झारखण्ड की मृदा (Soil of Jharkhand)

झारखण्ड की मृदा (Soil of Jharkhand)
झारखण्ड की मृदा (Soil of Jharkhand)
झारखण्ड की मृदा > सम्पूर्ण झारखण्ड का पठारी भू-भाग नीस एवं ग्रेनाइट चट्टानों की आधारभूत संरचना से निर्मित है। यहाँ पाए जाने वाली मृदा खनिज और चट्टानों के लम्बे समय में अपक्षय से बनती है। इन चट्टानों के निरन्तर अनावृत्तिकरण के कारण ही प्रदेश में लाल मृदा का निर्माण हुआ। सम्पूर्ण दामोदर नदी घाटी क्षेत्र में हल्की बालुआ मृदा का विस्तार है, वहीं राज्य के पाट क्षेत्रों में लैटेराइट एवं राजमहल पहाड़ी क्षेत्र में बेसाल्ट चट्टान युक्त काली मृदा विस्तृत है । झारखण्ड में मृदा का वर्गीकरण > झारखण्ड में मृदा के निम्नलिखित प्रकार हैं लाल मृदा > राज्य के सर्वाधिक भू-भाग पर लाल मृदा का विस्तार पाया जाता है। यह मृदा छोटानागपुर के लगभग 90% भाग में पाई जाती है। > इसका सर्वोत्तम विकास आर्कियन काल की चट्टानों, प्रमुखतः आर्कियन, ग्रेनाइट एवं नीस के क्षेत्रों में हुआ है। यह मृदा इन चट्टानों के अवशेषों से बनती है। > इसमें जल ग्रहण करने की क्षमता कम पाई जाती है, साथ ही मैग्नीशियम, नाइट्रोजन, फॉस्फेट तथा ह्यूमस के अंश कम पाए जाते हैं। > लाल मृदा मुख्य रूप से उच्च भूमि (टाण्ड) में पाई जाती है। ऊँचाई …