Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनें|

(i) प्रत्येक दिन के लिए भारत के मौसम मानचित्र का निर्माण कौन-सा विभाग करता है?

(क) विश्व मौसम संगठन

(ख) भारतीय मौसम विभाग

(ग) भारतीय सर्वेक्षण विभाग

(घ) इनमें से कोई नहीं।

 

(ii) उच्च एवं निम्न तापमानों में कौन-से द्रवों का प्रयोग किया जाता है?

(क) पारी एवं जल

(ख) जल एवं अल्कोहल ।

(ग) पारा एवं अल्कोहल

(घ) इनमें से कोई नहीं ।

 

(iii) समान दाब वाले स्थानों को जोड़ने वाली रेखाओं को क्या कहा जाता है?

(क) समदाब रेखाएँ

(ख) समवर्षा रेखाएँ

(ग) समताप रेखाएँ

(घ) आइसोहेल रेखाएँ।

 

(iv) मौसम पूर्वानुमान का प्राथमिक यन्त्र है

(क) तापमापी

(ख) दाबमापी

(ग) मानचित्र

(घ) मौसम चार्ट

 

(v) अगर वायु में आर्द्रता अधिक है, तब आई एवं शुष्क बल्ब के बीच पाठ्यांक का अन्तर होगा

(क) कम

(ख) अधिक

(ग) समान

(घ) इनमें से कोई नहीं

 

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें

(i) मौसम के मूल तत्त्व क्या हैं?

उत्तर-मौसम तत्त्वों के अन्तर्गत तापमान, वायुदाब, पवन, आर्द्रता तथा मेघों की दशाएँ सम्मिलित हैं। इन तत्त्वों के आधार पर वायुमण्डलीय दशाओं में कम समय अन्तराल पर परिवर्तन होता रहता है। इन्हीं तत्त्वों के आधार पर मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाता है।

(ii) मौसम चार्ट क्या है?

उत्तर-मौसम पूर्वानुमान के लिए मौसम चार्ट प्राथमिक यन्त्र है। ये विभिन्न वायुमण्डलीय दशाओं; जैसे-वायुराशियों, वायुदाब यन्त्रों, वाताग्रों तथा वर्षण को जानने एवं पहचानने में सहयोग करते हैं।

(iii) वर्ग 1 के वेधशालाओं में सामान्यतः कौन-सा यन्त्र मौसम परिघटनाओं को मापने के लिए होता है?

उत्तर-भारत में मौसम वेधशालाओं को उनके यन्त्रों तथा प्रतिदिन लिए गए प्रेक्षणों की संख्या के आधार पर पाँच वर्गों में विभाजित किया जाता है। इनमें उच्चतम वर्ग-1 की वेधशाला है। वर्ग-1 की वेधशाला में अग्रलिखित यन्त्रों द्वारा मौसम के तत्त्वों को मापन किया जाता है

1. अधिकतम एवं न्यूनतम तापमापी,

2. पनवेग तथा वात-दिग्दर्शी,

3. शुष्क एवं आर्द्र बल्ब तापमाण,

4. वर्षामापी तथा

5. वायुदाबमापी। |

(iv) समताप रेखाएँ क्या हैं?

उत्तर-मानचित्र पर समान तापमान वाले स्थानों को मिलाकर खींची गई रेखाएँ समताप रेखाएँ कहलाती हैं।

(v) निम्नलिखित को मौसम मानचित्र पर चिह्नित करने के लिए किस प्रकार के मौसम प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है?

(क) धुन्ध, (ख) सूर्य का प्रकाश, (ग) तड़ित, (घ) मेघों से ढका आकाश

उत्तर-

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 125 शब्दों में दें

(i) मौसम मानचित्रों एवं चार्टी को किस प्रकार तैयार किया जाता है तथा ये हमारे लिए कैसे उपयोगी हैं?

उत्तर–मौसम मानचित्र पृथ्वी या उसके किसी भाग का अल्प समय (एक दिन) के मौसमी परिघटनाओं का समतल धरातल पर प्रदर्शन है। इन मानचित्रों पर एक निश्चित दिन के विभिन्न मौसम तत्त्वों; जैसे—तापमान, वर्षा, सूर्य का प्रकाश, मेघमयता, वायु की दिशा एवं वेग, वायुदाब इत्यादि को दर्शाया जाता है। इनको तैयार करने में केन्द्रीय कार्यालय द्वारा प्राप्त सूचनाओं, अभिलेख, निर्धारित प्रतीक या चिह्न और मौसम मानचित्र विधियों का प्रयोग किया जाता है। अतः मौसम मानचित्र बनाने के लिए मौसम सम्बन्धी सूचनाओं और प्रतीकों का सम्यक् ज्ञान आवश्यक है। इन्हीं चिह्नों या प्रतीकों को विभिन्न स्थानों की सूचनाओं के साथ निर्धारित केन्द्रों पर अवस्थित किया जाता है। भारत में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना के बाद से

मौसम मानचित्र एवं चार्यों को नियमित रूप से तैयार किया जाता है। मौसम चार्ट में मौसम सम्बन्धी सूचनाओं एवं प्रतीकों को प्रदर्शित किया जाता है। इस चार्ट के माध्यम से कम स्थान पर मौसम सम्बन्धी अधिकतम सूचनाएँ प्राप्त हो जाती हैं। इनको तैयार करने में मानचित्र की आवश्यकता नहीं होती, केवल मौसम सूचनाओं को प्रतीकों द्वारा क्रमबद्ध रूप से संयोजन किया जाता है। मौसम मानचित्र एवं मौसम चार्ट सम्बन्धित स्थान की मौसम दशाओं को समझने में अत्यन्त उपयोगी हैं। इनके आधार पर निर्धारित स्थान की मौसम दशाओं के आधार पर कृषि एवं अन्य कार्यों की विशेष योजनाएँ तैयार की जा सकती हैं जो सामाजिक-आर्थिक विकास की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होती हैं।

मानचित्र पठन

प्रश्न 1. पाठ्य-पुस्तक चित्र 8.12 एवं 8.13 को पढे एवं निम्न प्रश्नों के उत्तर दें

(i) इन मानचित्रों में किन ऋतुओं को दर्शाया गया है?

उत्तर-मानचित्र 8.12 में शीत ऋतु (जनवरी माह) की दशाओं को तथा मानचित्र 8.13 में ग्रीष्म ऋतु (जुलाई माह) की दशाएँ दर्शाई गई हैं।

(ii) पाठ्य-पुस्तक चित्र 8.12 में अधिकतम समदाब रेखा का मान क्या है तथा यह देश के किस भाग से गुजर रही है?

उत्तर-पाठ्य-पुस्तक चित्र 8.12 में अधिकतम समदाब रेखा का मान ‘1020 है। यह देश के उत्तरी-पश्चिमी भाग (जम्मू-कश्मीर) से गुजरती है।

(iii) पाठ्य-पुस्तक चित्र 8.13 में सबसे अधिक एवं सबसे कम समदाब रेखाओं का मान क्या है। तथा ये कहाँ स्थित हैं?

उत्तर-पाठ्य-पुस्तक चित्र 8.13 में सबसे अधिक 1010 की समदाब रेखा दक्षिण-पश्चिम (केरल) भारत में तथा सबसे न्यून समदाब रेखा 997 उत्तर-पश्चिमी भारत (राजथान से जम्मू-कश्मीर के सीमान्त भाग) में स्थित है।

(iv) दोनों मानचित्रों में तापमान वितरण का प्रतिरूप क्या है?

उत्तर-पाठ्य-पुस्तक चित्र 8.12 में उत्तर की ओर तापमान घटता जाता है तथा चित्रे 8.13 में तापमान उत्तर एवं दक्षिण में अधिक है। (v) पाठ्य-पुस्तक चित्र 8.12 में किस भाग का अधिकतम औसत तापमान तथा न्यूनतम औसत तापमान आप देखते हैं? उत्तर-अधिकतम औसत तापमान दक्षिण भारत (25°C तमिलनाडु) में तथा न्यूनतम औसत तापमान (10°C जम्मू-कश्मीर) उत्तरी भारत में है।

(vi) दोनों मानचित्रों में आप तापमान वितरण एवं वायुदाब के बीच क्या सम्बन्ध देखते हैं?

उत्तर-तापमान बढ़ता है और वायुदाब कम होता जाता है।

परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. मौसम मानचित्र क्या है? इसका प्रकाशन किस प्रकार होता है?

उत्तर-मौसम मानचित्र

प्रायः किसी स्थान की एक समय-विशेष की वायुमण्डलीय दशाओं के योग को मौसम कहा जाता है। तापमान, वायुदाबे, आर्द्रता, वर्षा, पवनें तथा आकाशीय दशाएँ वायुमण्डल के प्रमुख अंग हैं, जिन्हें जलवायु या मौसम के प्रमुख तत्त्व कहा जाता है।

जिन मानचित्रों में मौसम-चिह्नों की सहायता से मौसम के विभिन्न तत्त्वों का प्रदर्शन किया जाता है, उन्हें मौसम मानचित्र कहा जाता है। मौसम मानचित्र की परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है-

मौसम मानचित्र उन मानचित्रों को कहते हैं जिनमें किसी क्षेत्र के निश्चित समय के तापमान, वायुदाब, पवन-संचार, वर्षा आदि के विवरण प्रकाशित किए गए हों।’ मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए इने मानचित्रों की विशेष सहायता ली जाती है।

मौसम मानचित्रों का प्रकाशन

मौसम मानचित्रों की उपयोगिता को देखते हुए भारत सरकार ने इनके नियमित प्रकाशन हेतु मौसम विज्ञान की स्थापना की है। इस विभाग का मुख्य कार्यालय पुणे (महाराष्ट्र) में है। उत्तरी भारत में मौसम निदेशालय (Directorate of Meteorology) की स्थापना लोधी रोड, नई दिल्ली में की गई है। इस विभाग द्वारा देश के विभिन्न भागों में स्थित वेधशालाओं से मौसम सम्बन्धी आँकड़े एवं विवरण प्राप्त किए जाते हैं, उन्हीं के आधार पर प्रतिदिन मौसम मानचित्रों की रचना की जाती है। मौसम मनिचित्रों में मौसम सम्बन्धी विवरण मौसम-चिह्नों की सहायता से प्रकाशित किए जाते हैं। यह विभाग मौसम मानचित्रों के साथ-साथ प्रतिदिन मौसम भविष्यवाणियों का रेडियो तथा दूरदर्शन से प्रसारण भी करता है।

प्रश्न 2. मौसम मानचित्रों में प्रयुक्त विभिन्न प्रकार के मौसम चिह्न या प्रतीक बनाइए।

> मौसम चिह्न क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मौसम चिह्नों को प्रदर्शित कीजिए।

उत्तर-मौसम चिह्न मौसम मानचित्रों में मौसम के विभिन्न विवरण दर्शाने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें मौसम चिह्न कहते हैं। चिह्नों के अभाव में मानचित्रों की उपयोगिता समाप्त हो जाती है। वस्तुतः मौसम मानचित्रों का अध्ययन अधूरा है। मौसम-चिह्नों का प्रयोग सर्वप्रथम एडमिरल ब्यूफोर्ट ने 1805 ई० में किया था। 1935 ई० में वारसा में सम्पन्न अन्तर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सम्मेलन ने इन चिह्नों को मान्यता प्रदान कर दी है। अब इनका प्रयोग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों में प्रकाशित होने वाले मौसम मानचित्रों में किया जाने लगा है। महत्त्वपूर्ण मौसम चिह्न अग्रांकित हैं-

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

मेघ दशाचिह

मेघ की दशाओं या मेघाच्छादन की मात्रा के चिह्न निम्नांकित चित्र 8.2 में दर्शाए गए हैं

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

ब्यूफोर्ट वायुगति चिह

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

प्रश्न 3. निम्नलिखित मौसम यन्त्रों का सचित्र वर्णन कीजिए

(i) तापमापी, (ii) वायुदाबमापी, (iii) वातदिग्दर्शी, (iv) पवन वेगमापी, (v) वर्षामापी।

उत्तर-

(i) तापमापी

किसी स्थान का तापमान थर्मामीटर द्वारा नापा जाता है। अधिकांश तापमापी संकीर्ण बन्द शीशे की नली के रूप में होते हैं, जिनके एक सिरे पर प्रसारित बल्ब होता है। नली के निचले भाग एवं बल्ब में तरल पदार्थ (जैसे—अल्कोहल या पारा) भरा होता है। तापमापी का बल्ब जो वायु के सम्पर्क में रहता है। तात्कालिक अवस्था के परिणामस्वरूप गर्म या ठण्डा होता है। गर्म होने पर पारा ऊपर की ओर चढ़ता है, जबकि ठण्डा होने पर नीचे की ओर गिरता है। शीशे की नली पर एक मापनी बनी होती है, जिससे तापमान पढ़ी जाता है। यह मापनी सेण्टीग्रेड तथा फॉरेनहाइट में तापमान बताती है।

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

वायु के तापमान को मापने के लिए उच्च तापमापी (चित्र 8.4) तथा निम्न तापमापी (चित्र 8.5) का उपयोग किया जाता है, जबकि वायु की आर्द्रता मापने के लिए शुष्क बल्ब एवं आर्द्र बल्ब तापमापी प्रयोग में लाई जाती है। इस तापमापी में दो भुजाएँ होती हैं जिनमें पारा भरा होता है। एक भुजा का निचला भाग पानी की बोतल में डूबा हुआ होता है तथा दूसरा शुष्क होने के कारण काँच की थैली के रूप में होता है (चित्र 8.6)।

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

(ii) वायुदाबमापी

वायुमण्डलीय दाब को मापने के लिए वायुदाबमापी का प्रयोग किया जाता है। ये विभिन्न प्रकार के होते हैं, पर सबसे अधिक पारद वायुदाबमापी, निद्रव वायुदाबमापी तथा वायुदाब लेखीयन्त्र का उपयोग किया जाता है। वायुदाब मापने की इकाई मिलीबार होती है। पारद वायुदाबमापी एक यथार्थ यन्त्र है। इसका उपयोग मानक के रूप में किया जाता है। निद्रव वायुदाबमापी को एनीरोइड बैरोमीटर भी कहा जाता है। यह शुष्क बैरोमीटर है। इसका आकार घड़ीनुमा होता है जिसे आसानी से जेब में रखकर कहीं भी ले जा सकते हैं।

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

यह धातु को बना डिब्बा होता है, जिसे वायु से खाली कर दिया जाता है। इसके अन्दर के भाग में सिंप्रग लगी होती है। ऊपर के भागमें एक डायल होता है जिस पर अंक अंकित होते हैं। मध्य भाग में एक बटन लगा होता है जिससे सुइयाँ सम्बन्धित होती हैं। यह सुई वायु के दबाव से प्रभावित होकर चलती है जिससे वायु को कम या अधिक वायुदाब ज्ञात होता है (चित्र 8.8)।।

(iii) वातदिग्दर्शी

इस यन्त्र द्वारा वायु की दिशा ज्ञात की जाती है। यह यन्त्र किसी ऊँचे स्थान पर जैसे किसी भवन की सबसे ऊपरी मंजिल पर लगाया जाता है। इस यन्त्र के ऊपरी भाग में लगे तीर की नोंक वायु दिशा का संकेत देती है। यन्त्र के निचले भाग में सूचक लोहे की छड़े लगी होती हैं। इन छड़ों की तुलना से तीर की नोंक की स्थिति का निरीक्षण करके वायु की दिशा ज्ञात करते हैं (चित्र 8.9)। वायुदिशा ज्ञात करने का एक अन्य यन्त्र भी होता है जिसमें ऊपर एक मुर्गा बना होता है, जो वायु की दिशा के साथ घूमता है। जिस ओर मुर्गे का मुँह होता है, उस दिशा को पढ़कर दिशा का ज्ञान हो जाता है। इस यन्त्र को वैदर कॉक कहते हैं (चित्र 8.10)।

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

(iv) पवनवेगमापी

वायु की गति मापने के लिए पवनवेगमापी (एनीमोमीटर) का प्रयोग किया जाता है। इस यन्त्र को खुले में किसी ऊँचे स्थान पर लगाते हैं। यह यन्त्र एक डिब्बे के अन्दर स्थित धुरी के रूप में होता है। इस धुरी के ऊपरी भाग में चार अर्द्धवृत्ताकार कटोरियाँ लगी होती हैं। वायु भर जाने पर ये कटोरी घूमती हैं तथा धुरी के निचले भाग द्वारा सम्बन्धित अंकित डायल पर मील या किमी प्रति घण्टा के रूप में वायु व्यक्त करती है (चित्र 8.11)।

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

(v) वर्षामापी

वर्षामापी द्वारा वर्षा का मापन किया जाता है। सामान्यतः यह एक धातु का बेलनाकार पात्र होता है, जिसमें एक कीप’ लगी होती है। इस कीप पर पड़ने वाली वर्षा की बूंदें पात्र के अन्दर रखी बोतल में एकत्र होती रहती हैं। इस प्रकार 24 घण्टे में होने वाली वर्षा को नापने वाले पात्र जिसमें इंच व सेमी के निशान बने होते हैं, डालकर वर्षा का मापन करते हैं (चित्र 8.12)।

प्रश्न 4. जनवरी के मौसम मानचित्र के आधार पर वायुमण्डलीय दशाओं का सचित्र वर्णन कीजिए।

उत्तर-जनवरी के मौसम मानचित्र का अध्ययन

(1) प्रारम्भिक सूचना :

यह दैनिक मौसम मानचित्र बुधवार, 1 जनवरी, 1986 ई० (पोष 11 शक, 1908) को भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार प्रात: 8.30 बजे (ग्रीनविच औसत समय-GMT 0300 बजे) की मौसम सम्बन्धी दशाओं को प्रदर्शित कर रहा है। इस मानचित्र में प्रातः 8.30 बजे मंगलवार 31 दिसम्बर से प्रातः 8.30 बजे बुधवार, 1 जनवरी तक अर्थात् पिछले 24 घण्टे की वर्षा की मात्रा एवं वायुदाब को दिखाया गया है।

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

(II) वायुमण्डलीय दबाव

प्रस्तुत मौसम मानचित्र के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि दक्षिणी भारत में 1014 मिबा से और पूर्वी भारत में 1016 मिबा से घिरे निम्न दाब के क्षेत्र से उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत की ओर वायुदाब बढ़ता चला गया है। अफगानिस्तान में यह 1024 मिबा हो गया है, जबकि उत्तरी राजस्थान में 1020 मिबा से घिरा उच्च दाब का क्षेत्र स्थापित है। अरब सागर में निकोबार द्वीपसमूह के पास 1010 मिबा से घिरा निम्न दाब का क्षेत्र उपस्थित है। H अक्षर द्वारा उत्तरी राजस्थान में उच्च वायुमण्डलीय दाब तथा L अक्षर द्वारा निकोबार द्वीपसमूह में निम्न वायुमण्डलीय दाब दर्शाया गया है।

1. समदाब रेखाओं की प्रवृत्ति-प्रस्तुत मानचित्र के अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि मानचित्र के उत्तर-पश्चिमी भाग की समदाबे रेखाएँ बहुत दूर-दूर हैं। पश्चिमी विक्षोभ, जो पहले उत्तरी पाकिस्तान और निकटवर्ती अफगानिस्तान में था, अब जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर गया है।

2. दाब प्रवणता-उत्तरी भारत में दक्षिणी भारत की अपेक्षा दाब प्रवणता बहुत कम है। समदाब रेखाओं को दूर-दूर होना दाबे प्रवणता की कमी को तथा पास-पास होना दाब प्रवणता की अधिकता को प्रदर्शित करता है।

(III) पवनें

मौसम मानचित्र में पवनों की दिशा एवं वेग पर उच्च और निम्न वायुदाब के क्षेत्रों की स्थिति तथा दाब प्रवणता का गहरा प्रभाव पड़ता है।

1. पवनों की दिशा-प्रस्तुत मानचित्र से यह स्पष्ट होता है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पछुवा पवनें चल रही हैं। उत्तर-पूर्वी भारत में उत्तर-पूर्व से पवनें चल रही हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उत्तर और उत्तर-पूर्व से तथा दक्षिणी भारत में उत्तर-पूर्व और उत्तर से पवनें चल रही

2. पवनों का वेग-समस्त उत्तरी भारत में पवनों का वेग 5 नॉट गति/घण्टा से कम है। उत्तर-पूर्व | और दक्षिणी भारत में स्थल पर वायु वेगे 5 नॉट प्रति घण्टा से लेकर 10 नॉट प्रति घण्टा तक है।

(IV) समुद्र की दशा

प्रस्तुत मानचित्र के अध्ययन से ज्ञात होता है कि दक्षिणी अरब सागर में कोचीन पत्तन के पश्चिम में सागर की स्थिति सामान्य तरंगित है, जबकि मिनीकॉय द्वीप के पास क्षुब्ध सागर दिखाया गया है।

(V) आकाश की दशा

1. देश के विभिन्न भागों में आकाश की दशा निर्मल आकाश से लेकर पूर्ण मेघाच्छादन तक है। मेघरहित आकाश बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दक्षिणी मध्य प्रदेश, दक्षिणी गुजरात और तमिलनाडु में पाया जाता है। जम्मू-कश्मीर में 7/8 आकाश; हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में आधे से 3/4 भाग तक आकाश बादलों से आच्छादित है।

मानचित्र में सभी मेघ निम्न ऊँचाई वाले हैं।

2. अन्य वायुमण्डलीय दशाएँ-प्रस्तुत मानचित्र के दिल्ली, ग्वालियर, इलाहाबाद, डाल्टनगंज, सिलचर, इम्फाल, कोलकाता, आसनसोल, भोपाल, इन्दौर, रायपुर, नागपुर, विशाखपट्टनम, बंगलुरु, मुम्बई, नासिक, कोच्चि और तिरुवनन्तपुरम नगरों में धुन्ध छाई हुई है। लखनऊ, गोरखपुर, गोहाटी और हैदराबाद नगरों के आस-पास में कोहरा प्रदर्शित किया गया है।

(VI) वर्षण

देश के किसी भी भाग में पिछले 24 घण्टों में वर्षा नहीं हुई तथा न ही हिमपात हुआ है।

(VII) न्यूनतम ताप का प्रसामान्य ताप से विचलन

न्यूनतम ताप का प्रसामान्य ताप से विचलन का अर्थ है किसी स्थान पर किसी तिथि का न्यूनतम तापमान उसी स्थान के उसी तिथि के पिछले 30 वर्षों के औसत न्यूनतम ताप (सामान्य न्यूनतम तापमान) से कितने अंश सेल्सियस अधिक या कम है। इसे समान विचलन वाले स्थानों को मिलाकर खींची गई सम विचलन रेखाओं द्वारा प्रदर्शित करते हैं (देखिए चित्र 8.14)।

* 1 नॉट = 1.84 किमी।

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

इस मानचित्र में उत्तरी ओडिशा, बिहार के मैदान और जम्मू में रात्रि का तापमान प्रसामान्य से 4° से लेकर 5° सेल्सियस तक कम है। कुछ भागों में तापमान की यह कमी 2° से लेकर 3° सेल्सियस तक है। प्रायद्वीपीय भारत में कोरोमण्डल तट के साथ और वहाँ से भीतर की ओर बढ़े हुए भाग में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2° सेल्सियस तक अधिक है।

(VIII) अधिकतम ताप का सामान्य ताप से विचलन

किसी भी स्थान के 30 या अधिक वर्षों के तापमान का औसत वहाँ का सामान्य (Normal) तापमान होता है। अधिकतम तापमान का सामान्य से विचलने किसी स्थान के किसी तिथि के अधिकतम तापमान का उसी स्थान के उसी तिथि के पिछले लगभग 30 वर्षों के औसत अधिकतम तापमान से अन्तर को प्रकट करता है। अधिकतम तापमान उस तिथि के औसत अधिकतम तापमान से अधिक भी हो सकता है और कम भी। कम को ऋणात्मक चिह्न (-) से और अधिक को धनात्मक चिह्न (+) से प्रदर्शित करते हैं (देखिए चित्र 8.15)

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

इस मानचित्र के उत्तरी भाग में अधिकतम तापमान सामान्य से 2 से 4° सेल्सियस तक नीचे कित किया गया है तथा नेपाल में 6° सेल्सियस तक नीचे है। प्रायद्वीपीय भारत में तटों पर सामान्य से लेकर . भीतरी भाग में 2° सेल्सियस तापमान अधिक पाया जाता है।

अगले 24 घण्टे का पूर्वानुमान

प्रस्तुत मौसम-मानचित्र के अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखण्ड की उत्तरी पहाड़ियों में व्यापक रूप से हिमपात और वर्षा होने की सम्भावनाएँ हैं। अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, तटीय तमिलनाडु, दक्षिणी केरल और लक्षद्वीप में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है तथा तेज पवनों के साथ झंझावात आने की प्रबल सम्भावना है।

मौखिक परीक्षा के लिए प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. मौसम विज्ञान किसे कहते हैं?

उत्तर-मौसम की विभिन्न दशाओं एवं उनसे सम्बन्धित लक्षणों का अध्ययन करने वाले शास्त्र को मौसम-विज्ञान कहते हैं।

प्रश्न 2. मौसम क्या है?

उत्तर-किसी स्थान-विशेष की अल्पकालीन वायुमण्डलीय दशाओं; जैसे–तापमान, वर्षा, वायु वेग एवं दिशा, ओला, कोहरा, ओस आदि को मौसम कहते हैं।

प्रश्न 3. मौसम के प्रमुख तत्त्व कौन-कौन से हैं?

उत्तर-तापमान, वायुदाब, वायु-दिशा एवं गति, वर्षा तथा आर्द्रता आदि मौसम के प्रमुख तत्त्व हैं।

प्रश्न 4. तापमान किस यन्त्र से नापा जाता है?

उत्तर-तापमान को तापमापी (थर्मामीटर) नामक यन्त्र से नापा जाता है।

प्रश्न 5. तापमापी कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर-तापमापी तीन प्रकार के होते हैं

1. साधारण तापमापी,

2. उच्चतम न्यूनतम तापमापी एवं

3. आर्द्र एवं शुष्क बल्ब तापमापी।

प्रश्न 6. आर्द्रता किस यन्त्र से ज्ञात की जाती है?

उत्तर-आर्द्रता, आर्द्र एवं शुष्क बल्ब तापमापी द्वारा ज्ञात की जाती है।

प्रश्न 7. बैरोमीटर क्या है?

उत्तर-बैरोमीटर, वायुमण्डल का वायुदाब नापने का यन्त्र है।

प्रश्न 8. बैरोमीटर कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर-बैरोमीटर तीन प्रकार के होते हैं

1. साधारण बैरोमीटर,

2. फोर्टिन बैरोमीटर एवं

3. एनीरोइड बैरोमीटर।

प्रश्न 9. बैरोमीटर का उपयोग बताइए।

उत्तर बैरोमीटर का उपयोग निम्नलिखित तथ्यों को ज्ञात करने के लिए किया जाता है

1. वायुदाब की माप,

2. आगामी मौसम का ज्ञान,

3. ऊँचाई का ज्ञान एवं

4. तापमान का अनुमान।

प्रश्न 10. वर्षा किस यन्त्र से नापी जाती है?

उत्तर-वर्षा, वर्षामापी यन्त्र द्वारा नापी जाती है।

प्रश्न 11. वायु दिक्सूचक क्या है?

उत्तर-वायु दिक्सूचक द्वारा वायु के चलने की दिशा का ज्ञान प्राप्त होता है। प्रश्न 12. पवन वेगमापी क्या है? उत्तर-पवन की गति ज्ञात करने वाले यन्त्र को पवन वेगमापी यन्त्र कहते हैं।

प्रश्न 12. सामान्य तापमान का क्या अर्थ है?

उत्तर-सामान्य तापमान लगभग 30-35 वर्षों का औसत तापमान होता है।

प्रश्न 13. अधिकतम तापमान का प्रसामान्य से विचलन किसे कहते हैं?

उत्तर-किसी स्थान पर किसी तिथि के अधिकतम तापमान को उस स्थान के औसत अधिकतम तापमान से अन्तर को प्रसामान्य से विचलन कहते हैं। यह धनात्मक (+) अथवा ऋणात्मक (-) दोनों ही हो सकते हैं।

प्रश्न 14. मौसम मानचित्रों में H और I. अक्षरों से क्या प्रकट होता है?

उत्तर-मौसम मानचित्रों में H अक्षर उच्च दाब और L अक्षर निम्न दाब को प्रकट करता है।

प्रश्न 15. NLM का क्या अर्थ है?

उत्तर-NLM का अर्थ मानसून की उत्तरी सीमा है। इसे प्रकट करने के लिए जुलाई के मानचित्र में दोहरी खण्डित रेखाओं का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 16. IST से क्या अभिप्राय है?

उत्तर-भारतीय मानक समय को संक्षेप में IST कहते हैं।

प्रश्न 17. GMT का क्या अभिप्राय है?

उत्तर-ग्रीनविच औसत समय GMT कहलाता है।

प्रश्न 18. भारतीय मौसम विभाग का मुख्यालय कहाँ है?

उत्तर-भारतीय मौसम विभाग का मुख्यालय पुणे में स्थित है।

प्रश्न 19. मौसम चिह्नों का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया था?

उत्तर-मौसम चिह्नों का सर्वप्रथम प्रयोग एडमिरल ब्यूफोर्ट (1805) ने किया था।

प्रश्न 20. तापमान मापने की कौन-कौन सी इकाइयाँ हैं?

उत्तर-तापमान को फारेनहाइट, सेण्टीग्रेड तथा यूमर में मापा जाता है। इन इकाइयों को निम्नलिखित सूत्र से एक-दूसरे में परिवर्तित कर सकते हैं –

Class 11th 8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (Weather Instruments Maps and Charts)

Post a Comment

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare