झारखण्ड
का जनांकिकीय परिचय
जनसंख्या
वितरण
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जनगणना 2011 के अंतिम आंकड़ों के अनुसार झारखण्ड की कुल जनसंख्या 3,29,88,134 है,
जिसमें 1,69,30,315 पुरुष और 1,60,57,819 महिलाएं शामिल हैं।
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झारखण्ड की कुल जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या 2,50,55,073 है, जिसमें 1,27,76,486
पुरुष और 1,22,78,587 महिलाएं हैं। जबकि शहरी जनसंख्या 79,33,061 है, जिसमें
41,53,829 पुरुष और 37,79,232 महिलाएं हैं।
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प्रदेश की कुल जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या 75.95% है, तथा शहरी जनसंख्या 24.05%
है।
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झारखण्ड में 0-6 वर्ष आयु वर्ग की कुल जनसंख्या 53,89,495 है जिसमें से 27,67,147
बालक एवं 26,22,348 बालिकाएं हैं।
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जनसंख्या की दृष्टि से झारखण्ड का भारत में 13वां स्थान है।
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झारखण्ड के सभी जिलों में राँची की जनसंख्या (29,14,253) सबसे अधिक है। इसके बाद
क्रमशः धनबाद (26,84,487), गिरिडीह (24,45,4,4) तथा पूर्वी सिंहभूम (22,93,919)
आदि जिले हैं।
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जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा जिला लोहरदगा (4,61,790) है। इसके ऊपर क्रमशः
खूटी (5,31,885), सिमडेगा (5,99,578) तथा कोडरमा (7,16,259) आदि जिले हैं।
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राज्य में आठ जिलों में 10 लाख से कम आबादी है।
जनसंख्या
वृद्धि
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दर जनगणना 2011 में झारखण्ड की दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर 22.4% है जबकि 2001 की
जनगणना में यह 23.19% थी।
लिंगानुपात
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जनगणना
2011 के अनुसार, राज्य का लिंगानुपात 949 है, जो वर्ष 2001 में 941 था। वर्ष 2011 में
लिंगानुपात में पिछली जनगणना के अनुसार, 8 व्यक्ति प्रति हजार की वृद्धि हुई है।
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राज्य
में पश्चिमी सिंहभूम जिले का लिंगानुपात सर्वाधिक (1,005) है तथा सबसे कम लिंगानुपात
वाला जिला धनबाद (909) है।
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झारखण्ड
का एकमात्र जिला पश्चिमी सिंहभूम है, जहाँ लिंगानुपात धनात्मक है अर्थात् यहाँ पुरुषों
की तुलना में महिलाएँ अधिक हैं।
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लिंगानुपात में झारखण्ड का स्थान देश के सभी 36 राज्यों / संघशासित क्षेत्रों में
घटते क्रम में 17वाँ तथा शिशु लिंगानुपात में 12वाँ है।
सर्वाधिक
लिंगानुपात वाले पाँच जिले
जिले |
लिंगानुपात |
पश्चिमी
सिंहभूम |
1,005 |
सिमडेगा |
997 |
खूँटी |
997 |
गुमला |
993 |
पाकुड़ |
989 |
न्यूनतम
लिंगानुपात वाले पाँच जिले
जिले |
लिंगानुपात |
धनबाद |
909 |
रामगढ़ |
921 |
बोकारो |
922 |
देवघर |
925 |
पलामू |
928 |
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प्रति हजार पुरुषों में स्त्रियों की संख्या को लिंगानुपात कहा जाता है।
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जनगणना 2001 के अनुसार राज्य का लिंगानुपात 941 था अर्थात् 1000 पुरुषों पर 941 महिलाएं
थीं।
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2011 की जनगणना में यह लिंगानुपात बढ़कर 948 हो गया।
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राज्य में पश्चिमी सिंहभूम जिला का लिंगानुपात सर्वाधिक 1005 है। इसके बाद
सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला सिमडेगा (997) तथा खूटी (997) है। जबकि राज्य में
सबसे कम लिंगानुपात धनबाद (909) जिला में हैं। इसके पूर्ववर्ती जिले क्रमशः रामगढ़
(921) तथा बोकारो (922) हैं।
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राज्य में एकमात्र जिला पश्चिमी सिंहभूम है जहाँ लिंगानुपात धनात्मक है अर्थात्
यहाँ पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक हैं।
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झारखण्ड में चार जिले (हजारीबाग, पलामू, गिरीडीह एवं कोडरमा) ऐसे हैं, जहाँ जनगणना
2001 की तुलना में जनगणना 2011 में लिंगानुपात में कमी आई है।
जनसंख्या
घनत्व
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देश का जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। यह झारखण्ड के जनसंख्या
घनत्व से 32 कम है।
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जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से राज्य का भारत में 14वाँ स्थान है (राज्य एवं
संघशासित प्रदेश में ) ।
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प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में निवास करने वाले कुल व्यक्तियों की औसत संख्या को
जनसंख्या घनत्व कहा जाता है।
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जनगणना 2011 में झारखण्ड का जनसंख्या घनत्व 414 है, जबकि जनगणना 2001 में यह 338
था।
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जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से राज्य का भारत में 14वां स्थान (राज्य व केन्द्रशसित
प्रदेशों में) है।
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बीते एक दशक में प्रदेश में जनसंख्या का दबाव प्रति वर्ग किलोमीटर में 76 जन बढ़ा
है।
साक्षरता
दर
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7 वर्ष और उससे अधिक आयु का व्यक्ति, जो किसी भाषा को समझ सकता हो, उसे लिख या पढ़
सकता हो, साक्षर कहलाता है।
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2011 की जनगणना के अनुसार झारखण्ड की साक्षरता दर 66.41% है, जिसमें 76.8% पुरुष तथा
55.4% महिलाएं साक्षर हैं।
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राँची जिले की साक्षरता दर सबसे अधिक 76.19% है, इसके बाद पूर्वी सिंहभूम (75.5%) तथा
धनबाद (74.5%) का स्थान है।
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राज्य का सबसे कम साक्षरता दर वाला जिला पाकुड़ है, जहाँ मात्र 48.8% व्यक्ति साक्षर
हैं। इसके बाद साहेबगंज (52.0%) तथा गोड्डा (56.4%) का स्थान आता है।
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देश के 36 राज्यों / संघशासित क्षेत्रों में साक्षरता दर के
सन्दर्भ में अवरोही क्रम में झारखण्ड का 32वाँ स्थान है।
सर्वाधिक
साक्षरता वाले पाँच जिले
जिले |
साक्षरता (% में) |
रांची |
76.06 |
पश्चिमी
सिंहभूम |
75.99 |
धनबाद |
74.51 |
रामगढ़ |
73.17 |
बोकारो |
72.01 |
न्यूनतम
साक्षरता वाले पाँच जिले
जिले |
साक्षरता (% में) |
पाकुड़ |
48.82 |
साहेबगंज |
52.04 |
गोड्डा |
56.40 |
पश्चिमी
सिंहभूम |
58.63 |
लातेहार |
59.51 |
शिशु
जनसंख्या
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वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, झारखण्ड में 0-6 वर्ष आयु वर्ग के शिशुओं की कुल
जनसंख्या 53,89,495 है। इसमें बालक शिशुओं की संख्या 27,67,147 तथा बालिका शिशुओं
की संख्या 26,22,348 है।
सर्वाधिक
शिशु जनसंख्या वाले पाँच जिले
जिले |
शिशु जनसंख्या |
गिरिडीह |
4,60,251 |
रांची
|
4,01,214 |
धनबाद |
3,73,394 |
पलामू |
3,29,728 |
पूर्वी
सिंहभूम |
2,96,626 |
न्यूनतम
शिशु जनसंख्या वाले पाँच जिले
जिले |
शिशु जनसंख्या |
लोहरदगा |
77,649 |
खूँटी |
86,292 |
सिमडेगा |
94,414 |
जामताड़ा |
1,30,993 |
कोडरमा |
1,32,375 |
नगरीय
जनसंख्या
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झारखण्ड राज्य की कुल जनसंख्या का 24% नगरीय क्षेत्रों में निवास करता है।
सर्वाधिक
नगरीकृत प्रतिशत वाले पाँच जिले
जिले |
नगरीकरण (% में) |
धनबाद |
58.13 |
पूर्वी
सिंहभूम |
55.56 |
बोकारो |
47.70 |
रामगढ़ |
44.13 |
रांची |
43.14 |
न्यूनतम
नगरीकृत प्रतिशत वाले पाँच जिले
जिले |
नगरीकरण (% में) |
गोड्डा |
4.90 |
गढ़वा |
5.27 |
चतरा |
6.04 |
गुमला |
6.35 |
दुमका |
6.82 |
अनुसूचित
जनजाति जनसंख्या
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झारखण्ड में कुल अनुसूचित जनजातियों की संख्या 86,45,042 है, जो राज्य की कुल जनसंख्या
का 26.12% है।
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झारखण्ड के गठन के बाद कोल और कवर समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर लिया गया
है।
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रांची जनजातीय जनसंख्या की दृष्टि से प्रथम स्थान पर है।
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राज्य की कुल जनसंख्या में जनजातीय जनसंख्या के अनुपात की दृष्टि से खूँटी जिला प्रथम
स्थान पर (73.25%) है।
>
झारखण्ड में जनसंख्या की दृष्टि से सन्थाल, उराँव तथा मुण्डा जनजाति क्रमशः पहले, दूसरे
और तीसरे स्थान पर हैं।
अनुसूचित
जाति जनसंख्या
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वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में अनुसूचित जातियों की कुल संख्या
39,85,644 है, जो राज्य की कुल जनसंख्या का 12.1% है।
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अनुसूचित जातियों की जनसंख्या की दृष्टि से पलामू प्रथम स्थान पर है। कुल जनसंख्या
में अनुसूचित जाति की जनसंख्या अनुपात के दृष्टिकोण से चतरा प्रथम स्थान पर
(32.65%) है।
धर्म
आधारित जनगणना 2011
धार्मिक समुदाय |
जनसंख्या % में |
हिन्दू |
67.83 |
मुस्लिम |
14.53 |
ईसाई
|
4.30 |
सिख |
0.22 |
जैन |
0.05 |
बौद्ध |
0.03 |
अन्य |
12.84 |
जनगणना 2011 अन्तिम आँकड़े