खण्ड-अ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
प्रश्न- संख्या
1 से 40 तक के प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिये गये हैं.. जिनमें से एक सही
है। अपने द्वारा चुने गये सही विकल्प को OMR शीट पर चिह्नित करें। 40 x 1 = 40
1. औद्योगीकरण
के फलस्वरूप नगरों में किस तरह का प्रदूषण उत्पन्न हुआ है?
(1) जल प्रदूषण
(2) वायु प्रदूषण
(3) ध्वनि प्रदूषण
(4) ये सभी
2. दहेज निरोधक
अधिनियम कब पारित किया गया ?
(1) 1960
(2) 1961
(3) 1970
(4) 1962
3. आर्य समाज
के संस्थापक कौन थे ?
(1) राजाराम
मोहन राय
(2) गोविन्द
राणाडे
(3) दयानन्द
सरस्वती
(4) नारायण जोशी
4. भारत में
राजनीतिक दलों को मान्यता कौन देता है?
(1) चुनाव आयोग
(2) राष्ट्रपति
(3) सर्वोच्च
न्यायालय
(4) संसद
5. निम्नलिखित
में से किसको प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है ?
(1) कार्यपालिका
(2) विधायिका
(3) प्रेस
(4) न्यायपालिका
6. डॉ० भीमराव
अम्बेडकर का जन्म भारत के किस राज्य में हुआ था ?
(1) गुजरात
(2) उत्तर प्रदेश
(3) महाराष्ट्र
(4) मध्य प्रदेश
7. भारत में
उपनिवेशवादी शासन के क्या कारण थे ?
(1) राजनीतिक
अस्थिरता
(2) सांस्कृतिक
भिन्नताएँ
(3) अति जनसंख्या
(4) धार्मिक
भेदभाव
8. भारत में
किसने सर्वप्रथम सती प्रथा के विरुद्ध आवाज उठाई थी ?
(1) ईश्वरचन्द्र
विद्यासागर
(2) महात्मा
गाँधी
(3) राजाराम
मोहन राय
(4) ऐनी बेसेंट
9. भारत में
निम्नलिखित में किसे अल्पसंख्यक माना जाता है ?
(1) मुस्लिम
(2) सिक्ख
(3) ईसाई
(4) सभी तीन
10. साम्प्रदायिकता
मानव के लिए खतरा है
(1) सहमत
(2) असहमत
(3) विवादास्पद
(4) इनमें से
कोई नहीं
11. बाल-विवाह
निरोधक अधिनियम किस साल लागू हुआ ?
(1) 1929
(2) 1939
(3) 1910
(4) 1925
12. निम्नलिखित
में से कौन अनुसूचित जाति है ?
(1) कायस्थ
(2) दुसाध
(3) भूमिहार
(4) तेली
13. किसने कहा
"ग्रामीण क्षेत्रों का नगरीय क्षेत्रों में बदलने की प्रक्रिया को हम नगरीकरण
कहेंगे" ?
(1) श्रीनिवास
(2) बर्गल
(3) फेयरचाइल्ड
(4) थॉमसन
14. निम्नलिखित
में से कौन किसान आंदोलन से जुड़े थे?
(1) ज्योति बसु
(2) एस. के दांगे
(3) चारू मजुमदार
(4) स्वामी सहजानन्द
15. भारत में
उदारीकरण की प्रक्रिया का प्रारंभ कब से माना जाता है?
(1) 1961
(2) 1971
(3) 1981
(4) 1991
16. सामाजिक
वर्ग समुदाय का वह भाग है जो सामाजिक प्रस्थिति के आधार पर शेष भाग से पृथक होता है।"
किसने यह कहा ?
(1) मेकाइवर
एवं पेज
(2) मैक्स वेबर
(3) मार्क्स
(4) गिन्सबर्ग
17. इनमें से
कौन जाति व्यवस्था की देन है ?
(1) शो
(2) असमानता
(3) जातिवाद
(4) उपरोक्ता
सभी
18. कौन प्राकृतिक
पर्यावरण के निकट है ?
(1) औद्योगिक
समाज
(2) शहरी समाज
(3) आर्य समाज
(4) ग्रामीण
समाज
19. मानव समाज
एवं संस्कृति का इतिहास कहाँ से शुरू होता है ?
(1) गाँव से
(2) शहर से
(3) नगर से
(4) इनमें से
कोई नहीं
20. प्रायः संयुक्त
परिवार का कर्त्ता कौन होता है ?
(1) सबसे बुजुर्ग
पुरुष
(2) सबसे बुजुर्ग
महिला
(3) पढ़ा-लिखा
व्यक्ति
(4) ज्येष्ठ
पुत्र
21. भारतीय समाज
का इतिहास कितने वर्षों की अवधि का है?
(1) 2000 वर्ष
(2) 3000 वर्ष
(3) 4000 वर्ष
(4) 5000 वर्ष
22. संस्कृतिकरण
की प्रक्रिया के अनुसार निम्न जातियाँ किस जाति के व्यवहारों का अनुसरण करती हैं?
(1) ब्राह्मण
जाति
(2) द्विज जाति
(3) प्रभु जाति
(4) उच्च जाति
23. इनमें से
जनसंख्या वृद्धि का परिणाम कौन नहीं है ?
(1) खाद्य समस्या
(2) आवास की
समस्या
(3) रोजगार की
समस्या
(4) ठंडे मौसम
में सर्दी लगना
24. इनमें से
कौन एक कृषक समाज है ?
(1) गाँव
(2) मोहल्ला
(3) शहर
(4) इनमें से
कोई नहीं
25. निम्नलिखित
में क्या संयुक्त परिवार का प्रकार्य नहीं है ?
(1) सामाजिक
सुरक्षा
(2) आर्थिक सुरक्षा
(3) व्यक्तिवादिता
(4) मानसिक सुरक्षा
26. जन्म मूलक
परिवार एवं प्रजनन मूलक परिवार की व्याख्या किस विद्वान ने की है ?
(1) लिण्टन
(2) डेबिस
(3) मैकाइवर
(4) बोगार्डस
27. जाति का
आधार क्या है ?
(1) भाग्य
(2) कर्म
(3) पुनर्जन्म
(4) जन्म
28. निम्न में
से कौन द्विज नहीं कहलाते हैं?
(1) ब्राह्मण
(2) क्षत्रिय
(3) वैश्य
(4) शुद्र
29. स्त्रियों
के निम्न स्थिति का सर्वप्रथम कारण चुनें
(1) अशिक्षा
(2) हिन्दू धर्म
(3) संयुक्त
परिवार
(4) जाति व्यवस्था
30. भारत में
निम्नलिखित में से किसे अल्पसंख्यक नहीं माना जाता है ?
(1) मुस्लिम
(2) सिक्ख
(3) हिन्दू
(4) ईसाई
31. निम्नलिखित
में से कौन हरित क्रांति के तत्व है?
(1) अच्छे बीज
का उपयोग
(2) बहु फसल
(3) सिंचाई पर
बल
(4) उपरोक्त
सभी
32. इनमें से
कौन उदारीकरण का देन है ?
(1) बाजारवाद
(2) वैश्वीकरण
(3) निजीकरण
(4) उपर्युक्त
सभी
33. इनमें से
कौन वर्ग विशेषता नहीं है ?
(1) जन्म
(2) वर्ग चेतना
(3) गतिशीलता
(4) उपर्युक्त
सभी
34. स्वमी दयानन्द
सरस्वती किस समाज के संस्थापक रहे ?
(1) ब्रह्म समाज
(2) प्रार्थना
समाज
(3) आर्य समाज
(4) भारत सेवक
समाज
35. स्त्रियों
को स्वतंत्रता आन्दोलन में शामिल होने का आह्वान किसने किया ?
(1) महात्मा
गाँधी
(2) लोकमान्य
तिलक
(3) जवाहरलाल
नेहरू
(4) कस्तूरबा
गाँधी
36. भारत के
सामान्य ग्रामीणों में जन संचार के किस साधन का प्रचलन सबसे अधिक है ?
(1) समाचार पत्र
(2) चलचित्र
(3) टेलीविजन
(4) रेडियो
37. स्वतंत्र
भारत के नए संविधान को किस सन् से लागू किया गया?
(1) 1948
(2) 1950
(3) 1951
(4) 1952
38. भारत के
निम्न में से किस राज्य में हिन्दू लोग अल्पसंख्यक समुदाय है ?
(1) केरल
(2) जम्मू एवं
कश्मीर
(3) पंजाब
(4) हरियाणा
39. निम्न में
से भारत के किस राज्य में आदिवासी आबादी सर्वाधिक है?
(1) पश्चिम बंगाल
(2) छत्तीसगढ़
(3) उत्तर प्रदेश
(4) गुजरात
40. इनमें से
कौन हरित क्रांति का प्रकार्य है ?
(1) शैक्षणिक
विकास
(2) क्षेत्रीय
असमानता
(3) अर्थव्यवस्था
में दिवस
(4) उपर्युक्त
सभी
खण्ड-ब (विषयनिष्ठ प्रश्न)
खण्ड-क (अतिलघु उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं पाँच प्रश्नों
के उत्तर दीजिए। 2 x 5 = 10
1. जनसांख्यिकी
का क्या अर्थ है ?
उत्तर - जनसांख्यिकी
(डेमोग्राफी) को जनांकिकी भी कहते हैं। 'डेमोग्राफी' में यूनानी भाषा के दो शब्द हैं-
'डेमोस' (Demos) और 'ग्राफीन' (Graphien) । पहले शब्द का तात्पर्य 'जनसंख्या' से है
जबकि दूसरे का 'विवरणात्मक विज्ञान' से। इस तरह, जनसांख्यिकी जनसंख्या और उससे संबंधित
विभिन्न पहलुओं के तार्किक और व्यवस्थित अध्ययन का विज्ञान है।
2. आप कैसे कह
सकते हैं कि परिवार हमारे जीवन का अभिन्न अंग है ?
उत्तर- परिवार
हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। यह बात हमारे अस्तित्व के लिए अपने-आप स्वीकृत है। हम
यह मानकर जीते हैं कि अन्य लोगों के परिवार हमारे परिवार की तरह ही हैं। यही परिवारजन्य
एकात्मकता का बोध परिवार को जीवन का अंग बना देता है।
3. एकीकरण का
अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर- एकीकरण
सांस्कृतिक जुड़ाव या समेकन की एक प्रक्रिया है। इसके द्वारा सांस्कृतिक विभेद निजी
क्षेत्र में चले जाते हैं और एक सामान्य सार्वजनिक संस्कृति सभी समूहों द्वारा अपना
ली जाती है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत आमतौर पर प्रबल या प्रभावशाली समूह की संस्कृति
को ही आधिकारिक संस्कृति के रूप में अपनाया जाता है। इसमें सांस्कृतिक अंतरों, विभेदों
या विशिष्टताओं की अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित नहीं किया जाता अथवा कभी-कभी तो सार्वजनिक
क्षेत्र में ऐसी अभिव्यक्ति पर रोक लगा दी जाती है।
4. 'काश्तकार
या पट्टेधारी' का क्या अर्थ है ?
उत्तर- जो कृषक
भू-स्वामी से खेती के लिए जमीन पट्टे पर लेता है उसे काश्तकार या पट्टाधारी कहा जाता
है। ऐसे किसानों की आमदनी मालिक कृषकों से बहुत कम होती है। इन्हें भूमि उपयोग के लिए
मालिक को फसल या फसल की आमदनी के रूप में 50 से 75 प्रतिशत तक भुगतान करना पड़ता है।
15. 'फोर्डवाद'
क्या है ?
उत्तर- 20वीं
सदी में अमेरिकन उद्योगपति (फोर्ड) द्वारा लोकप्रिय की गई एक उद्योग-व्यवस्था को 'फोर्डवाद'
कहते हैं। उसने कारों का उत्पादन बड़ी मात्रा में करने के लिए पुर्जे जोड़ने की पद्धति
को लोकप्रिय बनाया। इस युग में भी उद्योगपतियों एवं राज्य दोनों के द्वारा कामगार को
बेहतर दिहाड़ी और समाज के लिए कल्याणकारी नीतियों को लागू किया गया।
6. 'खदान एक्ट
1952' का परिचय दें।
उत्तर- बताया
जाता है कि केवल कोयले की खान में 5.5 लाख लोग काम - करते हैं। उनके कामकाज, मजदूरी,
सुरक्षा आदि बिंदुओं पर भारत सरकार द्वारा 'खदान एक्ट 1952' लागू किया गया है। इसमें
स्पष्ट किया गया है कि एक व्यक्ति खान में अधिक-से-अधिक कितने घंटे कार्य कर सकता है।
यदि वह निर्धारित अवधि से अतिरिक्त काम करता है तो उसे घंटे के हिसाब से अलग भुगतान
होना चाहिए। खदान कामगारों के लिए निर्धारित सुरक्षा के नियमों का पालन होना चाहिए।
7. 'वन पंचायत'
की अवधारणा क्या है?
उत्तर- वनों
के अंध कटाई से ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों खासकर औरतों को खाना बनाने के लिए
जलावन की लकड़ी इकट्ठा करने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है। फिर, पशुओं का चारा जुटाना
भी मुश्किल होता है। ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए उत्तराखंड में औरतों ने वन पंचायतें
कायम कर रखी हैं। ये छोटे-छोटे पौधे रोपती हैं; उनकी सिंचाई करती हैं और वृक्षों की
अंधाधुंध कटाई रोकने के लिए 'चिपको' आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं।
खण्ड ख (लघु उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं पाँच प्रश्नों
के उत्तर दीजिए। 3 x 5 = 15
8. भौगोलिक नक्शे
और सामाजिक नक्शे या समाजचित्र में क्या अंतर है?
उत्तर - भौगोलिक
(प्राकृतिक) नक्शे में किसी स्थानविशेष की प्राकृतिक स्थिति (दिशा, बनावट आदि) का ज्ञान
होता है जबकि सामाजिक नक्शे (समाजचित्र) से किसी व्यक्ति का दूसरों के साथ संबंध के
ताने-बाने में उसकी स्थिति का परिचय मिलता है। भारत का भौगोलिक नक्शा बताता है कि कोई
राज्य भारत में किस ओर है- उत्तर में या पूरब में, दक्षिण में या पश्चिम में दूसरी
ओर, में। सामाजिक नक्शे में भारतीय समाज में व्यक्ति के निर्धारित स्थान का तुलनात्मक
चित्र स्पष्ट होता है, जैसे 18 वर्ष की आयु को बुजुर्ग पीढ़ी की तुलना में युवा पीढ़ी
कहा जाता है।
9. जाति और जनजाति
में दो अंतर बताएँ।
उत्तर- जाति
और जनजाति में दो अंतर निम्नलिखित है।
(i) एक जनजाति
(tribe) का निश्चित भू-भाग अथवा क्षेत्र होता है; परंतु जाति का कोई निश्चित क्षेत्र
नहीं होता।
(ii) जाति में
सदैव अंतर्विवाह पाया जाता है; परंतु वन्य जाति में कभी भी संपूर्ण रूप से अंतर्विवाही
(endogamous) समूह नहीं होता।
10. 'गरीबी रेखा
से नीचे' का क्या तात्पर्य है?
उत्तर - सरकार
के सांख्यिकी विश्लेषण के आधार पर जिन समूहों का व्यय ग्रामीण भारत में प्रति व्यक्ति
प्रति माह 327 रु. या उससे कम और नगरीय भारत में 454 रु० या कम है, उनको गरीबी रेखा
के नीचे समझा जाता है। भारतीय जनसंख्या के सभी समूहों में 1999-2000 की जनसंख्या के
आधार पर ग्रामीण भारत में 27 प्रतिशत और नगरीय भारत में 23.4 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा
के नीचे जीवन बसर करते हैं।
11. महिलाओं
की शिक्षा के संबंध में समाजसुधारकों के क्या विचार थे ?
उत्तर- सुधार
आंदोलनों के दौर में महिलाओं की शिक्षा के बारे में भी व्यापक बहसें हुई। सबों ने एकमत
होकर यह माना कि समाज में उत्थान के लिए महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है। ज्योतिबा
फुले ने तो पुणे में महिलाओं के लिए पहला विद्यालय भी खोला कुछ लोगों का विचार था कि
आधुनिकता के पहले भी महिलाएँ शिक्षित हुआ करती थीं। लेकिन बहुत से विचारकों ने इसका
खण्डन किया कि महिला शिक्षा कुछ विशेषाधिकार समूहों को ही प्राप्त था। इस तरह परंपरावादी
एवं आधुनिकतावादी दोनों ने महिला शिक्षा की अनिवार्यता का पुरजोर समर्थन किया। मुस्लिम
समाजसुधारकों में कई आधुनिकतावादियों ने पर्दा प्रथा का पुरजोर विरोध किया और स्त्री
शिक्षा के प्रसार की वकालत की। 19वीं सदी में समाज-सुधार आंदोलनों में प्रायः सभी स्त्री-शिक्षा
के हिमायती थे।
12. रोजगार के
तीन प्रमुख क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर- आजीविका
के लिए रोजगार के तीन प्रमुख क्षेत्र निम्नांकित हैं
(i) प्राथमिक
क्षेत्र कृषि और खदान
(ii) द्वितीयक
क्षेत्र उत्पादन, निर्माण और उपयोगिता
(iii) तृतीयक
क्षेत्र व्यापार, यातायात, वित्तीय सेवाएँ आदि।
13. "कृषि
उत्पादन का एक साधन ही नहीं, जीने का एक तरीका भी है। " इस कथन को स्पष्ट करें।
उत्तर- भारतीय
समाज प्राथमिक रूप से ग्रामीण समाज ही है। 2001 की जनगणना के अनुसार 67% लोग भारत के
गाँवों में बसते हैं। इनका जीवन पूर्णतः कृषि या उससे जुड़े व्यवसायों पर आधारित है।
कृषि से अनाज, सब्जी, दूध, तेलहन, दलहन आदि जिन जिन्सों का उत्पादन होता है, यही उनकी
आजीविका एवं भोजन का साधन है। भूमि इनके लिए एक प्रकार की सम्पत्ति ही है। यही संपत्ति
इनकी जीविका और जीने के तरीके को भी प्रतिष्ठित करती है। कृषकों की जितनी सांस्कृतिक
रस्में — पर्व, त्योहार, विवाह आदि हैं, उनकी पृष्ठभूमि कृषि है। तमिलनाडु में पोंगल,
असम में बीह, पंजाब में नैशाखी, कर्नाटक में उगाड़ी जैसे पर्व फसल कटने के समय नव वर्ष
के त्योहार के रूप में मनाए जाते हैं। इनका रिश्ता सीधे किसानी जीवन में कृषि के मौसम,
नयी खुशी से जुड़ा हुआ है। यही कृषकों की कृषि और संस्कृति से जुड़ा हुआ है। कृषि की
प्रकृति और अभ्यास दोनों की क्षेत्रीय विभिन्नताओं के बावजूद कृषि कार्य ही क्षेत्रीय
संस्कृति में बिंबित होता आ रहा है। इससे स्पष्ट है कि भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक
संरचना के सारे पहलू कृषि आधारित जीवन पद्धति यानी जीने के तरीके को ही व्यक्त करते
हैं।
14. 'झारखण्ड'
के पृथक निर्माण के लिए आंदोलनकारी नेताओं ने कौन-से मुद्दे प्रदर्शित किए थे? उल्लेख
करें।
उत्तर- 'झारखण्ड
राज्य के गठन आंदोलनकारी के नेताओं ने निम्नलिखित मुद्दों के विरुद्ध प्रदर्शन किए
थे-
(i) भूमि का
अधिग्रहण (बड़ी-बड़ी सिंचाई परियोजनाओं और गोलीबारी क्षेत्र आदि के लिए)
(ii) रुके हुए
सर्वेक्षण तथा पुनर्वास की कार्यवाही के लिए सरकारी कैंप का बंद कर दिया जाना।
(iii) ऋणों,
किरायों तथा सहकारी विभाग से प्राप्त कर्जों की वसूली का प्रतिकार करना।
(iv) वन-उत्पाद
का राष्ट्रीयकरण का निरंतर बहिष्कार करना।
(v) सम्यक विकास
का नहीं होने का तर्क भेदभाव की नीति का प्रतिरोध ।
खण्ड-ग (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं तीन प्रश्नों
के उत्तर दीजिए। 5 × 3 = 15
15. “विविधता
में एकता भारतीय समाज की विशेषता है।" व्याख्या करें।
उत्तर- भारत
की एक सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विशेषता विविधता में एकता है। यह विविधतापूर्ण एकता अब
भारतीय समाज की पहचान बन चुकी है। संस्कृतियों, सामाजिक मानकों मूल्यों, धर्मों, भाषाओं,
जातियों, प्रजातियों, जनजातियों, भौगोलिक क्षेत्रों, दर्शन एवं जीवन पद्धति के प्रतिमानों
का वृहत विश्लेषण है। भारत की एकता एवं संबंधता को बाहरी भिन्नताओं के बावजूद मजबूती
प्रदान करता है। राधा कमल मुखर्जी के अनुसार- भारत विभिन्न प्रकार के सम्प्रदायों,
प्रथाओं, धर्मों, संस्कृतियों, विश्वासों भाषाओं, जातियों एवं सामाजिक व्यवस्था का
अजायबघर है।
(i) भौगोलिक
एकता- भारत एक विशाल देश है, जिसकी भौगोलिक स्थिति
में भारी विविधता और अनेकता दिखाई पड़ती है। कहीं गर्म, कहीं ठण्डा और शीतोष्ण है।
कहीं जंगल है तो कहीं रेत और कहीं खूब हरे-भरे प्रदेश । पारिवारिक बोझ या गरीबी के
कारण बाल श्रमिक अपने परिवारों का दायित्वों का निर्वहन काफी कम उम्र से ही प्रारंभ
करना पड़ता है।
(ii) भाषायी
एकता - भाषायी समस्या का भी संबंध अनेकता में एकता से है। संस्कृत और हिन्दू-संस्कृति
की छाया में रहकर विभिन्न भाषाओं और विभिन्न जातियों वाला यह देश एक हो गया है।
(iii) धार्मिक
एकता - धार्मिक क्षेत्र में भी अनेकता है परंतु एकता है ।
(iv) सामाजिक
एकता - भारत के विभिन्न भागों में सामाजिक जीवन में भी साम्य है। भारत में
अनेकानेक जातियों के रहते हुए भी एकता कायम है।
(v) कला की एकता- भारतीय जीवन में कला की एकता भी कम उल्लेखनीय विषय नहीं है। स्थापत्य
कला, मूर्तिकला, चित्रकला, नृत्य, संगीत, सिनेमा आदि के क्षेत्र में हमें अखिल भारतीय
स्तर पर एकता दिखाई पड़ता है।
(vi) सांस्कृतिक
एकता- सांस्कृतिक एकता भी अनेकता में एकता है।
16. हिन्दू विवाह
में हो रहे आधुनिक परिवर्तनों को परीक्षण करें।
उत्तर- हिन्दू-विवाहों
में हो रहे आधुनिक परिवर्तन निम्नलिखित हैं-
(i) अपनी पुरानी
परंपरा के अनुसार हिन्दू समाज में विवाह में स्त्री बड़ा सा घुंघट ओढ़े रहती थी, परंतु
आधुनिकता के चलते विवाह में लड़कियाँ मुँह नहीं ढँकती।
(ii) पुरानी
परंपरा के अनुसार दुल्हा के घोड़े का स्थान कार ने ले लिया है।
(iii) अच्छे
परिवर्तन ये भी हुए कि बाल-विवाह की परंपरा समाप्त हो गई है।
(iv) आधुनिक
विवाह प्रथा के कारण आज विधवा विवाह को अशुभ नहीं माना जाता है।
(v) पुरातन काल
से चली आ रही दहेज प्रथा समाप्त तो नहीं हुई है परंतु आधुनिक युवक तथा युवतियों में
जागरूकता आ गई है तथा वे बिना दहेज के विवाह करना चाहते हैं।
(vi) हानि देखी
जाए तो केवल यह है कि पुरातन परंपरा में किस प्रकार बड़ों को वह सम्मान नहीं दिया जाता
है।
17. बाल श्रमिक
(निषेध एवं नियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करें।
उत्तर - बच्चों
के लिए संविधन में प्रदत्त अधिकारों के सुनिश्चितीकरण और उनको शोषण से विमुक्त करने
के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर विभिन्न कानून भी बनाए गए हैं। 1949 में राजकीय विभागों
एवं अन्य क्षेत्रों में श्रमिकों के नियोजन हेतु 14 वर्ष आयु निर्धारित की गई है। कुछ
अन्य कानूनों द्वारा भी विभिन्न क्षेत्रों में बाल श्रमिकों को शोषण और पीड़ा से बचाने
के लिए उनकी भर्ती हेतु न्यूनतम आयु और सेवाशर्तें निर्धारित की गई हैं। इनमें बागान
श्रमिक अधिनियम 1951, मोटर परिवहन अधिनियम, 1961, बीड़ी-सिगरेट सेवा शर्त नियोजन अधिनियम
आदि प्रमुख है। बाल श्रमिकों के संबंध में विस्तार से अध्ययन करने हेतु 1979 में गुरुपद
स्वामी समिति गठित की गई जिसने बालश्रम समस्या को गरीबी की देन बताया और सबसे पहले
इसे दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का सुझाव दिया। हरवंश सिंह समिति, सनद मेहता
समिति, सिंधवी समिति आदि ने भी बाल श्रमिकों की समस्या को गंभीर बताते हुए शीघ्र ही
पर्याप्त एवं आवश्यक कदम उठाने हेतु कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए। इन सुझावों के कार्यान्वयन
हेतु प्रयास भी किए गए हैं। बालश्रम प्रथा के उन्मूलन हेतु सरकार द्वारा एक महत्त्वपूर्ण
प्रयास एक विस्तृत अधिनियम बनाकर किया गया है जिसे बाल श्रम निषेध एवं नियमन अधिनियम
1986 कहा जाता है। इस अधिनियम के माध्यम से 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के कई हानिकारक
उद्योगों (कालीन बुनाई निर्माण कार्य, साबुन निर्माण और पत्थर काटने आदि) में कार्य
करने पर रोक लगा दी है। शोध परियोजनाएँ आदि चलाने हेतु बालश्रमिक सेल की स्थापना की
गई।
18. साम्प्रदायिकता
का अर्थ एवं विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर- साम्प्रदायिकता
को एक विचारधारा माना जा सकता है। जो कि यह बताती है कि समाज धार्मिक समुदायों में
बाँटा हुआ है जिनके स्वर्ण एक-दूसरे से भिन्न हैं और कभी-कभी उसमें पारस्परिक विरोध
भी होता है। यह आरोप झूठ अरोप लगाने से लेकर जान से मार देने तक का वीभत्स रूप धारण
कर देता है। साम्पदायिकता की विशेषताएँ-
(i) साम्प्रदायिकता
एक विचारधारा दृष्टिकोण है। यह बताती है कि समाज धार्मिक समुदायों में बाँटा हुआ है।
यह न केवल हिन्दुओं, मुसलमानों एवं सिक्खों आदि में बाँटा है, बल्कि हिन्दुओं में अनेक
पंच एवं समुदाय हैं।
(ii) साम्प्रदायिकता
एक विशेष धर्म एवं संप्रदाय के प्रति अंधभक्ति है जो. दूसरे धर्मों एवं सम्प्रदायों
के प्रति उपेक्षा घृणा, निन्दा वैमनस्य विरोध एवं हिंसा के भाव रखते हैं। इसी विरोध
एवं घृणा की देन है कि लाख प्रयास के बाद हिन्दु एवं मुसलमान एक नहीं हो पाते। इन दोनों
में एक-दूसरे के प्रति नकारात्मक प्रतिमा बन गई है।
(iii) साम्प्रदायिकता
के अंतर्गत न केवल एक धार्मिक समुदाय के प्रति उपेक्षा, विरोध एवं हिंसा के भाव होते
हैं जबकि दोनों के बीच हिंसा की भावना रहती है।
(iv) साम्प्रदायिकता
चरमवादी होती है, जिसमें अनुकूलन एवं समझौते का प्रायः अभाव होता है।
(v) साम्प्रदायिकता
में भय का समावेश होता है।
(vi) साम्प्रदायिकता
में हठपादी प्रकृति एवं कट्टरता का समावेश होता है।
19. भूमंडलीकरण
का अर्थ एवं विशेषताओं की विवेचना करें।
उत्तर- वैश्वीकरण
सामाजिक-सांस्कृति, आर्थिक एकीकरण की एक प्रक्रिया है इसमें भौगोलिक सीमाएँ खत्म हो
जाती है विश्व स्तर पर जो बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ कार्यशील है। इनमें विभिन्न देशों
की भागीदारी है। अधिकांश देशों के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक दूरी कम होती जा रही है।
विश्व एक छोटा गाँव के रूप में परिणत हो रहा है।
भूमंडलीकरण के
लक्षणें को दो भागों में बाँटा है-
(i) आर्थिक लक्षण-वैश्वीकरण की यह एक विशेषता बताई जाती है। कि इसने संपूर्ण अर्थव्यवस्या
को विश्वव्यापी बना दिया है और हमारी अर्थव्यवस्या वैश्वीकरण हो गई है। इसे निम्नांकित
रूप में समझा जा सकता है।
(ii) विश्व व्यापार-व्यापार वैश्वीकरण की एक प्रमुख विशेषता है।
(iii) अंतर्राष्ट्रीय
श्रम विभाजन – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर श्रम
विभाजन होने लगा है।
(iv) बहुराष्ट्रीय
उद्यम - बहुराष्ट्रीय अद्यम तथा अंतः राष्ट्रीय
निगम को वैश्वीकरण की विशेषता मानी जाती है।
(v) विश्व बैंक - वैश्वीकरण के विश्व बैंक की भूमिका बहुत सशक्त होती है।
(B) सामाजिक-सांस्कृतिक
लक्षण - वैश्वीकरण एक सामाजिक प्रक्रिया है। सामाजिक
शब्द इतना व्यापक है कि इसके अंतर्गत सांस्कृतिक एवं राजनीतिक लक्षण भी समाहित है।
इसे निम्नांकित रूप में समझा जा सकता है-
(i) सांस्कृतिक वैश्वीकरण (ii) वैश्वीय स्थानीय संबंध (iii) ब्रहमांडीय संस्कृति ।