Textbook Questions and Answers
Thinking about the Play :
1. How genuine is the love that Manjula expresses for her
sister?
वह
प्रेम कितना वास्तविक है जो मंजुला अपनी बहन के प्रति व्यक्त करती है?
Answer
: In 'Broken Images', Girish Karnad has expressed his feelings of
parental stories - but recently she has published a novel which becomes best
seller across the world. She gets name, fame and money.
The
play is set in a studio where Manjula has come to address the audience before
the telefilm of the same novel. The audience get the primary knowledge of her
family and personal life. Gradually, the audience come to know that the love
she portrays for her sister is more of a farce.
The
audience come to know that Malini, her sister, is physically disabled girl. She
was center of attention to her parents as well as in her husband's eyes.
Malini's wit, intellect, English speaking ability and liveliness overshadowed
Manjula so much that after Malini's death, she stole her ideas and wrote this
novel based on Malini's ideas.
The
novel has elevated her status now. The image forces her to accept the reality
of her love towards Malini. Thus, it is evident that though she has a sense of
love to Malini yet Manjula is not genuine in showing her love to Malini.
'ब्रोकन
इमेजिज' में, गिरीश कर्नाड ने माता-पिता द्वारा तिरस्कृत, मनोवैज्ञानिक प्रकटीकरण और
भाई-बहनों में प्रतिद्वन्द्व, धन की स्वतः अभिव्यक्ति आदि को प्रदर्शित किया है। मंजला
नायिका है जो कि कन्नड़ भाषा में लेखिका है। वह लघु कहानियाँ लिखती है लेकिन हाल ही
में उसने एक उपन्यास प्रकाशित किया है जो कि पूरे संसार में सर्वश्रेष्ठ बिकने वाला
उपन्यास है।
उसे
नाम, यश और धन प्राप्त होता है। नाटक एक स्टूडियो में सैट किया गया है जहाँ पर मंजुला
इसी नाम की टेलीफिल्म से पूर्व दर्शकों को सम्बोधित करती है। दर्शकों को उसके परिवार
एवं उसके व्यक्तिगत जीवन की प्रारम्भिक जानकारी प्राप्त होती है। धीरे-धीरे दर्शकों
को पता चलता है कि जो प्रेम वह अपनी बहिन के लिए प्रदर्शित करती है, वह बनावटी है।
दर्शकों
को पता चलता है कि उसकी बहिन मालिनी शारीरिक रूप से दिव्यांग है। वह अपने माता-पिता
और उसके पति की आँखों का ध्यान देने का केन्द्र है। मालिनी की बुद्धि, चातुर्य, अंग्रेजी
बोलने की योग्यता और सजीवता मंजुला को इतना ढंक देती है कि मालिनी की मृत्यु के बाद,
उसने मालिनी के विचारों को चुरा लिया और मालिनी के विचारों पर आधारित यह उपन्यास लिखा।
इस उपन्यास ने उसके स्तर को ऊँचा उठा दिया है। छवि उसे मालिनी के प्रति उसके प्रेम
की वास्तविकता को स्वीकार करने के लिए बाध्य करती है। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि यद्यपि
वह मालिनी से प्रेम करती है, लेकिन फिर भी मंजुला मालिनी के प्रति अपने प्रेम में वास्तविक
नहीं है।
2. The sister does not appear in the play but is central to
it. What picture of her is built in your mind from references in the play?
बहन
नाटक में दिखाई नहीं देती है लेकिन वह नाटक का केन्द्र बिन्दु है । नाटक में उसके सन्दर्भो
से आपके मस्तिष्क में उसकी क्या छवि बनती है ?
Answer
: It is true that Manjula's sister Malini does not appear in the play but
she is the central character of the play. Karnad has beautifully dealt with the
psychological attitude of Manjula. Initially, we have a sympathetic feeling for
her but by the end of the play, so many shades of her character are displayed
that the audience are left to wonder whether her love for Malini is natural or
artificial.
Malini
is a helpless girl dependent on her family entirely. Through the conversation
between Manjula and the image it is depicted that Malini was lively and strong
in her moral values. Her intellect, wit and livelihood is sufficient to attract
the attention of everyone towards her. Even Pramod, Manjula's husband, loves
her more than Manjula's herself.
Because
of her sister's brilliance, Manjula lives in her shadow. Manjula speaks the
idea and intelligence of her sister. Manjula publishes her novel which is
entirely based on Malini's ideas which gives her name, fame and money. Manjula
becomes so popular that she does not need to write another novel. In this way,
the playwright has developed the character of Malini to her highest point.
यह
सत्य है कि मंजुला की बहन मालिनी नाटक में दिखाई नहीं देती है लेकिन वह नाटक का केन्द्रीय
पात्र है। कर्नाड ने मंजुला के मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण को अत्यन्त शानदार तरीके से
प्रस्तुत किया है। प्रारम्भिक रूप से, उसके प्रति हमारा सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण होता
है, लेकिन नाटक का अन्त आते-आते उसके चरित्र के इतने ज्यादा रंग प्रदर्शित हो जाते
हैं कि दर्शकों को आश्चर्य करने के लिए छोड़ दिया जाता है कि उसका मालिनी के लिए प्रेम
वास्तविक है अथवा बनावटी। मालिनी असहाय लड़की है जो पूरी तरह से अपने परिवार पर निर्भर
है।
मंजुला
और छवि के बीच की बातचीत से यह प्रदर्शित किया जाता है कि मालिनी अपने नैतिक मूल्यों
में अत्यन्त सजीव थी। उसकी बुद्धिमानी, चातुर्य और सजीवता प्रत्येक व्यक्ति का उसकी
ओर ध्यान खींचने के लिए पर्याप्त है। यहाँ तक कि उसका पति प्रमोद स्वयं मंजुला से ज्यादा
उसे प्रेम करता है।
अपनी
बहन की बुद्धिमानी के कारण, मंजुला उसकी छाया में ही रहती है। मंजुला अपनी बहन के विचार
और बुद्धिमानी को चुरा लेती है। मंजुला अपना उपन्यास प्रकाशित करती है जो कि पूरी तरह
से मालिनी के विचारों पर आधारित है जो उसे नाम, यश और धन प्रदान करता है। मंजुला इतनी
लोकप्रिय हो जाती है कि उसे अब दूसरा उपन्यास लिखने की भी आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार
नाटककार ने मालिनी के चरित्र को उसके सर्वोच्च बिन्दु तक विकसित किया है।
3. When the image says-'Her illness was unfortunate. But
because of it, she got the best of everything'
(i) What is the nature of Manjula's reply?
(ii) How can it be related to what follows in the play?
जब
छवि कहती है-"उसकी बीमारी दुर्भाग्यपूर्ण थी। लेकिन इसके कारण, उसने प्रत्येक
बात में सर्वश्रेष्ठ प्राप्त किया।"
(i)
मंजुला के उत्तर की क्या प्रकृति है?
(ii)
नाटक में इसके बाद की घटनाओं से इसे कैसे संयोजित किया जा सकता है ?
Answer
:
(i)
It is true that due to her illness, Malini got the best of everything. Manjula
tries her best to convince the audience of her love for Malini. She also
portrays Malini as a helpless victim because of her physical disability. But it
is also true that Manjula resents Malini's wit and intellect. She feels a lot
of jealously of her sister. Manjula could not get the facilities which her
sister attained.
यह
सत्य है कि अपनी बीमारी के कारण, मालिनी को प्रत्येक चीज में सर्वश्रेष्ठ प्राप्त हुआ।
मंजुला अपने दर्शकों को मालिनी के प्रति अपने प्रेम को समझाने का पूरा प्रयास करती
है। वह मालिनी को असहाय बीमार व्यक्ति के रूप में चित्रित करती है क्योंकि वह शारीरिक
रूप से दिव्यांग है। लेकिन यह भी सत्य है कि मंजुला मालिनी की बुद्धि और उसकी बुद्धिमत्ता
से अत्यन्त परेशान रहती है। वह अपनी बहन से बहुत अधिक ईर्ष्या महसूस करती है। मंजुला
उन सुविधाओं को प्राप्त नहीं कर सकी जो उसकी बहन को प्राप्त हुई।
(ii)
Malini is forced by circumstances to live with her elder and married sister
Manjula because she is physically challenged and her parents have died. Pramod,
Manjula's husband loves her deeply and after her death he goes to America.
Manjula tries to portray her sister as the dependant who is living in her
shadows. But the reality is not so as Manjula shows it.
Manjula
herself spends her life in the shadow of Malini because she was extremely
intelligent. Malini receives all the attention for her wit and wisdom not for
her disabilities which is gradually unfolded to the readers. In this way,
statement serves the purpose to the events that are unfolded later in the play.
The noble cause taken by Manjula for her sister is turned into complete
failure.
मालिनी
को परिस्थितियों द्वारा अपनी बड़ी और विवाहित बहिन मंजुला के साथ रहने को बाध्य किया
जाता है क्योंकि वह शारीरिक रूप से दिव्यांग है और उसके माता-पिता की मृत्यु हो गई
है। मंजुला का पति प्रमोद उसे गहनता से प्रेम करता है और उसकी मृत्यु के बाद अमेरिका
चला जाता है। मंजुला अपनी बहन का आश्रित के रूप में चित्रण करने का प्रयास करती है
जो उसकी छाया में रह रही है। लेकिन वास्तविकता यह नहीं है जैसा मंजुला प्रदर्शित करती
है।
मंजुला
स्वयं अपना जीवन मालिनी की छाया में गुजारती है क्योंकि वह अत्यधिक बुद्धिमान थी। मालिनी
सम्पूर्ण ध्यान अपनी बुद्धिबल पर आकर्षित करती है अपनी दिव्यांगता पर नहीं, जो कि धीरे-धीरे
उसके पाठकों के सामने खुलती है। इस प्रकार, वाक्य घटनाओं के उदेदश्य को पूरा करता है
जो कि बाद में नाटक में खुलते हैं। एक आदर्श कारण जो मंजुला द्वारा अपनी बहिन के लिए
उठाया जाता है, वह पूरी तरह असफल हो जाता है।
4. What are the issues that the playwright satirises
through this TV monologue of a celebrity?
वे
कौनसी समस्याएँ हैं जिन पर नाटककार टी.वी. के स्वगत कथन के माध्यम से एक ख्यातिप्राप्त
व्यक्ति पर व्यंग्य करता है?
Answer
: The playwright is an eminent personality of Indian literature. He has
put many facets of life in the play. Apart it, he satirises false traditions.
He satirises the conservative traits of Indian society where a writer is
supposed to write in Indian languages. English writing should be discarded.
When she used to write in Kannad, she was always in want of money but as soon
as she started writing in English, she received a huge amount only as advance.
Another issue that the playwright satirises is the truth behind media.
The
statements that Manjula makes on screen presents a picture which is in stark
contrast to the dark realities of her life. Then we come in contact with the
issue of mutual relationship with our near and dear ones. Manjula Nayak
satirises when she mentions her love for her younger sister. Thus, the
playwright presents the false rosy pictures in the play.
नाटककार
भारतीय साहित्य का एक महान व्यक्तित्व है। उसने जीवन के अनेकों पक्षों को नाटक में
रखा है। इसके अतिरिक्त, वह झूठी परम्पराओं पर व्यंग्य करता है । वह भारतीय समाज की
रूढ़िवादी परम्पराओं पर व्यंग्य करता है जहाँ पर एक लेखक से आशा की जाती है कि वह भारतीय
भाषाओं में लिखेगा।
अंग्रेजी
लेखन को तिरस्कृत किया जाता है। जब वह कन्नड़ भाषा में लिखती थी तब वह हमेशा धन की
कमी में रहती थी लेकिन ज्यों ही उसने अंग्रेजी में लिखना शुरू किया, तो उसे केवल अग्रिम
धनराशि के रूप में एक बड़ी धनराशि प्राप्त हुई। एक दूसरी समस्या जिस पर नाटककार व्यंग्य
करता है, वह मीडिया के पीछे का सत्य है ।
वे
वाक्य जो मंजुला कैमरे के सामने बोलती है, एक ऐसा चित्र प्रस्तुत करते हैं जो कि उसके
जीवन की कड़वी वास्तविकताओं के ठीक विपरीत हैं। उसके बाद हम अपने प्रियजनों के साथ
परस्पर रिश्ते की समस्या पर आते हैं। मंजुला नायक व्यंग्य करती है जब वह अपनी छोटी
बहन के प्रति अपने प्रेम के बारे में बताती है । इस प्रकार लेखक ने नाटक में झूठी शानदार
कहानी को प्रस्तुत किया है।
Talking about the Play :
1. 'Broken Images' takes up a debate that has grown steadily
since 1947 the politics of language in Indian literary culture, specifically in
relation to modern Indian languages and English. Discuss.
'ब्रोकन
इमेजिज' उस बहस पर शुरू होती है जो कि 1947 से लगातार चली आ रही है-भारतीय साहित्यिक
संस्कृति में भाषा पर राजनीति, विशेष रूप से आधुनिक भारतीय भाषाएँ और अंग्रेजी में
सम्बन्ध । व्याख्या कीजिए।
Answer
: When India become free in 1947, it was a general perception that the
importance of English would come to an end but now the importance of English
has increased many times. That's why Girish Karnad has raised the issue once
again. The politics of language in Indian literary culture is in full swing
now.
The
playwright has put the same issue by portraying the harsh reality of Indian
mindset through Manjula, the protagonist. The playwright observes that Indian
people feel free walking space in the sophisticated society if one writes in
English. Malini expresses her views in English while Manjula does not.
English
is so popular amongst Indian people that Manjula puts such a story and
aggressive character in her novel that it has been able to make differences in
family lives of Indian people. English creates jealousy among the sisters and
bringing up class struggle almost like the haves and have nots.
English
has always score over all Indian languages. While the truth is that true values
can be expressed only in Indian languages-writers write in English only for
monetary purposes. They also have the global market. Indian writers consider
English as a medium of dishonesty. Manjula Nayak accepts these facts boldly in
the play.
जब
भारत 1947 में स्वतन्त्र हुआ, तब यह सामान्य अवधारणा थी कि अंग्रेजी का महत्त्व समाप्त
हो जाएगा लेकिन अब अंग्रेजी का महत्त्व कई गुना बढ़ गया है। यही कारण है कि गिरीश कर्नाड
ने इस समस्या को एक बार फिर से उठाया है। अब भारतीय साहित्यिक संस्कृति में भाषा की
राजनीति अपने चरम पर है।
नाटककार
ने इसी समस्या को नायिका मंजुला के माध्यम से भारतीय मानसिकता की कठोर सच्चाई को प्रस्तुत
किया है। नाटककार महसूस करता है कि यदि कोई व्यक्ति अंग्रेजी में लिखता है तो वह उच्च
वर्ग के समाज के साथ घुलने-मिलने वाला महसूस करता है। मालिनी अपने विचार अंग्रेजी में
व्यक्त करती है जबकि मंजुला नहीं करती है। भारतीय लोगों में अंग्रेजी इतनी लोकप्रिय
है कि मंजुला अपने उपन्यास में इतना शक्तिशाली और जुझारू चरित्र प्रस्तुत करती है कि
इससे भारतीय लोगों के पारिवारिक जीवन में भी अन्तर ला देती है।
अंग्रेजी
बहनों के बीच ईर्ष्या का कारण बन जाती है और परिपूर्ण तथा अपरिपूर्ण के बीच लगभग वर्ग
संघर्ष शुरू हो जाता है। अंग्रेजी ने हमेशा भारतीय भाषाओं पर शासन किया है जबकि सत्य
यह है कि सच्चे मूल्य केवल भारतीय भाषाओं में ही व्यक्त किये जा सकते हैं । लेखक अंग्रेजी
में केवल आर्थिक उद्देश्यों के कारण लिखते हैं। उन्हें पूरे संसार का बाजार प्राप्त
हो जाता है। भारतीय लेखक अंग्रेजी को बेईमानी का माध्यम मानते हैं। मंजुला नायक नाटक
में इस सच्चाई को निडरता से स्वीकार करती है।
2. The play deals with a Kannada woman writer who
unexpectedly produces an international bestseller in English.
(i) Can a writer be a truly bilingual practitioner?
(ii) Does writing in an 'other tongue' amount to betrayal of the
mother tongue?
नाटक
कन्नड़ भाषा की एक महिला लेखक से सम्बन्धित है जो अचानक अंग्रेजी में अन्तर्राष्ट्रीय
रूप से सर्वश्रेष्ठ कृति का प्रकाशन करती है।
(i)
क्या कोई लेखक वास्तव में दो भाषाओं का अभ्यस्त हो सकता है ? (ii) क्या 'दूसरी भाषा'
में लिखना मातृभाषा के प्रति विश्वासघात है?
Answer
:
(i)
The playwright does not consider that any certain language is fit to express
emotions. Writing is an expression of emotions so it does not depend on the
language. Manjula Nayak clearly says that she wrote the novel in English
because it burst out in English. It is true that if a writer has vast knowledge
of his subject.
As
well as any foreign language, he is able to express his ideas in that
particular language. Expression has no limits in writing. Language is simply a
medium through which the writer's emotions are expressed. Therefore, a writer
can certainly be a bilingual practitioner.
नाटककार
यह स्वीकार नहीं करता है कि कोई विशेष भाषा भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए उचित है।
लेखन भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है अत: यह किसी भाषा पर निर्भर नहीं है। मंजुला नायक
स्पष्ट रूप से कहती है कि उसने उपन्यास अंग्रेजी में लिखा क्योंकि यह अंग्रेजी में
ही फूट पड़ा।
यह
सत्य है कि यदि किसी लेखक को अपने विषय और विदेशी भाषा का विस्तृत ज्ञान है तो वह अपने
विचारों को उस विशेष भाषा में व्यक्त कर सकता है । लेखन में अभिव्यक्ति की कोई सीमा
नहीं है। भाषा साधारण रूप से एक माध्यम होती है जिसके द्वारा लेखक की भावनाओं को अभिव्यक्त
किया जाता है। इसलिए एक लेखक निश्चित रूप से द्विभाषी अभ्यस्त हो सकता है।
(ii)
This question is often asked whether writing in another language is amount to
betrayal of the mother tongue. But it is not so. Karnad has made it clear in
the initial monologue of the play. If a writer is bilingual and writes in both
the languages, it is his ability not a betrayal.
No
doubt, writers should give preference to their mother tongue but their writing
in English is not wrong from any view. A writer writes in both the languages
according to his target audience. Sometimes writers write in English from the
point of view of monetary benefits. It is not wrong also. So writing in English
or any other foreign language is not a crime.
यह
प्रश्न प्रायः पूछा जाता है कि क्या दूसरी भाषा में लिखना मातृभाषा के साथ विश्वासघात
है। लेकिन ऐसा नहीं है। कर्नाड ने नाटक के प्रारम्भिक एकल ड्रामा में यह स्पष्ट कर
दिया है। यदि कोई लेखक द्विभाषी है और दोनों भाषाओं में लिखता है तो यह उसकी योग्यता
है विश्वासघात नहीं।
निःसन्देह,
लेखकों को अपनी मातृभाषा को ज्यादा महत्त्व देना चाहिए लेकिन अंग्रेजी में लिखना किसी
भी प्रकार से गलत नहीं है । एक लेखक दोनों भाषाओं में अपने अपेक्षित दर्शकों के अनुसार
लिखता है। कभी-कभी लेखक अंग्रेजी में अपने आर्थिक लाभ को दृष्टि में रखते हुए भी लिखता
है। यह भी गलत नहीं है। अत: अंग्रेजी में अथवा किसी भी अन्य विदेशी भाषा में लिखना
कोई अपराध नहीं है।
Appreciation :
1. Why do you think the playwright has used the technique
of the image in the play?
आपको
क्या लगता है कि नाटककार ने नाटक में छवि की तकनीक का प्रयोग क्यों किया है ?
Answer
: The image of Manjula Nayak has been depicted by the playwright in the
play. The playwright uses this technique because through her image, he
manifests psychological repressed guilt of Manjula over the years. There have
been harsh realities in her life and the playwright depicts them through her
image. There is a strong confrontation between the image and Manjula.
The
image asks so many questions like a person that reflect what is hidden deep
within the heart of Manjula. Her resentment towards Malini, parental neglect, a
loveless marriage and finally a career which was not truly hers, all seem to
confront with her through her image Images reveal towards the best type of self
evolution. Thus, the technique plays an important role to find out innerself of
Manjula.
मंजुला
नायक की छवि नाटककार द्वारा नाटक में प्रदर्शित की गई है। नाटककार इस छवि का प्रयोग
इसलिए करता है क्योंकि उसकी छवि के माध्यम से वह मंजुला के वर्षों के मनोवैज्ञानिक
दबे हुए दोष को प्रकट करता है। उसके जीवन में कठोर सच्चाइयाँ रही हैं और नाटककार उन्हें
उसकी छवि के माध्यम से प्रदर्शित करता है। छवि और मंजुला के बीच एक शक्तिशाली द्वन्द्व
है। छवि एक व्यक्ति की तरह उससे अनेकों प्रश्न पूछती है जो कि प्रदर्शित करते हैं कि
मंजुला के हृदय की गहराई में क्या छुपा हुआ है।
उसका
मालिनी के प्रति रोष, माता-पिता द्वारा ध्यान न देना, प्रेमहीन विवाह और अन्त में एक
ऐसा भविष्य जो उसका अपना नहीं था, ये सभी छवि के माध्यम से उसके साथ द्वन्द्व करते
हुए प्रतीत होते हैं। छवियाँ सर्वश्रेष्ठ प्रकार से आत्म मूल्यांकन को प्रदर्शित करती
हैं। इस प्रकार यह तकनीक मंजुला के हृदय को प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती
है।
2. The play is called a monologue. Why is it made to turn
dialogic?
यह
नाटक एकाकी चरित्र का नाटक कहा गया है। इसमें संवाद क्यों जोड़े गये हैं ?
Answer
: The play consists only one character. The other character that converse
with her is her own image. Thus, we find a single character in the play. For
this reason, the play is called a monologue. Manjula Nayak and her image are
put together in a long discussion through dialogues. The playwright has wisely
chosen this conversational style because he wants to make the play create a
stronger impact on the audience.
A
monologue may not express one's thoughts and self contemplation as strong as
one can express through dialogues. So, he has made it dialogic. It is also
considered that a monologue with dialogues becomes more self-explanatory and
interesting. So, the playwright has used this technique.
नाटक
में केवल एक चरित्र है। दूसरा चरित्र जो उसके साथ बातचीत करता है, वह उसकी अपनी छवि
है। इस प्रकार, हमें नाटक में केवल एक चरित्र ही मिलता है। इस कारण, नाटक एकाकी चरित्र
वाला नाटक कहा गया है। मंजुला नायक और उसकी छवि को एक लम्बी बहस में संवादों के माध्यम
से एक साथ रखा गया है।
नाटककार
ने अत्यन्त बुद्धिमानी से इस संवादात्मक शैली का चयन किया है क्योंकि वह दर्शकों के
ऊपर एक शक्तिशाली छवि का प्रभाव बनाना चाहता है। एक एकल संवाद किसी के विचार और आत्म-कौशल
को इतनी मजबूती से प्रस्तुत नहीं कर सकता जितनी मजबूती से संवाद कर सकते हैं। इसलिए,
उसने इसे संवादात्मक बनाया है। यह भी माना जाता है कि एकल नाटक जिसमें संवाद हों, वह
और ज्यादा व्याख्यात्मक एवं रोचक होता है। इसलिए, नाटककार ने इस तकनीक का प्रयोग किया
है।
3. What is the posture the celebrity adopts when the camera
is on and when it is off?
ख्यातिप्राप्त
व्यक्तित्व कौनसे हाव-भाव धारण करती है जबकि कैमरा चालू होता है और जब कैमरा बन्द होता
है?
Answer
: The playwright has put many facets of Manjula Nayak through a lot of
postures both on screen and off-screen. When the play opens, Manjula Nayak is
very confident and in a very positive frame of mind. On screen, she shows
herself a successful writer. She is enjoying the glory of name, fame and money
through her first successful novel.
She
seems to be very comfortable in the technique of broadcasting She is standing
on a tall padestal of her pride. But as soon as she is off-screen, there is a
sea change in her behaviour. When her image comes before her to ask questions,
she begins to loose her confidence. She becomes fumbling noice, aghast and
fearful. The playwright very skillfully has presented hypocrisy of media
through the depiction. Thus, she changes completely till the end what she was
in the beginning.
नाटककार
ने मंजुला नायक के विभिन्न पक्षों को स्क्रीन पर और बिना स्क्रीन के अनेकों चित्रों
के साथ प्रस्तुत किया है। जब नाटक शुरू होता है, मंजुला नायक अत्यन्त आत्मविश्वास से
परिपूर्ण है और सकारात्मक मानसिकता के साथ आती है। स्क्रीन पर, वह स्वयं को एक सफल
लेखक प्रदर्शित करती है। वह अपने पहले सफल उपन्यास पर नाम, यश और धन का आनन्द ले रही
है।
वह
प्रसारण की तकनीक में अत्यन्त निपुण है। लेकिन जैसे ही वह स्क्रीन से हटती है, उसके
व्यवहार में अत्यन्त परिवर्तन आ जाता है। जब उसकी छवि उससे प्रश्न पूछने सामने आती
है, तो उसका आत्मविश्वास कमजोर पड़ने लगता है। वह नौसिखिये की तरह अनिश्चित, भौंचक्की
और भयभीत हो जाती है। नाटककार ने इस प्रदर्शन से मीडिया के पाखण्ड को अत्यन्त कुशलता
से प्रस्तुत किया है। इस प्रकार, वह अन्त तक पूरी तरह बदल जाती है जो कुछ वह नाटक के
प्रारम्भ में यी|
Important Questions and Answers
Short Answer Type Questions :
1. What is the language, Manjula writes in?
मंजुला
कौनसी भाषा में लिखती है?
Answer
: Manjula is the protagonist in the play. She is a famous writer. She has
a job of teaching but apart her teaching she is fond of writing. As she is of
Kannad origin so apparently, she writes in Kannad but she doesn't get
sufficient money by writing in Kannad. So she switches towards English to
write. Her first novel in English becomes extremely successful.
मंजुला
नाटक की नायिका है। वह एक प्रसिद्ध लेखिका है। उसका अध्यापन का कार्य है लेकिन अपने
अध्यापन के अतिरिक्त, वह लेखन की भी शौकीन है। क्योंकि वह कन्नड़ भाषी है अतः स्पष्ट
रूप से वह कन्नड़ भाषा में ही लिखती है लेकिन कन्नड़ भाषा में लिखने पर उसे पर्याप्त
धनराशि प्राप्त नहीं होती है। अतः वह लिखने के लिए अंग्रेजी की ओर मुड़ जाती है। उसका
अंग्रेजी में पहला उपन्यास अत्यधिक सफल रहता है।
2. What is the image in reality?
छवि
वास्तव में क्या है ?
Answer
: When the announcer asks Majula to come on the stage and address the
audience, Manjula is quite confident. He compares her with many other eminent
writers but he appreciates her first novel “The River Has No Memories' as
superior to their writings. Manjula addresses the audience confidently and
wants to go from the stage but her image on the screen does not let her go.
Thus, the image is Manjula's own conscience.
जब
उद्घोषक मंजुला से मंच पर आने के लिए कहता है और दर्शकों को सम्बोधित करने के लिए कहता
है तब मंजुला पूरी तरह से आत्मविश्वास से पूर्ण है। उद्घोषक उसकी तुलना दूसरे महान
लेखकों से करता है लेकिन वह उसके प्रथम उपन्यास 'The River Has No Memories' को उनके
लेखन से श्रेष्ठ बताता है। मंजुला दर्शकों को आत्मविश्वास से पूर्ण सम्बोधित करती है
और मंच से जाना चाहती है लेकिन स्क्रीन पर उसकी छवि उसे नहीं जाने देती है। इस प्रकार,
यह छवि मंजुला की स्वयं की अन्तर्चेतना है।
3. What method did Pramod adopt to convey his
feelings?
अपनी
भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रमोद ने कौनसा तरीका अपनाया?
Answer
: When Manjula moved to Bangalore, she come into contact with Pramod. He
didn't know how to convey his feelings. So, he wrote a letter to Lucy, a close
friend of Manjula, about Manjula. He also wrote a letter to Manjula about Lucy.
When Lucy found the letter, she became furious and torn the letter into pieces
but Manjula felt sorry for him. Thus, they came closer and tied into wedlock.
जब
मंजुला बैंगलोर पहुँची तो वह प्रमोद के सम्पर्क में आई। वह यह नहीं जानता था कि किस
प्रकार अपनी भावनाओं को व्यक्त करे। अत: उसने मंजुला की घनिष्ठ मित्र लूसी के लिए मंजुला
के बारे में पत्र लिखा। उसने एक पत्र लूसी के बारे में मंजुला को लिखा। जब लूसी को
पत्र मिला, वह अत्यन्त क्रोधित हो गई और पत्र को टुकड़े-टुकड़े करके फाड़ दिया लेकिन
मंजुला को उसके लिए दुःख हुआ। इस प्रकार, वे एक-दूसरे के और ज्यादा पास आ गये और विवाह
के बंधन में बँध गये।
4. What is Manjula accused of?
मंजुला
पर क्या आरोप लगाया गया है ?
Answer
: Manjula is a Kannad writer. Kannad is her mother tongue. So she is
comfortable in writing in Kannad. But it is also true that she does not earn
sufficient money by writing in Kannad. So she turns towards writing in English
which gives her not only name and fame but receiving a huge amount of money
also. That's why she is accused of writing in English for foreign readers.
मंजुला
कन्नड़ लेखिका है। कन्नड़ उसकी मातृभाषा है इसलिए वह कन्नड़ में लिखने में आराम महसूस
करती है। लेकिन यह भी सत्य है कि वह कन्नड़ में लिखकर पर्याप्त धन नहीं कमा पाती है।
अतः वह अंग्रेजी में लेखन की ओर मुड़ जाती है जो उसे न केवल नाम और यश देता है बल्कि
एक बड़ी धनराशि भी उसे प्राप्त होती है। यही कारण है कि उस पर विदेशी पाठकों के लिए
अंग्रेजी में लिखने का आरोप लगाया जाता है।
5. Whom do you think is the realistic character in
Manjula's novel?
मंजुला
के उपन्यास में आप यथार्थवादी चरित्र किसे मानते हैं ?
Answer
: Manjula has her younger sister who is physically challenged. She is
beautiful as well as intelligent. Manjula writes in Kannad language but she is
not satisfied. It is her sister Malini who speaks English and Manjula learns
English from her. She is so sweet that even Pramod, Manjula's husband, loves
her and after her death, goes to America. Thus, Malini is the realistic
character in Manjula's novel.
मंजुला
की एक छोटी बहन है जो शारीरिक रूप से दिव्यांग है। वह सुन्दर है और बुद्धिमान है। मंजुला
कन्नड़ भाषा में लिखती है परन्तु वह संतुष्ट नहीं है। यह उसकी छोटी बहन मालिनी है जो
अंग्रेजी में ही बोलती है और मंजुला उससे अंग्रेजी सीखती है। वह इतनी मधुर है कि मंजुला
का पति प्रमोद भी उसे प्रेम करता है और उसकी मृत्यु के बाद अमेरिका चला जाता है। इस
प्रकार, मंजुला के उपन्यास में मालिनी यथार्थवादी चरित्र है।
6. Which illness Malini is suffering from?
मालिनी
कौनसी बीमारी से ग्रसित है ?
Answer
: Malini, the younger sister of Manjula, is physically challenged. She is
suffering from an illness called meningomyelocele. Because of this illness her
body below her waist was damaged. It is a nervous system illness which has made
her lower part dysfunctional while upper part of her body is perfectly normal.
She spent her entire life confined to the wheel chair.
मालिनी,
मंजुला की छोटी बहन, शारीरिक रूप से दिव्यांग है। वह एक बीमारी जिसका नाम मेनिंगोमाइलोसिल
है, से पीड़ित है। इस बीमारी के कारण उसके शरीर में कमर से नीचे का भाग बेकार हो गया
है। यह एक तंत्रिका तंत्र की बीमारी है जिसने उसके शरीर के नीचे के भाग को समाप्त कर
दिया है जबकि उसके शरीर का ऊपरी भाग पूरी तरह से सामान्य है। उसने अपना सम्पूर्ण जीवन
पहिये वाली कुर्सी पर सीमित रहकर ही व्यतीत किया।
7. “You have managed to upset a lot of people?” Who said
this and why?
"तुमने
बहुत से लोगों को परेशान करने का प्रबन्ध कर दिया है?" यह किसने कहा और क्यों?
Answer
: These words are uttered by the image of Manjula. The image appreciates
her for her speech. Manjula delivered a very marvelous speech when the telefilm
was to be broadcast. This telefilm was based on the novel of Manjula entitled
'The River Has No Memories.' When she completed her speech, her image greeted
her with complaints and said these words.
ये
शब्द मंजुला की छवि के द्वारा व्यक्त किये जाते हैं। छवि मंजुला को उसके भाषण के लिए
प्रशंसा करती है। मंजुला ने एक शानदार भाषण दिया था जब टेलीफिल्म का प्रसारण किया गया।
यह टेलीफिल्म मंजुला के उपन्यास 'The River Has No Memories' पर आधारित है। जब उसने
अपने भाषण को पूरा किया, तो उसकी छवि ने उसे अत्यधिक बधाई दी और ये शब्द बोले।
8. Which days were the happiest days in Manjula's
life?
मंजुला
के जीवन में कौनसे दिन सर्वाधिक खुशी के दिन थे?
Answer
: Manjula was a very active girl. When she completed her college studies,
she wanted to do some job. For this purpose she reached Bangalore with her
parents. She lived there with her parents. Pramod also came into her life there
and they got married. It was the time when she had everything-her parents, a
good job, a caring husband. Thus, these were the happiest days in her life.
मंजुला
अत्यन्त सक्रिय लड़की थी। जब उसने अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की, तो वह कोई रोजगार करना
चाहती थी। इस उद्देश्य के लिए वह अपने माता-पिता के साथ बैंगलोर पहुँची। वह वहाँ पर
अपने माता-पिता के साथ रहती थी। प्रमोद भी वहाँ पर उसके जीवन में आया और उन्होंने शादी
कर ली। यह वह समय था जब उसके पास सब कुछ था-उसके माता-पिता, एक अच्छा रोजगार, चिन्ता
करने वाला पति। इस प्रकार, ये उसके जीवन के सबसे ज्यादा खुशी के दिन थे।
Long Answer Type Questions :
1. “Mother tongue is the best language to express our
views. No other language including English can express feelings deeply.”
Discuss.
"अपने
विचार व्यक्त करने के लिए भाषा सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। अंग्रेजी सहित कोई भी अन्य भाषा
गहराई से भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती।" व्याख्या कीजिए।
Answer
: Every one is feels comfortable in his mother tongue. Our mother tongue
provides us the way to express ourselves freely and easily with utmost deep
feelings. Manjula herself says, “English can't express truth about India
because we do not express ourselves in English.” Thus, she truly admits that
English cannot express truth about India.
It
happens so because when a child starts speaking, he speaks in his mother tongue
and from morning till evening; he expresses his thoughts in his mother tongue.
That's why he can't express his views so clearly in any other language as he is
comfortable in his own language. This truth can be applied to any language of
the world. In some exceptional matters, people write in other languages but
they have to make tireless efforts.
प्रत्येक
व्यक्ति अपनी मातृभाषा में सहज महसूस करता है। हमारी मातृभाषा हमें अपनी गहनतम भावनाओं
को स्वतन्त्रतापूर्वक एवं आसानी से व्यक्त करने के लिए रास्ता उपलब्ध कराती है। मंजुला
स्वयं कहती है, "अंग्रेजी भारत के बारे में सत्य व्यक्त नहीं कर सकती क्योंकि
हम अपनी भावनाएँ अंग्रेजी में व्यक्त नहीं करते हैं।" इस प्रकार, वह वास्तविक
रूप से स्वीकार करती है कि अंग्रेजी भारत के बारे में सच्चाई व्यक्त नहीं कर सकती।
ऐसा
इसलिए होता है क्योंकि जब एक बच्चा बोलना प्रारम्भ करता है तब वह अपनी मातृभाषा में
ही बोलता है और सुबह से शाम तक वह अपने विचार अपनी मातृभाषा में ही व्यक्त करता है।
यही कारण है कि वह किसी भी अन्य भाषा में इतनी स्पष्टता से अपने विचार व्यक्त नहीं
कर सकता है जितना वह अपनी मातृभाषा में सहज होता है। यह सत्य विश्व की किसी भी भाषा
के लिए लागू किया जा सकता है। कुछ अपवादस्वरूप मामलों में लोग दूसरी भाषाओं में लिखते
हैं लेकिन उन्हें अथक प्रयास करने पड़ते हैं।
2. Write a short about the appropriateness of the title
'Broken Images'.
शीर्षक
'विखण्डित छवियाँ' की उपयुक्तता पर एक लघु निबन्ध लिखिए।
Answer
: Girish Karnad has given the play the title 'Broken Images' which conveys
the two meanings of the play. The title appropriately reconciles with the theme
of the play. The whole play is written in the dialogue form between Manjula, a
famous English novelist and her own self image. During their conversation, the
image puts many questions to Manjula Nayak and Manjula Nayak replies the
questions.
The
image asks questions which are related to Manjula's personal life as well as
her work of writing. Through this technique, Manjula opens her heart clearly
before her readers or audiences that she could not do directly. The reference
of Malini lets know to audience that Malini is the main character and the drama
is based on her. Thus, the title ‘Broken Images' is quite suitable, appropriate
and true.
गिरीश
कर्नाड ने नाटक को 'Broken Images' (विखण्डित छवियाँ) शीर्षक दिया है जो कि नाटक को
वास्तविक अर्थ प्रदान करता है। शीर्षक उचित रूप से नाटक की कथावस्तु के अनुरूप दिखाई
देता है। सम्पूर्ण नाटक संवादात्मक शैली में प्रसिद्ध अंग्रेजी नाटककार मंजुला एवं
उसकी अपनी छवि के रूप में लिखा गया है। उनके वार्तालाप के दौरान छवि अनेकों प्रश्न
मंजुला नायक से पूछती है और मंजुला नायक प्रश्नों के उत्तर देती है।
छवि
मंजुला से प्रश्न पूछती है जो कि मंजुला के व्यक्तिगत जीवन के साथसाथ उसके लेखन कार्य
से भी सम्बन्धित हैं। इस तकनीक के माध्यम से मंजुला अपने पाठकों अथवा दर्शकों के सम्मुख
अपना हृदय स्पष्ट रूप से खोल देती है जिसे वह सीधे रूप में नहीं कर सकती थी। मालिनी
का सन्दर्भ दर्शकों को ज्ञात कराता है कि मालिनी मुख्य चरित्र है और नाटक उसी के ऊपर
आधारित है। इस प्रकार यह शीर्षक 'Broken Images' पूरी तरह से उचित और वास्तविक शीर्षक
है।
3. The childhood of Manjula was a neglected one. What can
you say about it?
मंजुला
का बचपन उपेक्षित बचपन था। आप इस बारे में क्या कह सकते हैं ?
Answer
: Undoubtedly, Manjula faced so many facets in her life. She spent a
neglected childhood. She could not get proper love and care from her parents
though she was an active girl. The main reason of her neglect was that her
younger sister Malini was physically challenged girl though she was more
intelligent and beautiful than Manjula, her elder sister, Manjula shows her
indifference towards this neglect yet it comes again and again on the
surface.
Malini
had been suffering from a disease called meningomyelocele which is a disease of
nervous system. So, she had to remain on her wheel chair because she could not
even move. Manjula's parents left her with her grand parents and kept Malini
along with them. They lived at Koramangla. Thus, Manjula had to lead a
neglected life.
निःसन्देह,
मंजुला ने अपने जीवन में अनेकों पक्षों का सामना किया है। उसने एक उपेक्षित बचपन का
जीवन व्यतीत किया। उसे अपने माता-पिता से उचित प्रेम और देखभाल नहीं मिल सकी यद्यपि
वह अत्यन्त सक्रिय लड़की थी। उसकी उपेक्षा का मुख्य कारण यह था कि उसकी छोटी बहन मालिनी
शारीरिक रूप से दिव्यांग लड़की थी यद्यपि वह अपनी बड़ी बहन मंजुला से ज्यादा बुद्धिमान
एवं सुन्दर थी। मंजुला इस उपेक्षा के प्रति अपनी उदासीनता दिखाती है लेकिन यह बार-बार
सतह पर आ जाती है।
मालिनी
मेनिंगोमाइलोसील नामक बीमारी से ग्रसित थी, जो कि तंत्रिका तंत्र की बीमारी है। इसलिए
उसे अपनी पहिये वाली कुर्सी पर रहना पड़ता था क्योंकि वह हिल भी नहीं सकती थी। मंजुला
के माता-पिता ने उसे दादा-दादी के पास छोड़ दिया था और मालिनी को अपने साथ रखा था।
वे कोरामंगला में रहते थे। इस प्रकार, मंजुला को एक उपेक्षित जीवन व्यतीत करना पड़ा।
4. How does Manjula Nayak criticize Indian Television
studios?
भारतीय
दूरदर्शन स्टूडियो की मंजुला किस प्रकार आलोचना करती है ?
Answer
: Manjula Nayak is quite perfect in TV programs but at this time when she
is to deliver her speech, she is not satisfied with the technical aspect of the
studio. She comments on this aspect saying that Indian Television studios are
noisy in comparison to the studios of London and Toronto.
A
number of men and women continuously keep running. They shout orders to one
another. Big lights can be seen everywhere which cause too much light in Indian
Television studios, a number of headphones and cameras can be seen lying
scattered here and there. This is such a picture in Manjula's mind about the
Indian Television studios.
मंजुला
नायक दूरदर्शन के कार्यक्रमों में निपुण है लेकिन इस समय जब उसे अपना भाषण देना है,
तब वह स्टूडियो के तकनीकी पक्ष से संतुष्ट नहीं है। वह इस पक्ष पर यह कहते हुए टिप्पणी
करती है कि भारतीय दूरदर्शन स्टूडियो लंदन और टोरोन्टो के स्टूडियो की तुलना में अत्यधिक
शोरगुल से युक्त हैं ।
अनेकों
महिलाएँ एवं पुरुष लगातार दौड़ते रहते हैं, वे एक-दूसरे को तेज आवाज में आदेश देते
हैं। चारों ओर बड़ी-बड़ी लाइटें लगी हुई हैं, जो कि अत्यधिक रोशनी देती हैं, अनगिनत
हैडफोन और कैमरा इधर-उधर बिखरे हुए दिखाई देते हैं। मंजुला के मस्तिष्क में भारतीय
दूरदर्शन स्टूडियो की एक ऐसी ही छवि बनी हुई है।
Seen Passages
Passage
1.
ANNOUNCER
: Good evening. This is a proud evening for the Shree-TV channel. For tonight
we bring to you Ms Manjula Nayak. Many of you will know her as a renowned
Kannada short-story writer. Until a year ago, she was a lecturer in English in
Bangalore. But she had been writing in Kannada. Not unusual, as you know. It's
amazing how many of our Kannada writers are lecturers in English: from the
earliest days. B. M. Shree, Gokak, Adiga.
Questions
:
1.
Who is the speaker here?
यहाँ
पर वक्ता कौन है?
2.
Whom does he introduce on the TV?
वह
दूरदर्शन पर किसका परिचय कराता है?
3.
Why does the announcer mention the names of different writers?
उद्घोषक
विभिन्न लेखकों के नाम क्यों लेता है ?
Answers
:
1.
The speaker here is the announcer of Shree-TV channel. It is the time of
evening and a program jas been organized by the channel.
यहाँ
पर वक्ता श्री-टीवी चैनल का उद्घोषक है। यह शाम का समय है और चैनल द्वारा एक कार्यक्रम
का आयोजन किया गया है।
2.
He introduces Manjula Nayak, a renowned Kannada short-story writer. Earlier she
was a lecturer in English in Bangalore.
वह
मंजुला नायक का परिचय कराता है जो कि कन्नड़ भाषा की एक महान लघुकहानी लेखिका है। पहले
वह बैंगलोर में अंग्रेजी की प्रवक्ता थी।
3.
The announcer mentions these names to compare Manjula Nayak to these writers
that these writers are eminent but Manjula Nayak is even better than
they.
उद्घोषक
इन लेखकों का नाम मंजुला नायक से इन लेखकों की तुलना करने के लिए लेता है कि ये लेखक
महान हैं परन्तु मंजुला नायक इनसे भी ज्यादा अच्छी है।
Passage
2.
What
baffles me - actually, let me confess, hurts me - is why our intellectuals
can't grasp this simple fact! I have been accused of writing for foreign
readers. Accused! As though I had committed a crime. A writer seeks audiences
where she or he can find them!
My
British publishers said to me: 'We like your book because it's so Indian. We
receive any number of manuscripts from India but they are all written with the
western reader in view. Your novel has the genuine Indian feel! (Laughs.)
Questions
:
1.
What is the accusation against the speaker?
वक्ता
के विरुद्ध क्या आरोप है?
2.
What did the British Publishers say to the speaker?
वक्ता
से ब्रिटिश प्रकाशकों ने क्या कहा?
3.
What were the views of the British Publishers towards the speaker's novel?
ब्रिटिश
प्रकाशकों के वक्ता के उपन्यास के बारे में क्या विचार थे?
Answers
:
1.
The accusation against the speaker is that she has started writing in English
instead of Kannad keeping the foreign readers in her mind.
वक्ता
के विरुद्ध यह आरोप है कि उसने कन्नड़ के स्थान पर अंग्रेजी में, अपने विदेशी पाठकों
को ध्यान में रखकर, लिखना शुरू कर दिया है।
2.
The British Publishers told the speaker that they liked her book because it was
so Indian while mostly Indian writers write for western readers.
ब्रिटिश
प्रकाशकों ने वक्ता को बताया कि उन्हें उसकी पुस्तक पसन्द आई है क्योंकि यह पूरी तरह
से भारतीय है जबकि ज्यादातर भारतीय लेखक पश्चिमी पाठकों के लिए लिखते हैं।
3.
The views of the British Publishers towards the speaker's novel were-that her
novel has the genuine Indian feel while this is a rare quality in other Indian
writers.
ब्रिटिश
प्रकाशकों के वक्ता के उपन्यास के प्रति विचार थे कि उसके उपन्यास में वास्तविक भारतीय
भावना निहित थी जबकि अन्य भारतीय लेखकों में यह अत्यन्त दुर्लभ गुण था।
Passage
3.
She
was physically challenged. Suffered from what is technically called,
meningomyelocele—the upper part of her body was perfectly normal; below the
waist, the nervous system was damaged. Completely dysfunctional. A series of
operations, which started soon after her birth, reduced her existence to
miseryshe spent her entire life confined to the wheel-chair.
Six
years ago my parents died. She came to stay with us in our house in Jayanagar,
and I nursed her. During the last few months it was quite clear she didn't have
much time left. I am childless and she became my child! Truly, the book is
about her.
Questions
:
1.
Who was physically challenged according to this extract?
इस
अंश के अनुसार, शारीरिक रूप से दिव्यांग कौन है ?
2.
What is Malini suffering from?
मालिनी
किस बीमारी से ग्रसित है ?
3.
How do the protagonist treat Malini?
नायिका
मालिनी के साथ किस प्रकार का व्यवहार करती है ?
Answers
:
1.
According to this extract, Malini is physically challenged. She is the younger
sister of Manjula, the protagonist of the drama.
इस
अंश के अनुसार, मालिनी शारीरिक रूप से दिव्यांग है । वह नाटक की नायिका मंजुला नायक
की छोटी बहन है।
2.
Malini is suffering from meningomyelocele-a disease of nervous system. Below
the waist, her body is completely dysfunctional.
मालिनी
मेनिंगोमाइलोसील नामक बीमारी से पीड़ित है जो कि तन्त्रिका तन्त्र की बीमारी है। कमर
के नीचे उसका शरीर पूरी तरह से निष्क्रिय है।
3. The protagonist clearly admits that she is childless. Malini is her younger sister so she considers her to be her own child.
नायिका
स्पष्ट रूप से स्वीकार करती है कि वह सन्तानहीन है। मालिनी उसकी छोटी बहन है। इसलिए
वह उसे अपनी सन्तान की तरह मानती है।
Passage
4.
MANJULA
: But you are right. I wouldn't. They left me with grandparents in Dharwad. An
affectionate couple. They fussed over me. But no substitute for parents. When
vacations approached I could barely wait to get to Bangalore.
And
once I finished college, I found a job in Bangalore and came and lived with
them. Those were the happiest days of my life! Halcyon! But then I met Pramod.
We got married and settled down in Jayanagar. Father helped with the house but
he left most of his money in her name--for her care. She was always the focus.
Naturally.
Questions
:
1.
Where was the protagonist left with whom?
नायिका
को कहाँ पर किसके साथ छोड़ा गया था?
2.
Why were those happiest days for her?
वे
उसके लिए सर्वाधिक खुशी के दिन क्यों थे?
3.
What does she say about financial assistance from her father?
अपने
पिता द्वारा आर्थिक सहायता के बारे में वह क्या कहती है ?
Answers
:
1.
The protagonist was left with her grandparents in Dharwad. They were
affectionate but she feels that is no substitute for parents.
नायिका
को उसके दादा-दादी के पास धारवाड़ में छोड़ा गया था। वे उसे प्रेम करते थे परन्तु वह
महसूस करती कि माता-पिता का कोई स्थानापन्न नहीं होता है।
2.
Those were the happiest days for her because now she had completed her studies,
found a job and married to Pramod.
वे
उसके लिए सर्वाधिक खुशी के दिन थे क्योंकि अब उसने अपने अध्ययन को पूरा कर लिया था,
उसे रोजगार मिल गया था और प्रमोद के साथ उसकी शादी हो गई थी।
3.
About financial assistance from her father she says that he helped her but most
of the money was left in the name of Malini for her care.
अपने
पिता द्वारा आर्थिक सहायता के बारे में वह कहती है कि उसने (पिता ने) उसकी (नायिका
की) सहायता की परन्तु अधिकतर धन मालिनी के नाम में उसकी देखभाल के लिए छोड़ दिया गया
था।
Passage
5.
Actually,
I have never said it publicly, but if you argue that a novel written in English
cannot express truth about India because we do not express ourselves in English
(Takes a breath. Laughs.) God, what a sentence! But if you believe that, then
let me say I could not have written about my sister in Kannada. She breathed,
laughed, dreamt in English. Her friends spoke only English. Having her in my
house for six years helped improve my English.
Questions
:
1.
What does the protagonist say about writing in English?
नायिका
अंग्रेजी में लेखन के बारे में क्या कहती है ?
2.
Why could the protagonist not write in Kannada about her sister?
अपनी
बहन के बारे में नायिका कन्नड़ में क्यों नहीं लिख सकी?
3.
How did the protagonist improve her English?
नायिका
ने अपनी अंग्रेजी में किस प्रकार सुधार किया?
Answers
:
1.
The protagonist says about writing in English that a novel written in English
cannot express truth about India because we cannot express ourselves in
English.
नायिका
अंग्रेजी में लेखन के बारे में कहती है कि अंग्रेजी में लिखा गया उपन्यास भारत के बारे
में सच्चाई व्यक्त नहीं कर सकता है क्योंकि हम अंग्रेजी में अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति
नहीं कर सकते हैं।
2.
The protagonist could not write about her sister in Kannada because her sister
breathed, laughed and dreamt in English. Her friends also spoke English.
नायिका
अपनी बहन के बारे में कन्नड़ में इसलिए नहीं लिख सकी क्योंकि उसकी बहन का सांस लेना,
हँसना और सपने देखना भी अंग्रेजी में होता था। उसके मित्र भी अंग्रेजी ही बोलते थे।
3.
The protagonist had her sister Malini in her house for six years. Malini was
good in English. Thus, with the help of Malini, she improved her English.
नायिका
की बहन मालिनी उसके घर में छः वर्ष तक रही थी। मालिनी की अंग्रेजी बहुत अच्छी थी। इस
प्रकार मालिनी की सहायता से उसने अपनी अंग्रेजी में सुधार किया।
Passage
6.
MANJULA
: The launching of the novel was a major media event in the US. After all, you
must remember it had already proved a super hit in Britain. They invited me to
New York for the release. There was much fanfare. He sent me an email of
congratulations. From Los Angeles. Apologised that he couldn't get leave to
attend.
IMAGE
: And you didn't go to LA?
Questions
:
1.
What was the grand event in the US?
अमेरिका
में एक बड़ी घटना क्या हुई?
2.
How did the novel prove in Britain?
उपन्यास
ब्रिटेन में कैसा सिद्ध हुआ?
3.
Who sent an email of congratulations and why?
बधाई
का ईमेल किसने भेजा और क्यों?
Answers
:
1.
The launching of the novel “The River Has No Memories', written by the
protagonist was the grand event in the US.
नायिका
के उपन्यास 'The River Has No Memories' का प्रथम सार्वजनिक प्रदर्शन अमेरिका में एक
बड़ी घटना हुई।
2.
The novel was a great success in Britain. It had proved a super hit there. The
protagonist received name, fame and money for it.
ब्रिटेन
में उपन्यास बहुत अधिक सफल हुआ। वहाँ पर यह अत्यन्त प्रसिद्ध हुआ। नायिका को इसके लिए
नाम, यश और धन प्राप्त हुआ।
3.
Pramod, the husband of the protagonist, sent the email of congratulations to
the protagonist. He sent this to apologise that he couldn't get leave to attend
the ceremony.
नायिका
के पति प्रमोद ने यह बधाई का ईमेल नायिका को भेजा था। उसने यह ईमेल समारोह में उपस्थित
होने के लिए छुट्टी न मिल पाने के कारण क्षमायाचना के लिए भेजा था।
Summary (सारांश)
About the Author :
Girish
Karnad was a contemporary writer, playwright, actor and movie director. He was
born on May 19, 1938 and died on June 10, 2019. He was a recipient of the Padma
Shri (1974), Padma Bhushan (1992) and the Jnanpith Award (1998).
He
wrote in both Kannada and English. His plays generally use history and
mythology to focus on contemporary issues. He was active in the world of Indian
cinema till his death. This play, too, can be looked at from multiple levels
the focus on values, both personal and academic, and the issue of bilingualism
in today's world.
लेखक
के बारे में :
गिरीश
कर्नाड समकालीन लेखक, नाटककार, अभिनेता और फिल्म निदेशक थे। उनका जन्म मई 19, 1938
को हुआ था और जून 10, 2019 को उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें पद्मश्री 1974, पद्मभूषण
1992 और ज्ञानपीठ पुरस्कार 1998 में दिया गया। वह कन्नड़ और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं
में लिखते थे। उनके नाटक सामान्य रूप से समकालीन समस्याओं पर ध्यान केन्द्रित करने
के लिए इतिहास तथा किंवदन्तियों का सहारा लेते हैं। वह भारतीय सिनेमा में भी मृत्युपर्यन्त
सक्रिय रहे। इस नाटक को भी विभिन्न स्तरों से देखा जा सकता है-मूल्यों पर केन्द्रित
ध्यान, व्यक्तिगत एवं शैक्षिक दोनों ही रूपों में, और आज के संसार में द्विभाषी होने
की समस्या।
About the Drama :
‘Broken
Images' by Girish Karnad is a play in which the playwright uses the Image
Technique. He presents the self feelings of the protagonist Manjula through her
own image. In this dialogic form of presentation, the questions or the
reflections exhibit the feelings of the protagonist's heart and innerself. The
image asks questions and Manjula answers them to clear her doubts.
The
image puts the questions to Manjula regarding her younger sister Malini, her
turning up to write in English from Kannad, Pramod, her husand, and the
relationship between Pramod and Malini. Her innerself is full of doubts and
confusions while she removes all these doubts and hurdles through her image.
When the image puts questions beyond its limitations, Manjula is irritated and
don't want to answer those questions. But when the image smiles, Manjula
becomes cool and quite and answers the questions.
नाटक
के बारे में :
'Broken
Images' गिरीश कर्नाड का नाटक है जिसमें नाटककार ने छवि तकनीक का प्रयोग किया है। वह
नायिका मंजुला की स्वयं की भावनाओं का प्रकटीकरण करता है जो वह उसकी छवि के माध्यम
से करता है। प्रस्तुतीकरण के इस संवादात्मक स्वरूप में, प्रश्न अथवा. प्रतिरूप नायिका
के हृदय तथा अन्तआत्मा की भावनाओं को प्रदर्शित करता है। छवि प्रश्न पूछती है और मंजुला
उसके संदेहों को दूर करने के लिए उन प्रश्नों का उत्तर देती है।
छवि
मंजुला से उसकी छोटी बहन मालिनी, उसके कन्नड़ भाषा से अंग्रेजी भाषा में लिखने, उसके
पति प्रमोद के बारे में, और प्रमोद और मालिनी के बीच के सम्बन्ध के बारे में प्रश्न
पूछती है। उसकी अन्तआत्मा सन्देहों और भ्रम से भरी हुई है जबकि वह अपनी छवि के माध्यम
से इन सभी सन्देहों और बाधाओं को दूर करती है। जब छवि अपनी सीमा से परे प्रश्न पूछती
है तो मंजुला नाराज हो जाती है और उन प्रश्नों के उत्तर देना नहीं चाहती है। लेकिन
जब छवि | मुस्कराती है, तो मंजुला शान्त हो जाती है और प्रश्नों के उत्तर देती है।
कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद
For
you know only ............. minutes of the play. (Pages 224-225)
कठिन
शब्दार्थ-broken (ब्रोकन्) = damaged or into pieces, विखण्डित। images (इमिज्ज) =
impression or picture. धारणा, चित्र। interior (इन्टिअरिअ(र)) = inside, आन्तरिक ।
stride (स्ट्राइड) = to walk with long steps, लम्बे कदम रखना। lapel ( लपेल) =
folded part of jacket, गिरेबान ।
at
home (एट होम्) = at ease, habitual, आराम से रहना, आदतन । scary (स्केअरि) =
frightening, भयानक, डरावना। obsolescence (ऑब्सोलिसैन्स) = to be old, पुराना पड़
जाना। cluttered (क्लट्ड्) = in untidy manner, अस्त-व्यस्त । invisible (इनविजब्ल)
= that cannot be seen, अदृश्य । fumble (फम्ब्ल ) = to try to find out
carelessly, टटोलना। giggles (गिगल्स्) = to laugh, हँसना।
हिन्दी
अनुवाद-
...........
क्योंकि केवल आप जानते हैं
विखण्डित
छवियों का ढेर, जहाँ पर सूर्य धड़कता है,
और
सूखा हुआ वृक्ष शरण भी नहीं देता है.....
टी.एस.
इलियट
द
वेस्ट लैण्ड
एक
दूरदर्शन स्टूडियो का आन्तरिक भाग। एक बड़ी प्लाज्मा स्क्रीन एक ओर लटकी हुई है, यह
पास से देखने के लिए पर्याप्त विशाल है ताकि दर्शक स्पष्ट रूप से देख सकें। मंच के
दूसरी ओर, एक कुर्सी है और विशेष रूप से 'टेली' मेज रखी हुई है-मजबूत, चौडी, अर्ध-वृत्ताकार।
मंच के पीछे अनेकों टेलीविजन सेट रखे हुए हैं जिनकी स्क्रीन अलग-अलग आकार की है। एक
छोटा लाल रंग का बल्ब चमक रहा है, वह इतना पर्याप्त ऊँचा है कि वह टेलीविजन स्क्रीन
पर दिखाई न दे। मंजुला नायक चलकर अन्दर आती है। उसकी आयु तीस-चालीस वर्ष के मध्य है
और आत्मविश्वास से भरे कदमों से चलकर वह आती है। उसके गरेबान में माइक लटका हुआ है।
यह तुरन्त ही स्पष्ट है कि स्टूडियो से प्रसारण में निपुण है। वह चारों ओर देखती है।
मंजुला
- अच्छा, बहुत अच्छा, बिल्कुल साफ!
(वह
जाती है और कुर्सी पर बैठ जाती है। अपने कान पर लगे फोन को ठीक करती है)
लेकिन
कैमरा कहा है ?
(उत्तर
को सुनती है)
आह!
मैं समझी। यह नई तकनीकी है। क्या यह डरावनी नहीं है ? बिल्कुल पुराना और
अप्रयुक्तता
की स्थिति? (सुनती है) वास्तव में मेरे पास भी (कैमरा) है। लन्दन में और टोरन्टो में।
लेकिन जब आप भारतीय दूरदर्शन स्टूडियो के बारे में सोचते हैं तब आप केवल अस्त-व्यस्त
स्टूडियो की कल्पना करते हैं। बहुत महिला और पुरुष छोटे-छोटे कदमों से तेज गति से चलते
हैं, तेज आवाज में आदेश देते हैं। बड़ी-बड़ी लाइट्स होती हैं, हैडफोन होते हैं, कैमरा
होते हैं। क्या आप जानते हैं कि मैं क्या कहना चाहती हूँ। लेकिन यहाँ.... मेरा कहने
का अर्थ है कि ये सारी चीजें साधारण सी हैं...... मैं जानती हूँ। लेकिन थोड़ी सी एकाकी
भी हैं। एक आवाज रिकॉर्ड करने वाले स्टूडियो की तरह.... ठीक है। ठीक है..... कैमरा
नहीं है। मुझे केवल सामने देखना है और अपने सामने बैठे हुए अदृश्य दर्शकों से बात
- करनी है....सीधे । ठीक है। ठीक है..... मैं आपकी आवाज सुन सकती हूँ। स्पष्ट रूप से।
आवाज
का परीक्षण? ..... परीक्षण, परीक्षण, एक, दो, तीन, चार, पाँच, हैलो, हैलो! क्या मैं
माइक को थपथपा सकती हूँ? (हँसती है) मेरा भाषण ठीक दस मिनट का होगा। मैंने अपने समय
को सीमित कर रखा है..... नहीं। मैं पढूँगी नहीं। "आगे देखो और बोलो!" अच्छा.....
लेकिन यह थोड़ा सा ज्यादा समय ले सकता है। दो मिनट का समय..... यदि मैं ज्यादा नहीं
बोली तो। (हँसती है) पीली रोशनी? ठीक है, ठीक है. तैयार, ठीक है। (वह मुँह में धीरे-धीरे
'दस' से लेकर 'जीरो' तक गिनती है और अपनी आगे की अंगुली से उस पर दबाव डालती है । दस
के घण्टे पर रोशनी पीली हो जाती है। उद्घोषक बड़ी प्लाज्मा स्क्रीन पर दिखाई देता है।
अन्य स्क्रीन नाटक के कुछ अन्तिम मिनटों में खाली रहती हैं।
Announcer
= Good evening ....... she speaks. (Pages 225-226)
कठिन
शब्दार्थ-renowned (रिनाउनड्) = fame and respect, प्रसिद्धि और आदर। unusual (अन्यूशुअल)
= not expected, अप्रत्याशित। stunned (स्टन्ड्) = very attractive, आकर्षित, 370h
cerita i best seller (ote) = largest sale, Hafferata fasat arti telefilm (टेलिफिल्म्)
= a film of television, टेलीविजन के लिए फिल्म। remarkable (रिमाकब्ल्) =
surprising, असाधारण । graciously (ग्रेशस्लि ) = kindly, उदारता से। phenomenon (फनॉमिनन्)
= an event, घटना अथवा कार्य। applause (अप्लॉज) = clapping, करतल ध्वनि, तालियाँ।
disappears (डिसपिअस्) = invisible, अदृश्य हो जाना, चले जाना।
हिन्दी
अनुवाद -- उद्घोषक - शुभ संध्या। यह श्री टीवी चैनल के लिए गर्व करने वाली शाम है।
क्योंकि आज शाम को हम आपके पास ला रहे हैं मिस मंजुला नायक को। आप में से बहुत से लोग
उसे एक प्रसिद्ध कन्नड़ लघुकहानीकार के रूप में जानते हैं। एक वर्ष पूर्व तक वह बैंगलोर
में अंग्रेजी की प्रवक्ता थी। लेकिन वह कन्नड़ भाषा में लिखती रही थी। यह कोई अप्रत्याशित
नहीं है, जैसा कि आप जानते हैं। यह एक आश्चर्यजनक बात है कि हमारे बहुत से कन्नड़ भाषा
के लेखक अंग्रेजी के प्रवक्ता रहे हैं; सर्वाधिक प्रारम्भिक दिनों से-बी.एम. श्री,
गोकक, अडिगा। यहाँ तक कि आधुनिक लेखक भी।
लंकेश,
शान्तिनाथ, अनन्था मूर्ति। और वास्तव में ए.के. रामानुजन भी जो दोनों भाषाओं में समान
रूप से अत्यन्त निपुण थे। लेकिन पिछले वर्ष श्रीमती नायक ने संसार को स्तब्ध कर दिया-हाँ,
मेरा कहने का अर्थ है, एक उपन्यास लिखकर पूरे संसार को। उसका पहला उपन्यास। अंग्रेजी
में! The River Has No Memories. अपने ब्रिटिश प्रकाशक से उसने जो अग्रिम धनराशि प्राप्त
की थी वह यहाँ पर और पश्चिम के देशों में समाचार पत्रों की प्रमुख खबर बन गई थी। और
उसके बाद उपन्यास पूरे संसार में सर्वाधिक बिक्री वाला उपन्यास बन गया। श्रीमती नायक
को हमारी हार्दिक शुभकामनाएँ।
आज
शाम को हम इस शानदार उपन्यास पर आधारित एक टेली फिल्म का प्रसारण कर रहे हैं। फिल्म
ठीक दस मिनट में शुरू होगी। और हमारे साथ स्टूडियो में स्वयं मिस नायक उपस्थित हैं,
जिसने अपने कार्य के बारे में हमारे दर्शकों को उदारतापूर्वक सम्बोधित करने पर सहमति
दी है। देवियों और सज्जनों, इस दशक के साहित्यिक व्यक्तित्व श्रीमती मंजुला नायक का
स्वागत करिये।। (करतल ध्वनि की आवाज आती है। रोशनी हरी हो जाती है। उद्घोषक चला जाता
है और उसके स्थान पर मंजुला की छवि दिखाई देती है। वह बोलती है।)
Manjula
= Namaskara ................ Indian feel!' (laughs) (Pages 226-227)
कठिन
शब्दार्थ-creative (क्रिएटिव) = with imagination, कल्पनाशीलता के साथ। intrude (इनट्रड)
= to enter without permission, अनधिकार प्रवेश, घुसपैठ करना। bother (बॉद(र्)) =
to disturb, चिन्तित/परेशान। disposal (डिस्पोजल) = to use anytime, सुविधानुसार उपयोगार्थ
। variations (वेअरिएश्न्) = a change, परिवर्तन। confess (कनफेस्) = to admit, स्वीकार
करना। foreseen (फॉसीन्) = to know or guess, अनुमान लगाना। betray (बिट्रे) = to
hurt somebody, विश्वासघात। baffles (बैफ्ल्स् ) = to confuse, भ्रम में डालना।
manuscripts (मैन्युस्क्रिप्ट) = a hand written book, पांडुलिपि।
हिन्दी
अनुवाद:
मंजुला
– नमस्कार। मैं मंजुला नायक हूँ। मुझे अवश्य ही यह बताना चाहिए कि आधिकारिक रूप से
मैं श्रीमती मंजुला मूर्ति हूँ, परन्तु मेरी सृजनशीलता मंजुला नायक के रूप में ही जारी
है। कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें शादी को ज्यादा घुसपैठ नहीं करने देनी चाहिए। (हँसी
की आवाज) किसी के कार्य के बारे में बात करना अत्यन्त कठिन है। इसलिए मुझे एक सरल रास्ता
प्राप्त करने दो। मुझे केवल दो प्रश्न उठाने हैं जिनका मैं लगातार सामना करती हूँ।
वे दोनों प्रश्न प्रत्येक व्यक्ति को यहाँ पर और विदेश में परेशान करते हुए प्रतीत
होते हैं।
मैं
इन प्रश्नों के उत्तर अपनी सर्वश्रेष्ठ योग्यतानुसार अपनी स्वेच्छा से थोड़े से समय
में दूंगी और चुप हो जाऊँगी। वास्तव में, यही वह कार्य है जो एक लेखक को करना चाहिए,
क्या उसे नहीं करना चाहिए?-लिखो और चुप हो जाओ! (हँसती है) प्रथम प्रश्न-शायद आप पहले
ही उसका अनुमान लगा चुके हैं। अपने जीवन भर कन्नड़ भाषा में लिखने के बाद, आपने अचानक
अंग्रेजी में लिखने का निश्चय क्यों किया? आप स्वयं को कन्नड़ लेखक समझती हैं अथवा
अंग्रेजी लेखक के रूप में? आप किस प्रकार के दर्शकों के लिए लिखती हैं ? विषयवस्तु
की किस प्रकार की भिन्नता है?
वास्तव
में, मैं स्वीकार करती हूँ। यदि मैंने यह पूर्व में अनुमान लगा लिया होता कि अंग्रेजी
में लिखकर मैं कितने लोगों को परेशान करूँगी तो वास्तव में मैंने यह मूर्खता नहीं की
होती। वे विद्वान लोग जिनका मैं सम्मान करती थी, वे लेखक जो मेरे लिए गुरु थे, वे मित्र
जिनके बारे में मैंने सोचा कि वे मेरी पीठ थपथपाएँगे और मेरी खुशी में भागीदार बनेंगे-वे
सब अचानक (मेरे विरुद्ध) आग उगलने लगे। मैंने अंग्रेजी में लिखने और कन्नड़ के साथ
विश्वासघात करने का साहस कैसे किया! (हँसती है) विश्वासघात! इसका उत्तर सरल है; यदि
इसमें विश्वासघात होता तो यह जानबूझकर चयन का मामला नहीं होता। मैंने उपन्यास अंग्रेजी
में लिखा क्योंकि यह अंग्रेजी में फूट पड़ा। इसने मुझे भी आश्चर्यचकित कर दिया। मैं
समझ ही नहीं सकी कि यह सब अंग्रेजी में क्यों आ रहा है। लेकिन यह आया। इनकी कोई दूसरा
व्याख्या नहीं है।
वास्तव
में मुझे किसने भ्रमित किया, मुझे स्वीकार करने दो, वह मुझे दुःख देता है कि हमारे
विद्वान इस साधारण बात को क्यों नहीं समझ सकते! मुझे विदेशी पाठकों के लिए लिखने का
दोषी माना गया है। दोषी! जैसे कि मैंने कोई बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो। एक लेखक अपने
दर्शकों की तलाश करता है जहाँ पर भी वे उसे मिल जायें! मेरे ब्रिटिश प्रकाशक ने मुझसे
कहा-"हमें तुम्हारी पुस्तक पसन्द है क्योंकि यह पूरी तरह भारतीय है। हमें भारत
से एक बड़ी मात्रा में पाण्डुलिपियाँ प्राप्त होती हैं लेकिन वे सभी पश्चिमी पाठकों
को ध्यान में रखकर लिखी जाती हैं । आपके उपन्यास में वास्तविक भारतीय भावना है।"
(हँसती है)
But
who listens..................... it at that. (Pages 227-228)
कठिन
शब्दार्थ-traitor (ट्रेट(र)) = not loyal, गद्दारी करने वाला। complicity (कम्प्लिसटि)
= being: involved, अपराध में सहयोग, सांठ-गांठ। oracular (अरैक्यल()) = having a
hidden meaning, गूढार्थक, रहस्यमय। accusation (ऐक्यु जेशन्) = to prove wrong, दोषारोपण।
grim (ग्रिम) = very serious, अत्यन्त गम्भीर। dictum (डिक्टम्) = a notion, सिद्धान्त
वाक्य । concentrate (कॉन्सन्ट्रेट) = to focus on work, ध्यान केन्द्रित करना।
हिन्दी
अनुवाद : लेकिन यहाँ कौन सुनता है ? उदाहरण के लिए एक पण्डित ने कहा है कि कोई भी भारतीय
लेखक महिला हो या पुरुष स्वयं को अंग्रेजी में ईमानदारी से व्यक्त नहीं कर सकता है।
"भारतीय लेखकों के लिए, अंग्रेजी बेईमानी का माध्यम है।" वास्तव में, कोई
भी व्यक्ति प्रश्न पूछ सकता है कि कितने कन्नड़ लेखक ईमानदार हैं उस सब में जो कुछ
वे कन्नड़ में लिखते हैं। लेकिन यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी तुरन्त ही विश्वासघाती
के रूप में आलोचना हो जायेगी। आप जीत नहीं सकते! अभी हाल ही में केन्द्रीय साहित्य
अकादमी-पत्रों की राष्ट्रीय अकादमी-(जो बिना नाम के रहेगा) के अध्यक्ष ने घोषणा की
वे भारतीय जो अंग्रेजी में लिखते हैं, ऐसा धन कमाने के लिए करते हैं।
कि
अंग्रेजी में लिखकर वे वैश्विक उपभोक्ता बाजार अर्थव्यवस्था में अपनी सांठ-गांठ को
स्वीकार करते हैं। वह वास्तव में अंग्रेजी में बोला। अंग्रेजी में बोलना, जैसा आप जानते
हैं, आपको भारतीय साहित्य और भाषाओं पर रहस्यमय घोषणा करने का अधिकार देती है। लेकिन
मेरा इस आरोप पर जवाब कि मैं अंग्रेजी में धन के लिए लिखती हूँ, होगा : क्यों नहीं?
क्या यह एक पर्याप्त सही कारण नहीं है? क्या आप देखना पसन्द करेंगे कि मैंने कन्नड़
में लिखकर कितना धन कमाया था? (रुकती है) लेकिन फिर भी यह आरोप छुपाता है-अथवा शायद
प्रकट करता है--एक अत्यन्त गम्भीर चिन्ता की। जैसा कि अकादमी के अध्यक्ष के सिद्धान्त
वाक्य से स्पष्ट हो जाता है, कि इसमें लेखक का मुद्दा सृजनात्मकता नहीं बल्कि धन है।
जो
कुछ लोगों की आँखों में चुभता है यह वह धन है जो अंग्रेजी में लेखन कमा सकता है। मैंने
अपने उपन्यास के लिए जो अग्रिम धनराशि प्राप्त की केवल अग्रिम धनराशि, ध्यान रखिए-उसने
मुझे अपनी नौकरी से त्याग-पत्र देने और लेखन पर ध्यान केन्द्रित करने में सहायता प्रदान
की। वास्तव में यह ईर्ष्या का एक कारण है। कन्नड़ में संघर्ष करने के बाद, मैं इसे
अच्छी तरह समझ सकती हूँ। कन्नड़ भाषा की एक कहावत है-"एक उत्तर अच्छा है परन्तु
अर्थपूर्ण उत्तर ज्यादा अच्छा है।" अर्थपूर्ण। इसके अर्थ के लिए कन्नड़ भाषा में
शब्द है 'अर्थ'-जिसका एक अर्थ धन भी होता है ! और वास्तव में यश, प्रसिद्धि, चकाचौंध,
.... शक्ति। (हँसती है) अब मैं इसे यहीं पर रोकती हूँ।
The
second question ......... invented. (Pause.) (Pages 228-229)
हिन्दी
अनुवाद -athlete (ternitę) = who takes part in sports, fermisti recreate (रेक्रिएट्)
= enjoy, rebuild, मनोरंजन, पुनःनिर्माण। confined (कनफाइन्ड्) = very small
place, छोटा स्थान। empathetic (एम्पथिटिक्) = sympathetic, सहानुभूतिपूर्ण।
meningomyelocele (मेनिगोमाइलोसल) = a defect of the central nervous system, केन्द्रीय
तन्त्रिका तन्त्र में खराबी। dysfunctional (डिसफंक्शनल) = useless, बेकार, अनुपयोगी।
moisten (मॉइस्ट्न्) = slightly wet, नम, हल्का गीला।
हिन्दी
अनुवाद:
दूसरा
प्रश्न जो प्रत्येक व्यक्ति पूछता है वह स्वयं इस पुस्तक के बारे में है; ईश्वर का
धन्यवाद ! आप किस प्रकार-आप इतनी ताकतवर और फुर्तीली दिखाई देती हैं-मैं अपने कॉलेज
में लम्बी कूद की खिलाड़ी थी, यद्यपि मैं अंजू बॉबी जॉर्ज नहीं थी-आपने किस प्रकार
एक ऐसे व्यक्ति के आन्तरिक जीवन का पुनःनिर्माण कर दिया जो जीवनभर अपने बिस्तर पर कैद
रहा? किस प्रकार से एक स्वस्थ और बाहर घूमने वाली महिला एक दिव्यांग व्यक्ति के भावुक
संसार में इतनी सहानुभूतिपूर्ण रह सकती है ? ठीक है, यह दुःखद है, लेकिन मैं अपनी छोटी
बहिन मालिनी की ऋणी हूँ।
वह
शारीरिक रूप से दिव्यांग थी। वह तकनीकी रूप से केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र में खराबी
से पीड़ित थी-उसके शरीर का ऊपरी भाग पूरी तरह से सामान्य था; कमर के नीचे, तन्त्रिका
तन्त्र खराब था। पूरी तरह से अनुपयोगी। शल्य चिकित्सा की एक श्रृंखला शुरू हुई जो कि
उसके जन्म के तुरन्त बाद शुरू हो गये थे, जिससे उसका अस्तित्व में दयनीयता कम हो गई।
छः वर्ष पहले मेरे माता-पिता की मृत्यु हो गई, वह हमारे साथ हमारे जयनगर के घर में
रहने आई, और मैंने उसकी सेवा शुश्रूषा की। पिछले कुछ महीनों के दौरान, यह स्पष्ट हो
गया कि उसके पास ज्यादा समय नहीं बचा था। मैं सन्तानहीन हूँ और वह मेरी बच्ची बन गई।
सत्य रूप से, यह पुस्तक उसके बारे में है। मैंने इसे उसकी स्मृति में समर्पित कर दिया
है।
उसकी
पिछले साल मृत्यु हो गई। पुस्तक के प्रकाशन से केवल कुछ महीने पूर्व। मैंने उस सबको
पुनर्जीवित करने की कोशिश की है जो कुछ मैंने उसके भावुक जीवन के बारे में सीखा जब
मैंने उसकी सेवा और देखभाल की-उसका पालन-पोषण किया-और असहाय होकर देखती रही जब वह मृत्यु
के मुँह में समा गई। मुझे उसकी याद आती है। मैंने अपनी सुन्दर सज्जन बहन को खो दिया
है। (उसकी आँखें नम हो जाती हैं) वह उपन्यास में वास्तविक जीवन से लिया गया एकमात्र
चरित्र है। अन्य चरित्र और कथानक पूरी तरह से काल्पनिक हैं। खोजे हुए। (रुकती है)
I
must here ........... move to the door. (Pages 229-230)
कठिन
शब्दार्थ-Chores (चॉ()) = a job uninteresting but must, अरुचिकर परन्तु अनिवार्य कार्य।
floundering (फ्लाउन्डरिङ) = difficult to speak, लड़खड़ाना। sinking (सिङकिङ्) =
to go down, डूबना। prodding (प्रॉडिङ) = to push, धकेलना। cardinal (काडिन्ल) = a
priest at church, चर्च का अधिकारी | absolution (ऐब्सलूशन्) = forgiveness, क्षमादान
। conceived (कन्सीव्ड्) = through of a new idea, नये विचार के बारे में सोचा।
leans (लीन्स्) = to bend, झुक जाना।
हिन्दी
अनुवाद : यहाँ पर मुझे उस सहयोग को स्वीकार करना होगा जो मैंने एक व्यक्ति से प्राप्त
किया जबकि मैं उपन्यास लिख रही थी-मेरे पति, प्रमोद मूर्ति । उस समय मैं प्रवक्ता के
रूप में पूर्णकालिक कार्य कर रही थी, कॉलेज का महत्त्वपूर्ण किन्तु अरुचिकर कार्य ।
घर उसकी यादों से भरा हुआ था और वहाँ पर मैं थी, अचानक अंग्रेजी में लिखने लगी। लड़खड़ाते
हुए। डूबते हुए। मैं पूरी तरह से संकेतहीन थी। उस समय कुछ ऐसे भी क्षण थे जब मैं पूरी
तरह से टूट गई थी, जब मैंने महसूस किया कि अब और ज्यादा जारी नहीं रख सकती।
लेकिन
वह हमेशा मेरे पक्ष में खड़ा रहता था। मुझे उत्साहित करता हुआ, मुझे आगे की ओर धकेलता
हुआ। बिना उसके मैं कभी भी अपने उपन्यास को पूरा नहीं कर सकती थी। धन्यवाद, प्रमोद।
(सिर के ऊपर की रोशनी पीली हो जाती है।) ठीक है, बस इतना ही। मैंने अंग्रेजी में लिखने
का जो एक बड़ा पाप किया है, उसे मैंने स्वीकार कर लिया है। (हँसती है) इसका कोई प्रायश्चित
नहीं है, कोई क्षमादान नहीं है। लेकिन सौभाग्य से जो फिल्म आप देखने वाले हैं वह कन्नड़
भाषा में ही है। इससे मुझे अत्यधिक खुशी होती है। आखिरकार जिस परिवार के बारे में मैंने
लिखा है वह कन्नड़ है।
मैं
स्वयं भी कन्नड़ लेखिका हूँ जो कन्नड़ भाषा और सभ्यता में ही पैदा हुई और इस पर गर्व
करती हूँ। जिस कन्नड़ को मैंने अंग्रेजी में लिखा उसे निदेशक के द्वारा वापस पूर्णता
के साथ कन्नड़ में अनुवादित कर दिया गया है। मैं इससे ज्यादा अच्छा इसे नहीं कर सकती
थी। मैं कलासाधकों, बनाने में सहयोग करने वाले सभी लोगों और वास्तव में श्री टीवी को
धन्यवाद देती हूँ। ठीक है, टेलीफिल्म का आनन्द उठायें। शुभ रात्रि, नमस्कार (रोशनी
लाल हो जाती है, वह वापस कुर्सी पर झुक जाती है, थोड़ी देर रुकती है, कॉलर माइक में
तत्पश्चात् बोलती है) मैं आशा करती हूँ कि सब कुछ ठीक था? मैंने बहुत ज्यादा नहीं बोला,
क्या बोला? (सुनती है) धन्यवाद राजा, मेरे लिए यह अत्यधिक प्रसन्नता की बात है।
क्या
मैं तुमसे बाहर मिलूँ ? (लाल रोशनी बन्द हो जाती है। वह संतुष्टि के साथ मुस्कराती
है।) ठीक है ! हम उनसे प्राप्त कर लेंगे, ठीक है। मैंने उनसे अत्यधिक घृणा प्राप्त
कर ली है। (हँसती है और खडी होती है। मंजुला की छवि को स्क्रीन पर फिल्म के लिए रास्ता
छोड़ देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं होता है । इसके स्थान पर, पहले की तरह ही उसकी छवि
लगातार पहले ही तरह चलती रहती है, उसको शान्तिपूर्वक देखती रहती है। वास्तव में वह
इस बात से अन्जान है।) (वह दरवाजे की ओर एक कदम चलती है)
Image
= Where are ........... million of them. (Pages 230-232)
कठिन
शब्दार्थ--startled (स्टाट्ल्ड् ) = to surprise, चौंका हुआ। hitch (हिच) = a
small problem, छोटी समस्या। screaming (स्क्रीमिङ) = to cry loudly, जोर से चीखना।
absurd (अब्सड्) = ridiculous, हास्यास्पद । compliments (कॉम्प्लिमन्ट्) =
admiration, प्रशंसा।
हिन्दी
अनुवाद --
छवि
- तुम कहाँ जा रही हो? (आश्चर्यचकित मंजुला रुक जाती है और चारों ओर देखती है अपने
ईयरपीस को जाँचने के लिए छूती है कि कहीं यह आवाज उसमें से तो नहीं आ रही है और आगे
बढ़ती है) तुम अभी नहीं जा सकती हो-मंजुला! (मंजुला परेशान होकर चारों ओर देखती है
और देखती है कि स्क्रीन पर उसकी छवि लगातार बनी हुई है। वह दोहरी छवि लेती है। अब से
लेकर पूरे नाटक में मंजुला और उसकी छवि एक-दूसरे के प्रति प्रतिक्रिया ठीक उसी प्रकार
देंगे जैसे कि वे दोनों ही सजीव पात्र हों)
मंजुला
- हे ईश्वर! क्या मैं अभी भी कैमरे पर हूँ?
(भ्रमित,
वह वापस कुर्सी की ओर तेजी से जाती है और रुक जाती है)
छवि
- आप नहीं हैं। कैमरा बन्द है।
मंजुला
- क्या ऐसा है? तब.....अब?
छवि
- तुम तो खड़ी हो। यदि कैमरा चालू होता तो मैं भी वहाँ पर खड़ी होती। मैं खड़ी नहीं
हूँ।
मंजुला
- क्या यह किसी प्रकार की कोई चाल है?
(अपने
कॉलर माइक में) हैलो! हैलो ! क्या तुम मेरी आवाज सुन रहे हो? मैं अभी भी स्क्रीन पर
कैसे हूँ ?
राजा,
हैलो... (अपने माइक को थपथपाती है, कोई प्रत्युत्तर नहीं) क्या कोई तकनीकी समस्या है
?
छवि
- कोई समस्या नहीं है।
मंजुला
– (छवि से बात करते हुए) लेकिन कैसे.... तुम कौन हो.... कैसे.... क्या यह टेप रुक गई
है?
(माइक
में जोर-जोर से आवाज लगाती है) राजा, राजा, सहायता! सहायता!
छवि
- तुम क्यों चीख रही हो? तुम्हें किससे डर लग रहा है? यह तो केवल मैं हूँ।
मंजुला
- तुम कौन हो? छवि - मैं ? तुम
मंजुला
– (स्वयं से) यह पूरी तरह हास्यास्पद है।
छवि
- पूरी तरह (एक लम्बी शान्ति जबकि मंजुला छवि की उपस्थिति को स्वीकार करने से इन्कार
कर देती है।
तत्पश्चात्
वह धीरे-धीरे ऊपर की ओर देखती है। छवि मुस्कराती है।)
छवि
- एक शानदार भाषण, मुझे कहना चाहिए। मेरी शुभकामनाएँ। एक शानदार प्रस्तुति। दर्शकों
ने इसे
बहुत
पसन्द किया। सभी दो मिलियन लोगों ने।
Manjula
= But the film? .......................................that's true. (Pages
232-233)
कठिन
शब्दार्थ-screw (स्क्रू) = fasten, बाँध देना । pace (पेस्) = speed, गति।
persistent (पसिस्टन्ट्) = determined, दृढ़संकल्प। extreme (इक्स्ट्रीम्) = the
greatest, अधिकतम। bond (बॉन्ड्) = a feeling to bind together, बंधन । vivacious
(विवेशस्) = full of energy, प्रसन्नता से भरा हुआ। radiated (रेडिएटेड) = to show
a quality, गुण का प्रदर्शन। reconciled (रेकन्साइल्ड्) = to come on agreement, समझौता
करना। gravity (ग्रैवटि) = importance, seriousness, महत्त्व, गम्भीरता। anatomy (अनैटमि)
= study of body, शरीर रचना विज्ञान। gobbled (गॉब्लड्) = to eat quickly, जल्दी-जल्दी
खाना।
हिन्दी
अनुवाद
मंजुला
- लेकिन फिल ? क्या यह फिल्म शुरू नहीं हुई है ?
छवि
- अरे, फिल्म को थोड़ा कसो.... यह अत्यन्त भयानक है।
मंजुला
- मैंने उनसे कहा था कि यह कार्य नहीं करेगा। एक टेलीफिल्म को बहुत अधिक गति की आवश्यकता
होती है। अलग-अलग स्थानों की, गति; क्रिया, ड्रामा की आवश्यकता होती है। "एक अच्छा
उपन्यास आवश्यक रूप से एक अच्छी फिल्म नहीं बनाता है।" मैंने तर्क दिया। लेकिन
वे अपनी बात पर दृढ़ थे। प्रायोजक पाना अत्यन्त सरल था। (रुकती है) उन्होंने ठीक से
भुगतान किया।
छवि
- अब आपका प्रदर्शन...... यह परिचय...... आज शाम की यह सर्वश्रेष्ठ बात होगी। तुम्हारा
समाचार सभी समाचार पत्रों में छपेगा। तुमने बहुत से लोगों को मानसिक परेशानी देने का
प्रबन्ध कर लिया है।
मंजुला
- धन्यवाद । यही मेरा आशय था। (रुकती है)
छवि
- यदि किसी को कोई टिप्पणी देनी होती...... इस विशिष्ट मामले में...... अपनी बहन मालिनी
के
बारे
में थोड़ी सी...... वे आँसू...... वे भी प्रदर्शित किए जा सकते थे...... मंजुला - मैं
कोई बहाना नहीं कर रही थी। मैं उसे प्रेम करती थी। (रुकती है)
मैं
उसे प्रेम करती हूँ, अभी भी। मैं नहीं सोचती कि मैं किसी भी अन्य से इतनी पास रही हूँ।
छवि
- क्या यह घनिष्ठ गठबन्धन था?
मंजुला
- उपन्यास वास्तव में उसके साथ न्याय नहीं करता है। वह आकर्षक थी...... मुझसे ज्यादा
आकर्षक। बुद्धिमान-मुझसे ज्यादा बुद्धिमान। और प्रसन्नता से भरी हुई, जो मैं कभी नहीं
थी। मैंने यह स्वीकार किया। उसने अपनी व्हील चेयर जिस पर वह सीमित थी, वहीं से अपने
गुणों का प्रदर्शन किया था। मैंने हमेशा दूसरे नम्बर पर सर्वश्रेष्ठ के रूप में समझौता
कर लिया था।
छवि
- उसकी बीमारी दुर्भाग्यपूर्ण थी। लेकिन इसी के कारण उसने प्रत्येक बात में सर्वश्रेष्ठ
प्राप्त किया।
मंजुला
- (सुरक्षात्मक होकर) उसने कभी कोई वस्तु नहीं माँगी। अपने जन्म के तुरन्त बाद जिस
क्षण पर
उसकी
स्थिति की गम्भीरता को महसूस कर लिया गया था, मेरे माता-पिता बैंगलोर चले गये। कोर
मंगला विस्तार में उन्होंने एक घर ले लिया। वह हो गई......(वह एक वाक्य खोजती है और
फिर बोलती है......उनकी आँखों का तारा। जब वह स्कूल जाने लायक बड़ी हो गई तो एक अध्यापक
उसे घर पर अंग्रेजी और गणित पढ़ाने आता था। इसके अतिरिक्त प्रत्येक विषय वह स्वयं ही
पढ़ा करती थी। इतिहास, दर्शनशास्त्र, शरीर-संरचना विज्ञान। वह आतुर थी
जीवन
के लिए आतुर । वह सब कुछ गटक जाना चाहती थी।
छवि
- और तुम?
मंजुला
– मैं प्रायः यह सोचती रहती थी कि क्या मैं कभी इतनी होनहार रही होती यदि मुझे यह प्रेम
और आकर्षण मिला होता।
छवि
- नहीं, तुम्हें यह सब नहीं मिलता, हमें इसे स्वीकार करना होगा।
मंजुला
– (सुरक्षात्मक रूप से) मैंने सर्वश्रेष्ठ बिकने वाली पुस्तक लिखी है। छवि - यह सत्य
है।
Manjula
= But you are right ........... ....... became yours. (Pages 233-234)
कठिन
शब्दार्थ-affectionate (अफेक्श्न ट्) = showing love, स्नेहशील। fussed (फस्ड्) =
excited, उत्तेजित। substitute (सब्स्ट ट्यूट) = in place of someone else, किसी के
स्थान पर। halcyon (हैल्सीअन्) = patient, शान्त, धीर । reluctant (रिलक्टन्ट्) =
not interested, अनिच्छुक। investments (इन्वेस्टमन्ट्स् ) = to put money to
increase, निवेश।
हिन्दी
अनुवाद
मंजुला
– लेकिन आप सही हैं। मैं नहीं हो सकती। वे मुझे दादा-दादी के पास धारवाड़ में छोड़कर
चले गये। वे अत्यन्त प्रेम से परिपूर्ण दम्पति थे। वे मेरा अत्यन्त ध्यान रखते थे परन्तु
माता-पिता का कोई विकल्प नहीं होता है। जब छुट्टियाँ आती थीं तो मैं बड़ी मुश्किल से
ही बैंगलोर जाने की प्रतीक्षा कर पाती। और एक बार जब मैंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर
ली, तो मुझे बैंगलोर में एक जॉब भी मिल गई। और मैं आ गई और उनके साथ ही रहने लगी। वे
मेरे जीवन के सबसे खुशी वाले दिन थे! शान्तिपूर्ण! लेकिन उसके बाद मेरी प्रमोद से मुलाकात
हुई। हमने शादी की और हम जयनगर में रहने लगे। पिता ने हमें घर में सहायता की लेकिन
पिता ने अपना अधिकतर धन उसके (मालिनी के) नाम पर छोड़ दिया था-उसकी देखभाल करने के
लिए। वह हमेशा केन्द्रबिन्दु रहती थी। स्वाभाविक रूप से।
छवि
- लेकिन जब तुम्हारे माता-पिता की मृत्यु हो गई तो तुम कोर मंगला घर में क्यों नहीं
गईं ? इतना शानदार, बड़ा घर। जिसमें बगीचा था। खुला बड़ा स्थान था।
मंजुला
– जयनगर का घर मेरा अपना घर था। मैं इसकी अभ्यस्त हो गई थी। मेरा कॉलेज भी जयनगर में
था। हमने एक ऐसा घर चुना था जो कि पैदल चलने की दूरी पर था। कोर मंगला का घर प्रत्येक
सुबह की खींचतान वाला घर हो जाता। और उसके बाद भी यह बहुत बड़ा घर था ! जिसकी देखभाल
भी आसान नहीं थी। मुझे माँ के समान पूरे दिन घर पर ही रुकना पड़ता। शायद मुझे अपनी
नौकरी भी छोड़नी पड़ती। नहीं, जैसा मैंने कहा। वह (मालिनी) उन लोगों में सबसे ज्यादा
भावुक लोगों में से एक थी जिन्हें मैं जानती हूँ। उसने महसूस किया कि कोर मंगला जाने
से मेरा जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाएगा। उसने इस बात पर दबाव दिया कि हम कोर मंगला
वाला घर बेच दें। मैं अनिच्छुक थी लेकिन उसने कोई बात नहीं सुनी। वह अपनी ओर से कोई
भी त्याग नहीं चाहती थी, और कोई समझौता नहीं करना चाहती थी। और वह अत्यन्त शानदार तरीके
से छोटे घर में ही व्यवस्थित हो गई। (रुकती है) वास्तव में, मैं कोर मंगला वाले घर
को ले भी नहीं सकती थी ! क्योंकि वहाँ पर अधिकतर लोग ऐसे थे जो कन्नड़ नहीं बोलते थे।
और वास्तव में, वे सारे खाली घर अनिवासी भारतीयों द्वारा पूँजी निवेश के रूप में खरीदे
गये थे। उन दिनों मैं अपने आपको कन्नड़ भाषा की लेखक के रूप में कल्पना करती थी। मैं
कन्नड़ भाषा में ही जीवित रहना चाहती थी। और कन्नड़ संस्कृति के हृदयस्थल में रहना
चाहती थी।
छवि
- अब जबकि तुम अंग्रेजी की एक सफल लेखिका हो गई हो तो क्या तुमने कोर मंगला में एक
बड़ा
बंगला खरीद लिया है ?
मंजुला
- चुप रहो! छवि - क्या मालिनी कन्नड़ भाषा में आसानी महसूस करती थी?
मंजुला
- वास्तव में, यह हमारी मातृभाषा है। परन्तु वह इसे अत्यन्त कम ही प्रयोग करती थी।
उसकी कन्नड़ भाषा केवल भोजन पकाने वाले और नौकरानी तक ही सीमित थी। छवि - इसलिए कन्नड़
एक ऐसा क्षेत्र था जो कि तुम्हारा हो गया?
Manjula
= You could say ..................... looking or striking... (Pages 234-235)
कठिन
शब्दार्थ-occupy (ऑक्युपाइ) = to fill a space, स्थान घेरना। improve (इम्प्रूव्)
= to make better, सुधार करना। critically (क्रिटिक्लि ) = describing good and
bad points, गुण-दोष बताते हुए, आलोचनात्मक । financially (फाइनैश्लि ) =
connected with money, धन से सम्बन्धित। resigned (रिजाइन्ड्) = to leave a post, त्याग-पत्र।
odious (ओडिअस्) = extremely unpleasant, अत्यधिक अरुचिकर | narrative (नैरटिव्) =
the description of events, घटनाओं का व्याख्यान । counterpoint (काउन्ट(२) पोइन्ट)
= supplement, पूरक।
हिन्दी
अनुवाद
मंजुला
- आप ऐसा कह सकते हो। मैंने इसे घेरने की कोशिश की और उसे अपना बना लिया। (हँसती है)
वास्तव में, मैंने इसे कभी भी सार्वजनिक रूप से नहीं कहा है, लेकिन यदि आप यह तर्क
करें कि अंग्रेजी में लिखा हुआ कोई उपन्यास भारत के बारे में सच्चाई व्यक्त नहीं कर
सकता क्योंकि हम स्वयं को अंग्रेजी में व्यक्त नहीं कर सकते हैं(एक साँस लेती है। हँसती
है।) हे ईश्वर, कैसा वाक्य है ! लेकिन यदि तुम विश्वास करो तो मुझे कहने दो कि मैं
अपनी बहन के बारे में कन्नड़ भाषा में कुछ भी नहीं लिख सकी। वह अंग्रेजी में साँस लेती
थी, हँसती थी स्वप्न देखती थी। उसके मित्र केवल अंग्रेजी बोलते थे। अपने घर में छ:
वर्ष तक उसके (मालिनी के) रहने से उसकी (लेखिका की) अंग्रेजी में अत्यन्त सुधार हुआ।(रुकती
है)
छवि
- अब अपना अगला उपन्यास कब लिखने जा रही हो? और क्या यह भी अंग्रेजी में होगा?
मंजुला
– मैं सोचती हूँ कि मैंने पहले ही इस प्रश्न का उत्तर दे दिया है। दूसरा उपन्यास लिखने
की मुझे क्या आवश्यकता है ? निश्चित रूप से एक उपन्यास पर्याप्त से भी ज्यादा है
?
छवि
- आलोचनात्मक रूप से तथा आर्थिक रूप से। लेकिन फिर अब तुम क्या करने जा रही हो? तुमने
अपनी नौकरी से त्याग-पत्र दे दिया है। तुम धनी हो
मंजुला
- मैं अपने आप में परिपूर्ण हूँ।
छवि
- अपने आप में परिपूर्ण । अब तुम्हारे पास देखभाल के लिए बहन भी नहीं है। एक खाली घर
है। तुम किसी भी चीज का प्रयोग नहीं कर सकती।
मंजुला
- क्या तुम मुझे दोष महसूस करवाने का प्रयास कर रही हो? क्या तुम यह संकेत देना चाहती
हो कि मैंने उसका (बहन का) 'उपयोग' किया? जैसा कि आप जानते हो, यह मेरा जीवन था। मैं
भी पीछे की ओर हूँ, यद्यपि मैं इसे सार्वजनिक रूप से कभी भी स्वीकार नहीं करूँगी। अधिकतर
पाठक पाते हैं कि लड़की का 'पहला चचेरा भाई/बहिन' पूरी तरह से अनाकर्षक होता है।
छवि
- अच्छा! यह एक पूरी तरह से अरुचिकर पात्र है ! क्या वह तुम हो?
मंजुला
- ठीक है! वहाँ तुम हो!
छवि
- यह एक उद्देश्यपूर्ण आत्मविश्लेषण की विजय होगी, क्या ऐसा कह सकते हैं?
मंजुला
- आपको ठीक लगे तो अवश्य करें। लेकिन मैं वास्तव में वह दुष्ट नहीं हूँ। यह नकारात्मक
पात्र को रखना कहानी की आवश्यकता थी, यह तकनीकी की बात थी। एक सहानुभूतिपूर्ण नायिका
और उसके पूरक के रूप में एक खलनायक। आप समझे ?
छवि
- लेकिन प्रमोद अपने चरित्र के साथ तुम्हारे व्यवहार से अत्यन्त प्रसन्न हुआ होगा।
वह इतना ज्यादा अच्छा दिखाई देने वाला और आकर्षक नहीं लगता है.....
Manjula
= But not bad .................. hadn't got on? (Pages 235-236)
कठिन
शब्दार्थ-convey (कन्वे) = to transmit, दूसरे तक पहुँचाना। envelope (एन् व लोप)
= the paper cover of a letter, पत्र का लिफाफा। moaning (मोनिङ्) = low-sound in
pain, क्रंदन करना, कराहना। groaning (ग्रोनिङ्) = deep sad sound, दुःख की गहरी आवाज
। absolutely (ऐब्सलूट्लि ) = completely, पूरी तरह से । confronted (कन्फ्रन्टेड्)
= face to face, आमना-सामना । shreds (श्रेड्स्) = small pieces, कतरन ।
melodramatically (मेल्ड्रमैटिकलि) = more exciting, अवास्तविक रूप से उत्तेजक, सनसनीखेज।
blushed (ब्लश्ड्) = red in face, लजा जाना । calibre (कैलिब(र्)) = quality or
ability, गुण अथवा योग्यता।
हिन्दी
अनुवाद
मंजुला
– वह बुरा दिखने वाला भी नहीं है, मेरे लिए पर्याप्त अच्छा है।
छवि
- .......लेकिन वह एक बुद्धिमान, गर्मजोशी से भरा हुआ, अत्यन्त प्रिय व्यक्ति है। वह
हँसी मजाक पसन्द करने वाला, व्यावहारिक मजाक का शौकीन है। वह आदर्श और साधारण है। लगभग
पूरी तरह से सरल मस्तिष्क वाला व्यक्ति।
मंजुला
- आप ऐसा फिर कह सकते हैं ! आप जानते हैं, हमारी मुलाकात मेरे बैंगलोर जाने के तुरन्त
बाद हुई थी। वह मेरी ओर आकर्षित हुआ था। लेकिन वह नहीं जानता था इस बात को कैसे पहुँचाया
जाए। इसलिए क्या तुम्हें पता है कि उसने क्या किया था? मेरी लूसी नाम की एक सहेली थी।
मेरी घनिष्ठ मित्र। उसने (प्रमोद ने) एक पत्र मेरे बारे में लूसी के लिए लिखा और मेरे
लिए एक पत्र लूसी के बारे में लिखा। फिर उसने लूसी का पत्र लिफाफे में रखकर मेरे पास
डाक से भेज दिया और इसका ठीक उल्टा भी कर दिया। इसलिए मुझे उसका लूसी को सम्बोधित किया
हुआ पत्र मिला-दुःख और क्रंदन करते हुए कि मैं उसे कितना प्रताड़ित करती हूँ। और मुझे
यह भी नहीं पता था कि वह मेरी ओर आकर्षित है। और वास्तव में लसी को दूसरा पत्र मिला।
उसने (प्रमोद ने) सोचा कि वह पूरी तरह से वास्तविक रूप से चालाक बन रहा है। हम उसके
पास गये और उससे आमना-सामना किया। लूसी ने उसके पत्र को फाड़ दिया और टुकड़ों-टुकड़ों
में बदल दिया और वे टुकड़े उसी के ऊपर फेंक दिए और तूफानी गति से वहाँ से चली गई। अवास्तविक
उत्तेजना से। मुझे उसके प्रति दुःख हुआ और कहा, "बेवकूफ पन्द्रह वर्ष का प्रत्येक
व्यक्ति इस चाल को अपनाता है, यह समझाते हुए कि ऐसा
पहले
कभी नहीं हुआ है", वह सिर से लेकर पैर तक शर्मिन्दा हो गया।
छवि
- लेकिन तुम्हारी शादी हो गई। इसलिए यह चाल काम कर गई।
मंजुला
- यह कोई चाल नहीं थी। उसने तो स्वयं को ही इतना बड़ा बेवकूफ बना लिया था, उसने केवल
एक काम किया कि अपने आत्मसम्मान को बचा सका, उसने मेरे साथ शादी कर ली, मुझे इसमें
कोई आपत्ति नहीं थी।
छवि
– क्या पता है ? तुम्हें उसकी योग्यता और क्षमता का कोई दूसरा व्यक्ति कभी नहीं मिलता।
मंजुला
– मैं ऐसा ही सोचती हूँ।
छवि
- और लूसी का क्या हुआ?
मंजुला
- उसने मुझसे बात करना बन्द कर दिया। (वे दोनों हँसते हैं)
महिलाएँ
उसे आकर्षक पाती थीं।
छवि
- मालिनी भी?
मंजुला
– बिल्कुल, वास्तव में, आखिरकार वह भी एक महिला थी।
छवि
- क्या वे दोनों एक-दूसरे के घनिष्ठ थे?
मंजुला
– बहुत ज्यादा।
छवि
- और तुम्हें कोई आपत्ति नहीं हुई?
मंजुला
– आपत्ति? इसके लिए ईश्वर का धन्यवाद । देखो, वह सॉफ्टवेयर विकसित करने का कार्य करता
है। वह घर से ही कार्य करता है। वह (मालिनी) अपनी कुर्सी पर ही सीमित रहती थी। क्या
आप कल्पना कर सकते हो कि क्या हुआ होता यदि वे दोनों इतने घनिष्ठ नहीं होते? ।
Image
= He must be......................... Manjula becomes calm. (Pages
236-237)
कठिन
शब्दार्थ-flattering (फ्लैटरिङ्) = more attractive than reality, वास्तविकता से ज्यादा
महत्त्वपूर्ण। portrayal (पोट्रेयल) = word picture, शब्द चित्र, चित्रण।
acknowledgement (अक्नालिज्मन्ट्) = the act of showing gratitude, कृतज्ञता व्यक्त
करना। wizard (विजड्) = a man with magic, जादूगर। fanfare (फैनफेअ()) = a loud
music, मंगल ध्वनि। chronology (क्रनॉलाजि) = the order of events, घटनाओं की सूची।
interrogate (इन्टेरगेट) = to ask questions, प्रश्न पूछना। prying (प्राइङ) = to
try to get information of others, दूसरों की जानकारी प्राप्त करना।
हिन्दी
अनुवाद
छवि
– उसे तो आपके ऊपर अत्यन्त गर्व होगा। उसका चापलूसी युक्त चित्रण उपन्यास में किया
गया है। आज के आपके भाषण में आपने जिस तरह से उसे महत्त्व दिया है........ (इस पर वह
(प्रमोद) आपके ऊपर गर्व करता होगा)
मंजुला
– मुझे सन्देह है कि उसने कभी भी मेरे भाषण को सुना होगा। कभी भी। वह इस समय अमेरिका
में है।
छवि
– ओ, वह कब गया?
मंजुला
– पिछले वर्ष । अब वह लॉस एन्जिलिस में रह रहा है। उसकी सॉफ्टवेयर के जादूगर के रूप
में वहाँ पर माँग है।
छवि
- पिछले वर्ष! तो क्या उसने यह उपन्यास पढ़ा?
मंजुला
- उपन्यास का अमेरिका में लोकार्पण पत्रकारिता की एक बहुत बड़ी घटना थी। आखिरकार, आपको
यह अवश्य ही याद रखना चाहिए कि यह ब्रिटेन में पहले ही अत्यन्त प्रसिद्ध हो गया था।
उन्होंने मुझे इसके लोकार्पण के लिए न्यूयार्क में आमंत्रित किया किया था। वहाँ पर
संगीत का एक अच्छा कार्यक्रम भी हुआ था। उसने (प्रमोद ने) मुझे बधाई का लॉस एन्जिलिस
से सन्देश भेजा था। उसने इस बात की क्षमा याचना भी की थी कि उसे कार्यक्रम में उपस्थित
रहने के लिए अवकाश नहीं मिल सका।
छवि
- और तुम लॉस एन्जिलिस नहीं गई?
मंजुला
- उसने इस बारे में तो कोई संकेत भी नहीं दिया था।
छवि
– मुझे दुःख है। लेकिन इस क्रमिक विकास ने मुझे भ्रमित करना शुरू कर दिया है। उसने
अमेरिका जाने का कब निश्चय किया था? क्या यह मालिनी के मृत्यु के बाद था?
मंजुला
– हाँ।
छवि
- उसके तुरन्त बाद?
मंजुला
- नहीं। लेकिन उसके तुरन्त बाद ही।
छवि
- कितने समय बाद?
मंजुला - (गुस्से में फटते हुए) ईश्वर के लिए मुझे बताओ तुम कौन हो? मुझसे इस तरह से प्रश्न पूछने का तुम्हें किसने अधिकार दिया-मेरे व्यक्तिगत जीवन के बारे में? या तो तुम मैं ही हूँ जिस कारण तुम मेरे बारे में सब कुछ जानते हो। अथवा तुम एक इलेक्ट्रॉनिक छवि हो, बाहरी ओर से ताकझाँक करने वाली। किस मामले तुम केवल..... केवल..... बन्द हो जाता है। (छवि मुस्कराती है, अचानक मंजुला शान्त हो जाती है।)