12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ- 11 कवित/सवैया

https://drgp82.blogspot.com/2023/10/12th-hindi-elective-2-9.html
12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ- 11 कवित/सवैया
प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book) Class - 12 Hindi Elective पाठ- 11 कवित/सवैया कवि परिचय रीतिकाल के रीतिमुक्त काव्यधारा के सर्वश्रेष्ठ कवि घनानंद हैं। वे दिल्ली के तत्कालीन बादशाह मुहमदशाह रँगीले के दरबार में मीरमुंशी थे तथा सुजान नामक नर्तकी पर आसक्त थे। एक दिन दरबारियों ने बादशाह से कहा कि घनानंद बहुत अच्छा गाते हैं। बादशाह ने उन्हें गाना सुनाने को कहा परंतु घनानंद ने असमर्थता व्यक्त की। इसपर दरबारियों ने कहा कि अगर सुजान को बुलाया जाय तो वे अवश्य गाना सुनाएँगे। उसे बुलाया गया और घनानंद ने उसकी ओर मुख और बादशाह की ओर पीठ करके ऐसा गाना सुनाया कि सारा दरबार मंत्रमुग्ध हो गया। बादशाह ने इसे अपनी अवमानना समझा तथा उन्हें दिल्ली से निष्कासित कर दिया परन्तु सुजान इनके साथ नहीं गई। सुजान के इस व्यवहार से उन्हें आघात लगा और वे वृंदावन जा कर निंबार्क सम्प्रदाय में दीक्षित हो गए। वे कृष्ण भक्ति में निमग्न होकर काव्यरचना करते रहे परंतु वे अपनी प्रेयसी को आजीवन भूल नहीं पाए। वियोग-वर्णन में उनका कोई सानी नहीं है। इसलिए उन्हें प्रेम की पीड़ा का कवि कहा जाता है। इनकी सर्वा…