12th Hindi Elective SET -1 Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023

12th Hindi Elective SET -1 Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023

PROJECT RAIL 2.0

MODEL QUESTION PAPER-2023

मॉडल प्रश्न पत्र - 1

(वस्तुनिष्ठ)

विषय:- हिन्दी (ऐच्छिक)

कक्षा -XII पूर्णाक - 40

सामान्य निर्देश :

(i) प्रश्नों की संख्या 40 है।

(ii) सभी प्रश्नों के उत्तर अनिवार्य है।

(iii) प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित है।

(iv) प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए हैं।

(v) इनमें से सही विकल्प का चयन कीजिए ।

(vi) गलत उत्तर के लिए कोई अंक नहीं काटे जाएँगे।

खण्ड "क" (अपठित बोध)

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 1 से 4 के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए ।

साहित्य का जीवन के साथ गहरा संबंध है। साहित्यकार अपनी पैनी दृष्टि से देखता है और संवेदनशील मन से इसको अभिव्यक्त करता है। चारों ओर देखे गये सत्य और भोगे हुए यथार्थ को कभी कल्पना के रंग में रंगकर तो कभी ज्यों का त्यों पाठक के सामने प्रस्तुत कर देता है। साहित्यकार में सौंदर्य को देखने और परखने की अद्भुत शक्ति होती है। मनोरम दृश्यों के सौंदर्य और मुग्ध कर देने वाले स्वरों की मधुरता से वह अकेले ही आनन्दमग्न नहीं होना चाहता। वह समाज को अपने मन के लिए सदा आतुर रखता है। साहित्यकार जब समाज को अपने मन की बात सुनाता है, तो साहित्यकार समाज का संबंध स्पष्ट दिखाई पड़ता है।

प्रश्न (1) उपर्युक्त गद्यांश के लिए निम्न में से कौन सा शीर्षक उपयुक्त है?

(a) यथार्थ और कल्पना

(b) साहित्य और समाज

(c) आनन्दमग्न युक्त साहित्य

(d) समाज की संवेदनशीलता

प्रश्न (2) साहित्यकार के मन के लिए निम्न में से कौन सा विशेषण प्रयुक्त किया गया है?

(a) आनन्दमग्न

(b) अदभुत

(c) संवेदनशील

(d) इनमें से कोई नहीं ।

प्रश्न (3) साहित्यकार सत्य को पाठक के समक्ष कैसे रखता है?

(a) कभी यथार्थ के रूप में

(b) कभी कल्पना के रंग में भरकर

(c) केवल अकेले में मुग्ध होकर

(d) क और ख दोनों प्रश्न

(4) साहित्यकार और समाज का संबंध कब दिखाई पड़ता है ?

(a) मन की बात परिवार को सुनाता है तब

(b) मन की बात दोस्तो को सुनाता है तब

(c) मन की बात समाज को सुनाता है तब

(d) उपर्युक्त में कोई नही

 

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 05 से 08 के लिए सही विकल्प का चयन करे-

जिसमें स्वदेश का मन भरा

आजादी का अभिमान भरा

जो महाप्रल्य में मुस्काए

जो अंतिम दम तक रहें डटे

दे दिए प्राण पर नही हटे

जो देश राष्ट्र की वेदी पर

देकर मस्तक हो गए अमर

ये रक्त-तिलक भारत ललाट!

उनको मेरा पहला प्रणाम !

प्रश्न (5) काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा?

(a) वीरों को मेरा प्रणाम

(b) शहीदों की धरती

(c) भारत - ललाट

(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न (6) कवि किन वीरों को प्रणाम करता है?

(a) जो स्वदेश का मान भरा है

(b) जो साहसी है

(c) जो निडर है

(d) इनमें से सभी

प्रश्न (7) निम्न में से कौन मस्तक का पर्यायवाची नहीं है?

(a) ललाट

(b) माथा

(c) पेशानी

(d) तनय

प्रश्न (8) कवि ने भारत के माथे का लाल चंदन किन्हें कहा है?

(a) देश की वेदी पर प्राण लेने वाले को

(b) देश की वेदी पर प्राण न्योछावर करने वाले को

(c) देश में भ्रष्टाचार फैलाने वाले को

(d) इनमें से कोई नहीं

खण्ड "ख" (रचनात्मक लेखन तथा अभिव्यक्ति और माध्यम )

प्रश्न (9) जनसंचार माध्यमों में से सबसे पुराना माध्यम कौन सा है ?

(a) रेडियों

(b) टेलीविजन

(c) प्रिंट माध्यम

(d) इंटरनेट प्रश्न

(10) निम्न में से कौन सामाचार के छः काकरो में सम्मिलित नहीं है?

(a) क्यों

(b) जैसे

(c) क्या

(d) कहाँ

प्रश्न ( 11 ) निम्नलिखित में से कौन-कौन कविता के महत्वपूर्ण घटक है?

(a) भाषा

(b) शैली

(c) बिंब

(d) ये सभी

प्रश्न (12) टेलीविजन कैसा माध्यम है?

(a) दृश्य माध्यम

(b) दृश्य श्रव्य माध्यम

(c) श्रव्य माध्यम

(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न (13) "फीचर" किस शैली में लिखा जाता है?

(a) विवेचनात्मक शैली

(b) कथात्मक शैली

(c) उल्टा पिरामिड शैली

(d) ये सभी

प्रश्न (14) समाचार किस शैली में लिखा जाता है?

(a) सीधा पिरामिड शैली

(b) तिरहण पिरामिड शैली

(c) पिरामिड शैली

(d) उल्टा पिरामिड शैली

प्रश्न (15) ऑल इंडिया रेडियों (AIR) की विधिवत स्थापना कब हुई ?

(a) सन् 1946

(b) सन् 1936

(c) सन् 1947

(d) सन 1836

प्रश्न (16) भारत में पहला छापाखाना कहाँ खुला था?

(a) गुजरात

(b) गोवा

(c) कोलकाता

(d) दिल्ली

प्रश्न (17) "एंकर- बाइट' में बाइट कव क्या अर्थ है?

(a) शब्द

(b) वाक्य

(c) कथन

(d) ये सभी

प्रश्न (18) भारत में इंटरनेट का प्रथम दौर कब से माना जाता हैं?

(a) 1993 ई0 से

(b) 1983 ई0 से

(c) 2003 ई० से

(d) 2013 ई0 से

खण्ड "ग" (पाठ्यपुस्तक)

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 19 से 22 के लिए सही विकल्प का चयन करे-

मुझ भाग्यहीन की तू संबल

युग वर्ष बाद जब हुई विकल,

दुख ही जीवन की कथा रही

क्या कहूँ आज, जो नहीं कहीं!

हो इसी कर्म पर वज्रपात

यदि धर्म रहे नत सदा माथ

इस पथ पर मेरे कार्य सकल

हो भ्रष्ट शीत के से शतदल ।

कन्यें, गत कर्मों का अर्पण

कर करता मैं तेरा तर्पण!

प्रश्न (19) प्रस्तुत काव्यांश में, कन्यें, तू किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?

(a) समाज के लिए

(b) सरोज के लिए

(c) कवि के लिए

(d) परिवार के लिए

प्रश्न ( 20 ) 'गत कर्मों का अर्पण कर में कर्मों से तात्पर्य है?

(a) कवि कर्म

(b) पिता कर्म

(c) माता कर्म

(d) समाजिक कर्म

प्रश्न (21) 'संबल' शब्द का अर्थ है -

(a) विशेष

(b) बलपूर्वक

(c) सहारा

(d) सम्पत्ति

प्रश्न (22) प्रस्तुत पद्यांश के कवि कौन हैं?

(a) जयशंकर प्रसाद

(b) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

(c) केदारनाथ सिंह

(d) सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'

प्रश्न ( 23 ) देवसेना का गीत जयशंकर प्रसाद के किस नाटक से लिया गया है?

(a) चन्द्रगुप्त

(b) स्कन्दगुप्त

(c) अजातशत्रु

(d) राज श्री

प्रश्न (24) केदारनाथ सिंह कृत 'दिशा' कविता का मूल संदेश किससे संबंधित है ?

(a) बाल मनोरंजन से

(b) बाल मनोविज्ञान

(c) बाल स्वभाव

(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न (25) रधुवीर सहाय कृत 'तोड़ो' कविता में तोड़ों शब्द किस संदर्भ में प्रयुक्त हुआ है?

(a) विध्वंश

(b) सृजन

(c) बाधा

(d) खीज

प्रश्न (26) सखि हैं, कि पुछसि अनुभव मोए ।

सेह पिरिति अनुराग बखनिअ तिल तिल नूतन होए ।।- पंक्ति किस कवि की है ?

(a) विद्यापति

(b) केशवदास

(c) धनानंद

(d) मल्लिक मुहम्मद जायसी

प्रश्न (27) तुलसीदास कृत रामचरित मानस किस भाषा में हैं?

(a) ब्रज

(b) मगही

(c) मैथिली

(d) अवधी

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 28 से 31 के लिए सही विकल्प का चयन करे-

हरगोबिन का रोम-रोम कलपने लगा। देवर-देवरानियाँ भी कितने बेदर्द हैं। ठीक अगहनी धान के समय बाल-बच्चों को लेकर शहर से आएँगे। इस-पन्द्रह दिनों में कर्ज उधार की ढेरी लगाकर वापस जाते समय दो-दो - मन के हिसाब से चावल - चुड़ा ले जाएँगे। फिर आम के मौसम में आकर हाजिर। कच्चा-पक्का आम तोड़कर बोरियों में बंद करके चले जाएँगे। फिर उलटकर कभी नहीं देखते....... राक्षस है सब

प्रश्न (28) प्रस्तुत गद्यांश के लेखक कौन है?

(a) रामचन्द्र शुक्ल

(b) ब्रजमोहन व्यास

(c) फणीश्वरनाथ रेणु

(d) भीष्म साहनी

प्रश्न ( 29 ) हरगोबिन का क्या कार्य था ?

(a) चिठ्ठी ले जाना

(b) सहायता करना

(c) संवाद पहुँचाना

(d) इनमें से कोई नही

प्रश्न (30) 'रोम-रोम' कलपने लगना का क्या अर्थ है?

(a) बहुत खुश होना।

(b) अत्यधिक दुखी होना

(c) बहुत निर्दयी होना

(d) अत्यधिक चालाक होना

प्रश्न ( 31 ) प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?

(a) कच्चा चिठ्ठा

(b) संवदिया

(c) जहाँ कोई वापसी नहीं

(d) कुटज

प्रश्न (32) हजारी प्रसाद द्विवेदी जी द्वारा रचित 'कुटज' किस विधा की रचना है ?

(a) कहानी

(b) निबंध

(c) उपन्यास

(d) एकांकी

प्रश्न (33) ममता कालिया कृत 'दूसरा देवदास' कहानी में किस स्थान को केन्द्र रखा गया है?

(a) हर की पौड़ी

(b) संगम, इलाहाबाद

(c) अस्सी घाट, बनारस

(d) सिंगरौली, नवागाँव

प्रश्न ( 34 ) असगर वजाहत द्वारा लिखित लघु कथा- 'शेर' मं शेर किसका प्रतीक है?

(a) अहिंसा कव

(b) न्यायप्रिय का

(c) क्रांतिकारी का

(d) व्यवस्था का

प्रश्न (35) निम्न में से कौन सुमिरिनी के मनके पाठ से संबंधित लघु निबंध नहीं है?

(a) बालक बच गया

(b) पहचान

(c) घड़ी के पुर्जे

(d) ढेले चुन लो

प्रश्न (36) उसने कहा था कहानी के कथाकार कौन है?

(a) पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

(b) रामचन्द्र शुक्ल

(c) भीष्म साहनी

(d) असगर वजाहत

प्रश्न ( 37 ) पाठ्यपुस्तक में संकलित संस्मरणात्मक निबंध प्रेमधन की छाया स्मृति में भारतेन्दु मंडल के किस प्रमुख रचनाकार की चर्चा की है?

(a) रामचन्द्र शुक्ल

(b) बदरीनारायण चौधरी उपाध्याय

(c) भारतेन्दु हरिशचन्द्र

(d) प्रेमचन्द

प्रश्न (38) जहाँ कोई वापसी नहीं में किस स्थान विशेष की चर्चा है?

(a) सिंगरौली

(b) दिल्ली

(c) हिमालय

(d) कटिहार जंक्शन

प्रश्न ( 39 ) इतिहास दिवाकर' की उपाधि किसे दी गई है?

(a) गुलेरी जी

(b) भीष्म साहनी जी

(c) शुक्ल जी

(d) ब्रजमोहन व्यास जी

प्रश्न (40) हजारी प्रसाद द्विवेदी को किस रचना के लिए "साहित्य अकादमी पुरस्कार" दिया गया है?

(a) आलोक पर्व

(b) अशोक के फूल

(c) विचार और वितर्क

(d) कुटज

मॉडल प्रश्न पत्र

विषय:- हिन्दी (ऐच्छिक)

(विषयनिष्ठ)

कक्षा -XII पूर्णाक - 40,

खण्ड "क" (अपठित बोध)

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 2+2+2=6

यह संतोष और गर्व की बात है कि देश वैज्ञानिक और औद्योगिक क्षेत्र में आशातीत प्रगति कर रहा है। विश्व के समृद्ध अर्थव्यवस्था वाले देशों से टक्कर ले रहा है और उनसे आगे निकल जाना चाहता है, किन्तु इस प्रगति के उजले पहलू के साथ एक धुंधला पहलू भी है, जिससे हम छुटकारा चाहते है। वह है नैतिकता का पहलू । यदि हमारे हृदय में सत्य, ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठा और मानवीय भावनाएँ नहीं है, देष के मान-सम्मान का ध्यान नहीं है, तो सारी प्रगति निरर्थक होगी। आज यह आम धारणा है कि बिना हथेली गर्म किए साधारण सा काम भी नहीं हो सकता। भ्रष्ट अधिकारियों और भ्रष्ट जनसेवकों में अपना घर भरने की होड़ लगी है। उन्हें न समाज की चिंता है, न देष की।

(क) देशवासियों के लिए गर्व की बात क्या है?

उत्तर : देशवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि देश वैज्ञानिक और औद्योगिक क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है।

(ख) देश की आशातीत प्रगति से जुड़ा धुंधला पक्ष क्या है?

उत्तर : हम नैतिकता से छुटकारा चाहते हैं यह देश की आशातीत प्रगति का धुंधला पक्ष है ।

(ग) नैतिक चरित्र से लेखक का क्या आशय है?

उत्तर : नैतिक चरित्र से लेखक का तात्पर्य सच्चाई, कर्तव्यनिष्ठा और मानवीय भावनाओं से है।

खण्ड "ख" ( रचनात्मक लेखन तथा अभिव्यक्ति और माध्यम)

2. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 5+5-10

(क) इंटरनेट: वरदान या अभिशाप विषय पर निबंध लिखिए ।

उत्तर :

प्रस्तावना-

इन्टरनेट के माध्यम से आमजन का जीवन आसान हो गया है क्योंकि इसके द्वारा हम बिना घर के बाहर गये ही अपना बिल जमा करना, फिल्म देखना, व्यापारिक लेन-देन करना, सामान खरीदना आदि काम कर सकते हैं। शब ये हमारे जीवन का खास हिस्सा बन चका है हम कह सकते हैं की इसके बिना हमें अपनी रोज़मर्रा के जीवन में बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

इंटरनेट से आशय-

इंटरनेट का आशय विश्व के करोड़ों कम्प्यूटरों को परस्पर जोड़ने वाला ऐसा 'अन्तर-संजाल' है जो क्षणभर में समस्त जानकारियाँ उपलब्ध करा देता है। यह कम्प्यूटरों एवं सेलफोनों द्वारा सूचना आदान-प्रदान की प्रणाली है। इसमें प्रत्येक इंटरनेट कम्प्यूटर 'होस्ट' कहलाता है और यह स्वतन्त्र रूप से डाउनलोड किया जाता है। अब नवीनतम स्मार्टफोनों के सहारे इंटरनेट और भी सुगम हो गया है।

इंटरनेट के प्रसार हेतु वेबसाइटों की संरचना, उनका रजिस्ट्रेशन, संचालन एवं डाउनलोड करने से सम्बन्धित विविध सॉफ्टवेयरों का निर्माण किया गया है। वस्तुतः वेबसाइटों के माध्यम से ही इंटरनेट का संजाल फैलाया जाता है। अब तो वीडियो, आडियो, गेम्स, डेस्कटॉप, वॉलपेपर, फोटोग्राफ, ई-बुक्स, जी-मेल आदि अनेक बातों का परिचालन इंटरनेट से हो रहा है। इंटरनेट का ब्राउजर ओपन करते ही पंजीकृत वेब के द्वारा मनचाही जानकारी क्षणभर में घर-बैठे ही मिल जाती है। 'इंटरनेट' या 'नेट' सूचना-संचार का तीव्र-प्रोसेसिंग माध्यम कहलाता है।

इंटरनेट से लाभ -

इंटरनेट से अनेक लाभ हैंपरस्पर विचार-विनिमय, सूचनाओं का आदान-प्रदान, ज्ञान-प्रसार एवं विविध मनोरंजन के साधन इससे प्राप्त हो जाते हैं। विद्यार्थियों की ज्ञान-वृद्धि में यह अतीव उपयोगी है। इससे अखबारों या प्रिन्ट मीडिया के समाचार पढ़ने, दुनियाभर की परिचर्चाओं में भाग लेने, पुस्तकों एवं व्यक्ति विशेष की जानकारी हासिल करने में सुविधा रहती है। इससे कुछ हानियाँ भी हैं, परन्तु इससे असीमित लाभ होने से यह अत्यधिक लोकप्रिय माध्यम है।

सदुपयोग की समझ -

इंटरनेट द्वारा व्यापारिक, शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं व्यक्तिगत सारे काम सध जाते हैं। परन्तु इससे वायरस, स्पाईवेयर तथा एडवेयर के कारण दुरुपयोग हो जाता है । अतः फ्री-डाउनलोड करने में सावधानी रखनी पड़ती है। विद्यार्थियों को इसका सदुपयोग ज्ञान-भण्डार की दृष्टि से करना चाहिए।

उपसंहार -

इंटरनेट का वर्तमान में तीव्रता से विकास हो रहा है। इसके द्वारा हम हमारे जीवन में कुछ सकारातमक कुछ तो नाकामात्म परिवर्तन हुए हैं। यह सूचना-संचार का चमत्कारी साधन है तथा सामाजिक-आर्थिक प्रगति में इसकी उपयोगिता अपरिहार्य बन गई है।

(ख) विद्यालय के पुस्तकालय में पाठ्यपुस्तक एवंम् अन्य पुस्तकों की उपलब्धता हेतु प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखें।

उत्तर :

सेवा में,

प्रधानाचार्य महोदय / प्रधानाचार्या महोदय/महोदया,

विद्यालय का नाम एवं पता

दिनांक : …………

विषय : पुस्तकालय में नयी पुस्तकें मंगवाने के लिए प्रार्थना-पत्र।

महोदय/महोदया,

सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय के .......... कक्षा का छात्र हूँ। मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि छात्रों के पढ़ने के लिए पुस्तकालय में पर्याप्त पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं। विद्यालय के पुस्तकालय में जीव विज्ञान, इतिहास, अंग्रेजी व्याकरण और प्रतियोगी परीक्षा पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं। इन सभी किताबों की कमी के कारण हमारी पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही है।

अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया इन पुस्तकों और नवीनतम संस्करण की पुस्तकों को पुस्तकालय में जल्द से जल्द उपलब्ध करानें की कृपा करें, ताकि हम छात्र-छात्राएँ पूरे पाठ्यक्रम को समय पर आसानी से पूरा कर सकें। आपके इस उचित कार्य के लिए हम सभी छात्र-छात्राएँ आपका अत्यंत आभारी रहेंगे।

सधन्यवाद!

आपका आज्ञाकारी छात्र

नाम :

कक्षा :

(ग) संचार एक प्रक्रिया है, कैसे ? संचार के तत्वों के माध्यम से स्पष्ट करें।

उत्तर : जब हम बोलकर, लिखकर या किसी अन्य माध्यम का इस्तेमाल करके किसी दुसरे व्यक्ति को जानकारी या सूचनाओं का प्रदान करते हैं, तो इसे Communication या संचार कहा जाता है। इस प्रक्रिया में विचारों और भावनाओं का सफल साझाकरण होता है। स्पष्ट और आसान शब्दों में कहें तो जानकारी, सन्देश, सूचना इत्यादि आदान प्रदान करने की प्रक्रिया ही संचार कहलाती है। इस परिभाषा से स्पष्ट हो जाता है की, केवल सूचनाओं के प्रसारण को ही संचार नहीं कहा जाता है। बल्कि सन्देश, जानकारी, विचार और भावनाओं का साझाकरण भी संचार ही कहलाता है।

संचार के प्रमुख तत्व : संचार लगातार चलने वाली यानिकी सतत प्रक्रिया है। इसमें प्रमुख रूप से तीन तत्व संचार प्रेषित करने वाला यानिकी प्रेषक, सन्देश और सन्देश प्राप्त करने वाला रिसीवर होते हैं। संचार प्रक्रिया में और भी तत्व शामिल होते हैं, इनके बारे में संक्षेप में हम नीचे बता रहे हैं।

1. संचारक या प्रेषक (Sender): Communication Process में प्रेषक या संचारक सन्देश भेजता है यही से संचार की प्रक्रिया शुरू होती है। यह संचार लिखकर, बोलकर, इशारों से या कुछ अन्य के माध्यम से भी हो सकता है।

2. विचार (Ideas):  इस प्रक्रिया में विचार से आशय संचार के विषय से है जो एक राय, दृष्टिकोण, भावनाएं, विचार, आदेश या सुझाव कुछ भी हो सकता है।  

3. संकेतीकरण (Encoding): संचारक या प्रेषक द्वारा सन्देश को सांकेतिक रूप से शब्दों, चित्रों, इशारों इत्यादि में कूटबद्ध किया जा सकता है ।

4. संचार का माध्यम (Communication Channel):  संचारक द्वारा संचार के माध्यम का इस्तेमाल संचार के लिए किया जाता है इसमें टेलीफोन, इन्टरनेट, पोस्ट, कूरियर, फैक्स, ईमेल इत्यादि शामिल हैं ।

5. प्राप्तकर्ता (Receiver): यह वह व्यक्ति होता है जो सन्देश प्राप्त करता है या जिसके लिए संचारक ने सन्देश भेजा है। रिसीवर को जब सन्देश प्राप्त हो जाता है तो वह उसे उचित परिप्रेक्ष्य में समझकर सन्देश के अनुसार कार्य करता है। तभी संचार का उद्देश्य सफल माना जाता है।

6. डिकोडिंग (Decoding): प्राप्तकर्ता उस सन्देश को समझने के लिए उसे अपनी समझ के अनुसार रूपांतरित करता है ताकि वह उसे अच्छी तरह से समझ कर उसका अर्थ निकाल सके। 

7. फीडबैक : एक बार जब रिसीवर ने प्रेषक को इस बात की पुष्टि दे दी की उसे उसका सन्देश मिल गया है और उसे वह समझ में आ गया है तो इस प्रकार से Communication Process पूर्ण हो जाता है।

खण्ड "ग" (पाठ्यपुस्तक)

3. निम्नलिखित में से किन्हीं एक काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- 05=05

(क) आह! वेदना मिली विदाई

मैंने भ्रम-वश जीवन संचित

मधुकरियों की भीख लुटाई ।

उत्तर :

प्रसंग - प्रस्तुत काव्यांश आधुनिक काल के मुख्य कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित पदों से संकलित है। 'देवसेना का गीत' जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित नाटक 'स्कन्द गुप्त' से लिया गया है। नाटक की नायिका देवसेना अपनी भावनाओं को दबा कर यह गीत पीड़ा में गाती है।

व्याख्या - आज जीवन के इस अंतिम समय में प्रेम निवेदन ठुकराना बहुत कष्ट देने वाला था। प्रेम के भ्रम में उसने अपनी जीवन भर की अभिलाषाओं को भीख की भांति लुटा दिया है। देवसेना के दु:ख से दुखी होकर यह शादी आंसू बहा रही है। वह जीवन के दुखों से लड़ते-लड़ते थक गई है। उसकी पूरी जीवन यात्रा में सिर्फ अकेलापन ही उसका एकमात्र साथी था।

विशेष - 1. देवसेना के जीवन का अकेलापन और उदासी साकार हो उठी है, उसकी पीड़ा गहरी है।

2. 'मधुकरियों की भीख' में रूपक अलंकार है।

3. भाषा तत्सम शब्दावली प्रधान हिंदी है।

4. कविता में संगीतात्मकता है।

(ख) साधु सभी गुर प्रभु निकट कहउँ सुथल सति भाउ ।

प्रेम प्रपंच कि झूठ फुर जानहिं मुनि रघुराउ ।

उत्तर :

प्रसंग-प्रस्तुत काव्यांश .अंतरा. (भाग-2) के .भरत-राम का प्रेम. नामक पाठ से संकलित है। इसके रचयिता गोस्वामी तुलसीदास है। उक्त पाठांश रामचरितमानस के अयोध्या कांड से समाकलित है यहाँ चित्रकूट में राम- भरत समाम के समय भारत की भावुकता का मार्मिक चित्रण वर्णित है।

व्याख्या-भरत कहते हैं-सज्जनों की इस सभा में गुरुदेव (वशिष्ठजी) और मेरे स्वामी श्रीराम उपस्थित हैं। यह स्थान (चित्रकूट) एक पवित्र तीर्थ है मैं इन सबके निकट पूर्ण सत्य भाव से कह रहा हूँ कि मेरा यह आचरण प्रेम है या प्रपंच (छल-कपट) झूठ है या सच। इसे तो केवल गुरुदेव (वशिष्ठ जी) और रघुकूल शिरोमणि श्री राम जी हो जानते हैं।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 3+3=6

(क) बनारस में वसंत का आगमन कैसे होता है और उसका क्या प्रभाव इस शहर पर पड़ता है?

उत्तर : कवि के अनुसार अचानक बनारस में वसंत का आगमन होता है। मुहल्लों के हर स्थान पर धूल का बवंडर बनने लगता है। इस कारण लोगों के मुंह में धूल छाई रहती है किर्किराहट लाभ होने लगता है। प्राय: वसंत में फूलों की बहार छा जाती है, सुंगध सारे वातावरण में व्याप्त हो जाती है। नए पत्ते और कोपलें होने की संभावना है। परंतु इस वसंत में ऐसा कुछ नहीं है। यहाँ तो बिल्कुल अलग तरह का वसंत आता है, जो धूल से भरा होता है। भिखारी के कटोरों के बीच बसंत उतरता दिखाई देता है। गंगा के घाट लोगों से भर जाते हैं। यहां तक ​​इस मौसम में बंदरों की आंखों की रोशनी दिखाई देती है।

(ख) जीयत - दषा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।

उत्तर : नागमति का पति परदेश गया हुआ है। पति की अनुपस्थिति उसे भयंकर लगती है। वह पति के वियोग में जल रही है। एक स्थान पर पति के वियोग से उत्पन्न विरह को उसने बाज़ रूप में चित्रित किया है। जिस तरह बाज़ अपने शिकार को नोच-नोचकर खा जाता है, वैसे ही विरह रूपी बाज़ नागमती को जीवित नोच-नोचकर खा रहा है। उसे लगता है, जैसे विरह रूपी बाज़ उसे अपना शिकार बनाने के लिए नज़र गड़ाए बैठा है। जो उचित अवसर मिलते ही उसे नोचने लगता है। जब तक यह बाज़ उसे पूर्ण रूप से खा नहीं लेगा, तब तक वह उसका पीछा नहीं छोड़ने वाला है। भाव यह है कि नागमति के लिए पति से अलग होने की स्थिति बहुत ही कष्टप्रद है। विरहग्नि इतनी उग्र होती जा रही है कि इसका विपरीत असर प्रत्यक्ष रूप में न दिखाई दे परन्तु अप्रत्यक्ष रूप में वह उसे लील रहा है। वह चाहकर भी स्वयं को सांत्वना नहीं दे पा रही है। बस इस अग्नि में अकेले जल रही है।

5. निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नो के उत्तर दीजिए:- 3+3=6

(क) लेखक का हिन्दी साहित्य के प्रति झुकाव किस तरह बढ़ता गया ।

उत्तर : लेखक के पिता हिंदी प्रेमी थे। इस कारण बचपन से ही हिंदी साहित्य के प्रति झुकाव रहा। जैसे-जैसे लेखक बड़ा हुआ, उसका झुकाव हिंदी साहित्य की तरफ बढ़ता गया। उसके पिता के पास भारत जीवन प्रेस की पुस्तके आती थीं। इसके अलावा वह केदारनाथ जी पाठक के हिंदी पुस्तकालय से पुस्तकें लाकर पढ़ने लगा। वह अपनी साहित्य मंडली के साथ हिंदी में बात करता और कविता रचना करने लगा। इस प्रकार वह हिंदी साहित्य के रस में डूबता चला गया।

(ख) लेखक ने धर्म का रहस्य जानने के लिए घड़ी के पूर्जे का दृष्टांत (उदाहरण) क्यों दिया है?

उत्तर : लेखक ने धर्म का रहस्य जानने के लिए घड़ी के पुर्ज़ें का दृष्टांत दिया है क्योंकि जिस तरह घड़ी की संरचना होती है, उसी प्रकार धर्म की सरंचना चुनें भी जटिल है। हर आदमी घड़ी को खोल सकता है परंतु उससे जुड़ना उसके लिए संभव नहीं है। वह प्रयास तो कर सकता है परन्तु नहीं है। उसे लगता है कि वह ऐसा कर ही नहीं सकता। ऐसे ही लोग बिना किसी धर्म को समझे, उसके जाल में उलझे रहते हैं क्योंकि उनके लिए धर्मगुरुओं ने इसे रहस्य बनाया है। वे इस रहस्य को जानने का प्रयास भी नहीं करते और धर्मगुरुओं के हाथ की कटपुतली बने रहते हैं। उनका मानना ​​है कि वे इसे समझने में असमर्थ हैं और केवल धर्मगुरुओं में ही इतना सामर्थ्य माना जाता है। लेखक ने घड़ी के माध्यम से इन बातों पर प्रकाश डाला है। वह कहता है कि दुकान का काम करने वाला अलग होता है और उसे ठीक करने वाला अलग होता है। वैसे ही आज के समाज में धर्म वाले अलग हैं और उनकी पहचान अलग-अलग हैं। ऐसे सामान्य सामान्य जन के लिए धर्म के कुछ नियम-कानून बनाते हैं। लोग बिना सोचे-समझे इसी में उलझे रहते हैं और इस तरह वे धर्मगुरुओं का पोषण करते रहते हैं। उन्हें धर्म के लिए सामान्य जन के लिए रहस्य जैसा बनाया गया है। घड़ी की विशेषता उसी रहस्य को मिलती है।

(ग) अमझर से आप क्या समझते हैं? अमझर गाँव में सूनापन क्यों है?

उत्तर : अमझर दो शब्दों से मिलकर बना हैः आम तथा झरना। इस आधार पर अमझर शब्द का अर्थ हुआ वह स्थान जहाँ आम झरते हों। जबसे यह घोषणा गाँव में पहुँची है कि अमरौली प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए नवागाँव के बहुत से गाँव को नष्ट कर दिया जाएगा। तबसे इस गाँव के आम के पेड़ों ने फलना-फूलना छोड़ दिया है। अमझर गाँव नवागाँव के क्षेत्रफल में आता है, तो उसे भी उजाड़ा जाएगा। यह सूचना मानो प्रकृति को भी पता चल गई है। अतः इस वजह से अमझर गाँव में सूनापन है।

6. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए-

(क) धनानंद के दो प्रमुख रचनाओं के नाम लिखें।

उत्तर : घनानंद की दो रचनाएँ हैं- ‘सुजान सागर’ तथा ‘आनंदघन जू की पदावली’।

(ख) पंडित चन्द्रधरा शर्मा गुलेरी की दो कहानियों का नाम लिखें।

उत्तर : सुखमय जीवन' और बुद्धू का कांटा

7. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए- 03

(क) तो हम सौ लाख बार बनाएँगे इस कथन के संदर्भ में सूरदास के चरित्र का विवेचना कीजिए ।

उत्तर : इस कथन को ध्यान से समझने पर हमें सूरदास के चरित्र की निम्नलिखित बातें सामने आती हैं।-

(क) दृढ़ निश्चयी- वह एक दृढ़ निश्चयी व्यक्ति है। रुपए के जल जाने की बात ने उसे कुछ समय के लिए दुखी तो किया परन्तु बच्चों की बातों ने जैसे उसे दोबारा खड़ा कर दिया। उसे अहसास हुआ कि परिश्रमी मनुष्य दोबारा खड़ा हो सकता है। उसने दृढ़ निश्चय से मुसीबतों का सामना करने की कसम खा ली। पछताना छोड़कर उसमें नई हिम्मत का समावेश हुआ।

(ख) परिश्रमी- वह भाग्य के भरोसे रहने वाला नहीं था। उसे स्वयं पर विश्वास था। अतः वह उठ खड़ा हुआ और परिश्रम करने के लिए तत्पर हो गया। उसने यही संदेश मिठुआ को भी दिया कि जितनी बार उसकी झोपड़ी जलेगी, वह उतनी बार उसे दोबारा खड़ा कर देगा।

(ग) बहादुर- सूरदास बेशक शारीरिक रूप से अपंग था परन्तु वह डरपोक नहीं था। मुसीबतों से सामना करना जानता था। इतने कठिन समय में भी वह स्वयं को बिना किसी सहारे के तुरंत संभाल सकता है। बहादुरी युद्ध के मैदान में नहीं देखी जाती है। जीवन रूपी युद्ध के मैदान में भी देखी जाती है। इसमें सूरदास बहादुर व्यक्ति था।

(ख) बच्चें का माँ का दूध पीना सिर्फ दूध पीना नहीं, माँ से बच्चे के सारे संबंधों का जीवन चरित्र होता है - टिप्पणी कीजिए ।

उत्तर : बच्चे का अपनी माँ से बहुत गहरा संबंध होता है। यह संबंध माँ की कोख में आने के साथ ही जुड़ जाता है। जब वह जन्म लेता है, तो माँ के दूध पर ही 6 महीने तक निर्भर रहता है। इस दूध को वह आगे 3 वर्षों तक और ग्रहण करता है। माँ अपने बच्चे को दूध पिलाते समय अपने आँचल की छाँव में रखती है। इससे माँ-बच्चे के मध्य संबंध सजीव हो उठता है। इस तरह दोनों एक-दूसरे के साथ जीवन के कई वर्ष बिताते हैं। बच्चा माँ के साथ ही रोता, हँसता, खेलता, खाता, पीता बड़ा होता है। माँ इन क्रियाओं से सुखी होती है। वह बच्चे पर अपनी ममता लुटाती है। वह बच्चे को अपनी ममता की छाँव के तले रखती है। बच्चा माँ के आँचल में दूध पीता हुआ अपनी माँ के स्पर्श तथा गरमाहट को महसूस करता है। वह बच्चे के लिए उसका पोषण करने वाली, मित्र तथा एक स्त्री होती है। माँ का दूध पीकर बच्चा मानव जीवन की सार्थकता को पूर्ण कर देता है।

8. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए- 02

(क) अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसा गिरा करता था। इसके क्या कारण हैं?

उत्तर : इस बात के बहुत से कारण हैं-

(क)  औद्योगिकरण ने पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है। इसके कारण पर्यावरण में भयंकर बदलाव देखने को मिले हैं। इसने जल, थल तथा भूमि प्रदूषण को बढ़ावा दिया है।

(ख) वायुमण्डल में कार्बन डाईऑक्साइड गैस की अधिकता के कारण भी मौसम पर प्रभाव पड़ रहा है। यह गर्म होती है, जिसके कारण वायुमण्डल और ओजन परत को नुकसान पहुँच रहा है।

(ग) पेड़ों की अत्यधिक कटाई के कारण भी मालवा धरती उज़डने लगी है।

(ख) पहाड़ों की चढ़ाई में भूप दादा का कोई जवाब नहीं। उनके चरित्र की विषेषताएँ बताईए ।

उत्तर : उनके चरित्र की विशेषताएँ इस प्रकार हैं।-

1. वह एक मेनहती व्यक्ति है। पहाड़ों पर रहते हुए उन्होंने कभी बाहर काम करने की नहीं सोची। उन्होंने अपने निवास स्थान पर ही मेहनत की। इसका परिणाम है कि उन्होंने भूकंप में सब समाप्त होने के बाद भी फिर खड़ा कर दिया।

2. वह दृढ़ निश्चय के मालिक है। उन्होंने सरल जिंदगी के स्थान पर मुश्किल जिंदगी जी और उससे कभी हार नहीं मानी।

3. वह एक स्वाभिमानी व्यक्ति है। अपने मुश्किल दिनों में उन्होंने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया बल्कि कठिन परिश्रम किया।

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