका अधिक-से-अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ रहा हो।" लेखन द्वारा
किसी समाचारपत्र या अन्य माध्यम से जनता को इस प्रकार की सूचना देना, जागरूक और शिक्षित
बनाना तथा मनोरंजन करना समाचार लेखन होता है। पत्रकारीय लेखन का सम्बन्ध वास्तविक घटनाओं,
समस्याओं या मुद्दों से होता है। यह अनिवार्य रूप से तात्कालिकता और पाठकों की रूचियों
और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाने वाला लेखन है।
समाचार
लेखन की विशेषताएँ-
समाचार
के तत्त्व : समाचार में रोचकता, नवीनता, निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता
का होना अपेक्षित है।
विशाल
समुदाय के लिए लेखन : अखबार और पत्रिका के लिए लेखक और पत्रकारों
को ध्यान में रखना होता है कि वह ऐसे विशाल समुदाय के लिए लिख रहा है, जिसमें एक विद्वान
से लेकर कम पढ़े-लिखे मजदूर और किसान सभी शामिल हैं।
सहज,
सरल और रोचक भाषा-शैली: पाठकों के भाषा-ज्ञान के साथ-साथ उनके
शैक्षिक ज्ञान और योग्यता का विशेष ध्यान रखते हुए समाचार लेखक जटिल से जटिल एवं गूढ़
से गूढ़ विषयों को भी अत्यन्त सहज, सरल और रोचक भाषा-शैली में लिखता है ताकि उसकी बात
सबकी समझ में आसानी से आ सके।
'उलटा
पिरामिड-शैली': समाचार लेखन 'उलटा पिरामिड-शैली' में किया
जाता है। इस शैली में किसी समाचार, घटना, समस्या या विचार के सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य,
सूचना या जानकारी को सबसे पहले अनुच्छेद (पैराग्राफ) में लिखा जाता है। इसके बाद महत्त्व
के घटते क्रम से महत्त्वपूर्ण बातें लिखी जाती हैं।
छह
ककार
: समाचार लिखते समय पत्रकार मुख्यतः छह ककारों का उत्तर देने का प्रयत्न करता है। यह
छह ककार हैं-'क्या हुआ', किसके साथ हुआ', 'कहाँ हुआ', 'कब हुआ', 'कैसे' और 'क्यों हुआ'
? किसी समाचार या घटना की रिपोर्टिंग करते समय इन छह ककारों पर ध्यान देना आवश्यक होता
है।
'इन्ट्रो'
: समाचार के 'इन्ट्रो' या 'मुखड़े' का आशय यह है कि समाचार का पहला पैराग्राफ सामान्यतः
समाचार का मुखड़ा (इन्ट्रो) कहलाता है। इसमें आरम्भ की दो-तीन पंक्तियों में सामान्यतः
तीन या चार ककारों को आधार बनाकर समाचार लिखा जाता है। यह चार ककार हैं- 'क्या, कौन,
कब और कहाँ?
समाचार
की बॉडी : समाचार के 'मुखड़े' यानी 'इन्ट्रो' को लिखने के बाद समाचार
की बॉडी आर समापन आता है जिसमें छ: में से दो शेष ककारों-'कैसे और क्यों' जबाब दिया
जाता है।
(घ) दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर अवकाश हेतु प्रधानाचार्य जी को आवेदन
पत्र लिखें।
उत्तर
: सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय, संत जॉन कॉलेज, रांची
महोदय,
सविनय निवेदन यह कि कल विद्यालय से लौटते समय मेरी साइकिल एक टेम्पो से टकर खा गई थी।
इसके परिणामस्वरूप मेरे एक पैर की हड्डी टूट गयी है तथा दोनों हाथे घायल हो गयी हैं।
अत:मैं अभी चलने-फिरने में पूर्णतः असमर्थ हूँ। डॉक्टर ने मुझे दो सप्ताह का विश्राम
करने का परामर्श दिया है। 3 दिन बाद से हमारी अर्धवार्षिक परीक्षा भी शुरू हो रही है।
मैं उसमें भी सम्मिलित नहीं हो सकूँगा ।
आपसे
विनम्र निवेदन है कि आप मुझे दो सप्ताह तक छूटी प्रदान करें तथा परीक्षा से छूट देने
की कृपा करें। जिसके लिए मैं सदा आपका आभारी बना रहूँगा, धन्यवाद।
आपका
आज्ञाकारी छात्र
दिनांक
9-01-2023
दीपक
कुमार
कक्षा
- 12
खण्ड 'ग' (पाठ्यपुस्तक)
3. निम्नलिखित में से किसी एक का काव्यसौन्दर्य लिखिए। -05
(क) जब प्रताप उर राखि प्रभु जैहऊँ नाथ तुरंत
अस कहि आयसु पाइ पद बंदि
चलेउ हनुमंत
भरत बाहु बल सील गुन प्रभु
पद प्रीति अपार
मन महुँ जात सराहत पुनि-पुनि
पवन कुमार
उत्तर
: प्रसगं: प्रस्तुत पंक्तियाँ रामभक्त कवि तुलसीदास द्वारा रचित ‘रामचरितमानस’
के ‘लंकाकांड’ से अवतरित हैं। युद्ध स्थल में मेघनाद ने शक्ति चलाकर लक्ष्मण को मूर्च्छित
कर दिया। जब श्रीराम को यह पता चला तो वे बहुत दुःखी हुए। जांम्बवान ने लंका में रहने
वाले सुषेण वैद्य को इलाज के लिए बुलाने का परामर्श दिया। हनुमान छोटा रूप धारण करके
सुषेण को घर सहित उठा लाए। सुषेण ने वहाँ आकर पर्वत और औषधि का नाम बताया और हनुमान
को यह औषधि लाने का जिम्मा सौंपा। हनुमान जी पर्वत पर तो पहुँच गए पर औषधि को न पहचान
पाए अत: पर्वत को ही उखाड़ लाए। मार्ग में भरत से मिलन हो गया। हनुमान जी भरतजी के चरणों
की वंदना करके बोले-
व्याख्या: हे
नाथ! मैं आपका प्रताप हृदय में रखकर तुरंत चला जाऊँगा। ऐसा कहकर और उनकी आज्ञा पाकर
और भरतजी के चरणों की वंदना करके हनुमान जी चल दिए।
भरत
जी की भुजाओं के बल शील, गुण और प्रभु के चरणों में अपार प्रेम की मन-ही-मन बारंबार
सराहना करते हुए पवनसुत हुनमान जी चले जा रहे थे।
विशेष:
1. श्रीराम की व्याकुल दशा का मार्मिक अंकन किया गया है।
2.
करुण रस का परिपाक हुआ है।
3.
‘मन महुँ,’ ‘पुनि पुनि पवनकुमार’ में अनुप्रास अलंकार है।
4.
‘पुनि-पुनि’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
5.
भाषा: अवधी।
6.
छंद: दोहा।
(ख) कविता एक उड़ान है चिड़िया के बहाने
कविता की उड़ान भला चिड़िया
क्या जाने
बाहर भीतर इस घर उस घर
कविता के पंख लगा उड़ने
के माने
चिड़िया क्या जाने ?
उत्तर
:
कठिन-शब्दार्थ-
उड़ान = उड़ना, कल्पना। बहाने = प्रतीक बनाकर। कविता की उड़ान = कविता की असीम पहुँच
या प्रभाव। क्या जाने = क्या समझ सकती है। बाहर-भीतर = थोड़ी दूर तक। इस घर उस घर
= एक घर से दूसरे घर तक। कविता के पंख = कवि की कल्पनाएँ। माने = अर्थ।।
संदर्भ
तथा प्रसंग- प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित कवि कुँवर
नारायण की कविता ‘कविता के बहाने’ से लिया गया है। इस अंश में चिड़िया के बहाने से
कविता की असीम संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया है।
व्याख्या-
कवि कहता है कि कविता कवि के विचारों तथा भावनाओं की कल्पना के पंखों की सहायता से
भरी गई उड़ान है। जिस प्रकार चिड़िया पंखों के सहारे उड़ती है, उसी प्रकार कवि भी कल्पना
के सहारे कविता में अपने मनोभावों को प्रकट करता है। कवि की कल्पना असीम और अनन्त होती
है। उस पर देश और काल का कोई बन्धन नहीं होता। वह अपनी कल्पना के सहारे सम्पूर्ण धरती
पर ही नहीं, असीम आकाश में भी उड़ता है। चिड़िया अपने पंखों से उड़ती तो है परन्तु
उसकी उड़ान की एक सीमा है। वह एक घर से दूसरे घर के बाहर और भीतर तक ही उड़ती है। कविता
जब कल्पना के पंखों से उड़ती है उसमें बाहर-भीतर की कोई सीमा नहीं होती। कविता की इस
असीमित विस्तार वाली उड़ान की तुलना चिड़िया की उड़ान से नहीं की जा सकती।
विशेष-
(i) कवि ने कविता के कल्पना की सहायता से भरी जाने वाली उड़ान बताया है। चिड़िया की
उड़ान उसकी बराबरी नहीं कर सकती। कवि देशों और समय की सीमाओं को लाँघती हुई, जन-मन
को प्रभावित करती रही है।
(ii)
चिड़िया आकाश में अपने पंखों के सहारे एक सीमा तक ही उड़ती है परन्तु कविता कल्पना
के सहारे लोगों के मन को गहराई तक छूती है। समय तथा स्थान की कोई बाधा उसको रोक नहीं
पाती। कविता की जन-मन रंजन की शक्ति असीमित है। चिड़िया की उड़ान के माध्यम से कवि
ने कविता के अपूर्व प्रभाव की महिमा प्रकट की है।
(iii)
काव्यांश की भाषा सरल, किन्तु गम्भीर अर्थ वाली है। कथन की शैली में लक्षणा शक्ति का
पूरा उपयोग हुआ है।
(iv)
काव्यांश में ‘कविता की उड़ान ….. क्या जाने’ में वक्रोक्ति अलंकार है।’कविता के पंख
लगाकर उड़ने’ में मानवीकरण तथा रूपक है तथा ‘बाहर-भीतर, इस घर उस घर में अनुप्रास अलंकार
है।
04. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 3+3 06
(क) 'अस्थिर सुख पर दुख की छाया' पंक्ति में दुख की छाया किसे कहा गया
है और क्यों ?
उत्तर
:
संदर्भ
:
प्रस्तुत कविता 'बादल राग' कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा प्रस्तुत की गई है
। कवि ने सुख पर दुख की छाया का वर्णन किया है क्योंकि सभी जानते हैं जिंदगी में सुख
आएगा तो दुख भी अवश्य आएगा।
व्याख्या
: 'बादल राग' कविता में कवि 'सूर्यकांत त्रिपाठी निराला' ने अस्थिर सुख पर दुख की छाया
उस शोषण को कहा है, जो पूंजीपतियों और धनवानों द्वारा निर्धन, किसान, मजदूरों पर किया
जाता है। समाज के कमजोर वर्ग गरीब, मजदूर के जीवन में सुख स्थिर नही होते है । इस सुख
अल्पकालिक होते हैं, इन पर पूँजीपतियों, दबंगों और धनवान लोगों द्वारा किये जाने वाले
शोषण की छाया सदैव मंडराती रहती है। इसलिये कमजोर और गरीब, श्रमिक वर्ग के लोगों के
जीवन में सुख सदैव अस्थिर रहते हैं, पता नही कब इन पर दंबगों की कुदृष्टि पड़ जाये
और ये दुख में बदल जायें।
(ख) शोकग्रस्त माहौल में हनुमान के अवतरण को करुण रस के बीच वीर रस
का आविर्भाव क्यों कहा गया है ?
उत्तर
:
संदर्भ
: प्रस्तुत कविता 'लक्ष्मण मूर्छा' को कवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा प्रस्तुत किया
गया है। इस कविता में तुलसीदास जी ने शोक ग्रस्त माहौल में करूण रस के बीच वीर इस का
अविर्भाव का वर्णन किया गया है।
व्याख्या
:
हनुमान लक्ष्मण के इलाज के लिए संजीवनी बूटी लाने हिमालय पर्वत गए थे। उन्हें आने में
देर हो रही थी। इधर राम बहुत व्याकुल हो रहे थे। उनके विलाप से वानर सेना में शोक की
लहर थी। चारों तरफ शोक का माहौल था। इसी बीच हनुमान संजीवनी बूटी लेकर आ गए।
सुषेण
वैद्य ने तुरंत संजीवनी बूटी से दवा तैयार कर के लक्ष्मण को पिलाई तथा लक्ष्मण ठीक
हो गए। लक्ष्मण के उठने से राम का शोक समाप्त हो गया और सेना में उत्साह की लहर दौड़
गई। लक्ष्मण स्वयं उत्साही वीर थे। उनके आ जाने से सेना का खोया पराक्रम प्रगाढ़ होकर
वापस आ गया। इस तरह हनुमान द्वारा पर्वत उठाकर लाने से शोक-ग्रस्त माहौल में वीर रस
का आविर्भाव हो गया था।
(ग) शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित
करना चाहता है ?
उत्तर
:
संदर्भ
:
प्रस्तुत कहानी कवि फिराक गोरखपुरी द्वारा लिखी गई है। इन पक्तियों में कवि बिजली की
घटा व भाई बहन के रिश्ते में संबंध व्यक्त किया है व कवि यह भाव व्यक्त करना चाहता
है कि रक्षाबंधन सावन के महीने में आता है।
व्याख्या
: शायर राख के लच्छे को बिजली की चमक कहकर भाई-बहन के संबंध की घनिष्टता को व्यक्त
करना चाहता है। भाई-बहन को शायर बादल की घटा तथा बिजली के रूप में अभिव्यक्त करता है।
राखी उसी घनिष्टता का प्रतीक है, जो प्रत्येक भाई के हाथ में राखी के धागे के रूप में
दिखाई देता है। यह दोनों के मध्य प्रेम तथा पवित्रता का सूचक है।
05. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 3+3 = 06
(क) 'बाजारूपन' से क्या तात्पर्य है ? किस प्रकार के व्यक्ति बाजार
को सार्थकता प्रदान करते हैं ?
उत्तर
:
संदर्भ
: बाजार दर्शन नामक कहानी को जैनेंद्र कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया है । इस कहानी
में बाजार नामक शब्द सामने आया है। लेखक ने इस कहानी में बाजार को सार्थकता प्रदान
करने और न करने वाले लोगों का वर्णन किया है ।
व्याख्या
: बाजारूपन का तात्पर्य है लोगों में पारस्परिक सदभाव एवं भाईचारे का अभाव । ऐसा बाजार
जहां लोग ग्राहक वंचक के रूप में रहते हैं तथा छल - कपट का व्यवहार करते हुए एक दूसरे
को ठगने का प्रयास करते हैं | वहां बाजारूपन बढ़ता है और सदभाव घटता है। बाजार को सार्थकता
भगत जी जैसे लोग प्रदान करते हैं । जो यह जानते
हैं कि उन्हें क्या खरीदना है , लेकिन जिन्हें यह नहीं पता कि वे क्या खरीदना चाहते
हैं ऐसे व्यक्ति परचेसिंग पावर के बल पर एक विनाशक शक्ति बाजार को देते हैं । ऐसे लोग
न तो बाजार से सच्चा लाभ उठा पाते हैं और ना ही बाजार को सच्चा लाभ दे पाते हैं । इस
प्रकार वे बाजार को सार्थकता प्रदान नहीं करते ।
जो
लोग परचेसिंग पावर के बल पर बाजार का उपयोग करते हैं । वह बाजार को विनाशक रूप प्रदान
करते हैं जो लोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु बाजार का उपयोग करते हैं ऐसे व्यक्ति
बाजार को सार्थकता प्रदान करते हैं वह बाजार से अपना सच्चा लाभ उठा पाते हैं और बाजार
को सच्चा लाभ प्रदान करते हैं ।
(ख) जातिप्रथा भारतीय समाज में बेरोजगारी व भूखमरी का भी एक कारण कैसे
बनती रही है ?
उत्तर
: भारतीय समाज में जाति-प्रथा किसी भी व्यक्ति को ऐसा पेशा चुनने की अनुमति नहीं देती
है, जो उसका जातिगत पैतृक पेशा न हो, भले ही वह उसमें पारंगत हो। यदि वह पेशा उसके
लिए अनुपयुक्त हो अथवा अपर्याप्त हो तो उसके सामने भुखमरी की स्थिति खड़ी हो जाती है।
इस प्रकार पेशा परिवर्तन की अनुमति न देकर जाति-प्रथा भारत में बेरोजगारी का भी एक
प्रमुख कारण बनती रही है।
(ग) महामारी फैलने के बाद गाँव में सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य
में क्या अंतर होता था ?
उत्तर
: महामारी फैलने के बाद गाँव में सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य में बड़ा अंतर होता
था। सूर्योदय के समय कलरव, हाहाकार तथा हृदय विदारक रुदन के बावजूद भी लोगों के चेहरे
पर चमक होती थी लोग एक-दूसरे को सांत्वना बँधाते रहते थे परन्तु सूर्यास्त होते ही
सारा परिदृश्य बदल जाता था। लोग अपने घरों में दुबक कर बैठ जाते थे। तब वे चूँ भी नहीं
कर सकते थे। यहाँ तक कि माताएँ अपने दम तोड़ते पुत्र को ‘बेटा’ भी कह नहीं पाती थी।
ऐसे समय में केवल पहलवान की ढोलक की आवाज सुनाई देती थी जैसे वह महामारी को चुनौती
दे रही हो।
06. महादेवी वर्मा' अथवा 'महाकवि तुलसीदास की किन्हीं दो रचनाओं के
नाम लिखिए- 02
उत्तर
: महादेवी वर्मा - नीहार , रश्मि
तुलसीदास - रामचरितमानस , जानकी-मंगल
खण्ड
'घ'
07 यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर
बाबू असफल रहते हैं, ऐसा क्यों ? 03
उत्तर
: यशोधर बाबू के व्यक्तित्व का विकास किशनदा जैसे व्यक्ति के पूर्ण प्रभाव में हुआ
है। यशोधर बाबू के चलने बोलने सोचने आदि सब कुछ पर किशनदा का कुछ न कुछ प्रभाव अवश्य
है। किशनदा बहुत हद तक सामाजिक जीवन से जुड़े व्यक्ति थे। उनके क्वार्टर में कई लोग
रहा करते थे। उन सबके प्रति किशनदा का स्नेह और प्रेम था। यशोधर बाबू को भी उनका स्नेह
और प्रेम प्राप्त हुआ था। उन्होंने ही यशोधर जी को नौकरी दिलवायी थी। उनके सोचने समझने
की विशेषता विकसित की थी। किशनदा जीवनभर अपने सिद्धान्तो पर अडिग रहे। उन्होंने शादी
नहीं की थी इसलिए वे अपने अधिकांश सिद्धान्तों का पालन कर सके। यशोधर बाबू के साथ ऐसा
नहीं था। उनके चार संतानें थीं। तीन बेटे एक बेटी और उनकी माँ के सोचने का ढंग नये
जमाने के हिसाब से था जबकि यशोधर पंत जी अपने संयुक्त परिवार के दिनो एवं पुराने समय
की यादों से घिरे रहना पसंद करते थे। उन्होंने सरकारी क्वार्टर भी इसी कारण नहीं छोड़ा
है। वह शादी में मिली घड़ी का इस्तेमाल पच्चीस साल बीत जाने के बाद भी करते हैं,
इस
सबके ठीक विपरीत उनकी पत्नी के व्यक्तित्व का विकास किसी व्यक्ति विशेष’ के प्रभाव
से नहीं हुआ है। जिस संयुक्त परिवार को यशोधर बाबू बहुत याद करते उसी संयुक्त परिवार
के दु:खद अनुभव उनकी पत्नी को अभी तक याद हैं। लेखक स्वयं कहता है कि मातृ सुलभ प्रेम
के कारण वह अपनी संतानो का पक्ष लेती है। इस तरह वह नये जमाने के साथ ढल सकने में सफल
होती है। वह बेटी के कहने के हिसाब से कपड़े पहनती है। अपने बेटों के किसी मामले में
दखल नहीं देती हैं। जबकि यशोधर बाबू के सोचने का ढंग अपना होता है। उनकी सोच पुरानी
पीढ़ी की सोच के हिसाब से होती है। इसी कारण वे समय के हिसाब से ढल पाने में असफल होते
हैं।
अथवा
पुरातत्व के किन चिह्नों के आधार पर आप यह कह सकते हैं कि सिंधु सभ्यता
ताकत से शासित होने की अपेक्षा समझ से अनुशासित सभ्यता थी । "
उत्तर
: हड़प्पा संस्कृति में न भव्य राजप्रसाद मिले हैं, न मंदिर। न राजाओं, महंतों की समाधियाँ।
यहाँ के मूर्तिशिल्प छोटे हैं और औज़ार भी। मुअनजो-दड़ो ‘नरेश’ के सर पर रखा मुकुट
भी छोटा है। दूसरी जगहों पर राजतंत्र या धर्मतंत्र की ताकत का प्रदर्शन करने वाले महल,
उपासना-स्थल, मूर्तियाँ और पिरामिड आदि मिलते हैं। यहाँ आम आदमी के काम आने वाली चीजों
को सलीके से बनाया गया है। यहाँ नगरयोजना, वास्तुकला, मुहरों, ठप्पों, जल-व्यवस्था,
साफ-सफाई और सामाजिक व्यवस्था आदि में एकरूपता देखने मिलती है। इन आधारों पर विद्वान
यह मानते है कि ‘सिंधु-सभ्यता ताकत से शासित होने की अपेक्षा समझ से अनुशासित सभ्यता
थी।’
08. ऐन फ्रँक कौन थी ? उसकी डायरी क्यों प्रसिद्ध है। 02
उत्तर
: ऐन फ्रैंक हालैंड के एक यहूदी परिवार की तेरह वर्षीय बालिका थी। उसके यहूदी परिवार
को गुप्त आवास में दो वर्ष छिपकर बिताने पड़े थे। इस दौरान ऐन को अकल्पनीय यातनाएँ सहनी
पड़ी। यहीं रहकर ऐन ने अपने अनुभवों को डायरी के रूप में लिखा।
यह
डायरी बहुत प्रसिद्ध हुई। इस डायरी में ऐन का व्यक्तिगत जीवन ही नहीं, अपितु साठ लाख
यहूदियों पर ढाए जुल्मों की जीवंत कहानी है। उसकी डायरी साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने
वाली आवाज है। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर ने यहूदियों को जिस तरह भूमिगत जीवन
जीने के लिए विवश किया, उसी का सजीव एवं मार्मिक चित्रण इस डायरी में हुआ है। उस दौरान
युद्ध की भयावहता से लोग काँप-काँप उठते थे। इस डायरी में उन्हीं साठ लाख लोगों की
पीड़ा को अभिव्यक्ति मिली है। इस विवरण को सारे विश्व के लोग जानना चाहते थे। यही कारण
है कि ऐन की डायरी बहुत प्रसिद्ध हो गई।
अथवा
स्वयं कविता रच लेने का आत्मविश्वास लेखक के मन में कैसे पैदा हुआ
?
उत्तर
: मराठी के अध्यापक सौंदलगेकर कविता के अच्छे रसिक व मर्मज्ञ थे। वे कक्षा में सस्वर
कविता-पाठ करते थे तथा लय, छंद गति, आरोह-अवरोह आदि का ज्ञान कराते थे। उनसे प्रेरित
होकर लेखक कुछ तुकबंदी करने लगा। उन्हें यह ज्ञान हुआ कि वे अपने आस-पास के दृश्यों
पर कविता बना सकते है। धीरे-धीरे उनमें कविता रचने का आत्मविश्वास बढ़ने लगा।
प्रतिदर्श प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ 2022 2023 सेट - 1 कक्षा - 12 पूर्णाक - 40 समय - 1 घंटे 30 मिनट
FOR
EXAMINATION YEAR 2023
CLASS-XIIth
विषय
हिन्दी (कोर)
समान्य
निर्देश:-
•
सभी प्रश्न अनिवार्य है।
•
प्रश्नों की कुल संख्या 40 है।
•
प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित हैं।
•
प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए हैं, इनमें से एक सही विकल्प का चयन कीजिए।
खण्ड 'क' (अपठित बोध)
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नसंख्या 01 से 04 के लिए
सही विकल्प का चयन कीजिए ।
हमारे
संचय में या दान, अतिथि थे सदा हमारे देव ।
वचन
में सत्य हृदय में तेज, प्रतिज्ञा में रहती थी टेव ।
वही
है रक्त, वही हैं देश, वही साहस है, वैसा ज्ञान ।
वही
है शांति, वही हैं शक्ति, वही हम दिव्य आर्य संतान।
जिएँ
तो सदा इसी के लिए, यहीं अभिमान रहे, यह हर्ष
निछावर
कर दें हम सर्वस्व, हमारा प्यारा भारतवर्ष
1. कवि यहाँ किसका उल्लेख कर रहे हैं ?
(क)
अतिथि का
(ख)
शक्ति का
(ग)
दान का
(घ) भारतीय संस्कृति का
2. देव किसे माना गया है ?
(क) अतिथियों को
(ख)
देवताओं को
(ग)
याचकों को
(घ)
आर्यों को
3. किसके हृदय में तेज होता है ?
(क)
जो साहसी हो
(ख)
जो सत्यवादी हो
(ग)
जिसकी प्रतिज्ञा अटल हो
(घ) उपरोक्त सभी
4. इस काव्यांश का मूल भाव है
(क) भारत के अतीत का गौरवगान
(ख)
साहस का प्रदर्शन
(ग)
अभिमान का प्रदर्शन
(घ)
आर्य संतान का प्रदर्शन
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नसंख्या 05 से 08 के लिए सही विकल्प का
चयन कीजिए -
मनुष्य
अपने नैतिक गुणों से ही, जीवधारियों में श्रेष्ठतम माना जाता है। हर व्यक्ति जीवनपर्यन्त
सुख की खोज में रहता है। तन के सुख मनुष्य और पशु-पक्षी सभी को समान रूप से चाहिए,
किन्तु मन और आत्मा के सुख केवल मनुष्यों के लिए हैं। मन के जितने भी सुख हैं, उनमें
सबसे बड़ा है, परोपकार का सुख दूसरों के काम आने में जो सुख मिलता है, उसकी किसी भी
सुख था आनंद से तुलना नहीं की जा सकती ।
05. मनुष्य अपने किन गुणों से जीवधारियों में श्रेष्ठतम माना जाता है
?
(क)
शारीरिक स्वास्थ्य
(ख)
मानसिक उच्चता
(ग)
भौतिक संसाधन
(घ) नैतिक गुण
06. हर व्यक्ति जीवनपर्यन्त किसकी खोज में रहता है ?
(क)
धन की खोज
(ख)
विद्या की खोज
(ग)
सौन्दर्य की खोज
(घ) सुख की खोज
07. मन और आत्मा का सुख किसे चाहिए ?
(क)
पशुओं को
(ख)
पक्षियों को
(ग) मनुष्यों को
(घ)
वनस्पतियों को
08. सबसे बड़ा सुख है
(क) परोपकार का सुख
(ख)
धन का सुख
(ग)
पुत्र का सुख
(घ)
पद का सुख
खण्ड- 'ख'
( अभिव्यक्ति और माध्यम )
09. सरकारी पत्रों में सम्बोधन के लिए किन
शब्दों का प्रयोग किया जाता है: ?
(क) महोदय/ महोदया
(ख) प्रिय, श्री
(ग) भवदीय
(घ) आपका शुभचिंतक
10. भारत में हिन्दी का प्रथम समाचार पत्र
कौन-सा माना जाता है ?
(क) दिग्दर्शन
(ख) उदन्त मार्तण्ड
(ग)
बनारस अखबार
(घ)
मालवा समाचार
11. संचार क्रान्ति के फलस्वरूप किस प्रारूप का प्रयोग अब बन्द हो गया
है!
(क)
अधिसूचना
(ख)
घोषणा
(ग) तार
(घ)
रेडियोग्राम
12. मुद्रित माध्यमों की सबसे बड़ी विशेषता है -
(क) स्थायित्व
(ख)
गतिशीलता
(ग)
भव्यता
(घ)
सांकेतिकता
13. फीचर किस प्रकार की विधा मानी जाती है ?
(क) विषय प्रधान
(ख)
समस्या प्रधान
(ग)
व्यक्ति प्रधान
(घ)
पात्र प्रधान
14. सम्पादकीय किसके द्वारा लिखा जाता है ?
(क)
पत्रकार
(ख) सम्पादक
(ग)
कवि
(घ)
साहित्यकार
15. रचनात्मक लेखन के लिए क्या अपेक्षित है?
(क)
ज्ञानात्मक संवेदना
(ख)
संवेदनात्मक ज्ञान
(ग) 'क' एवं 'ख' दोनों
(घ)
इनमें से कोई नहीं
16. रिपोर्ट का अर्थ है
(क) घटना की ठीक-ठीक सूचना
(ख)
घटना के पूर्व का निर्देश
(ग)
घटना के पश्चात की कार्यवाही
(घ)
घटना के कारण का विश्लेषण
17. किसी बड़ी ख़बर का कम से कम शब्दों में दर्शकों तक तत्काल पहुंचाना
क्या कहलाता है ?
(क)
ड्राई एंकर
(ख)
फोन-इन
(ग) ब्रेकिंग न्यूज
(घ)
लाइव
18. जनसंचार का मुख्य कार्य हैं..
(क)
सूचना संग्रह एवं प्रचार करना
(ख)
सूचना का विश्लेषण करना
(ग)
ज्ञान के स्तर में वृद्धि करना
(घ) ये सभी
खण्ड - 'ग'
(पाठ्यपुस्तक)
निम्नलिखित पट्ट्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नसंख्या 19 से 22 के लिए
सही विकल्प का चयन कीजिए
नील
जल में या किसी की
गौर
झिलमिल देह
जैसे
हिल रही हो
और
जादू
टूटता है. इस उषा का अब
सूर्योदय
हो रहा है।
19. प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कविता से ली गई है ?
(क)
सहर्ष स्वीकारा है।
(ख)
पतंग
(ग) उषा
(घ)
बादल राग
20. नीले जल में गौर देह के झिलमिलाने द्वारा कौन-सा दृश्य चित्रित
किया गया है ?
(क) सूरज की चमक के झिलमिलाने का दृश्य
(ख)
तारों की चमक के झिलमिलाने का दृश्य
(ग)
बिजली की चमक के झिलमिलाने का दृश्य
(घ)
चाँद की चमक के झिलमिलाने का दृश्य
21. 'नील जल' के उपमान द्वारा कवि किसका चित्रण करना चाहता है ?
(क)
नीले नदी का
(ख) नीले आकाश का
(ग)
नीले वस्त्र का
(घ)
सतरंगी इन्द्रधनुष का
22. उषा के जादू का क्या तात्पर्य है ?
(क)
स्त्री का अपार सौन्दर्य
(ख)
जादू की कला का सौन्दर्य
(ग) सूरज की किरणों का सौन्दर्य
(घ)
प्रातः कालीन वातावरण का सौन्दर्य
निम्नलिखित
प्रश्नों के सही विकल्प का चयन कीजिए ।
23. कवि द्वारा भाषा को तोड़ने और मरोड़ने का क्या दुष्परिणाम हुआ
?
(क) कथ्य जटिल हो गया
(ख)
कथ्य सरल हो गया
(ग)
'क' और 'ख' दोनों
(घ)
इनमें से कोई नहीं
24. बादल निर्भय विप्लव क्यों मचा रहे हैं?
(क)
लोगों का सुख देखकर
(ख)
लोगों का आलस्य देखकर
(ग) लोगों का निर्मम शोषण देखकर
(घ)
लोगों का आनंद देखकर
25. पेट - पूर्ति के लिए किस-किस वर्ग के लोग मारे मारे फिर रहे हैं?
(क)
मेहनतकश मजदूर
(ख)
व्यापारी
(ग)
भिखारी
(घ) ये सभी
26. बालक के द्वारा चाँद माँगने की जिद पर माँ उसे क्या देकर बहलाती
है?
(क)
मिठाई
(ख)
खिलौना
(ग) दर्पण
(घ)
चाँद
27. 'छोटा मेरा खेत' शीर्षक कविता में कवि को कौन-सी फसल प्राप्त होती
है ?
(क)
गन्ना
(ख)
धान
(ग)
गेहूँ
(घ) कविता
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नसंख्या 28 से 31 के लिए सही
विकल्प का चयन कीजिए ।
इन
बातों को आज पचास बरस होने को आए पर ज्यों की त्यों मन पर दर्ज है। कभी-कभी कैसे-कैसे
सन्दर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें
हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं। पर त्याग का कहीं नामो निशान नहीं है। अपना स्वार्थ
आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भष्ट्राचार की बातें करते
हैं, पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्ट्राचार
के अंग तो नहीं बन रहे हैं ? काले मेघा दल के दल उमड़ते हैं। पानी झमाझम बरसता है,
पर गगरी फूटी की फटी रह जाती है। बैल पियासे के पिया से रह जाते हैं ? आखिर कब बदलेगी
यह स्थिति ?
28. प्रस्तुत पाठ के लेखक का क्या नाम है ?
(क)
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
(ख)
विष्णु खरे
(ग)
महादेवी वर्मा
(घ) धर्मवीर भारती
29. कौन-सी बात लेखक के मन पर ज्यों की त्यों दर्ज है ?
(क)
तीज-त्योहार की बात
(ख) त्यागपूर्वक दान की बात
(ग)
भ्रष्टाचार की बात
(घ)
कर्तव्य की बात
30. भ्रष्ट्राचार के बारे में मनुष्यों का आचरण कैसा है ?
(क)
भ्रष्ट्राचार के बारे में चटखारे लेकर बातें करना
(ख)
भ्रष्ट्राचार को कोसना
(ग)
भ्रष्ट्राचार के दलदल में स्वयं भी फँसना
(घ) ये सभी
31. लेखक को देश के सन्दर्भ में कौन-सी बात कचोटती है ?
(क) लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं।
(ख)
लोग अपना कर्तव्य करते हैं।
(ग)
लोग व्यागपूर्वक दान करते हैं।
(घ)
लोग कठिन परिश्रम करते हैं।
निम्नलिखित
प्रश्नों के सही विकल्प का चयन कीजिए।
32. लोगों ने लड़कों की टोली को क्या नाम दिया ?
(क)
इंदर सेना
(ख)
वानर सेना
(ग) मेढक मंडली
(घ)
मित्र मंडली
33. पहलवान की ढोलक' शीर्षक कहानी में शेर का बच्चा किसे कहा गया है
?
(क) चाँद सिंह
(ख)
बादल सिंह
(ग)
लुहन सिंह
(घ)
काला खाँ
34. सफिया पाकिस्तान से भारत क्या लेकर जाना चाहती थी ?
(क) नमक
(ख)
सोना
(ग)
चीनी
(घ)
घड़ी
35. जातिप्रथा में लेखक ने क्या दोष देखा ?
(क)
जन्म से ही पेशा का तय हो जाना ।
(ख)
मनुष्य को एक ही पेशे में बाँध देना
(ग)
अनुपयुक्त या अपर्याप्त पेशा होने से भूखों मरना
(घ) उपरोक्त सभी
36. लेखक ने शिरीष को कालजयी अवधूत की तरह क्यों माना है ?
(क)
सुख-दुख में समान रहता है
(ख)
लू के भीषण समय में भी परास्त नहीं होता
(ग)
सदा सरस बना रहता हैं
(घ) उपरोक्त सभी
37. 'सिल्वर वेडिंग' के यशोधर पंत की विवाह की कौन-सी वर्षगाँठ मनाई
जा रही है ?
(क)
दसवीं वर्षगाँठ
(ख)
पन्द्रहवीं वर्षगाँठ
(ग) पच्चीसवी वर्षगाँठ
(घ)
पचासवीं वर्षगाँठ
38. 'जूझ' कहानी में किसका चित्रण है?
(क) संघर्षशील किशोर
(ख)
संघर्षशील पिता
(ग)
संघर्षशील नेता
(घ)
संघर्षशील जमींदार
39. सिंधु घाटी की सभ्यता को जल- ल संस्कृति क्यों कहा जाता है ?
(क)
वर्षा कारण
(ख)
बाढ़ के कारण
(ग) पानी निकासी की सुंदर व्यवस्था के कारण
(घ)
इनमें से कोई नहीं
40. 'ऐन फ्रैंक' ने अपनी डायरी में किसे संबोधित किया है ?
(क) गुड़िया को
(ख)
माँ को
(ग)
बहन को
(घ)
मि० वानदान को