झारखण्ड का प्राचीन इतिहास (Ancient History of Jharkhand)
झारखण्ड का प्राचीन इतिहास (Ancient History of Jharkhand) झारखण्ड
का प्राचीन इतिहास झारखण्ड का नामकरण >
झारखण्ड दो शब्दों से मिलकर बना है। झार एवं खण्ड से, जिसका क्रमशः शाब्दिक अर्थ वन
तथा भू-भाग से है। इस प्रकार झारखण्ड का शाब्दिक अर्थ वन प्रदेश है। >
झारखण्ड क्षेत्र का प्रथम साहित्यिक उल्लेख ऐतरेय ब्राह्मण में मिलता है, जिसमें इस
क्षेत्र का उल्लेख पुण्ड या पुण्ड् नाम से किया गया है। >
वायुपुराण में इस क्षेत्र को मुरण्ड, विष्णुपुराण में मुण्ड तथा भागवतपुराण में किक्कट
प्रदेश कहा गया है। >
महाभारत के दिग्विजय पर्व में इस क्षेत्र को पुण्डरीक देश कहा गया है। >
प्रथम बार झारखण्ड शब्द का प्रयोग 13वीं शताब्दी के एक ताम्रपत्र में किया गया है। >
मलिक मोहम्मद जायसी के ग्रन्थ पद्मावत व कबीरदास के दोहों में भी झारखण्ड शब्द का प्रयोग
किया गया है। ऐतिहासिक स्रोत > झारखण्ड के इतिहास तथा संस्कृति की विस्तृत जानकारी
के लिए प्रागैतिहासिक काल से आधुनिक काल तक इस राज्य की मानवीय
सभ्यता व संस्कृति के उद्भव के लिए पुरातात्त्विक व साहित्यिक स्रोत के पर्याप्त
साक्ष्य प्राप्त हैं। >
झारखण्ड जनजातियों एवं उनकी संस्कृति के उद्भव एवं विकास का
प्रमुख स्थल…