12th आरोह 9. फिराक गोरखपुरी (रुबाइयाँ, गजल)

12th आरोह 9. फिराक गोरखपुरी (रुबाइयाँ, गजल)
12th आरोह 9. फिराक गोरखपुरी (रुबाइयाँ, गजल)
पाठ के साथ प्रश्न 1. शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है? उत्तर : शायर कहता है कि राखी भाई-बहिन के पवित्र रिश्ते की प्रतीक है। बहिनें चमकदार मुलायम रेशों वाली राखियाँ खरीदती हैं, ताकि उनकी चमक एवं प्रेम-सौहार्द्र के समान भाई-बहिन के अटूट सम्बन्ध की चमक एवं प्रेम सौहार्द अर्थात् उन्हें निभाने का उत्साह-उल्लास सदा बना रहे। प्रश्न 2. खुद का परदा खोलने से क्या आशय है? उत्तर : खुद का परदा खोलने का आशय है - अपना वास्तविक स्वरूप प्रकट करना, अपनी कमजोरियों एवं खूबियों को व्यक्त करना। प्रायः लोग दूसरों के दोषों की निन्दा करते हैं, ऐसा करके वे अपने चुगलखोर एवं निन्दक चरित्र को उजागर कर देते हैं। प्रश्न 3. किस्मत हमको रो लेवे है हम किस्मत को रो ले हैं-इस पंक्ति में शायर की किस्मत के साथ तनातनी का रिश्ता अभिव्यक्त हुआ है। चर्चा कीजिए। उत्तर : कवि या शायर व्यक्तिगत जीवन में अभावों के कारण ऐसा मानता है कि किस्मत उसका साथ नहीं दे रही . है। प्रायः शायर अतीव भावुक स्वभाव के तथा प्रेमी हृदय होते हैं। वे अपनी बुरी स्थिति के लिए भाग्य को दोष देते हैं। इस तरह की भा…